NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 17 दो वरदान Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 17 दो वरदान Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 17 दो वरदान पाठ का सार

राम के राज्याभिषेक की तैयारियाँ

अयोध्या लौटने के बाद राजा दशरथ के मन में राम का राज्याभिषेक करने की इच्छा शेष थी। राजा दशरथ उन्हें युवराज का पद देना चाहते थे, इसलिए उन्होंने राम को राज-काज में शामिल करना शुरू कर दिया था। राजा दशरथ ने मुनि वशिष्ठ से विचार-विमर्श किया। इसके पश्चात् उन्होंने दरबारियों से भी राम का राज्याभिषेक करने की राय माँगी।

दरबारियों ने राजा दशरथ के प्रस्ताव का स्वागत किया तथा यह निश्चय किया गया कि राम का राज्याभिषेक अगले दिन सुबह ही कर दिया जाए, यह खबर पूरे राज्य में तेजी से फैल गई। सभी राम की जय-जयकार करने लगे तथा राज्याभिषेक की तैयारियाँ शुरू हो गईं। उस समय भरत और शत्रुघ्न भी अयोध्या में नहीं थे, वह अपने नाना केकयराज के यहाँ गए हुए थे और उन्हें यह भी नहीं पता था कि राम का राज्याभिषेक होना है।

मंथरा द्वारा कैकेयी को भड़काना

अगले दिन सुबह राज्याभिषेक होना था, परंतु जब यह बात रानी कैकेयी की दासी मंथरा को पता चली, तो वह क्रोधित हो गई। राम का राज्याभिषेक मंथरा को षड्यंत्र लगा। वह कैकेयी के पास गई और बोली, “अरे मेरी मूर्ख रानी ! यह समय सोने का नहीं है, होश में आओ। तुम्हारे ऊपर कोई विपत्ति का पहाड़ टूटे, इससे पहले जाग जाओ।”

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कैकेयी के पूछने पर मंथरा ने राम के राज्याभिषेक की तैयारियाँ होने की सूचना दी। कैकेयी ने प्रसन्न होकर अपने गले का हार मंथरा को दे दिया। मंथरा ने कैकेयी को भड़काते हुए कहा- तुम्हारे सुखों का अंत होने वाला है, क्योंकि राजा दशरथ राम का राज्याभिषेक करने जा रहे हैं और उन्होंने भरत को जान-बूझकर ननिहाल भेज दिया है।

राम राजा बने, तो तुम कौशल्या की दासी और भरत राम के दास बन जाएँगे। राम को राज्य मिलते ही वे भरत को देश निकाला दे देंगे। कुछ ऐसा उपाय करो कि राजगद्दी भरत को मिले और राम को जंगल भेज दिया जाए।

कैकेयी पर धीरे-धीरे मंथरा की बातों का प्रभाव होने लगा। मंथरा की बताई गई बातें उसे सत्य लगने लगीं। कैकेयी ने मंथरा से पूछा, ” तुम्हीं बताओ मैं क्या करूँ? मंथरा ने तुरंत कैकेयी को कहा कि वह मैले कपड़े पहनकर कोपभवन में जाकर बैठ जाए और राजा दशरथ को पुरानी बातें याद दिलाते हुए अपने दोनों वरदान माँग ले। पहले वरदान में भरत का राज्याभिषेक और दूसरे वरदान में राम को चौदह वर्षों का वनवास ।

कोपभवन का दृश्य देखकर राजा का आश्चर्यचकित होना

मंथरा के कहे अनुसार रानी कैकेयी मैले कपड़े पहनकर कोपभवन में चली गईं। कैकेयी ने मन ही मन सोचा, मैं महाराज का षड्यंत्र सफल नहीं होने दूँगी। राजा दशरथ सबसे पहले राम के राज्याभिषेक का शुभ समाचार देने कैकेयी के कक्ष में गए, परंतु वह अपने कक्ष में नहीं थीं। राजा को पता चला कि रानी कोपभवन में हैं, तो वह कोपभवन पहुँचे और देखा कि रानी कैकेयी जमीन पर लेटी हुई थीं। उनके बाल बिखरे हुए थे, कपड़े मैले थे और गहने कक्ष में बिखरे पड़े थे। कोपभवन का दृश्य देखकर राजा दशरथ आश्चर्यचकित हो गए। रानी रो रही थीं और दशरथ के प्रश्नों का कोई उत्तर नहीं दे रही थीं।

रानी कैकेयी द्वारा दो वरदान माँगना

राजा दशरथ ने कैकेयी से उनकी ऐसी अवस्था का कारण पूछा। रानी कैकेयी ने कहा- पहले आप वचन दें कि मैं जो माँगू, उसे आप पूरा करोगे। राजा ने वचन दे दिया। कैकेयी ने दशरथ से वह दो वरदान माँगे, जो उन्होंने कैकेयी को रणक्षेत्र में देने का वचन दिया था। पहले वरदान में कैकेयी ने भरत के लिए राजगद्दी माँगी और दूसरे वरदान में राम के लिए चौदह वर्ष का वनवास माँगा ।

रानी कैकेयी की बातें सुनकर राजा दशरथ का चेहरा भय से सफेद हो गया। वह कुछ न बोल सके और बेहोश हो गए। होश आने पर उन्होंने कैकेयी को समझाने का बहुत प्रयास किया, किंतु कैकेयी अपनी ज़िद पर अड़ी रहीं। राजा दशरथ ने कैकेयी की माँग को अस्वीकार कर दिया, तो कैकेयी ने कहा – ” अपने वचन से पीछे हटना रघुकुल का अनादर है। आप चाहें तो ऐसा कर सकते हैं। पर तब आप दुनिया को मुँह दिखाने योग्य नहीं रहेंगे। आप वरदान नहीं देंगे, तो मैं विष पीकर आत्महत्या कर लूँगी। यह कलंक आपके माथे होगा । ”

शब्द

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 3 दो वरदान Question And Answers शब्द

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 17 दो वरदान बहुविकल्पीय प्रश्न

अभ्यास प्रश्न (बहुविकल्पीय व वर्णनात्मक प्रश्नों सहित)

1. महाराजा दशरथ के मन में कौन-सी इच्छा शेष थी?

(क) राम के वनगमन की
(ख) भरत के अभिषेक की
(ग) राम के अभिषेक की
(घ) राम के विवाह की

उत्तर (ग) राम के अभिषेक की

2. अयोध्या लौटने के बाद से ही महाराज दशरथ ने किसे राज-काज में शामिल करना शुरू कर दिया था?

(क) राम को
(ख) लक्ष्मण को
(ग) शत्रुघ्न को
(घ) भरत को

उत्तर (क) राम को

3. राम के राज्याभिषेक के समय उनका कौन-सा भाई अयोध्या में नहीं था?

(क) लक्ष्मण
(ख) भरत
(ग) शत्रुघ्न
(घ) (ख) और (ग) दोनों

उत्तर (घ) (ख) और (ग) दोनों

4. राम के राज्याभिषेक के बारे में मंथरा को किससे पता चला?

(क) सुमित्रा से
(ख) सुलोचना से
(ग) कौशल्या की दासी से
(घ) कैकेयी से

उत्तर (ग) कौशल्या की दासी से

5. ‘जल-भुन जाना’ मुहावरे का क्या अर्थ है?

(क) खुश होना
(ख) उदास होना
(ग) दुःखी होना
(घ) चिढ़ जाना

उत्तर (घ) चिढ़ जाना

6. अभिषेक की तैयारियाँ किससे नहीं देखी गई थीं?

(क) मंथरा से
(ख) सुमित्रा से
(ग) उर्मिला से
(घ) कैकेयी से

उत्तर (क) मंथरा से

7. मंथरा के कहने पर कैकेयी कहाँ चली गई?

(क) कोपभवन में
(ख) राजभवन में
(ग) प्रार्थना भवन में
(घ) रंगभवन में

उत्तर (क) कोपभवन में

8. कैकेयी ने राजा दशरथ से किसके लिए राजगद्दी माँगी ?

(क) शत्रुघ्न के लिए
(ख) भरत के लिए
(ग) राम के लिए
(घ) लक्ष्मण के लिए

उत्तर (ख) भरत के लिए

9. वरदान नहीं मिलने पर कैकेयी ने क्या धमकी दी?

(क) राजमहल छोड़कर जाने की
(ख) पति का परित्याग करने की
(ग) विषपान कर आत्महत्या की
(घ) साध्वी बन जाने की

उत्तर (ग) विषपान कर आत्महत्या की

10. राजा दशरथ ने कैकेयी को वरदान देने का संकल्प कहाँ लिया था?

(क) रणभूमि में
(ख) जंगल में
(ग) अपने ससुराल में
(घ) राज्यसभा में

उत्तर (क) रणभूमि में

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 17 दो वरदान रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. राजा दशरथ अब राम का _________ करना चाहते थे।

उत्तर राजा दशरथ अब राम का राज्याभिषेक करना चाहते थे।

2. __________ और ________ अयोध्या में नहीं थे। वे अपने ननिहाल गए थे।

उत्तर भरत और शत्रुघ्न ‘अयोध्या में नहीं थे। वे अपने ननिहाल गए थे।

3. रानी कैकेयी की मुँहलगी दासी _____ थी।

उत्तर रानी कैकेयी की मुँहलगी दासी मंथरा थी ।

4. मंथरा ने _____ को बहुत भड़काया कि यह ______ का _____ है।

उत्तर मंथरा ने कैकेयी को बहुत भड़काया कि यह दशरथ का षड्यंत्र है।

5. राम को राज मिलते ही वे _______ को ________ दे देंगे।

उत्तर राम को राज मिलते ही वे भरत को देश निकाला दे देंगे।

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1. राम के विवाह के बाद राजा दशरथ के मन में क्या इच्छा थी?

उत्तर राम के विवाह के बाद राजा दशरथ के मन में राम का राज्याभिषेक करने की इच्छा थी।

2. सभी राम के किन गुणों से प्रभावित थे?

उत्तर सभी राम की विद्वत्ता, विनम्रता तथा पराक्रम से प्रभावित थे।

3. राजा दशरथ के प्रस्ताव का सभा पर क्या असर हुआ?

उत्तर राजा दशरथ के राम को युवराज बनाने संबंधित प्रस्ताव का सभा में सभी ने स्वागत किया। प्रस्ताव से चारों तरफ राम नाम की जय-जयकार होने लगी।

4. कैकेयी राजा से अपना वचन मनवाने के लिए कहाँ चली गई?

उत्तर कैकेयी राजा से अपना वचन मनवाने के लिए कोपभवन में चली गईं।

5. मंथरा को क्या देखकर अचंभा हुआ?

उत्तर मंथरा को राम के राज्याभिषेक के कारण अयोध्या नगरी की सजावट और रौनक को देखकर अचंभा हुआ।

6. दशरथ ने राम से क्या कहा?

उत्तर दशरथ ने राम से कहा- “जनता ने तुमको अपना राजा चुना है, तुम राजधर्म का पालन करना। कुल की मर्यादा की रक्षा करना अब तुम्हारे हाथ में है। ”

7. मंथरा कौन थी ?

उत्तर मंथरा रानी कैकेयी की मुँह लगी दासी थी ।

8. राज्याभिषेक की घोषणा के समय भरत और शत्रुघ्न कहाँ थे?

उत्तर राज्याभिषेक की घोषणा के समय भरत और शत्रुघ्न अपने नाना केकेयराज के यहाँ पर थे।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 17 दो वरदान लघु उत्तरीय प्रश्न

1. राम के राज्याभिषेक के विषय में राजा दशरथ ने किससे विचार-विमर्श किया?

उत्तर राम के राज्याभिषेक के विषय में राजा दशरथ ने सर्वप्रथम मुनि वशिष्ठ से विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा कि अब मैं वृद्ध हो गया हूँ। मेरे अंग शिथिल हो गए हैं। मैं चाहता हूँ कि राज्य का कार्यभार राम को सौंप दूँ। मुनि वशिष्ठ के सहमत हो जाने के पश्चात् उन्होंने अपना प्रस्ताव अपने सभासदों के समक्ष प्रस्तुत किया। पूरी सभा ने राजा दशरथ के इस प्रस्ताव का हार्दिक स्वागत किया।

2. मंथरा ने रानी कैकेयी को क्या समझाया ?

उत्तर रानी कैकेयी को उनकी मुँहलगी दासी मंथरा ने समझाया कि तुम्हारे अधिकार छीनने के लिए राजा दशरथ ने षड्यंत्र किया है। उन्होंने तुम्हारे पुत्र भरत को ननिहाल भेज दिया तथा उसकी अनुपस्थिति में वे राम का राज्याभिषेक कर रहे हैं। तुम बहुत भोली और नादान हो। राम राजा बने तो तुम कौशल्या की दासी बन जाओगी। राम, भरत को देश निकाला दे देंगे। इस तिरस्कार से तुम भरत की रक्षा करो।

3. मंथरा ने कैकेयी को राजा से अपनी बात मनवाने का क्या उपाय बताया ?

उत्तर मंथरा ने कैकेयी से कहा कि वह मैले कपड़े पहनकर कोपभवन में चली जाएँ। महाराज आएँ तो तुम उनकी ओर मत देखना और उनसे बात भी मत करना। वे तुम्हारा दुःख नहीं देख सकेंगे। जब वे तुम्हें मनाने लगें, तो बस उसी समय तुम उन्हें पिछली बात याद दिलाकर अपने दोनों वचन माँग लेना।

4. कैकेयी ने दो वरदानों में क्या- क्या माँगा ?

उत्तर कैकेयी कोपभवन में चली गई। महाराज के बार-बार पूछने पर कैकेयी ने राजा दशरथ को दो वरदान देने की बात याद दिलाई, जो संकल्प उन्होंने वर्षों पहले रणभूमि में लिया था। राजा दशरथ के हाँ कहते ही कैकेयी ने पहले वरदान में भरत का राज्याभिषेक तथा दूसरे वरदान में राम को चौदह वर्ष का वनवास माँगा।

5. कैकेयी द्वारा वरदान माँगे जाने पर दशरथ की क्या दशा हुई?

उत्तर कैकेयी द्वारा वरदान माँगे जाने पर महाराज दशरथ हैरान रह गए। उनका चेहरा सफ़ेद पड़ गया। उन पर मानो वज्रपात हो गया। वे कुछ बोल नहीं पाए। वे मूच्छित होकर गिर पड़े। कुछ देर बाद जब उन्हें होश आया तो वे कैकेयी के सामने विनती करने लगे और उन्हें समझाने लगे, परंतु कैकेयी अपनी जिद पर अड़ी रहीं । महाराज दोबारा मूच्छित हो गए और रातभर वहीं बेसुध पड़े रहे।

6. कैकेयी ने दशरथ से अपनी बात मनवाने के लिए किस अंतिम हथियार का उपयोग किया?

उत्तर रानी ने राजा दशरथ पर दबाव बनाने के लिए अपना अंतिम अस्त्र चलाते हुए कहा- “अपने वचन से पीछे हटना रघुकुल की रीति नहीं है। आप चाहें तो ऐसा कर सकते हैं। पर तब आप दुनिया को मुँह दिखाने योग्य नहीं रहेंगे। यदि आप वचन पूरा नहीं करेंगे, तो मैं विष पीकर आत्महत्या कर लूंगी और यह कलंक भी आपके माथे रहेगा।”

7. यदि आपकी कक्षा का सहपाठी आपको आपके मित्र के विरुद्ध गलत बातें कहकर भड़काता है, तो आप क्या करते हैं? सतर्क उत्तर दीजिए।

उत्तर यदि मेरी कक्षा का सहपाठी मेरे मित्र के विरुद्ध गलत बातें कहकर मुझे उकसाने के लिए प्रयत्न करेगा, तो मैं उसकी बातें सुन लूँगा, फिर सहपाठी को समझाऊँगा कि तुम्हारे विचार गलत हैं, मैं उस पर विश्वास नहीं कर सकता। मैं अपने मित्र की अच्छाइयों से भी सहपाठी को अवगत कराऊँगा। अपना धैर्य नहीं खोऊँगा और कभी दूसरों की बातों में भी नहीं आऊँगा।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 17 दो वरदान दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. राजा दशरथ राम का राज्याभिषेक क्यों करना चाहते थे?

उत्तर राजा दशरथ वृद्ध हो गए थे। उनके अंग शिथिल हो गए थे। उन्होंने लंबे समय तक राज-काज सँभाला था। अयोध्या लौटने के बाद से ही उन्होंने राम को राज-काज में शामिल करना शुरू किया था। राम अपना कर्त्तव्य बहुत निष्ठापूर्वक निभा रहे थे। राम राजा दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र थे। वे बहुत विनम्र, पराक्रमी और विद्वान भी थे। प्रजा उन्हें बहुत प्यार करती थी। इन सभी गुणों के कारण और राम के ज्येष्ठ होने के कारण, राजा दशरथ उनका (राम) राज्याभिषेक करना चाहते थे।

2. राम के राज्याभिषेक के विषय में जानकर मंथरा ने कैकेयी को क्यों भड़काया ?

उत्तर राम के राज्याभिषेक के विषय में जानकर मंथरा क्रोध से आग बबूला होकर रनिवास की ओर चली गई। मंथरा कैकेयी की मुँह लगी दासी। थी। वह अपनी स्वामिनी का सब प्रकार से हित चाहती थी। उसने सोचा कि राम का राज्याभिषेक हो जाने पर भरत उनके सेवक बनकर
रहेंगे। यह बात उसे उचित नहीं लगी। वह अपनी स्वामिनी कैकेयी के पुत्र को राजा बनता देखना चाहती थी।

भरत व शत्रुघ्न की अनुपस्थिति में राम का राज्याभिषेक होना उसे एक षड्यंत्र लगा। अतः राम के राज्याभिषेक की खबर सुनकर उसने कैकेयी को भड़काया, क्योंकि कैकेयी तो राम के राज्याभिषेक से बहुत प्रसन्न थीं। वह राम को भरत के समान ही प्यार करती थीं। अतः मंथरा ने रानी कैकेयी को अनेक तरह से समझाया, जिससे वह अपने पुत्र भरत का राज्याभिषेक करवाने में सफल हो सके।

3. आप अपने माता-पिता से अपनी बात मनवाने के लिए कौन-सा तरीका उचित मानते हैं?

उत्तर मैं अपने माता-पिता से अपनी बात मनवाने के लिए उनकी बातों को ध्यानपूर्वक सुनता हूँ कि वे किस कारण से मेरी बात मानने से इनकार कर रहे हैं। मैं उसे समझने का प्रयत्न करता हूँ। फिर माता-पिता के समक्ष अपना पक्ष शिष्टतापूर्वक रखता हूँ। अधिकतर मेरे माता-पिता मेरी बातों को समझ लेते हैं और मेरी बात मान भी लेते हैं। मैं अपनी गलत बात मनवाने के लिए कभी जिद नहीं करता हूँ। यदि वे मेरी किसी बात को मेरे बार-बार कहने पर भी नहीं मानते, तब मैं उनके इनकार करने का कारण गंभीरतापूर्वक समझता हूँ तथा उनकी बात उचित लगने पर उसे सहर्ष ही स्वीकार कर लेता हूँ।

4. कोपभवन में कैकेयी और राजा दशरथ के बीच क्या वार्तालाप हुआ?

उत्तर जब राजा कोपभवन में पहुँचे तो वहाँ का दृश्य देखकर हैरान हो गए। उन्हें कुछ समझ में नहीं आ रहा था। महाराज ने यह देखकर कैकेयी से उसकी इस अस्वस्थता का कारण पूछा। उन्होंने कहा कि यदि तुम अस्वस्थ हो, तो मैं तुम्हारे इलाज के लिए राज वैद्य को बुलाऊँ या फिर कोई अन्य बात है।

इस पर कैकेयी ने अपनी अस्वस्थता का कारण बताने से पहले राजा दशरथ से वचन ले लिया कि वह जो भी कहेंगी वे उसे अवश्य ही पूरा करेंगे। राजा दशरथ के वचनबद्ध होने के पश्चात् रानी कैकेयी ने उनसे दो वरदान देने को कहा, जिसका संकल्प उन्होंने वर्षों पहले रणभूमि में किया था।

रानी ने अपने पहले वरदान में भरत के लिए राज्याभिषेक तथा दूसरे वरदान में राम को चौदह वर्ष का वनवास माँगा, जिसे सुनकर राजा दशरथ मूच्छित होकर पृथ्वी पर गिर पड़े। वे बारंबार कैकेयी के सामने अपनी माँग वापस लेने के लिए गिड़गिड़ाते रहे, परंतु कैकेयी अपनी बात पर अड़ी रहीं और राजा दशरथ अचेतन अवस्था में सारी रात पृथ्वी पर पड़े रहे।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 18 राम का वन-गमन Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 18 राम का वन-गमन Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 18 राम का वन-गमन पाठ का सार

कैकेयी के कोपभवन की स्थिति

कोपभवन के घटनाक्रम की जानकारी बाहर किसी को नहीं थी। नगरवासी राज्याभिषेक की तैयारी में लगे थे। गुरु वशिष्ठ, महामंत्री सुमंत्र सभी शुभ घड़ी की प्रतीक्षा कर रहे थे। महाराज को बुलाने हेतु गुरु वशिष्ठ ने महामंत्री सुमंत्र को राजभवन भेजा। मंत्री सुमंत्र ने रनिवास में पहुँचकर देखा कि महाराज पलंग पर बीमार अवस्था में पड़े हैं।

कैकेयी के महल में राम का आगमन

कैकेयी ने सुमंत्र को बताया कि महाराज बाहर निकलने से पहले राम से बात करना चाहते हैं। वे अपने मन की बात राम को ही बताएँगे। सुमंत्र ने राम से कहा कि महाराज ने आपको बुलाया है। राम-लक्ष्मण राजसी वस्त्रों में सजे-धजे महल में पहुँचे।

राम ने पिता और माता कैकेयी को प्रणाम किया। राम को देखते ही राजा दशरथ बेहोश हो गए और होश आने पर भी वे कुछ नहीं बोले । कैकेयी ने राम को बताया कि महाराज दशरथ ने मुझे दो बरदान दिए थे। मैंने कल रात उनसे वे दोनों वरदान माँग लिए, जिससे वह पीछे हट रहे हैं। मैं चाहती हूँ कि राज्याभिषेक भरत का हो और तुम चौदह वर्ष के लिए वन में रहो ।

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राम द्वारा पिता की आज्ञा का पालन करना

राम पिता के वचन को पूरा करने के लिए आज ही वन जाने के लिए तैयार हो गए। कैकेयी के महल से निकलकर राम सीधे अपनी माँ कौशल्या के पास गए। उन्होंने माता कौशल्या को कैकेयी भवन की सारी बातें बताई और अपना निर्णय सुनाया ।

कौशल्या ने उन्हें अनुचित राजाज्ञा न मानने के लिए कहा, पर राम ने इसे पिता की आज्ञा मानकर माता से वन जाने के लिए आशीर्वाद माँगा । कौशल्या ने अपने पुत्र को दसों दिशाओं को जीतने का आशीर्वाद दिया । यह सुनकर लक्ष्मण बहुत क्रोधित हुए। राम ने उन्हें समझाया और वन जाने की तैयारी करने के लिए कहा।

राम का सीता व लक्ष्मण के साथ वन गमन का निर्णय

कौशल्या की इच्छा थी कि राम राजगद्दी छोड़ दें, पर अयोध्या में ही रहें, परंतु राम पिता की आज्ञा टालने को तैयार नहीं हुए। कौशल्या भी राम के साथ वन जाना चाहती थीं, परंतु राम ने मना कर दिया और उन्हें समझाया कि वृद्ध पिता को आपके सहारे की अधिक आवश्यकता है।

कौशल्या के भवन से निकलकर राम, सीता के पास गए और उन्हें सारी बातें बताकर वन जाने के लिए विदा माँगी। सीता उनके साथ वन जाने के लिए तैयार हो गईं। लक्ष्मण भी राम के साथ जाने के लिए तैयार हो गए। राम, सीता और लक्ष्मण वन जाने से पहले पिता का आशीर्वाद लेने गए।

राम, लक्ष्मण और सीता का वन गमन

कैकेयी ने राम, लक्ष्मण और सीता को वल्कल वस्त्र दिए। तीनों ने तपस्वियों का वेश धारण किया तथा राजसी वस्त्र त्याग दिए और सबसे अनुमति लेकर महल से बाहर आ गए। आगे राम, उनके पीछे सीता और फिर लक्ष्मण चल दिए।

महल के बाहर मंत्री सुमंत्र रथ लेकर खड़े थे। पुरुष, महिलाएँ, बूढ़े, बच्चे व वयस्क सभी रो रहे थे। राजा दशरथ तब तक रथ की ओर लगातार देखते रहे, जब तक रथ उनको दिखाई देना बंद नहीं हो गया। इसके पश्चात् वह धरती पर गिर गए। शाम को राम-सीता व लक्ष्मण गंगा के किनारे पहुँचे और श्रृंगवेरपुर गाँव में निषादराज के अतिथि के रूप में उन्होंने रातभर विश्राम किया। अगली सुबह राम ने सुमंत्र को समझाकर वापस अयोध्या भेज दिया।

सुमंत्र का अयोध्या लौटना

सुमंत्र खाली रथ लेकर अयोध्या लौटे, तो सभी लोगों ने उन्हें राम का हाल जानने के लिए घेर लिया। सुमंत्र बिना कुछ बोले राजभवन चले गए और राजा दशरथ को सारी स्थिति से अवगत कराया। राजा को सुमंत्र की बातों से संतोष नहीं हुआ। सुमंत्र की आँखों में आँसू थे। महाराज के सभी प्रश्नों के उत्तर सुमंत्र ने दिए। राजा दशरथ ने राम के वन गमन के छठे दिन प्राण त्याग दिए । महर्षि वशिष्ठ ने मंत्रिपरिषद् से चर्चा करके भरत को तत्काल अयोध्या बुलाने के लिए घुड़सवार दूत भेज दिए तथा उन्हें ( भरत को ) अयोध्या की घटनाओं के बारे में न बताने को कहा।

शब्द

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 4 राम का वन-गमन Question And Answers शब्द

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 18 राम का वन-गमन बहुविकल्पीय प्रश्न

अभ्यास प्रश्न (बहुविकल्पीय व वर्णनात्मक प्रश्नों सहित)

1. महर्षि ने राजभवन किसको भेजा था?

(क) सुमंत्र को
(ख) सुमंत को
(ग) सैनिकों को
(घ) द्वारपाल को

उत्तर (क) सुमंत्र को

2. रघुकुल की परंपरा में राजा कौन होता है?

(क) पराक्रमी राजा
(ख) वीर राजा की है
(ग) राजा का ज्येष्ठ पुत्र
(घ) दानी राजा

उत्तर (ग) राजा का ज्येष्ठ पुत्र

3. कौशल्या भवन से निकलकर राम किसके पास गए थे?

(क) सीता के पास
(ख) कैकेयी के पास
(ग) दशरथ के पास
(घ) सुमित्रा के पास

उत्तर (क) सीता के पास

4. राम के साथ वन में कौन जाना चाहता था?

(क) कौशल्या
(ख) महर्षि वशिष्ठ
(ग)कैकेयी
(घ)राजा दशरथ

उत्तर (क) कौशल्या

5. सीता के वन जाने से सबसे अधिक क्रोध किसको आया था?

(क) राम को
(ख) राजा दशरथ को
(ग) महर्षि वशिष्ठ को
(घ) लक्ष्मण को

उत्तर (ग) महर्षि वशिष्ठ को

6. राम को वन भेजने पर नगरवासी किसको धिक्कार रहे थे?

(क) भरत को
(ख) कैकेयी को
(ग) सुमित्रा को
(घ) कौशल्या को

उत्तर (ख) कैकेयी को

7. किस नदी के तट पर पहुँचते-पहुँचते वनवासियों को शाम हो गई?

(क) यमुना नदी
(ख) गोमती नदी
(ग) तमसा नदी
(घ) गंगा नदी

उत्तर (ग) तमसा नदी

8. कौन-सी नदी पार करके राम, लक्ष्मण और सीता सई नदी के तट पर पहुँचे?

(क) गंगा नदी
(ख) यमुना नदी
(ग) गोमती नदी
(घ) तमसा नदी

उत्तर (ग) गोमती नदी

9. खाली रथ अयोध्या कौन लेकर आया था?

(क) सुग्रीव
(ख) सुमंत्र
(ग) निषादराज
(घ) विभीषण

उत्तर (ख) सुमंत्र

10. निषादराज गुह ने राम का स्वागत किस गाँव में किया?

(क) प्रयागराज
(ख) पंचवटी
(ग) श्रृंगवेरपुर
(घ) चित्रकूट

उत्तर (ग) श्रृंगवेरपुर

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 18 राम का वन-गमन रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. ________ ‘के घटनाक्रम की जानकारी किसी को न थी ।

उत्तर कोपभवन के घटनाक्रम की जानकारी किसी को न थी ।

2. ___________ अपनी जिद पर अड़ी रहीं।

उत्तर कैकेयी अपनी जिद पर अड़ी रहीं।

3. राजा दशरथ के मंत्री _________ थे।

उत्तर राजा दशरथ के मंत्री सुमंत्र थे ।

4. राम और लक्ष्मण _______ वस्त्र में थे।

उत्तर राम और लक्ष्मण राजसी वस्त्र में थे ।

5. कैकेयी ने बताया कि दशरथ ने मुझे दो ______ दिए हैं।

उत्तर कैकेयी ने बताया कि दशरथ ने मुझे दो वरदान दिए हैं।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 18 राम का वन-गमन अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

1. सुमंत्र कौन थे?

उत्तर सुमंत्र अयोध्या नगरी के महामंत्री थे।

2. कैकेयी की ओर देखकर राजा दशरथ के मुँह से क्या निकला?

उत्तर कैकेयी की ओर देखकर राजा दशरथ के मुँह से केवल ‘धिक्कार’ शब्द निकला।

3. गुरु वशिष्ठ की आँखों में नींद क्यों नहीं थी?

उत्तर गुरु वशिष्ठ की आँखों में नींद इसलिए नहीं थी, क्योंकि वह राम के राज्याभिषेक के लिए उत्साहित थे।

4. महामंत्री सुमंत्र असहज क्यों थे?

उत्तर महामंत्री सुमंत्र असहज इसलिए थे, क्योंकि पिछली शाम से महाराज को किसी ने भी नहीं देखा था।

5. राम को देखते ही कौन बेसुध हो गए?

उत्तर राम को देखते ही राजा दशरथ बेसुध हो गए।

6. राम क्यों नहीं चाहते थे कि सीताजी उनके साथ वन में जाएँ?

उत्तर राम नहीं चाहते थे कि सीताजी उनके साथ वन में जाएँ, क्योंकि सीता महलों में पली थीं। उन्हें वहाँ जंगल के कठिन जीवन का सामना करने में अत्यधिक कठिनाई होगी।

7. अयोध्या की सीमा कहाँ समाप्त हुई? राम ने वहाँ से किस तरफ प्रस्थान किया?

उत्तर अयोध्या नगरी की सीमा सई नदी के पास समाप्त होती थी । वहाँ से राम ने वन क्षेत्र की ओर प्रस्थान किया।

8. तपस्वी वेश में अयोध्या से वन की ओर प्रस्थान करते हुए राम, सीता व लक्ष्मण किस गाँव में पहुँचे?

उत्तर तपस्वी वेश में अयोध्या से वन की ओर प्रस्थान करते हुए राम, सीता व लक्ष्मण सर्वप्रथम गंगा किनारे स्थित श्रृंगवेरपुर गाँव में पहुँचे।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 18 राम का वन-गमन लघु उत्तरीय प्रश्न

1. सुमंत्र ने कैकेयी के महल में क्या देखा?

उत्तर पिछली शाम से किसी ने महाराज दशरथ को नहीं देखा था। लोगों को लगा कि वे राज्याभिषेक में व्यस्त हैं। महर्षि ने सुमंत्र को राजभवन भेजा। कैकेयी के महल की सीढ़ियाँ चढ़ते हुए सुमंत्र को अनजान – सा डर लग रहा था। मंत्री सुमंत्र ने देखा कि महाराज पलंग पर बीमार पड़े हैं। वे दीनहीन से लग रहे थे। वे कुछ बोल नहीं रहे थे एवं अर्द्धचेतन अवस्था में थे।

2. अयोध्यावासी रातभर क्यों नहीं सोए?

उत्तर अयोध्यावासी रातभर नहीं सोए, क्योंकि वे अपने प्रिय राम का राज्याभिषेक अगले दिन सुबह होने की बात को सुनकर बहुत उत्साहित थे। वे राम के राज्याभिषेक की तैयारी में लगे हुए थे। महाराज दशरथ कोपभवन में रानी कैकेयी को समझाते हुए अर्द्धचेतन अवस्था में रातभर नहीं सोए । गुरु वशिष्ठ राम के राज्याभिषेक की प्रतीक्षा में नहीं सोए थे। प्रत्येक व्यक्ति शुभ घड़ी की प्रतीक्षा कर रहा था।

3. रानी कैकेयी ने राम को क्या बताया, जो राजा दशरथ स्वयं नहीं कह पा रहे थे?

उत्तर राम के पूछने पर रानी कैकेयी ने बताया, “महाराज दशरथ ने मुझे एक बार दो वरदान दिए थे। मैंने कल रात वही दोनों वर राजा दशरथ से माँगे, जिससे वे पीछे हट रहे हैं। यह शास्त्र सम्मत नहीं है। मैं चाहती हूँ कि राज्याभिषेक भरत का हो और तुम चौदह वर्ष वन में रहो। राजा यही बात तुमसे नहीं कह पा रहे हैं। ”

4. कैकेयी के वरदान की बात सुनकर राम की क्या प्रतिक्रिया हुई?

उत्तर रानी कैकेयी ने जैसे ही राम से राजा दशरथ से वर माँगने की बात कही, तो राम उसे सुनकर संयत (शांत) रहे। उन्होंने दृढतापूर्वक रानी कैकेयी से कहा, “पिता का वचन अवश्य पूरा होगा। भरत को राजगद्दी दी जाएगी और मैं आज ही वन चला जाऊँगा।”

5. आपकी मन की बात न होने पर भी विद्यालय में अध्यापक द्वारा आज्ञापालन के लिए कहने पर आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी?

उत्तर विद्यालय में यदि मेरे मन की बात नहीं हुई है फिर भी अध्यापक उसे करने की आज्ञा दे रहे हैं, तो मैं अपने मन की बात को व्यक्त नहीं होने दूंगा। अध्यापक की आज्ञा का पालन अवश्य करूँगा, क्योंकि वे गुरु हैं, बड़े हैं। हमें उनका आदर करना चाहिए।

6. महर्षि वशिष्ठ ने क्रोध में आकर क्या कहा?

उत्तर महर्षि वशिष्ठ ने जब सीता को तपस्विनी के कपड़ों में देखा, तो उन्हें क्रोध आ गया। उन्होंने कहा कि यदि सीता वन में जाएँगी, तो हम सब भी उनके साथ जाएँगे। भरत यहाँ सूनी अयोध्या में राज करेगा। यहाँ कोई पशु-पक्षी भी नहीं होगा।

7. वन जाने से पूर्व जब राम पिता से आशीर्वाद लेने गए, तो उन्होंने क्या कहा?

उत्तर जब राम वन जाने से पूर्व पिता से आशीर्वाद लेने पहुँचे, तो राजा दशरथ ने कहा- -” पुत्र मेरी मति मारी गई है। मैं वचनबद्ध हूँ। ऐसा निर्णय करने के लिए विवश हूँ, पर तुम्हारे ऊपर कोई बंधन नहीं है। मुझे बंदी बनाकर राजपाट सँभालो यह राजसिंहासन तुम्हारा है सिर्फ तुम्हारा।”

8. दशरथ की मृत्यु हो जाने के पश्चात् मंत्रिपरिषद् ने क्या निर्णय लिया?

उत्तर राम के वियोग को सहन न कर पाने के कारण जब राजा दशरथ की मृत्यु हो गई, तब महर्षि वशिष्ठ व मंत्रिपरिषद् की यह राय थी कि राजगद्दी खाली नहीं रहनी चाहिए, क्योंकि राम व लक्ष्मण तो वन में चले गए थे तथा भरत व शत्रुघ्न अपने नाना के घर केकय गए हुए थे। तब घुड़सवार दूत भेजकर तुरंत भरत को अयोध्या बुलाया गया।

9. राम को वनवास देने पर लक्ष्मण की क्या प्रतिक्रिया थी?

उत्तर राम को वनवास दिए जाने से लक्ष्मण सहमत नहीं थे। वे इसे कायरों का जीवन मानते थे। उन्होंने राम से कहा कि आप बाहुबल से अयोध्या का राज सिंहासन छीन लें। मैं देखता हूँ कि कौन विरोध करता है।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 18 राम का वन-गमन दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. राम का वन-गमन के विषय में निर्णय सुनकर कौशल्या का क्या मन हुआ?

उत्तर राम ने माता कौशल्या को कैकेयी के दोनों वरदानों से अवगत कराया और स्वयं वन-गमन का निर्णय भी बताया। राम वन जाएँगे यह सुनकर कौशल्या सुध खो बैठीं। उनका मन था कि वे राम को रोक लें। उन्हें वन न जाने दें। राम राजगद्दी छोड़ दें, परंतु वे अयोध्या में ही रहें। इस उद्देश्य से माता कौशल्या ने कहा, “पुत्र राजाज्ञा अनुचित है। उसे मानने की आवश्यकता नहीं है।” राम ने नम्रतापूर्वक उत्तर दिया, “यह पिता की आज्ञा है। आप मुझे आशीर्वाद दें। ”

2. वन-गमन के विषय में राम-लक्ष्मण में क्या संवाद हुए?

उत्तर राम ने माता कौशल्या को जब कैकेयी के वरदान के विषय में बताया, तो लक्ष्मण ने सुना और वे अत्यधिक क्रोधित हो गए। राम ने उन्हें शांत किया। राम ने वन गमन को भाग्यवश आया उलटफेर कहा।

लक्ष्मण इससे बिलकुल सहमत नहीं थे। वे इसे कायरों का जीवन मानते थे। उन्होंने राम से कहा, आप बाहुबल से अयोध्या का राजसिंहासन छीन लो। देखता हूँ कौन विरोध करता है। राम ने उत्तर दिया, “अधर्म का सिंहासन मुझे नहीं चाहिए। मैं वन जाऊँगा और मेरे लिए जैसा राजसिंहासन, वैसा ही वन है। ”

3. राम के वन जाने का समाचार सुनकर नगर तथा महल में क्या प्रतिक्रिया हुई? उन घटनाओं का वर्णन करें।

उत्तर राम के वन जाने का समाचार नगर तथा महल में तेजी से आग की तरह फैल गया। नगरवासी राजा दशरथ व कैकेयी को धिक्कार रहे थे। कुछ समय पूर्व पूरी अयोध्या में खुशी का माहौल था और अब वहाँ चारों तरफ उदासी छा गई थीं। प्रजा के आँसुओं से सड़कें गीली हो गई थीं। सबकी यही इच्छा थी कि राम व सीता वन न जाएँ।

वे उन्हें रोकना चाहते थे, पर बेबस थे। राम-सीता और लक्ष्मण जंगल जाने से पूर्व पिता का आशीर्वाद लेने गए। राम के आने पर दशरथ उठकर बैठ गए और उनसे कहा कि वे विवश हैं, परंतु राम पर कोई विवशता नहीं है। वह चाहते थे कि राम उन्हें बंदी बनाकर राजसिंहासन पर अधिकार कर लें, राम यह सुनकर दुःखी हो गए।

4. राम ने महामंत्री सुमंत्र को रथ तेजी से हाँकने को क्यों कहा?

उत्तर जब राम महल से निकलकर वन के लिए जा रहे थे, तब सुमंत्र रथ लेकर बाहर खड़े थे। राम, लक्ष्मण व सीता रथ से वन की ओर जा रहे थे, तभी नगर के सभी बूढ़े, बच्चे, महिलाएँ व पुरुष रथ के पीछे नंगे पैर दौड़ रहे थे। सभी की आँखों में आँसू थे। यह दृश्य देखकर राम विचलित और भावुक हो गए थे। उनसे यह दृश्य देखा नहीं जा रहा था। कोई भी रथ के पीछे-पीछे दूर तक न भाग सके, इसलिए राम ने महामंत्री सुमंत्र को रथ तेजी से हाँकने को कहा।

5. राम के निवास का दृश्य कैसा था? सुमंत्र के वहाँ आगमन पर क्या प्रतिक्रिया हुई?

उत्तर राम के निवास के सामने काफ़ी भीड़ लगी हुई थी। लक्ष्मण भी वहीं मौजूद थे। चारों ओर काफ़ी चहल-पहल थी। भवन को सजाया गया था। उसकी सुंदरता देखते ही बनती थी। सुमंत्र के वहाँ पहुँचते ही शोर-शराबा काफ़ी बढ़ गया। लोगों ने समझा कि वह राज्याभिषेक के लिए राम को आमंत्रित करने आए हैं। सुमंत्र ने राम को बताया कि राजा दशरथ ने उन्हें बुलाया है।

दोनों राजकुमार राजसी वस्त्रों में सुसज्जित होकर महाराज दशरथ से मिलने गए। अचानक बुलावे का कारण वे दोनों भाई नहीं समझ पा रहे थे दरबार में जनता राम की जय-जयकार में लगी हुई थी।

6. सुमंत्र के राजमहल वापस लौटने पर दशरथ की क्या प्रतिक्रिया हुई?

उत्तर जब सुमंत्र राम, लक्ष्मण व सीता को वन में छोड़ने गए, तब महाराज दशरथ अर्द्धचेतन अवस्था में उनको जाते हुए देख रहे थे। उन्हें एक उम्मीद थी कि शायद वन में एक बार जाकर राम अपने पिता की दीन-हीन अवस्था के बारे में सोचकर वापस अयोध्या लौट आए, परंतु जब उन्होंने सुमंत्र को अकेले ही लौटते हुए देखा, तो वे बेचैन हो उठे, उन्होंने सुमंत्र से पूछा कि राम कहाँ है? सीता कैसी है? लक्ष्मण का क्या समाचार है? वे कहाँ रहते हैं? क्या खाते हैं? ये सब बातें सुनकर सुमंत्र की आँखें नम हो गईं।

 

 

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 19 चित्रकूट में भरत Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 19 चित्रकूट में भरत Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 19 चित्रकूट में भरत पाठ का सार

भरत का स्वप्न

भरत अपने ननिहाल केकय राज्य में थे, इसलिए वे अयोध्या में हो रही घटनाओं से अनजान थे। भरत ने सपने में देखा कि समुद्र सूख गया, चंद्रमा धरती पर गिर पड़ा, वृक्ष सूख गए हैं, एक राक्षसी उनके पिता को खींचकर ले जा रही है, वे रथ पर बैठे हैं और उस रथ को गधे खींच रहे हैं। यह सपना देखकर वे डर गए थे।

भरत अपने मित्रों को अपने सपने के बारे में बता रहे थे। उसी समय अयोध्या से घुड़सवार दूत वहाँ संदेश लेकर पहुँचे और उन्हें तुरंत अयोध्या चलने के लिए कहा। वे तत्काल अयोध्या जाने के लिए तैयार हो गए। भरत का मन ननिहाल में नहीं लग रहा था, इसलिए वे अयोध्या जाने के लिए उतावले थे। केकयराज ने भरत को सौ रथों और सेना के साथ विदा किया और वे आठ दिनों में अयोध्या पहुँचे।

नगर पहुँचते ही भरत सीधे पिता दशरथ के भवन की ओर महाराज वहाँ नहीं थे, फिर वे कैकेयी के महल में पहुँचे। उनकी माता कैकेयी ने बताया कि उनके पिता महाराज दशरथ का देहांत हो गया है। यह सुनकर भरत विलाप करने लगे।

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भरत द्वारा कैकेयी पर क्रोध करना

भरत ने कैकेयी से राम के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि महाराज ने राम को चौदह वर्ष का वनवास और भरत को राजगद्दी दी है। भरत के पूछने पर कैकेयी ने उन्हें वरदान वाली बात बताई।

भरत क्रोधित होकर बोले, “यह तुमने क्या किया, माते! पिता को खोकर और भाई से बिछड़कर मुझे ऐसा राज्य नहीं चाहिए।” इसी बीच मंत्रीगण और सभासद भी वहाँ आ गए।

भरत का स्पष्टीकरण और राम से मिलने वन में जाना

सभासदों से हाथ जोड़कर भरत ने कहा, मेरी माँ ने जो किया है, उसमें मेरा कोई दोष नहीं है। मैं राम की सौगंध खाकर कहता हूँ कि मैं वन में जाऊँगा और राम को मनाकर वापस लाऊँगा तथा उनका दास बनकर रहूँगा।

भरत रानी कौशल्या के महल में गए और उनसे क्षमा माँगते हुए माँ के व्यवहार पर दुःख व्यक्त किया। सुबह तक शत्रुघ्न को भी पता चल गया कि कैकेयी के कान मंथरा ने भरे हैं। शत्रुघ्न मंथरा के बाल खींचते हुए भरत के सामने लाए। वे मंथरा को मार देना चाहते थे, परंतु भरत ने उसे बचा लिया।

भरत ने मुनि वशिष्ठ से राजगद्दी पर बैठने के लिए मना कर दिया। उन्होंने कहा, “यह राज्य राम का है, वही इसके अधिकारी हैं। हम सब वन जाएँगे और राम को वापस लाएँगे।” भरत के साथ मुनि वशिष्ठ, सभी माताएँ, मंत्रीगण, सभासद, नगरवासी और अयोध्या की चतुरंगिणी सेना राम को अयोध्या वापस लाने के लिए चल पड़ी। राम चित्रकूट में गंगा-यमुना के संगम पर महर्षि भरद्वाज के आश्रम के पास पहाड़ी पर पर्णकुटी बनाकर रह रहे थे।

भरत की निषादराज से भेंट

भरत अयोध्यावासियों व सेना सहित श्रृंगवेरपुर पहुँचे। निषादराज गुह को लगा कि भरत, राम पर आक्रमण करना चाहता है, परंतु सही स्थिति का पता चलने पर उन्होंने भरत का स्वागत किया और गंगा नदी पार करने के लिए उन्हें पाँच सौ नावें भी दीं। मार्ग में मुनि भरद्वाज के आश्रम से उन्हें राम का समाचार मिला।

वह पहाड़ी भी दिखाई, जहाँ राम की पर्णकुटी बनी थी। अगले दिन सुबह लक्ष्मण ने सेना का कोलाहल सुना और राम को भरत के दलबल के साथ आने की सूचना दी। राम ने सारी स्थिति को समझकर लक्ष्मण को समझाया कि भरत हमला करने नहीं, हम लोगों से भेंट करने आ रहा होगा। यह सुनकर लक्ष्मण कुछ आश्वस्त हुए।

राम और भरत की भेंट

भरत ने सेना को पहाड़ी के नीचे ही रोक दिया। नगरवासी भी वहीं ठहर गए। भरत, शत्रुघ्न के साथ नंगे पैर राम से मिलने गए। राम-सीता पर्णकु में थे। भरत दौड़ पड़े और राम के चरणों में गिर पड़े। राम ने भरत एवं शत्रुघ्न को सीने से लगा लिया।

भरत पिता दशरथ के विषय में सूचना देने का साहस नहीं जुटा पा रहे थे। बड़ी कठिनाई से उन्होंने पिता के निधन का समाचार दिया, जिसे सुनकर राम शोक में डूब गए।

राम द्वारा भरत को अयोध्या वापस भेजना

राम को पता चला कि भरत के साथ नगरवासी, गुरुजन, माता कैकेयी भी आई हैं, तो वे उन सबसे भेंट करने आए। अगले दिन भरत ने राम से राजग्रहण करने का आग्रह करते हुए अयोध्या चलने का निवेदन किया।

राम ने पिता की आज्ञा का उल्लंघन करने से इनकार कर दिया। उन्होंने भरत को राजकाज सँभालने के लिए कहा।

भरत बार-बार राम से लौटने का आग्रह कर रहे थे, जिसे राम विनम्रता से अस्वीकार कर रहे थे। महर्षि वशिष्ठ ने भी ज्येष्ठ पुत्र को राजगद्दी एवं रघुकुल की परंपरा के विषय में बताया।

भरत ने कहा, यदि आप अयोध्या नहीं लौटेंगे, तो मैं भी खाली हाथ नहीं जाऊँगा । आप अपनी खड़ाऊँ मुझे दे दें और मैं चौदह वर्ष उसी की आज्ञा से राजकाज चलाऊँगा। राम ने अपनी खड़ाऊँ भरत को दे दी।

भरत ने राम की खड़ाऊँ को माथे से लगाया और सुसज्जित हाथी पर खड़ाऊँ रखकर अयोध्या ले आए। अयोध्या पहुँचकर भरत ने पादुका पूजन किया। इसके पश्चात् भरत अयोध्या में नहीं रुके। उन्होंने तपस्वी के वस्त्र पहने और पादुकाओं को अयोध्या में रखकर राम के लौटने की प्रतीक्षा में नंदीग्राम चले गए।

शब्दार्थ

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 5 चित्रकूट में भरत Question And Answers शब्दार्थ

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 19 चित्रकूट में भरत बहुविकल्पीय प्रश्न

अभ्यास प्रश्न (बहुविकल्पीय व वर्णनात्मक प्रश्नों सहित)

1. भरत को अपने पिता के देहांत का पता किससे चला था ?

(क) महर्षि वशिष्ठ
(ख) माता कौशल्या से
(ग) दासी मंथरा से
(घ) माता कैकेयी से

उत्तर (घ) माता कैकेयी से

2. भरत ने किसे अपराधिनी कहा था?

(क) दासी मंथरा को
(ख) माता कौशल्या को
(ग) माता कैकेयी को
(घ) माता सुमित्रा को

उत्तर (ग) माता कैकेयी को

3. भरत किससे लिपटकर बिलख-बिलख कर रोने लगे थे?

(क) सुलोचना से
(ख) सुमित्रा से
(ग) कैकेयी से
(घ) कौशल्या से

उत्तर (घ) कौशल्या से

4. शत्रुघ्न किसके बाल पकड़कर उसे भरत के सामने लाए थे?

(क) मंथरा के
(ख) सुलोचना के
(ग) कैकेयी के
(घ) सुमित्रा के

उत्तर (क) मंथरा के

5. शृंगवेरपुर में भरत का नेतृत्व किसने किया?

(क) लक्ष्मण ने
(ख) राम ने
(ग) सैनिकों ने
(घ) निषादराज गुह ने

उत्तर (घ) निषादराज गुह ने

6. गंगा पार करने के लिए कितनी नाव जुटा दी गई थीं?

(क) 100 नाव
(ख) 200 नाव
(ग) 400 नाव
(घ) 500 नाव

उत्तर (घ) 500 नाव

7. चित्रकूट पर्वत पर किसका आश्रम था ?

(क) महर्षि विश्वामित्र का
(ख) महर्षि वाल्मीकि का
(ग) महर्षि भारद्वाज का
(घ) महर्षि वशिष्ठ का

उत्तर (ग) महर्षि भारद्वाज का

8. राम ने पर्णकुटी कहाँ पर बनाई थी ?

(क) चित्रकूट पर्वत पर
(ख) सुंदरवन में
(ग) हिमालय पर
(घ) गंगा नदी के तट पर

उत्तर (क) चित्रकूट पर्वत पर

9. सीता को किस वेश में देखकर माताएँ दु:खी हुईं?

(क) गृहिणी
(ख) तपस्विनी
(ग) राजसी
(घ) वीरांगना

उत्तर (ख) तपस्विनी

10. भरत राम से मिलने कहाँ पहुँचे ?

(क) मिथिला
(ख) किष्किंधा
(ग) चित्रकूट
(घ) अशोक वाटिका

उत्तर (ग) चित्रकूट

11. अयोध्या के राजगुरु कौन थे?

(क) महर्षि विश्वामित्र
(ख) महर्षि भारद्वाज
(ग) महर्षि परशुराम
(घ) महर्षि वशिष्ठ

उत्तर (घ) महर्षि वशिष्ठ

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 19 चित्रकूट में भरत रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. नगर पहुँचते ही भरत सीधे ____________ के भवन में गए।

उत्तर नगर पहुँचते ही भरत सीधे महाराज दशरथ के भवन में गए।

2. भरत ने रानी _______ से क्षमा माँगी।

उत्तर भरत ने रानी कौशल्या से क्षमा माँगी।

3. सुबह भरत सभी _____________ और ___________ के साथ ___________ के लिए चले।

उत्तर सुबह भरत सभी मंत्रियों और सभासदों के साथ वन के लिए चले।

4. राम तब तक गंगा पार करके पहुँच गए थे।

उत्तर राम तब तक गंगा पार करके चित्रकूट पहुँच गए थे।

5. राम _________ के आश्रम में नहीं रहे, जिससे उन्हें असुविधा न हो।

उत्तर राम महर्षि भारद्वाज के आश्रम में नहीं रहे, जिससे उन्हें असुविधा न हो।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 19 चित्रकूट में भरत अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

1. अयोध्या के राजगुरु कौन थे?

उत्तर अयोध्या के राजगुरु महर्षि वशिष्ठ थे।

2. दशरथ के निधन के समय भरत कहाँ थे?

उत्तर राजा दशरथ के निधन के समय भरत केकयराज में अपने नाना के घर थे।

3. भरत ने स्वप्न में अपने पिता को किस अवस्था में देखा ?

उत्तर भरत ने स्वप्न में अपने पिता को एक रथ पर बैठा हुआ देखा, जिसे घोड़े के स्थान पर गधे और एक राक्षसी खींच रही थी।

4. स्वप्न देखने के बाद भरत को ननिहाल में कैसा महसूस हो रहा था?

उत्तर स्वप्न देखने के बाद भरत बहुत परेशान हो गए। उनका मन ननिहाल में बिलकुल भी नहीं लग रहा था। वह शीघ्र अयोध्या जाकर अपने पिता से मिलना चाहते थे।

5. भरत ने अपने स्वप्न का जिक्र किससे किया था?

उत्तर भरत ने जो स्वप्न देखा था, वह उस स्वप्न का अर्थ समझ नहीं पाए थे। इसलिए उन्होंने अपने स्वप्न का जिक्र सगे-संबंधियों से किया।

6. भरत को ननिहाल से अयोध्या की यात्रा में कितने दिन का समय लगा?

उत्तर भरत को ननिहाल से अयोध्या की यात्रा में 8 दिन का समय लगा, क्योंकि उस समय खेतों में फसल उगी हुई थी, जिस कारण उन्हें लंबा रास्ता पकड़ना पड़ा था।

7. अयोध्या पहुँचने के बाद भरत सर्वप्रथम कहाँ गए ?

उत्तर अयोध्या पहुँचने के बाद भरत सर्वप्रथम अपने पिता राजा दशरथ के महल में गए। भरत राजा दशरथ से मिलने के लिए बहुत व्याकुल थे।

8. अयोध्या पहुँचकर भरत की आँखें किसे ढूँढ रही थीं?

उत्तर अयोध्या पहुँचकर भरत की आँखें अपने पिता राजा दशरथ को ढूंढ रही थीं।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 19 चित्रकूट में भरत लघु उत्तरीय प्रश्न

1. अयोध्या नगरी पहुँचकर भरत ने क्या देखा?

उत्तर भरत केकयराज से रवाना होकर लंबे रास्ते से अयोध्या पहुँचे, उन्हें नगर सामान्य नहीं लगा। कुछ बदला-बदला लगा, सड़कें सूनी थीं। बाग-बगीचे सब उदास थे। कोई आवाज नहीं थी। पक्षी भी कलरव नहीं कर रहे थे। अयोध्या की यह स्थिति देखकर भरत का मन अनिष्ट की आशंका से घिर गया।

2. माता कैकेयी के द्वारा पिता के निधन का समाचार सुनकर भरत की क्या दशा हुई?

उत्तर भरत पिता के निधन का समाचार सुनकर शोक में डूब गए। वे विलाप करने लगे और धरती पर गिर पड़े। कैकेयी ने भरत की यह दशा देखकर उन्हें ढाढ़स बँधाया। कैकेयी ने उन्हें बताया कि अंतिम समय में महाराज के मुँह से केवल तीन शब्द निकले हे राम ! हे सीते! हे लक्ष्मण! तुम्हारे लिए कुछ नहीं कहा। भरत की व्याकुलता बढ़ती गई तथा वे राम के पास जाना चाहते थे। कैकेयी ने उन्हें वरदान की पूरी कथा सुनाते हुए राजगद्दी सँभालने के लिए कहा।

3. चतुरंगिणी सेना क्या है?

उत्तर प्राचीन काल में सेना के संगठन में निम्नलिखित चार अंगों को शामिल किया जाता था, जिस कारण इसको चतुरंगिणी सेना कहा जाता था; जैसे- घुड़सवार योद्धा, पैदल सैनिक हाथी पर सवार योद्धा और रथ पर सवार योद्धा ।

4. भरत ने सभासदों और मंत्रियों से क्या कहा?

उत्तर भरत ने सभासदों और मंत्रियों से हाथ जोड़कर कहा कि मेरी माँ ने जो किया है, उसमें मेरा कोई दोष नहीं है। मैं राम के पास जाऊँगा और प्रार्थना करूँगा कि वे राजगद्दी सँभाले। मैं उनका दास बनकर रहूँगा। भरत बहुत उत्तेजित हो गए थे, जिसके कारण वे स्वयं पर नियंत्रण नहीं रख सके। उनकी बोलते-बोलते साँस फूलने लगी और वे चकराकर धरती पर गिर गए।

5. भरत को विशाल सेना के साथ आते हुए देखकर लक्ष्मण को क्या संदेह हुआ?

उत्तर लक्ष्मण चित्रकूट पहाड़ी पर पर्णकुटी के बाहर पहरा दे रहे थे। जब उन्होंने कोलाहल सुना तथा आसमान में धूल उड़ती हुई देखी तब उन्होंने वृक्ष पर चढ़कर देखा कि एक विशाल सेना उनके आश्रम की ओर आ रही है। सेना का ध्वज अयोध्या का था। जब उन्होंने अयोध्या की विशाल सेना को अपनी ओर आते हुए देखा, तो उन्हें संदेह हुआ कि भरत सेना के साथ यहाँ आ रहे हैं। वे हमें मार डालना चाहते हैं जिससे वे एकछत्र राज्य कर सकें।

6. राम द्वारा अयोध्या वापस लौटने से मना करने पर भरत ने क्या विनती की?

उत्तर जब राम किसी भी प्रकार अयोध्या लौटने को तैयार न हुए, तो भरत ने विनती की कि आप नहीं लौटेंगे, तो मैं भी खाली हाथ नहीं जाऊँगा। आप मुझे अपनी खड़ाऊँ दे दें। मैं चौदह वर्ष तक इन्हीं खड़ाऊँ की आज्ञा से राजकाज चलाऊंगा। भरत का यह आग्रह राम ने स्वीकार कर लिया और अपनी खड़ाऊँ भरत को दे दी। भरत ने खड़ाऊँ को माथे से लगाया और कहा, चौदह वर्ष तक अयोध्या पर इन चरण पादुकाओं का शासन रहेगा। इसके पश्चात् सबको प्रणाम करके राम ने उन्हें चित्रकूट से विदा कर दिया।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 19 चित्रकूट में भरत दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. माता कैकेयी और भरत में क्या बातचीत हुई?

उत्तर अयोध्या पहुँचते ही भरत सीधे राजा दशरथ के महल में गए। माँ कैकेयी ने भरत को गले से लगा लिया और पिता के निधन का समाचार दिया। भरत निधन का समाचार सुनते ही शोक में डूब गए। कैकेयी ने भरत को समझाया और अपने को सँभालने के लिए कहा। कैकेयी ने राजा दशरथ से लिए हुए वरदान के विषय में भी भरत को बताया और उससे राजगद्दी संभालने के लिए कहा। भरत बहुत क्रोधित हुए और चीखकर बोले माते! तुमने अनर्थ किया है, तुम अपराधिनी हो, मुझे ऐसा राज्य नहीं चाहिए। मैं राम को अयोध्या वापस लेकर आऊँगा ।

2. रानी कौशल्या ने भरत से क्या कहा?

उत्तर भरत अपनी सुध-बुध लौटने पर रानी कौशल्या के महल की ओर गए और उनसे लिपटकर बच्चों की तरह रोने लगे। उनके चरणों में गिर पड़े। कौशल्या राम के वन में चले जाने तथा महाराज दशरथ का देहांत हो जाने से आहत थी। उसने भरत से कहा- पुत्र तुम्हारी मनोकामना पूरी हो गई है। राम वन में है, अयोध्या का राज तुम्हारा है। कैकेयी ने जो तरीका अपनाया, वह अनुचित है। तुम राज करो पुत्र, पर मुझ पर एक दया करो। मुझे मेरे राम के पास भिजवा दो।

3. ‘चित्रकूट में भरत’ में वर्णित भरत की चारित्रिक विशेषताएँ बताइए |

उत्तर ‘चित्रकूट में भरत’ में भरत के चरित्र में त्याग, भ्रातृप्रेम, कर्तव्यनिष्ठा और नीतिपालक गुण विशेष रूप से दिखाई देते हैं। भरत ने अयोध्या पर राज्य करने से मना कर दिया, क्योंकि परंपरा के अनुसार ज्येष्ठ भ्राता ही राजगद्दी का अधिकारी होता है।

भ्रातृप्रेम के कारण भरत राम को लेने वन गए और अयोध्या चलने का आग्रह किया। राम के न आने पर उन्होंने राम की खड़ाऊँ लाकर सिंहासन पर रखी तथा स्वयं राजगद्दी पर नहीं बैठे। तपस्वी के वेश में वे नंदीग्राम में रहकर राजकाज चलाते रहे। यह भरत की कर्त्तव्यनिष्ठा का उदाहरण है। उन्होंने नीति का सदैव पालन किया।’

 

 

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 20 दंडक वन में में दस वर्ष Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 20 दंडक वन में में दस वर्ष Question And Answers शब्दार्थ

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 20 दंडक वन में में दस वर्ष पाठ का सार

राम का चित्रकूट छोड़ना और दंडक वन जाना

राम की चरण पादुकाएँ लेकर भरत अयोध्या लौट आए थे। उनके साथ उनकी सेना और नगरवासी भी लौट आए थे। अयोध्या से चित्रकूट चार दिन में ही पहुँचा जा सकता था। लोग राम से अनेक तरह के प्रश्न पूछने और राय माँगने चित्रकूट आ जाते थे। यह राम को राजकाज में हस्तक्षेप की तरह लगता था। अतः राम ने चित्रकूट से दूर चले जाने का निश्चय किया।

राम, लक्ष्मण और सीता तीनों अत्रि मुनि से विदा लेकर चित्रकूट से दंडक वन की ओर चल पड़े। दंडक वन एक घना जंगल था, जिसमें अनेक तपस्वियों के आश्रम थे।

यहाँ राक्षस भी अत्यधिक थे, जो ऋषि-मुनियों को कष्ट देते थे और अनुष्ठानों में विघ्न डालते थे। मुनियों ने राम से मायावी राक्षसों से रक्षा करने के लिए कहा। सीता का विचार था कि राम अकारण ही राक्षसों का वध न करें, क्योंकि उन्होंने राम का कोई अहित नहीं किया है। राम ने उन्हें समझाया कि ये राक्षस मायावी हैं, इन राक्षसों का विनाश उचित है।

राम, लक्ष्मण और सीता दंडक वन में दस वर्ष रहे। वे तीनों स्थान और आश्रम बदलते हुए क्षरभंग मुनि के आश्रम में पहुँचे। वहाँ उन्होंने ऋषियों के कंकालों का ढेर देखा, जिन्हें राक्षसों ने मार दिया था। सुतीक्ष्ण मुनि ने भी राम को राक्षसों के अत्याचारों की कथा सुनाई और अगस्त्य ऋषि से मिलने की सलाह दी। मुनि ने राम को गोदावरी नदी के तट पर स्थित पंचवटी जाने के लिए कहा। राम, लक्ष्मण और सीता ने वनवास का शेष समय पंचवटी में बिताया था।

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राम की जटायु से भेंट और पंचवटी में सुंदर कुटिया का निर्माण

राम को पंचवटी जाते समय मार्ग में विशालकाय गिद्ध मिला, जिसका नाम जटायु था। जटायु को लक्ष्मण ने मायावी राक्षस समझा, परंतु जटायु ने बताया – मैं तुम्हारे पिता का मित्र हूँ। मुझसे मत डरो ! मैं आप लोगों के साथ माता सीता की भी रक्षा करूँगा।

पंचवटी पहुँचकर लक्ष्मण ने वहाँ सुंदर सी कुटिया का निर्माण किया ।। कुटी के आस-पास मनोरम दृश्य था। इस बीच राम राक्षसों का निरंतर संहार कर रहे थे। उन्होंने विराध राक्षस को भी मार डाला। राक्षसों का अस्तित्व लगभग समाप्त हो गया था। मुनिगण वहाँ शांति से तपस्या करने लगे।

शूर्पणखा का आगमन और लक्ष्मण द्वारा शूर्पणखा के नाक-कान काटना

एक दिन लंका के राजा रावण की बहन शूर्पणखा वहाँ एक सुंदर स्त्री का रूप धारण कर आई और राम के रूप पर मोहित होकर बोली कि वह उनसे विवाह करना चाहती है। राम ने अपना परिचय दिया, फिर सीता की ओर संकेत करते हुए बताया कि वे विवाहित हैं। राम के पूछने पर शूर्पणखा ने अपना परिचय दिया और बताया कि वह रावण और कुंभकर्ण की अविवाहित बहन है।

राम के मना करने पर शूर्पणखा लक्ष्मण के पास गई और उनसे विवाह के लिए कहा। लक्ष्मण ने शूर्पणखा को फिर राम के पास भेज दिया। शूर्पणखा इस प्रकार दोनों के बीच भागती रही। अंत में क्रोधित होकर उसने सीता पर हमला किया। यह देखकर लक्ष्मण ने तलवार से उसके नाक-कान काट दिए। खून से लथपथ शूर्पणखा अपने सौतेले भाइयों – खर और दूषण के पास पहुँची ।

वे राम-लक्ष्मण से बदला लेने उनके पास सेना लेकर युद्ध करने पहुँचे, परंतु दोनों युद्ध में मारे गए और कुछ राक्षस जान बचाकर भाग गए।

रावण द्वारा सीता हरण की योजना

भागने वाले राक्षसों में एक अकंपन राक्षस भी था। उसने रावण को जाकर पूरा विवरण बताया और सीता का अपहरण करने की सलाह दी। रावण सीता हरण के लिए चला, तो रास्ते में उसे मारीच मिला। मारीच राम की वीरता और शौर्य से परिचित था। उसने रावण से सीता हरण की योजना का विचार छोड़ने के लिए कहा।

रावण ने मारीच की बात स्वीकार कर ली और लंका लौट गया। शूर्पणखा रोती हुई रावण के पास पहुँची और लक्ष्मण द्वारा अपने नाक-कान काटे जाने की बात बताई। रावण पुनः मारीच के पास गया और उससे सहायता माँगी। मारीच ने रावण को फिर से किया, परंतु रावण नहीं माना। विवश होकर करने के लिए तैयार हो गया ।

रावण द्वारा साधु का वेश धारण करना

मायावी मारीच ने पंचवटी के पास आकर सोने के हिरण का रूप धारण कर लिया। वह राम, लक्ष्मण और सीता की कुटिया के आस-पास घूमने लगा। रावण एक तपस्वी का वेश बनाकर एक पेड़ के पीछे छिप गया। सीता उस सुंदर हिरण पर मुग्ध हो गई और राम से उसे पकड़कर लाने को कहा।

राम-लक्ष्मण को सोने का हिरण देखकर संदेह हुआ, परंतु सीता की इच्छा जानकर राम, सीता के लिए सोने का हिरण लेने चले गए। राम ने लक्ष्मण को सीता की रक्षा करने तथा उसे अकेला न छोड़ने का आदेश दिया। लक्ष्मण ने स्वीकार किया और धनुष लेकर कुटी के बाहर खड़े हो गए।

शब्दार्थ

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 6 दंडक वन में में दस वर्ष Question And Answers शब्दार्थ

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 20 दंडक वन में में दस वर्ष बहुविकल्पीय प्रश्न

अभ्यास प्रश्न (बहुविकल्पीय व वर्णनात्मक प्रश्नों सहित)

1. चित्रकूट अयोध्या से कितने दिन की दूरी पर था ?

(क) 2 दिन
(ख) 4 दिन
(ग) 6 दिन
(घ) 7 दिन

उत्तर (ख) 4 दिन

2. दंडक वन में किसके अधिक आश्रम थे?

(क) तपस्वियों के
(ख) साधु-संतों के
(ग) ऋषियों के
(घ) ये सभी

उत्तर (घ) ये सभी

3. क्षरभंग मुनि का आश्रम कहाँ पर था ?

(क) दंडक वन में
(ख) चित्रकूट में
(ग) नासिक में
(घ) पंचवटी वन में क

उत्तर (क) दंडक वन में

4. रावण व कुंभकर्ण की बहन कौन थी?

(क) सुलोचना
(ख) मांडवी
(ग) माया
(घ) शूर्पणखा

उत्तर (घ) शूर्पणखा

5. माया से सुंदर स्त्री का रूप बनाकर शूर्पणखा किसके पास गई थी?

(क) लक्ष्मण के
(ख) सीता के
(ग) राम के
(घ) ये सभी

उत्तर (ग) राम के

6. मारीच ने कौन – सा मायावी रूप धारण किया?

(क) सिंह का
(ख) मृग का
(ग) चीते का
(घ) खरगोश का

उत्तर (ख) मृग का

7. मारीच किसका पुत्र था ?

(क) तारा का
(ख) शूर्पणखा का
(ग) मंदोदरी का
(घ) ताड़का का

उत्तर (घ) ताड़का का

8. राम को कुटिया से निकलता हुआ देखकर कौन कुलाचें भरने लगा?

(क) हिरण
(ख) चिड़िया
(ग) मोरनी
(घ) कोयल

उत्तर (क) हिरण

9. कुटिया से निकलते हुए राम ने लक्ष्मण को क्या आदेश दिया था ?

(क) फल-फूल इकट्ठा करना
(ख) लकड़ियाँ काटना
(ग) सीता की रक्षा करना
(घ) ये सभी

उत्तर (ग) सीता की रक्षा करना

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 20 दंडक वन में में दस वर्ष रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. अयोध्यावासियों के लौट जाने पर __________ में शांति हो गई।

उत्तर अयोध्यावासियों के लौट जाने पर चित्रकूट में शांति हो गई ।

2. तीनों ‘से आज्ञा लेकर दंडक वन की ओर चले।

उत्तर तीनों अत्रि ऋषि से आज्ञा लेकर दंडक वन की ओर चले।

3. दंडक वन में ________ राक्षस रहते थे।

उत्तर दंडक वन में मायावी राक्षस रहते थे।

4. _______ मुनि ने ऋषियों के कंकाल का ढेर दिखाया, जिन्हें _______ ने मार डाला था।

उत्तर क्षरभंग मुनि ने ऋषियों के कंकाल का ढेर दिखाया, जिन्हें राक्षसों ने मार डाला था।

5. क्रोध में आकर __________ ने सीता पर हमला किया।

उत्तर क्रोध में आकर शूर्पणखा ने सीता पर हमला किया।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 20 दंडक वन में में दस वर्ष अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

1. दंडक वन के मुनियों ने राम का स्वागत करते हुए उनसे क्या कहा?

उत्तर दंडक वन के मुनियों ने राम का स्वागत करते हुए कहा- “आप दुष्ट मायावी राक्षसों से हमारी रक्षा करें और आश्रम को अपवित्र होने से बचाएँ।”

2. राम ने दैत्यों केसंहार के विषय में सीता को क्या समझाया ?

उत्तर राम ने दैत्यों के संहार के विषय में सीता को समझाया कि “सीते! राक्षसों का विनाश ही उचित है, वे मायावी हैं। ”

3. दंडक वन में तीनों वनवासी कितने वर्ष तक रहे?

उत्तर दंडक वन में तीनों वनवासी दस वर्ष तक रहे।

4. तीनों वनवासी मुनि अत्रि से विदा लेकर किस ओर चल पड़े?

उत्तर तीनों वनवासी मुनि अत्रि से विदा लेकर दंडक वन की ओर चल पड़े।

5. क्षरभंग मुनि के आश्रम पहुँचने के बाद राम ने क्या देखा?

उत्तर क्षरभंग मुनि के आश्रम पहुँचने पर राम ने हड्डियों का ढेर देखा, जो ऋषियों के कंकाल थे।

6. सुतीक्ष्ण मुनि ने राम को क्या सलाह दी ?

उत्तर सुतीक्ष्ण मुनि ने राम को अगस्त्य ऋषि से मिलने की सलाह दी। अगस्त्य ऋषि विंध्यांचल पार करने वाले पहले ऋषि थे।

7. पंचवटी के मार्ग में जटायु को देखकर कौन डर गया ?

उत्तर पंचवटी के मार्ग में जटायु को देखकर सीता डर गई ।

8. अकंपन कौन था?

उत्तर अकंपन खर-दूषण की सेना का एक मायावी राक्षस था ।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 20 दंडक वन में में दस वर्ष लघु उत्तरीय प्रश्न

1. चित्रकूट में पुन: शांति कब लौट आई ?

उत्तर भरत के साथ नगरवासी वापस अयोध्या लौट गए। उनके साथ ही उनकी चतुरंगिणी सेना भी धूल उड़ाती हुई वापस चली गई। उनके जाते ही कोलाहल समाप्त हो गया और चित्रकूट में फिर से शांति लौट आई।

2. राक्षसों के संहार के विषय में सीता के क्या विचार थे?

उत्तर मुनियों ने राम से दुष्ट राक्षसों से अपनी रक्षा करने की सहायता माँगी, ने परंतु सीता चाहती थीं कि राम अकारण राक्षसों का वध न करें। उनका कहना था कि जिन्होंने कोई अहित नहीं किया है, उन्हें न मारें। राम ने बताया कि वे मायावी हैं, इसलिए उनका विनाश उचित है।

3. जटायु कौन था? उसने राम से क्या कहा ?

उत्तर राम को पंचवटी के मार्ग में विशालकाय गिद्ध मिला। उसका नाम जटायु था। जटायु ने बताया कि मैं तुम्हारे पिता का मित्र हूँ।
वन में तुम्हारी सहायता करूँगा । आप दोनों जब बाहर जाएँगे, तो सीता की रक्षा करूँगा।

4. रावण मारीच के पास क्यों गया? उसने रावण को क्या समझाया ?

उत्तर रावण को अकंपन ने राम की विलक्षण शक्तियों तथा शूर्पणखा के नाक-कान कटने के बारे में बताया तथा राम को हराने का उपाय भी सुझाया। रावण राम से बदला लेने के लिए सीता हरण के लिए तैयार हो गया।

वह ताड़का के पुत्र मारीच के पास सहायता माँगने गया। मारीच भी राम की शक्ति से पूर्व परिचित था। उसने रावण को समझाया कि सीता हरण करना अपने विनाश को आमंत्रण देना है।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 20 दंडक वन में में दस वर्ष दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. राम चित्रकूट में क्यों नहीं रहना चाहते थे?

उत्तर चित्रकूट अयोध्या के बहुत समीप था। अयोध्या से चित्रकूट केवल चार दिन में पहुँचा जा सकता था। अयोध्या से लोगों का आना-जाना लगा रहता था। लोग आते और राम से राय लेते, प्रश्न पूछते । राम को लगा कि इस प्रकार यहाँ रहने से व राय देने से राजकाज में हस्तक्षेप होगा। राम-लक्ष्मण ने उस वन को राक्षसों से भयमुक्त कर दिया था। अब ऋषि-मुनि निर्विघ्न तपस्या करते थे। इन दोनों कारणों को ध्यान में रखते हुए राम अब और चित्रकूट में नहीं रहना चाहते थे।

2. शूर्पणखा कौन थी? वह राम-लक्ष्मण के पास क्यों आई थी?

उत्तर शूर्पणखा रावण की छोटी बहन थी । उसका अभी तक विवाह नहीं हुआ था। एक दिन पंचवटी में कुटी के बाहर राम, सीता और लक्ष्मण तीनों बैठे हुए थे। पंचवटी के प्राकृतिक सौंदर्य को निहार रहे थे। तभी शूर्पणखा वहाँ आई और राम के सौंदर्य को देखकर उन पर मोहित हो गई, उसने स्वयं को पानी में देखा। उसका चेहरा विकृत था, मुँह झुर्रियों से भरा हुआ था। वह राम को किसी भी प्रकार पाना चाहती थी। उसने माया से एक सुंदर स्त्री का रूप धारण कर लिया। सुंदर स्त्री के रूप में शूर्पणखा राम के पास गई और उसने अपने साथ राम के विवाह का प्रस्ताव रखा।

3. शूर्पणखा के नाक-कान कटे हुए देखकर खर-दूषण ने क्या किया?

उत्तर खर-दूषण रावण के सौतेले भाई थे। वे दोनों उसी वन में रहते थे। खून से लथपथ कटे नाक-कान के साथ शूर्पणखा खर-दूषण के पास गई। दोनों बहुत क्रोधित हुए। उन्होंने चौदह राक्षस शूर्पणखा के साथ राम-लक्ष्मण से बदला लेने के लिए भेजे। निर राम ने सभी राक्षसों को मार डाला। शूर्पणखा वापस खर-दूषण के पास लौटी। अब पूरी सेना के साथ खर-दूषण राम से युद्ध करने आए। घमासान युद्ध हुआ। खर दूषण दोनों अपनी सेना के साथ मारे गए। कुछ राक्षस बचे, वे जान बचाकर वहाँ से भाग गए।

4. क्या शूर्पणखा के प्रति लक्ष्मण द्वारा किया गया व्यवहार उचित था? उन्हें शूर्पणखा के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए था?

उत्तर शूर्पणखा राम के रूप पर मोहित हो गई थी। वह उनसे विवाह करना चाहती थी। शूर्पणखा के विवाह के प्रस्ताव रखने पर राम ने उसे लक्ष्मण के पास भेज दिया।

कई बार दोनों के पास इधर-उधर चक्कर काटने के कारण उसने क्रोध में आकर सीता पर हमला किया। शूर्पणखा का यह व्यवहार अनुचित था ।

लक्ष्मण ने शूर्पणखा के नाक-कान काट दिए। मेरे अनुसार लक्ष्मण का यह व्यवहार भी अनुचित था। उन्हें शूर्पणखा को समझाना चाहिए था। किसी भी प्रकार से शूर्पणखा को समझाना ही उचित व्यवहार था, क्योंकि राम और लक्ष्मण कुलीन और उच्च वंश के थे।

5. मारीच द्वारा समझाने के बाद एक बार सीता हरण का विचार छोड़ देने पर पुन: रावण सीता हरण के लिए क्यों तैयार हो गया?

उत्तर रावण शूर्पणखा के नाक-कान काटे जाने व खर-दूषण का वध किए जाने का समाचार मिलने पर कूटनीति से सीता का हरण कर राम से बदला लेना चाहता था। इस उद्देश्य से वह मारीच के पास पहुँचा, किंतु मारीच पहले से ही राम की विलक्षण शक्तियों से परिचित था । उसने रावण को समझाया कि राम से शत्रुता मोल लेने का अर्थ अपने विनाश को आमंत्रण देना है।

रावण मारीच की बात सुनकर वापस लंका लौट आया, परंतु थोड़ी देर बाद ही रावण की बहन शूर्पणखा चीखती-चिल्लाती उसके पास आई तथा उसे ललकारते हुए कहने लगी कि तेरे महाबली होने का क्या लाभ? तेरे होते हुए तेरी बहन की यह दुर्गति हो रही है।

राम-लक्ष्मण ने मेरे नाक-कान काट दिए हैं तेरा यह बल किस दिन के लिए है? तू अब किसी को मुँह दिखाने लायक नहीं रहा है। शूर्पणखा की इस ललकार को सुनकर रावण राम व लक्ष्मण से बदला लेने को तैयार हो गया तथा उसने पुनः सीता हरण का विचार बनाया।

 

 

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 22 सीता की खोज Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 22 सीता की खोज Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 22 सीता की खोज पाठ का सार

राम का आशंकित होना

मायावी सोने का हिरण बने मारीच के मरते समय उसके मुख से अपनी ही आवाज में सीता व लक्ष्मण को अपनी सहायता के लिए पुकारते हुए सुनते ही राम संदेह से भरे कुटिया की ओर भागे चले जा रहे थे कि कहीं लक्ष्मण सीता को अकेला छोड़कर न आ जाए। मार्ग में उन्होंने पगडंडी पर लक्ष्मण को आते हुए देखा। उनकी अनिष्ट की आशंका और बढ़ गई तथा राम को लक्ष्मण पर कुटिया में सीता को अकेले छोड़ आने पर क्रोध आया।

लक्ष्मण ने राम को कहा कि मुझे पता था कि आप सकुशल होंगे, परंतु सीता के कटु वचन और उलाहने ने मुझे आपके पास आने के लिए विवश कर दिया। राम-लक्ष्मण दोनों जल्दी कुटिया की ओर चल पड़े। जब कुटिया दूर से ही दिखाई देने लगी तो राम ने दूर से ही सीता को पुकारा- सीते! तुम कहाँ हो? कोई उत्तर न पाकर उनकी बेचैनी बढ़ गई। राम भागते हुए आश्रम पहुँचे, सीता का कहीं पता न चला। शोक से राम व्याकुल हो गए। सीता से बिछुड़ना उनके लिए असहनीय था ।

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राम द्वारा सीता की खोज

राम, सीता को पेड़ों और झाड़ियों के पीछे खोजते खोजते गोदावरी नदी के तट पर पहुँच गए। पंचवटी के एक-एक वृक्ष के पास गए। इतना ही नहीं, वे प्रकृति की हर वस्तु से सीता का पता पूछते रहे। वे भूल गए कि प्रकृति बात नहीं कर सकती। राम, सीता के वियोग में शोक में संतप्त थे। उनकी मानसिक स्थिति विक्षिप्त जैसी थी। लक्ष्मण से राम का दुःख देखा नहीं जा रहा था। राम विलाप कर रहे थे कि मैं सीता के बिना अयोध्या वापस कैसे लौट सकता हूँ? मैं वहाँ नहीं जाऊँगा । उन्होंने लक्ष्मण से कहा कि लक्ष्मण तुम अयोध्या जाओ और मुझे यहीं छोड़ दो।

राम का दुःख लक्ष्मण से देखा नहीं गया। लक्ष्मण राम के निकट आए और बोले कि आप आदर्श पुरुष हैं, आपको धैर्य रखना चाहिए, हम मिलकर माता सीता की खोज करेंगे। माता सीता जहाँ भी होंगी, हमारी प्रतीक्षा कर रही होंगी। इसी बीच आश्रम के आस-पास घूमने वाला हिरणों का झुंड भी उनके निकट आ गया।

राम को लगा कि हिरण सीता के बारे में जानते हैं। राम ने हिरणों से सीता के बारे में पूछा। हिरणों ने सिर उठाकर आसमान की ओर देखा और दक्षिण दिशा की ओर भाग गए। राम ने उनका संकेत समझ लिया और सीता की खोज में दक्षिण दिशा की ओर चल दिए।

राम-लक्ष्मण की जटायु से भेंट

वन में दोनों भाइयों को टूटे हुए रथ के टुकड़े दिखाई दिए। ऐसा लग रहा था कि कुछ देर पहले यहाँ संघर्ष हुआ है। सीता की वेणी में गुँथी पुष्पमाला वहीं मिली। राम को लगा कि सीता राक्षसों के चंगुल में फँस गई है।

संघर्ष के समय ही माला टूटकर गिरी होगी। थोड़ी दूर जाने पर उन्हें गिद्धराज जटायु दिखाई दिया। उसके पंख कटे हुए थे। वह खून से लथपथ था। उसने राम को बताया कि रावण सीता को उठा ले गया है। सीता का विलाप सुनकर मैंने रावण को चुनौती दी और उसका रथ तोड़ दिया तथा रावण को भी घायल कर दिया, परंतु मैं सीता को नहीं बचा सका।

रावण उन्हें लेकर दक्षिण दिशा की ओर उड़ गया। यह कहते कहते जटायु ने अपने प्राण त्याग दिए। राम को यह सब सुनकर बहुत दुःख – भैया हमें जटायु हुआ। लक्ष्मण ने उन्हें विलाप करते हुए देखकर कहा- का अंतिम संस्कार करके तुरंत दक्षिण दिशा की ओर जाना चाहिए तथा वे दोनों उसी दिशा की ओर चल दिए ।

कबंध का राम से आग्रह

दोनों राजकुमार वन के कठिन मार्ग को पार करते हुए दक्षिण दिशा की ओर आगे बढ़े। यात्रा के प्रारंभ में ही कबंध राक्षस ने उन पर आक्रमण कर दिया। कबंध देखने में बहुत भयानक था। उसकी गर्दन नहीं थी, केवल एक आँख थी, दाँत बाहर निकले हुए थे। जीभ साँप की तरह लंबी और लपलपाती हुई थी। वह राक्षस मोटे मांसपिंड जैसा लगता था । उसने राम-लक्ष्मण को एक-एक हाथ से हवा में उठा दिया, जब तक वह दोनों को अपने मुँह तक ले जाता, राम-लक्ष्मण ने तलवार से उसके दोनों हाथ काट दिए। राम-लक्ष्मण की शक्ति और बुद्धि देखकर कबंध आश्चर्यचकित रह गया। उसने उन दोनों का परिचय जाना ।

राम को अपने सामने देखकर उसने उन्हें अपनी अंतिम इच्छा बताई और आग्रह किया कि राम ही उसका अंतिम संस्कार करें। राम ने सहज रूप से अपनी स्वीकृति दे दी।

कबंध द्वारा राम-लक्ष्मण का मार्गदर्शन किया जाना

कबंध ने सीता की खोज में सहायता के उद्देश्य से राम-लक्ष्मण को पंपा सरोवर के निकट ऋष्यमूक पर्वत पर जाने की सलाह दी। ऋष्यमूक पर्वत वानरराज सुग्रीव का क्षेत्र है। वह वहाँ निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे हैं। उसने यह भी बताया कि सुग्रीव के पास वानरों की सेना है। सुग्रीव सीता को अवश्य खोज निकालेंगे।

कबंध ने अपना अंत होते देखकर उन्हें पंपा सरोवर के पास ही मतंग ऋषि के आश्रम जाने की सलाह भी दी और उसने आश्रम में शबरी से
मिलने के लिए भी कहा। कबंध के मर जाने पर राम ने उसका अंतिम संस्कार किया और वे दोनों पंपा सरोवर की ओर चल पड़े।

शबरी द्वारा राम को सलाह देना

राम पंपा सरोवर में मतंग ऋषि के आश्रम में शबरी के पास गए। वह ऋषि कन्या थी। वह वृद्धा थी। ऋषि ने उसे बताया था कि राम आश्रम में एक दिन अवश्य आएँगे और उससे अवश्य मिलेंगे।

राम को आश्रम में देखकर शबरी बहुत प्रसन्न हुई, उसने उनका आदर-सत्कार किया और मीठे फल खाने के लिए भी दिए। शबरी ने राम को सुग्रीव से मित्रता करने की सलाह दी। अगले दिन राम ऋष्यमूक पर्वत की ओर चल पड़े।

शब्दार्थ

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 8 सीता की खोज Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 22 सीता की खोज बहुविकल्पीय प्रश्न

अभ्यास प्रश्न (बहुविकल्पीय व वर्णनात्मक प्रश्नों सहित)

1. राम, सीता की रखवाली के लिए किसे छोड़कर आए थे?

(क) हनुमान को
(ख) लक्ष्मण को
(ग) मारीच को
(घ) जटायु को

उत्तर (ख) लक्ष्मण को

2. कुटिया पहुँचकर राम किसे पुकार रहे थे?

(क) भरत
(ख) लक्ष्मण
(ग) रावण
(घ) सीता

उत्तर (घ) सीता

3. टूटे रथ के पास क्या मिला?

(क) पादुकाएँ
(ख) पुष्पमाला
(ग) तलवार
(घ) आभूषण

उत्तर (ख) पुष्पमाला

4. विरह में राम कौन-सी नदी पर गए थे?

(क) सरस्वती नदी
(ख) यमुना नदी
(ग) गोदावरी नदी
(घ) सई नदी

उत्तर (ग) गोदावरी नदी

5. कबंध कौन था?

(क) किसान
(ख) वनवासी
(ग) मायावी राक्षस
(घ) ऋषि

उत्तर (ग) मायावी राक्षस

6. पंपा सरोवर के पास किसका आश्रम था?

(क) महर्षि भारद्वाज का
(ख) महर्षि मतंग का
(ग) महर्षि विश्वामित्र का
(घ) महर्षि वाल्मीकि का

उत्तर (ख) महर्षि मतंग का

7. शबरी ने राम को किससे मित्रता करने को कहा?

(क) सुग्रीव से
(ख) विभीषण से
(ग) बाली से
(घ) रावण से

उत्तर (क) सुग्रीव से

8. ऋष्यमूक पर्वत किस वानरराज का क्षेत्र था?

(क) सुग्रीव का
(ख) बाली का
(ग) हनुमान का
(घ) जामवंत का

उत्तर (क) सुग्रीव का

9. रावण सीता को कहाँ ले गया था?

(क) स्वर्ग
(ख) पाताल
(ग) लंका
(घ) अयोध्या

उत्तर (ग) लंका

10. बिना गर्दन, एक आँख और एक योजन लंबी भुजा वाले राक्षस का क्या नाम था ?

(क) अकंपन
(ख) खर
(ग) कबंध
(घ) सारथी

उत्तर (ग) कबंध

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 22 सीता की खोज रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. राम ने मार्ग में _________ को आते देखा और कहा, तुमने मेरी आज्ञा का उल्लंघन करके अच्छा नहीं किया।

उत्तर राम ने मार्ग में लक्ष्मण को आते देखा और कहा, तुमने मेरी आज्ञा का उल्लंघन करके अच्छा नहीं किया ।

2. कुटिया में ___________ न थी। ___________ हे सीते! हे सीते! पुकारते रहे।

उत्तर कुटिया में सीता न थी। राम हे सीते! हे सीते! पुकारते रहे।

3. राम के पूछने पर _________ ने सिर उठाकर आसमान की ओर देखा और _______ की ओर भाग गए।

उत्तर राम के पूछने पर हिरणों ने सिर उठाकर आसमान की ओर देखा और दक्षिण दिशा की ओर भाग गए।

4. वन में भटकते हुए राम-लक्ष्मण को टूटे हुए __________ के टुकड़े मिले।

उत्तर वन में भटकते हुए राम-लक्ष्मण को टूटे हुए रथ के टुकड़े मिले।

5. कुछ ही दूर पर पक्षिराज ‘मिले, जिसके रावण ने पंख काट दिए थे।

उत्तर कुछ ही दूर पर पक्षिराज जटायु मिले, जिसके रावण ने पंख काट दिए थे।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 22 सीता की खोज अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

1. कुटिया की ओर भागे चले आ रहे राम के मन में कौन-सी आशंकाएँ थीं?

उत्तर कुटिया की ओर भागे चले आ रहे राम के मन में मारीच की माया और सीता की सुरक्षा को लेकर अनेक आशंकाएँ थीं।

2. राम जब कुटिया की ओर भागे जा रहे थे, तब उन्होंने किसे पगडंडी से आते देखा ?

उत्तर राम जब कुटिया की ओर भागे जा रहे थे, तब उन्होंने लक्ष्मण को पगडंडी से आते देखा।

3. राम को सीता वियोग में विलाप करते देख लक्ष्मण ने उनसे क्या कहा?

उत्तर राम को सीता वियोग में विलाप करते देख लक्ष्मण ने राम से कहा कि आप धैर्य रखिए हम सीता को ढूँढ निकालेंगे।

4. राम ने जब लक्ष्मण को अयोध्या लौट जाने को कहा, तब उसने क्या कहा?

उत्तर राम ने जब लक्ष्मण को अयोध्या लौट जाने को कहा, तब उसने कहा – ” आप आदर्श पुरुष हैं। आपको धैर्य रखना चाहिए। इस तरह दुःख से कातर नहीं होना चाहिए। हम मिलकर सीता की खोज करेंगे। वे जहाँ भी होंगी, हम उन्हें ढूंढ निकालेंगे।”

5. यात्रा के दौरान एक दिन राम-लक्ष्मण पर किसने आक्रमण किया?

उत्तर यात्रा के दौरान एक दिन राम-लक्ष्मण पर विशालकाय राक्षस कबंध ने आक्रमण किया।

6. शबरी ने राम को किससे मिलने की सलाह दी ?

उत्तर शबरी ने राम को सुग्रीव से मिलने की सलाह दी।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 22 सीता की खोज लघु उत्तरीय प्रश्न

1. राम जल्दी वापस क्यों लौटना चाहते थे?

उत्तर राम मारीच की माया को समझ चुके थे। वह उन्हें छल से कुटिया से भय से वे चिंतित थे। उन्हें दूर ले गया था। सीता के अनिष्ट के अकेले सीता को राक्षसों द्वारा मारने का डर था, इसलिए वे शीघ्रता से वापस लौटना चाहते थे।

2. लक्ष्मण को आता देखकर राम क्यों क्रोधित हुए?

उत्तर लक्ष्मण को आता देखकर जिस बात का उन्हें डर था वही होता हुआ देखकर क्रोधित हुए। उन्हें डर था कि अकेली सीता दुष्ट राक्षसों का सामना कैसे कर पाएँगी। राक्षस उस पर हमला कर देंगे और वह उनका सामना नहीं कर पाएँगी।

3. राम के क्रोधित होने पर लक्ष्मण ने अपना पक्ष किस प्रकार रखा?

उत्तर राम के क्रोधित होने पर लक्ष्मण ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मेरे मन में आपकी सुरक्षा के प्रति कोई संदेह नहीं था। मैं जानता था आप सकुशल होंगे, परंतु देवी सीता के कटु वचन में सह नहीं सका। उनके कटाक्ष और उलाहने मेरे लिए असहनीय थे। मैं आपके पास आने को विवश हो गया था।

4. राम ने परिहास करने वाली बात क्यों कही?

उत्तर कुटिया पहुँचने के बाद जब राम ने सीता को नहीं देखा, तब राम को लगा कि सीता उनके साथ लुका-छुपी खेल रही है। इस कारण राम ने परिहास करने वाली बात कही।

5. सीता की खोज में भटकते हुए राम-लक्ष्मण ने क्या-क्या देखा ?

उत्तर सीता की खोज में भटकते हुए, मार्ग में राम-लक्ष्मण ने रथ के टुकड़े, मरा हुआ सारथी और मरे हुए घोड़े देखे। वहीं उन्हें सीता के बालों के साथ गुँथी पुष्पमाला भी पड़ी मिली। थोड़ी दूरी पर उन्होंने पक्षिराज जटायु को देखा। उसके पंख कटे हुए थे, वह खून से लथपथ था। जटायु ने सीता के बारे में उन्हें महत्त्वपूर्ण जानकारी दी।

6. राम ने सीता की खोज के लिए दक्षिण दिशा की ओर जाने का निश्चय क्यों किया?

उत्तर सीता के वियोग में राम जब विलाप कर रहे थे, उसी समय आश्रम के आस-पास घूमने वाले हिरणों का एक झुंड उनके समीप आया। राम को लगा कि वे हिरण संभवतः सीता के बारे में कुछ जानते हैं। राम ने उनसे सीता के विषय में पूछा। हिरणों ने सिर उठाकर आसमान की ओर देखा एवं दक्षिण दिशा की ओर भाग गए। राम ने उनका यह संकेत समझ लिया और सीता की खोज में दक्षिण दिशा की ओर जाने का निश्चय किया।

7. कबंध कौन था? उसने राम से क्या आग्रह किया?

उत्तर कबंध एक विशालकाय राक्षस था। वह देखने में बहुत भयानक और मांसपिंड जैसा था, उसकी एक आँख थी, दाँत बाहर निकले हुए थे, जीभ लंबी साँप की तरह लपलपाती हुई थी। उसने राम व लक्ष्मण पर आक्रमण किया था। जब राम व लक्ष्मण ने उसके दोनों हाथ काट दिए तब राम का परिचय पाकर उसने अपना अंतिम संस्कार करने का आग्रह राम से किया था।

8. जटायु ने सीता को बचाने के लिए क्या किया?

उत्तर जटायु ने सीता को रावण से बचाने के लिए उसके साथ युद्ध किया। उसका रथ गिरा दिया। सारथी व उसके घोड़ों को मार गिराया। रावण को भी घायल कर दिया, लेकिन दुर्भाग्य से जटायु सीता को बचा नही सका।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 22 सीता की खोज दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. सीता के कुटिया में न मिलने पर राम की मनोदशा का वर्णन कीजिए ।

उत्तर मायावी हिरण राम को कुटिया से बहुत दूर ले गया था। हिरण के मरते ही वे वापस कुटिया की ओर लौटने लगे। मार्ग में लक्ष्मण को आते देख उनका मन सीता के प्रति अनिष्ट की आशंका से भर गया। कुटिया दूर से ही दिखने लगी थी।

राम ने दूर से सीता को पुकारा, पर कोई उत्तर न मिला। सीता को वहाँ न पाकर राम बेचैन हो गए। राम की आवाज पेड़ों से टकराकर हवा में लुप्त हो जाती थी। राम ने सीता को हर स्थान पर देखा, जहाँ भी वे जा सकती थीं। वे पेड़-पौधों, पत्थरों एवं चट्टानों से भी सीता के विषय में पूछ रहे थे। सीता से बिछुड़कर राम की मानसिक स्थिति विक्षिप्त जैसी हो गई। वे शोक से व्याकुल हो गए थे।

2. राम ने सीता के न मिलने पर उसके बारे में किस-किस से पूछा ?

उत्तर सीता को कुटिया में न पाकर राम का मन बहुत विचलित हो उठा। वह पूरे वन में सीता को ढूंढते रहे। वह वन में हर एक पेड़, फूल, नदियाँ आदि सभी से सीता का पता पूछ रहे थे, लेकिन किसी से भी पूछने पर उन्हें कोई जवाब नहीं मिलता था। वह सीता के विरह के दुःख में यह भूल गए थे कि पेड़, फूल, चट्टानें आदि बोलते नहीं हैं।

वन के एक मृग समूह ने फिर उन्हें संकेतों द्वारा सीता का पता बताया। मृग समूह ने यह बताया कि सीता किस दिशा की ओर गई है। तत्पश्चात् जटायु, कबंध, शबरी और सुग्रीव ने उनके सवालों को सुनकर उन्हें थोड़ी-बहुत जानकारी दी।

3. सीता की खोज करते हुए राम-लक्ष्मण को घायल स्थिति में कौन मिला? उसने सीता के बारे में क्या जानकारी दी ?

उत्तर सीता की खोज करते हुए राम-लक्ष्मण को घायल अवस्था में जटायु मिला। जटायु रावण से युद्ध करते हुए घायल हो गया था। रावण जब सीता का हरण कर उसे रथ में बैठाकर आकाश मार्ग से ले जा रहा था तथा सीता अपनी रक्षा के लिए पुकार रही थीं, तभी जटायु ने सीता की रक्षा करने के लिए तथा उसे रावण के चंगुल से छुड़ाने के लिए रावण पर आक्रमण कर दिया, लेकिन रावण ने उसे घायल कर उसके पंख काट दिए थे।

राम-लक्ष्मण से जटायु की भेंट होने पर जटायु ने उन्हें बताया कि रावण सीता का हरण कर उसे दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर ले गया है। सीता उस समय बहुत दुःखी थीं तथा विलाप कर रही थीं। वह रावण के चंगुल से छूटने की पूरी कोशिश कर रही थीं।

4. शबरी कौन थी ? उनकी और राम की भेंट का वर्णन कीजिए।

उत्तर शबरी मतंग ऋषि की शिष्या थीं। वह पंपा सरोवर के पास बने मतंग ऋषि के आश्रम में रहती थीं। वह वृद्धा थीं, लेकिन उसकी आँखें हर पल राम की प्रतीक्षा में द्वार पर लगी रहती थीं। ऋषि ने उसे बताया था कि राम एक दिन अवश्य उनसे मिलने आएँगे।

राम को अपने आश्रम में देखकर शबरी बहुत प्रसन्न हुई । उसने राम-लक्ष्मण की सेवा की। दोनों को रहने के लिए स्थान दिया और खाने के लिए मीठे फल दिए। राम के दर्शन करके शबरी की आँखें तृप्त हो गई। शबरी ने राम को आश्वस्त किया और सुग्रीव से मित्रता करने की सलाह भी दी।

5. शबरी ने राम को सीता को खोजने का क्या मार्ग सुझाया ?

उत्तर कबंध के बताने पर राम शबरी की कुटिया तक पहुँचे थे। तब राम पंपा सरोवर के किनारे ऋष्यमूक पर्वत पर बनी मतंग ऋषि की कुटिया में पहुँचे, तो शबरी ने उन्हें सीता को खोजने का मार्ग बताया। शबरी ने राम को सुग्रीव से मित्रता करने की बात कही। शबरी ने राम को यह भी कहा कि सुग्रीव के पास विलक्षण स्वभाव की वानर सेना है। शबरी ने यह कहकर राम को आश्वस्त किया कि सुग्रीव सीता की खोज में उनकी मदद अवश्य करेंगे।

6. पशु-पक्षी मनुष्य की बोली नहीं बोल सकते, फिर भी मानवीय भावों को समझते हैं। हिरणों के झुंड ने राम को सीता के दक्षिण- दिशा की ओर जाने का संकेत करके सहायता की थी। अपने जीवन की कोई भी घटना लिखें, जब किसी पशु या पक्षी ने आपकी मदद की हो।

उत्तर पशु-पक्षी हम मनुष्यों की तरह बोल नहीं सकते, फिर भी मनुष्य के भावों को समझते हैं। मेरे घर में एक पालतू कुत्ता था। घर के अंदर किचन गार्डन बना हुआ था, जहाँ बहुत सी सब्जियाँ लगी रहती थीं।

एक रात न जाने कहाँ से जहरीला साँप वहाँ आ गया। मेरे पालतू कुत्ते ने उसे देखकर भौंकना प्रारंभ किया। लगातार भौंकने के कारण जब हम सब उठे और बाहर आए, तो देखा कि हमारा कुत्ता साँप के सामने खड़ा भौंक रहा था और साँप को कमरों की ओर नहीं आने दे रहा था। इस प्रकार, हमारे पालतू कुत्ते ने हमें साँप से बचाकर हमारी मदद की।

 

 

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 21 सोने का का हिरण Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 21 सोने का का हिरण Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 21 सोने का का हिरण पाठ का सार

मायावी हिरण को पकड़ने का प्रयास

राम के कुटी से निकलते ही मायावी हिरण बहुत तेज दौड़ने लगा। राम उस हिरण का पीछा करते हुए कुटिया से बहुत दूर निकल गए। जैसे ही राम उसे पकड़ने का प्रयास करते, वह और दूर भाग जाता। राम किसी भी प्रकार से उस हिरण को नहीं पकड़ पा रहे थे। उनके सभी प्रयास विफल हो रहे थे। राम ने हिरण को जीवित पकड़ने का विचार छोड़ दिया।

उन्होंने अपना धनुष उठाया और उस हिरण पर निशाना साधा। बाण लगते ही हिरण गिर पड़ा और अपने असली रूप में आ गया। उसने अपना रूप ही नहीं, बल्कि अपनी आवाज़ भी राम जैसी बना ली थी। धरती पर गिरते ही वह राम की आवाज में चिल्लाया— हे सीते! हे लक्ष्मण ! वह इस प्रकार चिल्लाया, जैसे राम सहायता के लिए पुकार रहे हों और वह थोड़ी देर में मर गया। रावण एक पेड़ के पीछे सारी घटना देख रहा था। वह बहुत प्रसन्न था, क्योंकि उसकी चाल सफल हो गई थी।

सीता का राम की सहायता करने के लिए लक्ष्मण से अनुरोध

मारीच की आवाज सीता और लक्ष्मण दोनों ने सुनी। लक्ष्मण समझ गए कि यह कोई चाल है, परंतु सीता घबरा गई और उन्होंने लक्ष्मण को भाई की सहायता के लिए जाने को कहा। लक्ष्मण ने सीता को समझाया कि यह सब मायावी राक्षसों की चाल है, आप चिंता न करें, भईया राम को कुछ नहीं होगा। सीता के बार-बार अनुरोध करने पर भी जब वे नहीं गए तब अंत में वे लक्ष्मण पर क्रोधित हो गई और लक्ष्मण का राम की सहायता के लिए न जाना षड्यंत्र कहा ।

सीता की बातों से लक्ष्मण को आघात पहुँचा, फिर भी लक्ष्मण ने संयम बनाए रखा और सीता को समझाया कि खर-दूषण के मारे जाने के कारण राक्षस बौखला गए हैं। वे हमसे बदला लेना चाहते हैं, आप उनकी चाल में न आएँ। सीता को लक्ष्मण की बातें सही नहीं लगीं।

अंत में सीता ने कहा कि मैं राम से बिछुड़कर नहीं रह सकती। मैं उनसे बिछुड़ने पर जान दे दूंगी। हे लक्ष्मण! तुम जाओ और उन्हें ले आओ । लक्ष्मण सीता को प्रणाम कर राम की खोज में चल पड़े।

सीता हरण 

लक्ष्मण के जाते ही रावण ने साधु का रूप धारण किया। उसने तपस्वियों की तरह के वस्त्र पहने, जटाजूट धारण किया और सीता की कुटिया के बाहर आ पहुँचा। सीता ने साधु समझकर उसका स्वागत किया। रावण ने सीता के रूप, संस्कार और साहस की प्रशंसा करते हुए अपना परिचय दिया। मैं राक्षसों का राजा लंकापति रावण हूँ। तुम मेरी रानी बनकर लंका चलो। रावण की यह बात सुनकर सीता क्रोधित हो गईं और कहा, मैं राम की पत्नी हूँ। वे महाबलशाली हैं, तुम चले जाओ, नहीं तो तुम्हारा सर्वनाश हो जाएगा। सीता के अनसुनी करने पर उसने छल-कपट से सीता का हरण कर लिया। सीता स्वयं को असहाय पाकर विलाप करने लगीं।

मार्ग में जटायु का रावण पर आक्रमण करना

रावण का रथ जब लंका की ओर जा रहा था, तो मार्ग में सीता पेड़-पौधों, पशु-पक्षियों, पर्वतों नदियों से कहती जा रही थीं कि कोई राम को रावण द्वारा उनके हरण किए जाने की बात बता दे । गिद्धराज जटायु ने सीता का विलाप सुना, तो उसने रावण के रथ पर हमला कर दिया।
बूढ़े गिद्धराज जटायु ने रावण के रथ को क्षत-विक्षत कर रावण को भी घायल कर दिया। क्रोध में आकर रावण ने जटायु के पंख काट दिए और पंखहीन जटायु धरती पर आ गिरा।

रावण का रथ टूट चुका था। अतः उसने सीता को अपनी बाँहों में दबाया और दक्षिण दिशा की ओर लेकर उड़ गया। सीता किसी भी प्रकार राम तक अपना समाचार पहुँचाना चाहती थीं। सीता ने अपने आभूषण उतारकर फेंकना प्रारंभ कर दिए, ताकि उनके मार्ग का पता राम को चल सके। वानरों ने आभूषण उठा लिए।

रावण द्वारा सीता को प्रभावित करने का प्रयास

रावण लंका पहुँचकर अपने धन-वैभव से सीता को प्रभावित करना चाहता था। उसने सीता को राक्षसियों की निगरानी में अंतःपुर में रखा और कहा कि मैं तुम्हें एक वर्ष का समय देता हूँ। निर्णय कर लो कि मेरी रानी बनोगी या सारा जीवन रोती रहोगी। सीता बार- बार रावण को धिक्कारती रहीं तथा राम का गुणगान करती रहीं। राम की प्रशंसा सुनकर तथा खर-दूषण की मृत्यु को याद कर रावण को लगा कि राम

अवश्य शक्तिशाली होगा। उसने तत्काल अपने सबसे बलिष्ठ आठ राक्षसों को बुलाकर पंचवटी जाने के लिए कहा और अवसर पाते ही राम-लक्ष्मण को मारने का आदेश भी दे दिया।

रावण ने अपनी योजना में परिवर्तन किया तथा सीता को अंतःपुर से निकालकर अशोक वाटिका में बंदी बनाया। उसने राक्षस राक्षसियों से सीता को शारीरिक कष्ट न पहुँचाकर केवल मानसिक कष्ट पहुँचाने के लिए कहा।

शब्दार्थ

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग' पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 7 सोने का का हिरण Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 21 सोने का का हिरण बहुविकल्पीय प्रश्न

अभ्यास प्रश्न (बहुविकल्पीय व वर्णनात्मक प्रश्नों सहित)

1. रावण कहाँ का राजा था?

(क) अयोध्या का
(ख) किष्किंधा का
(ग) दक्षिण भारत का
(घ) लंका का

उत्तर (घ) लंका का

2. रावण किसके पीछे छिपकर खड़ा था?

(क) वृक्ष के पीछे
(ख) कुटिया के पीछे
(ग) रथ के पीछे
(घ) पहाड़ के पीछे

उत्तर (क) वृक्ष के पीछे

3. लक्ष्मण को किसकी बातों से गहरा आघात पहुँचा था ?

(क) शत्रुघ्न की बातों से
(ख) राम की बातों से
(ग) भरत की बातों से
(घ) सीता की बातों से

उत्तर (घ) सीता की बातों से

4. राक्षसों की अगली चाल का सामना करने के लिए कौन तैयार था ?

(क) लक्ष्मण
(ख) जटायु
(ग) राम
(घ) रावण

उत्तर (क) लक्ष्मण

5. रावण की चाल सफल बनाने में किसने अच्छी भूमिका निभाई थी?

(क) मारीच ने
(ख) शूर्पणखा ने
(ग) विभीषण ने
(घ) अकंपन ने

उत्तर (क) मारीच ने

6. रावण के रथ पर किसने हमला किया था?

(क) मारीच ने
(ख) लक्ष्मण ने
(ग) गिद्धराज जटायु ने
(घ) राम ने

उत्तर (ग) गिद्धराज जटायु ने

7. रावण ने सीता को अपनी रानी बनाने का कितना समय दिया था?

(क) 4 माह
(ख) 6 माह
(ग) 1 वर्ष
(घ) 2 वर्ष

उत्तर (ग) 1 वर्ष

8. अशोक वाटिका में सीता बार-बार किसका नाम लेती थी?

(क) राम का
(ख) रावण का
(ग) हनुमान का
(घ) लक्ष्मण का

उत्तर (क) राम का

9. मायावी हिरण के वेश में कौन था?

(क) रावण
(ख) मारीच
(ग) जामवंत
(घ) अकंपन

उत्तर (ख) मारीच

10. किसे कुटी से बाहर निकलते देखकर मायावी हिरण कुलांचे भरने लगा ?

(क) सीता को देखकर
(ख) लक्ष्मण को देखकर
(ग) राम को देखकर
(घ) रावण को देखकर

उत्तर (ग) राम को देखकर

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 21 सोने का का हिरण रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. राम को कुटी से निकलते देखकर ______ कुलाचें भरने लगा।

उत्तर राम को कुटी से निकलते देखकर मायावी हिरण कुलाचें भरने लगा।

2. मारीच राम की आवाज में चिल्लाया _________

उत्तर मारीच राम की आवाज में चिल्लाया— हे सीते! हे लक्ष्मण !

3. सीता के बार-बार अनुरोध करने पर _______ राम की खोज में निकल पड़े।

उत्तर सीता के बार-बार अनुरोध करने पर लक्ष्मण राम की खोज में निकल पड़े।

4. सीता के मुख से राम की प्रशंसा सुनकर रावण ने अपने ______________ बलिष्ठ __________ को पंचवटी भेजा।

उत्तर सीता के मुख से राम की प्रशंसा सुनकर रावण ने अपने आठ बलिष्ठ राक्षसों को पंचवटी भेजा।

5. रावण ने अपनी योजना बदलकर सीता को _____________ में बंदी बनाकर रखा।

उत्तर रावण ने अपनी योजना बदलकर सीता को अशोक वाटिका में बंदी बनाकर रखा।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 21 सोने का का हिरण अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

1. राम ने लक्ष्मण को क्या आदेश दिया था ?

उत्तर राम ने लक्ष्मण को उनके लौटने तक सीता की रक्षा करने का आदेश दिया था।

2. सोने का हिरण राम को कुटिया से दूर कैसे ले गया?

उत्तर सोने का हिरण राम के सामने से कुलाचें भरते हुए दूर निकल गया, जिसका पीछा करते हुए राम अपनी कुटिया से दूर चले गए।

3. राम ने हिरण को जीवित पकड़ने का विचार क्यों त्याग दिया ?

उत्तर राम ने हिरण को जीवित पकड़ने का विचार इसलिए त्याग दिया, क्योंकि वह हिरण को पकड़ने का जब भी प्रयास करते, वह और दूर भागकर चला जाता।

4. मारीच ने रूप के साथ और क्या बदला?

उत्तर मारीच ने रूप के साथ अपनी आवाज़ भी बदल ली थी। मारीच ने अपनी आवाज़ राम जैसी बना ली थी।

5. सीता के कटु शब्दों का लक्ष्मण पर क्या असर हुआ ?

उत्तर सीता की कटु बातों से लक्ष्मण को गहरा आघात पहुँचा। उनका हृदय छलनी हो गया, पर उन्होंने पलटकर उत्तर नहीं दिया और संयम बनाए रखा।

6. रावण को अकंपन की कौन-सी बात याद आई ?

उत्तर रावण को अकंपन की सीता का हरण करने की बात याद आई, जिससे राम के प्राण निकल जाएँगे।

7. सीता किस-किस से अपनी सूचना राम तक पहुँचाने को कह रही थीं?

उत्तर सीता पशुओं, पक्षियों, पर्वतों एवं नदियों से अपनी सूचना राम तक पहुँचाने को कह रही थीं।

8. सीता के विलाप की आवाज़ किसने सुनी?

उत्तर सीता के विलाप की आवाज़ गिद्धराज जटायु ने सुनी थी।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 21 सोने का का हिरण लघु उत्तरीय प्रश्न

1. राम को कुटी से निकलते देखकर मायावी हिरण ने क्या किया?

उत्तर राम को कुटी से निकलते देखकर मायावी हिरण कुलाचें भरने लगा। वह झाड़ियों में छिपता – छिपाता राम को कुटी से बहुत दूर ले गया। जैसे ही राम उस हिरण को पकड़ने का प्रयास करते, वह भागकर दूर चला जाता था।

2. जीवित हिरण को न पकड़ पाने पर राम ने क्या किया?

उत्तर जब मायावी हिरण को राम जीवित न पकड़ सके, तो उन्होंने उस हिरण को जीवित पकड़ने का विचार त्याग दिया। उन्होंने अपना धनुष उठाया और निशाना साधकर बाण हिरण पर छोड़ दिया।

3. मारीच की आवाज़ सुनते ही राम ने क्या किया?

उत्तर मारीच की बदली हुई आवाज़ सुनकर राम समझ गए कि यह उसकी कोई चाल है। वह समझ गए कि हिरण जान-बूझकर उन्हें कुटिया से दूर ले जाने के लिए भागता रहा। राम उसका षड्यंत्र विफल करने के लिए जल्दी से कुटिया की ओर चल दिए। वे शीघ्रतापूर्वक कुटिया में पहुँचना चाहते थे।

4. जटायु कौन था? उसने रावण पर आक्रमण क्यों किया?

उत्तर जटायु वृद्ध गिद्धराज था। वह राम के पिता दशरथ का मित्र भी था । जब जटायु ने सीता का विलाप सुना तो उसने सीता की सहायता तथा उन्हें रावण के चंगुल से छुड़ाने के लिए ऊँची उड़ान भरी एवं रावण के रथ पर हमला कर दिया। उसने रावण के रथ को क्षत-विक्षत कर रावण को भी घायल कर दिया।

5. रावण द्वारा हरण कर लंका ले जाते समय सीता ने अपने आभूषण क्यों फेंके ?

उत्तर रावण द्वारा हरण कर लंका ले जाते समय सीता ने रास्ते में एक-एक कर अपने आभूषण फेंकने इसलिए शुरू कर दिए, जिससे राम को उनके हरण की सूचना मिल जाए और यह पता चल जाए कि सीता किस दिशा में गई है। राम उनकी रक्षा करने तथा रावण के चंगुल से बचाने आ जाएँ।

6. सीता हरण का मुख्य कारण क्या था?

उत्तर सीता हरण का मुख्य कारण उनका सोने के हिरण के प्रति आकर्षण था। सोने का हिरण देखते ही सीता ने सोचा कि कितना सुंदर हिरण है। इससे मैं अपनी कुटिया की शोभा बढ़ाऊँगी।

अतः उन्होंने राम से उसे पकड़कर लाने का आग्रह किया। राम के उस हिरण के पीछे जाते ही छल से लक्ष्मण को भी उस हिरण द्वारा बुला लिए जाने पर रावण ने तुरंत सीता का हरण कर लिया।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 21 सोने का का हिरण दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. राम को कुटिया से दूर ले जाने के लिए मायावी हिरण ने क्या-क्या किया? उसका क्या परिणाम हुआ?

उत्तर मारीच एक मायावी राक्षस था। उसने रावण की आज्ञानुसार सोने के हिरण का रूप धारण किया। राम को कुटी से निकलते देखकर मायावी हिरण कुलाचें भरने लगा।

वह झाड़ियों में लुकता – छिपता भागता रहा। राम जैसे ही उसे पकड़ने का प्रयास करते, वह भागकर दूर चला जाता। इस प्रकार हिरण राम को कुटी से बहुत दूर ले गया। राम जब हिरण को पकड़ने में असफल रहे, तो उन्होंने उसे जीवित पकड़ने का विचार त्याग दिया। राम ने धनुष उठाकर एक बाण उस पर छोड़ दिया। कुछ ही देर में हिरण गिर पड़ा।

धरती पर गिरते ही मारीच अपने असली रूप में आ गया। मारीच ने रूप के साथ अपनी आवाज़ भी बदल ली थी। वह राम की आवाज़ में हे सीते! हे लक्ष्मण! जोर से चिल्लाया जैसे राम सहायता के लिए पुकार रहे हों। राम के बाण के प्रहार से वह छटपटाने लगा और उसकी मृत्यु हो गई।

2. क्रोधित सीता ने लक्ष्मण पर क्या आरोप लगाए?

उत्तर जब राम की आवाज़ सुनकर भी लक्ष्मण उनकी सहायता के लिए नहीं गए, तो सीता को लगा कि लक्ष्मण उनके हितैषी नहीं हैं तथा वह राम का भला नहीं चाहते।

क्रोधित होकर सीता ने कहा- “तुम्हारा मन पवित्र नहीं है, कलुषित है। मैं समझ सकती हूँ कि तुम अपने भाई की सहायता के लिए क्यों नहीं जा रहे हो। तुम चाहते हो कि राम मारे जाएँ, ताकि सारा राजपाट तुम्हारा हो जाए। क्रोधित सीता ने तो यहाँ तक कह दिया कि कहीं तुम भरत के गुप्तचर तो नहीं।

3. सीता को लंका ले जाकर रावण ने क्या किया?

उत्तर रावण सीता को लंका में अपने अंतःपुर में ले गया और वह उन्हें अपने धन ऐश्वर्य से प्रभावित करने लगा। सीता को राक्षसियों की निगरानी में रखा गया। सीता द्वारा उसकी बात स्वीकार न किए जाने पर रावण ने सीता को धमकाया कि मैं तुम्हें एक वर्ष का समय देता हूँ। निर्णय कर लो तुम मेरी रानी बनकर लंका में राज करोगी या विलाप करते हुए जीवन बिताओगी। तुम्हें कोई नहीं बचा सकता । केवल मैं तुम्हारी रक्षा कर सकता हूँ।

मुझे स्वीकार करो और लंका में रहो। बाद में सीता को अंतःपुर से निकालकर अशोक वाटिका में बंदी बना दिया गया। उसने राक्षसों – राक्षसियों को निर्देश दिए थे कि सीता को किसी प्रकार का शारीरिक व मानसिक कष्ट न हो। इस प्रकार, सीता रो-रोकर अपना जीवन बिताती रहीं।

4. लंका के राजा रावण ने सीता के साथ बलपूर्वक विवाह न करके एक वर्ष का समय क्यों दिया? इससे रावण की किस भावना का पता चलता है?

उत्तर लंका का राजा रावण जब सीता को हरण करके ले गया, तो रावण बलपूर्वक सीता से विवाह कर सकता था, परंतु रावण ने ऐसा नहीं किया। सबसे पहले वह सीता को अपने अंतःपुर ले गया। उसने अपने धन ऐश्वर्य से सीता को प्रभावित करना चाहा। एक वर्ष का समय देकर वह सीता को स्वयं उससे विवाह करने के लिए तैयार करना चाह रहा था।

अशोक वाटिका में भी सीता की सुरक्षा का ध्यान रखा गया। इससे रावण की इस भावना का पता चलता है कि वह सीता की सहमति के बिना बलपूर्वक उससे विवाह नहीं करना चाहता था।

5. सीता ने रावण को चेतावनी देते हुए क्या कहा ?

उत्तर रावण ने सीता से कहा, “तुम्हारा राम यहाँ तक कभी नहीं पहुँच सकता।” इस बात पर सीता ने रावण को चेतावनी देते हुए कहा- “पापी रावण! राम की शक्ति तो देवता भी स्वीकार करते हैं। तुम्हें तो वह अपनी दृष्टि से ही जलाकर राख कर सकते हैं। मैं उस राम की पत्नी हूँ, जिनके तेज और पराक्रम के आगे कोई नहीं ठहर सकता। तेरा सारा वैभव मेरे लिए अर्थहीन है। तूने पाप किया है, तेरा अंत मेरे राम के हाथों निश्चित है।”

6. राम की प्रशंसा सुनकर रावण ने अपनी सेना के सबसे बलवान आठ राक्षसों को क्या आदेश दिया?

उत्तर जब आक्रोश में आकर सीता ने राम की विशेषताएँ बताईं, तो रावण उनकी इतनी प्रशंसा सुनकर चिंतित हो गए। उन्होंने सोचा कि खर-दूषण को मारने वाला कितना शक्तिशाली होगा? उसने तत्काल ही अपनी सेना में से आठ सबसे बलवान राक्षसों को बुलाया और तुरंत उन्हें पंचवटी जाने का आदेश दिया। उन राक्षसों को राम-लक्ष्मण की निगरानी करनी थी और उनका एक-एक समाचार रावण को देना था। रावण ने उन्हें आज्ञा दी कि अवसर पाते ही वे राम और लक्ष्मण को मार दें।

 

 

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 24 लंका में हनुमान Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 24 लंका में हनुमान Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 24 लंका में हनुमान पाठ का सार

हनुमान का लंका की ओर प्रस्थान

जामवंत की बात सुनकर हनुमान की सोई हुई शक्ति जाग उठी। वे महेंद्र पर्वत पर चढ़कर समुद्र को देखने लगे, फिर पूर्व दिशा की ओर मुँह करके पिता को प्रणाम करके हाथ हवा में उठाए । पर्वत से झुककर छलाँग लगा दी। अगले ही पल में वे आकाश में थे तथा तेजी से आगे बढ़ते जा रहे थे। महेंद्र पर्वत बहुत सुंदर था, वनस्पतियों और जीव-जंतुओं से भरा हुआ।

हनुमान के छलाँग लगाने से दबाव के कारण महेंद्र पर्वत के कुछ हिस्से टूटकर गिर गए। वे वायु की गति से आगे बढ़ रहे थे। समुद्र के अंदर स्थित मैनाक पर्वत चाहता था कि हनुमान कुछ पल वहाँ विश्राम कर लें। वह जल को चीरता हुआ ऊपर उठा, परंतु हनुमान नहीं रुके मार्ग में सुरसा राक्षसी मिली, जिसका शरीर विराट था।

वह हनुमान को खा जाना चाहती थी, लेकिन पवन पुत्र हनुमान उसे चकमा देकर आगे निकल गए। आगे छाया राक्षसी सिंहिका मिली और उसने जल में हनुमान की परछाईं को पकड़ लिया। हनुमान अचानक आसमान में ठहर गए। क्रोधित हनुमान ने सिंहिका को मार डाला और आगे बढ़े।

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जगमगाती सोने की लंका

हनुमान जब सागर पार उतरे तो उन्हें सोने की लंका दिखाई देने लगी थी। इमारतों में बने कंगूरे और दीवारें दिखाई दे रही थीं। यह लंका रावण की राजधानी थी।

हनुमान समुद्र के किनारे उतर गए और एक पहाड़ी पर खड़े होकर हनुमान ने खूबसूरत लंका नगरी को देखा। चारों ओर वृक्ष लगे थे, भव्य भवन थे और बगीचे सुगंधित थे। ऐसा सुंदर नगर हनुमान ने पहले कभी नहीं देखा था। वे एक-एक वस्तु को भली-भाँति देख लेना चाहते थे, जिससे वह सीता की खोज में काम आए।

हनुमान का लंका में प्रवेश

हनुमान समुद्र तट पर ही शाम ढलने की प्रतीक्षा करने लगे। उन्होंने दिन के समय लंका में प्रवेश करना उचित न समझा और शाम ढलने पर लंका में प्रवेश किया। हनुमान राजमहल पहुँच गए, जहाँ अधिकतर राक्षस सो रहे थे, क्योंकि रात का समय था ।

हनुमान के सामने सबसे बड़ा प्रश्न सीता का पता लगाना था। इस विराट नगर में यह काम सरल नहीं था। वृक्षों की डालियों पर कूदते – फाँदते हनुमान नगर के बीच पहुँच गए थे। उनका कि सीता राजमहल में होंगी।

हनुमान ने महल में चारों ओर देखा, अधिकतर लोग सो रहे थे। सीता जैसी कोई स्त्री हनुमान को नहीं दिखाई पड़ी। वे रावण के कक्ष में गए, वहाँ रानी मंदोदरी थी, परंतु सीता न मिली। सीता के विषय में सोचते हुए वे अंतःपुर से बाहर निकले। उन्होंने राक्षसों के एक-एक क घर पशुशालाएँ आदि भी देख लीं, परंतु सीता जैसी कोई स्त्री नहीं दिखाई दीं, तभी उनका ध्यान अशोक वाटिका की ओर गया।

अशोक वाटिका का दृश्य

हनुमान अशोक वाटिका में पहुँचे जहाँ अशोक के बड़े-बड़े पेड़ लगे थे। हनुमान को लगा सीता यहाँ नहीं हो सकती। निराशा से हनुमान एक वृक्ष पर चढ़कर बैठ गए। दिनभर वे घने पेड़ के पत्तों में छिपे रहे हनुमान पेड़ पर से सब कुछ देख रहे थे, लेकिन उन्हें कोई नहीं देख सकता था।

रात होने पर उन्हें एक कोने से राक्षसियों का अट्टहास सुनाई दिया। उन्हें राक्षसियों के बीच एक स्त्री बैठी दिखाई दी, जो बहुत उदास, दयनीय और दुर्बल थी। हनुमान को अब विश्वास हो गया, वह स्त्री और कोई नहीं सीता माँ हैं।

रावण का तिरस्कार

राक्षसियाँ सीता के आस-पास थीं, तभी दासियों के साथ रावण वहाँ आया। रावण ने सीता को बहुत बहलाया-फुसलाया और लालच दिया, परंतु सीता नहीं डिगीं। वह रावण से डर रही थीं, पर वे लगातार उनका तिरस्कार कर रही थीं। रावण उन्हें अपनी रानी बनने के लिए कह रहा था।

रावण का प्रस्ताव स्वीकार करने के लिए राक्षसियाँ सीता को समझाती, उन्हें डराती-धमकाती थीं। उन्हीं में से एक राक्षसी त्रिजटा ने सभी राक्षसियों से कहा कि उसने एक सपना देखा है जिसमें पूरी लंका समुद्र में डूब गई, सब नष्ट हो गया। सीता को लगा कि यह सपना कहीं उनके लिए तो नहीं और वह विलाप करने लगीं। राक्षसियाँ एक-एक करके वहाँ से चली गई।

हनुमान की सीता से भेंट

राक्षसियों के जाने के बाद हनुमान ने पेड़ पर बैठे-बैठे राम-कथा प्रारंभ कर दी। सीताजी ने ऊपर देखकर पूछा, तुम कौन हो? हनुमान नीचे उतर आए और राम की अंगूठी सीताजी को दे दी तथा अपना परिचय दिया, मैं श्रीराम का दास और वानरराज सुग्रीव का अनुचर हूँ। उन्होंने मुझे यहाँ आपका समाचार लेने के लिए भेजा है। हनुमान के प्रति सीता के मन में अभी भी शंका थी। उन्होंने पर्वत पर फेंके आभूषणों की याद दिलाकर उनका संदेह दूर किया। सीता ने राम का कुशल क्षेम पूछा तथा कई प्रश्न भी किए।

हनुमान ने सीता से विदा ली और वह पूरी सूचना तत्काल राम तक पहुँचाना चाहते थे। सीता ने अपना एक आभूषण हनुमान को दे दिया तथा हनुमान ने सीता को आश्वासन दिया कि श्रीराम दो महीने में आपके पास अवश्य ही पहुँच जाएँगे ।

हनुमान का अशोक वाटिका उजाड़ डालना व लंका दहन हनुमान ने रावण का उपवन तहस-नहस कर डाला, अशोक वाटिका उजाड़ डाली, पेड़ उखाड़ डाले तथा विरोध करने वाले राक्षसों को भी मार डाला। हनुमान ने रावण के पुत्र अक्षय कुमार को भी मार डाला। राक्षसों ने रावण को वानर के उत्पात की सूचना दी, जिसे सुनकर रावण क्रोधित हो गया।

उसने सबसे बड़े बेटे मेघनाद को अपने सामने बंदर को उपस्थित करने के लिए भेजा। मेघनाद ने हनुमान को बाँधकर रावण के सामने दरबार में उपस्थित किया। रावण ने हनुमान को बाँधकर उनकी पूँछ में आग लगाने का आदेश दिया। हनुमान ने उछल-कूद करते हुए सारी लंका में आग लगा दी, तभी उन्हें सीता की चिंता हुई, लेकिन सीता अशोक वाटिका में सकुशल बैठी थीं।

हनुमान की वापसी और युद्ध की तैयारियाँ

सीता का आशीर्वाद लेकर हनुमान उत्तर दिशा की ओर वापस चल पड़े। वे राम को सीता की सूचना देना चाहते थे। दूसरे तट पर अंगद, जामवंत, सेना के अन्य लोग सभी हनुमान की प्रतीक्षा कर रहे थे। हनुमान के पहुँचते ही उन्होंने चारों ओर से हनुमान को घेर लिया तथा उनसे लंका व सीता माता का हाल पूछा। हनुमान ने संक्षेप में सभी को लंका का हाल सुनाया तथा फिर सभी किष्किंधा राम के पास पहुँचे।

हनुमान ने सीता द्वारा दिया आभूषण राम को दिया और बताया वे बहुत चिंतित व परेशान हैं तथा आपकी प्रतीक्षा कर रही हैं। यदि दो माह में आप नहीं पहुँचे, तो पापी रावण उन्हें मार डालेगा। लंका पर आक्रमण करने के लिए समय कम था। सुग्रीव ने युद्ध की तैयारियाँ तुरंत प्रारंभ करने का निर्देश दिया। सुग्रीव ने लक्ष्मण के साथ बैठकर युद्ध की योजना बनाई तथा हनुमान, अंगद, जामवंत, नल और नील सभी की योग्यतानुसार भूमिकाएँ निश्चित की गईं।

शब्दार्थ

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 10 लंका में हनुमान Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 24 लंका में हनुमान बहुविकल्पीय प्रश्न

अभ्यास प्रश्न (बहुविकल्पीय व वर्णनात्मक प्रश्नों सहित)

1. पर्वत शिखर पर खड़े हनुमान ने किसकी ओर देखा था?

(क) समुद्र की ओर
(ख) लक्ष्मण की ओर
(ग) सुग्रीव की ओर
(घ) राम की ओर

उत्तर (क) समुद्र की ओर

2. अंतःपुर के बाहर हनुमान ने क्या देखा?

(क) अशोक वाटिका
(ख) विभीषण
(घ) रावण का रथ
(ग) राक्षस

उत्तर (घ) रावण का रथ

3. अचानक वाटिका के कोने से हनुमान को किसकी अट्टहास सुनाई पड़ी?

(क) रावण की
(ख) राक्षसियों की
(ग) सीता की
(घ) मेघनाद की

उत्तर (ख) राक्षसियों की

4. त्रिजटा कौन थी?

(क) राक्षसी
(ख) दासी
(ग) देवी
(घ) रानी

उत्तर (क) राक्षसी

5. रावण की पत्नी का क्या नाम था ?

(क) सुभद्रा
(ख) सुलोचना
(ग) मंदोदरी
(घ) कैकेयी

उत्तर (ग) मंदोदरी

6. हनुमान ने सीता को क्या दिया?

(क) गले का हार
(ख) आभूषण
(ग) अँगूठी
(घ) राम की पादुका

उत्तर (ग) अँगूठी

7. सीता के मन में किसके प्रति शंका थी?

(क) राम
(ख) लक्ष्मण
(ग) विभीषण
(घ) हनुमान

उत्तर (घ) हनुमान

8. हनुमान से लड़ते हुए रावण के किस पुत्र ने अपने प्राण गँवा दिए?

(क) अक्षयकुमार ने
(ख) मेघनाद ने
(ग) (क) और (ख) दोनों
(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर (क) अक्षयकुमार ने

9. हनुमान किसके प्रति समर्पित थे?

(क) जामवंत के प्रति
(ख) बाली के प्रति
(ग) राम के प्रति
(घ) विभीषण के प्रति

उत्तर (ग) राम के प्रति

10. हनुमान को उनकी शक्ति की याद किसने दिलाई?

(क) राम ने
(ख) विभीषण ने
(ग) सुग्रीव ने
(घ) जामवंत ने

उत्तर (घ) जामवंत ने

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 24 लंका में हनुमान रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. हनुमान उठे और एक ही छलाँग में ________ पर जा खड़े हुए।

उत्तर हनुमान उठे और एक ही छलाँग में महेंद्र पर्वत पर जा खड़े हुए।

2. समुद्र के अंदर पर्वत था _______ वह चाहता था _________ कुछ पल विश्राम कर लें।

उत्तर समुद्र के अंदर पर्वत था मैनाक, वह चाहता था हनुमान कुछ पल विश्राम कर लें।

3. हनुमान __________ को चकमा देकर उसके मुँह में घुसकर बाहर आ गए।

उत्तर हनुमान सुरसा राक्षसी को चकमा देकर उसके मुँह में घुसकर बाहर आ गए।

4. रावण के अशोक वाटिका से जाने के बाद ___________ सीताजी को डराने-धमकाने लगीं।

उत्तर रावण के अशोक वाटिका से जाने के बाद राक्षसियाँ सीताजी को डराने-धमकाने लगीं।

5. राक्षसियों में एक राक्षसी ________ सबसे अलग थी।

उत्तर राक्षसियों में एक राक्षसी त्रिजटा सबसे अलग थी।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 24 लंका में हनुमान अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

1. वानर सेना के सामने क्या चुनौती थी ?

उत्तर वानर सेना के सामने सागर को पार करने की चुनौती थी ।

2. महेंद्र पर्वत कैसा था?

उत्तर महेंद्र पर्वत सुंदर था। यह वनस्पतियों व जीव-जंतुओं से भरा हुआ था।

3. समुद्र के अंदर कौन – सा पहाड़ था ?

उत्तर समुद्र के अंदर मैनाक नामक पहाड़ था। वह चमकता हुआ सुनहरा पर्वत था।

4. समुद्र में हनुमान से कौन मिला था ?

उत्तर समुद्र में हनुमान से सुरसा नामक राक्षसी मिली थी।

5. हनुमान को किस बात की चिंता हुई?

उत्तर हनुमान को चिंता थी कि वह सीता को कैसे ढूँढ़ेगे और कैसे पहचानेंगे?

6. सीता को रावण ने कहाँ रखा था?

उत्तर सीता को रावण ने अशोक वाटिका में रखा था।

7. राक्षसियों के जाते ही हनुमान क्या करने लगे?

उत्तर राक्षसियों के जाते ही हनुमान ने पेड़ पर बैठे-बैठे राम कथा प्रारंभ दी थी और राम का गुणगान करने लगे।

8. सीता के पूछने पर हनुमान ने अपना परिचय किस प्रकार दिया?

उत्तर सीता के पूछने पर हनुमान ने अपना परिचय इस प्रकार दिया कि वे श्रीराम के दास हैं और किष्किंधा के वानरराज सुग्रीव का अनुचर ।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 24 लंका में हनुमान लघु उत्तरीय प्रश्न

1. हनुमान के छलाँग लगाने पर महेंद्र पर्वत पर आए परिवर्तन को लिखिए।

उत्तर हनुमान के छलाँग लगाने पर महेंद्र पर्वत छलाँग के दबाव से दरक गया। वृक्ष काँपकर ही गिर गए व वन थर्रा गए तथा बड़ी-बड़ी चट्टानें नीचे लुढ़कने लगीं और पशु-पक्षी चिल्लाते हुए भागे। कई जगहों पर जल के झरने फूट पड़े व कहीं धुआँ उठने लगा।

2. समुद्र के अंदर कौन-सा पर्वत था? वह जल को चीरकर ऊपर की ओर क्यों उठा ?

उत्तर समुद्र के अंदर एक मैनाक पर्वत था। वह पर्वत सुनहरा और चमकदार था। वह चाहता था कि हनुमान कुछ पल यहाँ विश्राम कर लें, इसलिए मैनाक जल को चीरकर ऊपर की ओर उठा।

3. सिंहिका कौन थी? उसने क्या किया?

उत्तर सिंहिका एक छाया राक्षसी थी उसने जल में ही हनुमान की परछाई पकड़ ली। यह देखकर हनुमान कुछ देर आसमान में ही ठहर गए। क्रोधित हनुमान ने सिंहिका को मार डाला और आगे बढ़े।

4. हनुमान लंका को देखकर क्यों चकित हो गए?

उत्तर हनुमान लंका नगरी को देखने के लिए एक पहाड़ी पर चढ़ गए। वहाँ से चारों तरफ नजर दौड़ाई। लंका सोने की सुंदर नगरी थी। उन्होंने ऐसा भव्य नगर कभी नहीं देखा था। चारों ओर सुंदर बाग-बगीचे, हरे-भरे पेड़ तथा भव्य भवन थे। राक्षस नगरी में इतनी सुंदरता को देखकर हनुमान आश्चर्यचकित थे ।

5. हनुमान ने सीता को लंका में कहाँ-कहाँ खोजा?

उत्तर हनुमान ने शाम के समय लंका में प्रवेश किया। महल में पहरेदार थे। हनुमान ने राक्षसों के सारे घर, पशुशालाएँ, रावण का अंतःपुर सब जगह सीता की खोज की, किंतु सीता कहीं नहीं मिलीं।

6. सीता ने हनुमान को कैसे पहचाना?

उत्तर सीता वाटिका में अकेली थी। हनुमान पेड़ पर ही बैठे रहे तथा पेड़ पर बैठे-बैठे ही उन्होंने राम कथा प्रारंभ की। राम का गुणगान किया। सीता, राम की चर्चा सुनकर चौंकी। हनुमान ने सीता को प्रणाम कर राम की अँगूठी उन्हें दी। कहा, “हे माता! मैं श्रीराम का दास हूँ।”

7. त्रिजटा कौन थी? उसने क्या स्वप्न देखा था?

उत्तर सीताजी को अशोक वाटिका में डराने-धमकाने के लिए रावण ने जिन राक्षसियों को नियुक्त किया था, उन्हीं में से एक राक्षसी त्रिजटा थी, किंतु वह सबसे अलग थी। उसने सभी राक्षसियों को अपने स्वप्न के बारे में बताया कि उसने सपने में देखा कि पूरी लंका नगरी समुद्र में
डूब गई है। सब कुछ नष्ट हो गया है। रावण मारा गया है और लंका है। रावण मारा गया है और का राज्य विभीषण को मिल गया है।

8. आक्रमण की तैयारियाँ किस प्रकार की गई?

उत्तर लंका पर आक्रमण करने के लिए बहुत कम समय बचा था। सुग्रीव ने युद्ध की तैयारियाँ तुरंत करने का निर्देश दिया। सुग्रीव और लक्ष्मण ने युद्ध की योजना बनाई योग्यता और उपयोगिता के आधार पर सभी की भूमिकाएँ निर्धारित की गई।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 24 लंका में हनुमान दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. हनुमान ने समुद्र पार करते हुए किन बाधाओं का सामना किया?

उत्तर समुद्र पार करते समय हनुमान के सामने रास्ते में कई बाधाएँ आईं। विराट शरीर वाली सुरसा राक्षसी मिली। वह हनुमान को खा लेना चाहती थी। हनुमान ने उसे चकमा दिया। उसके मुँह में घुसकर बाहर निकल आए। आगे बढ़ने पर छाया राक्षसी मिली। उसका नाम सिंहिका था। उसने जल में हनुमान की परछाई पकड़ ली। तब हनुमान अचानक आसमान में ही ठहर गए। क्रोधित हनुमान ने सिंहिका को मार डाला। अब गंतव्य दूर नहीं था। क्षितिज पर लंका दिखाई देने लगी थी।

2. हनुमान और सीता भेंट का वर्णन कीजिए।

उत्तर लंका पहुँचकर हनुमान ने सीता को सब जगह खोजा, परंतु सीता कहीं नहीं दिखाई दीं। अंतत: अंतःपुर के बाहर रावण का रथ खड़ा देखकर हनुमान को लगा सीता यहीं होंगी। हनुमान वाटिका के पेड़ के घने पत्तों में छिप गए। अचानक राक्षसियों के हँसने की आवाज सुनाई दी। सीता उनके बीच उदास, निर्बल, दुःखी, दयनीय-सी बैठी थीं। हनुमा उन्हें देखते ही पहचान गए कि यह सीता है।

वाटिका में सीता को अकेले देखकर हनुमान ने पेड़ पर बैठे-बैठे राम कथा प्रारंभ की। सीता के पूछने पर हनुमान नीचे उतरे और राम की अँगूठी दी। वे सीता को कंधे पर बैठाकर राम के पास ले जाना चाहते थे, परंतु सीता ने अस्वीकार कर दिया। उन्होंने अपना आभूषण चलते समय हनुमान को दे दिया। हनुमान ने सीता को आश्वासन भी दिया कि राम दो माह में यहाँ अवश्य पहुँच जाएँगे। लंकापुरी छोड़ने से पहले उन्होंने रावण का उपवन तहस-नहस कर डाला। अशोक वाटिका उजाड़ दी।

3. हनुमान सीता को अशोक वाटिका में राक्षसियों के बीच देखकर पहचान गए, फिर भी वे क्या सोचकर नीचे नहीं उतरे ?

उत्तर हनुमान सीता की खोज में लंका पहुँचे। अंतःपुर के बाहर रावण के रथ को देखकर हनुमान समझ गए, सीता यहीं होंगी। राक्षसियों के बीच सीता को हनुमान पहचान गए, परंतु वे नीचे नहीं उतरे। उन्हें डर था कि वे पकड़े न जाएँ। जब सभी राक्षसियाँ अपने-अपने घर चली गईं और सीताजी अकेली रह गईं तभी वे पेड़ से नीचे उतरे। वे लंका छोड़ने से पहले रावण से मिलना चाहते थे। विरोध करने वाले राक्षसों को मार डाला, तो राक्षस भागकर राजमहल गए और इसकी सूचना रावण को दी। अंत में मेघनाद ने हनुमान को बाँधा और रावण के पास ले गया।

 

 

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 25 लंका विजय Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 25 लंका विजय Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 25 लंका विजय पाठ का सार

लंका कूच की तैयारियाँ और विभीषण का राम की शरण में आना

रातभर लंका जाने की तैयारियाँ की गईं। सुग्रीव ने वानरों को संबोधित किया और युद्ध के नियम बनाए तथा रक्षा और आक्रमण के तरीके भी बताए । लंका पर आक्रमण करने के लिए वानरसेना किष्किंधा से राम, लक्ष्मण और सुग्रीव की जय-जयकार करते हुए निकल पड़ी।

दिन-रात चलकर महेंद्र पर्वत पर सेना ने अपना डेरा डाला। लंका में हलचल मच गई तथा राम की शक्ति से वे भयभीत हो रहे थे। राम की चर्चा विभीषण ने सुनी और रावण को समझाने गए कि राम से युद्ध न करें, सीता को लौटा दें। रावण ने क्रोधित होकर विभीषण को लंका से निकल जाने को कहा। दूसरी ओर राम की सेना समुद्रतट तक पहुँच चुकी थी।

विभीषण चार सहायकों के साथ लंका से निकल गए। वह राम के शिविर में गए और बताया, मैं रावण का छोटा भाई हूँ । रावण ने मुझे राज्य से निकाल दिया। मैं आपकी शरण में आया हूँ, मुझे स्वीकार कीजिए। राम ने उनका सत्कार किया तथा उन्हें सहायता करने का वचन भी दिया। विभीषण राम के विश्वासपात्र बन गए।

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समुद्र पर पुल बनाना

समुद्र पार करना सेना के लिए चुनौती थी। राम ने तीन दिन तक समुद्र से रास्ता देने की विनती की, लेकिन समुद्र के विनती न सुनने पर राम क्रोधित हो गए। राम का क्रोध देखकर समुद्र ने बताया कि नल और नील नामक वानर पुल बना सकते हैं।

कंकड़-पत्थर शिलाओं से पाँच दिनों में पुल बनकर तैयार हो गया । सबसे पहले विभीषण पुल से उस पार गए फिर वानर सेना समुद्र पार कर लंका के किनारे पहुँच गई। यह सुनकर रावण हैरान रह गया और उसने अपनी सेना को तैयार रहने का आदेश दिया।

सुलह का अंतिम प्रयास

सागर पार करने के उपरांत राम व रावण दोनों की सेनाएँ आक्रमण के लिए तैयार थीं। लंका के चार द्वार थे। राम ने अपनी सेना को चार भागों में विभक्त किया। राम ने पर्वत शिखर पर चढ़कर स्वयं लंका का निरीक्षण किया।

वे लंका का वैभव देखकर आश्चर्यचकित थे। इस बीच उन्होंने सुलह का अंतिम प्रयास किया। उन्होंने अंगद को अपना दूत बनाकर रावण के पास भेजा, जिससे रावण सीता को लौटा दे और युद्ध न हो, परंतु रावण सुलह करने के लिए तैयार नहीं हुआ।

लंका पर आक्रमण

राम का आदेश पाते ही वानर सेना ने लंका पर चढ़ाई कर दी। दूसरी ओर रावण सेना के राक्षस वानर सेना पर टूट पड़े। मेघनाद ने रावण की सेना का नेतृत्व किया। वह मायावी था और छिपकर युद्ध करता था। उसके बाण से लक्ष्मण मूच्छित हो गए।

वह उन्हें मृत समझकर रावण को सूचना देने महल की ओर दौड़कर गया। विभीषण और राम ने लक्ष्मण का उपचार किया। रावण की सेना में धूम्राक्ष, अकंपन जैसे महाबली राक्षस मारे गए। यह सुनकर रावण ने कमान सँभाल ली। राम के बाणों ने उसका मुकुट धरती पर गिरा दिया। उसने कुंभकर्ण को जगाया। कुंभकर्ण को देखते ही वानर सेना में हलचल मच गई। उसने हनुमान और अंगद को घायल कर दिया। तब राम-लक्ष्मण ने बाणों की वर्षा से कुंभकर्ण को मार डाला। कुंभकर्ण की मृत्यु से रावण निराश हो गया।

मेघनाद – लक्ष्मण युद्ध

मेघनाद बहुत पराक्रमी था तथा उसने इंद्र को भी पराजित कर दिया था। मेघनाद वानर सेना पर चक्रवात की तरह आगे बढ़ रहा था। मेघनाद और लक्ष्मण के बीच भीषण युद्ध हुआ। अंत में लक्ष्मण ने महल में मेघनाद को मार गिराया। लक्ष्मण के साथ वानर सेना ने लंका में प्रवेश किया। उनके हाथों में जलती हुई मशालें थीं। शस्त्रागार – भंडारघर सब जगह आग लगा दी गई। अकंपन, प्रबंध, यूपाक्ष, कुंभ, निकुंभ, देवांतक और त्रिशिरा, नरांतक सब मारे गए थे। लक्ष्मण ने अतिकाय का सिर काट लिया तथा राक्षस सेना भाग गई।

घातक बाण से लक्ष्मण मूर्च्छित

रावण के पास कोई विकल्प न बचा, अधिकतर राक्षस मारे जा चुके थे। रावण अकेला युद्ध नाद करता बाहर निकला। रावण, विभीषण को देखकर क्रोधित हो गया। उसने विभीषण पर निशाना लगाया, तो लक्ष्मण ने बाण काट दिया। दूसरा घातक बाण लक्ष्मण को लगने पर लक्ष्मण अचेत हो गए। लक्ष्मण को सुग्रीव की निगरानी में छोड़ राम ने रावण को चुनौती दी।

हनुमान लक्ष्मण को उठाकर रणक्षेत्र से दूर ले गए। वैद्य सुषेण को बुलाया गया और हनुमान संजीवनी बूटी लेकर आए। वैद्य की चिकित्सा से घाव धीरे-धीरे भर गए तथा संजीवनी बूटी के प्रभाव से रक्त का बहना भी बंद हो गया। सुग्रीव ने लक्ष्मण के स्वस्थ होने की सूचना राम तक पहुँचाई।

राम-रावण युद्ध

राम-रावण का भयानक युद्ध हो रहा था। सबकी निगाहें राम और रावण की ओर थीं। ऐसा महासंग्राम उन्होंने पहले कभी नहीं देखा था। तभी रावण का एक बाण राम को लगा जिससे उनके रथ की ध्वजा कटकर गिर पड़ी। राम ने प्रहार किया, तो बाण रावण के मस्तक पर लगा। राम के बाणों ने रावण के रथ की दिशा बदल दी तथा रावण के हाथ से धनुष छूट गया। रावण मारा गया तथा राक्षस सेना जान बचाकर भागी ।

विभीषण का राज्याभिषेक

विभीषण रणक्षेत्र में बड़े भाई रावण की मृत्यु पर विलाप कर रहा था। राम ने विभीषण को समझाया कि शोक मत करो, सत्य को स्वीकार करो। विभीषण के राज्याभिषेक की तैयारी कराई गई। विभीषण को राज्याभिषेक के बाद राजसिंहासन पर बैठाया गया। हनुमान अशोक वाटिका से लौटे, तो उन्होंने बताया कि सीता लंका विजय का समाचार पाकर प्रसन्न हैं। सीता एक वर्ष के बाद राम के पास वापस आईं।

शब्दार्थ

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 11 लंका विजय Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 25 लंका विजय बहुविकल्पीय प्रश्न

अभ्यास प्रश्न (बहुविकल्पीय व वर्णनात्मक प्रश्नों सहित)

1. राम व लक्ष्मण के पास कौन इकट्ठे हुए थे?

(क) वानर
(ख) हनुमान
(ग) सुग्रीव
(घ) विभीषण

उत्तर (क) वानर

2. वानर सेना ने कहाँ पर डेरा डाला था ?

(क) लंका के बाहर
(ख) महेंद्र पर्वत पर
(ग) समुद्र के किनारे
(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर (ख) महेंद्र पर्वत पर

3. पर्वत पर किसका ध्वज लगाया गया था?

(क) राम का
(ख) सुग्रीव का
(ग) विभीषण का
(घ) वानर सेना का

उत्तर (घ) वानर सेना का

4. रावण को समझाने कौन गया था?

(क) सुग्रीव
(ख) नल
(ग) लक्ष्मण
(घ) विभीषण

उत्तर (घ) विभीषण

5. मेघनाद कहाँ मारा गया?

(क) युद्ध भूमि में
(ख) समुद्र में
(ग) महल में
(घ) पर्वत शिखर पर

उत्तर (ग) महल में

6. राम ने किसे दूत बनाकर रावण के पास भेजा?

(क) सुग्रीव को
(ख) अंगद को
(ग) जामवंत को
(घ) हनुमान को

उत्तर (ख) अंगद को

7. हनुमान कौन-सी बूटी लाए थे?

(क) संजीवनी बूटी
(ख) जड़ी बूटी
(ग) हरड़ बूटी
(घ) गिलोय बूटी

उत्तर (क) संजीवनी बूटी

8. रावण वध को किस रूप में देखा जाता है?

(क) सत्य की असत्य पर विजय
(ख) धर्म की अधर्म पर विजय
(ग) नीति की अनीति पर विजय
(घ) ये सभी

उत्तर (घ) ये सभी

9. सेतु का निर्माण किसने किया था?

(क) राम और लक्ष्मण
(ख) नल और नील
(ग) सुग्रीव और हनुमान
(घ) ये सभी

उत्तर (ख) नल और नील

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 25 लंका विजय रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. वानर सेना का नेतृत्व _________ कर रहे थे, सबसे पीछे हनुमान और _________ थे।

उत्तर वानर सेना का नेतृत्व नल कर रहे थे, सबसे पीछे हनुमान और जामवंत थे।

2. _________ रावण का छोटा भाई था, उसने सीता को लौटा देने के लिए बहुत समझाया।

उत्तर विभीषण रावण का छोटा भाई था, उसने सीता को लौटा देने के लिए बहुत समझाया।

3. ___________ राम की शरण में आ गया और उनका विश्वासपात्र बन गया।

उत्तर विभीषण राम की शरण में आ गया और उनका विश्वासपात्र बन गया।

4. राम ___________ “से तीन दिन तक रास्ता देने की प्रार्थना करते रहे।

उत्तर राम समुद्र से तीन दिन तक रास्ता देने की प्रार्थना करते रहे।

5. _________ के बाण से _____ मूच्छित होकर गिर पड़े।

उत्तर मेघनाद के बाण से लक्ष्मण मूच्छित होकर गिर पड़े।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 25 लंका विजय अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

1. वानर सेना किलकारियाँ, भरती हुई कहाँ से रवाना हुई थी ?

उत्तर वानर सेना किलकारियाँ भरती हुई किष्किंधा से रवाना हुई थी ।

2. जामवंत और हनुमान सबसे पीछे क्यों चल रहे थे?

उत्तर जामवंत और हनुमान सबसे पीछे इसलिए चल रहे थे, क्योंकि ये सेना की रणनीति का एक हिस्सा था।

3. समुद्र से रास्ता देने के लिए राम ने कितने दिन तक प्रार्थना की?

उत्तर समुद्र से रास्ता देने के लिए राम ने पूरे तीन दिन तक प्रार्थना की।

4. पुल कितने दिनों में तैयार किया गया था?

उत्तर पुल केवल पाँच दिनों में तैयार किया गया था।

5. पुल के संबंध में रावण को क्या विस्मय हुआ?

उत्तर पुल के संबंध में रावण विस्मित था कि समुद्र पर पुल कैसे बनाया जा सकता है। वह भी केवल पाँच दिनों में।

6. अंगद को दूत बनाकर राम ने लंका में क्यों भेजा ?

उत्तर राम ने अंगद को शांति दूत बनाकर रावण के पास सुलह के लिए तथा सीता को लौटाने के लिए भेजा था।

7. कुंभकर्ण कौन था?

उत्तर कुंभकर्ण रावण का छोटा भाई था।

8. मेघनाद के बारे में बताइए ।

उत्तर मेघनाद बहुत पराक्रमी था। एक बार उसने इंद्र को भी पराजित कर दिया था। इस वजह से उसका नाम इंद्रजीत पड़ा।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 25 लंका विजय लघु उत्तरीय प्रश्न

1. विभीषण ने रावण को क्या समझाया?

उत्तर राम की वीरता की चर्चा विभीषण ने सुन रखी थी। वह समझ गया कि युद्ध में रावण की पराजय निश्चित है। उसने रावण को राम की वीरता के बारे में बताया तथा उनसे युद्ध न करने के लिए समझाया और सीता को लौटा देने के लिए भी कहा।

2. समुद्र ने राम की किस प्रकार सहायता की?

उत्तर राम समुद्र से तीन दिन तक रास्ता देने की विनती करते रहे। वह नहीं माना, तो राम को क्रोध आ गया। राम का क्रोध देखते हुए समुद्र ने उन्हें सलाह दी कि आपकी सेना में नल और नील नामक वानर हैं। वे पुल बना सकते हैं, जिससे वानर सेना पार उतर जाएगी।

3. लंका प्रस्थान से पहले सुग्रीव ने वानरों से क्या कहा?

उत्तर लंका प्रस्थान से पहले रातभर तैयारियाँ हुई। सवेरे सुग्रीव ने वानरों से
कहा, जो शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हैं, वही सैनिक जाएँगे। युद्ध भयानक होगा। सेना को आक्रमण के तरीके और युद्ध के नियम भी बताए ।

4. कुंभकर्ण कौन था ? रावण ने उसे क्यों बुलाया?

उत्तर कुंभकर्ण रावण का भाई था। वह महाबली था। वह छः महीने सोता था । रावण की सेना के बहुत-से राक्षस मारे गए थे। राम के साथ युद्ध करने के लिए रावण ने कुंभकर्ण को बुलाया, जिससे वह अपना पराक्रम दिखा सके तथा राम को युद्ध में हरा सके।

5. रावण की मृत्यु के बाद क्या हुआ?

उत्तर रावण की मृत्यु के बाद राम की जय-जयकार होने लगी। दूसरी ओर विभीषण रावण के मृत शरीर के पास खड़ा विलाप कर रहा था। राम ने उसे समझाया कि मृत्यु सत्य है, उसे स्वीकार करो। शोक मत करो। रावण की अंत्येष्टि के बाद विभीषण का राज्याभिषेक किया गया। लंका का राजा विभीषण बन गया।

6. लंका जाने से पूर्व वानर सेना ने पूरी तैयारियाँ की थीं। आप किसी कार्य को किस प्रकार प्रारंभ करते हैं?

उत्तर मैं किसी कार्य को योजनाबद्ध तरीके से प्रारंभ करता हूँ। कार्य प्रारंभ करने से पूर्व उसकी पूरी योजना बनाता हूँ। कार्य कहाँ ? किस प्रकार ? किसके द्वारा किया जाएगा? सभी विषयों पर गंभीरता से सोचता हूँ। कार्य के बीच में क्या रुकावटें आ सकती हैं, उस पर भी विचार-विमर्श करके उन्हें दूर करने का उपाय खोजता हूँ। यह सब करने के बाद ही पूरी तैयारी से कार्य प्रारंभ करता हूँ।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 25 लंका विजय दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. राम की सेना के सामने क्या चुनौती थी? उसका समाधान प्रकार हुआ ?

उत्तर राम की सेना के सामने समुद्र को पार करने की चुनौती थी। समुद्र विशाल था। पहले राम ने हाथ जोड़कर समुद्र से प्रार्थना की कि उसे रास्ता दे दे। तीन दिनों तक वह बैठे रहे। वे समुद्र से रास्ता देने की प्रार्थना करते रहे। पर जब वह नहीं माना, तब राम क्रोध में आ गए। राम के क्रोध को देखकर समुद्र ने उन्हें सलाह दी- “आपकी सेना में नल और नील नामक वानर हैं, वे पुल बना सकते हैं। उससे वानर सेना पार कर जाएगी और मेरी मर्यादा भी बनी रहेगी।”

नल-नील ने अगले दिन कार्य आरंभ कर दिया। पुल बनने लगा । वानर कंकड़, पत्थर, शिलाएँ लाते रहे। नल-नील पुल बनाते रहे। पुल पाँच दिन में बनकर तैयार हो गया। पहले विभीषण पुल के उस पार गए, पीछे-पीछे वानर सेना का अगला दल लंका में पहुँचा। पुल बनने का समाचार सुनकर रावण आश्चर्यचकित हो गया।

2. लंका विजय में वानर सेना ने राम की किस प्रकार से मदद की?

उत्तर लंका विजय में वानर सेना ने राम की अपार सहायता की। समुद्र पर रास्ता बनाने से लेकर रणभूमि तक पूरी वानर सेना ने राम की मदद की और प्रत्येक परिस्थिति में डटकर सामना भी किया। इसमें हनुमान ने सीता की खोज में राम की मदद की। हनुमान ने सीता तक राम की दी गई अँगूठी पहुँचाई और सीता को लंका से मुक्ति का भरोसा दिया। सेना के सेनापति नल और नील ने लंका तक जाने के लिए सुमद्र पर सेतु का निर्माण करवाया। अंगद ने वानर सेना का नेतृत्व किया। पूरी वानर सेना बहादुरी से लड़ी और वानर सेना की मदद से ही राम को युद्ध विजय में सहायता मिली।

3. विभीषण राम की शरण में क्यों आ गए?

उत्तर विभीषण रावण का छोटा भाई था । विभीषण ने रावण को युद्ध न करने के लिए बहुत समझाया, परंतु रावण न माना और उसे शत्रु कहा तथा अपने राज्य से निकल जाने के लिए कहा।

विभीषण उसी रात राम के शिविर में गए। वहाँ पहुँचकर अपना परिचय दिया और राम से अपनी शरण में लेने की विनती की। सुग्रीव और अंगद को विभीषण की बातों पर संदेह हो रहा था। राम ने पूरी बात सुनी और कहा- “हमें विभीषण को स्वीकार करना चाहिए। मैं शरण में आए व्यक्ति को कभी निराश नहीं करता। यह मेरी नीति है।” राम ने उनका सत्कार किया।

4. कुंभकर्ण को देखकर रणक्षेत्र में वानर सेना की क्या दशा हुई थी ?

उत्तर कुंभकर्ण बहुत बलवान था। बलवान होने के साथ-साथ उसमें बहुत-सी मायावी शक्तियाँ भी थीं। वह सामान्य मनुष्यों से आकार में बहुत बड़ा था। जैसे ही वह रणक्षेत्र में आया, तो उसे देखकर पूरी वानर सेना भय से कंपित होने लगी। सभी उसके विशालकाय आकार को देखकर और उसकी मायावी शक्तियों को देखकर भयभीत हो गए। उसने युद्ध क्षेत्र में आते ही अनेक वानरों को अपने हाथों और पैरों से कुचलकर मार डाला था। उसने महाबली हनुमान, अंगद और सेना के प्रमुख लोगों को भी घायल कर दिया था।

5. राम और रावण के युद्ध का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए ।

उत्तर राम और रावण के बीच युद्ध बहुत भयानक था । शस्त्रों की गति बहुत तेज़ थी। उनसे बहुत तेज़ चिंगारी आ रही थी। हवा थम गई थी और सूरज बादलों के पीछे छिप गया था दोनों वीर योद्धा बहादुरी के साथ लड़ रहे थे। उनका युद्ध देख आस-पास के छोटे-छोटे युद्ध थम गए थे। कोई योद्धा एक सूत भर पीछे होने को तैयार नहीं था। इस बीच रावण के एक बाण से राम के रथ की ध्वजा कटकर गिर पड़ी।

राम ने जोर से प्रहार किया। बाण रावण के मस्तक पर लगा। रक्त की धारा बहने लगी। रावण भागकर अपने महल में चला गया। थोड़ी देर बाद राम और रावण में फिर युद्ध शुरू हो गया। राम के बाणों ने रावण के रथ का मुँह मोड़ दिया, जिससे रावण हिम्मत हार गया। राम का एक बाण उसके पार हो गया और वह पृथ्वी पर ही गिर गया तथा मारा गया। अंततः राम की विजय हुई।

 

 

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 26 राम का राज्याभिषेक Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 26 राम का राज्याभिषेक Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 26 राम का राज्याभिषेक पाठ का सार

विभीषण का राम से आग्रह

विभीषण के राजा बनने के बाद वे चाहते थे कि राम कुछ दिन उनकी लंका में रुक जाएँ। विभीषण ने अपनी इच्छा राम को बताई। राम से कहा, आप कुछ दिन यहाँ विश्राम कर लें, आपकी थकान उतर जाएगी। मुझे आपका सान्निध्य मिलेगा। कुछ रीति-नीति सीखने का अवसर भी, आपने यह नगरी भी नहीं देखी है, परंतु राम लंका नगरी से दूर रहे। वे वनवास में थे, अतः वे नगर में प्रवेश करना उचित नहीं मानते थे।

राम का तत्काल अयोध्या लौटना

राम ने वनवास के चौदह वर्ष पूरे कर लिए थे। वे तुरंत अयोध्या लौटना चाहते थे। उनके न पहुँचने पर भरत ने प्राण दे देने की प्रतिज्ञा की हुई थी। विभीषण राम के साथ रहना चाहते थे, इसलिए उन्होंने राम के साथ अयोध्या जाने तथा उनके राज्याभिषेक में उपस्थित रहने की अनुमति ले ली। राम ने विभीषण के अतिरिक्त सुग्रीव और हनुमान को भी अयोध्या आने के लिए आमंत्रित किया।

विभीषण ने अपना पुष्पक विमान राम, सीता व लक्ष्मण को अयोध्या ले जाने के लिए तैयार किया तथा उन्हें बैठाकर विमान को उत्तर दिशा की ओर अयोध्या के लिए रवाना कर दिया।

मार्ग में राम ने सीता को रणभूमि, सेतुबंध, किष्किंधा, ऋष्यमूक पर्वत पंपा सरोवर, गोदावरी नदी, पंचवटी आदि स्थानों से परिचय कराया। विमान के जाने के बाद वानर सेना भी किष्किंधा की ओर चल दी।

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नंदीग्राम में राम की भरत से भेंट

अयोध्या जाने से पहले राम ने हनुमान को अयोध्या भेजा। वे हनुमान द्वारा अयोध्या का हाल जानना चाहते थे। हनुमान राम के आने का समाचार लेकर नंदीग्राम गए। हनुमान ने भरत से कहा— श्रीराम वनवास की अवधि पूरी करके लौट रहे हैं। भरत की प्रसन्नता का ठिकाना न रहा, वे बार-बार हनुमान को धन्यवाद दे रहे थे।

भरत से विदा लेकर हनुमान आश्रम लौट आए। राम के आने की सूचना पाकर तीनों रानियाँ नंदीग्राम की ओर चल पड़ीं। अयोध्या में उत्सव की तैयारियाँ होने लगीं। राम का पुष्पक विमान नंदीग्राम में उतरा।

राम ने भरत को गले से लगा लिया। माताओं को प्रणाम किया। भरत ने खड़ाऊँ सिंहासन से उतारकर स्वयं राम को पहनाई।

राम का अयोध्या में प्रवेश व राज्याभिषेक

राम-लक्ष्मण और सीता ने तपस्वी वेश बदलकर राजसी वस्त्र पहने और अयोध्या नगरी में प्रवेश किया। अगले दिन मुनि वशिष्ठ ने राम का राजतिलक किया। राम और सीता सोने के रत्नजड़ित सिंहासन पर बैठे। मंगलाचार हुआ, माताओं ने आरती उतारी। लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न पास ही खड़े थे और हनुमान नीचे बैठे थे। राम ने सीता को एक बहुमूल्य हार भेंट किया।

सीता ने वह हार हनुमान को भेंट कर दिया। कुछ दिनों बाद सभी अतिथि वापस लौट गए। विभीषण लंका चले गए। सुग्रीव किष्किंधा की ओर रवाना हुए। ऋषि-मुनि अपने आश्रम में गए, परंतु हनुमान राम की सेवा में वहीं रहे। राम ने लंबे समय तक अयोध्या नगरी पर राज किया। उनके राज्य में सभी सुखी थे, किसी को कोई कष्ट नहीं था।

शब्दार्थ

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 12 राम का राज्याभिषेक Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 26 राम का राज्याभिषेक बहुविकल्पीय प्रश्न

अभ्यास प्रश्न (बहुविकल्पीय व वर्णनात्मक प्रश्नों सहित)

1. राम, सीता व लक्ष्मण को कौन-सा विमान अयोध्या की ओर लेकर गया था?

(क) पुष्पक विमान
(ख) घोड़ा विमान
(ग) सोने का रथ
(घ) हाथी विमान

उत्तर (क) पुष्पक विमान

2. भरत को अपने आगमन की पूर्व सूचना देने के लिए राम ने किसे भेजा था?

(क) हनुमान को
(ख) अंगद को
(ग) विभीषण को
(घ) सुग्रीव को

उत्तर (क) हनुमान को

3. पुष्पक विमान वास्तव में किसका था?

(क) राम का
(ख) रावण का
(ग) विभीषण का
(घ) कुबेर का

उत्तर (घ) कुबेर का

4. लंका से विमान किस दिशा में चला था?

(क) पश्चिम दिशा की ओर
(ख) उत्तर दिशा की ओर
(ग) दक्षिण दिशा की ओर
(घ) पूर्व दिशा की ओर

उत्तर (ख) उत्तर दिशा की ओर

5. अयोध्या जाते हुए हनुमान ने किससे भेंट की थी?

(क) शत्रुघ्न से
(ख) भरत से
(ग) ऋषि भारद्वाज से
(घ) निषादराज गुह से

उत्तर (घ) निषादराज गुह

6. अयोध्या लौटते समय राम ने रात कहाँ पर गुजारी थी ?

(क) किष्किंधा में
(ख) ऋषि भारद्वाज के आश्रम में
(ग) पंपा सरोवर के पास
(घ) पर्णकुटी में

उत्तर (ख) ऋषि भारद्वाज के आश्रम में

7. अयोध्या में राम का विमान कहाँ पर उतरा था ?

(क) गंगा के तट पर
(ख) यमुना के तट पर
(ग) नंदीग्राम में
(घ) सरयू नदी के तट पर

उत्तर (ग) नंदीग्राम में

8. जब राम अयोध्या में लौटकर आए, तो भरत कहाँ रह रहे थे?

(क) पंचवटी में
(ख) नंदीग्राम में
(ग) अयोध्या में
(घ) लंका में

उत्तर (ख) नंदीग्राम में

9. राम वनवास कितने वर्षों के लिए गए थे?

(क) दस वर्ष
(ख) ग्यारह वर्ष
(ग) तेरह वर्ष
(घ) चौदह वर्ष

उत्तर (घ) चौदह वर्ष

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 26 राम का राज्याभिषेक रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. विभीषण चाहते थे कि ________ कुछ दिन _________ में रुक जाएँ।

उत्तर विभीषण चाहते थे कि राम कुछ दिन लंका में रुक जाएँ।

2. __________ राम से अलग नहीं होना चाहते थे।

उत्तर विभीषण राम से अलग नहीं होना चाहते थे।

3. राम ने राज्याभिषेक में विभीषण, ______ और ______ को अयोध्या आमंत्रित किया।

उत्तर राम ने राज्याभिषेक में विभीषण, सुग्रीव और हनुमान को अयोध्या आमंत्रित किया।

4. राम सीधे ______ नहीं जाना चाहते थे। वे सोच रहे थे कि चौदह वर्ष में ________ को सत्ता का मोह तो नहीं हो गया।

उत्तर राम सीधे अयोध्या नहीं जाना चाहते थे। वे सोच रहे थे कि चौदह वर्ष में भरत को सत्ता का मोह तो नहीं हो गया।

5. ____________ वायुवेग से उड़े, मार्ग में निषादराज गुह से भेंट की, वहाँ से टीम पहुँचे।

उत्तर हनुमान वायुवेग से उड़े, मार्ग में निषादराज गुह से भेंट की, वहाँ से नंदीग्राम पहुँचे।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 26 राम का राज्याभिषेक अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

1. विभीषण ने राम से क्या अनुरोध किया?

उत्तर विभीषण ने राम से अनुरोध किया कि वे कुछ दिन तक लंका में ही विश्राम करें और बाद में आराम से जाएँ।

2. राम लंका में क्यों नहीं रुकना चाहते थे?

उत्तर राम लंका में इसलिए नहीं रुकना चाहते थे, क्योंकि उनके वनवास के चौदह वर्ष पूरे हो चुके थे। वे अयोध्या वापस लौटना चाहते थे, भरत उनकी प्रतीक्षा कर रहे थे।

3. राम ने किसे अयोध्या चलने के लिए आमंत्रित किया?

उत्तर राम ने सुग्रीव और हनुमान को अयोध्या चलने के लिए आमंत्रित किया।

4. राम मार्ग में सीता को क्या बता रहे थे?

उत्तर राम, मार्ग में सीता को पड़ने वाले प्रमुख स्थानों के बारे में बता रहे थे।

5. ऋषि भारद्वाज का आश्रम कहाँ था?

उत्तर ऋषि भरद्वाज का आश्रम गंगा-यमुना के तट पर था।

6. निषादराज गुह ने हनुमान को क्या बताया ?

उत्तर निषादराज गुह ने हनुमान को अयोध्या के बारे में सभी जानकारियाँ देते हुए वहाँ का हाल बताया।

7. राम के आने की सूचना सुनकर अयोध्या में क्या होने लगा ?

उत्तर राम के आने की सूचना सुनकर अयोध्या में राम के स्वागत की उत्साहपूर्वक तैयारियाँ होने लगीं।

8. भरत भागते हुए आश्रम के भीतर क्या लेने गए ?

उत्तर भरत भागते हुए आश्रम के भीतर राम की खड़ाऊँ को लेने गए। जिसे चौदह वर्ष तक सिंहासन पर रखकर उन्होंने राजकाज चलाया था।

9. सीता ने अपने गले का हार हनुमान को क्यों दिया था ?

उत्तर सीता ने अपने गले का हार हनुमान को उनकी भक्ति और पराक्रम के लिए दिया था और वह उनसे सबसे अधिक प्रसन्न थीं।

10. राम के राज्य में सब कुछ कैसा था?

उत्तर राम के राज्य में कोई भेदभाव नहीं था, कोई बीमार नहीं पड़ता था । खेत हरे-भरे थे। पेड़ फलों से लदे रहते थे।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 26 राम का राज्याभिषेक लघु उत्तरीय प्रश्न कि

1. विभीषण राम को कुछ दिन लंका में क्यों रोकना चाहते थे?

उत्तर विभीषण चाहते थे कि राम लंका में युद्ध की थकान मिटाने के लिए विश्राम कर लें। विभीषण राम का सान्निध्य और उनसे रीति-नीति सीखने का अवसर चाहते थे।

2. विभीषण ने राम के सम्मुख क्या नया प्रस्ताव रखा ?

उत्तर विभीषण ने राम के सम्मुख नया प्रस्ताव रखा, “मेरी इच्छा है कि मैं आपके राज्याभिषेक में उपस्थित रहूँ। मुझे अपने साथ चलने की अनुमति दें।” राम ने विभीषण का यह आग्रह स्वीकार कर लिया।

3. विमान लंका से उड़कर कहाँ-कहाँ रुका?

उत्तर विमान लंका से उड़कर सीता के आग्रह पर किष्किंधा में सुग्रीव की रानियों तारा और रूपा को लेने के लिए उतरा। इसके पश्चात् ऋषि भरद्वाज के आश्रम में विमान उतरा। सबने रात वहीं बिताई।

4. हनुमान और भरत की भेंट का वर्णन करें।

उत्तर हनुमान वायुवेग से उड़कर नंदीग्राम पहुँचे वहाँ उन्होंने भरत को बताया कि राम का वनवास पूरा हो गया। वे प्रयाग पहुँच चुके हैं। वे उन्हीं की आज्ञा से यहाँ आपके पास आपको सूचना देने पहुँचे हैं। यह सुनकर भरत की खुशी का ठिकाना न रहा। उनकी आँखों में खुशी के आँसू थे। इस शुभ सूचना के लिए वह हनुमान का धन्यवाद कर रहे थे। उनके चेहरे पर केवल प्रसन्नता का भाव था। हनुमान उनसे विदा लेकर राम के पास लौट गए।

5. राम के आने की सूचना पाकर भरत ने क्या किया?

उत्तर राम के आने की सूचना पाकर भरत अतीव प्रसन्न हुए। भरत राम को याद करने लगे और उनकी आँखों में आँसू आ गए और वे अयोध्या में उत्सव की तैयारी में जुट गए। उन्होंने प्रभु राम के आने की जानकारी सभी को दी।

6. राम ने राजसी वस्त्र कहाँ धारण किए?

उत्तर अनेक वर्षों के बाद राम लंका विजय करके अयोध्या वापिस लौट रहे थे। तब वे सीधे अयोध्या न जाकर नंदीग्राम में रुके, जहाँ भरत संन्यासी वेश धारण कर रहे थे तथा अयोध्या का राजकाज चला रहे थे। तब अयोध्या पहुँचने से पहले ही राम ने नंदीग्राम के पास राजसी वस्त्र धारण कर लिए थे।

7. जिस विमान से राम अयोध्या लौटकर आए, उसका क्या नाम था? उस विमान को किसने, किसको दिया था?

उत्तर जिस विमान में राम अयोध्या लौटकर आए, उसका नाम पुष्पक विमान था। जब भगवान राम लंका से अयोध्या अनेक वर्षों के बाद वापस जा रहे थे, तब लंका से अयोध्या जाते समय विभीषण का पुष्पक विमान राम को ले जाने के लिए तैयार था। राम ने बाद में पुष्पक विमान धन के देवता कुबेर के पास भेज दिया, क्योंकि वह विमान कुबेर का था। रावण ने बलपूर्वक कुबेर से छीन लिया था।

8. राम के राजतिलक के विषय में संक्षेप में बताइए ।

उत्तर मुनि वशिष्ठ ने राम का राजतिलक किया। राम और सीता सोने के रत्न जड़ित सिंहासन पर बैठे। लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न पास खड़े थे। हनुमान नीचे बैठ गए। मंगलाचार हुआ, माताओं ने आरती उतारी। इस प्रकार चारों ओर खुशी की लहर दौड़ रही थी। राम ने सीता को एक बहुमूल्य हार दिया।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 26 राम का राज्याभिषेक दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. लंका विजय के बाद राम की अयोध्या लौटने की यात्रा का वर्णन कीजिए।

उत्तर लंका विजय के पश्चात् विभीषण का राजतिलक हुआ। इसके पश्चात् राम का पुष्पक विमान उत्तर दिशा में अयोध्या के लिए चल पड़ा। राम, लक्ष्मण, सीता, सुग्रीव तथा हनुमान उस विमान में बैठे थे। पहले रणभूमि से गुजरा, फिर नल-नील का बनाया सेतुबंध रास्ते में देखा, तब किष्किंधा में विमान उतरा और सुग्रीव की रानियों रूपा और तारा को लिया गया।

ऋष्यमूक पर्वत पंपा सरोवर, गोदावरी नदी, जिसके पास पर्णकुटी अभी भी बनी हुई थी, इन सब से होता हुआ विमान ऋषि भरद्वाज के आश्रम में पहुँचा। ऋषि के आग्रह पर रात सभी ने आश्रम में ही बिताई। अगली सुबह श्रृंगवेरपुर होते हुए राम का विमान सरयू नदी के ऊपर पहुँच गया। जहाँ से अयोध्या नगरी दूर से दिखाई पड़ने लगी थी।

2. नंदीग्राम में राम का स्वागत किस प्रकार हुआ?

उत्तर राम का विमान नंदीग्राम पहुँचा, वहाँ उनका भव्य स्वागत हुआ। पूरा आकाश राम के जयघोष से गूंज उठा। विमान से उतरकर राम ने भरत को गले लगाया। तीनों माताओं को सादर प्रणाम किया। भरत भागते हुए आश्रम में गए और राम की खड़ाऊँ उठा लाए। उन खड़ाऊँ को सिंहासन पर रखकर भरत ने चौदह वर्ष अयोध्या का राजकाज चलाया था।

खड़ाऊँ अपने हाथों से राम को पहनाई। सभी के चेहरों पर प्रसन्नता थी। राम भरत का मिलन दृश्य अद्भुत था। वहाँ उपस्थित सभी की आँखों में खुशी के आँसू थे।

3. वर्तमान समय में आप कैसे रामराज्य की कल्पना करते हैं? .।

उत्तर हमारा देश लोकतांत्रिक देश है, जिसमें सभी मनुष्यों के अधिकार तथा कर्त्तव्य संविधान में उल्लेखित हैं। मैं सभी लोगों के लिए भरपेट भोजन, वस्त्र, रहने के लिए घर की कल्पना करता हूँ। प्रत्येक बालक को शिक्षा प्राप्त हो । उचित इलाज की व्यवस्था हो । देश स्वच्छ हो। युवकों को रोजगार मिले। प्रत्येक व्यक्ति खुशहाल हो, ऐसे राज्य की मैं कल्पना करता हूँ ।

4. राम के आगमन के बाद अयोध्या की घटनाओं का वर्णन कीजिए।

उत्तर सजी-धजी अयोध्या नगरी राम के आगमन के लिए बेचैन थी। माताएँ एवं मुनिगण खुश थे। पूरी अयोध्या नगरी दीपों से जगमगा की रही थी। नगरवासी राम को वापस देखकर प्रसन्न थे। भरत अयोध्या का राज्य राम को नंदीग्राम में ही लौटा चुके थे। राजमहल में मुनि वशिष्ठ ने कहा कि अगले दिन राज्याभिषेक किया जाएगा। इसकी तैयारी शत्रुघ्न पहले कर चुके थे।

अगले दिन राम का राज तिलक हुआ। राम और सीता रत्नजड़ित सिंहासन पर बैठे। राजतिलक मुनि वशिष्ठ ने किया। माताओं ने आरती उतारी मंगला चरण गाया गया। राम ने सीता को एक बहुमूल्य हार दिया। सीता ने हनुमान की भक्ति तथा पराक्रम के लिए यह हार उन्हें भेंट किया था। राम राज्य का राज्याभिषेक होने से प्रजा काफ़ी खुश थी।

5. राम ने राज्याभिषेक के समय सीता को क्या भेंट किया? उस भेंट के संबंध में सीता को क्या दुविधा थी?

उत्तर राम ने राज्याभिषेक के समय सीता को एक बहुमूल्य हार भेंट किया। सीता के मन में उस हार को लेकर यह दुविधा थी कि वह यह हार किसे दे। राम ने सीता के मन की बात जानकर उनकी दुविधा दूर करते हुए कहा कि जिस पर तुम अत्यधिक प्रसन्न हो, उसे यह हार दे सकती हो। सीता ने वह हार हनुमान को उपहारस्वरूप भेंट कर दिया, क्योंकि वह हनुमान के बल तथा पराक्रम से अत्यंत प्रसन्न थीं।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 26 राम का राज्याभिषेक परीक्षा अभ्यास (संपूर्ण पूरक पाठ्यपुस्तक पर आधारित)

1. पुस्तक के पहले अध्याय के पहले अनुच्छेद में लेखक ने सजीव ढंग से अवध की तस्वीर प्रस्तुत की है। तुम भी अपने आस-पास की किसी जगह का ऐसा ही बारीक चित्रण करो । यह चित्रण मोहल्ले के चबूतरे, गली की चहल-पहल, सड़क के नजारे आदि किसी का भी हो सकता है, जिससे तुम अच्छी तरह परिचित हो ।

उत्तर भारत की राजधानी दिल्ली है। दिल्ली एक बड़ा शहर है। इसका दक्षिणी भाग विशेष रूप से हरा-भरा है। भारत के प्रधानमंत्री का निवास स्थान रेसकोर्स है। चौड़ी-चौड़ी सड़कें हैं। आस-पास बड़े-बड़े बंगले हैं। सड़कों के किनारे तरह तरह के पेड़ लगे हैं। हरे-भरे सुंदर बगीचे हैं।

चौराहों पर यातायात व्यवस्थित करने के लिए बत्तियाँ लगी हैं। रेसकोर्स के लगभग एक किलोमीटर पर नेहरू पार्क है। सवेरे शाम यहाँ सैकड़ों की संख्या में लोग व्यायाम करने के लिए आते हैं। सुंदर-सुंदर पेड़ों से घिरा है यह नेहरू पार्क। अंदर मखमली हरी घास अनेक संगीत कार्यक्रमों का आयोजन यहाँ किया जाता है। नेहरू पार्क के पास ही चाणक्यपुरी है। यहाँ सरकारी बंगले हैं। विभिन्न अधिकारी यहाँ निवास करते हैं। यहाँ का वातावरण बहुत शांत है।

2. विश्वामित्र जानते थे कि क्रोध करने से यज्ञ पूरा नहीं होगा, इसलिए वे क्रोध को पी गए। तुम्हें भी कभी-कभी गुस्सा आता होगा। तुम्हें कब-कब गुस्सा आता है और इसका क्या परिणाम होता है?

उत्तर मुझे अक्सर गुस्सा आ जाता है, जब मेरी पसंद का भोजन नहीं मिलता, मित्र के झूठ बोलने पर, छोटे भाई के द्वारा मेरी वस्तु का नुकसान कर देने पर गुस्सा आता है। गुस्सा आने पर मैं अपने पर काबू नहीं कर पाता। जोर-जोर से चिल्लाता हूँ, कभी-कभी सामान फेंकने लगता हूँ। गुस्सा शांत होने पर समझ में आता है, गुस्सा करना व्यर्थ है।

3. राम और लक्ष्मण ने महाराज दशरथ के निर्णय को खुशी-खुशी स्वीकार किया। तुम्हारी समझ में इसका क्या कारण रहा होगा?

उत्तर राम और लक्ष्मण ने महाराज दशरथ के निर्णय को खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया, क्योंकि उन्हें अपने कुल की परंपरा का ज्ञान था। राम पितृभक्त थे। वे किसी भी स्थिति में पिता की आज्ञा को टालना नहीं चाहते थे। उनके पिता वृद्ध थे, वे उन्हें किसी भी प्रकार का कष्ट या मानसिक पीड़ा नहीं देना चाहते थे।

4. विश्वामित्र ने कहा, “ये जानवर और वनस्पतियाँ जंगल की शोभा हैं। इनसे कोई डर नहीं है।” उन्होंने ऐसा क्यों कहा?

उत्तर जानवर और वनस्पतियाँ जंगल का अभिन्न अंग हैं। इनके बिना जंगल के अस्तित्व की कल्पना नहीं की जा सकती है। पर्यावरण को संतुलित बनाए रखने के लिए जंगलों का होना आवश्यक है। विभिन्न पशु-पक्षियों का जंगल में निवास स्थान होता है। जंगल के बिना इन पशु-पक्षियों का अस्तित्व नहीं रह सकता।

इन जीव-जंतुओं से धरती की सुंदरता है। ये हमारे मित्र हैं, अकारण किसी का नुकसान नहीं करते हैं। हमें इनकी सुरक्षा करनी चाहिए। इसी प्रकार जंगल में लगे विभिन्न प्रकार के वृक्ष, लताएँ वातावरण को संतुलित रखते हैं। अनेक वृक्ष हमारे लिए उपयोगी होते हैं। वृक्षों की छाल, पत्तियाँ आदि औषधि का काम करती हैं।

अतः वनस्पतियाँ जितनी अधिक होंगी उतना ही अच्छा होगा। जंगल भी घना, अच्छा और उपयोगी होता है। इन विभिन्न कारणों से ही विश्वामित्र ने ‘जानवरों और वनस्पतियों को जंगल की शोभा’ कहा है। हम इनसे भयभीत न हों, बस इन्हें अपना मित्र समझें और इनकी उपयोगिता को समझें।

5. लक्ष्मण ने शूर्पणखा के नाक-कान काट दिए। क्या ऐसा करना उचित था ? अपने उत्तर का कारण बताओ।

उत्तर शूर्पणखा ने राम-लक्ष्मण के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा। राम ने उस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया, क्योंकि वे विवाहित थे। राम ने शूर्पणखा को लक्ष्मण के पास भेजा। बार-बार आने-जाने के कारण शूर्पणखा खीझ गई। उसने क्रोध में आकर सीता पर झपट्टा मारा। यह कि देखकर लक्ष्मण ने शूर्पणखा के नाक-कान काट दिए।

मेरे अनुसार, लक्ष्मण द्वारा शूर्पणखा के नाक-कान काटना सर्वथा अनुचित था । लक्ष्मण को उसे समझाना चाहिए था। उसके न मानने पर उसे कोई और दंड देना चाहिए था। शूर्पणखा एक राक्षसी थी, परंतु स्त्री थी। अतः स्त्री का अपमान करना अनुचित है।

6. विश्वामित्र और कैकेयी दोनों ही दशरथ को रघुकुल के वचन निभाने की प्रथा याद दिलाते हैं। तुम अपने अनुभवों की मदद से बताओ कि क्या दिया हुआ वचन निभाना हमेशा संभव होता है?

उत्तर सदैव दिया हुआ वचन निभाना संभव नहीं होता है। कभी-कभी परिस्थिति बदल जाने पर मनुष्य चाहते हुए भी दिया हुआ वचन निभाने में असमर्थ होता है। विपरीत परिस्थितियाँ मनुष्य को वचन न निभाने को मजबूर कर देती हैं।

एक मित्र को मैंने रविवार की शाम क्रिकेट मैच खेलने का वचन दिया। मेरे मित्र ने अपने सभी मित्रों को क्रिकेट खेलने के लिए आमंत्रित कर लिया। समय स्थान सभी कुछ निश्चित हो गया। मैं भी बहुत उत्सुक था। निर्धारित समय पर मैं साइकिल से क्रिकेट खेलने के लिए निकला। रास्ते में एक मोटर साइकिल से मेरी टक्कर हो गई। मैं आस-पास वाले लोग मुझे उठाकर अस्पताल ले गए, मेरे पैर की एक हड्डी टूट चुकी थी। मैं मैच खेलने का वायदा नहीं निभा सका।

7. मान लो कि तुम्हारे स्कूल में ‘रामकथा’ को नाटक के रूप में खेलने की तैयारी चल रही है। तुम इस नाटक में उसी पात्र की भूमिका निभाना चाहते हो, जो तुम्हें सबसे ज्यादा अच्छा, दिलचस्प या आकर्षक लगता है। वह पात्र कौन-सा है और क्यों ?

उत्तर ‘रामकथा’ में सभी मुख्य पात्र मेरे प्रिय हैं। सभी विभिन्न गुणों से भरपूर हैं। मैं अपने स्कूल में रामकथा के नाटक में राम की भूमिका निभाना चाहूँगा । राम पुरुषोत्तम हैं। वे पितृभक्त थे। अपने पिता के दिए गए वचनों का पालन करने के लिए राजसिंहासन त्यागकर वन चले गए। मातृप्रेमी थे, अपने तीनों भाइयों से स्नेह करते थे।

लक्ष्मण के क्रोध करने पर भी वे उन्हें शांत कराते रहते थे। माता-पिता के आज्ञाकारी थे और उनका आदर करते थे। कैकेयी द्वारा वनवास दिलाने पर भी उन्हें उनपर क्रोध नहीं आया और शांतिपूर्वक उनकी आज्ञा का पालन किया। वे एक लोकप्रिय राजा थे, वे न्यायप्रिय राजा थे और किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं करते थे। प्रजा उनके राज में बहुत खुश रही वे गुणों के सागर थे।

8. सीता बिना बात के राक्षसों के वध के पक्ष में नहीं थीं, जबकि राम राक्षसों के विनाश को ठीक समझते थे। तुम किससे सहमत हो – राम से या सीता से? कारण बताते हुए उत्तर दो।

उत्तर सीता राक्षसों के स्वभाव से अपरिचित थीं, इसलिए अकारण उनके वध के पक्ष में नहीं थी। राक्षस दुष्ट थे, उनमें से कुछ मायावी भी थे। अकारण ऋषि-मुनियों की तपस्या तथा यज्ञ में विघ्न डालते थे। राक्षसों ने अनेक ऋषियों की हत्या कर डाली थी। वन में राक्षसों का आतंक फैला था। लोग उनसे डरते थे उनमें दया भाव न था। राम राक्षसों के स्वभाव से परिचित थे, इसलिए वह सीता की बातों से सहमत नहीं थे। वे राक्षसों के विनाश को ठीक समझते थे मेरे अनुसार राम का विचार पूर्णत: सही है।

9. रामकथा’ के तीसरे अध्याय में मंथरा, कैकेयी को समझाती है कि राम को युवराज बनाना उसके बेटे के हक में नहीं है। इस प्रसंग को अपने शब्दों में कक्षा में नाटक के रूप में प्रस्तुत करो।

उत्तर नाटक के दो पात्र

  • मंथरा: रानी! रानी जी! कहाँ हैं आप? क्या ऐसी ही सोती रहेगी?
  • कैकेयी: क्या बात है मंथरा ! क्यों आसमान सिर पर उठा लिया है?
  • मंथरा: कुछ पता है राज दरबार में क्या हो रहा है?
  • कैकेयी: मुझे तो नहीं पता। तुम ही बताओ।
  • मंथरा : राम के राज्याभिषेक की तैयारियाँ चल रही हैं।
  • कैकेयी : यह तो खुशी की बात है।
  • मंथरा : तुम्हारी बुद्धि को क्या हो गया है? यह तुम्हारे और भरत के विरुद्ध राजा का षड्यंत्र है।
  • कैकेयी: क्या कहती हो? ठीक ही तो है— राजगद्दी तो राजा के ज्येष्ठ पुत्र को ही मिलती है। राम ज्येष्ठ हैं, मेरा प्रिय है।
  • मंथरा : यह सब छलावा है। राम को राजगद्दी मिलते ही वह भरत को राज्य से निकाल देंगे। तुम रानी से दासी बन जाओगी। कौशल्या राजमाता बन जाएँगी।
  • कैकेयी: तो मैं क्या करूँ? कुछ समझ ही नहीं आ रहा।
  • मंथरा : रानी! तुम राजा दशरथ को उनके दिए गए वचनों की याद दिलाकर वरदान माँगो, तो भरत का राज्याभिषेक और राम को वनवास
  • कैकेयी: परंतु यह सब मैं कैसे करूँ ?
  • मंथरा : भोली रानी! तुम बस मैले कपड़े पहनकर कोपभवन में चली जाओ। राजा आएँ तो बात मत करना, जब वह मनाने लगे तब उन्हें वचन की याद दिलाना और वरदान माँग लेना।
  • कैकेयी: ठीक है! मैं यही करूँगी, किसी भी प्रकार राम का राज्याभिषेक नहीं होने दूंगी।

10. तुमने ‘जंगल और जनकपुर’ तथा ‘दंडक वन में दस वर्ष’ में राक्षसों द्वारा मुनियों को परेशान करने की बात पढ़ी। राक्षस ऐसा क्यों करते थे? क्या यह संभव नहीं था कि दोनों शांतिपूर्वक वन में रहते ? कारण बताते हुए उत्तर दो।

उत्तर राक्षसों और ऋषि-मुनियों के स्वभाव में मूलभूत अंतर होता है। राक्षस दुष्ट प्रवृत्ति के होते हैं। राक्षस पूजा-पाठ में विघ्न डालते हैं और उत्पात मचाते हैं। निर्दोष प्राणियों की हत्या करते हैं। लोग उनके आतंक से परेशान होते हैं। ऋषि-मुनियों की तपस्या में बाधा डालते हैं। दूसरों को कष्ट पहुँचाकर वे प्रसन्न होते हैं। ऋषियों को यज्ञ नहीं करने देते। ऋषि-मुनि शांत स्वभाव, दयावान तथा परोपकारी होते हैं। अपनी भिन्न प्रवृत्तियों के कारण राक्षसों तथा ऋषि-मुनियों का वन में शांतिपूर्वक रहना असंभव है।

11. हनुमान ने लंका से लौटकर अंगद और जामवंत को लंका के बारे में क्या-क्या बताया होगा?

उत्तर हनुमान ने लंका से लौटकर अंगद और जामवंत को लंका की सुंदरता और वैभव के विषय में बताया कि लंका में भव्य महल हैं। पूरी नगरी सोने से जड़ित है। ऊँची-ऊँची अट्टालिकाएँ हैं। सुंदर हरे-भरे सुवासित उद्यान हैं। उद्यानों में फलों से लदे वृक्ष हैं। लंका नगरी चारों ओर से सुरक्षित है। वहाँ का राजा रावण है, जो पराक्रमी और बुद्धिमान है। वह ऊँचे सिंहासन पर विराजित था। अनेक राक्षस राक्षसियाँ वहाँ पहरा देते हैं। वहाँ सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था है। कोई भी बाहर का व्यक्ति अंदर प्रवेश नहीं कर सकता । सीता अशोक वाटिका में है। वे हर समय अनेक राक्षस और राक्षसियों से घिरी रहती हैं।

12. तुमने बहुत-सी पौराणिक कथाएँ और लोक कथाएँ पढ़ी होंगी। उनमें क्या अंतर होता है? यह जानने के लिए पाँच-पाँच के समूह में कक्षा के बच्चे दो-दो पौराणिक कथाएँ और लोक कथाएँ इकट्ठा करें। कथ्य (कहानी), भाषा आदि के अनुसार, दोनों प्रकार की कहानियों का विश्लेषण करें और उनके अंतर लिखें।

उत्तर पौराणिक कथाएँ धार्मिक मान्यताओं पर आधारित होती हैं। उनमें किसी देवी-देवताओं से जुड़े हुए प्रसंग होते हैं। लोक कथाएँ वे होती हैं, जो लोक जीवन में प्रचलित हों। श्रवण कुमार, सत्यवादी हरिश्चंद आदि पौराणिक कथाएँ हैं। हीर राँझा आदि लोक कथाएँ हैं। विद्यार्थी पुस्तकालय से पुस्तकें लाकर कहानियाँ पढ़कर स्वयं विश्लेषण करेंगे।

13. क्या होता यदि (क) राजा दशरथ, कैकेयी की प्रार्थना स्वीकार नहीं करते।

उत्तर (क) यदि राजा दशरथ कैकेयी की प्रार्थना स्वीकार न करते, तो वे अपने दिए गए वचन को पूरा न करने वाले अपने कुल के पहले राजा होते। हो सकता है रानी कैकेयी अपने प्राण त्यागकर वचन पूरा करती। राजा दशरथ को वह सम्मान नहीं मिलता, जो उन्हें वचन पूरा करने के पश्चात् मिला। राम का राज्याभिषेक हो जाता। राम वन नहीं जाते। अयोध्या में रहकर राजकाज चलाते, परंतु यह कथा न होती, जिसे हम आज पढ़ रहे हैं।

(ख) रावण ने विभीषण और अंगद का सुझाव माना होता और युद्ध का फैसला न किया होता ।

उत्तर (ख ) यदि रावण ने विभीषण और अंगद का सुझाव माना होता और युद्ध का फैसला न किया होता, तो सीता को लौटा दिया जाता । राम द्वारा रावण का वध न होता। लंका नगरी का विनाश न होता ।

14. नीचे कुछ चारित्रिक विशेषताएँ दी गई हैं और तालिका में कुछ पात्रों के नाम दिए गए हैं। प्रत्येक नाम के सामने उपयुक्त विशेषताओं को छाँटकर लिखो।

पराक्रमी, साहस, निडर, पितृभक्त, वीर, शांत, दूरदर्शी, त्यागी, लालची, अज्ञानी, दुश्चरित्र, दीनबंधु, गंभीर, स्वार्थी, उदार, धैर्यवान, अड़ियल, कपटी, भक्त, न्यायप्रिय और ज्ञानी ।

  • राम _____
  • लक्ष्मण _______
  • रावण _______
  • विभीषण _______
  • सीता _______
  • कैकेयी _______
  • हनुमान _______
  • भरत _______

उत्तर 

  • राम पराक्रमी, निडर, साहसी, पितृभक्त, वीर, शांत, त्यागी, दीनबंधु, गंभीर, उदार, धैर्यवान, न्यायप्रिय, ज्ञानी ।
  • लक्ष्मण पराक्रमी, निडर, साहसी, पितृभक्त, वीर, त्यागी ।
  • रावण पराक्रमी, निडर, साहसी, वीर, दुश्चरित्र, अड़ियल, कपटी ।
  • विभीषण निडर, साहसी, दूरदर्शी, ज्ञानी। सीता शांत, त्यागी, उदार, धैर्यवान।
  • कैकेयी लालची, अज्ञानी, कपटी, अड़ियल ।
  • हनुमान पराक्रमी, निडर, साहसी, वीर, शांत, दूरदर्शी, त्यागी, भक्त।
  • भरत त्यागी, गंभीर, उदार, धैर्यवान, भक्त, न्यायप्रिय ज्ञानी ।

15. तुमने अपने आस-पास के बड़ों से रामायण की कहानी सुनी होगी। रामलीला भी देखी होगी। क्या तुम्हें अपनी पुस्तक रामकथा की कहानी और बड़ों से सुनी रामायण की कहानी में कोई अंतर नजर आया ? यदि हाँ, तो उसके बारे में कक्षा में बताओ।

उत्तर मैंने बड़े लोगों से रामकथा कई बार सुनी है। रामलीला भी देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। दोनों ही स्थानों पर कहानी के मुख्य पात्रों के विषय में ही उल्लेख होता है, घटनाक्रम तथा कहानी में अंतर नहीं होता है। बाल रामकथा में प्रत्येक छोटी बड़ी घटना की विस्तृत जानकारी मिली, जैसे मुनि विश्वामित्र किस नदी के किस किनारे गए, किस स्थान से अयोध्या नगरी ओझल हो गई। सारी जानकारी विस्तृत रूप में मिली।

16. ‘रामकथा’ में कई नदियों और स्थानों के नाम आए हैं। इनकी सूची बनाओ और एटलस में देखो कि कौन-कौन-सी नदियाँ और जगहें अभी भी मौजूद हैं। यह काम तुम चार-चार के समूह में कर सकते हो।

उत्तर ‘रामकथा’ में आए नदियों तथा स्थानों के नाम निम्नलिखित हैं

नदियों के नाम सरयू, गंगा, यमुना, गोदावरी।

स्थानों के नाम अवध, अयोध्या, मिथिला, चित्रकूट, केकयराज, किष्किंधा, श्रृंगवेरपुर, विंध्याचल, प्रयाग, लंका (विद्यार्थी एटलस में देखेंगे)।

17. यह रामकथा वाल्मीकि रामायण पर आधारित है। तुलसीदास द्वारा रचित ‘रामचरितमानस’ के बारे में जानकारी इकट्ठी करो और उसे चार्टपेपर पर लिखकर कक्षा में लगाओ। जानकारी प्रस्तुत करने के निम्नलिखित बिंदु हो सकते हैं

  • रामकथा का नाम
  • रचनाकार का नाम
  • भाषा / प्रांत

18. ‘नगर में बड़ा समारोह आयोजित किया गया। धूमधाम से।’ ‘एक दिन ऐसी ही चर्चा चल रही थी। गहन मंत्रणा ।’ पाँच दिन तक सब ठीक-ठीक चलता रहा। शांति से । निर्विघ्न ।’ रामकथा की इन पंक्तियों में कुछ वाक्य केवल एक या दो शब्दों के हैं। ऐसा लेखक ने किसी बात पर बल देने के लिए, उसे प्रभावशाली बनाने के लिए या नाटकीय बनाने के लिए किया है। ऐसे कुछ और उदाहरण पुस्तक से छाँटो और देखो कि इन एक-दो शब्दों के वाक्य को पिछले वाक्य में जोड़कर लिखने से बात के असर में क्या फर्क पड़ता है। उदाहरण के लिए
‘पाँच दिन तक सब शांति से निर्विघ्न और ठीक-ठाक चलता रहा।’

उत्तर दोनों भाइयों ने उसे सहर्ष स्वीकार कर लिया। सिर झुकाकर ।

आदर सहित।

नदी पार जंगल था। घना । दुर्गम ।

लोगों का आना-जाना लगा रहता। वे प्रश्न पूछते। राय माँगते ।

ध्यान से देखा।

राक्षसियों के बीच एक स्त्री बैठी है।

चेहरा मुरझाया हुआ ।

उदास दयनीय दुर्बल। शोक प्रस्त

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘घ’ लेखन अध्याय 4 सूचना लेखन Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘घ’ लेखन अध्याय 4 सूचना लेखन Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘घ’ लेखन अध्याय 4 सूचना लेखन सूचना-लेखन का अर्थ

सूचना संचार का एक माध्यम है, जिसके द्वारा लोगों के विशेष समूह तक महत्त्वपूर्ण जानकारी अथवा संदेश पहुँचाया जाता है। किसी विशेष विषय पर किसी विशेष व्यक्ति, संस्था, समूह, कार्यालय, शिक्षा संस्थान या समाज विशेष को कम शब्दों व औपचारिक शैली में लिखी गई संक्षिप्त जानकारी सूचना लेखन कहलाती है।

सूचनाओं के प्रकार

  • किसी वस्तु के खो जाने पर उसकी खोज हेतु सूचना
  • विद्यालय तथा संस्थानों में अवकाश (छुट्टी), सांस्कृतिक कार्यक्रमों, परीक्षा व प्रतियोगिता संबंधी, विशेष दिवस मनाने आदि विषयों पर t सूचनाएँ।
  • किसी विशेष कार्य हेतु नियुक्त किए गए व्यक्ति की सूचना ।
  • किसी कार्यक्रम के आमंत्रण की सूचना, किसी विशेष कार्य हेतु नियुक्त किए गए व्यक्ति की सूचना ।
  • किसी नवीन परिवर्तन की सूचना ।

सूचना लिखते समय ध्यान रखने योग्य बातें

  • सूचना लिखते समय सर्वप्रथम ‘सूचना’ शब्द अवश्य लिखें तथा सूचना पूर्ण होने पर उसे एक बॉक्स में बंद कर दें।
  • सूचना विषय के अनुरूप लिखी जानी चाहिए।
  • सूचना किसे देनी है और क्या सूचना देनी है यह स्पष्ट होना चाहिए।
  • सूचना में समय व दिनांक स्पष्ट होना चाहिए।
  • सूचना की भाषा सुगम एवं स्पष्ट होनी चाहिए।
  • सूचना सीमित शब्दों में लिखी जाती है तथा इसे लिखने के पश्चात् धन्यवाद नहीं लिखा जाना चाहिए।
  • सूचना के अंत में जारी करने वाले का नाम व पद अवश्य लिखा होना चाहिए।

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NCERT Class 6 Hindi खंड ‘घ’ लेखन अध्याय 4 सूचना लेखन सूचना-लेखन का प्रारूप

प्रश्न आप स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, दिल्ली में कार्यरत् हैं। एक स्वास्थ्य संबंधी सूचना को 20-30 शब्दों में लिखिए।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘घ’ लेखन अध्याय 4 सूचना लेखन Question And Answers सूचना-लेखन का प्रारूप

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘घ’ लेखन अध्याय 4 सूचना लेखन अभ्यास प्रश्न

1. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ‘स्वच्छ भारत’ विषय पर विज्ञापन आमंत्रित किए जाने हेतु सूचना लिखिए।

उतर

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली

सूचना

दिनांक 8 अक्टूबर, 20XX

स्वच्छ भारत अभियान

सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि 14 नवंबर, 20XX से आरंभ होने वाले अभियान ‘स्वच्छ भारत’ पर विज्ञापन डिजाइन करें। सर्वश्रेष्ठ विज्ञापन को मंत्रालय द्वारा ₹ 10,000 का नकद पुरस्कार एवं प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया जाएगा। रंगीन विज्ञापन का आकार 30 x 40 सेमी होना चाहि ए ।

विज्ञापन पीडीएफ प्रारूप में www.davp.nic.in पर उपलब्ध लिंक से अपलोड करें, प्रविष्टि भेजने की अंतिम तिथि 12 अक्टूबर, 20XX है। सुनिश्चित करें कि आपकी प्रविष्टि भारतीय कॉपीराइट अधिनियम का उल्लंघन न करती हो।

डी वी सिंह
(सचिव)

2. विद्यालय की ‘वाद-विवाद प्रतियोगिता’ समिति के सचिव की तरफ से सभी सदस्यों को बैठक के लिए आमंत्रित किए जाने की सूचना लिखिए ।

उतर

अर्वाचीन पब्लिक स्कूल विवेक विहार, नई दिल्ली

सूचना

दिनांक 21 अक्टूबर, 20XX

वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन

विद्यालय की वाद-विवाद समिति के सदस्यों को सूचित किया जाता है कि अगले माह होने वाली ‘अंतर- विद्यालय वाद-विवाद प्रतियोगिता के आयोजन के संबंध में चर्चा करने के लिए एक बैठक दिनांक 27 अक्टूबर, 20XX की अपराह्न 3 : 00 बजे कक्ष सं. 14 में आयोजित की जाएगी। सभी सदस्य उपस्थित होने का कष्ट करें।

सौम्या रावत
(सचिव) वाद-विवाद समिति

3. विद्यालय के प्रधानाचार्य की ओर से विद्यार्थियों को मोबाइल लेकर नहीं आने के संबंध में सूचना लिखिए।

उतर

बाल भारती स्कूल, मेरठ

सूचना

दिनांक 29 जुलाई, 20XX

मोबाइल फोन का निषेध

विद्यालय के सभी छात्रों को सूचित किया जाता है कि विद्यालय में कोई भी छात्र मोबाइल फोन लेकर नहीं आएगा। यदि कोई इस आदेश को नहीं मानता है, तो उसके विरुद्ध ठोस कदम उठाया जाएगा।

एस के ओहरी
(प्रधानाचार्य )

4. आप निकेतन अपार्टमेंट, नोएडा सेक्टर-63 के आर डब्ल्यू ए के सचिव हैं। गाँधी जयंती के अवसर पर आर डब्ल्यू ए के सदस्यों ने डॉक्टरों की देख-रेख में रक्तदान शिविर का आयोजन किया है। इच्छुक व्यक्ति रक्तदान हेतु सादर आमंत्रित हैं। इस संबंध में सूचना दीजिए।

उतर

निकेतन अपार्टमेंट, नोएडा सेक्टर-63

सूचना

दिनांक 28 सितंबर, 20XX

रक्तदान शिविर का आयोजन

आप सभी को अत्यंत हर्ष के साथ सूचित किया जाता है कि 2 अक्टूबर अर्थात् गाँधी जयंती के शुभ अवसर पर अपार्टमेंट के सामुदायिक भवन में एक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया है। यह आयोजन दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल के डॉक्टरों की देखरेख में किया जाएगा। रक्तदान के इच्छुक व्यक्ति 1 अक्टूबर, 20XX

तक अवश्य नामांकन करवा दें।

आयोजन का दिन- 2 अक्टूबर, 20XX
समय – प्रातः 10 बजे से सायं 5 बजे
स्थान – निकेतन अपार्टमेंट, सेक्टर-63,

अश्विन गुप्ता
(सचिव)
आर डब्ल्यू ए

5. महात्मा गाँधी सार्वजनिक पुस्तकालय, मेरठ के पुस्तकालय अध्यक्ष की ओर से एक सूचना जारी कीजिए कि जनता की माँग पर पुस्तकालय रविवार को पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न 4 बजे तक खुला रहेगा।

उतर

महात्मा गाँधी सार्वजनिक पुस्तकालय, मेरठ

सूचना

दिनांक 23 सितंबर, 20XX

पुस्तकालय के समय में बदलाव से संबंधित

समस्त जनसामान्य को सूचित किया जाता है कि आगामी गाँधी जयंती 2 अक्टूबर, 20XX से लोगों की माँग पर पुस्तकालय हर रविवार को पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न 4 बजे तक खोला जाएगा।

रविकांत त्यागी
(पुस्तकालय अध्यक्ष )

6. सचिव ईरोज गार्डन कल्याण समिति, फरीदाबाद की ओर से कॉलोनी के समस्त निवासियों के लिए यह सूचना जारी कीजिए कि दिनांक 25 अक्टूबर, 20XX को पानी की लाइनों की सफाई के कारण प्रातः 6:00 बजे से सायं 6:00 बजे तक पानी नहीं आएगा।

उतर

ईरोज गार्डन कल्याण समिति, फरीदाबाद

सूचना

दिनांक 20 अगस्त, 20XX

जल आपूर्ति में कटौती

कॉलोनी के समस्त निवासियों को सूचित किया जाता है कि पानी की पाइपलाइनों की सफाई के कारण दिनांक 25 अगस्त, 20XX को प्रातः 6 बजे से सायं 6 बजे तक जल की आपूर्ति बंद रहेगी। असुविधा के लिए खेद है।

राजीव कुमार
(सचिव)

7. थाना हौज खास द्वारा जारी पहचान की अपील हेतु सूचना लिखिए।

उतर

थाना हौज खास, नई दिल्ली

सूचना

दिनांक 13 सितंबर, 20XX

पहचान की अपील

सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि एक अज्ञात व्यक्ति, जिसकी आयु लगभग 35 वर्ष, कद 5’6″ रंग साँवला, जो हल्के नीले रंग की शर्ट तथा नीले रंग की जीन्स पहने हुए हैं, दिनांक 5/9/XX को एम्स अस्पताल, नई दिल्ली में मृत पाया गया। इस संदर्भ में एक डी डी नं. 3-बी 5/9/XX को थाना हौज खास में दर्ज है।

इस मृतक के बारे में किसी भी व्यक्ति को कोई भी जानकारी / सुराग मिले, तो निम्नलिखित को सूचित करने की कृपा करें

थानाध्यक्ष
थाना हौज खास, नई दिल्ली
फोन : 265367XXXX, 265100XXXX