NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 25 लंका विजय Question And Answers
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 25 लंका विजय पाठ का सार
लंका कूच की तैयारियाँ और विभीषण का राम की शरण में आना
रातभर लंका जाने की तैयारियाँ की गईं। सुग्रीव ने वानरों को संबोधित किया और युद्ध के नियम बनाए तथा रक्षा और आक्रमण के तरीके भी बताए । लंका पर आक्रमण करने के लिए वानरसेना किष्किंधा से राम, लक्ष्मण और सुग्रीव की जय-जयकार करते हुए निकल पड़ी।
दिन-रात चलकर महेंद्र पर्वत पर सेना ने अपना डेरा डाला। लंका में हलचल मच गई तथा राम की शक्ति से वे भयभीत हो रहे थे। राम की चर्चा विभीषण ने सुनी और रावण को समझाने गए कि राम से युद्ध न करें, सीता को लौटा दें। रावण ने क्रोधित होकर विभीषण को लंका से निकल जाने को कहा। दूसरी ओर राम की सेना समुद्रतट तक पहुँच चुकी थी।
विभीषण चार सहायकों के साथ लंका से निकल गए। वह राम के शिविर में गए और बताया, मैं रावण का छोटा भाई हूँ । रावण ने मुझे राज्य से निकाल दिया। मैं आपकी शरण में आया हूँ, मुझे स्वीकार कीजिए। राम ने उनका सत्कार किया तथा उन्हें सहायता करने का वचन भी दिया। विभीषण राम के विश्वासपात्र बन गए।
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समुद्र पर पुल बनाना
समुद्र पार करना सेना के लिए चुनौती थी। राम ने तीन दिन तक समुद्र से रास्ता देने की विनती की, लेकिन समुद्र के विनती न सुनने पर राम क्रोधित हो गए। राम का क्रोध देखकर समुद्र ने बताया कि नल और नील नामक वानर पुल बना सकते हैं।
कंकड़-पत्थर शिलाओं से पाँच दिनों में पुल बनकर तैयार हो गया । सबसे पहले विभीषण पुल से उस पार गए फिर वानर सेना समुद्र पार कर लंका के किनारे पहुँच गई। यह सुनकर रावण हैरान रह गया और उसने अपनी सेना को तैयार रहने का आदेश दिया।
सुलह का अंतिम प्रयास
सागर पार करने के उपरांत राम व रावण दोनों की सेनाएँ आक्रमण के लिए तैयार थीं। लंका के चार द्वार थे। राम ने अपनी सेना को चार भागों में विभक्त किया। राम ने पर्वत शिखर पर चढ़कर स्वयं लंका का निरीक्षण किया।
वे लंका का वैभव देखकर आश्चर्यचकित थे। इस बीच उन्होंने सुलह का अंतिम प्रयास किया। उन्होंने अंगद को अपना दूत बनाकर रावण के पास भेजा, जिससे रावण सीता को लौटा दे और युद्ध न हो, परंतु रावण सुलह करने के लिए तैयार नहीं हुआ।
लंका पर आक्रमण
राम का आदेश पाते ही वानर सेना ने लंका पर चढ़ाई कर दी। दूसरी ओर रावण सेना के राक्षस वानर सेना पर टूट पड़े। मेघनाद ने रावण की सेना का नेतृत्व किया। वह मायावी था और छिपकर युद्ध करता था। उसके बाण से लक्ष्मण मूच्छित हो गए।
वह उन्हें मृत समझकर रावण को सूचना देने महल की ओर दौड़कर गया। विभीषण और राम ने लक्ष्मण का उपचार किया। रावण की सेना में धूम्राक्ष, अकंपन जैसे महाबली राक्षस मारे गए। यह सुनकर रावण ने कमान सँभाल ली। राम के बाणों ने उसका मुकुट धरती पर गिरा दिया। उसने कुंभकर्ण को जगाया। कुंभकर्ण को देखते ही वानर सेना में हलचल मच गई। उसने हनुमान और अंगद को घायल कर दिया। तब राम-लक्ष्मण ने बाणों की वर्षा से कुंभकर्ण को मार डाला। कुंभकर्ण की मृत्यु से रावण निराश हो गया।
मेघनाद – लक्ष्मण युद्ध
मेघनाद बहुत पराक्रमी था तथा उसने इंद्र को भी पराजित कर दिया था। मेघनाद वानर सेना पर चक्रवात की तरह आगे बढ़ रहा था। मेघनाद और लक्ष्मण के बीच भीषण युद्ध हुआ। अंत में लक्ष्मण ने महल में मेघनाद को मार गिराया। लक्ष्मण के साथ वानर सेना ने लंका में प्रवेश किया। उनके हाथों में जलती हुई मशालें थीं। शस्त्रागार – भंडारघर सब जगह आग लगा दी गई। अकंपन, प्रबंध, यूपाक्ष, कुंभ, निकुंभ, देवांतक और त्रिशिरा, नरांतक सब मारे गए थे। लक्ष्मण ने अतिकाय का सिर काट लिया तथा राक्षस सेना भाग गई।
घातक बाण से लक्ष्मण मूर्च्छित
रावण के पास कोई विकल्प न बचा, अधिकतर राक्षस मारे जा चुके थे। रावण अकेला युद्ध नाद करता बाहर निकला। रावण, विभीषण को देखकर क्रोधित हो गया। उसने विभीषण पर निशाना लगाया, तो लक्ष्मण ने बाण काट दिया। दूसरा घातक बाण लक्ष्मण को लगने पर लक्ष्मण अचेत हो गए। लक्ष्मण को सुग्रीव की निगरानी में छोड़ राम ने रावण को चुनौती दी।
हनुमान लक्ष्मण को उठाकर रणक्षेत्र से दूर ले गए। वैद्य सुषेण को बुलाया गया और हनुमान संजीवनी बूटी लेकर आए। वैद्य की चिकित्सा से घाव धीरे-धीरे भर गए तथा संजीवनी बूटी के प्रभाव से रक्त का बहना भी बंद हो गया। सुग्रीव ने लक्ष्मण के स्वस्थ होने की सूचना राम तक पहुँचाई।
राम-रावण युद्ध
राम-रावण का भयानक युद्ध हो रहा था। सबकी निगाहें राम और रावण की ओर थीं। ऐसा महासंग्राम उन्होंने पहले कभी नहीं देखा था। तभी रावण का एक बाण राम को लगा जिससे उनके रथ की ध्वजा कटकर गिर पड़ी। राम ने प्रहार किया, तो बाण रावण के मस्तक पर लगा। राम के बाणों ने रावण के रथ की दिशा बदल दी तथा रावण के हाथ से धनुष छूट गया। रावण मारा गया तथा राक्षस सेना जान बचाकर भागी ।
विभीषण का राज्याभिषेक
विभीषण रणक्षेत्र में बड़े भाई रावण की मृत्यु पर विलाप कर रहा था। राम ने विभीषण को समझाया कि शोक मत करो, सत्य को स्वीकार करो। विभीषण के राज्याभिषेक की तैयारी कराई गई। विभीषण को राज्याभिषेक के बाद राजसिंहासन पर बैठाया गया। हनुमान अशोक वाटिका से लौटे, तो उन्होंने बताया कि सीता लंका विजय का समाचार पाकर प्रसन्न हैं। सीता एक वर्ष के बाद राम के पास वापस आईं।
शब्दार्थ
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 25 लंका विजय बहुविकल्पीय प्रश्न
अभ्यास प्रश्न (बहुविकल्पीय व वर्णनात्मक प्रश्नों सहित)
1. राम व लक्ष्मण के पास कौन इकट्ठे हुए थे?
(क) वानर
(ख) हनुमान
(ग) सुग्रीव
(घ) विभीषण
उत्तर (क) वानर
2. वानर सेना ने कहाँ पर डेरा डाला था ?
(क) लंका के बाहर
(ख) महेंद्र पर्वत पर
(ग) समुद्र के किनारे
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर (ख) महेंद्र पर्वत पर
3. पर्वत पर किसका ध्वज लगाया गया था?
(क) राम का
(ख) सुग्रीव का
(ग) विभीषण का
(घ) वानर सेना का
उत्तर (घ) वानर सेना का
4. रावण को समझाने कौन गया था?
(क) सुग्रीव
(ख) नल
(ग) लक्ष्मण
(घ) विभीषण
उत्तर (घ) विभीषण
5. मेघनाद कहाँ मारा गया?
(क) युद्ध भूमि में
(ख) समुद्र में
(ग) महल में
(घ) पर्वत शिखर पर
उत्तर (ग) महल में
6. राम ने किसे दूत बनाकर रावण के पास भेजा?
(क) सुग्रीव को
(ख) अंगद को
(ग) जामवंत को
(घ) हनुमान को
उत्तर (ख) अंगद को
7. हनुमान कौन-सी बूटी लाए थे?
(क) संजीवनी बूटी
(ख) जड़ी बूटी
(ग) हरड़ बूटी
(घ) गिलोय बूटी
उत्तर (क) संजीवनी बूटी
8. रावण वध को किस रूप में देखा जाता है?
(क) सत्य की असत्य पर विजय
(ख) धर्म की अधर्म पर विजय
(ग) नीति की अनीति पर विजय
(घ) ये सभी
उत्तर (घ) ये सभी
9. सेतु का निर्माण किसने किया था?
(क) राम और लक्ष्मण
(ख) नल और नील
(ग) सुग्रीव और हनुमान
(घ) ये सभी
उत्तर (ख) नल और नील
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 25 लंका विजय रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. वानर सेना का नेतृत्व _________ कर रहे थे, सबसे पीछे हनुमान और _________ थे।
उत्तर वानर सेना का नेतृत्व नल कर रहे थे, सबसे पीछे हनुमान और जामवंत थे।
2. _________ रावण का छोटा भाई था, उसने सीता को लौटा देने के लिए बहुत समझाया।
उत्तर विभीषण रावण का छोटा भाई था, उसने सीता को लौटा देने के लिए बहुत समझाया।
3. ___________ राम की शरण में आ गया और उनका विश्वासपात्र बन गया।
उत्तर विभीषण राम की शरण में आ गया और उनका विश्वासपात्र बन गया।
4. राम ___________ “से तीन दिन तक रास्ता देने की प्रार्थना करते रहे।
उत्तर राम समुद्र से तीन दिन तक रास्ता देने की प्रार्थना करते रहे।
5. _________ के बाण से _____ मूच्छित होकर गिर पड़े।
उत्तर मेघनाद के बाण से लक्ष्मण मूच्छित होकर गिर पड़े।
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 25 लंका विजय अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
1. वानर सेना किलकारियाँ, भरती हुई कहाँ से रवाना हुई थी ?
उत्तर वानर सेना किलकारियाँ भरती हुई किष्किंधा से रवाना हुई थी ।
2. जामवंत और हनुमान सबसे पीछे क्यों चल रहे थे?
उत्तर जामवंत और हनुमान सबसे पीछे इसलिए चल रहे थे, क्योंकि ये सेना की रणनीति का एक हिस्सा था।
3. समुद्र से रास्ता देने के लिए राम ने कितने दिन तक प्रार्थना की?
उत्तर समुद्र से रास्ता देने के लिए राम ने पूरे तीन दिन तक प्रार्थना की।
4. पुल कितने दिनों में तैयार किया गया था?
उत्तर पुल केवल पाँच दिनों में तैयार किया गया था।
5. पुल के संबंध में रावण को क्या विस्मय हुआ?
उत्तर पुल के संबंध में रावण विस्मित था कि समुद्र पर पुल कैसे बनाया जा सकता है। वह भी केवल पाँच दिनों में।
6. अंगद को दूत बनाकर राम ने लंका में क्यों भेजा ?
उत्तर राम ने अंगद को शांति दूत बनाकर रावण के पास सुलह के लिए तथा सीता को लौटाने के लिए भेजा था।
7. कुंभकर्ण कौन था?
उत्तर कुंभकर्ण रावण का छोटा भाई था।
8. मेघनाद के बारे में बताइए ।
उत्तर मेघनाद बहुत पराक्रमी था। एक बार उसने इंद्र को भी पराजित कर दिया था। इस वजह से उसका नाम इंद्रजीत पड़ा।
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 25 लंका विजय लघु उत्तरीय प्रश्न
1. विभीषण ने रावण को क्या समझाया?
उत्तर राम की वीरता की चर्चा विभीषण ने सुन रखी थी। वह समझ गया कि युद्ध में रावण की पराजय निश्चित है। उसने रावण को राम की वीरता के बारे में बताया तथा उनसे युद्ध न करने के लिए समझाया और सीता को लौटा देने के लिए भी कहा।
2. समुद्र ने राम की किस प्रकार सहायता की?
उत्तर राम समुद्र से तीन दिन तक रास्ता देने की विनती करते रहे। वह नहीं माना, तो राम को क्रोध आ गया। राम का क्रोध देखते हुए समुद्र ने उन्हें सलाह दी कि आपकी सेना में नल और नील नामक वानर हैं। वे पुल बना सकते हैं, जिससे वानर सेना पार उतर जाएगी।
3. लंका प्रस्थान से पहले सुग्रीव ने वानरों से क्या कहा?
उत्तर लंका प्रस्थान से पहले रातभर तैयारियाँ हुई। सवेरे सुग्रीव ने वानरों से
कहा, जो शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हैं, वही सैनिक जाएँगे। युद्ध भयानक होगा। सेना को आक्रमण के तरीके और युद्ध के नियम भी बताए ।
4. कुंभकर्ण कौन था ? रावण ने उसे क्यों बुलाया?
उत्तर कुंभकर्ण रावण का भाई था। वह महाबली था। वह छः महीने सोता था । रावण की सेना के बहुत-से राक्षस मारे गए थे। राम के साथ युद्ध करने के लिए रावण ने कुंभकर्ण को बुलाया, जिससे वह अपना पराक्रम दिखा सके तथा राम को युद्ध में हरा सके।
5. रावण की मृत्यु के बाद क्या हुआ?
उत्तर रावण की मृत्यु के बाद राम की जय-जयकार होने लगी। दूसरी ओर विभीषण रावण के मृत शरीर के पास खड़ा विलाप कर रहा था। राम ने उसे समझाया कि मृत्यु सत्य है, उसे स्वीकार करो। शोक मत करो। रावण की अंत्येष्टि के बाद विभीषण का राज्याभिषेक किया गया। लंका का राजा विभीषण बन गया।
6. लंका जाने से पूर्व वानर सेना ने पूरी तैयारियाँ की थीं। आप किसी कार्य को किस प्रकार प्रारंभ करते हैं?
उत्तर मैं किसी कार्य को योजनाबद्ध तरीके से प्रारंभ करता हूँ। कार्य प्रारंभ करने से पूर्व उसकी पूरी योजना बनाता हूँ। कार्य कहाँ ? किस प्रकार ? किसके द्वारा किया जाएगा? सभी विषयों पर गंभीरता से सोचता हूँ। कार्य के बीच में क्या रुकावटें आ सकती हैं, उस पर भी विचार-विमर्श करके उन्हें दूर करने का उपाय खोजता हूँ। यह सब करने के बाद ही पूरी तैयारी से कार्य प्रारंभ करता हूँ।
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 25 लंका विजय दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. राम की सेना के सामने क्या चुनौती थी? उसका समाधान प्रकार हुआ ?
उत्तर राम की सेना के सामने समुद्र को पार करने की चुनौती थी। समुद्र विशाल था। पहले राम ने हाथ जोड़कर समुद्र से प्रार्थना की कि उसे रास्ता दे दे। तीन दिनों तक वह बैठे रहे। वे समुद्र से रास्ता देने की प्रार्थना करते रहे। पर जब वह नहीं माना, तब राम क्रोध में आ गए। राम के क्रोध को देखकर समुद्र ने उन्हें सलाह दी- “आपकी सेना में नल और नील नामक वानर हैं, वे पुल बना सकते हैं। उससे वानर सेना पार कर जाएगी और मेरी मर्यादा भी बनी रहेगी।”
नल-नील ने अगले दिन कार्य आरंभ कर दिया। पुल बनने लगा । वानर कंकड़, पत्थर, शिलाएँ लाते रहे। नल-नील पुल बनाते रहे। पुल पाँच दिन में बनकर तैयार हो गया। पहले विभीषण पुल के उस पार गए, पीछे-पीछे वानर सेना का अगला दल लंका में पहुँचा। पुल बनने का समाचार सुनकर रावण आश्चर्यचकित हो गया।
2. लंका विजय में वानर सेना ने राम की किस प्रकार से मदद की?
उत्तर लंका विजय में वानर सेना ने राम की अपार सहायता की। समुद्र पर रास्ता बनाने से लेकर रणभूमि तक पूरी वानर सेना ने राम की मदद की और प्रत्येक परिस्थिति में डटकर सामना भी किया। इसमें हनुमान ने सीता की खोज में राम की मदद की। हनुमान ने सीता तक राम की दी गई अँगूठी पहुँचाई और सीता को लंका से मुक्ति का भरोसा दिया। सेना के सेनापति नल और नील ने लंका तक जाने के लिए सुमद्र पर सेतु का निर्माण करवाया। अंगद ने वानर सेना का नेतृत्व किया। पूरी वानर सेना बहादुरी से लड़ी और वानर सेना की मदद से ही राम को युद्ध विजय में सहायता मिली।
3. विभीषण राम की शरण में क्यों आ गए?
उत्तर विभीषण रावण का छोटा भाई था । विभीषण ने रावण को युद्ध न करने के लिए बहुत समझाया, परंतु रावण न माना और उसे शत्रु कहा तथा अपने राज्य से निकल जाने के लिए कहा।
विभीषण उसी रात राम के शिविर में गए। वहाँ पहुँचकर अपना परिचय दिया और राम से अपनी शरण में लेने की विनती की। सुग्रीव और अंगद को विभीषण की बातों पर संदेह हो रहा था। राम ने पूरी बात सुनी और कहा- “हमें विभीषण को स्वीकार करना चाहिए। मैं शरण में आए व्यक्ति को कभी निराश नहीं करता। यह मेरी नीति है।” राम ने उनका सत्कार किया।
4. कुंभकर्ण को देखकर रणक्षेत्र में वानर सेना की क्या दशा हुई थी ?
उत्तर कुंभकर्ण बहुत बलवान था। बलवान होने के साथ-साथ उसमें बहुत-सी मायावी शक्तियाँ भी थीं। वह सामान्य मनुष्यों से आकार में बहुत बड़ा था। जैसे ही वह रणक्षेत्र में आया, तो उसे देखकर पूरी वानर सेना भय से कंपित होने लगी। सभी उसके विशालकाय आकार को देखकर और उसकी मायावी शक्तियों को देखकर भयभीत हो गए। उसने युद्ध क्षेत्र में आते ही अनेक वानरों को अपने हाथों और पैरों से कुचलकर मार डाला था। उसने महाबली हनुमान, अंगद और सेना के प्रमुख लोगों को भी घायल कर दिया था।
5. राम और रावण के युद्ध का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए ।
उत्तर राम और रावण के बीच युद्ध बहुत भयानक था । शस्त्रों की गति बहुत तेज़ थी। उनसे बहुत तेज़ चिंगारी आ रही थी। हवा थम गई थी और सूरज बादलों के पीछे छिप गया था दोनों वीर योद्धा बहादुरी के साथ लड़ रहे थे। उनका युद्ध देख आस-पास के छोटे-छोटे युद्ध थम गए थे। कोई योद्धा एक सूत भर पीछे होने को तैयार नहीं था। इस बीच रावण के एक बाण से राम के रथ की ध्वजा कटकर गिर पड़ी।
राम ने जोर से प्रहार किया। बाण रावण के मस्तक पर लगा। रक्त की धारा बहने लगी। रावण भागकर अपने महल में चला गया। थोड़ी देर बाद राम और रावण में फिर युद्ध शुरू हो गया। राम के बाणों ने रावण के रथ का मुँह मोड़ दिया, जिससे रावण हिम्मत हार गया। राम का एक बाण उसके पार हो गया और वह पृथ्वी पर ही गिर गया तथा मारा गया। अंततः राम की विजय हुई।