NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 22 सीता की खोज Question And Answers
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 22 सीता की खोज पाठ का सार
राम का आशंकित होना
मायावी सोने का हिरण बने मारीच के मरते समय उसके मुख से अपनी ही आवाज में सीता व लक्ष्मण को अपनी सहायता के लिए पुकारते हुए सुनते ही राम संदेह से भरे कुटिया की ओर भागे चले जा रहे थे कि कहीं लक्ष्मण सीता को अकेला छोड़कर न आ जाए। मार्ग में उन्होंने पगडंडी पर लक्ष्मण को आते हुए देखा। उनकी अनिष्ट की आशंका और बढ़ गई तथा राम को लक्ष्मण पर कुटिया में सीता को अकेले छोड़ आने पर क्रोध आया।
लक्ष्मण ने राम को कहा कि मुझे पता था कि आप सकुशल होंगे, परंतु सीता के कटु वचन और उलाहने ने मुझे आपके पास आने के लिए विवश कर दिया। राम-लक्ष्मण दोनों जल्दी कुटिया की ओर चल पड़े। जब कुटिया दूर से ही दिखाई देने लगी तो राम ने दूर से ही सीता को पुकारा- सीते! तुम कहाँ हो? कोई उत्तर न पाकर उनकी बेचैनी बढ़ गई। राम भागते हुए आश्रम पहुँचे, सीता का कहीं पता न चला। शोक से राम व्याकुल हो गए। सीता से बिछुड़ना उनके लिए असहनीय था ।
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राम द्वारा सीता की खोज
राम, सीता को पेड़ों और झाड़ियों के पीछे खोजते खोजते गोदावरी नदी के तट पर पहुँच गए। पंचवटी के एक-एक वृक्ष के पास गए। इतना ही नहीं, वे प्रकृति की हर वस्तु से सीता का पता पूछते रहे। वे भूल गए कि प्रकृति बात नहीं कर सकती। राम, सीता के वियोग में शोक में संतप्त थे। उनकी मानसिक स्थिति विक्षिप्त जैसी थी। लक्ष्मण से राम का दुःख देखा नहीं जा रहा था। राम विलाप कर रहे थे कि मैं सीता के बिना अयोध्या वापस कैसे लौट सकता हूँ? मैं वहाँ नहीं जाऊँगा । उन्होंने लक्ष्मण से कहा कि लक्ष्मण तुम अयोध्या जाओ और मुझे यहीं छोड़ दो।
राम का दुःख लक्ष्मण से देखा नहीं गया। लक्ष्मण राम के निकट आए और बोले कि आप आदर्श पुरुष हैं, आपको धैर्य रखना चाहिए, हम मिलकर माता सीता की खोज करेंगे। माता सीता जहाँ भी होंगी, हमारी प्रतीक्षा कर रही होंगी। इसी बीच आश्रम के आस-पास घूमने वाला हिरणों का झुंड भी उनके निकट आ गया।
राम को लगा कि हिरण सीता के बारे में जानते हैं। राम ने हिरणों से सीता के बारे में पूछा। हिरणों ने सिर उठाकर आसमान की ओर देखा और दक्षिण दिशा की ओर भाग गए। राम ने उनका संकेत समझ लिया और सीता की खोज में दक्षिण दिशा की ओर चल दिए।
राम-लक्ष्मण की जटायु से भेंट
वन में दोनों भाइयों को टूटे हुए रथ के टुकड़े दिखाई दिए। ऐसा लग रहा था कि कुछ देर पहले यहाँ संघर्ष हुआ है। सीता की वेणी में गुँथी पुष्पमाला वहीं मिली। राम को लगा कि सीता राक्षसों के चंगुल में फँस गई है।
संघर्ष के समय ही माला टूटकर गिरी होगी। थोड़ी दूर जाने पर उन्हें गिद्धराज जटायु दिखाई दिया। उसके पंख कटे हुए थे। वह खून से लथपथ था। उसने राम को बताया कि रावण सीता को उठा ले गया है। सीता का विलाप सुनकर मैंने रावण को चुनौती दी और उसका रथ तोड़ दिया तथा रावण को भी घायल कर दिया, परंतु मैं सीता को नहीं बचा सका।
रावण उन्हें लेकर दक्षिण दिशा की ओर उड़ गया। यह कहते कहते जटायु ने अपने प्राण त्याग दिए। राम को यह सब सुनकर बहुत दुःख – भैया हमें जटायु हुआ। लक्ष्मण ने उन्हें विलाप करते हुए देखकर कहा- का अंतिम संस्कार करके तुरंत दक्षिण दिशा की ओर जाना चाहिए तथा वे दोनों उसी दिशा की ओर चल दिए ।
कबंध का राम से आग्रह
दोनों राजकुमार वन के कठिन मार्ग को पार करते हुए दक्षिण दिशा की ओर आगे बढ़े। यात्रा के प्रारंभ में ही कबंध राक्षस ने उन पर आक्रमण कर दिया। कबंध देखने में बहुत भयानक था। उसकी गर्दन नहीं थी, केवल एक आँख थी, दाँत बाहर निकले हुए थे। जीभ साँप की तरह लंबी और लपलपाती हुई थी। वह राक्षस मोटे मांसपिंड जैसा लगता था । उसने राम-लक्ष्मण को एक-एक हाथ से हवा में उठा दिया, जब तक वह दोनों को अपने मुँह तक ले जाता, राम-लक्ष्मण ने तलवार से उसके दोनों हाथ काट दिए। राम-लक्ष्मण की शक्ति और बुद्धि देखकर कबंध आश्चर्यचकित रह गया। उसने उन दोनों का परिचय जाना ।
राम को अपने सामने देखकर उसने उन्हें अपनी अंतिम इच्छा बताई और आग्रह किया कि राम ही उसका अंतिम संस्कार करें। राम ने सहज रूप से अपनी स्वीकृति दे दी।
कबंध द्वारा राम-लक्ष्मण का मार्गदर्शन किया जाना
कबंध ने सीता की खोज में सहायता के उद्देश्य से राम-लक्ष्मण को पंपा सरोवर के निकट ऋष्यमूक पर्वत पर जाने की सलाह दी। ऋष्यमूक पर्वत वानरराज सुग्रीव का क्षेत्र है। वह वहाँ निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे हैं। उसने यह भी बताया कि सुग्रीव के पास वानरों की सेना है। सुग्रीव सीता को अवश्य खोज निकालेंगे।
कबंध ने अपना अंत होते देखकर उन्हें पंपा सरोवर के पास ही मतंग ऋषि के आश्रम जाने की सलाह भी दी और उसने आश्रम में शबरी से
मिलने के लिए भी कहा। कबंध के मर जाने पर राम ने उसका अंतिम संस्कार किया और वे दोनों पंपा सरोवर की ओर चल पड़े।
शबरी द्वारा राम को सलाह देना
राम पंपा सरोवर में मतंग ऋषि के आश्रम में शबरी के पास गए। वह ऋषि कन्या थी। वह वृद्धा थी। ऋषि ने उसे बताया था कि राम आश्रम में एक दिन अवश्य आएँगे और उससे अवश्य मिलेंगे।
राम को आश्रम में देखकर शबरी बहुत प्रसन्न हुई, उसने उनका आदर-सत्कार किया और मीठे फल खाने के लिए भी दिए। शबरी ने राम को सुग्रीव से मित्रता करने की सलाह दी। अगले दिन राम ऋष्यमूक पर्वत की ओर चल पड़े।
शब्दार्थ
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 22 सीता की खोज बहुविकल्पीय प्रश्न
अभ्यास प्रश्न (बहुविकल्पीय व वर्णनात्मक प्रश्नों सहित)
1. राम, सीता की रखवाली के लिए किसे छोड़कर आए थे?
(क) हनुमान को
(ख) लक्ष्मण को
(ग) मारीच को
(घ) जटायु को
उत्तर (ख) लक्ष्मण को
2. कुटिया पहुँचकर राम किसे पुकार रहे थे?
(क) भरत
(ख) लक्ष्मण
(ग) रावण
(घ) सीता
उत्तर (घ) सीता
3. टूटे रथ के पास क्या मिला?
(क) पादुकाएँ
(ख) पुष्पमाला
(ग) तलवार
(घ) आभूषण
उत्तर (ख) पुष्पमाला
4. विरह में राम कौन-सी नदी पर गए थे?
(क) सरस्वती नदी
(ख) यमुना नदी
(ग) गोदावरी नदी
(घ) सई नदी
उत्तर (ग) गोदावरी नदी
5. कबंध कौन था?
(क) किसान
(ख) वनवासी
(ग) मायावी राक्षस
(घ) ऋषि
उत्तर (ग) मायावी राक्षस
6. पंपा सरोवर के पास किसका आश्रम था?
(क) महर्षि भारद्वाज का
(ख) महर्षि मतंग का
(ग) महर्षि विश्वामित्र का
(घ) महर्षि वाल्मीकि का
उत्तर (ख) महर्षि मतंग का
7. शबरी ने राम को किससे मित्रता करने को कहा?
(क) सुग्रीव से
(ख) विभीषण से
(ग) बाली से
(घ) रावण से
उत्तर (क) सुग्रीव से
8. ऋष्यमूक पर्वत किस वानरराज का क्षेत्र था?
(क) सुग्रीव का
(ख) बाली का
(ग) हनुमान का
(घ) जामवंत का
उत्तर (क) सुग्रीव का
9. रावण सीता को कहाँ ले गया था?
(क) स्वर्ग
(ख) पाताल
(ग) लंका
(घ) अयोध्या
उत्तर (ग) लंका
10. बिना गर्दन, एक आँख और एक योजन लंबी भुजा वाले राक्षस का क्या नाम था ?
(क) अकंपन
(ख) खर
(ग) कबंध
(घ) सारथी
उत्तर (ग) कबंध
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 22 सीता की खोज रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. राम ने मार्ग में _________ को आते देखा और कहा, तुमने मेरी आज्ञा का उल्लंघन करके अच्छा नहीं किया।
उत्तर राम ने मार्ग में लक्ष्मण को आते देखा और कहा, तुमने मेरी आज्ञा का उल्लंघन करके अच्छा नहीं किया ।
2. कुटिया में ___________ न थी। ___________ हे सीते! हे सीते! पुकारते रहे।
उत्तर कुटिया में सीता न थी। राम हे सीते! हे सीते! पुकारते रहे।
3. राम के पूछने पर _________ ने सिर उठाकर आसमान की ओर देखा और _______ की ओर भाग गए।
उत्तर राम के पूछने पर हिरणों ने सिर उठाकर आसमान की ओर देखा और दक्षिण दिशा की ओर भाग गए।
4. वन में भटकते हुए राम-लक्ष्मण को टूटे हुए __________ के टुकड़े मिले।
उत्तर वन में भटकते हुए राम-लक्ष्मण को टूटे हुए रथ के टुकड़े मिले।
5. कुछ ही दूर पर पक्षिराज ‘मिले, जिसके रावण ने पंख काट दिए थे।
उत्तर कुछ ही दूर पर पक्षिराज जटायु मिले, जिसके रावण ने पंख काट दिए थे।
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 22 सीता की खोज अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
1. कुटिया की ओर भागे चले आ रहे राम के मन में कौन-सी आशंकाएँ थीं?
उत्तर कुटिया की ओर भागे चले आ रहे राम के मन में मारीच की माया और सीता की सुरक्षा को लेकर अनेक आशंकाएँ थीं।
2. राम जब कुटिया की ओर भागे जा रहे थे, तब उन्होंने किसे पगडंडी से आते देखा ?
उत्तर राम जब कुटिया की ओर भागे जा रहे थे, तब उन्होंने लक्ष्मण को पगडंडी से आते देखा।
3. राम को सीता वियोग में विलाप करते देख लक्ष्मण ने उनसे क्या कहा?
उत्तर राम को सीता वियोग में विलाप करते देख लक्ष्मण ने राम से कहा कि आप धैर्य रखिए हम सीता को ढूँढ निकालेंगे।
4. राम ने जब लक्ष्मण को अयोध्या लौट जाने को कहा, तब उसने क्या कहा?
उत्तर राम ने जब लक्ष्मण को अयोध्या लौट जाने को कहा, तब उसने कहा – ” आप आदर्श पुरुष हैं। आपको धैर्य रखना चाहिए। इस तरह दुःख से कातर नहीं होना चाहिए। हम मिलकर सीता की खोज करेंगे। वे जहाँ भी होंगी, हम उन्हें ढूंढ निकालेंगे।”
5. यात्रा के दौरान एक दिन राम-लक्ष्मण पर किसने आक्रमण किया?
उत्तर यात्रा के दौरान एक दिन राम-लक्ष्मण पर विशालकाय राक्षस कबंध ने आक्रमण किया।
6. शबरी ने राम को किससे मिलने की सलाह दी ?
उत्तर शबरी ने राम को सुग्रीव से मिलने की सलाह दी।
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 22 सीता की खोज लघु उत्तरीय प्रश्न
1. राम जल्दी वापस क्यों लौटना चाहते थे?
उत्तर राम मारीच की माया को समझ चुके थे। वह उन्हें छल से कुटिया से भय से वे चिंतित थे। उन्हें दूर ले गया था। सीता के अनिष्ट के अकेले सीता को राक्षसों द्वारा मारने का डर था, इसलिए वे शीघ्रता से वापस लौटना चाहते थे।
2. लक्ष्मण को आता देखकर राम क्यों क्रोधित हुए?
उत्तर लक्ष्मण को आता देखकर जिस बात का उन्हें डर था वही होता हुआ देखकर क्रोधित हुए। उन्हें डर था कि अकेली सीता दुष्ट राक्षसों का सामना कैसे कर पाएँगी। राक्षस उस पर हमला कर देंगे और वह उनका सामना नहीं कर पाएँगी।
3. राम के क्रोधित होने पर लक्ष्मण ने अपना पक्ष किस प्रकार रखा?
उत्तर राम के क्रोधित होने पर लक्ष्मण ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मेरे मन में आपकी सुरक्षा के प्रति कोई संदेह नहीं था। मैं जानता था आप सकुशल होंगे, परंतु देवी सीता के कटु वचन में सह नहीं सका। उनके कटाक्ष और उलाहने मेरे लिए असहनीय थे। मैं आपके पास आने को विवश हो गया था।
4. राम ने परिहास करने वाली बात क्यों कही?
उत्तर कुटिया पहुँचने के बाद जब राम ने सीता को नहीं देखा, तब राम को लगा कि सीता उनके साथ लुका-छुपी खेल रही है। इस कारण राम ने परिहास करने वाली बात कही।
5. सीता की खोज में भटकते हुए राम-लक्ष्मण ने क्या-क्या देखा ?
उत्तर सीता की खोज में भटकते हुए, मार्ग में राम-लक्ष्मण ने रथ के टुकड़े, मरा हुआ सारथी और मरे हुए घोड़े देखे। वहीं उन्हें सीता के बालों के साथ गुँथी पुष्पमाला भी पड़ी मिली। थोड़ी दूरी पर उन्होंने पक्षिराज जटायु को देखा। उसके पंख कटे हुए थे, वह खून से लथपथ था। जटायु ने सीता के बारे में उन्हें महत्त्वपूर्ण जानकारी दी।
6. राम ने सीता की खोज के लिए दक्षिण दिशा की ओर जाने का निश्चय क्यों किया?
उत्तर सीता के वियोग में राम जब विलाप कर रहे थे, उसी समय आश्रम के आस-पास घूमने वाले हिरणों का एक झुंड उनके समीप आया। राम को लगा कि वे हिरण संभवतः सीता के बारे में कुछ जानते हैं। राम ने उनसे सीता के विषय में पूछा। हिरणों ने सिर उठाकर आसमान की ओर देखा एवं दक्षिण दिशा की ओर भाग गए। राम ने उनका यह संकेत समझ लिया और सीता की खोज में दक्षिण दिशा की ओर जाने का निश्चय किया।
7. कबंध कौन था? उसने राम से क्या आग्रह किया?
उत्तर कबंध एक विशालकाय राक्षस था। वह देखने में बहुत भयानक और मांसपिंड जैसा था, उसकी एक आँख थी, दाँत बाहर निकले हुए थे, जीभ लंबी साँप की तरह लपलपाती हुई थी। उसने राम व लक्ष्मण पर आक्रमण किया था। जब राम व लक्ष्मण ने उसके दोनों हाथ काट दिए तब राम का परिचय पाकर उसने अपना अंतिम संस्कार करने का आग्रह राम से किया था।
8. जटायु ने सीता को बचाने के लिए क्या किया?
उत्तर जटायु ने सीता को रावण से बचाने के लिए उसके साथ युद्ध किया। उसका रथ गिरा दिया। सारथी व उसके घोड़ों को मार गिराया। रावण को भी घायल कर दिया, लेकिन दुर्भाग्य से जटायु सीता को बचा नही सका।
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 22 सीता की खोज दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. सीता के कुटिया में न मिलने पर राम की मनोदशा का वर्णन कीजिए ।
उत्तर मायावी हिरण राम को कुटिया से बहुत दूर ले गया था। हिरण के मरते ही वे वापस कुटिया की ओर लौटने लगे। मार्ग में लक्ष्मण को आते देख उनका मन सीता के प्रति अनिष्ट की आशंका से भर गया। कुटिया दूर से ही दिखने लगी थी।
राम ने दूर से सीता को पुकारा, पर कोई उत्तर न मिला। सीता को वहाँ न पाकर राम बेचैन हो गए। राम की आवाज पेड़ों से टकराकर हवा में लुप्त हो जाती थी। राम ने सीता को हर स्थान पर देखा, जहाँ भी वे जा सकती थीं। वे पेड़-पौधों, पत्थरों एवं चट्टानों से भी सीता के विषय में पूछ रहे थे। सीता से बिछुड़कर राम की मानसिक स्थिति विक्षिप्त जैसी हो गई। वे शोक से व्याकुल हो गए थे।
2. राम ने सीता के न मिलने पर उसके बारे में किस-किस से पूछा ?
उत्तर सीता को कुटिया में न पाकर राम का मन बहुत विचलित हो उठा। वह पूरे वन में सीता को ढूंढते रहे। वह वन में हर एक पेड़, फूल, नदियाँ आदि सभी से सीता का पता पूछ रहे थे, लेकिन किसी से भी पूछने पर उन्हें कोई जवाब नहीं मिलता था। वह सीता के विरह के दुःख में यह भूल गए थे कि पेड़, फूल, चट्टानें आदि बोलते नहीं हैं।
वन के एक मृग समूह ने फिर उन्हें संकेतों द्वारा सीता का पता बताया। मृग समूह ने यह बताया कि सीता किस दिशा की ओर गई है। तत्पश्चात् जटायु, कबंध, शबरी और सुग्रीव ने उनके सवालों को सुनकर उन्हें थोड़ी-बहुत जानकारी दी।
3. सीता की खोज करते हुए राम-लक्ष्मण को घायल स्थिति में कौन मिला? उसने सीता के बारे में क्या जानकारी दी ?
उत्तर सीता की खोज करते हुए राम-लक्ष्मण को घायल अवस्था में जटायु मिला। जटायु रावण से युद्ध करते हुए घायल हो गया था। रावण जब सीता का हरण कर उसे रथ में बैठाकर आकाश मार्ग से ले जा रहा था तथा सीता अपनी रक्षा के लिए पुकार रही थीं, तभी जटायु ने सीता की रक्षा करने के लिए तथा उसे रावण के चंगुल से छुड़ाने के लिए रावण पर आक्रमण कर दिया, लेकिन रावण ने उसे घायल कर उसके पंख काट दिए थे।
राम-लक्ष्मण से जटायु की भेंट होने पर जटायु ने उन्हें बताया कि रावण सीता का हरण कर उसे दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर ले गया है। सीता उस समय बहुत दुःखी थीं तथा विलाप कर रही थीं। वह रावण के चंगुल से छूटने की पूरी कोशिश कर रही थीं।
4. शबरी कौन थी ? उनकी और राम की भेंट का वर्णन कीजिए।
उत्तर शबरी मतंग ऋषि की शिष्या थीं। वह पंपा सरोवर के पास बने मतंग ऋषि के आश्रम में रहती थीं। वह वृद्धा थीं, लेकिन उसकी आँखें हर पल राम की प्रतीक्षा में द्वार पर लगी रहती थीं। ऋषि ने उसे बताया था कि राम एक दिन अवश्य उनसे मिलने आएँगे।
राम को अपने आश्रम में देखकर शबरी बहुत प्रसन्न हुई । उसने राम-लक्ष्मण की सेवा की। दोनों को रहने के लिए स्थान दिया और खाने के लिए मीठे फल दिए। राम के दर्शन करके शबरी की आँखें तृप्त हो गई। शबरी ने राम को आश्वस्त किया और सुग्रीव से मित्रता करने की सलाह भी दी।
5. शबरी ने राम को सीता को खोजने का क्या मार्ग सुझाया ?
उत्तर कबंध के बताने पर राम शबरी की कुटिया तक पहुँचे थे। तब राम पंपा सरोवर के किनारे ऋष्यमूक पर्वत पर बनी मतंग ऋषि की कुटिया में पहुँचे, तो शबरी ने उन्हें सीता को खोजने का मार्ग बताया। शबरी ने राम को सुग्रीव से मित्रता करने की बात कही। शबरी ने राम को यह भी कहा कि सुग्रीव के पास विलक्षण स्वभाव की वानर सेना है। शबरी ने यह कहकर राम को आश्वस्त किया कि सुग्रीव सीता की खोज में उनकी मदद अवश्य करेंगे।
6. पशु-पक्षी मनुष्य की बोली नहीं बोल सकते, फिर भी मानवीय भावों को समझते हैं। हिरणों के झुंड ने राम को सीता के दक्षिण- दिशा की ओर जाने का संकेत करके सहायता की थी। अपने जीवन की कोई भी घटना लिखें, जब किसी पशु या पक्षी ने आपकी मदद की हो।
उत्तर पशु-पक्षी हम मनुष्यों की तरह बोल नहीं सकते, फिर भी मनुष्य के भावों को समझते हैं। मेरे घर में एक पालतू कुत्ता था। घर के अंदर किचन गार्डन बना हुआ था, जहाँ बहुत सी सब्जियाँ लगी रहती थीं।
एक रात न जाने कहाँ से जहरीला साँप वहाँ आ गया। मेरे पालतू कुत्ते ने उसे देखकर भौंकना प्रारंभ किया। लगातार भौंकने के कारण जब हम सब उठे और बाहर आए, तो देखा कि हमारा कुत्ता साँप के सामने खड़ा भौंक रहा था और साँप को कमरों की ओर नहीं आने दे रहा था। इस प्रकार, हमारे पालतू कुत्ते ने हमें साँप से बचाकर हमारी मदद की।