NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 24 लंका में हनुमान Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 24 लंका में हनुमान Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 24 लंका में हनुमान पाठ का सार

हनुमान का लंका की ओर प्रस्थान

जामवंत की बात सुनकर हनुमान की सोई हुई शक्ति जाग उठी। वे महेंद्र पर्वत पर चढ़कर समुद्र को देखने लगे, फिर पूर्व दिशा की ओर मुँह करके पिता को प्रणाम करके हाथ हवा में उठाए । पर्वत से झुककर छलाँग लगा दी। अगले ही पल में वे आकाश में थे तथा तेजी से आगे बढ़ते जा रहे थे। महेंद्र पर्वत बहुत सुंदर था, वनस्पतियों और जीव-जंतुओं से भरा हुआ।

हनुमान के छलाँग लगाने से दबाव के कारण महेंद्र पर्वत के कुछ हिस्से टूटकर गिर गए। वे वायु की गति से आगे बढ़ रहे थे। समुद्र के अंदर स्थित मैनाक पर्वत चाहता था कि हनुमान कुछ पल वहाँ विश्राम कर लें। वह जल को चीरता हुआ ऊपर उठा, परंतु हनुमान नहीं रुके मार्ग में सुरसा राक्षसी मिली, जिसका शरीर विराट था।

वह हनुमान को खा जाना चाहती थी, लेकिन पवन पुत्र हनुमान उसे चकमा देकर आगे निकल गए। आगे छाया राक्षसी सिंहिका मिली और उसने जल में हनुमान की परछाईं को पकड़ लिया। हनुमान अचानक आसमान में ठहर गए। क्रोधित हनुमान ने सिंहिका को मार डाला और आगे बढ़े।

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जगमगाती सोने की लंका

हनुमान जब सागर पार उतरे तो उन्हें सोने की लंका दिखाई देने लगी थी। इमारतों में बने कंगूरे और दीवारें दिखाई दे रही थीं। यह लंका रावण की राजधानी थी।

हनुमान समुद्र के किनारे उतर गए और एक पहाड़ी पर खड़े होकर हनुमान ने खूबसूरत लंका नगरी को देखा। चारों ओर वृक्ष लगे थे, भव्य भवन थे और बगीचे सुगंधित थे। ऐसा सुंदर नगर हनुमान ने पहले कभी नहीं देखा था। वे एक-एक वस्तु को भली-भाँति देख लेना चाहते थे, जिससे वह सीता की खोज में काम आए।

हनुमान का लंका में प्रवेश

हनुमान समुद्र तट पर ही शाम ढलने की प्रतीक्षा करने लगे। उन्होंने दिन के समय लंका में प्रवेश करना उचित न समझा और शाम ढलने पर लंका में प्रवेश किया। हनुमान राजमहल पहुँच गए, जहाँ अधिकतर राक्षस सो रहे थे, क्योंकि रात का समय था ।

हनुमान के सामने सबसे बड़ा प्रश्न सीता का पता लगाना था। इस विराट नगर में यह काम सरल नहीं था। वृक्षों की डालियों पर कूदते – फाँदते हनुमान नगर के बीच पहुँच गए थे। उनका कि सीता राजमहल में होंगी।

हनुमान ने महल में चारों ओर देखा, अधिकतर लोग सो रहे थे। सीता जैसी कोई स्त्री हनुमान को नहीं दिखाई पड़ी। वे रावण के कक्ष में गए, वहाँ रानी मंदोदरी थी, परंतु सीता न मिली। सीता के विषय में सोचते हुए वे अंतःपुर से बाहर निकले। उन्होंने राक्षसों के एक-एक क घर पशुशालाएँ आदि भी देख लीं, परंतु सीता जैसी कोई स्त्री नहीं दिखाई दीं, तभी उनका ध्यान अशोक वाटिका की ओर गया।

अशोक वाटिका का दृश्य

हनुमान अशोक वाटिका में पहुँचे जहाँ अशोक के बड़े-बड़े पेड़ लगे थे। हनुमान को लगा सीता यहाँ नहीं हो सकती। निराशा से हनुमान एक वृक्ष पर चढ़कर बैठ गए। दिनभर वे घने पेड़ के पत्तों में छिपे रहे हनुमान पेड़ पर से सब कुछ देख रहे थे, लेकिन उन्हें कोई नहीं देख सकता था।

रात होने पर उन्हें एक कोने से राक्षसियों का अट्टहास सुनाई दिया। उन्हें राक्षसियों के बीच एक स्त्री बैठी दिखाई दी, जो बहुत उदास, दयनीय और दुर्बल थी। हनुमान को अब विश्वास हो गया, वह स्त्री और कोई नहीं सीता माँ हैं।

रावण का तिरस्कार

राक्षसियाँ सीता के आस-पास थीं, तभी दासियों के साथ रावण वहाँ आया। रावण ने सीता को बहुत बहलाया-फुसलाया और लालच दिया, परंतु सीता नहीं डिगीं। वह रावण से डर रही थीं, पर वे लगातार उनका तिरस्कार कर रही थीं। रावण उन्हें अपनी रानी बनने के लिए कह रहा था।

रावण का प्रस्ताव स्वीकार करने के लिए राक्षसियाँ सीता को समझाती, उन्हें डराती-धमकाती थीं। उन्हीं में से एक राक्षसी त्रिजटा ने सभी राक्षसियों से कहा कि उसने एक सपना देखा है जिसमें पूरी लंका समुद्र में डूब गई, सब नष्ट हो गया। सीता को लगा कि यह सपना कहीं उनके लिए तो नहीं और वह विलाप करने लगीं। राक्षसियाँ एक-एक करके वहाँ से चली गई।

हनुमान की सीता से भेंट

राक्षसियों के जाने के बाद हनुमान ने पेड़ पर बैठे-बैठे राम-कथा प्रारंभ कर दी। सीताजी ने ऊपर देखकर पूछा, तुम कौन हो? हनुमान नीचे उतर आए और राम की अंगूठी सीताजी को दे दी तथा अपना परिचय दिया, मैं श्रीराम का दास और वानरराज सुग्रीव का अनुचर हूँ। उन्होंने मुझे यहाँ आपका समाचार लेने के लिए भेजा है। हनुमान के प्रति सीता के मन में अभी भी शंका थी। उन्होंने पर्वत पर फेंके आभूषणों की याद दिलाकर उनका संदेह दूर किया। सीता ने राम का कुशल क्षेम पूछा तथा कई प्रश्न भी किए।

हनुमान ने सीता से विदा ली और वह पूरी सूचना तत्काल राम तक पहुँचाना चाहते थे। सीता ने अपना एक आभूषण हनुमान को दे दिया तथा हनुमान ने सीता को आश्वासन दिया कि श्रीराम दो महीने में आपके पास अवश्य ही पहुँच जाएँगे ।

हनुमान का अशोक वाटिका उजाड़ डालना व लंका दहन हनुमान ने रावण का उपवन तहस-नहस कर डाला, अशोक वाटिका उजाड़ डाली, पेड़ उखाड़ डाले तथा विरोध करने वाले राक्षसों को भी मार डाला। हनुमान ने रावण के पुत्र अक्षय कुमार को भी मार डाला। राक्षसों ने रावण को वानर के उत्पात की सूचना दी, जिसे सुनकर रावण क्रोधित हो गया।

उसने सबसे बड़े बेटे मेघनाद को अपने सामने बंदर को उपस्थित करने के लिए भेजा। मेघनाद ने हनुमान को बाँधकर रावण के सामने दरबार में उपस्थित किया। रावण ने हनुमान को बाँधकर उनकी पूँछ में आग लगाने का आदेश दिया। हनुमान ने उछल-कूद करते हुए सारी लंका में आग लगा दी, तभी उन्हें सीता की चिंता हुई, लेकिन सीता अशोक वाटिका में सकुशल बैठी थीं।

हनुमान की वापसी और युद्ध की तैयारियाँ

सीता का आशीर्वाद लेकर हनुमान उत्तर दिशा की ओर वापस चल पड़े। वे राम को सीता की सूचना देना चाहते थे। दूसरे तट पर अंगद, जामवंत, सेना के अन्य लोग सभी हनुमान की प्रतीक्षा कर रहे थे। हनुमान के पहुँचते ही उन्होंने चारों ओर से हनुमान को घेर लिया तथा उनसे लंका व सीता माता का हाल पूछा। हनुमान ने संक्षेप में सभी को लंका का हाल सुनाया तथा फिर सभी किष्किंधा राम के पास पहुँचे।

हनुमान ने सीता द्वारा दिया आभूषण राम को दिया और बताया वे बहुत चिंतित व परेशान हैं तथा आपकी प्रतीक्षा कर रही हैं। यदि दो माह में आप नहीं पहुँचे, तो पापी रावण उन्हें मार डालेगा। लंका पर आक्रमण करने के लिए समय कम था। सुग्रीव ने युद्ध की तैयारियाँ तुरंत प्रारंभ करने का निर्देश दिया। सुग्रीव ने लक्ष्मण के साथ बैठकर युद्ध की योजना बनाई तथा हनुमान, अंगद, जामवंत, नल और नील सभी की योग्यतानुसार भूमिकाएँ निश्चित की गईं।

शब्दार्थ

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 10 लंका में हनुमान Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 24 लंका में हनुमान बहुविकल्पीय प्रश्न

अभ्यास प्रश्न (बहुविकल्पीय व वर्णनात्मक प्रश्नों सहित)

1. पर्वत शिखर पर खड़े हनुमान ने किसकी ओर देखा था?

(क) समुद्र की ओर
(ख) लक्ष्मण की ओर
(ग) सुग्रीव की ओर
(घ) राम की ओर

उत्तर (क) समुद्र की ओर

2. अंतःपुर के बाहर हनुमान ने क्या देखा?

(क) अशोक वाटिका
(ख) विभीषण
(घ) रावण का रथ
(ग) राक्षस

उत्तर (घ) रावण का रथ

3. अचानक वाटिका के कोने से हनुमान को किसकी अट्टहास सुनाई पड़ी?

(क) रावण की
(ख) राक्षसियों की
(ग) सीता की
(घ) मेघनाद की

उत्तर (ख) राक्षसियों की

4. त्रिजटा कौन थी?

(क) राक्षसी
(ख) दासी
(ग) देवी
(घ) रानी

उत्तर (क) राक्षसी

5. रावण की पत्नी का क्या नाम था ?

(क) सुभद्रा
(ख) सुलोचना
(ग) मंदोदरी
(घ) कैकेयी

उत्तर (ग) मंदोदरी

6. हनुमान ने सीता को क्या दिया?

(क) गले का हार
(ख) आभूषण
(ग) अँगूठी
(घ) राम की पादुका

उत्तर (ग) अँगूठी

7. सीता के मन में किसके प्रति शंका थी?

(क) राम
(ख) लक्ष्मण
(ग) विभीषण
(घ) हनुमान

उत्तर (घ) हनुमान

8. हनुमान से लड़ते हुए रावण के किस पुत्र ने अपने प्राण गँवा दिए?

(क) अक्षयकुमार ने
(ख) मेघनाद ने
(ग) (क) और (ख) दोनों
(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर (क) अक्षयकुमार ने

9. हनुमान किसके प्रति समर्पित थे?

(क) जामवंत के प्रति
(ख) बाली के प्रति
(ग) राम के प्रति
(घ) विभीषण के प्रति

उत्तर (ग) राम के प्रति

10. हनुमान को उनकी शक्ति की याद किसने दिलाई?

(क) राम ने
(ख) विभीषण ने
(ग) सुग्रीव ने
(घ) जामवंत ने

उत्तर (घ) जामवंत ने

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 24 लंका में हनुमान रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. हनुमान उठे और एक ही छलाँग में ________ पर जा खड़े हुए।

उत्तर हनुमान उठे और एक ही छलाँग में महेंद्र पर्वत पर जा खड़े हुए।

2. समुद्र के अंदर पर्वत था _______ वह चाहता था _________ कुछ पल विश्राम कर लें।

उत्तर समुद्र के अंदर पर्वत था मैनाक, वह चाहता था हनुमान कुछ पल विश्राम कर लें।

3. हनुमान __________ को चकमा देकर उसके मुँह में घुसकर बाहर आ गए।

उत्तर हनुमान सुरसा राक्षसी को चकमा देकर उसके मुँह में घुसकर बाहर आ गए।

4. रावण के अशोक वाटिका से जाने के बाद ___________ सीताजी को डराने-धमकाने लगीं।

उत्तर रावण के अशोक वाटिका से जाने के बाद राक्षसियाँ सीताजी को डराने-धमकाने लगीं।

5. राक्षसियों में एक राक्षसी ________ सबसे अलग थी।

उत्तर राक्षसियों में एक राक्षसी त्रिजटा सबसे अलग थी।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 24 लंका में हनुमान अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

1. वानर सेना के सामने क्या चुनौती थी ?

उत्तर वानर सेना के सामने सागर को पार करने की चुनौती थी ।

2. महेंद्र पर्वत कैसा था?

उत्तर महेंद्र पर्वत सुंदर था। यह वनस्पतियों व जीव-जंतुओं से भरा हुआ था।

3. समुद्र के अंदर कौन – सा पहाड़ था ?

उत्तर समुद्र के अंदर मैनाक नामक पहाड़ था। वह चमकता हुआ सुनहरा पर्वत था।

4. समुद्र में हनुमान से कौन मिला था ?

उत्तर समुद्र में हनुमान से सुरसा नामक राक्षसी मिली थी।

5. हनुमान को किस बात की चिंता हुई?

उत्तर हनुमान को चिंता थी कि वह सीता को कैसे ढूँढ़ेगे और कैसे पहचानेंगे?

6. सीता को रावण ने कहाँ रखा था?

उत्तर सीता को रावण ने अशोक वाटिका में रखा था।

7. राक्षसियों के जाते ही हनुमान क्या करने लगे?

उत्तर राक्षसियों के जाते ही हनुमान ने पेड़ पर बैठे-बैठे राम कथा प्रारंभ दी थी और राम का गुणगान करने लगे।

8. सीता के पूछने पर हनुमान ने अपना परिचय किस प्रकार दिया?

उत्तर सीता के पूछने पर हनुमान ने अपना परिचय इस प्रकार दिया कि वे श्रीराम के दास हैं और किष्किंधा के वानरराज सुग्रीव का अनुचर ।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 24 लंका में हनुमान लघु उत्तरीय प्रश्न

1. हनुमान के छलाँग लगाने पर महेंद्र पर्वत पर आए परिवर्तन को लिखिए।

उत्तर हनुमान के छलाँग लगाने पर महेंद्र पर्वत छलाँग के दबाव से दरक गया। वृक्ष काँपकर ही गिर गए व वन थर्रा गए तथा बड़ी-बड़ी चट्टानें नीचे लुढ़कने लगीं और पशु-पक्षी चिल्लाते हुए भागे। कई जगहों पर जल के झरने फूट पड़े व कहीं धुआँ उठने लगा।

2. समुद्र के अंदर कौन-सा पर्वत था? वह जल को चीरकर ऊपर की ओर क्यों उठा ?

उत्तर समुद्र के अंदर एक मैनाक पर्वत था। वह पर्वत सुनहरा और चमकदार था। वह चाहता था कि हनुमान कुछ पल यहाँ विश्राम कर लें, इसलिए मैनाक जल को चीरकर ऊपर की ओर उठा।

3. सिंहिका कौन थी? उसने क्या किया?

उत्तर सिंहिका एक छाया राक्षसी थी उसने जल में ही हनुमान की परछाई पकड़ ली। यह देखकर हनुमान कुछ देर आसमान में ही ठहर गए। क्रोधित हनुमान ने सिंहिका को मार डाला और आगे बढ़े।

4. हनुमान लंका को देखकर क्यों चकित हो गए?

उत्तर हनुमान लंका नगरी को देखने के लिए एक पहाड़ी पर चढ़ गए। वहाँ से चारों तरफ नजर दौड़ाई। लंका सोने की सुंदर नगरी थी। उन्होंने ऐसा भव्य नगर कभी नहीं देखा था। चारों ओर सुंदर बाग-बगीचे, हरे-भरे पेड़ तथा भव्य भवन थे। राक्षस नगरी में इतनी सुंदरता को देखकर हनुमान आश्चर्यचकित थे ।

5. हनुमान ने सीता को लंका में कहाँ-कहाँ खोजा?

उत्तर हनुमान ने शाम के समय लंका में प्रवेश किया। महल में पहरेदार थे। हनुमान ने राक्षसों के सारे घर, पशुशालाएँ, रावण का अंतःपुर सब जगह सीता की खोज की, किंतु सीता कहीं नहीं मिलीं।

6. सीता ने हनुमान को कैसे पहचाना?

उत्तर सीता वाटिका में अकेली थी। हनुमान पेड़ पर ही बैठे रहे तथा पेड़ पर बैठे-बैठे ही उन्होंने राम कथा प्रारंभ की। राम का गुणगान किया। सीता, राम की चर्चा सुनकर चौंकी। हनुमान ने सीता को प्रणाम कर राम की अँगूठी उन्हें दी। कहा, “हे माता! मैं श्रीराम का दास हूँ।”

7. त्रिजटा कौन थी? उसने क्या स्वप्न देखा था?

उत्तर सीताजी को अशोक वाटिका में डराने-धमकाने के लिए रावण ने जिन राक्षसियों को नियुक्त किया था, उन्हीं में से एक राक्षसी त्रिजटा थी, किंतु वह सबसे अलग थी। उसने सभी राक्षसियों को अपने स्वप्न के बारे में बताया कि उसने सपने में देखा कि पूरी लंका नगरी समुद्र में
डूब गई है। सब कुछ नष्ट हो गया है। रावण मारा गया है और लंका है। रावण मारा गया है और का राज्य विभीषण को मिल गया है।

8. आक्रमण की तैयारियाँ किस प्रकार की गई?

उत्तर लंका पर आक्रमण करने के लिए बहुत कम समय बचा था। सुग्रीव ने युद्ध की तैयारियाँ तुरंत करने का निर्देश दिया। सुग्रीव और लक्ष्मण ने युद्ध की योजना बनाई योग्यता और उपयोगिता के आधार पर सभी की भूमिकाएँ निर्धारित की गई।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 24 लंका में हनुमान दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. हनुमान ने समुद्र पार करते हुए किन बाधाओं का सामना किया?

उत्तर समुद्र पार करते समय हनुमान के सामने रास्ते में कई बाधाएँ आईं। विराट शरीर वाली सुरसा राक्षसी मिली। वह हनुमान को खा लेना चाहती थी। हनुमान ने उसे चकमा दिया। उसके मुँह में घुसकर बाहर निकल आए। आगे बढ़ने पर छाया राक्षसी मिली। उसका नाम सिंहिका था। उसने जल में हनुमान की परछाई पकड़ ली। तब हनुमान अचानक आसमान में ही ठहर गए। क्रोधित हनुमान ने सिंहिका को मार डाला। अब गंतव्य दूर नहीं था। क्षितिज पर लंका दिखाई देने लगी थी।

2. हनुमान और सीता भेंट का वर्णन कीजिए।

उत्तर लंका पहुँचकर हनुमान ने सीता को सब जगह खोजा, परंतु सीता कहीं नहीं दिखाई दीं। अंतत: अंतःपुर के बाहर रावण का रथ खड़ा देखकर हनुमान को लगा सीता यहीं होंगी। हनुमान वाटिका के पेड़ के घने पत्तों में छिप गए। अचानक राक्षसियों के हँसने की आवाज सुनाई दी। सीता उनके बीच उदास, निर्बल, दुःखी, दयनीय-सी बैठी थीं। हनुमा उन्हें देखते ही पहचान गए कि यह सीता है।

वाटिका में सीता को अकेले देखकर हनुमान ने पेड़ पर बैठे-बैठे राम कथा प्रारंभ की। सीता के पूछने पर हनुमान नीचे उतरे और राम की अँगूठी दी। वे सीता को कंधे पर बैठाकर राम के पास ले जाना चाहते थे, परंतु सीता ने अस्वीकार कर दिया। उन्होंने अपना आभूषण चलते समय हनुमान को दे दिया। हनुमान ने सीता को आश्वासन भी दिया कि राम दो माह में यहाँ अवश्य पहुँच जाएँगे। लंकापुरी छोड़ने से पहले उन्होंने रावण का उपवन तहस-नहस कर डाला। अशोक वाटिका उजाड़ दी।

3. हनुमान सीता को अशोक वाटिका में राक्षसियों के बीच देखकर पहचान गए, फिर भी वे क्या सोचकर नीचे नहीं उतरे ?

उत्तर हनुमान सीता की खोज में लंका पहुँचे। अंतःपुर के बाहर रावण के रथ को देखकर हनुमान समझ गए, सीता यहीं होंगी। राक्षसियों के बीच सीता को हनुमान पहचान गए, परंतु वे नीचे नहीं उतरे। उन्हें डर था कि वे पकड़े न जाएँ। जब सभी राक्षसियाँ अपने-अपने घर चली गईं और सीताजी अकेली रह गईं तभी वे पेड़ से नीचे उतरे। वे लंका छोड़ने से पहले रावण से मिलना चाहते थे। विरोध करने वाले राक्षसों को मार डाला, तो राक्षस भागकर राजमहल गए और इसकी सूचना रावण को दी। अंत में मेघनाद ने हनुमान को बाँधा और रावण के पास ले गया।

 

 

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