NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 19 चित्रकूट में भरत Question And Answers
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 19 चित्रकूट में भरत पाठ का सार
भरत का स्वप्न
भरत अपने ननिहाल केकय राज्य में थे, इसलिए वे अयोध्या में हो रही घटनाओं से अनजान थे। भरत ने सपने में देखा कि समुद्र सूख गया, चंद्रमा धरती पर गिर पड़ा, वृक्ष सूख गए हैं, एक राक्षसी उनके पिता को खींचकर ले जा रही है, वे रथ पर बैठे हैं और उस रथ को गधे खींच रहे हैं। यह सपना देखकर वे डर गए थे।
भरत अपने मित्रों को अपने सपने के बारे में बता रहे थे। उसी समय अयोध्या से घुड़सवार दूत वहाँ संदेश लेकर पहुँचे और उन्हें तुरंत अयोध्या चलने के लिए कहा। वे तत्काल अयोध्या जाने के लिए तैयार हो गए। भरत का मन ननिहाल में नहीं लग रहा था, इसलिए वे अयोध्या जाने के लिए उतावले थे। केकयराज ने भरत को सौ रथों और सेना के साथ विदा किया और वे आठ दिनों में अयोध्या पहुँचे।
नगर पहुँचते ही भरत सीधे पिता दशरथ के भवन की ओर महाराज वहाँ नहीं थे, फिर वे कैकेयी के महल में पहुँचे। उनकी माता कैकेयी ने बताया कि उनके पिता महाराज दशरथ का देहांत हो गया है। यह सुनकर भरत विलाप करने लगे।
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भरत द्वारा कैकेयी पर क्रोध करना
भरत ने कैकेयी से राम के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि महाराज ने राम को चौदह वर्ष का वनवास और भरत को राजगद्दी दी है। भरत के पूछने पर कैकेयी ने उन्हें वरदान वाली बात बताई।
भरत क्रोधित होकर बोले, “यह तुमने क्या किया, माते! पिता को खोकर और भाई से बिछड़कर मुझे ऐसा राज्य नहीं चाहिए।” इसी बीच मंत्रीगण और सभासद भी वहाँ आ गए।
भरत का स्पष्टीकरण और राम से मिलने वन में जाना
सभासदों से हाथ जोड़कर भरत ने कहा, मेरी माँ ने जो किया है, उसमें मेरा कोई दोष नहीं है। मैं राम की सौगंध खाकर कहता हूँ कि मैं वन में जाऊँगा और राम को मनाकर वापस लाऊँगा तथा उनका दास बनकर रहूँगा।
भरत रानी कौशल्या के महल में गए और उनसे क्षमा माँगते हुए माँ के व्यवहार पर दुःख व्यक्त किया। सुबह तक शत्रुघ्न को भी पता चल गया कि कैकेयी के कान मंथरा ने भरे हैं। शत्रुघ्न मंथरा के बाल खींचते हुए भरत के सामने लाए। वे मंथरा को मार देना चाहते थे, परंतु भरत ने उसे बचा लिया।
भरत ने मुनि वशिष्ठ से राजगद्दी पर बैठने के लिए मना कर दिया। उन्होंने कहा, “यह राज्य राम का है, वही इसके अधिकारी हैं। हम सब वन जाएँगे और राम को वापस लाएँगे।” भरत के साथ मुनि वशिष्ठ, सभी माताएँ, मंत्रीगण, सभासद, नगरवासी और अयोध्या की चतुरंगिणी सेना राम को अयोध्या वापस लाने के लिए चल पड़ी। राम चित्रकूट में गंगा-यमुना के संगम पर महर्षि भरद्वाज के आश्रम के पास पहाड़ी पर पर्णकुटी बनाकर रह रहे थे।
भरत की निषादराज से भेंट
भरत अयोध्यावासियों व सेना सहित श्रृंगवेरपुर पहुँचे। निषादराज गुह को लगा कि भरत, राम पर आक्रमण करना चाहता है, परंतु सही स्थिति का पता चलने पर उन्होंने भरत का स्वागत किया और गंगा नदी पार करने के लिए उन्हें पाँच सौ नावें भी दीं। मार्ग में मुनि भरद्वाज के आश्रम से उन्हें राम का समाचार मिला।
वह पहाड़ी भी दिखाई, जहाँ राम की पर्णकुटी बनी थी। अगले दिन सुबह लक्ष्मण ने सेना का कोलाहल सुना और राम को भरत के दलबल के साथ आने की सूचना दी। राम ने सारी स्थिति को समझकर लक्ष्मण को समझाया कि भरत हमला करने नहीं, हम लोगों से भेंट करने आ रहा होगा। यह सुनकर लक्ष्मण कुछ आश्वस्त हुए।
राम और भरत की भेंट
भरत ने सेना को पहाड़ी के नीचे ही रोक दिया। नगरवासी भी वहीं ठहर गए। भरत, शत्रुघ्न के साथ नंगे पैर राम से मिलने गए। राम-सीता पर्णकु में थे। भरत दौड़ पड़े और राम के चरणों में गिर पड़े। राम ने भरत एवं शत्रुघ्न को सीने से लगा लिया।
भरत पिता दशरथ के विषय में सूचना देने का साहस नहीं जुटा पा रहे थे। बड़ी कठिनाई से उन्होंने पिता के निधन का समाचार दिया, जिसे सुनकर राम शोक में डूब गए।
राम द्वारा भरत को अयोध्या वापस भेजना
राम को पता चला कि भरत के साथ नगरवासी, गुरुजन, माता कैकेयी भी आई हैं, तो वे उन सबसे भेंट करने आए। अगले दिन भरत ने राम से राजग्रहण करने का आग्रह करते हुए अयोध्या चलने का निवेदन किया।
राम ने पिता की आज्ञा का उल्लंघन करने से इनकार कर दिया। उन्होंने भरत को राजकाज सँभालने के लिए कहा।
भरत बार-बार राम से लौटने का आग्रह कर रहे थे, जिसे राम विनम्रता से अस्वीकार कर रहे थे। महर्षि वशिष्ठ ने भी ज्येष्ठ पुत्र को राजगद्दी एवं रघुकुल की परंपरा के विषय में बताया।
भरत ने कहा, यदि आप अयोध्या नहीं लौटेंगे, तो मैं भी खाली हाथ नहीं जाऊँगा । आप अपनी खड़ाऊँ मुझे दे दें और मैं चौदह वर्ष उसी की आज्ञा से राजकाज चलाऊँगा। राम ने अपनी खड़ाऊँ भरत को दे दी।
भरत ने राम की खड़ाऊँ को माथे से लगाया और सुसज्जित हाथी पर खड़ाऊँ रखकर अयोध्या ले आए। अयोध्या पहुँचकर भरत ने पादुका पूजन किया। इसके पश्चात् भरत अयोध्या में नहीं रुके। उन्होंने तपस्वी के वस्त्र पहने और पादुकाओं को अयोध्या में रखकर राम के लौटने की प्रतीक्षा में नंदीग्राम चले गए।
शब्दार्थ
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 19 चित्रकूट में भरत बहुविकल्पीय प्रश्न
अभ्यास प्रश्न (बहुविकल्पीय व वर्णनात्मक प्रश्नों सहित)
1. भरत को अपने पिता के देहांत का पता किससे चला था ?
(क) महर्षि वशिष्ठ
(ख) माता कौशल्या से
(ग) दासी मंथरा से
(घ) माता कैकेयी से
उत्तर (घ) माता कैकेयी से
2. भरत ने किसे अपराधिनी कहा था?
(क) दासी मंथरा को
(ख) माता कौशल्या को
(ग) माता कैकेयी को
(घ) माता सुमित्रा को
उत्तर (ग) माता कैकेयी को
3. भरत किससे लिपटकर बिलख-बिलख कर रोने लगे थे?
(क) सुलोचना से
(ख) सुमित्रा से
(ग) कैकेयी से
(घ) कौशल्या से
उत्तर (घ) कौशल्या से
4. शत्रुघ्न किसके बाल पकड़कर उसे भरत के सामने लाए थे?
(क) मंथरा के
(ख) सुलोचना के
(ग) कैकेयी के
(घ) सुमित्रा के
उत्तर (क) मंथरा के
5. शृंगवेरपुर में भरत का नेतृत्व किसने किया?
(क) लक्ष्मण ने
(ख) राम ने
(ग) सैनिकों ने
(घ) निषादराज गुह ने
उत्तर (घ) निषादराज गुह ने
6. गंगा पार करने के लिए कितनी नाव जुटा दी गई थीं?
(क) 100 नाव
(ख) 200 नाव
(ग) 400 नाव
(घ) 500 नाव
उत्तर (घ) 500 नाव
7. चित्रकूट पर्वत पर किसका आश्रम था ?
(क) महर्षि विश्वामित्र का
(ख) महर्षि वाल्मीकि का
(ग) महर्षि भारद्वाज का
(घ) महर्षि वशिष्ठ का
उत्तर (ग) महर्षि भारद्वाज का
8. राम ने पर्णकुटी कहाँ पर बनाई थी ?
(क) चित्रकूट पर्वत पर
(ख) सुंदरवन में
(ग) हिमालय पर
(घ) गंगा नदी के तट पर
उत्तर (क) चित्रकूट पर्वत पर
9. सीता को किस वेश में देखकर माताएँ दु:खी हुईं?
(क) गृहिणी
(ख) तपस्विनी
(ग) राजसी
(घ) वीरांगना
उत्तर (ख) तपस्विनी
10. भरत राम से मिलने कहाँ पहुँचे ?
(क) मिथिला
(ख) किष्किंधा
(ग) चित्रकूट
(घ) अशोक वाटिका
उत्तर (ग) चित्रकूट
11. अयोध्या के राजगुरु कौन थे?
(क) महर्षि विश्वामित्र
(ख) महर्षि भारद्वाज
(ग) महर्षि परशुराम
(घ) महर्षि वशिष्ठ
उत्तर (घ) महर्षि वशिष्ठ
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 19 चित्रकूट में भरत रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. नगर पहुँचते ही भरत सीधे ____________ के भवन में गए।
उत्तर नगर पहुँचते ही भरत सीधे महाराज दशरथ के भवन में गए।
2. भरत ने रानी _______ से क्षमा माँगी।
उत्तर भरत ने रानी कौशल्या से क्षमा माँगी।
3. सुबह भरत सभी _____________ और ___________ के साथ ___________ के लिए चले।
उत्तर सुबह भरत सभी मंत्रियों और सभासदों के साथ वन के लिए चले।
4. राम तब तक गंगा पार करके पहुँच गए थे।
उत्तर राम तब तक गंगा पार करके चित्रकूट पहुँच गए थे।
5. राम _________ के आश्रम में नहीं रहे, जिससे उन्हें असुविधा न हो।
उत्तर राम महर्षि भारद्वाज के आश्रम में नहीं रहे, जिससे उन्हें असुविधा न हो।
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 19 चित्रकूट में भरत अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
1. अयोध्या के राजगुरु कौन थे?
उत्तर अयोध्या के राजगुरु महर्षि वशिष्ठ थे।
2. दशरथ के निधन के समय भरत कहाँ थे?
उत्तर राजा दशरथ के निधन के समय भरत केकयराज में अपने नाना के घर थे।
3. भरत ने स्वप्न में अपने पिता को किस अवस्था में देखा ?
उत्तर भरत ने स्वप्न में अपने पिता को एक रथ पर बैठा हुआ देखा, जिसे घोड़े के स्थान पर गधे और एक राक्षसी खींच रही थी।
4. स्वप्न देखने के बाद भरत को ननिहाल में कैसा महसूस हो रहा था?
उत्तर स्वप्न देखने के बाद भरत बहुत परेशान हो गए। उनका मन ननिहाल में बिलकुल भी नहीं लग रहा था। वह शीघ्र अयोध्या जाकर अपने पिता से मिलना चाहते थे।
5. भरत ने अपने स्वप्न का जिक्र किससे किया था?
उत्तर भरत ने जो स्वप्न देखा था, वह उस स्वप्न का अर्थ समझ नहीं पाए थे। इसलिए उन्होंने अपने स्वप्न का जिक्र सगे-संबंधियों से किया।
6. भरत को ननिहाल से अयोध्या की यात्रा में कितने दिन का समय लगा?
उत्तर भरत को ननिहाल से अयोध्या की यात्रा में 8 दिन का समय लगा, क्योंकि उस समय खेतों में फसल उगी हुई थी, जिस कारण उन्हें लंबा रास्ता पकड़ना पड़ा था।
7. अयोध्या पहुँचने के बाद भरत सर्वप्रथम कहाँ गए ?
उत्तर अयोध्या पहुँचने के बाद भरत सर्वप्रथम अपने पिता राजा दशरथ के महल में गए। भरत राजा दशरथ से मिलने के लिए बहुत व्याकुल थे।
8. अयोध्या पहुँचकर भरत की आँखें किसे ढूँढ रही थीं?
उत्तर अयोध्या पहुँचकर भरत की आँखें अपने पिता राजा दशरथ को ढूंढ रही थीं।
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 19 चित्रकूट में भरत लघु उत्तरीय प्रश्न
1. अयोध्या नगरी पहुँचकर भरत ने क्या देखा?
उत्तर भरत केकयराज से रवाना होकर लंबे रास्ते से अयोध्या पहुँचे, उन्हें नगर सामान्य नहीं लगा। कुछ बदला-बदला लगा, सड़कें सूनी थीं। बाग-बगीचे सब उदास थे। कोई आवाज नहीं थी। पक्षी भी कलरव नहीं कर रहे थे। अयोध्या की यह स्थिति देखकर भरत का मन अनिष्ट की आशंका से घिर गया।
2. माता कैकेयी के द्वारा पिता के निधन का समाचार सुनकर भरत की क्या दशा हुई?
उत्तर भरत पिता के निधन का समाचार सुनकर शोक में डूब गए। वे विलाप करने लगे और धरती पर गिर पड़े। कैकेयी ने भरत की यह दशा देखकर उन्हें ढाढ़स बँधाया। कैकेयी ने उन्हें बताया कि अंतिम समय में महाराज के मुँह से केवल तीन शब्द निकले हे राम ! हे सीते! हे लक्ष्मण! तुम्हारे लिए कुछ नहीं कहा। भरत की व्याकुलता बढ़ती गई तथा वे राम के पास जाना चाहते थे। कैकेयी ने उन्हें वरदान की पूरी कथा सुनाते हुए राजगद्दी सँभालने के लिए कहा।
3. चतुरंगिणी सेना क्या है?
उत्तर प्राचीन काल में सेना के संगठन में निम्नलिखित चार अंगों को शामिल किया जाता था, जिस कारण इसको चतुरंगिणी सेना कहा जाता था; जैसे- घुड़सवार योद्धा, पैदल सैनिक हाथी पर सवार योद्धा और रथ पर सवार योद्धा ।
4. भरत ने सभासदों और मंत्रियों से क्या कहा?
उत्तर भरत ने सभासदों और मंत्रियों से हाथ जोड़कर कहा कि मेरी माँ ने जो किया है, उसमें मेरा कोई दोष नहीं है। मैं राम के पास जाऊँगा और प्रार्थना करूँगा कि वे राजगद्दी सँभाले। मैं उनका दास बनकर रहूँगा। भरत बहुत उत्तेजित हो गए थे, जिसके कारण वे स्वयं पर नियंत्रण नहीं रख सके। उनकी बोलते-बोलते साँस फूलने लगी और वे चकराकर धरती पर गिर गए।
5. भरत को विशाल सेना के साथ आते हुए देखकर लक्ष्मण को क्या संदेह हुआ?
उत्तर लक्ष्मण चित्रकूट पहाड़ी पर पर्णकुटी के बाहर पहरा दे रहे थे। जब उन्होंने कोलाहल सुना तथा आसमान में धूल उड़ती हुई देखी तब उन्होंने वृक्ष पर चढ़कर देखा कि एक विशाल सेना उनके आश्रम की ओर आ रही है। सेना का ध्वज अयोध्या का था। जब उन्होंने अयोध्या की विशाल सेना को अपनी ओर आते हुए देखा, तो उन्हें संदेह हुआ कि भरत सेना के साथ यहाँ आ रहे हैं। वे हमें मार डालना चाहते हैं जिससे वे एकछत्र राज्य कर सकें।
6. राम द्वारा अयोध्या वापस लौटने से मना करने पर भरत ने क्या विनती की?
उत्तर जब राम किसी भी प्रकार अयोध्या लौटने को तैयार न हुए, तो भरत ने विनती की कि आप नहीं लौटेंगे, तो मैं भी खाली हाथ नहीं जाऊँगा। आप मुझे अपनी खड़ाऊँ दे दें। मैं चौदह वर्ष तक इन्हीं खड़ाऊँ की आज्ञा से राजकाज चलाऊंगा। भरत का यह आग्रह राम ने स्वीकार कर लिया और अपनी खड़ाऊँ भरत को दे दी। भरत ने खड़ाऊँ को माथे से लगाया और कहा, चौदह वर्ष तक अयोध्या पर इन चरण पादुकाओं का शासन रहेगा। इसके पश्चात् सबको प्रणाम करके राम ने उन्हें चित्रकूट से विदा कर दिया।
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 19 चित्रकूट में भरत दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. माता कैकेयी और भरत में क्या बातचीत हुई?
उत्तर अयोध्या पहुँचते ही भरत सीधे राजा दशरथ के महल में गए। माँ कैकेयी ने भरत को गले से लगा लिया और पिता के निधन का समाचार दिया। भरत निधन का समाचार सुनते ही शोक में डूब गए। कैकेयी ने भरत को समझाया और अपने को सँभालने के लिए कहा। कैकेयी ने राजा दशरथ से लिए हुए वरदान के विषय में भी भरत को बताया और उससे राजगद्दी संभालने के लिए कहा। भरत बहुत क्रोधित हुए और चीखकर बोले माते! तुमने अनर्थ किया है, तुम अपराधिनी हो, मुझे ऐसा राज्य नहीं चाहिए। मैं राम को अयोध्या वापस लेकर आऊँगा ।
2. रानी कौशल्या ने भरत से क्या कहा?
उत्तर भरत अपनी सुध-बुध लौटने पर रानी कौशल्या के महल की ओर गए और उनसे लिपटकर बच्चों की तरह रोने लगे। उनके चरणों में गिर पड़े। कौशल्या राम के वन में चले जाने तथा महाराज दशरथ का देहांत हो जाने से आहत थी। उसने भरत से कहा- पुत्र तुम्हारी मनोकामना पूरी हो गई है। राम वन में है, अयोध्या का राज तुम्हारा है। कैकेयी ने जो तरीका अपनाया, वह अनुचित है। तुम राज करो पुत्र, पर मुझ पर एक दया करो। मुझे मेरे राम के पास भिजवा दो।
3. ‘चित्रकूट में भरत’ में वर्णित भरत की चारित्रिक विशेषताएँ बताइए |
उत्तर ‘चित्रकूट में भरत’ में भरत के चरित्र में त्याग, भ्रातृप्रेम, कर्तव्यनिष्ठा और नीतिपालक गुण विशेष रूप से दिखाई देते हैं। भरत ने अयोध्या पर राज्य करने से मना कर दिया, क्योंकि परंपरा के अनुसार ज्येष्ठ भ्राता ही राजगद्दी का अधिकारी होता है।
भ्रातृप्रेम के कारण भरत राम को लेने वन गए और अयोध्या चलने का आग्रह किया। राम के न आने पर उन्होंने राम की खड़ाऊँ लाकर सिंहासन पर रखी तथा स्वयं राजगद्दी पर नहीं बैठे। तपस्वी के वेश में वे नंदीग्राम में रहकर राजकाज चलाते रहे। यह भरत की कर्त्तव्यनिष्ठा का उदाहरण है। उन्होंने नीति का सदैव पालन किया।’