NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 20 दंडक वन में में दस वर्ष Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 20 दंडक वन में में दस वर्ष Question And Answers शब्दार्थ

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 20 दंडक वन में में दस वर्ष पाठ का सार

राम का चित्रकूट छोड़ना और दंडक वन जाना

राम की चरण पादुकाएँ लेकर भरत अयोध्या लौट आए थे। उनके साथ उनकी सेना और नगरवासी भी लौट आए थे। अयोध्या से चित्रकूट चार दिन में ही पहुँचा जा सकता था। लोग राम से अनेक तरह के प्रश्न पूछने और राय माँगने चित्रकूट आ जाते थे। यह राम को राजकाज में हस्तक्षेप की तरह लगता था। अतः राम ने चित्रकूट से दूर चले जाने का निश्चय किया।

राम, लक्ष्मण और सीता तीनों अत्रि मुनि से विदा लेकर चित्रकूट से दंडक वन की ओर चल पड़े। दंडक वन एक घना जंगल था, जिसमें अनेक तपस्वियों के आश्रम थे।

यहाँ राक्षस भी अत्यधिक थे, जो ऋषि-मुनियों को कष्ट देते थे और अनुष्ठानों में विघ्न डालते थे। मुनियों ने राम से मायावी राक्षसों से रक्षा करने के लिए कहा। सीता का विचार था कि राम अकारण ही राक्षसों का वध न करें, क्योंकि उन्होंने राम का कोई अहित नहीं किया है। राम ने उन्हें समझाया कि ये राक्षस मायावी हैं, इन राक्षसों का विनाश उचित है।

राम, लक्ष्मण और सीता दंडक वन में दस वर्ष रहे। वे तीनों स्थान और आश्रम बदलते हुए क्षरभंग मुनि के आश्रम में पहुँचे। वहाँ उन्होंने ऋषियों के कंकालों का ढेर देखा, जिन्हें राक्षसों ने मार दिया था। सुतीक्ष्ण मुनि ने भी राम को राक्षसों के अत्याचारों की कथा सुनाई और अगस्त्य ऋषि से मिलने की सलाह दी। मुनि ने राम को गोदावरी नदी के तट पर स्थित पंचवटी जाने के लिए कहा। राम, लक्ष्मण और सीता ने वनवास का शेष समय पंचवटी में बिताया था।

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राम की जटायु से भेंट और पंचवटी में सुंदर कुटिया का निर्माण

राम को पंचवटी जाते समय मार्ग में विशालकाय गिद्ध मिला, जिसका नाम जटायु था। जटायु को लक्ष्मण ने मायावी राक्षस समझा, परंतु जटायु ने बताया – मैं तुम्हारे पिता का मित्र हूँ। मुझसे मत डरो ! मैं आप लोगों के साथ माता सीता की भी रक्षा करूँगा।

पंचवटी पहुँचकर लक्ष्मण ने वहाँ सुंदर सी कुटिया का निर्माण किया ।। कुटी के आस-पास मनोरम दृश्य था। इस बीच राम राक्षसों का निरंतर संहार कर रहे थे। उन्होंने विराध राक्षस को भी मार डाला। राक्षसों का अस्तित्व लगभग समाप्त हो गया था। मुनिगण वहाँ शांति से तपस्या करने लगे।

शूर्पणखा का आगमन और लक्ष्मण द्वारा शूर्पणखा के नाक-कान काटना

एक दिन लंका के राजा रावण की बहन शूर्पणखा वहाँ एक सुंदर स्त्री का रूप धारण कर आई और राम के रूप पर मोहित होकर बोली कि वह उनसे विवाह करना चाहती है। राम ने अपना परिचय दिया, फिर सीता की ओर संकेत करते हुए बताया कि वे विवाहित हैं। राम के पूछने पर शूर्पणखा ने अपना परिचय दिया और बताया कि वह रावण और कुंभकर्ण की अविवाहित बहन है।

राम के मना करने पर शूर्पणखा लक्ष्मण के पास गई और उनसे विवाह के लिए कहा। लक्ष्मण ने शूर्पणखा को फिर राम के पास भेज दिया। शूर्पणखा इस प्रकार दोनों के बीच भागती रही। अंत में क्रोधित होकर उसने सीता पर हमला किया। यह देखकर लक्ष्मण ने तलवार से उसके नाक-कान काट दिए। खून से लथपथ शूर्पणखा अपने सौतेले भाइयों – खर और दूषण के पास पहुँची ।

वे राम-लक्ष्मण से बदला लेने उनके पास सेना लेकर युद्ध करने पहुँचे, परंतु दोनों युद्ध में मारे गए और कुछ राक्षस जान बचाकर भाग गए।

रावण द्वारा सीता हरण की योजना

भागने वाले राक्षसों में एक अकंपन राक्षस भी था। उसने रावण को जाकर पूरा विवरण बताया और सीता का अपहरण करने की सलाह दी। रावण सीता हरण के लिए चला, तो रास्ते में उसे मारीच मिला। मारीच राम की वीरता और शौर्य से परिचित था। उसने रावण से सीता हरण की योजना का विचार छोड़ने के लिए कहा।

रावण ने मारीच की बात स्वीकार कर ली और लंका लौट गया। शूर्पणखा रोती हुई रावण के पास पहुँची और लक्ष्मण द्वारा अपने नाक-कान काटे जाने की बात बताई। रावण पुनः मारीच के पास गया और उससे सहायता माँगी। मारीच ने रावण को फिर से किया, परंतु रावण नहीं माना। विवश होकर करने के लिए तैयार हो गया ।

रावण द्वारा साधु का वेश धारण करना

मायावी मारीच ने पंचवटी के पास आकर सोने के हिरण का रूप धारण कर लिया। वह राम, लक्ष्मण और सीता की कुटिया के आस-पास घूमने लगा। रावण एक तपस्वी का वेश बनाकर एक पेड़ के पीछे छिप गया। सीता उस सुंदर हिरण पर मुग्ध हो गई और राम से उसे पकड़कर लाने को कहा।

राम-लक्ष्मण को सोने का हिरण देखकर संदेह हुआ, परंतु सीता की इच्छा जानकर राम, सीता के लिए सोने का हिरण लेने चले गए। राम ने लक्ष्मण को सीता की रक्षा करने तथा उसे अकेला न छोड़ने का आदेश दिया। लक्ष्मण ने स्वीकार किया और धनुष लेकर कुटी के बाहर खड़े हो गए।

शब्दार्थ

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 6 दंडक वन में में दस वर्ष Question And Answers शब्दार्थ

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 20 दंडक वन में में दस वर्ष बहुविकल्पीय प्रश्न

अभ्यास प्रश्न (बहुविकल्पीय व वर्णनात्मक प्रश्नों सहित)

1. चित्रकूट अयोध्या से कितने दिन की दूरी पर था ?

(क) 2 दिन
(ख) 4 दिन
(ग) 6 दिन
(घ) 7 दिन

उत्तर (ख) 4 दिन

2. दंडक वन में किसके अधिक आश्रम थे?

(क) तपस्वियों के
(ख) साधु-संतों के
(ग) ऋषियों के
(घ) ये सभी

उत्तर (घ) ये सभी

3. क्षरभंग मुनि का आश्रम कहाँ पर था ?

(क) दंडक वन में
(ख) चित्रकूट में
(ग) नासिक में
(घ) पंचवटी वन में क

उत्तर (क) दंडक वन में

4. रावण व कुंभकर्ण की बहन कौन थी?

(क) सुलोचना
(ख) मांडवी
(ग) माया
(घ) शूर्पणखा

उत्तर (घ) शूर्पणखा

5. माया से सुंदर स्त्री का रूप बनाकर शूर्पणखा किसके पास गई थी?

(क) लक्ष्मण के
(ख) सीता के
(ग) राम के
(घ) ये सभी

उत्तर (ग) राम के

6. मारीच ने कौन – सा मायावी रूप धारण किया?

(क) सिंह का
(ख) मृग का
(ग) चीते का
(घ) खरगोश का

उत्तर (ख) मृग का

7. मारीच किसका पुत्र था ?

(क) तारा का
(ख) शूर्पणखा का
(ग) मंदोदरी का
(घ) ताड़का का

उत्तर (घ) ताड़का का

8. राम को कुटिया से निकलता हुआ देखकर कौन कुलाचें भरने लगा?

(क) हिरण
(ख) चिड़िया
(ग) मोरनी
(घ) कोयल

उत्तर (क) हिरण

9. कुटिया से निकलते हुए राम ने लक्ष्मण को क्या आदेश दिया था ?

(क) फल-फूल इकट्ठा करना
(ख) लकड़ियाँ काटना
(ग) सीता की रक्षा करना
(घ) ये सभी

उत्तर (ग) सीता की रक्षा करना

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 20 दंडक वन में में दस वर्ष रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. अयोध्यावासियों के लौट जाने पर __________ में शांति हो गई।

उत्तर अयोध्यावासियों के लौट जाने पर चित्रकूट में शांति हो गई ।

2. तीनों ‘से आज्ञा लेकर दंडक वन की ओर चले।

उत्तर तीनों अत्रि ऋषि से आज्ञा लेकर दंडक वन की ओर चले।

3. दंडक वन में ________ राक्षस रहते थे।

उत्तर दंडक वन में मायावी राक्षस रहते थे।

4. _______ मुनि ने ऋषियों के कंकाल का ढेर दिखाया, जिन्हें _______ ने मार डाला था।

उत्तर क्षरभंग मुनि ने ऋषियों के कंकाल का ढेर दिखाया, जिन्हें राक्षसों ने मार डाला था।

5. क्रोध में आकर __________ ने सीता पर हमला किया।

उत्तर क्रोध में आकर शूर्पणखा ने सीता पर हमला किया।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 20 दंडक वन में में दस वर्ष अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

1. दंडक वन के मुनियों ने राम का स्वागत करते हुए उनसे क्या कहा?

उत्तर दंडक वन के मुनियों ने राम का स्वागत करते हुए कहा- “आप दुष्ट मायावी राक्षसों से हमारी रक्षा करें और आश्रम को अपवित्र होने से बचाएँ।”

2. राम ने दैत्यों केसंहार के विषय में सीता को क्या समझाया ?

उत्तर राम ने दैत्यों के संहार के विषय में सीता को समझाया कि “सीते! राक्षसों का विनाश ही उचित है, वे मायावी हैं। ”

3. दंडक वन में तीनों वनवासी कितने वर्ष तक रहे?

उत्तर दंडक वन में तीनों वनवासी दस वर्ष तक रहे।

4. तीनों वनवासी मुनि अत्रि से विदा लेकर किस ओर चल पड़े?

उत्तर तीनों वनवासी मुनि अत्रि से विदा लेकर दंडक वन की ओर चल पड़े।

5. क्षरभंग मुनि के आश्रम पहुँचने के बाद राम ने क्या देखा?

उत्तर क्षरभंग मुनि के आश्रम पहुँचने पर राम ने हड्डियों का ढेर देखा, जो ऋषियों के कंकाल थे।

6. सुतीक्ष्ण मुनि ने राम को क्या सलाह दी ?

उत्तर सुतीक्ष्ण मुनि ने राम को अगस्त्य ऋषि से मिलने की सलाह दी। अगस्त्य ऋषि विंध्यांचल पार करने वाले पहले ऋषि थे।

7. पंचवटी के मार्ग में जटायु को देखकर कौन डर गया ?

उत्तर पंचवटी के मार्ग में जटायु को देखकर सीता डर गई ।

8. अकंपन कौन था?

उत्तर अकंपन खर-दूषण की सेना का एक मायावी राक्षस था ।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 20 दंडक वन में में दस वर्ष लघु उत्तरीय प्रश्न

1. चित्रकूट में पुन: शांति कब लौट आई ?

उत्तर भरत के साथ नगरवासी वापस अयोध्या लौट गए। उनके साथ ही उनकी चतुरंगिणी सेना भी धूल उड़ाती हुई वापस चली गई। उनके जाते ही कोलाहल समाप्त हो गया और चित्रकूट में फिर से शांति लौट आई।

2. राक्षसों के संहार के विषय में सीता के क्या विचार थे?

उत्तर मुनियों ने राम से दुष्ट राक्षसों से अपनी रक्षा करने की सहायता माँगी, ने परंतु सीता चाहती थीं कि राम अकारण राक्षसों का वध न करें। उनका कहना था कि जिन्होंने कोई अहित नहीं किया है, उन्हें न मारें। राम ने बताया कि वे मायावी हैं, इसलिए उनका विनाश उचित है।

3. जटायु कौन था? उसने राम से क्या कहा ?

उत्तर राम को पंचवटी के मार्ग में विशालकाय गिद्ध मिला। उसका नाम जटायु था। जटायु ने बताया कि मैं तुम्हारे पिता का मित्र हूँ।
वन में तुम्हारी सहायता करूँगा । आप दोनों जब बाहर जाएँगे, तो सीता की रक्षा करूँगा।

4. रावण मारीच के पास क्यों गया? उसने रावण को क्या समझाया ?

उत्तर रावण को अकंपन ने राम की विलक्षण शक्तियों तथा शूर्पणखा के नाक-कान कटने के बारे में बताया तथा राम को हराने का उपाय भी सुझाया। रावण राम से बदला लेने के लिए सीता हरण के लिए तैयार हो गया।

वह ताड़का के पुत्र मारीच के पास सहायता माँगने गया। मारीच भी राम की शक्ति से पूर्व परिचित था। उसने रावण को समझाया कि सीता हरण करना अपने विनाश को आमंत्रण देना है।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 20 दंडक वन में में दस वर्ष दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. राम चित्रकूट में क्यों नहीं रहना चाहते थे?

उत्तर चित्रकूट अयोध्या के बहुत समीप था। अयोध्या से चित्रकूट केवल चार दिन में पहुँचा जा सकता था। अयोध्या से लोगों का आना-जाना लगा रहता था। लोग आते और राम से राय लेते, प्रश्न पूछते । राम को लगा कि इस प्रकार यहाँ रहने से व राय देने से राजकाज में हस्तक्षेप होगा। राम-लक्ष्मण ने उस वन को राक्षसों से भयमुक्त कर दिया था। अब ऋषि-मुनि निर्विघ्न तपस्या करते थे। इन दोनों कारणों को ध्यान में रखते हुए राम अब और चित्रकूट में नहीं रहना चाहते थे।

2. शूर्पणखा कौन थी? वह राम-लक्ष्मण के पास क्यों आई थी?

उत्तर शूर्पणखा रावण की छोटी बहन थी । उसका अभी तक विवाह नहीं हुआ था। एक दिन पंचवटी में कुटी के बाहर राम, सीता और लक्ष्मण तीनों बैठे हुए थे। पंचवटी के प्राकृतिक सौंदर्य को निहार रहे थे। तभी शूर्पणखा वहाँ आई और राम के सौंदर्य को देखकर उन पर मोहित हो गई, उसने स्वयं को पानी में देखा। उसका चेहरा विकृत था, मुँह झुर्रियों से भरा हुआ था। वह राम को किसी भी प्रकार पाना चाहती थी। उसने माया से एक सुंदर स्त्री का रूप धारण कर लिया। सुंदर स्त्री के रूप में शूर्पणखा राम के पास गई और उसने अपने साथ राम के विवाह का प्रस्ताव रखा।

3. शूर्पणखा के नाक-कान कटे हुए देखकर खर-दूषण ने क्या किया?

उत्तर खर-दूषण रावण के सौतेले भाई थे। वे दोनों उसी वन में रहते थे। खून से लथपथ कटे नाक-कान के साथ शूर्पणखा खर-दूषण के पास गई। दोनों बहुत क्रोधित हुए। उन्होंने चौदह राक्षस शूर्पणखा के साथ राम-लक्ष्मण से बदला लेने के लिए भेजे। निर राम ने सभी राक्षसों को मार डाला। शूर्पणखा वापस खर-दूषण के पास लौटी। अब पूरी सेना के साथ खर-दूषण राम से युद्ध करने आए। घमासान युद्ध हुआ। खर दूषण दोनों अपनी सेना के साथ मारे गए। कुछ राक्षस बचे, वे जान बचाकर वहाँ से भाग गए।

4. क्या शूर्पणखा के प्रति लक्ष्मण द्वारा किया गया व्यवहार उचित था? उन्हें शूर्पणखा के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए था?

उत्तर शूर्पणखा राम के रूप पर मोहित हो गई थी। वह उनसे विवाह करना चाहती थी। शूर्पणखा के विवाह के प्रस्ताव रखने पर राम ने उसे लक्ष्मण के पास भेज दिया।

कई बार दोनों के पास इधर-उधर चक्कर काटने के कारण उसने क्रोध में आकर सीता पर हमला किया। शूर्पणखा का यह व्यवहार अनुचित था ।

लक्ष्मण ने शूर्पणखा के नाक-कान काट दिए। मेरे अनुसार लक्ष्मण का यह व्यवहार भी अनुचित था। उन्हें शूर्पणखा को समझाना चाहिए था। किसी भी प्रकार से शूर्पणखा को समझाना ही उचित व्यवहार था, क्योंकि राम और लक्ष्मण कुलीन और उच्च वंश के थे।

5. मारीच द्वारा समझाने के बाद एक बार सीता हरण का विचार छोड़ देने पर पुन: रावण सीता हरण के लिए क्यों तैयार हो गया?

उत्तर रावण शूर्पणखा के नाक-कान काटे जाने व खर-दूषण का वध किए जाने का समाचार मिलने पर कूटनीति से सीता का हरण कर राम से बदला लेना चाहता था। इस उद्देश्य से वह मारीच के पास पहुँचा, किंतु मारीच पहले से ही राम की विलक्षण शक्तियों से परिचित था । उसने रावण को समझाया कि राम से शत्रुता मोल लेने का अर्थ अपने विनाश को आमंत्रण देना है।

रावण मारीच की बात सुनकर वापस लंका लौट आया, परंतु थोड़ी देर बाद ही रावण की बहन शूर्पणखा चीखती-चिल्लाती उसके पास आई तथा उसे ललकारते हुए कहने लगी कि तेरे महाबली होने का क्या लाभ? तेरे होते हुए तेरी बहन की यह दुर्गति हो रही है।

राम-लक्ष्मण ने मेरे नाक-कान काट दिए हैं तेरा यह बल किस दिन के लिए है? तू अब किसी को मुँह दिखाने लायक नहीं रहा है। शूर्पणखा की इस ललकार को सुनकर रावण राम व लक्ष्मण से बदला लेने को तैयार हो गया तथा उसने पुनः सीता हरण का विचार बनाया।

 

 

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