NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 26 राम का राज्याभिषेक Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 26 राम का राज्याभिषेक Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 26 राम का राज्याभिषेक पाठ का सार

विभीषण का राम से आग्रह

विभीषण के राजा बनने के बाद वे चाहते थे कि राम कुछ दिन उनकी लंका में रुक जाएँ। विभीषण ने अपनी इच्छा राम को बताई। राम से कहा, आप कुछ दिन यहाँ विश्राम कर लें, आपकी थकान उतर जाएगी। मुझे आपका सान्निध्य मिलेगा। कुछ रीति-नीति सीखने का अवसर भी, आपने यह नगरी भी नहीं देखी है, परंतु राम लंका नगरी से दूर रहे। वे वनवास में थे, अतः वे नगर में प्रवेश करना उचित नहीं मानते थे।

राम का तत्काल अयोध्या लौटना

राम ने वनवास के चौदह वर्ष पूरे कर लिए थे। वे तुरंत अयोध्या लौटना चाहते थे। उनके न पहुँचने पर भरत ने प्राण दे देने की प्रतिज्ञा की हुई थी। विभीषण राम के साथ रहना चाहते थे, इसलिए उन्होंने राम के साथ अयोध्या जाने तथा उनके राज्याभिषेक में उपस्थित रहने की अनुमति ले ली। राम ने विभीषण के अतिरिक्त सुग्रीव और हनुमान को भी अयोध्या आने के लिए आमंत्रित किया।

विभीषण ने अपना पुष्पक विमान राम, सीता व लक्ष्मण को अयोध्या ले जाने के लिए तैयार किया तथा उन्हें बैठाकर विमान को उत्तर दिशा की ओर अयोध्या के लिए रवाना कर दिया।

मार्ग में राम ने सीता को रणभूमि, सेतुबंध, किष्किंधा, ऋष्यमूक पर्वत पंपा सरोवर, गोदावरी नदी, पंचवटी आदि स्थानों से परिचय कराया। विमान के जाने के बाद वानर सेना भी किष्किंधा की ओर चल दी।

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नंदीग्राम में राम की भरत से भेंट

अयोध्या जाने से पहले राम ने हनुमान को अयोध्या भेजा। वे हनुमान द्वारा अयोध्या का हाल जानना चाहते थे। हनुमान राम के आने का समाचार लेकर नंदीग्राम गए। हनुमान ने भरत से कहा— श्रीराम वनवास की अवधि पूरी करके लौट रहे हैं। भरत की प्रसन्नता का ठिकाना न रहा, वे बार-बार हनुमान को धन्यवाद दे रहे थे।

भरत से विदा लेकर हनुमान आश्रम लौट आए। राम के आने की सूचना पाकर तीनों रानियाँ नंदीग्राम की ओर चल पड़ीं। अयोध्या में उत्सव की तैयारियाँ होने लगीं। राम का पुष्पक विमान नंदीग्राम में उतरा।

राम ने भरत को गले से लगा लिया। माताओं को प्रणाम किया। भरत ने खड़ाऊँ सिंहासन से उतारकर स्वयं राम को पहनाई।

राम का अयोध्या में प्रवेश व राज्याभिषेक

राम-लक्ष्मण और सीता ने तपस्वी वेश बदलकर राजसी वस्त्र पहने और अयोध्या नगरी में प्रवेश किया। अगले दिन मुनि वशिष्ठ ने राम का राजतिलक किया। राम और सीता सोने के रत्नजड़ित सिंहासन पर बैठे। मंगलाचार हुआ, माताओं ने आरती उतारी। लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न पास ही खड़े थे और हनुमान नीचे बैठे थे। राम ने सीता को एक बहुमूल्य हार भेंट किया।

सीता ने वह हार हनुमान को भेंट कर दिया। कुछ दिनों बाद सभी अतिथि वापस लौट गए। विभीषण लंका चले गए। सुग्रीव किष्किंधा की ओर रवाना हुए। ऋषि-मुनि अपने आश्रम में गए, परंतु हनुमान राम की सेवा में वहीं रहे। राम ने लंबे समय तक अयोध्या नगरी पर राज किया। उनके राज्य में सभी सुखी थे, किसी को कोई कष्ट नहीं था।

शब्दार्थ

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 12 राम का राज्याभिषेक Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 26 राम का राज्याभिषेक बहुविकल्पीय प्रश्न

अभ्यास प्रश्न (बहुविकल्पीय व वर्णनात्मक प्रश्नों सहित)

1. राम, सीता व लक्ष्मण को कौन-सा विमान अयोध्या की ओर लेकर गया था?

(क) पुष्पक विमान
(ख) घोड़ा विमान
(ग) सोने का रथ
(घ) हाथी विमान

उत्तर (क) पुष्पक विमान

2. भरत को अपने आगमन की पूर्व सूचना देने के लिए राम ने किसे भेजा था?

(क) हनुमान को
(ख) अंगद को
(ग) विभीषण को
(घ) सुग्रीव को

उत्तर (क) हनुमान को

3. पुष्पक विमान वास्तव में किसका था?

(क) राम का
(ख) रावण का
(ग) विभीषण का
(घ) कुबेर का

उत्तर (घ) कुबेर का

4. लंका से विमान किस दिशा में चला था?

(क) पश्चिम दिशा की ओर
(ख) उत्तर दिशा की ओर
(ग) दक्षिण दिशा की ओर
(घ) पूर्व दिशा की ओर

उत्तर (ख) उत्तर दिशा की ओर

5. अयोध्या जाते हुए हनुमान ने किससे भेंट की थी?

(क) शत्रुघ्न से
(ख) भरत से
(ग) ऋषि भारद्वाज से
(घ) निषादराज गुह से

उत्तर (घ) निषादराज गुह

6. अयोध्या लौटते समय राम ने रात कहाँ पर गुजारी थी ?

(क) किष्किंधा में
(ख) ऋषि भारद्वाज के आश्रम में
(ग) पंपा सरोवर के पास
(घ) पर्णकुटी में

उत्तर (ख) ऋषि भारद्वाज के आश्रम में

7. अयोध्या में राम का विमान कहाँ पर उतरा था ?

(क) गंगा के तट पर
(ख) यमुना के तट पर
(ग) नंदीग्राम में
(घ) सरयू नदी के तट पर

उत्तर (ग) नंदीग्राम में

8. जब राम अयोध्या में लौटकर आए, तो भरत कहाँ रह रहे थे?

(क) पंचवटी में
(ख) नंदीग्राम में
(ग) अयोध्या में
(घ) लंका में

उत्तर (ख) नंदीग्राम में

9. राम वनवास कितने वर्षों के लिए गए थे?

(क) दस वर्ष
(ख) ग्यारह वर्ष
(ग) तेरह वर्ष
(घ) चौदह वर्ष

उत्तर (घ) चौदह वर्ष

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 26 राम का राज्याभिषेक रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. विभीषण चाहते थे कि ________ कुछ दिन _________ में रुक जाएँ।

उत्तर विभीषण चाहते थे कि राम कुछ दिन लंका में रुक जाएँ।

2. __________ राम से अलग नहीं होना चाहते थे।

उत्तर विभीषण राम से अलग नहीं होना चाहते थे।

3. राम ने राज्याभिषेक में विभीषण, ______ और ______ को अयोध्या आमंत्रित किया।

उत्तर राम ने राज्याभिषेक में विभीषण, सुग्रीव और हनुमान को अयोध्या आमंत्रित किया।

4. राम सीधे ______ नहीं जाना चाहते थे। वे सोच रहे थे कि चौदह वर्ष में ________ को सत्ता का मोह तो नहीं हो गया।

उत्तर राम सीधे अयोध्या नहीं जाना चाहते थे। वे सोच रहे थे कि चौदह वर्ष में भरत को सत्ता का मोह तो नहीं हो गया।

5. ____________ वायुवेग से उड़े, मार्ग में निषादराज गुह से भेंट की, वहाँ से टीम पहुँचे।

उत्तर हनुमान वायुवेग से उड़े, मार्ग में निषादराज गुह से भेंट की, वहाँ से नंदीग्राम पहुँचे।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 26 राम का राज्याभिषेक अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

1. विभीषण ने राम से क्या अनुरोध किया?

उत्तर विभीषण ने राम से अनुरोध किया कि वे कुछ दिन तक लंका में ही विश्राम करें और बाद में आराम से जाएँ।

2. राम लंका में क्यों नहीं रुकना चाहते थे?

उत्तर राम लंका में इसलिए नहीं रुकना चाहते थे, क्योंकि उनके वनवास के चौदह वर्ष पूरे हो चुके थे। वे अयोध्या वापस लौटना चाहते थे, भरत उनकी प्रतीक्षा कर रहे थे।

3. राम ने किसे अयोध्या चलने के लिए आमंत्रित किया?

उत्तर राम ने सुग्रीव और हनुमान को अयोध्या चलने के लिए आमंत्रित किया।

4. राम मार्ग में सीता को क्या बता रहे थे?

उत्तर राम, मार्ग में सीता को पड़ने वाले प्रमुख स्थानों के बारे में बता रहे थे।

5. ऋषि भारद्वाज का आश्रम कहाँ था?

उत्तर ऋषि भरद्वाज का आश्रम गंगा-यमुना के तट पर था।

6. निषादराज गुह ने हनुमान को क्या बताया ?

उत्तर निषादराज गुह ने हनुमान को अयोध्या के बारे में सभी जानकारियाँ देते हुए वहाँ का हाल बताया।

7. राम के आने की सूचना सुनकर अयोध्या में क्या होने लगा ?

उत्तर राम के आने की सूचना सुनकर अयोध्या में राम के स्वागत की उत्साहपूर्वक तैयारियाँ होने लगीं।

8. भरत भागते हुए आश्रम के भीतर क्या लेने गए ?

उत्तर भरत भागते हुए आश्रम के भीतर राम की खड़ाऊँ को लेने गए। जिसे चौदह वर्ष तक सिंहासन पर रखकर उन्होंने राजकाज चलाया था।

9. सीता ने अपने गले का हार हनुमान को क्यों दिया था ?

उत्तर सीता ने अपने गले का हार हनुमान को उनकी भक्ति और पराक्रम के लिए दिया था और वह उनसे सबसे अधिक प्रसन्न थीं।

10. राम के राज्य में सब कुछ कैसा था?

उत्तर राम के राज्य में कोई भेदभाव नहीं था, कोई बीमार नहीं पड़ता था । खेत हरे-भरे थे। पेड़ फलों से लदे रहते थे।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 26 राम का राज्याभिषेक लघु उत्तरीय प्रश्न कि

1. विभीषण राम को कुछ दिन लंका में क्यों रोकना चाहते थे?

उत्तर विभीषण चाहते थे कि राम लंका में युद्ध की थकान मिटाने के लिए विश्राम कर लें। विभीषण राम का सान्निध्य और उनसे रीति-नीति सीखने का अवसर चाहते थे।

2. विभीषण ने राम के सम्मुख क्या नया प्रस्ताव रखा ?

उत्तर विभीषण ने राम के सम्मुख नया प्रस्ताव रखा, “मेरी इच्छा है कि मैं आपके राज्याभिषेक में उपस्थित रहूँ। मुझे अपने साथ चलने की अनुमति दें।” राम ने विभीषण का यह आग्रह स्वीकार कर लिया।

3. विमान लंका से उड़कर कहाँ-कहाँ रुका?

उत्तर विमान लंका से उड़कर सीता के आग्रह पर किष्किंधा में सुग्रीव की रानियों तारा और रूपा को लेने के लिए उतरा। इसके पश्चात् ऋषि भरद्वाज के आश्रम में विमान उतरा। सबने रात वहीं बिताई।

4. हनुमान और भरत की भेंट का वर्णन करें।

उत्तर हनुमान वायुवेग से उड़कर नंदीग्राम पहुँचे वहाँ उन्होंने भरत को बताया कि राम का वनवास पूरा हो गया। वे प्रयाग पहुँच चुके हैं। वे उन्हीं की आज्ञा से यहाँ आपके पास आपको सूचना देने पहुँचे हैं। यह सुनकर भरत की खुशी का ठिकाना न रहा। उनकी आँखों में खुशी के आँसू थे। इस शुभ सूचना के लिए वह हनुमान का धन्यवाद कर रहे थे। उनके चेहरे पर केवल प्रसन्नता का भाव था। हनुमान उनसे विदा लेकर राम के पास लौट गए।

5. राम के आने की सूचना पाकर भरत ने क्या किया?

उत्तर राम के आने की सूचना पाकर भरत अतीव प्रसन्न हुए। भरत राम को याद करने लगे और उनकी आँखों में आँसू आ गए और वे अयोध्या में उत्सव की तैयारी में जुट गए। उन्होंने प्रभु राम के आने की जानकारी सभी को दी।

6. राम ने राजसी वस्त्र कहाँ धारण किए?

उत्तर अनेक वर्षों के बाद राम लंका विजय करके अयोध्या वापिस लौट रहे थे। तब वे सीधे अयोध्या न जाकर नंदीग्राम में रुके, जहाँ भरत संन्यासी वेश धारण कर रहे थे तथा अयोध्या का राजकाज चला रहे थे। तब अयोध्या पहुँचने से पहले ही राम ने नंदीग्राम के पास राजसी वस्त्र धारण कर लिए थे।

7. जिस विमान से राम अयोध्या लौटकर आए, उसका क्या नाम था? उस विमान को किसने, किसको दिया था?

उत्तर जिस विमान में राम अयोध्या लौटकर आए, उसका नाम पुष्पक विमान था। जब भगवान राम लंका से अयोध्या अनेक वर्षों के बाद वापस जा रहे थे, तब लंका से अयोध्या जाते समय विभीषण का पुष्पक विमान राम को ले जाने के लिए तैयार था। राम ने बाद में पुष्पक विमान धन के देवता कुबेर के पास भेज दिया, क्योंकि वह विमान कुबेर का था। रावण ने बलपूर्वक कुबेर से छीन लिया था।

8. राम के राजतिलक के विषय में संक्षेप में बताइए ।

उत्तर मुनि वशिष्ठ ने राम का राजतिलक किया। राम और सीता सोने के रत्न जड़ित सिंहासन पर बैठे। लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न पास खड़े थे। हनुमान नीचे बैठ गए। मंगलाचार हुआ, माताओं ने आरती उतारी। इस प्रकार चारों ओर खुशी की लहर दौड़ रही थी। राम ने सीता को एक बहुमूल्य हार दिया।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 26 राम का राज्याभिषेक दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. लंका विजय के बाद राम की अयोध्या लौटने की यात्रा का वर्णन कीजिए।

उत्तर लंका विजय के पश्चात् विभीषण का राजतिलक हुआ। इसके पश्चात् राम का पुष्पक विमान उत्तर दिशा में अयोध्या के लिए चल पड़ा। राम, लक्ष्मण, सीता, सुग्रीव तथा हनुमान उस विमान में बैठे थे। पहले रणभूमि से गुजरा, फिर नल-नील का बनाया सेतुबंध रास्ते में देखा, तब किष्किंधा में विमान उतरा और सुग्रीव की रानियों रूपा और तारा को लिया गया।

ऋष्यमूक पर्वत पंपा सरोवर, गोदावरी नदी, जिसके पास पर्णकुटी अभी भी बनी हुई थी, इन सब से होता हुआ विमान ऋषि भरद्वाज के आश्रम में पहुँचा। ऋषि के आग्रह पर रात सभी ने आश्रम में ही बिताई। अगली सुबह श्रृंगवेरपुर होते हुए राम का विमान सरयू नदी के ऊपर पहुँच गया। जहाँ से अयोध्या नगरी दूर से दिखाई पड़ने लगी थी।

2. नंदीग्राम में राम का स्वागत किस प्रकार हुआ?

उत्तर राम का विमान नंदीग्राम पहुँचा, वहाँ उनका भव्य स्वागत हुआ। पूरा आकाश राम के जयघोष से गूंज उठा। विमान से उतरकर राम ने भरत को गले लगाया। तीनों माताओं को सादर प्रणाम किया। भरत भागते हुए आश्रम में गए और राम की खड़ाऊँ उठा लाए। उन खड़ाऊँ को सिंहासन पर रखकर भरत ने चौदह वर्ष अयोध्या का राजकाज चलाया था।

खड़ाऊँ अपने हाथों से राम को पहनाई। सभी के चेहरों पर प्रसन्नता थी। राम भरत का मिलन दृश्य अद्भुत था। वहाँ उपस्थित सभी की आँखों में खुशी के आँसू थे।

3. वर्तमान समय में आप कैसे रामराज्य की कल्पना करते हैं? .।

उत्तर हमारा देश लोकतांत्रिक देश है, जिसमें सभी मनुष्यों के अधिकार तथा कर्त्तव्य संविधान में उल्लेखित हैं। मैं सभी लोगों के लिए भरपेट भोजन, वस्त्र, रहने के लिए घर की कल्पना करता हूँ। प्रत्येक बालक को शिक्षा प्राप्त हो । उचित इलाज की व्यवस्था हो । देश स्वच्छ हो। युवकों को रोजगार मिले। प्रत्येक व्यक्ति खुशहाल हो, ऐसे राज्य की मैं कल्पना करता हूँ ।

4. राम के आगमन के बाद अयोध्या की घटनाओं का वर्णन कीजिए।

उत्तर सजी-धजी अयोध्या नगरी राम के आगमन के लिए बेचैन थी। माताएँ एवं मुनिगण खुश थे। पूरी अयोध्या नगरी दीपों से जगमगा की रही थी। नगरवासी राम को वापस देखकर प्रसन्न थे। भरत अयोध्या का राज्य राम को नंदीग्राम में ही लौटा चुके थे। राजमहल में मुनि वशिष्ठ ने कहा कि अगले दिन राज्याभिषेक किया जाएगा। इसकी तैयारी शत्रुघ्न पहले कर चुके थे।

अगले दिन राम का राज तिलक हुआ। राम और सीता रत्नजड़ित सिंहासन पर बैठे। राजतिलक मुनि वशिष्ठ ने किया। माताओं ने आरती उतारी मंगला चरण गाया गया। राम ने सीता को एक बहुमूल्य हार दिया। सीता ने हनुमान की भक्ति तथा पराक्रम के लिए यह हार उन्हें भेंट किया था। राम राज्य का राज्याभिषेक होने से प्रजा काफ़ी खुश थी।

5. राम ने राज्याभिषेक के समय सीता को क्या भेंट किया? उस भेंट के संबंध में सीता को क्या दुविधा थी?

उत्तर राम ने राज्याभिषेक के समय सीता को एक बहुमूल्य हार भेंट किया। सीता के मन में उस हार को लेकर यह दुविधा थी कि वह यह हार किसे दे। राम ने सीता के मन की बात जानकर उनकी दुविधा दूर करते हुए कहा कि जिस पर तुम अत्यधिक प्रसन्न हो, उसे यह हार दे सकती हो। सीता ने वह हार हनुमान को उपहारस्वरूप भेंट कर दिया, क्योंकि वह हनुमान के बल तथा पराक्रम से अत्यंत प्रसन्न थीं।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 26 राम का राज्याभिषेक परीक्षा अभ्यास (संपूर्ण पूरक पाठ्यपुस्तक पर आधारित)

1. पुस्तक के पहले अध्याय के पहले अनुच्छेद में लेखक ने सजीव ढंग से अवध की तस्वीर प्रस्तुत की है। तुम भी अपने आस-पास की किसी जगह का ऐसा ही बारीक चित्रण करो । यह चित्रण मोहल्ले के चबूतरे, गली की चहल-पहल, सड़क के नजारे आदि किसी का भी हो सकता है, जिससे तुम अच्छी तरह परिचित हो ।

उत्तर भारत की राजधानी दिल्ली है। दिल्ली एक बड़ा शहर है। इसका दक्षिणी भाग विशेष रूप से हरा-भरा है। भारत के प्रधानमंत्री का निवास स्थान रेसकोर्स है। चौड़ी-चौड़ी सड़कें हैं। आस-पास बड़े-बड़े बंगले हैं। सड़कों के किनारे तरह तरह के पेड़ लगे हैं। हरे-भरे सुंदर बगीचे हैं।

चौराहों पर यातायात व्यवस्थित करने के लिए बत्तियाँ लगी हैं। रेसकोर्स के लगभग एक किलोमीटर पर नेहरू पार्क है। सवेरे शाम यहाँ सैकड़ों की संख्या में लोग व्यायाम करने के लिए आते हैं। सुंदर-सुंदर पेड़ों से घिरा है यह नेहरू पार्क। अंदर मखमली हरी घास अनेक संगीत कार्यक्रमों का आयोजन यहाँ किया जाता है। नेहरू पार्क के पास ही चाणक्यपुरी है। यहाँ सरकारी बंगले हैं। विभिन्न अधिकारी यहाँ निवास करते हैं। यहाँ का वातावरण बहुत शांत है।

2. विश्वामित्र जानते थे कि क्रोध करने से यज्ञ पूरा नहीं होगा, इसलिए वे क्रोध को पी गए। तुम्हें भी कभी-कभी गुस्सा आता होगा। तुम्हें कब-कब गुस्सा आता है और इसका क्या परिणाम होता है?

उत्तर मुझे अक्सर गुस्सा आ जाता है, जब मेरी पसंद का भोजन नहीं मिलता, मित्र के झूठ बोलने पर, छोटे भाई के द्वारा मेरी वस्तु का नुकसान कर देने पर गुस्सा आता है। गुस्सा आने पर मैं अपने पर काबू नहीं कर पाता। जोर-जोर से चिल्लाता हूँ, कभी-कभी सामान फेंकने लगता हूँ। गुस्सा शांत होने पर समझ में आता है, गुस्सा करना व्यर्थ है।

3. राम और लक्ष्मण ने महाराज दशरथ के निर्णय को खुशी-खुशी स्वीकार किया। तुम्हारी समझ में इसका क्या कारण रहा होगा?

उत्तर राम और लक्ष्मण ने महाराज दशरथ के निर्णय को खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया, क्योंकि उन्हें अपने कुल की परंपरा का ज्ञान था। राम पितृभक्त थे। वे किसी भी स्थिति में पिता की आज्ञा को टालना नहीं चाहते थे। उनके पिता वृद्ध थे, वे उन्हें किसी भी प्रकार का कष्ट या मानसिक पीड़ा नहीं देना चाहते थे।

4. विश्वामित्र ने कहा, “ये जानवर और वनस्पतियाँ जंगल की शोभा हैं। इनसे कोई डर नहीं है।” उन्होंने ऐसा क्यों कहा?

उत्तर जानवर और वनस्पतियाँ जंगल का अभिन्न अंग हैं। इनके बिना जंगल के अस्तित्व की कल्पना नहीं की जा सकती है। पर्यावरण को संतुलित बनाए रखने के लिए जंगलों का होना आवश्यक है। विभिन्न पशु-पक्षियों का जंगल में निवास स्थान होता है। जंगल के बिना इन पशु-पक्षियों का अस्तित्व नहीं रह सकता।

इन जीव-जंतुओं से धरती की सुंदरता है। ये हमारे मित्र हैं, अकारण किसी का नुकसान नहीं करते हैं। हमें इनकी सुरक्षा करनी चाहिए। इसी प्रकार जंगल में लगे विभिन्न प्रकार के वृक्ष, लताएँ वातावरण को संतुलित रखते हैं। अनेक वृक्ष हमारे लिए उपयोगी होते हैं। वृक्षों की छाल, पत्तियाँ आदि औषधि का काम करती हैं।

अतः वनस्पतियाँ जितनी अधिक होंगी उतना ही अच्छा होगा। जंगल भी घना, अच्छा और उपयोगी होता है। इन विभिन्न कारणों से ही विश्वामित्र ने ‘जानवरों और वनस्पतियों को जंगल की शोभा’ कहा है। हम इनसे भयभीत न हों, बस इन्हें अपना मित्र समझें और इनकी उपयोगिता को समझें।

5. लक्ष्मण ने शूर्पणखा के नाक-कान काट दिए। क्या ऐसा करना उचित था ? अपने उत्तर का कारण बताओ।

उत्तर शूर्पणखा ने राम-लक्ष्मण के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा। राम ने उस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया, क्योंकि वे विवाहित थे। राम ने शूर्पणखा को लक्ष्मण के पास भेजा। बार-बार आने-जाने के कारण शूर्पणखा खीझ गई। उसने क्रोध में आकर सीता पर झपट्टा मारा। यह कि देखकर लक्ष्मण ने शूर्पणखा के नाक-कान काट दिए।

मेरे अनुसार, लक्ष्मण द्वारा शूर्पणखा के नाक-कान काटना सर्वथा अनुचित था । लक्ष्मण को उसे समझाना चाहिए था। उसके न मानने पर उसे कोई और दंड देना चाहिए था। शूर्पणखा एक राक्षसी थी, परंतु स्त्री थी। अतः स्त्री का अपमान करना अनुचित है।

6. विश्वामित्र और कैकेयी दोनों ही दशरथ को रघुकुल के वचन निभाने की प्रथा याद दिलाते हैं। तुम अपने अनुभवों की मदद से बताओ कि क्या दिया हुआ वचन निभाना हमेशा संभव होता है?

उत्तर सदैव दिया हुआ वचन निभाना संभव नहीं होता है। कभी-कभी परिस्थिति बदल जाने पर मनुष्य चाहते हुए भी दिया हुआ वचन निभाने में असमर्थ होता है। विपरीत परिस्थितियाँ मनुष्य को वचन न निभाने को मजबूर कर देती हैं।

एक मित्र को मैंने रविवार की शाम क्रिकेट मैच खेलने का वचन दिया। मेरे मित्र ने अपने सभी मित्रों को क्रिकेट खेलने के लिए आमंत्रित कर लिया। समय स्थान सभी कुछ निश्चित हो गया। मैं भी बहुत उत्सुक था। निर्धारित समय पर मैं साइकिल से क्रिकेट खेलने के लिए निकला। रास्ते में एक मोटर साइकिल से मेरी टक्कर हो गई। मैं आस-पास वाले लोग मुझे उठाकर अस्पताल ले गए, मेरे पैर की एक हड्डी टूट चुकी थी। मैं मैच खेलने का वायदा नहीं निभा सका।

7. मान लो कि तुम्हारे स्कूल में ‘रामकथा’ को नाटक के रूप में खेलने की तैयारी चल रही है। तुम इस नाटक में उसी पात्र की भूमिका निभाना चाहते हो, जो तुम्हें सबसे ज्यादा अच्छा, दिलचस्प या आकर्षक लगता है। वह पात्र कौन-सा है और क्यों ?

उत्तर ‘रामकथा’ में सभी मुख्य पात्र मेरे प्रिय हैं। सभी विभिन्न गुणों से भरपूर हैं। मैं अपने स्कूल में रामकथा के नाटक में राम की भूमिका निभाना चाहूँगा । राम पुरुषोत्तम हैं। वे पितृभक्त थे। अपने पिता के दिए गए वचनों का पालन करने के लिए राजसिंहासन त्यागकर वन चले गए। मातृप्रेमी थे, अपने तीनों भाइयों से स्नेह करते थे।

लक्ष्मण के क्रोध करने पर भी वे उन्हें शांत कराते रहते थे। माता-पिता के आज्ञाकारी थे और उनका आदर करते थे। कैकेयी द्वारा वनवास दिलाने पर भी उन्हें उनपर क्रोध नहीं आया और शांतिपूर्वक उनकी आज्ञा का पालन किया। वे एक लोकप्रिय राजा थे, वे न्यायप्रिय राजा थे और किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं करते थे। प्रजा उनके राज में बहुत खुश रही वे गुणों के सागर थे।

8. सीता बिना बात के राक्षसों के वध के पक्ष में नहीं थीं, जबकि राम राक्षसों के विनाश को ठीक समझते थे। तुम किससे सहमत हो – राम से या सीता से? कारण बताते हुए उत्तर दो।

उत्तर सीता राक्षसों के स्वभाव से अपरिचित थीं, इसलिए अकारण उनके वध के पक्ष में नहीं थी। राक्षस दुष्ट थे, उनमें से कुछ मायावी भी थे। अकारण ऋषि-मुनियों की तपस्या तथा यज्ञ में विघ्न डालते थे। राक्षसों ने अनेक ऋषियों की हत्या कर डाली थी। वन में राक्षसों का आतंक फैला था। लोग उनसे डरते थे उनमें दया भाव न था। राम राक्षसों के स्वभाव से परिचित थे, इसलिए वह सीता की बातों से सहमत नहीं थे। वे राक्षसों के विनाश को ठीक समझते थे मेरे अनुसार राम का विचार पूर्णत: सही है।

9. रामकथा’ के तीसरे अध्याय में मंथरा, कैकेयी को समझाती है कि राम को युवराज बनाना उसके बेटे के हक में नहीं है। इस प्रसंग को अपने शब्दों में कक्षा में नाटक के रूप में प्रस्तुत करो।

उत्तर नाटक के दो पात्र

  • मंथरा: रानी! रानी जी! कहाँ हैं आप? क्या ऐसी ही सोती रहेगी?
  • कैकेयी: क्या बात है मंथरा ! क्यों आसमान सिर पर उठा लिया है?
  • मंथरा: कुछ पता है राज दरबार में क्या हो रहा है?
  • कैकेयी: मुझे तो नहीं पता। तुम ही बताओ।
  • मंथरा : राम के राज्याभिषेक की तैयारियाँ चल रही हैं।
  • कैकेयी : यह तो खुशी की बात है।
  • मंथरा : तुम्हारी बुद्धि को क्या हो गया है? यह तुम्हारे और भरत के विरुद्ध राजा का षड्यंत्र है।
  • कैकेयी: क्या कहती हो? ठीक ही तो है— राजगद्दी तो राजा के ज्येष्ठ पुत्र को ही मिलती है। राम ज्येष्ठ हैं, मेरा प्रिय है।
  • मंथरा : यह सब छलावा है। राम को राजगद्दी मिलते ही वह भरत को राज्य से निकाल देंगे। तुम रानी से दासी बन जाओगी। कौशल्या राजमाता बन जाएँगी।
  • कैकेयी: तो मैं क्या करूँ? कुछ समझ ही नहीं आ रहा।
  • मंथरा : रानी! तुम राजा दशरथ को उनके दिए गए वचनों की याद दिलाकर वरदान माँगो, तो भरत का राज्याभिषेक और राम को वनवास
  • कैकेयी: परंतु यह सब मैं कैसे करूँ ?
  • मंथरा : भोली रानी! तुम बस मैले कपड़े पहनकर कोपभवन में चली जाओ। राजा आएँ तो बात मत करना, जब वह मनाने लगे तब उन्हें वचन की याद दिलाना और वरदान माँग लेना।
  • कैकेयी: ठीक है! मैं यही करूँगी, किसी भी प्रकार राम का राज्याभिषेक नहीं होने दूंगी।

10. तुमने ‘जंगल और जनकपुर’ तथा ‘दंडक वन में दस वर्ष’ में राक्षसों द्वारा मुनियों को परेशान करने की बात पढ़ी। राक्षस ऐसा क्यों करते थे? क्या यह संभव नहीं था कि दोनों शांतिपूर्वक वन में रहते ? कारण बताते हुए उत्तर दो।

उत्तर राक्षसों और ऋषि-मुनियों के स्वभाव में मूलभूत अंतर होता है। राक्षस दुष्ट प्रवृत्ति के होते हैं। राक्षस पूजा-पाठ में विघ्न डालते हैं और उत्पात मचाते हैं। निर्दोष प्राणियों की हत्या करते हैं। लोग उनके आतंक से परेशान होते हैं। ऋषि-मुनियों की तपस्या में बाधा डालते हैं। दूसरों को कष्ट पहुँचाकर वे प्रसन्न होते हैं। ऋषियों को यज्ञ नहीं करने देते। ऋषि-मुनि शांत स्वभाव, दयावान तथा परोपकारी होते हैं। अपनी भिन्न प्रवृत्तियों के कारण राक्षसों तथा ऋषि-मुनियों का वन में शांतिपूर्वक रहना असंभव है।

11. हनुमान ने लंका से लौटकर अंगद और जामवंत को लंका के बारे में क्या-क्या बताया होगा?

उत्तर हनुमान ने लंका से लौटकर अंगद और जामवंत को लंका की सुंदरता और वैभव के विषय में बताया कि लंका में भव्य महल हैं। पूरी नगरी सोने से जड़ित है। ऊँची-ऊँची अट्टालिकाएँ हैं। सुंदर हरे-भरे सुवासित उद्यान हैं। उद्यानों में फलों से लदे वृक्ष हैं। लंका नगरी चारों ओर से सुरक्षित है। वहाँ का राजा रावण है, जो पराक्रमी और बुद्धिमान है। वह ऊँचे सिंहासन पर विराजित था। अनेक राक्षस राक्षसियाँ वहाँ पहरा देते हैं। वहाँ सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था है। कोई भी बाहर का व्यक्ति अंदर प्रवेश नहीं कर सकता । सीता अशोक वाटिका में है। वे हर समय अनेक राक्षस और राक्षसियों से घिरी रहती हैं।

12. तुमने बहुत-सी पौराणिक कथाएँ और लोक कथाएँ पढ़ी होंगी। उनमें क्या अंतर होता है? यह जानने के लिए पाँच-पाँच के समूह में कक्षा के बच्चे दो-दो पौराणिक कथाएँ और लोक कथाएँ इकट्ठा करें। कथ्य (कहानी), भाषा आदि के अनुसार, दोनों प्रकार की कहानियों का विश्लेषण करें और उनके अंतर लिखें।

उत्तर पौराणिक कथाएँ धार्मिक मान्यताओं पर आधारित होती हैं। उनमें किसी देवी-देवताओं से जुड़े हुए प्रसंग होते हैं। लोक कथाएँ वे होती हैं, जो लोक जीवन में प्रचलित हों। श्रवण कुमार, सत्यवादी हरिश्चंद आदि पौराणिक कथाएँ हैं। हीर राँझा आदि लोक कथाएँ हैं। विद्यार्थी पुस्तकालय से पुस्तकें लाकर कहानियाँ पढ़कर स्वयं विश्लेषण करेंगे।

13. क्या होता यदि (क) राजा दशरथ, कैकेयी की प्रार्थना स्वीकार नहीं करते।

उत्तर (क) यदि राजा दशरथ कैकेयी की प्रार्थना स्वीकार न करते, तो वे अपने दिए गए वचन को पूरा न करने वाले अपने कुल के पहले राजा होते। हो सकता है रानी कैकेयी अपने प्राण त्यागकर वचन पूरा करती। राजा दशरथ को वह सम्मान नहीं मिलता, जो उन्हें वचन पूरा करने के पश्चात् मिला। राम का राज्याभिषेक हो जाता। राम वन नहीं जाते। अयोध्या में रहकर राजकाज चलाते, परंतु यह कथा न होती, जिसे हम आज पढ़ रहे हैं।

(ख) रावण ने विभीषण और अंगद का सुझाव माना होता और युद्ध का फैसला न किया होता ।

उत्तर (ख ) यदि रावण ने विभीषण और अंगद का सुझाव माना होता और युद्ध का फैसला न किया होता, तो सीता को लौटा दिया जाता । राम द्वारा रावण का वध न होता। लंका नगरी का विनाश न होता ।

14. नीचे कुछ चारित्रिक विशेषताएँ दी गई हैं और तालिका में कुछ पात्रों के नाम दिए गए हैं। प्रत्येक नाम के सामने उपयुक्त विशेषताओं को छाँटकर लिखो।

पराक्रमी, साहस, निडर, पितृभक्त, वीर, शांत, दूरदर्शी, त्यागी, लालची, अज्ञानी, दुश्चरित्र, दीनबंधु, गंभीर, स्वार्थी, उदार, धैर्यवान, अड़ियल, कपटी, भक्त, न्यायप्रिय और ज्ञानी ।

  • राम _____
  • लक्ष्मण _______
  • रावण _______
  • विभीषण _______
  • सीता _______
  • कैकेयी _______
  • हनुमान _______
  • भरत _______

उत्तर 

  • राम पराक्रमी, निडर, साहसी, पितृभक्त, वीर, शांत, त्यागी, दीनबंधु, गंभीर, उदार, धैर्यवान, न्यायप्रिय, ज्ञानी ।
  • लक्ष्मण पराक्रमी, निडर, साहसी, पितृभक्त, वीर, त्यागी ।
  • रावण पराक्रमी, निडर, साहसी, वीर, दुश्चरित्र, अड़ियल, कपटी ।
  • विभीषण निडर, साहसी, दूरदर्शी, ज्ञानी। सीता शांत, त्यागी, उदार, धैर्यवान।
  • कैकेयी लालची, अज्ञानी, कपटी, अड़ियल ।
  • हनुमान पराक्रमी, निडर, साहसी, वीर, शांत, दूरदर्शी, त्यागी, भक्त।
  • भरत त्यागी, गंभीर, उदार, धैर्यवान, भक्त, न्यायप्रिय ज्ञानी ।

15. तुमने अपने आस-पास के बड़ों से रामायण की कहानी सुनी होगी। रामलीला भी देखी होगी। क्या तुम्हें अपनी पुस्तक रामकथा की कहानी और बड़ों से सुनी रामायण की कहानी में कोई अंतर नजर आया ? यदि हाँ, तो उसके बारे में कक्षा में बताओ।

उत्तर मैंने बड़े लोगों से रामकथा कई बार सुनी है। रामलीला भी देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। दोनों ही स्थानों पर कहानी के मुख्य पात्रों के विषय में ही उल्लेख होता है, घटनाक्रम तथा कहानी में अंतर नहीं होता है। बाल रामकथा में प्रत्येक छोटी बड़ी घटना की विस्तृत जानकारी मिली, जैसे मुनि विश्वामित्र किस नदी के किस किनारे गए, किस स्थान से अयोध्या नगरी ओझल हो गई। सारी जानकारी विस्तृत रूप में मिली।

16. ‘रामकथा’ में कई नदियों और स्थानों के नाम आए हैं। इनकी सूची बनाओ और एटलस में देखो कि कौन-कौन-सी नदियाँ और जगहें अभी भी मौजूद हैं। यह काम तुम चार-चार के समूह में कर सकते हो।

उत्तर ‘रामकथा’ में आए नदियों तथा स्थानों के नाम निम्नलिखित हैं

नदियों के नाम सरयू, गंगा, यमुना, गोदावरी।

स्थानों के नाम अवध, अयोध्या, मिथिला, चित्रकूट, केकयराज, किष्किंधा, श्रृंगवेरपुर, विंध्याचल, प्रयाग, लंका (विद्यार्थी एटलस में देखेंगे)।

17. यह रामकथा वाल्मीकि रामायण पर आधारित है। तुलसीदास द्वारा रचित ‘रामचरितमानस’ के बारे में जानकारी इकट्ठी करो और उसे चार्टपेपर पर लिखकर कक्षा में लगाओ। जानकारी प्रस्तुत करने के निम्नलिखित बिंदु हो सकते हैं

  • रामकथा का नाम
  • रचनाकार का नाम
  • भाषा / प्रांत

18. ‘नगर में बड़ा समारोह आयोजित किया गया। धूमधाम से।’ ‘एक दिन ऐसी ही चर्चा चल रही थी। गहन मंत्रणा ।’ पाँच दिन तक सब ठीक-ठीक चलता रहा। शांति से । निर्विघ्न ।’ रामकथा की इन पंक्तियों में कुछ वाक्य केवल एक या दो शब्दों के हैं। ऐसा लेखक ने किसी बात पर बल देने के लिए, उसे प्रभावशाली बनाने के लिए या नाटकीय बनाने के लिए किया है। ऐसे कुछ और उदाहरण पुस्तक से छाँटो और देखो कि इन एक-दो शब्दों के वाक्य को पिछले वाक्य में जोड़कर लिखने से बात के असर में क्या फर्क पड़ता है। उदाहरण के लिए
‘पाँच दिन तक सब शांति से निर्विघ्न और ठीक-ठाक चलता रहा।’

उत्तर दोनों भाइयों ने उसे सहर्ष स्वीकार कर लिया। सिर झुकाकर ।

आदर सहित।

नदी पार जंगल था। घना । दुर्गम ।

लोगों का आना-जाना लगा रहता। वे प्रश्न पूछते। राय माँगते ।

ध्यान से देखा।

राक्षसियों के बीच एक स्त्री बैठी है।

चेहरा मुरझाया हुआ ।

उदास दयनीय दुर्बल। शोक प्रस्त

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