CBSE For Class 6 Hindi Chapter 4 हार की जीत – सुदर्शन

CBSE For Class 6 Hindi Chapter 4 हार की जीत – सुदर्शन

1. पाठ का सार

श्री सुदर्शन द्वारा लिखित कहानी ‘हार की जीत’ में एक डाकू के हृदय परिवर्तन की घटना का वर्णन किया गया है। बाबा भारती के पास एक बहुत सुंदर घोड़ा था। उसकी मशहूरी दूर-दूर तक फैल गई थी। बाबा भारती सब कुछ छोड़कर साधु बन गये थे, परंतु घोड़े को छोड़ना उनके वश में न था। वे उसे ‘सुलतान’ कह कर पुकारते थे। संध्या के समय वे सुलतान पर चढ़कर आठ-दस मील का चक्कर लगा लेते थे। उस इलाके के मशहूर डाकू खड्गसिंह के कानों में भी सुलतान की चर्चा पहुँची। वह उसे देखने के लिए बेचैन हो उठा और एक दिन दोपहर के समय बाबा भारती के पास पहुँचा। उन्हें नमस्कार करके बैठ गया। बाबा भारती ने उससे पूछा कि कहो खड्गसिंह क्या हाल है? इधर कैसे आना हुआ? खड्गसिंह ने कहा, कि आपकी कृपा है।

सुलतान को देखने की चाह मुझे यहाँ खींच लाई। इस पर बाबा भारती ने उत्तर दिया कि सचमुच घोड़ा बाँका है। उन्होंने खड्गसिंह को अस्तबल में ले जाकर घोड़ा दिखाया। खड्गसिंह उस पर लट्टू हो गया। वह मन ही मन सोचने लगा कि ऐसा घोड़ा तो उसके पास होना चाहिए था। वहाँ से जाते-जाते वह बोला कि बाबा जी! मैं यह घोड़ा आपके पास न रहने दूँगा। यह सुनकर बाबा भारती को डर के मारे अब नींद न आती। वे सारी रात अस्तबल में घोड़े की रखवाली में बिताते।

एक दिन संध्या के समय बाबा भारती घोड़े पर सवार होकर घूमने जा रहे थे। अचानक उन्हें एक आवाज़ सुनाई दी- ” ओ बाबा ! इस कंगले की बात सुनते जाना।” उन्होंने देखा एक अपाहिज वृक्ष के नीचे बैठा कराह रहा है। बाबा भारती ने पूछा, तुम्हें क्या तकलीफ है? वह बोला, मैं दुखी हूँ। मुझे पास के रामावाला गाँव जाना है। मैं दुर्गादत्त वैद्य का सौतेला भाई हूँ। मुझे घोड़े पर चढ़ा लो।

बाबा भारती ने उस अपाहिज को घोड़े पर चढ़ा लिया और स्वयं लगाम पकड़कर चलने लगा। अचानक लगाम को झटका लगा और लगाम उनके हाथ से छूट गई। अपाहिज घोड़े पर तनकर बैठ गया। अपाहिज के वेश में वह खड्गसिंह था। बाबा भारती के मुँह से चीख निकल गई। बाबा भारती थोड़ी देर चुप रहने के बाद चिल्लाकर बोले, “खड्गसिंह मेरी बात सुनते जाओ।” वह कहने लगा, “बाबा जी अब घोड़ा न दूँगा।”

CBSE Class 6 Hindi Chapter 4 हार की जीत – सुदर्शन

बाबा भारती बोले- “ घोड़े की बात छोड़ो । अब मैं घोड़े के बारे में कुछ न कहूँगा। मेरी एक प्रार्थना है कि इस घटना के बारे में किसी से कुछ न कहना, क्योंकि लोगों को यदि इस घटना का पता चल गया तो वे किसी दीन-हीन गरीब पर विश्वास न करेंगे।” बाबा भारती सुलतान की ओर से मुँह मोड़कर ऐसे चले गए मानो उसके साथ उनका कोई संबंध न था।

बाबा जी के उक्त शब्द खड्गसिंह के कानों में गूँजते रहे। एक रात खड्गसिंह घोड़ा लेकर बाबा भारती के मंदिर में पहुँचा, चारों ओर खामोशी थी। अस्तबल का फाटक खुला था। उसने सुलतान को वहाँ बाँध दिया और फाटक बंद करके चल दिया। उसकी आँखों से पश्चाताप के आँसू बह रहे थे। रात के आखिरी पहर में बाबा भारती स्नान आदि के बाद अचानक ही अस्तबल की ओर चल दिए पर फाटक पर पहुँचकर उन्हें वहाँ सुलतान के न होने की बात याद आई तो उनके पैर स्वयं रुक गए। तभी उन्हें अस्तबल से सुल्तान के हिनहिनाने की आवाज़ सुनाई दी। वे प्रसन्नता से दौड़ते हुए अंदर आए और सुलतान से ऐसे लिपट गए जैसे कोई पिता अपने बिछुड़े हुए पुत्र से मिल रहा हो और बोले कि अब कोई गरीबों की सहायता से मुँह नहीं मोड़ेगा ।

2. शब्दार्थ और टिप्पणी

अर्पण-भेंट करना । घृणा-नफरत ।

कीर्ति – यश । छवि – शक्ल, सुंदरता। अभिलाषा – इच्छा । बाँका – सुंदर, स्वस्थ्य |

अस्तबल – घोड़े बाँधने का स्थान मिथ्या- झूठ ।

करुणा-दया। अपाहिज- विकलांग ।

प्रकट- उपस्थित बताना। प्रयोजन- उद्देश्य ।

बाग- लगाम । स्वप्न- सपना। स्वामी- मालिक।

3. अर्थग्रहण संबंधी एवं बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

दिए गए गद्यांशों को पढ़िए और प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

[1] माँ को अपने बेटे और किसान को अपने लहलहाते खेत देखकर जो आनंद आता है, वही आनंद बाबा भारती को अपना घोड़ा देखकर आता था। भगवत भजन से जो समय बचता, वह घोड़े को अर्पण हो जाता। वह घोड़ा बड़ा सुंदर था, बड़ा बलवान उसके जोड़ का घोड़ा सारे इलाके में न था। बाबा भारती उसे सुलतान कह कर पुकारते, अपने हाथ से खरहरा करते, खुद दाना खिलाते और देख-देखकर प्रसन्न होते थे। उन्होंने रुपया, माल, असबाब, ज़मीन आदि अपना सब कुछ छोड़ दिया था, यहाँ तक कि उन्हें नगर के जीवन से भी घृणा थी। अब गाँव से बाहर एक छोटे-से मंदिर में रहते और भगवान का भजन करते थे। “मैं सुलतान के बिना नहीं रह सकूँगा”, उन्हें ऐसी भ्रांति – सी हो गई थी। वे उसकी चाल पर लट्टू थे। कहते, “ऐसे चलता है जैसे मोर घटा को देखकर नाच रहा हो।” जब तक संध्या समय सुलतान पर चढ़कर आठ-दस मील का चक्कर न लगा लेते, उन्हें चैन न आता। (पृष्ठ 33)

प्रश्न-

(क) बाबा भारती को अपना घोड़ा देखकर किस प्रकार का आनंद आता था?

(ख) बाबा भारती का भगवत भजन से जो समय बचता था, उसका वह क्या करता था ?

(ग) घोड़ा किस प्रकार का था?

Answer:

(क) माँ को अपने बेटे और किसान को अपने लहलहाते खेल देखकर जो आनंद आता है, वही आनंद बाबा भारती को अपना घोड़ा देखकर आता था।

(ख) भगवत भजन से जो समय बचता था, उसे वह अपने घोड़े को अर्पण कर देता था।

(ग) घोड़ा बड़ा सुंदर, बड़ा बलवान था। उसके जोड़ का घोड़ा सारे इलाके में न था ।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. घोड़ा देखकर किसको बड़ा आनंद आता था ?

(क) बाबा भारती को

(ख) माँ को

(ग) किसान को

(घ) भगवान को

Answer: (क) बाबा भारती को

Question 2. घोड़े का नाम क्या था ?

(क) सलमान

(ख) सुलतान

(ग) मुलतान

(घ) चेतक

Answer: (ख) सुलतान

Question 3. बाबा भारती सुलतान कहकर किसे पुकारते थे?

(क) भेड़ को

(ख) शेर को

(ग) घोड़े को

(घ) बाघ को

Answer: (ग) घोड़े को

Class 6 Hindi Chapter 4 हार की जीत NCERT Solutions

Question 4. नगर के जीवन से किसे घृणा थी?

(क) किसान को

(ख) घोड़े को

(ग) बाबा भारती को

(घ) माँ को

Answer: (ग) बाबा भारती को

Question 5. गाँव के बाहर एक छोटे से मंदिर में कौन रहता था?

(क) बाबा भारती

(ख) घोड़ा

(ग) किसान

(घ) भगवान

Answer: (क) बाबा भारती

[2] खड्गसिंह उस इलाके का प्रसिद्ध डाकू था। लोग उसका नाम सुनकर काँपते थे । होते-होते सुलतान की कीर्ति उसके कानों तक भी पहुँची। उसका हृदय उसे देखने के लिए अधीर हो उठा। एक दिन वह दोपहर के समय बाबा भारती के पास पहुँचा और नमस्कार करके बैठ गया। बाबा भारती ने पूछा, “खड्गसिंह, क्या हाल है?”

खड्गसिंह ने सिर झुकाकर उत्तर दिया, “आपकी दया है।

” कहो, इधर कैसे आ गए?”

“सुलतान की चाह खींच लाई । ”

“विचित्र जानवर है। देखोगे तो प्रसन्न हो जाओगे।”

“मैंने भी बड़ी प्रशंसा सुनी है। ‘

“उसकी चाल तुम्हारा मन मोह लेगी ! ”

“कहते हैं देखने में भी बहुत सुंदर है। ”

“क्या कहना! जो उसे एक बार देख लेता है, उसके हृदय पर उसकी छवि अंकित हो जाती है।” (पृष्ठ 34)

प्रश्न-

(क) इलाके का डाकू कौन था? उसका नाम सुनते ही लोगों पर क्या प्रभाव पड़ता था ?

(ख) किसकी कीर्ति खड्गसिंह के कानों तक पहुँची?

(ग) एक दिन खड्गसिंह दोपहर के समय किसके पास पहुँचा ?

Answer:

(क) इलाके का डाकू खड्गसिंह था। लोग दूसरे के मुख से सुनने के लिए उनका हृदय भी अधीर हो उसका नाम सुनकर काँपने लगते थे।

(ख) सुलतान की कीर्ति खड्गसिंह के कानों तक पहुँची।

(ग) एक दिन खड्गसिंह दोपहर के समय बाबा भारती के पास पहुँचा।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. खड्गसिंह कौन था?

(क) डाकू

(ख) चोर

(ग) सज्जन व्यक्ति

(घ) महात्मा

Answer: (क) डाकू

Question 2. किसका नाम सुनकर लोग काँपते थे?

(क) बाबा भारती का

(ख) खड्गसिंह का

(ग) घोड़े का

(घ) इलाके का

Answer: (ख) खड्गसिंह का

Question 3. बाबा भारती के पास कौन पहुँचा ?

(क) घोड़ा

(ख) ग्रामीण

(ग) खड्गसिंह

(घ) कोई नहीं

Answer: (ग) खड्गसिंह

Question 4. किसकी छवि हृदय पर अंकित हो जाती है?

(क) घोड़े की

(ख) डाकू की

(ग) बाबा भारती की

(घ) इनमें से कोई नहीं।

Answer: (क) घोड़े की

Question 5. विचित्र जानवर कौन है?

(क) शेर

(ख) घोड़ा

(ग) हिरण

(घ) भालू

Answer: (ख) घोड़ा

[3] “बहुत दिनों से अभिलाषा थी, आज उपस्थित हो सका हूँ।”

बाबा भारती और खड्गसिंह दोनों अस्तबल में पहुँचे। बाबा ने घोड़ा दिखाया घमंड से, खड्गसिंह ने घोड़ा देखा आश्चर्य से । उसने सैकड़ों घोड़े देखे थे, परंतु ऐसा बाँका घोड़ा उसकी आँखों से कभी न गुजरा था। सोचने लगा, ‘भाग्य की बात है। ऐसा घोड़ा खड्गसिंह के पास होना चाहिए था। इस साधु को ऐसी चीज़ों से क्या लाभ?’ कुछ देर तक आश्चर्य से चुपचाप खड़ा रहा। इसके पश्चात उसके हृदय में हलचल होने लगी। बालकों की-सी अधीरता से बोला, “परंतु बाबाजी, इसकी चाल न देखी तो क्या ?”

बाबा भारती भी मनुष्य ही थे। अपनी चीज़ की प्रशंसा गया। घोड़े को खोलकर बाहर लाए और उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगे। एकाएक उचककर सवार हो गए, घोड़ा हवा से बातें करने लगा। उसकी चाल को देखकर खड्गसिंह के हृदय पर साँप लोट गया। वह डाकू था और जो वस्तु उसे पसंद आ जाए उस पर वह अपना अधिकार समझता था। उसके पास बाहुबल था, आदमी थे और बेरहमी थी। जाते-जाते उसने कहा, “बाबाजी, मैं यह घोड़ा आपके पास न रहने दूँगा।” (पृष्ठ 34-35)

प्रश्न-

(क) बाबा भारती और खड्गसिंह दोनों कहाँ पहुँचें? यहाँ जाकर खड्गसिंह ने आश्चर्य से क्या देखा?

(ख) घोड़ा देखकर खड्गसिंह क्या सोचने लगा ?

(ग) बाबा भारती का हृदय अधीर क्यों हो गया?

Answer:

(क) बाबा भारती और खड्गसिंह दोनों अस्तबल में पहुँचे। वहाँ जाकर खड्गसिंह ने आश्चर्य से घोड़े को देखा।

(ख) घोड़ा देखकर खड्गसिंह सोचने लगा कि भाग्य की बात है। ऐसा घोड़ा खड्गसिंह के पास होना चाहिए था। इस साधु को ऐसी चीज़ों से क्या लाभ?

(ग) अपनी चीज़ की प्रशंसा दूसरे के मुख से सुनने के लिए बाबा भारती का हृदय अधीर हो गया।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. अस्तबल में कौन पहुँचे? ‘

(क) बाबा भारती

(ख) खड्गसिंह

(ग) घोड़े

(घ) (क) और (ख) दोनों

Answer: (घ) (क) और (ख) दोनों

हार की जीत सुदर्शन Chapter 4 Hindi Class 6 NCERT

Question 2. बाबा भारती ने घोड़ा किसे दिखाया?

(क) पथिक को

(ख) खड्गसिंह को

(ग) लेखक को

(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer: (ख) खड्गसिंह को

Question 3. घोड़े को खोलकर बाहर कौन लाया?

(क) खड्गसिंह

(ख) बाबा भारती

(ग) लेखक

(घ) घोड़ा स्वयं बाहर आ गया।

Answer: (ख) बाबा भारती

Question 4. घोड़े की चाल को देखकर किसके हृदय पर साँप लोट गया ?

(क) पथिक के

(ख) सेवक के

(ग) बाबा भारती के

(घ) खड्गसिंह के

Answer: (घ) खड्गसिंह के

Question 5. खड्गसिंह कौन था?

(क) डाकू

(ख) व्यापारी

(ग) प्रधान

(घ) साधु

Answer: (क) डाकू

[4] बाबा भारती डर गए। अब उन्हें रात को नींद न आती। सारी रात अस्तबल की रखवाली में कटने लगी। प्रतिक्षण खड्गसिंह का भय लगा रहता, परंतु कई मास बीत गए और वह न आया। यहाँ तक कि बाबा भारती कुछ असावधान हो गए और इस भय को स्वप्न के भय की नाईं मिथ्या समझने लगे।

संध्या का समय था। बाबा भारती सुलतान की पीठ पर सवार होकर घूमने जा रहे थे। इस समय उनकी आँखों में चमक थी, मुख पर प्रसन्नता । कभी घोड़े के शरीर को देखते, कभी उसके रंग को और मन में फूले न समाते थे।

सहसा एक ओर से आवाज़ आई, ” ओ बाबा, इस कंगले की सुनते जाना। ”

प्रश्न-

(क) कौन डर गए? सारी रात वे क्या करने लगे?

(ख) प्रतिक्षण बाबा भारती को किसका भय लगा रहता था? कई मास बीतने के बाद भी कौन नहीं आया?

(ग) संध्या के समय बाबा भारती कहाँ जा रहे थे?

Answer:

(क) बाबा भारती डर गए। उन्हें रात को नींद न आती थी। सारी रात वे अस्तबल की रखवाली करने लगे।

(ख) प्रतिक्षण बाबा भारती को खड्गसिंह का भय लगा रहता था, परंतु कई मास बीतने के बाद भी वह नहीं आया।

(ग) संध्या के समय बाबा भारती सुलतान की पीठ पर सवार होकर घूमने जा रहे थे।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. रात को नींद किसे नहीं आ रही थी ?

(क) खड्गसिंह को

(ख) बाबा भारती को

(ग) लेखक को

(घ) घोड़े को

Answer: (ख) बाबा भारती को

CBSE Hindi Class 6 Chapter 4 हार की जीत

Question 2. अस्तबल की रखवाली कौन करने लगा ?

(क) बाबा भारती

(ख) खड्गसिंह

(ग) लेखक

(घ) नौकर

Answer: (क) बाबा भारती

Question 3. बाबा भारती किस समय घूमने जा रहे थे?

(क) सुबह में

(ख) संध्या के समय

(ग) दोपहर में

(घ) रात में

Answer: (ख) संध्या के समय

Question 4. किनकी आँखों में चमक थी?

(क) खड्गसिंह की

(ख) घोड़े की

(घ) नौकर की

(ग) बाबा भारती की

Answer: (ग) बाबा भारती की

Question 5. सहसा एक ओर से आवाज़ आई, ” ओ बाबा, इस ———- की सुनते जाना।’

(क) कंगले

(ख) दुखिया

(ग) सिपाही

(घ) दास

Answer: (क) कंगले

[5] आवाज़ में करुणा थी। बाबा ने घोड़े को रोक लिया। देखा, एक अपाहिज वृक्ष की छाया में पड़ा कराह रहा है। बोले, “क्यों तुम्हें क्या कष्ट है?”

अपाहिज ने हाथ जोड़कर कहा, “बाबा, मैं दुखियारा हूँ। मुझ पर दया करो। रामावाला यहाँ से तीन मील है, मुझे वहाँ जाना है। घोड़े पर चढ़ा लो, परमात्मा भला करेगा।”

“वहाँ तुम्हारा कौन है?”

“दुर्गादत्त वैद्य का नाम आपने सुना होगा। मैं उनका सौतेला भाई हूँ।”

बाबा भारती ने घोड़े से उतरकर अपाहिज को घोड़े पर सवार किया और स्वयं उसकी लगाम पकड़कर धीरे-धीरे चलने लगे। सहसा उन्हें एक झटका सा लगा और लगाम हाथ से छूट गई। उनके आश्चर्य का ठिकाना न रहा, जब उन्होंने देखा कि अपाहिज घोड़े की पीठ पर तनकर बैठा है और घोड़े को दौड़ाए लिए जा रहा है। उनके मुख से भय, विस्मय और निराशा से मिली हुई चीख निकल गई। वह

अपाहिज डाकू खड्गसिंह था। बाबा भारती कुछ देर तक चुप रहे और कुछ समय पश्चात कुछ निश्चय करके पूरे बल से चिल्लाकर बोले, “जरा ठहर जाओ।” (पृष्ठ 36)

प्रश्न-

(क) घोड़ा रोकने के बाद बाबा भारती ने क्या देखा?

(ख) अपाहिज ने बाबा से क्या विनती की?

(ग) बाबा भारती ने घोड़े से उतरकर क्या किया?

Answer:

(क) घोड़ा रोकने के बाद बाबा भारती ने देखा कि एक अपाहिज वृक्ष की छाया में पड़ा कराह रहा है।

(ख) अपाहिज ने बाबा भारती से कहा कि बाबा, मैं दुखियारा हूँ। मुझ पर दया करो। रामावाला यहाँ से तीन मील दूर है, मुझे वहाँ जाना है। घोड़े पर चढ़ा लो, परमात्मा भला करेगा।

(ग) बाबा भारती ने घोड़े से उतरकर अपाहिज को घोड़े पर सवार किया और स्वयं उसकी लगाम पकड़कर धीरे-धीरे चलने लगे।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. वैद्य का क्या नाम था ?

(क) दुर्गादत्त

(ख) सोमदत्त

(ग) गिरिधारी लाल

(घ) सुखेन

Answer: (क) दुर्गादत्त

Question 2. खड्गसिंह ने अपने आपको किसका सौतेला भाई बताया ?

(क) सोमदत्त का

(ख) दुर्गादत्त का

(ग) सुखेन का

(घ) गिरिधारी लाल का

Answer: (ख) दुर्गादत्त का

Question 3. अपाहिज कौन था?

(क) लेखक

(ख) डाकू खड्गसिंह

(ग) एक भिखारी

(घ) इनमें से कोई नहीं

Answer: (ख) डाकू खड्गसिंह

Question 4. अपाहिज ने कहाँ जाने के लिए बताया ?

(क) रामपुर

(ग) रामावाला

(ख) मिर्जापुर

(घ) बेलापुर

Answer: (ग) रामावाला

Question 5. किसके हाथ से लगाम छूट गई?

(क) बाबा भारती के

(ख) खड्गसिंह के

(ग) दुर्गादत्त के

(घ) अपाहिज के

Answer: (क) बाबा भारती के

[6] खड्गसिंह ने यह आवाज़ सुनकर घोड़ा रोक लिया और उसकी गरदन पर प्यार से हाथ फेरते हुए कहा, ” बाबाजी, यह घोड़ा अब न दूँगा।”

” परंतु एक बार सुनते जाओ।’
खड्गसिंह ठहर गया।

बाबा भारती ने निकट जाकर उसकी ओर ऐसी आँखों से देखा जैसे बकरा कसाई की ओर देखता है और कहा, “यह घोड़ा तुम्हारा हो चुका है। मैं तुमसे इसे वापस करने के लिए न कहूँगा। परंतु खड्गसिंह, केवल एक प्रार्थना करता हूँ, इसे अस्वीकार न करना; नहीं तो मेरा दिल टूट जाएगा।” ” बाबाजी, आज्ञा कीजिए। मैं आपका दास हूँ, केवल यह घोड़ा न दूँगा।”

‘अब घोड़े का नाम न लो। मैं तुमसे इस विषय में कुछ न कहूँगा। मेरी प्रार्थना केवल यह है कि इस घटना को किसी के सामने प्रकट न करना । ”

खड्गसिंह का मुँह आश्चर्य से खुला रह गया। उसे लगा था कि उसे घोड़े को लेकर यहाँ से भागना पड़ेगा, परंतु बाबा भारती ने स्वयं उसे कहा कि इस घटना को किसी के सामने प्रकट न करना। इससे क्या प्रयोजन सिद्ध हो सकता है ? खड्गसिंह ने बहुत सोचा, बहुत सिर मारा, परंतु कुछ समझ न सका। हारकर उसने अपनी आँखें बाबा भारती के मुख पर गड़ा दीं और पूछा, “बाबाजी, इसमें आपको क्या (पृष्ठ 36-37)

Class 6 Hindi Chapter 4 हार की जीत Notes

प्रश्न-

(क) बाबा भारती ने खड्गसिंह की ओर किस तरह देखा और क्या कहा ?

(ख) डाकू खड्गसिंह ने अपने आपको किसका दास बताया ?

(ग) खड्गसिंह का मुँह आश्चर्य से खुला क्यों रह गया?

Answer:

(क) बाबा भारती ने निकट जाकर खड्गसिंह की ओर ऐसी आँखों से देखा जैसे बकरा कसाई की ओर देखता है और कहा कि यह घोड़ा तुम्हारा हो चुका मैं तुमसे इसे वापस करने के लिए न कहूँगा । परंतु मेरी प्रार्थना केवल यह है कि इस घटना को किसी के सामने प्रकट न करना।

(ख) डाकू खड्गसिंह ने अपने आपको बाबा भारती का दास बताया।

(ग) जब बाबा भारती ने यह कहा कि इस घटना को किसी के सामने प्रकट न करना तो यह सुनते ही खड्गसिंह का मुँह आश्चर्य से खुला रह गया।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. बाबा भारती ने किससे कहा कि इस घटना को किसी के सामने प्रकट न करना ?

(क) खड्गसिंह से

(ख) दुर्गादत्त से

(ग) नौकर से

(घ) स्वयं से

Answer: (क) खड्गसिंह से

Question 2. खड्गसिंह ने किसकी गरदन पर प्यार से हाथ फेरा?

(क) बाबा भारती की

(ख) घोड़े की

(ग) दुर्गादत्त की

(घ) नौकर की

Answer: (ख) घोड़े की

Question 3. किसका मुँह आश्चर्य से खुला रह गया ?

(क) बाबा भारती का

(ख) दुर्गादत्त का

(ग) खड्गसिंह का

(घ) इनमें से कोई नहीं

Answer: (ग) खड्गसिंह का

Question 4. खड्गसिंह ने अपनी आँखें किसके मुख पर गड़ा दीं?

(क) बाबा भारती के

(ख) सुलतान के

(ग) दुर्गादत्त के

(घ) नौकर के

Answer: (क) बाबा भारती के

Question 5. गद्यांश में ‘स्वीकार’ का विलोम शब्द क्या प्रयुक्त?

(क) संतुष्ट

(ख) अस्वीकार

(ग) ठग

(घ) डाकू

Answer: (ख) अस्वीकार

[7] सुनकर बाबा भारती ने उत्तर दिया, “लोगों को यदि इस घटना का पता चला तो वे किसी गरीब पर विश्वास न करेंगे। दुनिया से विश्वास उठ जाएगा।” यह कहते-कहते उन्होंने सुलतान की ओर से इस तरह मुँह मोड़ लिया जैसे उनका उससे कभी कोई संबंध ही न रहा हो ।

बाबा भारती चले गए। परंतु उनके शब्द खड्गसिंह के कानों में उसी प्रकार गूँज रहे थे। सोचता था, ‘कैसे ऊँचे विचार हैं, कैसा पवित्र भाव है ! उन्हें इस घोड़े से प्रेम था, इसे देखकर उनका मुख फूल की नाईं खिल जाता था। कहते थे, “इसके बिना मैं रह न सकूँगा।” इसकी रखवाली में वे कई रात सोए नहीं। भजन भक्ति न कर रखवाली करते रहे। परंतु आज उनके मुख पर दुख की रेखा तक दिखाई न पड़ती थी। उन्हें केवल यह खयाल था कि कहीं लोग गरीबों पर विश्वास करना न छोड़ दें।’ (पृष्ठ 37)

प्रश्न-

(क) बाबा भारती ने क्या उत्तर दिया ?

(ख) खड्गसिंह के कानों में क्या गूँज रहे थे?

(ग) बाबा भारती का क्या खयाल था ?

Answer:

(क) बाबा भारती ने उत्तर दिया कि लोगों को यदि इस घटना का पता चला तो वे किसी गरीब पर विश्वास न करेंगे। दुनिया से विश्वास उठ जाएगा।

(ख) खड्गसिंह के कानों में बाबा भारती के शब्द गूँज रहे थे।

(ग) बाबा भारती का खयाल था कि कहीं लोग गरीबों पर विश्वास करना न छोड़ दें।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. सुलतान की ओर से मुँह किसने मोड़ लिया?

(क) बाबा भारती ने

(ख) खड्गसिंह ने

(ग) दुर्गादत्त ने

(घ) इनमें से कोई नहीं।

Answer: (क) बाबा भारती ने

Question 2. किसके कानों में बाबा भारती के शब्द गूँज रहे थे?

(क) सुलतान के

(ख) दुर्गादत्त के

(ग) खड्गसिंह के

(घ) इनमें से कोई नहीं ।

Answer: (ग) खड्गसिंह के

Question 3. घोड़े से किन्हें प्रेम था ?

(क) दुर्गादत्त को

(ख) सुलतान को

(ग) खड्गसिंह को

(घ) बाबा भारती को

Answer: (घ) बाबा भारती को

Question 4. ‘उनका मुख फूल की नाई खिल जाता था’ – यहाँ ‘नाई’ का क्या अर्थ है?

(क) समान

(ख) दाढ़ी – बाल बनाने वाला

(ग) नई

(घ) नहीं

Answer: (क) समान

Question 5. किसके मुख पर दुख की रेखा तक दिखाई न पड़ती थी?

(क) खड्गसिंह के

(ख) बाबा भारती के

(ग) सुलतान के

(घ) दुर्गादत्त के

Answer: (ख) बाबा भारती के

Chapter 4 हार की जीत सुदर्शन Hindi Class 6 Solutions

[8] रात के अँधेरे में खड्गसिंह बाबा भारती के मंदिर में पहुँचा। चारों ओर सन्नाटा था। आकाश में तारे टिमटिमा रहे थे। थोड़ी दूर पर गाँवों के कुत्ते भौंक रहे थे। मंदिर के अंदर कोई शब्द सुनाई न देता था। खड्गसिंह सुलतान की बाग पकड़े हुए था। वह धीरे-धीरे अस्तबल के फाटक पर पहुँचा। फाटक खुला पड़ा था। किसी समय वहाँ बाबा

भारती स्वयं लाठी लेकर पहरा देते थे, परंतु आज उन्हें किसी चोरी, किसी डाके का भय न था। खड्गसिंह ने आगे बढ़कर सुलतान को उसके स्थान पर बाँध दिया और बाहर निकलकर सावधानी से फाटक बंद कर दिया। इस समय उसकी आँखों में पश्चाताप के आँसू थे।

रात्रि का तीसरा पहर बीत चुका था। चौथा पहर आरंभ होते ही बाबा भारती ने अपनी कुटिया से बाहर निकल ठंडे जल से स्नान किया। उसके पश्चात इस प्रकार जैसे कोई स्वप्न में चल रहा हो, उनके पाँव अस्तबल की ओर बढ़े। परंतु फाटक पर पहुँचकर उनको अपनी भूल प्रतीत हुई। साथ ही घोर निराशा ने पाँव को मन-मन-भर का भारी बना दिया। वे वहीं रुक गए। (पृष्ठ 38)

प्रश्न-

(क) रात के अँधेरे में खड्गसिंह कहाँ पहुँचा ? वहाँ भूमि की मिट्टी पर परस्पर मेल हो गया। चारों ओर कैसा वातावरण था?

(ख) खड्गसिंह किसका बाग पकड़े हुए था? (ग) बाबा भारती ने अपनी कुटिया से निकलकर क्या किया?

Answer:

(क) रात के अँधेरे में खड्गसिंह बाबा भारती के मंदिर में पहुँचा। वहाँ चारों ओर सन्नाटा था।

(ख) खड्गसिंह सुलतान की बाग पकड़े हुए था।

(ग) बाबा भारती ने अपनी कुटिया से निकलकर ठंडे जल से स्नान किया।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. आकाश में क्या टिमटिमा रहे थे?

(क) सूर्य

(ख) चंद्रमा

(ग) तारे

(घ) जुगनू

Answer: (ग) तारे

Question 2. सुलतान की बाग कौन पकड़े हुए था?

(क) खड्गसिंह

(ख) बाबा भारती

(ग) दुर्गादत्त

(घ) कोई नहीं

Answer: (क) खड्गसिंह

Question 3. अस्तबल के फाटक पर कौन पहुँचा ?

(क) बाबा भारती

(ख) खड्गसिंह

(ग) दुर्गादत्त

(घ) पथिक

Answer: (ख) खड्गसिंह

Question 4. खड्गसिंह ने सुलतान को कहाँ बाँध दिया?

(क) उसके स्थान पर

(ख) घर से बाहर

(ग) मंदिर में

(घ) सड़क पर

Answer: (क) उसके स्थान पर

Question 5. किसकी आँखों में पश्चाताप के आँसू थे?

(क) खड्गसिंह की

(ख) बाबा भारती की

(ग) सुलतान की

(घ) दुर्गादत की

Answer: (क) खड्गसिंह की

NCERT Solutions Class 6 Hindi Chapter 4 हार की जीत

[9] घोड़े ने अपने स्वामी के पाँवों की चाप को पहचान लिया और ज़ोर से हिनहिनाया। अब बाबा भारती आश्चर्य और प्रसन्नता से दौड़ते हुए अंदर घुसे और अपने घोड़े के गले से लिपटकर इस प्रकार रोने लगे मानो कोई पिता बहुत दिन से बिछड़े पुत्र से मिल रहा हो। बार-बार उसकी पीठ पर हाथ फेरते, बार-बार उसके मुँह पर थपकियाँ देते। और कहते थे, “अब कोई गरीबों की सहायता से मुँह न मोड़ेगा।”

थोड़ी देर के बाद जब वह अस्तबल से बाहर निकले तो उनकी आँखों से आँसू बह रहे थे। ये आँसू उसी भूमि पर ठीक उसी जगह गिर रहे थे, जहाँ बाहर निकलने के बाद खड्गसिंह खड़ा होकर रोया था। दोनों के आँसुओं का उस

प्रश्न-

(क) घोड़े ने किसके पाँवों की चाप को पहचान लिया ?

(ख) घोड़े को देखकर बाबा भारती की क्या प्रतिक्रिया हुई?

(ग) किनके आँसुओं का भूमि की मिट्टी पर परस्पर मेल हो गया ?

Answer:

(क) घोड़े ने स्वामी के पाँवों की चाप को पहचान लिया।

(ख) बाबा भारती आश्चर्य और प्रसन्नता से दौड़ते हुए अंदर घुसे और अपने घोड़े के गले से लिपटकर इस प्रकार रोने लगे मानो कोई पिता बहुत दिन से बिछड़े पुत्र से मिल रहा हो।

(ग) बाबा भारती और खड्गसिंह के आँसुओं का भूमि की मिट्टी पर परस्पर मेल हो गया।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. अपने स्वामी के पाँवों की चाप को किसने पहचान लिया?

(क) घोड़े ने

(ख) खड्गसिंह ने

(ग) नौकर ने

(घ) दुर्गादत्त ने

Answer: (क) घोड़े ने

Question 2. अपने घोड़े के गले से लिपटकर कौन रो रहे थे?

(क) खगसिंह

(ख) बाबा भारती

(ग) सुलतान

(घ) दुर्गादत्त

Answer: (ख) बाबा भारती

Question 3. किनकी आँखों से आँसू बह रहे थे?

(क) बाबा भारती की

(ख) खड्गसिंह की

(ग) सुलतान की

(घ) इनमें से कोई नहीं

Answer: (क) बाबा भारती की

Question 4. घोड़े की पीठ पर बार-बार हाथ कौन फेर रहे थे?

(क) खड्गसिंह

(ख) बाबा भारती

(ग) नौकर

(घ) सभी

Answer: (ख) बाबा भारती

Question 5. ‘हिनहिनाना’ किसकी आवाज़ है?

(क) गधे की

(ख) घोड़े की

(ग) कबूतर की

(घ) तोते की

Answer: (ख) घोड़े की

4. पाठ से प्रश्न-अभ्यास

प्रश्न (क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (*) बनाइए-

  1. सुलतान के छीने जाने का बाबा भारती पर क्या प्रभाव हुआ?
    • बाबा भारती के मन से चोरी का डर समाप्त हो गया।
    • बाबा भारती ने गरीबों की सहायता करना बंद कर दिया।
    • बाबा भारती ने द्वार बंद करना छोड़ दिया।
    • बाबा भारती असावधान हो गए।
  2. “बाबा भारती भी मनुष्य ही थे।” इस कथन के समर्थन में लेखक ने कौन-सा तर्क दिया है?
    • बाबा भारती ने डाकू को घमंड से घोड़ा दिखाया।
    • बाबा भारती घोड़े की प्रशंसा दूसरों से सुनने के लिए व्याकुल थे।
    • बाबा भारती को घोड़े से अत्यधिक लगाव और मोह था।
    • बाबा भारती हर पल घोड़े की रखवाली करते रहते थे।

Answer:

  1. बाबा भारती असावधान हो गए।
  2. बाबा भारती ने डाकू को घमंड से घोड़ा दिखाया।

शीर्षक

(क) आपने अभी जो कहानी पढ़ी है, इसका नाम सुदर्शन ने ‘हार की जीत’ रखा है। अपने समूह में चर्चा करके लिखिए कि उन्होंने इस कहानी को यह नाम क्यों दिया होगा? अपने उत्तर का कारण भी लिखिए।

Answer: सबकी सहायता करने तथा समाज में भाईचारा व सौहार्द बने रहने के उद्देश्य से इस कहानी का नाम ‘हार की जीत’ रखा होगा |

(ख) यदि आपको इस कहानी को कोई अन्य नाम देना हो तो क्या नाम देंगे? आपने यह नाम क्यों सोचा, यह भी बताइए ।

Answer: डाकू का हृदय परिवर्तन ।

कारण- बाबा भारती ने कहा था कि इस घटना को किसी के सामने प्रकट न करना। लोगों को यदि इस घटना का पता चला तो वे किसी गरीब पर विश्वास न करेंगे। तभी खड्गसिंह का हृदय परिवर्तन हुआ और पुन: घोड़े को बाबा भारती को वापस दे दिया।

(ग) बाबा भारती ने डाकू खड्गसिंह से कौन-सा वचन लिया?

Answer: बाबा भारती ने डाकू खड्गसिंह से यह वचन लिया कि इस घटना को वह किसी के सामने प्रकट न करेगा।

पंक्तियों पर चर्चा

प्रश्न- कहानी में से चुनकर कुछ वाक्य नीचे दिए गए हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया ? अपने विचार लिखिए-

  • ‘भगवत भजन से जो समय बचता, वह घोड़े को अर्पण हो जाता।’
  • “बाबा ने घोड़ा दिखाया घमंड से, खड्गसिंह ने घोड़ा देखा आश्चर्य से । “
  • “वह डाकू था और जो वस्तु उसे पसंद आ जाए उस पर अपना अधिकार समझता था । “
  • “बाबा भारती ने निकट जाकर उसकी ओर ऐसी आँखों से देखा जैसे बकरा कसाई की ओर देखता है और कहा, यह घोड़ा तुम्हारा हो चुका है। “
  • “उनके पाँव अस्तबल की ओर मुड़े। परंतु फाटक पर पहुँचकर उनको अपनी भूल प्रतीत हुई। “

Answer: विद्यार्थी स्वयं करें। सोच-विचार के लिए

(क) किस-किस के आँसुओं का मेल हो गया था?

Answer: बाबा भारती और खड्गसिंह के आँसुओं का मेल हो गया था।

(ख) दोनों के आँसुओं में क्या अंतर था ?

Answer: दोनों के आँसुओं में यह अंतर है कि बाबा भारती के आँसू खुशी के आँसू थे और खड्गसिंह के आँसू दुख के आँसू थे।

दिनचर्या

(क) कहानी पढ़कर आप बाबा भारती के जीवन के विषय में बहुत कुछ जान चुके हैं। अब आप कहानी के आधार पर बाबा भारती की दिनचर्या लिखिए। वे उठने से लेकर रात को सोने तक क्या-क्या करते सुबह होंगे, लिखिए। इस काम में आप थोड़ा-बहुत अपनी कल्पना का सहारा भी ले सकते हैं।

Answer: बाबा भारती सुबह-सुबह जग जाते होंगे। स्नान आदि करने के उपरांत मंदिर में जाकर भगवत भजन करते होंगे। उसके बाद वे अपने घोड़े की देखभाल करते होंगे। वे अपने हाथ से घोड़े को खरहरा करते और दाना खिलाते होंगे। रात के समय वे जागकर घोड़े की रखवाली करते होंगे। रात काफी बीतने पर वे सो जाते होंगे। पुनः सुबह जगकर अपनी दिनचर्या में लग जाते होंगे।

(ख) अब इनका प्रयोग करते हुए अपने मन से नए वाक्य बनाइए ।

Answer:

  • लट्टू होना (कायल होना)-मेरा मित्र फिल्म कहानी से तो प्रभावित हुआ ही वह उस अभिनेत्री पर लट्टू हो गया।
  • हृदय पर साँप लोटना ( ईर्ष्या करना) – साथी की सफलता से शेखर के हृदय पर साँप लेटने लगा।
  • फूले न समाना (बहुत खुश होना ) – बहुत दिनों के बाद अपने अंतरग मित्र को देखते ही हरि फूला न समाया ।
  • मुँह मोड़ लेना ( साथ छोड़ देना ) – श्याम को व्यापार में घाटा हुआ तो उसके सभी परिवारवालों ने मुँह
  • मुख खिल जाना ( प्रसन्न होना) – बेटे का रिजल्ट देखकर पिताजी का मुख खिल गया।
  • न्योछावर कर देना ( अर्पण करना) – सैनिक अपने प्राण भारतमाता पर न्योछावर कर देते हैं।

5. पाठ से आगे प्रश्न- अभ्यास

सुलतान की कहानी

मान लीजिए, यह कहानी सुलतान सुना रहा है। तब कहानी कैसे आगे बढ़ती ? स्वयं को सुलतान के स्थान पर रखकर कहानी बनाइए ।

(संकेत– आप कहानी को इस प्रकार बढ़ा सकते हैं-मेरा नाम सुलतान है। मैं एक घोड़ा हूँ……)

Answer: परीक्षोपयोगी नहीं।

मन के भाव

(क) कहानी में से चुनकर कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। बताइए, कहानी में कौन, कब, ऐसा अनुभव कर रहा था-

  • चकित
  • अधीर
  • प्रसन्नता
  • डर
  • करुणा
  • निराशा

Answer:

  • चकित – खड्गसिंह ने जब घोड़े को देखा तो वह चकित रह गया।
  • अधीर – बाबा भारती और खड्गसिंह के बीच संवाद के दौरान इसे बाबा भारती अनुभव कर रहे थे।
  • डर – जब खड्गसिंह ने बाबा भारती से कहा कि घोड़ा आपके पास न रहने दूँगा, तब बाबा भारती इसे अनुभव कर रहे थे।
  • प्रसन्नता – जब बाबा भारती सुलतान की पीठ पर सवार होकर घूमने जा रहे थे तो उस समय उनके मुख पर प्रसन्नता थी।
  • करुणा – सहसा एक आवाज़ आई। उस आवाज़ में करुणा थी।
  • निराशा – फाटक पर पहुँचकर बाबा भारती को अपनी भूल प्रतीत हुई।

(ख) आप उपर्युक्त भावों को कब-कब अनुभव करते हैं? लिखिए।

(संकेत– जैसे गली में किसी कुत्ते को देखकर डर या प्रसन्नता या करुणा आदि का अनुभव करना)

Answer:

  • चकित – आश्चर्यजनक कार्य को देखकर ।
  • अधीर – किसी कहानी या घटना सुनने के लिए।
  • डर – गली में कुत्ते को देखकर ।
  • प्रसन्नता – अतिथि के आने पर ।
  • करुणा – किसी अपाहिज को देखकर।
  • निराशा – किसी कार्य की असफलता पर ।

झरोखे से

आप जानते ही हैं कि लेखक सुदर्शन ने अनेक कविताएँ भी लिखी हैं। आइए, उनकी लिखी एक कविता पढ़ते हैं-

वह चली हवा

वह चली हवा,
वह चली हवा |
ना तू देखे
ना मैं देखूँ

पर पत्तों ने तो देख लिया
वरना वे खुशी मनाते क्यों?
वह चली हवा,
वह चली हवा |

साझी समझ

आपको इस कविता में क्या अच्छा लगा ? आपस में चर्चा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।

Answer: विद्यार्थी स्वयं करें।

खोजबीन के लिए

सुदर्शन की कुछ अन्य रचनाएँ पुस्तक में दिए गए क्यू. आर. कोड या इंटरनेट या पुस्तकालय की सहायता से पढ़ें, देखें व समझें।

Answer: विद्यार्थी स्वयं करें।

Hindi Chapter 4 हार की जीत – सुदर्शन Solutions Class 6

6. अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. बाबा भारती कहाँ रहते थे? वहाँ क्या करते थे?

Answer: बाबा भारती गाँव से बाहर एक छोटे से मंदिर में रहते थे। वहीं भगवान का भजन किया करते थे।

प्रश्न 2. घोड़े के बारे में किसे पता चला? वह कैसा आदमी था ?

Answer: घोड़े के बारे में खड्गसिंह को पता चला। वह इलाके का प्रसिद्ध डाकू था। लोग उसका नाम सुनकर काँपते थे।

प्रश्न 3. एक दिन दोपहर में खड्गसिंह किसके पास पहुंचा? क्यों?

Answer: एक दिन खड्गसिंह बाबा भारती के पास पहुँचा। वह घोड़े को देखना चाहता था ।

प्रश्न 4. अपने सुलतान घोड़े को देखकर बाबा भारती को किस भाव का अनुभव होता था ?

Answer: बाबा भारती को सुलतान घोड़े को देखकर आनंद का अनुभव होता था ।

प्रश्न 5. अपाहिज होने का दिखावा किसने और क्यों किया था?

Answer: अपाहिज होने का दिखावा डाकू खड्गसिंह ने बाबा भारती का घोड़ा प्राप्त करने के लिए किया था।

प्रश्न 6. बाबा भारती ने सुलतान की ओर से इस तरह मुँह कब मोड़ लिया, जैसे उनका उससे कभी कोई संबंध न था?

Answer: डाकू खड्गसिंह से यह कहने के बाद, कि तुम इस घटना को किसी के आगे प्रकट न करना, बाबा भारती ने सुलतान की ओर से मुँह मोड़ लिया था।

प्रश्न 7. बाबा भारती ने खड्गसिंह से क्या प्रार्थना की थी?

Answer: बाबा भारती ने खड्गसिंह से प्रार्थना की थी कि नकली अपाहिज बनकर घोड़ा छीन ले जाने की घटना को किसी के सामने प्रकट मत करना।

प्रश्न 8. “बाबाजी ! इसमें आपको क्या डर है?” खड्गसिंह ने किस डर की बात की?

Answer: खड्गसिंह ने यह बात की कि अपाहिज द्वारा घोड़ा छीन लेने से बाबाजी की बदनामी नहीं होगी। बदनामी तो धोखा देने वाले की होती है।

प्रश्न 9. बाबा भारती के कथन का डाकू खड्गसिंह पर क्या प्रभाव पड़ा?

Answer: बाबा भारती के कथन का यह प्रभाव पड़ा कि खड्गसिंह उन्हें परोपकारी देवता मानने लगा और उसने उनका घोड़ा चुपचाप लौटा दिया।

प्रश्न 10. “ विचित्र जानवर है। देखोगे तो प्रसन्न हो जाओगे।” यह कथन किसने किससे कहा?

Answer: यह कथन बाबा भारती ने डाकू खड्गसिंह से कहा।

प्रश्न 11. “उसकी आँखों में नेकी के आँसू थे।” इसका आशय स्पष्ट कीजिए।

Answer: इस कथन का आशय है कि डाकू खड्गसिंह ने बाबा भारती का घोड़ा लौटाकर नेकी का काम किया था, इससे उसकी आँखों में आँसू आ गए थे।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. “ अब कोई गरीबों की सहायता से मुँह न मोड़ेगा।” ये शब्द किसने, किससे और क्यों कहे?

Answer: ये शब्द बाबा भारती ने सुलतान घोड़े को लक्ष्य कर कहे। डाकू खड्गसिंह अपाहिज बनकर बाबा भारती से घोड़ा छीन ले गया था। बाबा को यह आशंका थी कि जब लोग इस धोखेबाजी की घटना को सुनेंगे, तो वे गरीबों एवं अपाहिजों पर करुणा नहीं रखेंगे, उनकी बातों पर विश्वास करना छोड़ देंगे। इससे मानवता और दया भावना की हानि होगी। परंतु जब डाकू खड्गसिंह उनका घोड़ा चुपचाप वापिस बाँध गया, तो बाबा भारती को विश्वास हो गया कि अब गरीबों की सहायता से कोई मुँह नहीं मोड़ेगा ।

प्रश्न 2. बाबा भारती घोड़े की किस प्रकार सेवा करते थे?

Answer: बाबा भारती को भगवद्-भजन के बाद जो समय बचता, वह घोड़े की सेवा में अर्पण हो जाता। वे रोजाना अपने हाथ से खरहरा करते, खुद दाना खिलाते

और उसे देख-देखकर प्रसन्न होते थे। वे ऐसी लगन, प्यार और स्नेह से अपने सुलतान घोड़े की देखभाल करते थे कि मानो वह उनका अतीव प्रियजन हो। उन्हें रुपया, माल-असबाब, जमीन तथा नागरिक सुखमय जीवन से भी घृणा थी। वे गाँव के बाहर एक छोटे मंदिर में रहते थे। वे सुलतान से अतिशय प्रेम करते थे और उसके दाना-पानी का पूरा ध्यान रखते थे।

प्रश्न 3. घोड़े सुलतान को देखकर बाबा भारतीको कैसे आनंद की प्राप्ति होती थी?

Answer: बाबा भारती को अपने घोड़े सुलतान को देखकर बड़ा आनंद मिलता था। जैसे माँ को अपने बेटे को देखकर, साहूकार को अपने देनदार और किसान को अपने लहलहाते खेत को देखकर आनंद आता है, उसी प्रकार बाबा भारती को अपने घोड़े को देखकर आनंद मिलता था। इस कारण सुलतान से बिछुड़ने की बात से उन्हें असह्य वेदना होती थी। वे उसके बिना एक क्षण भी नहीं रह सकने की बात सोचते रहते थे।

प्रश्न 4. खड्गसिंह द्वारा छद्म-तरीके से घोड़ा प्राप्त करने के तुरंत बाद ही बाबा भारती की दशा का वर्णन करें।

Answer: बाबा भारती ने जिसे अपाहिज मानकर अपने घोड़े पर बिठाया था, वह डाकू खड्गसिंह था। छद्म-तरीके से घोड़ा प्राप्त करने पर खड्गसिंह उसे दौड़ाए लिए जाने लगा। उस समय बाबा भारती के मुख से भय, विस्मय और निराशा से मिली हुई चीख निकल गई।

डाकू उनकी प्रिय वस्तु को छीन रहा था, इस कारण उनमें भय उत्पन्न हुआ, जो व्यक्ति अपाहिज बनकर घोड़े पर बैठा था, वह उसे एकाएक यों छीन ले जाएगा। इससे विस्मय और डाकू से घोड़ा न मिलने से और आगे से गरीबों पर विश्वास न करने की चिंता से वे निराशा से ग्रस्त हो गए थे।

Hindi Chapter 4 हार की जीत – सुदर्शन Solutions Class 6

प्रश्न 5. “अपनी निज की हानि को मनुष्यत्व की हानि पर न्योछावर कर देना चाहिए” – कहानी के इस संदेश को समझाइए |

Answer: बाबा भारती का घोड़ा अनेक विशेषताओं से युक्त था। वह सुंदर, बलवान और तेज दौड़ते वाला था। डाकू खड्गसिंह ने स्वयं को अपाहिज बतलाकर बाबा भारती को धोखा दिया था और उनका घोड़ा छीन लिया था।

बाबा ने घोड़ा छिन जाने का दुःख न मानकर डाकू से कहा था कि इस घटना को कहीं प्रकट मत करना, अन्यथा लोग गरीबों पर विश्वास करना छोड़ देंगे। इस प्रकार व्यक्तिगत हानि की चिंता त्यागकर मनुष्यता बनाए रखने की बात ही कहानी में संदेश रूप में व्यक्त हुई है।

प्रश्न 6. धोखे से बाबा भारती का घोड़ा प्राप्त करके डाकू खड्गसिंह की सोच में आपको क्या परिवर्तन दिखाई दिया है?

Answer: डाकू खड्गसिंह जब पहली बार बाबा भारती के पास आया था तब उसके मन में सुलतान को प्राप्त करने की चाह थी। उस समय उसने कहा था कि मैं यह घोड़ा आपके पास न रहने दूँगा। बाद में उसने स्वयं अपाहिज का वेश बनाकर बाबा के घोड़े को अपने अधिकार में ले लिया था। परंतु बाबा भारती द्वारा मानवता के नाते परहित का चिंतन कर उस घटना को गोपनीय रखने की बात से उसकी सोच में परिवर्तन आ गया। उसे बाबा भारती के विचार ऊँचे और भाव पवित्र प्रतीत हुआ। बाबा भारती उसे देवता तुल्य प्रतीत हुए। तब छीनने का भाव रखने वाला खड्गसिंह घोड़े को स्वयं ही लौटाने आया था।

प्रश्न 7. घोड़ा प्राप्त करने के लिए डाकू खड्गसिंह अपाहिज व्यक्ति होने का किस प्रकार दिखावा किया?

Answer: बाबा एक दिन संध्या के समय घोड़े पर बैठकर घूमने जा रहे थे, तब एक वृक्ष की छाया में कराहते व्यक्ति ने बाबा से कहा-“बाबा! दुःखिया हूँ, मुझ पर दया करो। ” बाबा के पूछने पर उसने बताया कि मुझे यहाँ से तीन मील दूर जाना है। वहाँ मेरा सौतेला भाई रहता है, वह वैद्य है। बाबा ने दया करके उसे घोड़े पर बिठा दिया। और स्वयं घोड़े की लगाम पकड़कर पैदल चलने लगे। वह व्यक्ति लगाम छुड़ाकर घोड़े को दौड़ाकर ले गया। वह डाकू खड्गसिंह था। इस तरह उसने अपाहिज होने को दिखावा किया था।

प्रश्न 8. “खड्गसिंह केवल एक प्रार्थना करता हूँ, उसे अस्वीकार न करना, नहीं तो मेरा दिल टूट जाएगा।” इस कथन को स्पष्ट कीजिए।

Answer: यह कथन बाबा भारती का है। इससे यह प्रकट होता है कि अपनी एक बात डाकू खड्गसिंह से मनवाने की उनकी तीव्र इच्छा थी। यदि उनकी वह माँग पूरी न होती तो बाबा भारती को अत्यधिक कष्ट होता। वह कष्ट

घोड़े के जाने से होने वाले कष्ट से बहुत बड़ा कष्ट होता । | दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर वह बात मान ली जाए तभी तो उन्होंने डाकू से यों ही न कहकर उसे प्रार्थना के रूप में कहा था कि मानवता एवं परहित की खातिर इस घटना को किसी पर प्रकट मत करना ।

प्रश्न 9. बाबा भारती गरीबों को महत्व देते थे, कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

Answer: बाबा भारती भगवद्-भजन करते थे और रुपया माल, असबाब आदि से लगाव नहीं रखते थे। उनके भीतर गरीबों के प्रति बहुत सहानुभूति थी। तभी तो अपाहिज को उन्होंने घोड़े पर बिठाया था और स्वयं पैदल चलने लगे थे। उन्होंने घोड़े की चिंता छोड़कर, गरीबों के प्रति अपनी चिंता व्यक्त की। वे चाहते थे कि लोग गरीबों की सहायता करना न छोड़ें और मानवता को हानि न पहुँचे। इसी आशय से उन्होंने डाकू से प्रार्थना की थी।

प्रश्न 10. “ हानि ने उन्हें हानि की तरफ से बेपरवाह कर दिया था।” इस कथन का विवेचन कीजिए।

Answer: डाकू खड्गसिंह ने धोखे से बाबा भारती से उनका प्रिय घोड़ा छीन लिया था। जब घोड़ा बाबा के पास था तब वे उसकी बहुत सेवा करते थे। वे रात को लाठी लेकर उसका पहरा भी देते थे, किंतु घोड़े के चले जाने से हुई हानि के कारण अब उन्हें और कोई हानि होने की चिंता नहीं थी। घोड़ा चोरी होने की चिंता भी अब समाप्त हो गई थी। घोड़े के अलावा हानि या चौरी हो जाने योग्य अन्य कोई कीमती वस्तु अब उनके पास नहीं थी। इस कारण उन्होंने पहरा देना भी छोड़ दिया था और अब बेपरवाह रहने लगे थे।

प्रश्न 11. जब डाकू खड्गसिंह घोड़े को बाबा के अस्तबल में बाँध गया, तब बाबा भारती पर क्या प्रतिक्रिया हुई ?

Answer: डाकू द्वारा घोड़ा लौटाए जाने से बाबा भारती पर दो प्रकार की प्रतिक्रियाएँ हुईं। एक तो उन्हें बिछुड़े हुए अपने अत्यंत प्रिय घोड़े को पाकर प्रसन्नता हुई। वे घोड़े के गले लिपटकर रोये, उन्होंने उसके मुँह पर थपकियाँ दीं। दूसरे, उन्हें इस बात का विश्वास हो गया कि आगे भी कोई गरीबों की सहायता से मुँह नहीं मोड़ेगा। गरीब की सहायता करने से स्वयं बाबा को कोई हानि नहीं हुई थी। उन्हें उनका घोड़ा मिल गया था।

प्रश्न 1. ‘हार की जीत’ कहानी की कथावस्तु अपने शब्दों में लिखिए।

Answer: बाबा भारती गाँव के बाहर एक मंदिर में रहते थे। उनके पास एक घोड़ा था, उसे वे बेहद चाहते थे। वे उसकी पूरी देखभाल करते थे। उसका नाम सुलतान था। घोड़ा अत्यंत सुंदर था, उसकी चाल मोहक थी। डाकू खड्गसिंह ने उस घोड़े की प्रसिद्धि सुनी थी। एक दिन वह बाबा भारती के पास आया और उस घोड़े को देखकर खूब प्रशंसा की । उसने उसकी चाल भी देखी और जाते समय कहा कि अब मैं यह घोड़ा आपके पास न रहने दूँगा।

डाकू खड्गसिंह की बात से बाबा भारती डर गये। वे सावधानी से रखवाली करने लगे। बहुत दिनों के बाद वे संध्या समय घूमने जा रहे थे। एक पेड़ के नीचे एक अपाहिज मिला। उसने तीन मील आगे रामावाला तक छोड़ने का निवेदन किया। बाबा भारती ने उसे घोड़े पर बिठा लिया। परंतु वह तो डाकू खड्गसिंह था। वह घोड़े को दौड़ाकर ले जाने लगा ।

तब बाबा भारती ने कहा कि इस घटना को किसी से मत कहना, अन्यथा कोई किसी गरीब की सहायता नहीं करेगा। डाकू खड्गसिंह पर बाबा भारती की बात का गहरा प्रभाव पड़ा। इस कारण कुछ दिनों के बाद वह उस घोड़े को बाबा के अस्तबल में बाँधकर चला गया। सुबह घोड़े के हिनहिनाने से बाबा को पता चला, तो घोड़े से लिपटे और बोले कि अब कोई गरीब की सहायता से मुँह नहीं मोड़ेगा।

प्रश्न 2. खड्गसिंह तथा बाबा भारती की कुटिया में जो संवाद हुआ उसका वर्णन कीजिए।

Answer: एक दिन दोपहर को डाकू खड्गसिंह बाबा भारती के पास आया और नमस्कार कर बैठ गया। तब उनमें संवाद होने लगा। बाबा ने उसका हाल-चाल पूछा और कहा कि इधर कैसे आ गए? खड्गसिंह ने कहा कि आपके घोड़े की प्रसिद्धि सुनकर उसे देखने चले आया। बाबा भारती ने कहा कि विचित्र घोड़ा है, देखोगे तो प्रसन्न जाओगे । खड्गसिंह ने कहा कि मैंने भी बड़ी प्रशंसा सुनी है। कहते हैं कि देखने में बड़ा सुंदर है। तब बाबा भारती ने कहा कि उसकी चाल तुम्हारा मन मोह लेगी।

जो उसे एक बार देख लेता है उसके हृदय पर उसकी छवि अंकित हो जाती है। इस प्रकार बाबा भारती को कुटिया में सुलतान घोड़े की सुंदरता, चाल-ढाल आदि को लेकर उन दोनों में संवाद हुआ। उसके बाद खड्गसिंह ने अस्तबल में जाकर वह घोड़ा देखा तथा उसकी चाल भी देखी। अंत में जब खड्गसिंह जाने लगा, तो उसने बाबा भारती से कहा कि यह घोड़ा मैं अब आपके पास नहीं रहने दूँगा, अर्थात इसे बलात् ले जाऊँगा।

प्रश्न 3. ‘हार की जीत’ कहानी का उद्देश्य सविस्तार लिखिए।

उत्तर- ‘हार की जीत’ कहानी का उद्देश्य यह बतलाना है कि यदि स्वार्थ की चिंता न करके परहित या मानव-कल्याण के भाव से आचरण किया जाए, तो दुष्ट व्यक्ति में भी मानवता की भावना उत्पन्न हो सकती है। खड्गसिंह एक प्रसिद्ध डाकू था। वह बाबा भारती के घोड़े को प्राप्त करना चाहता था।

अपाहिज व्यक्ति बनकर उसने बाबाजी से घोड़ा अपने अधिकार में कर लिया था, किंतु घोड़ा जाने का बाबाजी को कोई दुःख न था। उन्हें तो चिंता इस बात की थी कि यदि इस घटना का लोगों को पता लग गया तो वे गरीब व्यक्ति पर विश्वास करना छोड़ देंगे। बाबा भारती की यह मानवतावादी बात डाकू को प्रभावित कर गई।

वह सोचता था कि बाबा को घोड़े के जाने का तनिक भी दुःख नहीं है और ये गरीबों के बारे में चिंतित हैं। इससे उसका हृदय बदल गया। वह बाबा को मनुष्य नहीं, देवता मानने लगा। तब वह रात के अँधेरे में उनका घोड़ा उनके अस्तबल में बाँध आया।

इस प्रकार कहानी में मानवता के आधार पर परहित और त्याग की भावना का महत्त्व स्पष्ट किया गया है। अत: इस कहानी का मूल भाव एवं उद्देश्य का मानवता का आचरण करने की और सविचारों को अपनाने की प्रेरणा देना है और यह उद्देश्य अंत में सहजता से व्यंजित हुआ प्रश्न

प्रश्न 4. घोड़ा लौटने के बाद अगर संयोगवश खड्गसिंह से बाबा मिल जाते, तो दोनों में क्या वार्ता होती? कल्पना के आधार पर लिखिए।

Answer: डाकू खड्गसिंह ने बाबा की कुटी पर आकर सुलतान घोड़े को एक बार देख लिया था। उसने जाते समय बाबा से कह दिया था कि मैं यह घोड़ा आपके पास नहीं

रहने दूँगा। एक बार स्वयं को अपाहिज व्यक्ति बतलाकर डाकू ने बाबा से घोड़े पर बिठा लेने के लिए कहा था। बाबा भारती ने अपाहिज की सहायता करना अपना फर्ज मानकर उसे घोड़े पर बिठाया।

डाकू ‘मौका पाकर घोड़ा लेकर भागने लगा था। तब बाबा ने उस घटना की किसी से चर्चा न करने के लिए डाकू से कहा था। उनके मानवतावादी कथन से प्रभावित होकर डाकू सुलतान घोड़े को बाबा की कुटी पर लौटा गया था।

इस घटना के बाद यदि खड्गसिंह और बाबा भारती का कभी मिलन हो जाता, तो खड्गसिंह अपने व्यवहार के लिए क्षमा-याचना करता, वह मानवता एवं परहित की भावना रखने को हृदय से स्वीकार करता और मनुष्यता का हित चाहने के लिए बाबा की खूब प्रशंसा भी करता । एक प्रकार से वह बाबा भारती का भक्त बन जाता और सन्मार्ग पर चलने की इच्छा प्रकट करता। बाबा भारती भी उसे मानवता का पाठ पढ़ाकर वैसा आचरण करने को कहते ।

प्रश्न 5. “”हार की जीत’ कहानी प्रेम और मनुष्यता के ताने-बाने से बुनी गई एक सफल कहानी है।” स्पष्ट कीजिए।

Answer: ‘हार की जीत’ कहानी के कथनानुसार बाबा भारती वैरागी तपस्वी थे, परंतु अपने घोड़े सुलतान के प्रति उनका मन असीम प्रेम से भरा था। वे भगवद्भजन से बचे समय में अपने घोड़े का पालन-पोषण करते थे। उन्हें वह घोड़ा अत्यंत प्रिय था, सच्चा प्रेमी अपने प्यार को भी इतना न चाहता होगा ऐसा स्नेह उनका अपने घोड़े के प्रति था।

साथ ही वे गरीबों एवं असहायों के प्रति पूरी सहानुभूति रखते थे। डाकू खड्गसिंह द्वारा घोड़ा छीन लेने पर उन्हें अपनी हानि की चिंता न होकर मनुष्यता की हानि की चिंता हो रही थी।

इसलिए उन्होंने डाकू से कहा कि इस घटना का किसी को पता न चले अन्यथा लोग गरीबों पर विश्वास करना छोड़े देंगे। बाबा भारती के इस कथन से डाकू खड्गसिंह के हृदय पर इतना प्रभाव पड़ा कि वह भी मनुष्यत्व से भरकर सोचने लगा कि “ऐसा मनुष्य, मनुष्य नहीं देवता है।

“तब वह चुपचाप सुलतान घोड़े को अस्तबल में छोड़ गया। इस तरह प्रेम और मनुष्यता की जीत हुई। अतः प्रस्तुत कहानी के कथानक में प्रेम एवं मानवीय भावों की सुंदर व्यंजना हुई है। इस दृष्टि से एक सफल कहानी है।”

प्रश्न 6. ‘हार की जीत’ कहानी के शीर्षक की । के पास पहुँच जाने पर बाबा ने घोड़े की ओर से इस तरह सार्थकता के आधार पर उदाहरण सहित प्रकाश डालिए। मुँह मोड़ लिया था जैसे उनका उससे कभी कोई संबंध ?

Answer: प्रस्तुत कहानी में बाबा भारती और डाकू था। बाबा के ये विचार सुनकर डाकू सोचने लगा कि ऐसा खड्गसिंह के बारे में वर्णन हुआ है। डाकू खड्गसिंह ने मनुष्य, मनुष्य नहीं देवता है। अपाहिज का दिखावा कर बाबा से घोड़ा छीनकर अपने अधिकार में कर लिया था। इससे बाबा की हार और डाकू की जीत हो गई थी। परंतु डाकू खड्गसिंह बाबा भारती द्वारा कहे गये शब्दों में प्रभावित होकर स्वयं उनका घोड़ा लौटा गया था।

वह बाबा के व्यवहार से इतना प्रभावित हुआ कि वह बाबा भारती को मनुष्य नहीं, देवता मानने लगा था। इस प्रकार हारे हुए बाबा भारती हारकर भी जीत गए थे। इस तरह कहानी में मनुष्यता की जीत दिखलाई गई है।

शीर्षक का पूरी कहानी से संबंध है। शीर्षक छोटा, नवीन, मौलिक, कौतूहल उत्पन्न करने वाला, आकर्षक है। जो बाबा भारती का घोड़ा धोखे से छीने जाने के कारण इस बात से चिंतित थे कि अब कोई गरीबों पर विश्वास न करेगा, वे ही इस बारे में आश्वस्त हो गए थे कि अब कोई गरीबों की सहायता से मुँह न मोड़ेगा। इस प्रकार ‘हार की जीत’ होने से शीर्षक कहानी के लिए उपयुक्त है। कहानी शीर्षक की सार्थकता को सिद्ध करने वाली है।

प्रश्न 7. “ऐसा मनुष्य, मनुष्य नहीं देवता है।” डाकू खड्गसिंह की इस मान्यता के औचित्य पर विचार कीजिए।

Answer: पहले तो डाकू खड्गसिंह यह सोचता था कि ऐसा घोड़ा खड्गसिंह के पास होना चाहिए था, इस साधु को ऐसी चीजों से क्या लाभ? बाबा भारती को सुलतान नाम का घोड़ा अनेक विशेषताओं से युक्त था। डाकू उसे हर स्थिति में प्राप्त करना चाहता था।

प्रश्न 8. ‘हार की जीत’ कहानी के आधार पर बाबा भारती की चारित्रिक विशेषताएँ बतलाइए।

Answer: बाबा भारती ‘हार की जीत’ कहानी के प्रमुख पात्र हैं। उनके चरित्र की निम्न विशेषताएँ प्रमुखता से व्यक्त हुई हैं। श्रेष्ठ भक्त – बाबा भारती भगवद्-भजन करते थे। वे बाबा या साधु थे, इसलिए भजन ही उनका मुख्य काम था। वे गाँव के बाहर एक छोटे से मंदिर में रहते थे। वे रुपया, माल असबाब, जमीन, यहाँ तक कि नागरिक जीवन से भी संबंध तोड़ चुके थे।

घोड़े से अपनत्व-भाव उनका अपने घोड़े के प्रति लगाव था। वे उसे सब प्रकार से सुखी रखने का प्रयत्न करते थे। भगवद्-भजन से जो समय बचता उसे वे घोड़े की देखभाल में लगाते थे। वे अपने हाथ से खरहरा करते, खुद दाना खिलाते थे।

मानवीय संवेदना- बाबा में गरीबों के प्रति सहानुभूति, दया का भाव था। किसी को अपाहिज जानकर वे उसे घोड़े पर बिठा सकते थे। खड्गसिंह द्वारा घोड़ा छीनकर ले जाने पर उन्हें चिंता इस बात की हुई थी कि इस घटना से लोग कहीं गरीबों पर विश्वास करना न छोड़ दें। मनुष्यत्व तथा परहित की खातिर वे अपनी प्रिय से प्रिय वस्तु त्याग सकते थे।

प्रश्न 9. “प्रेम मनुष्य जीवन को सबल है। उसकी सीमा में पशु-पक्षी भी आ जाते हैं।” कथन की सार्थकता को व्यक्त कीजिए ।

Answer: ‘हार की जीत’ कहानी में कहानीकार ने जीवन दूसरों की चीज छीनने में उसे कोई दुःख या संकोच में प्रेम की भावना के महत्त्व पर प्रकाश डाला है। वह बताना नहीं था। एक अपाहिज व्यक्ति का वेश बनाकर उसने धोखा चाहता है कि मनुष्य को मनुष्य से ही नहीं, अपितु जीवमात्र देकर बाबा भारती से घोड़ा छीन लिया था। बाबा भारती ने से, पशु-पक्षियों से भी प्रेमपूर्ण व्यवहार करना चाहिए। दूसरों घोड़ा छीनकर भागते हुए डाकू से कहा था कि यह घोड़ा से इस प्रकार प्रेमभाव रखने से अपना हृदय भी पवित्र होता तुम्हारा हो चुका, मैं तुमसे वापस करने के लिए न कहूँगा। है, शांति मिलती है। तभी तो रुपया, माल, असबाब, जमीन उन्होंने क्रोध व्यक्त न कर डाकू से प्रार्थना की थी और नागरिक जीवन से भी घृणा करने वाला बाबा भारती कि तुम इस घटना को किसी के सामने प्रकट मत करना । अपने पालतू सुलतान घोड़े के प्रति बहुत प्रेमभाव रखते थे। कारण यह है कि लोगों को यदि इस घटना का पता लग उससे बिछुड़ने की कल्पना से ही उन्हें दुःख होता था गया, तो वे किसी गरीब पर विश्वास न करेंगे। घोड़ा डाकू | और वे सोचते थे कि मैं इस घोड़े के बिना नहीं रह सकूँगा ।

वे सुलतान घोड़े को सुखी रखने में कोई कमी नहीं रखना | मूल्यपरक / व्यावहारिक प्रश्नोत्तर चाहते थे। उसकी देखभाल, ऐसी लगन, ऐसे प्यार, ऐसे स्नेह से करते थे कि कोई सच्चा प्रेमी भी अपने प्रियजन को इतना प्यार न करता होगा।

बाबा भारती का घोड़े के प्रति प्रेमपूर्ण व्यवहार दिखाकर लेखक ने यही स्पष्ट किया है कि मनुष्य अपने जीवन में प्रेम-भाव को बड़ा सहारा मानती है। अतः प्रेम पात्र चाहे कोई भी हो, उसके प्रति प्रेम बिना भेदभाव के किया जाना चाहिए।

प्रश्न 10. ‘हार की जीत’ कहानी मानवीयता की जीत की कहानी है।” स्पष्ट कीजिए।

Answer: बाबा भारती भगवद्-भजन करते थे और शेष समय में वे अपने सुलतान घोड़े को खिलाने-पिलाने, उस पर बैठकर सैर करने में व्यतीत करते थे। उन्हें वह घोड़ा अत्यंत प्रिय था। घोड़े में कई विशेषताएँ थीं। डाकू खड्गसिंह ने घोड़े की प्रसिद्धि सुन रखी थी। अवसर पाकर एक दिन वह बाबा के पास आया। बाबा ने उसे घोड़ा दिखाया और उसकी विशेषताओं की चर्चा की। खड्गसिंह ने घोड़े को दौड़ाकर देखा। जाते समय खड्गसिंह कह गया कि बाबा मैं यह घोड़ा आपके पास न रहने दूँगा ।

कुछ दिनों बाद डाकू खड्गसिंह अपाहित बनकर आया । बाबा से उसे घोड़े पर बैठने की स्वीकृति दी और फिर वह घोड़े को लेकर भागने लगा। तब बाबा ने उससे कहा कि यह घटना किसी को मत बताना, अन्यथा लोग गरीबों की सहायता करना छोड़ देंगे। खड्गसिंह पर इस कथन का बड़ा प्रभाव पड़ा। वह एक रात घोड़े को अस्तबल में बाँध गया। इस प्रकार इसमें लोक-कल्याण की भावना और मानवता की जीत हुई है, मानवीय सविचारों को विजयी दिखाया गया है।

प्रश्न 1. खड्गसिंह ने स्वयं को किसका सौतेला भाई बताया?

Answer: खड्गसिंह ने स्वयं को दुर्गादत्त वैद्य का सौतेला भाई बताया।

प्रश्न 2. “विचित्र जानवर है देखोगे तो प्रसन्न हो जाओगे।” ये शब्द बाबा भारती ने किसके लिए कहे ?

Answer: ये शब्द बाबा भारती ने अपने सुलतान घोड़े के लिए कहे।

प्रश्न 3. डाकू खड्गसिंह ने किस विधि से बाबा भारती से घोड़ा प्राप्त किया?

Answer: डाकू खड्गसिंह ने अपाहिज बनकर धोखा देने के तरीके से बाबा भारती से घोड़ा प्राप्त किया।

प्रश्न 4. बाबा भारती को किस प्रकार की भ्रांति हो गयी थी ?

Answer: बाबा भारती को ऐसी भ्रांति हो गई थी कि वे अपने घोड़े से बिछुड़ने पर जीवित नहीं रह पाएँगे।

प्रश्न 5. घोड़े की क्या विशेषता थी?

Answer: घोड़ा बड़ा सुंदर, बड़ा बलवान था । उसके जोड़ का घोड़ा सारे इलाके में न था ।

प्रश्न 6. बाबा भारती घोड़े की देख-रेख किस प्रकार करते थे?

Answer: बाबा भारती अपने हाथ से खरहरा करते, खुद दाना खिलाते और देख-देखकर प्रसन्न होते थे।

CBSE For Class 6 Hindi Chapter 2 गोल

CBSE For Class 6 Hindi Chapter 2 गोल

1. पाठ का सार

यह पाठ हॉकी खेल के जादूगर मेजर ध्यानचंद के संस्मरण का एक अंश है। ‘गोल’ शब्द पढ़ते ही हमारे समक्ष गोल वस्तुओं के नाम और चित्र जैसे- गेंद, रोटी, सूरज, चाँद आदि उभर आते हैं लेकिन इस पाठ में ध्यानचंद ने हॉकी के ‘गोल’ की बात की है।

मेजर ध्यानचंद के संस्मरण की एक घटना– उन्होंने अपने संस्मरण में इस घटना का उल्लेख किया है कि सन् 1933 में वे पंजाब रेजिमेंट की ओर से खेला करते थे। एक दिन ‘पंजाब रेजिमेंट’ और ‘सैंपर्स एंड माइनर्स टीम’ के महज हॉकी के खेल का मुकाबला हुआ। माइनर्स टीम के खिलाड़ी निरंतर ध्यानचंद से गेंद छीनना चाह रहे थे लेकिन हर बार असफल रहे। उनके एक खिलाड़ी को इतना गुस्सा आ गया कि उसने गुस्से में आकर ध्यानचंद के सिर में हॉकी की स्टिक मार दी।

ध्यानचंद चोट खाकर उत्साही बने रहे और पट्टी बँधवाकर फिर से खेल के मैदान में आ पहुँचे। उन्होंने अपने एक अलग ही अंदाज में उस खिलाड़ी से यह कहा कि मैं अपनी इस चोट का बदला अवश्य लूँगा। उसके बाद उन्होंने इतने जोश और उत्साह से गोल लिया कि लगातार छह गोल करके ‘सैंपर्स एंड माइनर्स टीम’ को बुरी तरह मात दी।

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हॉकी का जादूगर – नए नाम की उपाधि प्राप्त करना- बर्लिन ओलंपिक में लोग इनके हॉकी खेलने के ढंग से इतने प्रभावित हुए कि उन्हें ‘हॉकी का जादूगर’ कहना शुरू कर दिया। यह उपाधि उन्हें इसलिए भी मिली क्योंकि वे स्वयं आगे बढ़ने के साथ-साथ दूसरों को भी आगे बढ़ा चाहते थे। ‘हॉकी’ खेल में गेंद दूसरों तक पहुँचाते ताकि उनके साथियों को भी जीतने का श्रेय मिले।

ध्यानचंद के जीवन का गुरुमंत्र – उन्होंने अपने जीवन में सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ने का गुरुमंत्र यह बताया कि लगन, साधना और खेल भावना ही मनुष्य को ऊँचाइयों की ओर लेकर जाते हैं।

मेजर ध्यानचंद का जीवन परिचय एवं हॉकी खेल के क्षेत्र में पदार्पण – मेजर ध्यानचंद का जन्म सन् 1904 में प्रयाग के एक साधारण परिवार में हुआ। बाद में इनका परिवार झाँसी जाकर बस गया। 16 वर्ष की आयु में ये ‘फर्स्ट ब्राह्मण रेजिमेंट’ में साधारण सिपाही के रूप में शामिल हुए। इस रेजिमेंट के सूबेदार मेजर तिवारी थे। इस रेजिमेंट का ‘हॉकी खेल’ में बड़ा नाम था। तिवारी जी उन्हें सदा उन्हें हॉकी खेलने के लिए प्रेरित करते रहते थे। रेजिमेंट के सभी सिपाही किसी भी समय हॉकी खेलने के लिए तैयार रहते थे। ध्यानचंद ने भी नौसिखिया खिलाड़ी की भाँति खेलना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे उनके खेल में निखार आता गया और वे उच्च खिलाड़ियों की श्रेणी में आने लगे और जल्द ही बर्लिन ओलंपिक टीम के कप्तान बन गए। उस समय वे सेना में भी ‘लांस नायक’ के पद पर पहुँच चुके थे।

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हॉकी प्रेमी ध्यानचंद का खेल जगत में विस्मरणीय नाम ध्यानचंद ‘हॉकी’ खेल से बहुत प्रेम करते थे। उन्होंने अपनी आत्मकथा का नाम ही ‘गोल’ रखा। वे अमर खिलाड़ी हैं। सन् 1979 में ध्यानचंद चिरनिद्रा में चले गए। उनका जन्मदिन ‘राष्ट्रीय खेल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। भारत का सर्वोच्च खेल पुरस्कार ‘खेल रत्न’ उनके नाम पर दिया जाता है।

2. शब्दार्थ और टिप्पणी

प्रसिद्ध – मशहूर । कोशिश-प्रयास । झटपट – एकदम । थपथपाई – शाबाशी देना । शर्मिंदा – लज्जित।

गुरु-मंत्र – तरीका । लगन – लगाव । साधना – अभ्यास । भावना– इच्छा। दिलचस्पी – रुचि । निश्चित– पक्का । नौसिखिया – नया सीखने वाला। निखार– सुधार होना । तरक्की – उन्नति ।

श्रेय – प्रसिद्धि । कार्य करने में नाम कमाना ।

3. अर्थग्रहण संबंधी एवं बहुवैकल्पिक प्रश्न |

दिए गए गद्यांशों को पढ़िए और प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

[1] खेल के मैदान में धक्का-मुक्की और नोक-झोंक की घटनाएँ होती रहती हैं। खेल में तो यह सब चलता ही है। जिन दिनों हम खेला करते थे, उन दिनों भी यह सब चलता था।

सन् 1933 की बात है। उन दिनों में, मैं पंजाब रेजिमेंट की ओर से खेला करता था। एक दिन ‘पंजाब रेजिमेंट’ और ‘सैंपर्स एंड माइनर्स टीम’ के बीच मुकाबला हो रहा था। ‘माइनर्स टीम’ के खिलाड़ी मुझसे गेंद छीनने की कोशिश करते, लेकिन उनकी हर कोशिश बेकार जाती। इतने में एक खिलाड़ी ने गुस्से में आकर हॉकी स्टिक मेरे सिर पर दे मारी।

गोल Chapter 2 Hindi NCERT Solutions Class 6

प्रश्न-

(क) यह वक्तव्य कहाँ से लिया गया है? इसमें ‘मैं’ कौन है?

(ख) कौन-सी दो टीमें खेल रही थीं?

(ग) ‘माइनर्स टीम’ के खिलाड़ी ने किसके सिर पर और क्यों स्टिक मारी?

Answer:

(क) यह वक्तव्य ‘गोल’ पाठ से लिया गया है जिसके रचयिता मेजर ध्यानचंद हैं। इसमें ‘मैं’ मेजर ध्यानचंद के लिए प्रयुक्त हुआ है।

(ख) ‘पंजाब रेजिमेंट’ और ‘सैंपर्स एंड माइनर्स टीम’ खेल रही थीं।

(ग) ‘माइनर्स टीम’ के खिलाड़ी ने मेजर ध्यानचंद के सिर पर स्टिक मारी क्योंकि वे जीत की ओर बढ़ रहे थे।

[2] मैं पट्टी बाँधकर फिर मैदान में आ पहुँचा। आ ही मैंने उस खिलाड़ी की पीठ पर हाथ रखकर कहा, “तुम चिंता मत करो, इसका बदला मैं जरूर लूँगा।” मेरे इतना कहते ही वह खिलाड़ी घबरा गया। अब हर समय मुझे ही देखता रहता कि मैं कब उसके सिर पर हॉकी स्टिक मारने वाला हूँ। मैंने एक के बाद एक झटपट छह गोल कर दिए। खेल खत्म होने के बाद मैंने फिर उस खिलाड़ी की पीठ थपथपाई और कहा, “दोस्त, खेल में इतना गुस्सा अच्छा नहीं। मैंने तो अपना बदला ले ही लिया है। अगर तुम मुझे आत्मकथा – अपने बारे में लिखी गई विचारों की हॉकी नहीं मारते तो शायद मैं तुम्हें दो ही गोल से हराता । ” वह खिलाड़ी सचमुच बड़ा शर्मिंदा हुआ। तो देखा आपने मेरा बदला लेने का ढंग ? सच मानो, बुरा काम करने वाला आदमी हर समय इस बात से डरता रहता है कि उसके साथ भी बुराई की जाएगी।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. ध्यानचंद पट्टी बाँधकर क्यों आए?

(क) उनके सिर में दर्द था।

(ख) उन्हें दूसरी टीम के खिलाड़ी ने स्टिक मारी थी।

(ग) वे गिर गए थे।

(घ) यह उनका शौक था।

Answer: (ख). उन्हें दूसरी टीम के खिलाड़ी ने स्टिक मारी थी।

Question 2. दूसरी टीम का खिलाड़ी घबरा क्यों गया था ?

(क) ध्यानचंद ने उसे कहा था कि वे उससे बदला लेंगे।

(ख) वह खेल में हारने वाला था।

(ग) उसे टीम से निकाला जा रहा था।

(घ) ध्यानचंद ने उसकी शिकायत खेल विभाग में कर दी थी।

Answer: (क). ध्यानचंद ने उसे कहा था कि वे उससे बदला लेंगे।

Question 3. ध्यानचंद ने झटपट कितने गोल किए?

(क) दो

(ख) चार

(ग) छह

(घ) नौ

Answer: (ग). छह

Question 4. खिलाड़ी शर्मिंदा क्यों हुआ?

(क) ध्यानचंद ने उसे बड़े प्यार से माफ कर दिया।

(ख) ध्यानचंद ने उसके किए कार्य हेतु उसकी पीठ थपथपाई।

(ग) क्योंकि ध्यानचंद ने उसे बुरी तरह से हराकर अपना बदला लिया था।

(घ) इनमें से कोई नहीं।

Answer: (ग). क्योंकि ध्यानचंद ने उसे बुरी तरह से हराकर अपना बदला लिया था।

CBSE Hindi Class 6 Chapter 2 गोल

Question 5. बुरा करने वाले के मन में सदा क्या विचार आता है?

(क) उसके साथ भी बुरा होगा।

(ख) जिसके साथ मैंने बुरा किया है उससे क्षमा माँग लेनी चाहिए।

(ग) उसे मन ही मन पछतावा होता है।

(घ) वह सबसे छिपकर रहना चाहता है।

Answer: (क). उसके साथ भी बुरा होगा।

[3] आज मैं जहाँ भी जाता हूँ बच्चे व बूढ़े मुझे घेर लेते हैं और मुझसे मेरी सफलता का राज जानना चाहते हैं। मेरे पास सफलता का कोई गुरु मंत्र तो है नहीं। हर किसी से यही कहता कि लगन, साधना और खेल भावना ही सफलता के सबसे बड़े मंत्र हैं।

प्रश्न-

(क) ध्यानचंद को हर जगह कौन घेर लेते है?

(ख) लोग उनसे क्या जानना चाहते हैं?

(ग) ध्यानचंद की नज़र में बड़े मूलमंत्र क्या हैं?

Answer:

(क) ध्यानचंद को हर जगह बूढ़े और बच्चे घेर लेते हैं।

(ख) वे उनसे उनकी सफलता का राज जानना चाहते हैं।

(ग) ध्यानचंद की नजर में लगन, साधना और खेल भावना ही सफलता के बड़े मूलमंत्र हैं।

[4] मेरा जन्म सन् 1904 में प्रयाग में एक साधारण परिवार में हुआ। बाद में हम झाँसी आकर बस गए। 16 साल की उम्र में मैं ‘फर्स्ट ब्राह्मण रेजिमेंट’ में एक साधारण सिपाही के रूप में भर्ती हो गया। मेरी रेजिमेंट का हॉकी खेल में काफी नाम था। पर खेल में मेरी कोई दिलचस्पी नहीं थी। उस समय हमारी रेजिमेंट के सूबेदार मेजर तिवारी थे। वे बार-बार मुझे हॉकी खेलने के लिए कहते। हमारी छावनी में हॉकी खेलने का कोई निश्चित समय नहीं था । सैनिक जब चाहे मैदान में पहुँच जाते और अभ्यास शुरू कर देते। उस समय तक मैं एक नौसिखिया खिलाड़ी था ।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. मेजर ध्यानचंद का जन्म कब हुआ ?

(क) 1906

(ख) 1904

(ग) 1903

(घ) 1902

Answer: (ख) 1904

Class 6 Hindi Chapter 2 गोल Notes

Question 2. सिपाही के रूप में वे सबसे पहले कहाँ भरती हुए?

(क) फर्स्ट ब्राह्मण रेजिमेंट

(ख) बर्लिन ओलंपिक

(ग) पंजाब रेजीमेंट

(घ) सैंपर्स एंड माइनर्स टीम

Answer: (क) फर्स्ट ब्राह्मण रेजिमेंट

Question 3. फर्स्ट ब्राह्मण रेजीमेंट के सूबेदार कौन थे?

(क) मेजर बलवंत

(ख) मेजर ध्यानचंद

(ग) मेजर दानवीर

(घ) मेजर तिवारी

Answer: (घ) मेजर तिवारी

Question 4. सैनिक मैदान में जाकर क्या करते थे?

(क) दौड़ लगाते थे।

(ख) गप्पें हाँकते थे।

(ग) हॉकी का अभ्यास करते थे।

(घ) मैदान की सफाई करते थे।

Answer: (ग) हॉकी का अभ्यास करते थे।

Question 5. ध्यानचंद कैसे खिलाड़ी थे ?

(क) कुशल

(ख) नौसिखिए

(ग) श्रेष्ठ

(घ) इनमें से कोई नहीं

Answer: (ख) नौसिखिए

[5] जैसे-जैसे मेरे खेल में निखार आता गया, वैसे-वैसे मुझे तरक्की भी मिलती गई। सन् 1936 में बर्लिन ओलंपिक में मुझे कप्तान बनाया गया। उस समय मैं सेना में लांस नायक था। बर्लिन ओलंपिक में लोग मेरे हॉकी खेलने के ढंग से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने मुझे ‘हॉकी का जादूगर’ कहना शुरू कर दिया। इसका यह मतलब नहीं कि सारे गोल मैं ही करता था। मेरी तो हमेशा यह कोशिश रहती कि मैं गेंद को गोल के पास ले जाकर अपने किसी साथी खिलाड़ी को दे दूँ ताकि उसे गोल करने का श्रेय मिल जाए। अपनी इसी खेल भावना के कारण मैंने दुनिया के खेल प्रेमियों का दिल जीत लिया। बर्लिन ओलंपिक में हमें स्वर्ण पदक मिला। खेलते समय मैं हमेशा इस बात का ध्यान रखता था कि हार या जीत मेरी नहीं, बल्कि पूरे देश की है।

प्रश्न-

(क) ध्यानचंद सर्वप्रथम किस टीम के कप्तान बने और कब ?

(ख) बर्लिन ओलंपिक के बाद ध्यानचंद को कौन-सी उपाधि मिली ?

(ग) खेलते समय ध्यानचंद किस बात का पूरा ध्यान रखते थे?

Answer:

(क) ध्यानचंद सर्वप्रथम सन् 1936 में बर्लिन ओलंपिक के कप्तान बने ।

(ख) बर्लिन ओलंपिक के बाद ध्यानचंद को ‘हॉकी का जादूगर’ की उपाधि मिली।

(ग) खेलते समय ध्यानचंद इस बात का ध्यान रखते थे कि हार या जीत मेरी नहीं बल्कि पूरे देश की होनी चाहिए ।

Chapter 2 गोल NCERT Hindi Class 6

4. पाठ से प्रश्न- अभ्यास

मेरी समझ से

प्रश्न (क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (*) बनाइए-

  1. “दोस्त, खेल में इतना गुस्सा अच्छा नहीं । मैंने तो अपना बदला ले ही लिया है। अगर तुम मुझे हॉकी नहीं मारते तो शायद मैं तुम्हें दो ही गोल से हराता । ” मेजर ध्यानचंद की इस बात से उनके बारे में क्या पता चलता है?
    • वे अत्यंत क्रोधी थे।
    • वे अच्छे ढंग से बदला लेते थे।
    • उन्हें हॉकी से मारने पर वे अधिक गोल करते थे।
    • वे जानते थे कि खेल को सही भावना से खेलना चाहिए।
  2. लोगों ने मेजर ध्यानचंद को ‘हॉकी का जादूगर’ कहना क्यों शुरू कर दिया?
    • उनके हॉकी खेलने के विशेष कौशल के कारण
    • उनकी हॉकी स्टिक की अनोखी विशेषताओं के कारण
    • हॉकी के लिए उनके विशेष लगाव के कारण
    • उनकी खेल भावना के कारण

Answer:

  1. वे जानते थे कि खेल को सही भावना से खेलना चाहिए।
  2. उनके हॉकी खेलने के विशेष कौशल के कारण।

(ख) अब अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?

Answer:

विद्यार्थी के स्वयं करने के लिए।

पंक्तियों पर चर्चा

पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार कक्षा में अपने समूह में साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।

प्रश्न (क) “बुरा काम करने वाला आदमी हर समय इस बात से डरता रहता है कि उसके साथ भी बुराई की जाएगी।”

Answer:

यदि कोई व्यक्ति किसी को बुरा-भला कहता है, गलत व्यवहार करता है या किसी भी प्रकार की चोट पहुँचाता है तो उसे अपने अंतर्मन से ग्लानि का अहसास होता है। उसे ऐसा लगता है कि उसके साथ भी कभी भी कुछ बुरा घटित हो सकता है या जिसका बुरा उसने किया | जैसे- ध्यानचंद जब ‘पंजाब रेजिमेंट’ की ओर से ‘सैंपर्स एंड माइनर्स’ टीम के साथ खेल रहे थे तो उनसे मुकाबला न कर पाने पर एक खिलाड़ी ने उनके सिर पर स्टिक दे मारी । लेकिन थोड़ी देर के बाद जब मेजर ध्यानचंद सिर पर पट्टी बाँधकर फिर से खेलने आ गए तो वह मन ही मन डरने लगा।

(ख) “मेरी तो हमेशा यह कोशिश रहती कि मैं गेंद को गोल के पास ले जाकर अपने किसी साथी खिलाड़ी को दे दूँ ताकि उसे गोल करने का श्रेय मिल जाए। अपनी इसी खेल भावना के कारण मैंने दुनिया के खेल प्रेमियों का दिल जीत लिया।”

Answer:

इन पंक्तियों में ध्यानचंद के व्यक्तित्व की यह भावना उजागर होती है कि वे अपनी टीम में अपने साथियों का भी पूरा सम्मान करते थे। टीम की जीत का श्रेय केवल स्वयं न लेकर पूरी टीम को दिलाना चाहते थे। इसी कारण गोल के पास ले जाकर गेंद अपने किसी साथी खिलाड़ी को दे देते थे ताकि वह भी गोल कर सके। उनकी इसी खेल भावना के कारण लोग उन्हें पसंद करते थे। ध्यानचंद ने अपने शब्दों में भी कहा है कि खेलते समय में इस बात का ध्यान रखता हूँ कि हार या जीत मेरी नहीं, बल्कि पूरे देश की है।

सोच-विचार के लिए

संस्मरण को एक बार फिर से पढ़िए और निम्नलिखित के बारे में पता लगाकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए-

NCERT Solutions Class 6 Hindi Chapter 2 गोल

प्रश्न (क) ध्यानचंद की सफलता का क्या रहस्य था?

Answer:

ध्यानचंद की सफलता का रहस्य था उनकी खेल के प्रति सच्ची लगन, साधना और खेल भावना। उन्होंने जब हॉकी खेलना शुरू किया तो वे बिल्कुल नौसिखिए थे। धीरे-धीरे अभ्यास से उनके खेल में निखार आता गया और उनको तरक्की भी मिलती गई। हॉकी सीखने के लिए कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी वे निरंतर प्रयासरत रहे। 1936 में वे बर्लिन ओलंपिक टीम के कप्तान बने और अपने हॉकी खेलने के ढंग से लोगों को इतना प्रभावित है, वह भी किसी-न-किसी रूप में उससे बदला अवश्य किया कि ‘हॉकी के जादूगर’ कहलाए। लेगा।

(ख) किन बातों से ऐसा लगता है कि ध्यानचंद स्वयं से पहले दूसरों को रखते थे?

Answer:

यह कथन सत्य है कि ध्यानचंद स्वयं से पहले दूसरों को रखते थे। वे गेंद को अपने साथियों के पास ले जाते थे ताकि वे गोल कर सकें। जीत का श्रेय केवल स्वयं न लेकर टीम को देना चाहते थे। दूसरी ओर इस बात का भी सदा ध्यान रखते थे कि हार या जीत उनकी नहीं पूरे देश की हो। जो यह दर्शाता है कि वे सच्चे देशप्रेमी थे।

संस्मरण की रचना

“उन दिनों में मैं, पंजाब रेजिमेंट की ओर से खेला करता था। ”

इस वाक्य को पढ़कर ऐसा लगता है मानो लेखक आपसे यानी पाठक से अपनी यादों को साझा कर रहा है। ध्यान देंगे तो इस पाठ में ऐसी और भी अनेक विशेष बातें आपको दिखाई देंगी। इस पाठ को एक बार फिर से पढ़िए ।

(क) अपने-अपने समूह में मिलकर इस संस्मरण की विशषेताओं की सूची बनाइए ।

Answer: विद्यार्थी के स्वयं करने योग्य।

(ख) अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए ।

Answer: विद्यार्थी के स्वयं करने योग्य।

शब्दों के जोड़े, विभिन्न प्रकार के

प्रश्न- (क) “जैसे-जैसे मेरे खेल में निखार आता गया, वैसे-वैसे मुझे तरक्की भी मिलती गई । ”

इस वाक्य में ‘जैसे-जैसे’ और ‘वैसे-वैसे’ शब्दों के जोड़े हैं जिनमें एक ही शब्द दो बार उपयोग में लाया गया है। ऐसे जोड़ों को ‘शब्द-युग्म’ कहते हैं। शब्द-युग्म में दो शब्दों के बीच में छोटी-सी रेखा लगाई जाती है जिसे योजक चिह्न कहते हैं। योजक यानी जोड़ने वाला । आप भी ऐसे पाँच शब्द-युग्म लिखिए।

Answer:

(क) रख-रखाव

(ख) साज-सज्जा

(ग) खान-पान

(घ) चाल-चलन

(ङ) टेढ़ी-मेढ़ी

(ख) “खेल के मैदान में धक्का-मुक्की और नोंक-झोंक की घटनाएं होती रहती हैं।”

इस वाक्य में भी आपको दो शब्द-युग्म दिखाई दे रहे हैं, लेकिन इन शब्द-युग्मों के दोनों शब्द भिन्न-भिन्न हैं, एक जैसे नहीं हैं। आप भी ऐसे पाँच शब्द-युग्म लिखिए जिनमें दोनों शब्द भिन्न-भिन्न हों।

Answer:

(क) ज्यों-ज्यों नदी का जल बढ़ता गया,

(ख) जब-जब देश पर विपदा आती है, तब-तब सरकार सहायता अवश्य करती है।

(ग) बूँद-बूँद टपकनें से भी सारा कमरा पानी-पानी हो गया।

(घ) राम-राम, रटते रटते वह ईश्वर का भक्त बन गया।

(ङ) धीरे-धीरे साफ़-सफ़ाई करके, माँ ने घर का कोना-कोना चमका डाला।

(ग) “हार या जीत मेरी नहीं, बल्कि पूरे देश की है।”

“आज मैं जहाँ भी जाता हूँ बच्चे व बूढ़े मुझे घेर लेते हैं। ”

इन वाक्यों में जिन शब्दों के नीचे रेखा खिंची है, उन्हें ध्यान से पढ़िए। हम इन शब्दों को योजक की सहायता से भी लिख सकते हैं, जैसे- हार-जीत, बच्चे-बूढ़े आदि। आप नीचे दिए गए शब्दों को योजक की सहायता से लिखिए-

  • अच्छा या बुरा – अच्छा-बुरा
  • छोटा या बड़ा – छोटा- – बड़ा
  • अमीर और गरीब – अमीर-गरीब
  • उत्तर और दक्षिण – उत्तर-दक्षिण
  • गुरु और शिष्य – गुरु-शिष्य
  • अमृत या विष – अमृत-विष

बात पर बल देना

“मैंने तो अपना बदला ले ही लिया है।”
“मैंने तो अपना बदला ले लिया है। ”

इन दोनों वाक्यों में क्या अंतर है? ध्यान दीजिए और बताइए । सही पहचाना ! दूसरे वाक्य में एक शब्द कम है। उस एक शब्द के न होने से वाक्य के अर्थ में भी थोड़ा अंतर आ गया है।

हम अपनी बात पर बल देने के लिए कुछ विशेष शब्दों का प्रयोग करते हैं जैसे- ‘ही’, ‘भी’, ‘तो’ आदि। पाठ में से इन शब्दों वाले वाक्यों को चुनकर लिखिए। ध्यान दीजिए त्यों-त्यों लोग गाँव छोड़कर जाते रहे। कि यदि उन वाक्यों में ये शब्द न होते तो उनके अर्थ पर इसका क्या प्रभाव पड़ता ।

Answer:

बात पर बल देने वाले शब्द ‘निपात’ कहलाते हैं।

(क) मेरे इतना कहते ही खिलाड़ी घबरा गया।

(ख) अब हर समय मुझे ही देखते रहना ।

(ग) अगर तुम मुझे हॉकी नहीं मारते तो शायद मैं तुम्हें दो ही गोल से हराता ।

(घ) तो देखा आपने मेरा बदला लेने का ढंग ।

(ङ) उसके साथ भी बुराई की जाएगी।

(च) मैं जहाँ भी जाता हूँ बच्चे व बूढ़े मुझे घेर लेते हैं।

(छ) लगन, साधना और खेल भावना ही सफलता का सबसे बड़ा मूलमंत्र है।

यदि वाक्यों में ‘ही’ ‘भी’ ‘तो’ आदि शब्दों का प्रयोग न किया जाए तो ये सामान्य वाक्य का रूप ले लेते हैं और ये शब्द वाक्य को प्रभावी बनाते हैं।

Hindi Chapter 2 गोल Class 6 CBSE Solutions

5. पाठ से आगे प्रश्न – अभ्यास

आपकी बात

(क) ध्यानचंद के स्थान पर आप होते तो क्या आप बदला लेते? यदि हाँ, तो बताइए कि आप बदला किस प्रकार लेते?

Answer:

यदि मैं ध्यानचंद के स्थान पर होता तो मुझे अपने प्रतिद्वंदी पर क्रोध तो आता और पलटकर बदला लेने की इच्छा भी होती। एक खिलाड़ी होने के नाते स्वयं पर संयम रखता क्योंकि हार-जीत होना खेल का नियम होता है।

मारपीट या ईर्ष्या करने वाला खिलाड़ी कभी सच्चा खिलाड़ी नहीं हो सकता, यह सोचकर चुप रहता ।

(ख) आपको कौन-से खेल और कौन-से खिलाड़ी सबसे अधिक अच्छे लगते हैं? क्यों?

Answer:

विद्यार्थी अपने मनपसंद खेल और खिलाड़ियों के नाम लिखें।

समाचार पत्र से

नोट– मनोरंजन एवं बौद्धिक भाग विद्यार्थियों के स्वयं करने योग्य।

6. अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. ‘गोल’ पाठ रचना की कौन-सी विधा है?

Answer: ‘गोल’ पाठ रचना की विधा संस्मरण है।

प्रश्न 2. सन् 1933 में ध्यानचंद किस रेजीमेंट की ओर से खेलते थे?

Answer: सन् 1933 में ध्यानचंद ‘पंजाब रेजीमेंट’ की ओर से खेलते थे।

प्रश्न 3. ध्यानचंद को किस टीम के खिलाड़ी ने हॉकी स्टिक मारी थी?

Answer: ध्यानचंद को ‘सैंपर्स एंड माइनर्स’ टीम के खिलाड़ी ने हॉकी स्टिक मारी थी।

प्रश्न 4. ध्यानचंद ने उससे अपना बदला कैसे लिया?

Answer: ध्यानचंद ने उससे अपना बदला लगातार छह गोल बना कर लिया।

प्रश्न 5. ध्यानचंद जी सफलता का मूलमंत्र क्या था ?

Answer: ध्यानचंद की सफलता का मूलमंत्र लगन, साधना और खेल भावना था।

प्रश्न 6. ‘नौसिखिया’ शब्द से आप क्या समझते हैं?

Answer: ‘नौसिखिया’ शब्द का अर्थ नया सीखने वाला है।

प्रश्न 7. बर्लिन ओलंपिक में जब ध्यानचंद कप्तान बने तो वे सेना के किस पद पर थे?

Answer: बर्लिन ओलंपिक में जब ध्यानचंद कप्तान बने तो वे ‘लांस नायक’ के पद पर थे।

प्रश्न 8. ‘बर्लिन ओलंपिक’ में ध्यानचंद की टीम को कौन-सा पदक प्राप्त हुआ?

Answer: ‘बर्लिन ओलंपिक’ में ध्यानचंद की टीम को ‘स्वर्ण पदक’ प्राप्त हुआ।

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प्रश्न 9. ध्यानचंद का जन्मदिन किस रूप में मनाया जाता है?

Answer: ध्यानचंद का जन्मदिन ‘राष्ट्रीय खेल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।

प्रश्न 10. भारत का सर्वोच्च ‘खेल रत्न’ पुरस्कार किसके नाम पर दिया जाता है?

Answer: भारत का सर्वोच्च ‘खेल रत्न’ पुरस्कार ध्यानचंद के नाम पर दिया जाता है।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. ‘माइनर्स टीम’ के खिलाड़ी ने ध्यानचंद के सिर पर स्टिक क्यों मारी ?

Answer: ध्यानचंद ‘पंजाब रेजीमेंट’ की ओर से खेल रहे थे। ‘माइनर्स टीम’ के खिलाड़ी उनसे गेंद छीनने का प्रयास करने में विफल हो रहे थे। इतने में एक खिलाड़ी को गुस्सा आ गया उसने हॉकी स्टिक ही ध्यानचंद के सिर पर मार दी।

प्रश्न 2. ध्यानचंद ने अपनी चोट का बदला लेने के लिए क्या किया?

Answer: ध्यानचंद पट्टी बाँधकर फिर से मैदान में आ गए। उन्होंने लगातार छह गोल करके अपनी प्रतिद्वंदी टीम को बुरी तरह हराकर बदला लिया।

प्रश्न 3. ध्यानचंद की सफलता का राज क्या था?

Answer: ध्यानचंद का अपनी सफलता हेतु कोई गुरुमंत्र न था। वे यह मानते थे कि यदि हम खेल को लगन, साधना और खेल भावना से खेलें तो अवश्य सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

प्रश्न 4. ध्यानचंद ने कब और कैसे ‘हॉकी’ खेलना शुरू किया?

Answer: अपनी 16 वर्ष की आयु में ध्यानचंद ‘फर्स्ट ब्राह्मण रेजिमेंट’ में सिपाही के रूप में भर्ती हुए। टीम के सूबेदार मेजर तिवारी थे, उन्होंने ध्यानचंद को क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया। पहले तो वे नौसिखिए की भाँति खेलते थे लेकिन धीरे-धीरे उनके खेल में निखार आता गया ।

CBSE For Class 6 Hindi Chapter 1 मातृभूमि – सोहनलाल द्विवेदी

CBSE For Class 6 Hindi Chapter 1 मातृभूमि – सोहनलाल द्विवेदी

1. कविता का सार

मातृभूमि कविता में कवि सोहनलाल द्विवेदी जी ने भारत के प्राकृतिक सौंदर्य और समृद्धि का वर्णन किया है । कवि का कहना है कि भारत की उत्तर दिशा में स्थित हिमालय पर्वत की ऊँची चोटियाँ आकाश को स्पर्श करती हुई प्रतीत होती है। विश्व का सबसे ऊँचा हिमालय पर्वत भारत के गौरव का प्रतीक है। दक्षिण में स्थित हिंद महासागर भारत माँ के चरणों को स्पर्श करता है और अपने भाग्य पर इतराता है। यह ऐसा पवित्र देश है जिसमें गंगा, यमुना एवं सरस्वती जैसी पवित्र नदियों का संगम स्वतः होता है। जिसका अद्भुत सौंदर्य चारों ओर बिखरा प्रतीत होता है। कवि को भारत की भूमि पवित्र एवं स्वर्णिम प्रतीत होती है। उसे अपनी मातृभूमि, अपनी जन्मभूमि भारत पर अत्यधिक गर्व है। भारत के पर्वतीय क्षेत्रों में कल-कल बहते हुए झरने यहाँ की शोभा बढ़ाते हैं। हरे-भरे वनों में चिड़ियों की चहचहाहट से वातावरण मदमस्त हो जाता है। आम के घने बगीचे में वसंत ऋतु के आगमन पर कोयल की मीठी कूक सुनाई देती है। भारत धरती पर बहती शीतल व शुद्ध हवा हर प्राणियों के तन-मन में स्फूर्ति व ताज़गी भर देती है। यहाँ अनेक धर्मों की स्थापना हुई जिससे जीवन के संदेश लोगों को मिले। इस देश की पावन धरती पर मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने जन्म लिया जो लोगों के लिए जीवन जीने का आदर्श बने। नारी धर्म का आदर्श प्रस्तुत करने वाली सीता माता की यह पुण्य भूमि है। कर्म का संदेश देने वाले श्रीकृष्ण भी इसी धरती पर जन्मे । प्रेम और अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध भी भारत भूमि के ही रत्न थे। कवि का मानना है कि यह युद्ध भूमि, यह बुद्ध भूमि मेरी मातृभूमि है, मेरी जन्मभूमि है। इस पर मुझे गर्व है।

2. अर्थग्रहण संबंधी एवं बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

नीचे लिखे काव्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

| ऊँचा खड़ा हिमालय
आकाश चूमता है,
नीचे चरण तले झुक,
नित सिंधु झूमता है।

गंगा यमुन त्रिवेणी
नदियाँ लहर रही हैं,
जगमग छटा निराली,
पग पग छहर रही हैं।

वह पुण्य भूमि मेरी,
वह स्वर्ण – भूमि मेरी ।
वह जन्मभूमि मेरी
वह मातृभूमि मेरी

शब्दार्थ : सिंधु- समुद्र । त्रिवेणी-तीन नदियों का संगम (गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम जो प्रयाग, इलाहाबाद में है।) नित-प्रतिदिन । जगमग- चमकदार। छटा – सुंदरता । निराली-सुंदर । पग-पग – हर कदम पर। छहर फैलना । पुण्य – पवित्र । स्वर्ण-सोना।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. हिमालय पर्वत भारत की किस दिशा में स्थित है?

(क) पूर्व दिशा

(ख) उत्तर दिशा

(ग) दक्षिण दिशा

(घ) पश्चिम दिशा हिंद महासागर भारत की

Answer: (ख). उत्तर दिशा

CBSE Class 6 Hindi Chapter 1 मातृभूमि – सोहनलाल द्विवेदी

Question 2. भारत का विशाल सागर किस दिशा में स्थित है?

(क) पूर्व दिशा

(ख) दक्षिण दिशा

(ग) उत्तर दिशा

(घ) पश्चिम दिशा

Answer: (ख). दक्षिण दिशा

Question 3. भारत में किन तीन पवित्र नदियों का अनोखा संगम प्रयाग में होता है?

(क) गंगा, यमुना, कावेरी

(ख) गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र

(ग) गंगा, यमुना, सरस्वती

(घ) गंगा, सिंधु, यमुना

Answer: (ग). गंगा, यमुना, सरस्वती

Question 4. इस पद्यांश में कवि ने भारत भूमि को किन-किन रूपों में देखा है?

(क) पुण्य-भूमि, स्वर्ण-भूमि जन्मभूमि मातृभूमि

(ख) पुण्य-भूमि, स्वर्ण- भूमि, कर्मभूमि, मातृभूमि

(ग) पुण्य-भूमि, स्वर्ण- भूमि, देव-भूमि, मातृभूमि

(घ) पुण्य भूमि, स्वर्णभूमि, युद्ध भूमि मातृभूमि

Answer: (क). पुण्य-भूमि, स्वर्ण-भूमि जन्मभूमि मातृभूमि

Question 5. कवि ने धरती को स्वर्ण-भूमि की संज्ञा क्यों दी है?

(क) कवि ने भारत की धरती पर जन्म लिया है।

(ख) कवि भारत की धरती को सोने के समान बहुमूल्य मानता है।

(ग) भारत की हरी-भरी धरती खनिज पदार्थों, औषधियों एवं वनस्पतियों से संपूर्ण है।

(घ) इनमें से कोई नहीं।

Answer: (ग). भारत की हरी-भरी धरती खनिज पदार्थों, औषधियों एवं वनस्पतियों से संपूर्ण है।

NCERT Solutions Class 6 Hindi Chapter 1 मातृभूमि

2.

झरने अनेक झरते
जिसकी पहाड़ियों में,
चिड़ियाँ चहक रही हैं,
हो मस्त झाड़ियों में।

अमराइयाँ घनी हैं
कोयल पुकारती है,
बहती मलय पवन है,
तन-मन सँवारती है।

वह धर्मभूमि मेरी,
वह कर्मभूमि मेरी ।
वह जन्मभूमि मेरी
वह मातृभूमि मेरी।

शब्दार्थ : अमराइयाँ- आम का बगीचा । मलय – शीतल व सुगंधित हवा, दक्षिण भारत में स्थित मलय पर्वत से आने वाली सुगंधित हवा |

भावार्थ – कवि कहते हैं कि भारत के पर्वतीय क्षेत्रों में कल-कल करते बहते हुए झरने बहुत सुंदर लगते हैं। वन्य प्रदेशों में चिड़ियों (पक्षियों) का गायन मन मोह लेता है। आम के घने बगीचों में वसंत ऋतु के आने पर कोयल की मीठी कूक सुनाई देती है। भारत के दक्षिण में मलय पर्वत से बहने वाली ठंडी और सुंगधित हवाएँ प्राणी जगत में स्फूर्ति एवं ताज़गी भर देती है। यह देश कर्मप्रधान देश है। भारत मेरी जन्मभूमि, मेरी कर्मभूमि, धर्मभूमि एवं मातृभूमि है।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. कल-कल स्वर में बहते झरनों का उद्गम स्थान क्या है?

(क) नदियाँ

(ख) सागर

(ग) पर्वतीय क्षेत्र

(घ) धरती से प्रस्फुटित होकर

Answer: (ग). पर्वतीय क्षेत्र

Question 2. चिड़ियाँ मधुरगान कहाँ करती हैं?

(क) घने जंगलों में

(ख) आकाश की ऊँचाईयों में

(ग) नदियों के किनारों पर

(घ) इनमें से कोई नहीं।

Answer: (क) घने जंगलों में

NCERT Solutions Class 6 Hindi Chapter 1 मातृभूमि

Question 3. कोयल का मधुरगान किस ऋतु में सुनाई देता है ?

(क) वर्षा ऋतु में

(ख) हेमंत ऋतु में

(ग) वसंत ऋतु में

(घ) पतझड़ ऋतु में

Answer: (ग). वसंत ऋतु में

Question 4. ठंडी और सुगंधित हवाएँ कहाँ से आती है?

(क) दक्षिण के मलय पर्वत से

(ख) उत्तर के हिमालय पर्वत से

(ग) उत्तर-पूर्व के अरावली पर्वतों से

(घ) पश्चिम के दक्कनी पठारों से

Answer: (क). दक्षिण के मलय पर्वत से

Question 5. पद्यांश में कवि ने भारत भूमि को किन-किन नामों से पुकारा है?

(क) धर्मभूमि, कर्मभूमि मातृभूमि, युद्धभूमि

(ख) धर्मभूमि, कर्मभूमि, मातृभूमि, देवभूमि

(ग) धर्मभूमि, कर्मभूमि, जन्मभूमि, मातृभूमि

(घ) धर्मभूमि, कर्मभूमि मातृभूमि, युद्धभूमि

Answer: (ग). धर्मभूमि, कर्मभूमि, जन्मभूमि, मातृभूमि

Class 6 Hindi Chapter 1 मातृभूमि NCERT Solutions

3.

जन्मे जहाँ थे रघुपति,
जन्मी जहाँ थी सीता,
श्रीकृष्ण ने सुनाई
वंशी पुनीत गीता ।

गौतम ने जन्म लेकर,
जिसका सुयश बढ़ाया,
जग को दया सिखाई,
जग को दिया दिखाया।

वह युद्ध भूमि मेरी,
वह बुद्ध भूमि मेरी ।
वह मातृभूमि मेरी,
वह जन्मभूमि मेरी

शब्दार्थ : रघुपति – दशरथ पुत्र राम वंशी – बाँसुरी । गीता-कुरुक्षेत्र के मैदान में श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया कर्म संदेश जो विस्तार से रचित है।

भावार्थ – कवि ने बड़े ही सुंदर ढंग से भारत में जन्म लेने वाले वीर महापुरुषों का वर्णन किया है। उनका कहना है कि इस देश में रघुकुल नंदन राम का जन्म हुआ। उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया। उनका जीवन उच्च चरित्र प्रस्तुत करता है। नारी धर्म का आदर्श स्थापित करने वाली सीता ने भी इसी धरती पर जन्म पाया। कृष्ण ने भारत भूमि पर जन्म लेकर महाभारत के युद्ध में गीता का उपदेश देकर मनुष्य को कर्म करने की शिक्षा दी गई। बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध ने मानव को प्रेम और अहिंसा का पाठ पढ़ाया। कवि ने कहना चाहा है कि यह भारत भूमि मेरी जन्मभूमि है। जो शांति और अहिंसा का संदेश देती है और धर्म और न्याय की रक्षक है। बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. कवि ने किन-किन महापुरुषों का उल्लेख किया है?

(क) राम, कृष्ण, गौतम

(ख) राम, कृष्ण, गांधी

(ग) राम, कृष्ण, विनोबाभावे

(घ) राम, कृष्ण, अशोक

Answer: (क). राम, कृष्ण, गौतम

Question 2. नारी जीवन का आदर्श प्रस्तुत करने वाली किस महिला का नाम कविता में उभारा गया है?

(क) सीता

(ख) राधा

(ग) द्रोपदी

(घ) मदरटेरेसा

Answer: (क). सीता

Question 3. कृष्ण ने गीता के उपदेश में मनुष्य को क्या शिक्षा दी?

(क) लाभ कमाने की

(ख) बड़ों की सेवा करने की

(ग) कर्म करने की

(घ) एक-दूसरे का हाथ बँटाने की

Answer: (ग). कर्म करने की

Question 4. गौतम बुद्ध ने को क्या पाठ पढ़ाया ? मनुष्य

(क) प्रेम का

(ख) अहिंसा का

(ग) गीता का

(घ) इनमें कोई नहीं

Answer: (ख). अहिंसा का

मातृभूमि सोहनलाल द्विवेदी Chapter 1 Hindi Class 6 NCERT

Question 5. इस पद्यांश में कवि ने भारत की धरती को किन-किन नामों से पुकारा है?

(क) युद्धभूमि, बुद्धभूमि, मातृभूमि, जन्मभूमि

(ख) युद्धभूमि, बुद्धभूमि, मातृभूमि, देवभूमि

(ग) युद्धभूमि बुद्धभूमि देवभूमि, कर्मभूमि

(घ) युद्धभूमि, बुद्धभूमि, मातृभूमि, कर्मभूमि

Answer: (क). युद्धभूमि, बुद्धभूमि, मातृभूमि, जन्मभूमि

3. पाठ से प्रश्न- अभ्यास

आइए, अब हम इस कविता पर विस्तार से चर्चा करें। आगे दी गई गतिविधियाँ इस कार्य में आपकी सहायता करेंगी।

मेरी समझ से

प्रश्न 1. (क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा बनाइए-

(1) हिंद महासागर के लिए कविता में कौन-सा शब्द आया है?

  • चरण
  • हिमालय
  • वंशी
  • सिंधु
  • (2) मातृभूमि कविता में मुख्य रूप से-

भारत की प्रशंसा की गई है।

भारत के महापुरूषों की जय की गई है।

भारत की प्राकृतिक सुंदरता की सराहना की गई है।

भारतवासियों की वीरता का बखान किया गया है।

Answer:

  1. सिंधु
  2. भारत की प्राकृतिक सुंदरता की सराहना की गई है।

CBSE Hindi Class 6 Chapter 1 मातृभूमि

(ख) अब अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए और कारण बताइए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?

Answer:

  1. हिंद महासागर का प्राचीन नाम ‘सिंधु महासागर’ था जो प्राचीन भारतीयों द्वारा रखा गया था। भारत के नाम पर इस सागर का नाम ‘हिंद महासागर’ रखा गया। कविता में सोहनलाल द्विवेदी ने हिंद महासागर से अपनत्व के कारण इसे सिंधु नाम से पुकारा इसलिए ‘सिंधु’ शब्द का विकल्प, चयन करना उचित होगा।
  2. ‘मातृभूमि’ कविता में कवि सोहनलाल जी ने भारत के पर्वतों, नदियों, वृक्षों, मलय, पवन, घनी अमराइयों आदि की चर्चा अधिक की है इसलिए भारत की प्राकृतिक सुंदरता की सराहना की गई है। विकल्प का चयन उचित है।

पंक्तियों पर चर्चा

कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए । आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार कक्षा में अपने समूह में साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए-

“वह युद्ध भूमि मेरी, वह बुद्ध भूमि मेरी । वह मातृभूमि मेरी, वह जन्मभूमि मेरी।”

उत्तर- कवि ने भारत को ‘युद्ध भूमि मेरी’ कहा क्योंकि भारत की भूमि सदा संघर्ष की भूमि रही है यह हमें हर तरह के अभाव, अज्ञान और दुख से लड़ना सिखाती है। भारत पर कितने ही शासकों ने शासन किया लेकिन भारतीयों ने अपनी सभ्यता एवं संस्कृति पर आँच नहीं आने दी। कवि ने भारत को बुद्धभूमि कहा क्योंकि महात्मा बुद्ध ने भारतीयों को प्रेम, दया एवं अहिंसा का संदेश दिया ताकि भारत मे अखंडता न रहे।

आत्मसम्मान व आंतरिक लगाव के कारण कवि इसे मातृभूमि की संज्ञा देता है। अंत में कवि इस पावन धरती को जन्मभूमि कहा क्योंकि वह इसी धरती पर जन्मा है और उसे भारत की गौरवमयी धरती पर जन्म लेने पर अत्यधिक गर्व है।

सोच-विचार के लिए

प्रश्न. (क) कविता को एक बार फिर से पढ़िए और निम्नलिखित के बारे में पता लगाकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।

  1. कोयल कहाँ रहती है?
  2. तन-मन कौन सँवारती है?
  3. झरने कहाँ से झरते हैं?
  4. श्रीकृष्ण ने क्या सुनाया था?
  5. गौतम ने किसका यश बढ़ाया ?

(ख) “नदियाँ लहर रही हैं पग पग छहर रही हैं”

‘लहर’ का अर्थ होता है-

पानी का हिलोरा, मौज, उमंग, वेग, जोश

‘छहर’ का अर्थ होता है-

बिखरना, छितराना, छिटकना, फैलना

कविता पढ़कर पता लगाइए और लिखिए-

  • कहाँ-कहाँ छटा छहर रही हैं?
  • किसका पानी लहर रहा हैं?

Answer:

(क)

  1. कोयल अमराइयों में रहती है।
  2. बहती मलय पवन हमारा तन-मन सँवारती है।
  3. झरने पहाड़ियों से झरते हैं।
  4. श्रीकृष्ण ने मधुर बाँसुरी बजाकर सबका मन मोह लिया और गीता का संदेश भी दिया।
  5. गौतम ने भारत का यश बढ़ाया पूरे संसार को अहिंसा दया और

(ख)

  • कहाँ-कहाँ छटा छहर रही हैं?
    नदियों के किनारों पर नदी में तेज लहर आने पर जल दूर-दूर तक फैल जाता है और नदी तेज़ वेग में हिलोरे लेकर आगे बढ़ती है।
  • किसका पानी लहर रहा है?
    गंगा, यमुना और त्रिवेणी (गंगा, यमुना
    एवं सरस्वती का संगम स्थल) में पानी हिलोरे लेकर उमंग, जोश एवं मस्ती से आगे बढ़ता है।

कविता की रचना

“गंगा यमुन त्रिवेणी
नदियाँ लहर रही हैं “

‘यमुन’ शब्द यहाँ ‘यमुना’ नदी के लिए आया है। कभी-कभी कवि कविता की लय और सौंदर्य को बढ़ाने के लिए इस प्रकार से शब्दों को थोड़ा बदल देते हैं। यदि आप कविता को थोड़ा और ध्यान से पढ़ेंगे तो आपको और भी बहुत-सी विशेषताएँ पता चलेंगी। आपको जो विशेष बातें दिखाई दें, उन्हें आपस में साझा कीजिए और लिखिए | जैसे सबसे ऊपर इस कविता का एक शीर्षक है।

Answer:

छात्र – छात्राएँ अपने शिक्षक की मदद से समाधान करें।

अनुमान या कल्पना से

अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए-

(क) “ अमराइयाँ घनी हैं
कोयल पुकारती है”
कोयल क्यों पुकार रही होगी? किसे पुकार रही होगी? कैसे पुकार रही होगी?

(ख) ” बहती मलय पवन है,
तन-मन सँवारती है”
पवन किसका तन-मन सँवारती है? वह यह कैसे करती है?

Answer:

छात्र-छात्राएँ अपने समूह में मिलकर चर्चा करें।

शब्दों के रूप

नीचे शब्दों से जुड़ी कुछ गतिविधियाँ दी गई हैं। इन्हें करने के लिए आप शब्दकोश, अपने शिक्षकों और साथियों की सहायता भी ले सकते हैं।

Class 6 Hindi Chapter 1 मातृभूमि Notes

(क) नीचे दी गई पंक्तियों को पढ़िए-

जगमग छटा निराली,
पग पग छहर रही हैं ”

इन पंक्तियों में ‘पग’ शब्द दो बार आया है। इसका अर्थ है ‘हर पग’ या ‘हर कदम’ पर।

शब्दों के ऐसे ही कुछ जोड़े नीचे दिए गए हैं। इनके अर्थ लिखिए-

Answer:

घर-घर प्रत्येक घर

बाल-बाल हर बाल (बच्चा) एक-एक बाल। सिरके बाल

साँस साँस हर साँस (विशेष- एक ओर अर्थ भी है थोड़े से अंतर से बचना । जैसे- वह गिरने को था पर बाल-बाल बच गया।

देश-देश प्रत्येक देश में
पर्वत – पर्वत हर पर्वत

4. पाठ से आगे प्रश्न- अभ्यास

आपकी बात

प्रश्न (क) इस कविता में भारत का सुंदर वर्णन किया गया है। आप भारत के किस स्थान पर रहते हैं? वह स्थान आपको कैसा लगता है? उस स्थान की विशेषताएँ बताइए।

(संकेत – प्रकृति, खान-पान, जलवायु, प्रसिद्ध स्थान आदि)

(ख) अपने परिवार के किसी सदस्य या मित्र के बारे में लिखिए। उसकी कौन-कौन सी बातें आपको अच्छी लगती हैं?

Answer: छात्र-छात्राएँ निम्न संकेत बिंदु की मदद से अपने-अपने स्थान का वर्णन कीजिए।

(क) प्रकृति – आपके प्रांत में ईश्वरीयकृत सौंदर्य स्वरूप क्या है? पेड़-पौधे, नदियों, पर्वतों आदि की शब्द चर्चा कीजिए।

खान-पान– आपके प्रांत के मुख्य भोज्य पदार्थ क्या हैं। उनका वर्णन करें।

जलवायु – मौसम कैसा रहता है? उल्लेख करें?

प्रसिद्ध स्थान – प्रमुख इमारतें, दार्शनिक स्थल, विशेष बगीचे, मैदानों आदि की विशेषताएँ बताते हुए लिखिए ।

Chapter 1 मातृभूमि सोहनलाल द्विवेदी Hindi Class 6 Solutions

(ख) मेरे परिवार में मुझे मेरे पिताजी सबसे अच्छे लगते हैं। उनकी निम्नलिखित बातें मुझे अच्छी लगती हैं-

  1. वे ‘सादा जीवन उच्च विचार’ में विश्वास करते हैं।
  2. प्रातः लंबी सैर पर जाते हैं ताकि स्वस्थ रहें।
  3. देसी खाना खाते हैं, उन्हें पश्चिमी सभ्यता के व्यंजन पसंद नहीं हैं क्योंकि वे पौष्टिक नहीं होते ।
  4. वे समाजसेवी हैं। अपने कार्यालय के कार्य के बाद समाजसेवी कार्य करते हैं।
  5. परिवार के प्रति पूर्णरूप से समर्पित रहते हैं।
  6. अपने बड़े-बुजुर्गों का बहुत सम्मान करते हैं।
  7. परिवार के प्रत्येक सदस्य की आवश्यकताओं को पूरा करने का भरसक प्रयास करते हैं।
  8. किसी भी कार्य को करने से पूर्व पहले भली-भाँति विचार करते हैं।

वंशी – से

“श्रीकृष्ण ने सुनाई
वंशी पुनीत गीता”

‘वंशी’ बाँसुरी को कहते हैं। यह मुँह से फूँक कर बजाया जाने वाला एक ‘वाद्य’ यानी बाजा है। नीचे फूँक कर बजाए जाने वाले कुछ वाद्यों के चित्र दिए गए हैं। इनके नाम शब्द-जाल से खोजिए और सही चित्र के नीचे लिखिए।

साझी समझ

आपने ‘मातृभूमि’ कविता को भी पढ़ा और ‘वंदे मातरम्’ को भी। अब कक्षा में चर्चा कीजिए और पता लगाइए कि इन दोनों में कौन-कौन सी बातें एक जैसी हैं और कौन-कौन सी बातें कुछ अलग हैं।

Answer:

मातृभूमि एवं वंदे मातरम् में समानता-

  • नदियों द्वारा जल से परिपूर्ण
  • फलों से परिपूर्ण
  • शीतल मलय पवन का बहना

असमानताएँ-

  • मात्रभूमि कविता
  • हिमालय एवं सागर की चर्चा ।
  • धरती को मातृभूमि, जन्मभूमि, स्वर्णभूमि, पुण्यभूमि, धर्मभूमि, कर्मभूमि, पुद्धभूमि बुद्धभूमि आदि नामों से पुकारना ।
  • बुद्ध, राम-सीता, कृष्ण का वर्णन ।
  • झरने, पहाड़ियों को दर्शाना
  • पक्षियों की चहक दर्शाना

वंदे मातरम् –

  • भारत माता को प्रणाम ।
  • अन्न से परिपूर्ण खेत बताना।
  • चंद्रमा के शोभायमान प्रकाश की छटा का चित्रण ।
  • खिले फूलों से सुसज्जित पेड़ों की शब्द चर्चा ।
  • सदा हँसने वाली, मधुर भाषा बोलने वाली, वरदान देने वाली भारत माँ को प्रणाम करना ।

5. अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. हिमालय पर्वत भारत की किस दिशा में स्थित है?

उत्तर- हिमालय पर्वत भारत की उत्तर दिशा में स्थित है।

प्रश्न 2. भारत माँ के चरण कौन स्पर्श करता है?

उत्तर- भारत माँ के चरण हिंद महासागर स्पर्श करता है।

प्रश्न 3. त्रिवेणी शब्द से आप क्या समझते हैं?

उत्तर- त्रिवेणी! अर्थात तीन नदियों का समूह भारत में तीन नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम प्रयाग में होता है। यहाँ तीनों नदियाँ एक होकर बहने लगती हैं।

Hindi Chapter 1 मातृभूमि – सोहनलाल द्विवेदी Solutions Class 6

प्रश्न 4. ‘जगमग छटा निराली’ शब्दों का क्या अर्थ है?

उत्तर- ‘जगमग छटा निराली’ शब्दों का अर्थ है कि भारत की धरती नदियों के जल से स्वयं को सींचती है और अपार खनिज पदार्थ, औषधियाँ एवं वनस्पतियाँ प्रदान करती हैं।

प्रश्न 5. झरनों का कैसा स्वर सुनाई देता है?

उत्तर- झरनों का कल-कल का स्वर सुनाई देता है, जो सबका मन मोह लेता है।

प्रश्न 6. कोयल किस ऋतु में और कहाँ कूकती है?

उत्तर- कोयल वसंत ऋतु में और आमों के बगीचों में मधुर गीत गाती है।

प्रश्न 7. शीतल एवं सुगंधित हवाएँ कहाँ से आती हैं।

उत्तर- शीतल और सुगंधित हवाएँ मलयगिरि पर्वतों से चंदन की सुगंध लिए बहती है। ये भारत के पश्चिम दिशा में स्थित हैं।

प्रश्न 8. भारत देश कैसा देश है?

उत्तर- भारत देश कर्म प्रधान देश है।

प्रश्न 9. भारत की धरती पर किस-किस महापुरुष ने जन्म लिया? कविता के आधार पर बताइए ।

उत्तर- भारत की धरती पर मर्यादा पुरुषोत्तम राम, कृष्ण और महात्मा बुद्ध ने जन्म लिया।

प्रश्न 10. गीता में कृष्ण ने क्या संदेश दिया?

उत्तर- गीता में कृष्ण ने कर्म का संदेश दिया कि हमें निस्वार्थ भाव से कर्म करना चाहिए।

प्रश्न 11. गौतम बुद्ध ने संसार को क्या मार्ग दिखाया ?

उत्तर- गौतम बुद्ध ने संसार को दया, प्रेम एवं अहिंसा का मार्ग दिखाया।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. कवि ने मातृभूमि कविता की रचना किस उद्देश्य से की है?

उत्तर – कवि ने कविता की रचना भारत के प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ इसकी महानता एवं गौरव का गान करने के लिए की है। इसमें बताया है कि हिमालय पर्वत किस प्रकार आकाश को चूमता प्रतीत होता है। हिंद महासागर की लहरें भारत माँ के चरण स्पर्श करती हैं। इसके सीने पर बहती नदियाँ गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम स्थल आकर्षित करता है। कल-कल करते झरने मन मोह लेते हैं। मलय पर्वतों से आती ठंडी और सुगंधित हवाएँ सबकों राहत देती है।

प्रश्न 2. महात्मा बुद्ध ने लोगों को क्या संदेश दिया?

उत्तर- महात्मा बुद्ध ने लोगों को दया, प्रेम, परोपकार का संदेश दिया। विश्व में व्याप्त अज्ञानता को उन्होंने ज्ञान रूपी दीये की लौ से आलोकित करना चाहा।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. ‘जगमग छटा निराली’, पग-पग पर ‘छहर रही है’- पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- ‘जगमग छटा’ निराली, पग-पग पर ‘छहर रही ‘ है- से कवि का आशय है कि भारत के इलाहाबाद में गंगा, यमुना एवं सरस्वती बह रही हैं। इन तीनों नदियों के ‘संगम’ पर इनकी लहरें चारों ओर अपनी सुंदरता बिखेर देती हैं और नदियों का जल धरती को सींचता हुआ आगे बढ़ता है जिससे धरती हरी-भरी हो जाती है और फसलो रूपी सोना बिखेरती है। यह सौंदर्य सबको अपनी ओर आकर्षित करता है।

प्रश्न 2. भारत को पुण्यभूमि और स्वर्णभूमि क्यों कहा गया है?

उत्तर- भारत ऋषि मुनियों का देश है, जिन्होंने आजीवन पवित्र जीवन का संदेश भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को दिया है। उन्होंने सत्य, अहिंसा, मानवता, भाईचारे और | दया आदि का संदेश चारों ओर फैलाया। इसीलिए भारत भूमि को पुण्यभूमि कहा है। भारत नदियों का देश है और यहाँ की मिट्टी बहुत उपजाऊ है। इस कारण यहाँ भरपूर फ़सल होती है अर्थात यहाँ की मिट्टी सोना उगलती है। यही कारण है कि इसे स्वर्णभूमि कहा जाता है।

Class 6 Hindi Chapter 1 मातृभूमि Notes

प्रश्न 3. कविता में कवि ने किन दो महाकाव्यों के किन-किन पात्रों का उल्लेख किया है और भारतीय संस्कृति में उनका क्या महत्व है?

उत्तर – कवि ने बाल्मिकी द्वारा रचित रामायण के नायक श्रीराम और सीता तथा वेदव्यास द्वारा रचित महाभारत के नायक भगवान श्रीकृष्ण का वर्णन किया है। राम ‘ पुरुषोत्तम राम’ कहलाए क्योंकि उन्होंने आदर्शों पर जीवन बिताया और श्रीकृष्ण ने कर्म का संदेश दिया। सीता का चित्रण आदर्श भारतीय नारी के रूप में किया है। इनसे यह प्रेरणा दी गई है कि हमें निस्वार्थ कर्म करना चाहिए और अपने जीवन को आदर्शों पर चलना चाहिए।

प्रश्न 4. कवि ने भारत की भूमि को युद्धभूमि और बुद्धभूमि क्यों कहा है?

उत्तर- कवि का यह मानना है कि भारत की धरती सदा संघर्ष भूमि रही है। न जाने कितने शासकों ने भारत पर शासन किया लेकिन भारत ने अपने संघर्ष से अपनी सभ्यता और संस्कृति पर कभी आँच न आने दी। बुद्धभूमि से कवि का तात्पर्य है कि महात्माबुद्ध भारतवासियों को प्रेम, दया, सहानुभूति एवं भाईचारा का संदेश पढ़ाया जो वर्तमान में ज्यों-का-त्यों है।

मूल्यपरक / व्यावहारिक प्रश्न

प्रश्न 1. एक भारतवासी होने के नाते हमारे क्या कर्तव्य बनते हैं?

उत्तर- भारतवासी होने के नाते हमारे निम्नलिखित कर्तव्य बनते हैं-

  1. भारतीय संस्कृति के अनुसार मेहमानों का आदर और बड़े-छोटों सभी का सदैव सम्मान करना चाहिए।
  2. अपनी पढ़ाई की ओर पूरा ध्यान देना चाहिए ताकि बड़े होकर हम देश की आर्थिक उन्नति हेतु कार्य कर सकें।
  3. सार्वजनिक स्थानों की सफ़ाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए।
  4. धार्मिक और जातीय भावनाओं से ऊपर उठकर मानवीय मूल्यों को अपनाना चाहिए।
  5. पुराने रीति-रिवाज़ या ऐसे बँधन जो हमारी उन्नति में बाधा उत्पन्न करते हैं, उन्हें तोड़ देना चाहिए।
  6. पढ़-लिखकर विदेशों में पलायन न करके अपने देश को ऊँचा करने का प्रयास करना चाहिए।
  7. पैतृक उद्योग-धंधों को बढ़ावा देना चाहिए।
  8. देश की रक्षा हेतु प्राण न्यौछावर करने से कभी घबराना नहीं चाहिए।
  9. हमारी सभ्यता और संस्कृति अक्षुण्ण है, इसकी गरिमा को सदैव बनाए रखना चाहिए।
  10. सदा सच्चाई और ईमानदारी के पथ पर चलना चाहिए।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 5 साथी हाथ बढ़ाना Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 5 साथी हाथ बढ़ाना Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 5 साथी हाथ बढ़ाना पाठ का सार

‘साथी हाथ बढ़ाना’ कविता प्रसिद्ध कवि | (शायर) साहिर लुधियानवी द्वारा रचित है। इस गीत के द्वारा कवि ने संगठन की महत्ता पर बल दिया है। कवि कहता है कि मिल-जुलकर काम करने से बड़ी-बड़ी मुसीबतें भी समाप्त हो जाती हैं। जब भी मेहनत करने वालों ने अपना कदम आगे बढ़ाया, उनकी मुसीबतें समाप्त हो गई और रास्ते स्वयं बनते चले गए। परिश्रम करने व एक-दूसरे के साथ सहयोग करने से मनुष्य कुछ भी हासिल कर सकता है।

कवि के अनुसार, सुख-दुःख का चक्र जीवन में हमेशा आता रहता है। हमें हर परिस्थिति में हमेशा अपनी मंजिल की ओर बढ़ते रहना चाहिए। दुनिया में हर बड़ी चीज छोटी-छोटी चीजों से मिलकर ही बनी है। एक-दूसरे के साथ संगठित होकर मनुष्य अपने भाग्य को बदल सकता है।

काव्यांशों की विस्तृत व्याख्या

काव्यांश 1

साथी हाथ बढ़ाना
एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना।
साथी हाथ बढ़ाना।
हम मेहनतवालों ने जब भी मिलकर कदम बढ़ाया।
सागर ने रास्ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया
फ़ौलादी हैं सीने अपने फ़ौलादी हैं बाँहें
हम चाहें तो चट्टानों में पैदा कर दें राहें
साथी हाथ बढ़ाना।

शब्दार्थ बोझ भार, हाथ बढ़ाना सहायता करना, कदम-पैर, सागर-समुद्र, सीस-सिर, फौलाबी-मजबूत, चट्टान- बड़ा भारी कठोर पत्थर

संदर्भ प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक वसंत भाग-1 में संकलित ‘साथी हाथ बढ़ाना’ कविता से ली गई हैं। इसके रचयिता प्रसिद्ध गीतकार ‘साहिर लुधियानवी’ हैं।

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प्रसंग प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने मिल-जुलकर कार्य करने के महत्त्व को दर्शाया है। मनुष्य यदि मिल-जुलकर कार्य करे, तो कठिन से कठिन कार्य करने में भी सफलता प्राप्त की जा सकती है।

व्याख्या प्रस्तुत पंक्तियों में कवि लोगों को मिल-जुलकर कार्य करने के लिए प्रेरित कर रहा है। यदि मनुष्य अकेले कार्य करेगा, बोझ उठाएगा तो वह शीघ्र ही थक जाएगा। हमें मिलकर दूसरों का हाथ बँटाते हुए कार्य करना चाहिए। मिल-जुलकर बोझ उठाने से बोझ सरलता से उठाया जा सकता है और हर कार्य सरलता से पूरा हो सकता है। मिल-जुलकर कदम बढ़ाया, उनके सामने आने वाली बाधाएँ हट गईं।

जब भी परिश्रम करने वाले लोगों ने किसी भी कार्य के लिए मिलकर कार्य करने वालों के लिए समुद्र ने भी रास्ता दे दिया, पर्वत भी झुक गया अर्थात् एकजुट होकर कार्य करने वालों को कोई भी बाधा आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती।

परिश्रमी लोगों का सीना और हाथ फौलाद अर्थात् लोहे के समान मजबूत होते हैं। मेहनती लोग यदि चाहें तो चट्टानों में भी रास्ते बना सकते हैं अर्थात् कठिन से कठिन कार्य भी पूरा कर सकते हैं।

विशेष

  1. प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने मनुष्य को मिलकर काम करने का संदेश दिया है।
  2. इन पंक्तियों में लय तथा संगीतात्मकता है।
  3. प्रत्येक पंक्ति का अंतिम शब्द तुकांत है।

काव्यांश 2

मेहनत अपने लेख की रेखा, मेहनत से क्या डरना
कल गैरों की खातिर की आज अपनी खातिर करना
अपना दुःख भी एक है साथी
अपना सुख भी एक अपनी मंज़िल सच की मंजिल,
अपना रास्ता नेक साथी हाथ बढ़ाना।

शब्दार्थ गैर अपरिचित, जिन्हें जानते न हों, खातिर के लिए मंजिल-लक्ष्य, उद्देश्य, ध्येय, नेक भला

प्रसंग प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने मनुष्य को परिश्रम करके सभी कठिनाइयों पर विजय पाने और अपने इन साथियों को मिलकर देश के नव निर्माण के लिए कार्य करने, लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए कहा है।

व्याख्या प्रस्तुत पंक्तियों में कवि अपने साथियों से कहता है कि परिश्रम करने से डरना नहीं चाहिए। परिश्रम करना अपने भाग्य में ही लिखा है। जब तक हमारा देश गुलाम था तब तक हमने विदेशियों के लिए कार्य किए, किंतु आज हम स्वतंत्र हैं। अब हमें अपने देश की उन्नति के लिए कार्य करना चाहिए। हम सभी, जो साथ में कार्य करते रहे हैं, सुख और दुःख के साथी हैं। हमारा लक्ष्य सत्य को प्राप्त करना है तथा हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मिल-जुलकर आगे बढ़ना चाहिए।

विशेष

  1. कवि ने देश की उन्नति के लिए सहयोग भावना के साथ कार्य करने पर बल दिया है।
  2. कहीं-कहीं उर्दू शब्दों का सहज रूप से प्रयोग किया है। जैसे खातिर, गैर, मंजिल, आदि।

काव्यांश 3

एक-से-एक मिले तो कतरा बन जाता है दरिया
एक-से-एक मिले तो ज़र्रा, बन जाता है सेहरा
एक-से-एक मिले तो राई, बन सकती है पर्वत
एक-से-एक मिले तो इंसाँ बस में कर ले किस्मत
साथी हाथ बढ़ाना।

शब्दार्थ दरिया नदी, जर्रा धूल का कण, सेहरा रेगिस्तान, राई -सरसों, किस्मत भाग्य

प्रसंग प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने आपस में एकता बनाकर रखने का संदेश दिया है।

व्याख्या प्रस्तुत पंक्तियों में कवि संगठन में शक्ति को स्पष्ट करते हुए बताता है कि एक-एक बूँद एकत्र होकर सागर का रूप ले लेती है, धूल का एक-एक कण एकत्र होकर रेगिस्तान का रूप ले लेता है तथा एक-एक राई का दाना भी एकत्रित होकर पहाड़ का आकार ले लेता है, इसी प्रकार मनुष्य भी यदि मिलकर कार्य करें, तो अपने भाग्य को वश में कर सकते हैं। मनुष्य को आपसी सहयोग के साथ कार्य करना चाहिए।

विशेष

  1. कवि ने बताया है कि एकत्रित होकर छोटी वस्तुएँ भी बड़े आकार में परिवर्तित हो जाती हैं।
  2. उर्दू शब्दों का सहजतापूर्वक प्रयोग किया है; जैसे-कतरा जर्रा आदि।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 5 साथी हाथ बढ़ाना पाठ्यपुस्तक वसंत भाग-1 के प्रश्नोत्तर

गीत से (पृष्ठ संख्या 29)

प्रश्न 1. इस गीत की किन पंक्तियों को तुम अपने आस-पास की जिंदगी में घटते हुए देख सकते हो?

उत्तर इस गीत की निम्न पंक्तियों को हम अपने आस-पास की जिंदगी में घटते हुए देख सकते हैं

  • हम मेहनतवालों ने जब भी मिलकर कदम बढ़ाया सागर ने रस्ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया
  • एक-से-एक मिले तो कतरा बन जाता है दरिया एक-से-एक मिले तो ज़र्रा बन जाता है सेहरा

प्रश्न  2. ‘सागर ने रस्ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया’ – कवि ने ऐसा क्यों कहा है? लिखिए।

उत्तर कवि ने ऐसा इसलिए कहा, क्योंकि संगठन में इतनी शक्ति होती है कि वह बड़ी से बड़ी बाधाओं को भी दूर कर सकती है। कवि ने समुद्र तथा पर्वत के उदाहरण द्वारा समझाने का प्रयत्न किया है कि मिलकर कार्य

करने वालों के लिए समुद्र भी रास्ता छोड़ देता है तथा पर्वत भी शीश झुका देता है अर्थात् उन्हें कोई भी बाधा आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती है। कठिन से कठिन लक्ष्य भी सरलता से प्राप्त किया जा सकता है।

प्रश्न 3.  गीत में सीने और बाँहों को फ़ौलादी क्यों कहा गया है?

उत्तर गीत में मनुष्य के सीने और बाँहों को फौलादी इसलिए कहा गया है, क्योंकि मनुष्य में परिश्रम करने की असीम क्षमता होती है। सदा परिश्रम करके मनुष्य ने सफलता प्राप्त की है। परिश्रम करने के लिए मन में पक्के विश्वास की आवश्यकता होती है। दृढ़ निश्चय और परिश्रम से लक्ष्य की प्राप्ति संभव है।

गीत से आगे (पृष्ठ संख्या 29)

प्रश्न 1. अपने आसपास तुम किसे ‘साथी’ मानते हो और क्यों? इससे मिलते-जुलते कुछ और शब्द खोजकर लिखिए।

उत्तर मैं अपने आस-पास परिवार के लोगों, मित्रों, प्रकृति, पशु-पक्षियों सभी को अपना साथी मानता / मानती हूँ। ये सभी लोग सदैव किसी-न-किसी रूप में मेरे कार्यों में सहयोग देते हैं। मिलते-जुलते शब्द मित्र, गीत, सहचर, संगी, दोस्त, सहयोगी, हितैषी, शुभचिंतक, सहपाठी आदि ।

प्रश्न 2. ‘अपना दुःख भी एक है साथी अपना सुख भी एक ‘ कक्षा, मोहल्ले और गाँव / शहर के किस-किस तरह के साथियों के बीच तुम्हें इस वाक्य की सच्चाई महसूस होती है और कैसे?

उत्तर हमारी कक्षा व मोहल्ले में साथियों के साथ खेल में हार-जीत होने पर एक-सी ही भावना होती है। खेल या प्रतियोगिता में सफल होने पर सबको खुशी होती है और असफल होने पर सबको दुःख होता है। गाँव और शहर में बिजली की कटौती होने पर, जल की समस्या, बाढ़ व भूकंप आने पर सभी को एक समान कष्ट होता है।

प्रश्न 3. इस गीत को तुम किस माहौल में गुनगुना सकते हो ?

उत्तर इस गीत को हम विभिन्न माहौल में गुनगुना सकते हैं; जैसे- अंत्याक्षरी खेलते समय, विद्यालय व मोहल्ले में मनाए जाने वाले उत्सव व राष्ट्रीय पर्वों आदि पर ।

प्रश्न 4. ‘एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना’

  1. तुम अपने घर में इस बात का ध्यान कैसे रख सकते हो?
  2. पापा के काम और माँ के काम क्या-क्या हैं?
  3. क्या वे एक-दूसरे का हाथ बँटाते हैं?

उत्तर

  1. घर में अपनी माँ के कामों में हाथ बँटाकर इस बात का ध्यान रख सकते हैं।
  2. पापा का काम ऑफिस जाना या व्यवसाय सँभालना, बाज़ार से सामान लाना है और माँ का काम खाना पकाना, घर की व्यवस्था करना, मेरी और भाई बहन की पढ़ाई में सहायता करना है।
  3. हाँ, वे कभी-कभी एक-दूसरे का हाथ बँटाते हैं।

प्रश्न 5. यदि तुमने ‘नया दौर’ फ़िल्म देखी है, तो बताओ कि यह गीत फ़िल्म में कहानी के किस मोड़ पर आता है। यदि तुमने फिल्म नहीं देखी है तो फ़िल्म देखो और बताओ ।

उत्तर ‘नया दौर’ फिल्म में अभिनेता कच्ची सड़क को पक्का करने के लिए अपने साथियों के साथ काम करते हुए यह गीत गाता है। इस गीत से उनमें स्फूर्ति और जोश की भावना आती है।

कहावतों की दुनिया (पृष्ठ संख्या 30)

प्रश्न 1. अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता । एक और एक मिलकर ग्यारह होते हैं।

(क) ऊपर लिखी कहावतों का अर्थ गीत की किन पंक्तियों से मिलता-जुलता है?
(ख) इन दोनों कहावतों का अर्थ कहावत – कोश में देखकर समझो और उनका वाक्यों में प्रयोग करो।

उत्तर

(क) ऊपर लिखी कहावतों का अर्थ गीत की निम्नलिखित पंक्तियों से मिलता-जुलता है

  1. साथी हाथ बढ़ाना – एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना
  2. एक से एक मिले तो कतरा बन जाता है दरिया
    एक-से-एक मिले तो ज़र्रा, बन जाता है सेहरा
    एक-से-एक मिले तो राई, बन सकती है परबत
    एक-से-एक मिले तो इंसाँ बस में कर ले किस्मत

(ख)

  1. अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता काम नहीं कर सकता। – अकेला आदमी बड़ा
    • आपसी बैर- र-भाव के कारण अनेक राजा अंग्रेजों से हार रहे थे, क्योंकि अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता है।
  2. एक और एक मिलकर ग्यारह होते हैं। संगठन में शक्ति होती है। मैंने अपने मित्रों के साथ मिलकर आतंकवादियों को पकड़वा दिया, क्योंकि एक और एक मिलकर ग्यारह होते हैं।

प्रश्न 2. नीचे हाथ से संबंधित कुछ मुहावरे दिए गए हैं। इनके अर्थ समझो और प्रत्येक मुहावरे से वाक्य बनाओ

(क) हाथ को हाथ न सूझना
(ख) हाथ साफ करना
(ग) हाथ-पैर फूलना
(घ) हाथों-हाथ लेना
(ङ) हाथ लगना

उत्तर

(क) हाथ को हाथ न सूझना कुछ भी दिखाई न देना

  • घनघोर अंधकार होने के कारण हाथ को हाथ नहीं सूझ रहा था।

(ख) हाथ साफ करना गायब कर देना

  • नौकर ने तिजोरी तोड़कर गहनों पर हाथ साफ कर दिया।

(ग) हाथ-पैर फूलना घबरा जाना

  • कठिन प्रश्न-पत्र देखकर छात्रों के हाथ-पैर फूल गए।

(घ) हाथों-हाथ लेना सम्मान देना

  • विदेशों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को हाथों-हाथ ले रहे हैं।

(ङ) हाथ लगना कुछ मिल जाना

  • लाटरी खुलने पर रोहन को ₹20 लाख हाथ लगे।

भाषा की बात (पृष्ठ संख्या 30 व 31)

प्रश्न 1. हाथ और हस्त एक ही शब्द के दो रूप हैं। नीचे दिए शब्दों में हस्त और हाथ छिपे हैं। शब्दों को पढ़कर बताओ कि हाथों का इनमें क्या काम है?

  • हाथघड़ी
  • निहत्था
  • हथकंडा
  • हस्तशिल्प
  • हस्ताक्षर
  • हस्तक्षेप
  • हथकरघा

उत्तर

  • हाथघड़ी इस घड़ी को हाथ में पहना जाता है।
  • हथौड़ा यह एक ऐसा औजार है, जिसे हाथ में पकड़कर चलाया जाता है।
  • हस्तशिल्प हाथ से करने वाली कारीगरी / शिल्पकारी ।
  • हस्तक्षेप दखल देना

नोट हस्तक्षेप में हाथ का कोई काम नहीं होता ।

  • निहत्था जिसके हाथ में कोई हथियार न हो ।
  • हथकंडा बुरा कार्य करने के लिए अपनाया जाने वाला कोई अनुचित तरीका
  • हस्ताक्षर हाथ से अपने नाम का दस्तखत करना ।
  • हथकरघा हाथ से कपड़ा बुनने का कार्य करने वाला यंत्र ।

प्रश्न 2. इस गीत में परबत, सीस, रस्ता, इंसाँ जैसे शब्दों के प्रयोग हुए हैं। इन शब्दों के प्रचलित रूप लिखो

उत्तर

  • परबत – पर्वत
  • रस्ता – रास्ता
  • सीस – सिर
  • इंसाँ – इंसान

प्रश्न 3. ‘कल गैरों की खातिर की, आज अपनी खातिर करना- इस वाक्य को गीतकार इस प्रकार कहना चाहता है- (तुमने) कल गैरों की खातिर (मेहनत की, आज (तुम) अपनी खातिर करना ।

इस वाक्य में ‘तुम’ कर्ता है, जो गीत की पंक्ति में छंद बनाए रखने के लिए हटा दिया गया है। उपर्युक्त पंक्ति में रेखांकित शब्द ‘अपनी‘ का प्रयोग कर्ता ‘तुम’ के लिए हो रहा है, इसलिए यह सर्वनाम है। ऐसे सर्वनाम जो अपने आपके बारे में बताएँ निजवाचक सर्वनाम कहलाते हैं (निज का अर्थ ‘अपना’ होता है)। निजवाचक सर्वनाम के तीन प्रकार होते हैं, जो नीचे दिए वाक्यों में रेखांकित हैं

  • मैं अपने आप या आप घर चली जाऊँगी।
  • बब्बन अपना काम खुद करता है।
  • सुधा ने अपने लिए कुछ नहीं खरीदा।

अब तुम भी निजवाचक सर्वनाम के निम्नलिखित रूपों का वाक्यों में प्रयोग करो

  • अपने को
  • अपने पर
  • अपने से
  • अपने लिए
  • अपना
  • आपस में

उत्तर

  • अपने को – रूपा अपने को सबसे सुंदर समझती है।
  • अपने से – अपने से बड़ों का सदैव आदर करो।
  • अपना – हमें अपना कार्य स्वयं करना चाहिए।
  • अपने पर – सदैव अपने पर भरोसा रखना चाहिए।
  • अपने लिए – मैंने अपने लिए दो स्वैटर खरीदे थे।
  • आपस में – कक्षा में हम सब विद्यार्थी आपस में मिल-जुलकर रहते हैं।

कुछ करने को (पृष्ठ संख्या 31)

बातचीत करते समय हमारी बातें हाथ की हरकत से प्रभावशाली होकर दूसरे तक पहुँचती हैं। हाथ की हरकत से या हाथ के इशारे

से भी कुछ कहा जा सकता है।

नीचे लिखे हाथ के इशारे किन अवसरों पर प्रयोग होते हैं? लिखो ।

  • ‘क्यों पूछते हाथ
  • बुलाते हाथ
  • जोश दिखाते हाथ
  • मना करते हाथ
  • आरोप लगाते हाथ
  • समझाते हाथ
  • चेतावनी देते हाथ

उत्तर

  • ‘क्यों पूछते हाथ जब कुछ जानना होता है, जब कुछ पूछना होता है।
  • मना करते हाथ हाथ के इशारे से किसी बात के लिए मना करना होता है।
  • समझाते हाथ हाथ के इशारे से किसी बात को समझाना ।
  • बुलाते हाथ किसी को बुलाने के लिए इशारा करते समय ।
  • आरोप लगाते हाथ किसी पर दोष लगाते हुए हाथ की अँगुली का इशारा |
  • चेतावनी देते हाथ अँगुली या हाथ के इशारे से संकेत करते हैं।
  • जोश दिखाते हाथ दोनों हाथ उठाकर जोश या उत्साह दिखाते हैं

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 5 साथी हाथ बढ़ाना बहुविकल्पीय प्रश्न

अभ्यास प्रश्न (बहुविकल्पीय व वर्णनात्मक प्रश्नों सहित)

1. ‘साथी हाथ बढ़ाना’ के रचनाकार निम्नलिखित में से हैं

(क) सुमित्रानंदन पंत
(ख) दिलीप एम. साल्वी
(ग) विष्णु प्रभाकर
(घ) साहिर लुधियानवी

उत्तर (घ) साहिर लुधियानवी

2. राई का पर्वत कैसे बनता है?

(क) व्यापारियों द्वारा खरीदे जाने पर
(ख) एक से एक मिलते चले जाने पर
(ग) वर्षा होने पर
(घ) खेत में पैदा होने पर

उत्तर (ख) एक से एक मिलते चले जाने पर

3. किसके सहारे मनुष्य अपना भाग्य बना सकता है?

(क) मेहनत के
(ख) किस्मत के
(ग) खेल के
(घ) धन के

उत्तर (क) मेहनत के

4. गीतकार कहाँ राहें पैदा करने की बात कह रहा है?

(क) वन में
(ख) समुद्र में
(ग) चट्टानों में
(घ) हवा में

उत्तर (ग) चट्टानों में

5. यह गीत किसे संबोधित करता है?

(क) देशवासियों को
(ख) विदेशियों को
(ग) रिश्तेदारों को
(घ) परिवार को

उत्तर (क) देशवासियों को

6. ‘साथी हाथ बढ़ाना’ यह वाक्य किस ओर संकेत करता है?

(क) एकसाथ रहना
ख) मिलकर कार्य करना
(ग) मिल-जुलकर टहलना
(घ) एकसाथ घूमना

उत्तर (ख) मिलकर कार्य करना

7. चट्टानों से रास्ता कौन निकाल सकता है?

(क) जानवर
(ख) खच्चर
(ग) पक्षी
(घ) इंसान

उत्तर (घ) इंसान

8. अपनी सुख-सुविधाओं की परवाह किए बगैर हमने किसके लिए कार्य पूरे किए हैं?

(क) अपनों के लिए
(ख) देश के लिए
(ग) गैरों के लिए उत्तर
(घ) दुश्मनों के लिए

उत्तर (ग) गैरों के लिए

9. हमारा लक्ष्य क्या है?

(क) सत्य की प्राप्ति
(ख) उन्नति
(ग) पथराही
(घ) देशों को प्यार करना

उत्तर (क) सत्य की प्राप्ति

10. इस गीत में श्रमिकों को क्या कहा गया है?

(क) बीमार व्यक्ति
(ख) स्त्रियाँ
(ग) युवक
(घ) साथी

उत्तर (घ) साथी

11. एकता और संगठन में क्या निहित होता है?

(क) शक्ति
(ख) खून
(ग) पसीना
(घ) हवा

उत्तर (क) शक्ति

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 5 साथी हाथ बढ़ाना काव्यांश पर आधारित प्रश्न

निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर उन पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

काव्यांश 1

साथी हाथ बढ़ाना
एक अकेला थक जाएगा, मिल-जुलकर बोझ उठाना।
साथी हाथ बढ़ाना।
हम मेहनत वालों ने जब भी मिलकर कदम बढ़ाया।
सागर ने रस्ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया ।
फौलादी हैं सीने अपने फौलादी हैं बाँहें।
हम चाहें तो चट्टानों में पैदा कर दें राहें

1. कवि ने साथी शब्द का प्रयोग किनके लिए किया है?

(क) भारतवासियों के लिए
(ख) विदेशियों के लिए
(ग) परिवार वालों के लिए
(घ) सहपाठियों के लिए

उत्तर (क) भारतवासियों के लिए

2. मनुष्य के अकेले बोझ उठाने से क्या होगा?

(क) बीमार हो जाएगा
(ख) थक जाएगा
(ग) सो जाएगा
(घ) रुक जाएगा

उत्तर (ख) थक जाएगा

3. ‘फौलादी’ शब्द का अर्थ है।

(क) मजबूरी
(ख) कमजोर भावनाएँ
(ग) मजदूरी
(घ) मजबूत इरादे

उत्तर (घ) मजबूत इरादे

4. ‘एक अकेला थक जाएगा, मिल-जुलकर बोझ उठाना’ का क्या तात्पर्य है?

उत्तर प्रस्तुत पंक्ति का तात्पर्य है कि मिलकर कार्य करने से कठिन से कठिन कार्य भी सरल लगने लगता है। कठिन कार्य को मिलकर सरलता से किया जा सकता है।

5. सागर अपना रास्ता कब छोड़ देता है और पर्वत कब सीस झुकाता है?

उत्तर जब लोग संगठित होकर मिल-जुलकर कार्य करते हैं, कदम बढ़ते हैं तो मार्ग में आने वाली बाधाएँ भी हट जाती हैं अर्थात् बाधाएँ समाप्त हो जाती हैं। कवि ने सागर और पर्वत का उदाहरण देकर अपनी इसी बात को समझाने का प्रयास किया है।

6. सीने और बाँहें फौलादी होने से क्या संभव है?

उत्तर कवि ने कहा है कि हम भारतवासी दृढनिश्चयी हैं तथा हमारे इरादे पक्के हैं, जो परिश्रम व कर्मवीर होते हैं उनकी भुजाएँ फौदाल अर्थात् लोहे की तरह मजबूत होती हैं जो मेहनत करने से नहीं घबराते उनके लिए लक्ष्य की प्राप्ति संभव है।

काव्यांश 2

साथी हाथ बढ़ाना।
मेहनत अपने लेख की रेखा, मेहनत से क्या डरना
कल गैरों की खातिर की आज अपनी खातिर करना,
अपना दुःख भी एक है साथी अपना सुख भी एक
अपनी मंजिल सच की मंजिल, अपना रस्ता नेक
साथी हाथ बढ़ाना।

1. मेहनत करने वालों ने अभी तक किसकी खातिर काम किया है?

(क) अपनों के
(ख) घर के
(ग) सबके
(घ) गैरों के

उत्तर (घ) गैरों के

2. कवि ने किससे न डरने के लिए कहा है?

(क) लोगों से
(ख) मेहनत से से
(ग) सुख से
(घ) दुःख

उत्तर (घ) दुःख से

3. एक साथ काम करने वालों का सुख-दुःख कैसा होता है?

(क) अलग-अलग
(ख) मिला हुआ
(ग) एक समान
(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर (ग) एक समान

4. ‘मेहनत अपने लेख की रेखा’ से कवि का क्या तात्पर्य है?

उत्तर ‘मेहनत अपने लेख की रेखा’ से कवि का तात्पर्य है कि मेहनत करना हमारे भाग्य में ही लिखा है। अतः हमें मेहनत करने से नहीं डरना चाहिए।

5. कवि ‘अपना दुःख भी एक है साथी पंक्ति द्वारा देशवासियों की किस भावना को उजागर करना चाहता है?

उत्तर प्रस्तुत पंक्ति के माध्यम से कवि कहना चाहता है कि हम सभी देशवासियों के सुख-दुःख एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। एक साथ कार्य करने वाले, एक साथ रहने वाले लोगों को एक ही प्रकार के कष्टों का सामना करना पड़ता है अर्थात् किसी भी कठिनाई का सुख व दुःख सभी देशवासियों को समान होता है। कवि ने यहाँ देशवासियों की समान भावनाओं को उजागर करना चाहा है।

6. कवि के अनुसार, मंजिल कैसी है?

उत्तर कवि ने सत्य की प्राप्ति को मंजिल बताया है, उस पर चलने वाले लोगों का रास्ता भला है अर्थात् उसे पाने हेतु हमारी भावनाएँ नेक व परोपकारी हैं। भलाई के रास्ते पर चलकर सत्य की मंजिल तक पहुँचा जा सकता है।

काव्यांश 3

एक से एक मिले तो कतरा, बन जाता है दरिया
एक से एक मिले तो जर्रा, बन जाता है सेहरा
एक से एक मिले तो राई, बन सकती है परबत
एक से एक मिले तो इंसाँ बस में कर ले किस्मत साथी हाथ बढ़ाना

1. निम्नलिखित में से ‘इंसा’ का प्रचलित रूप कौन-सा है?

(क) इसा
(ख) लोग
(ग) इंसान
(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर (ग) इंसान

2. राई के एकत्र होने से क्या होगा?

(क) पर्वत बन जाएगा
(ख) दरिया बन जाएगा
(ग) आकाश बन जाएगा
(घ) कुछ न होगा

उत्तर (क) पर्वत बन जाएगा

3. मिलकर कार्य करने से मनुष्य किसे वश में कर सकता है?

(क) देश को
(ख) परिवार को
(ग) मित्रों को
(घ) किस्मत को

उत्तर (घ) किस्मत को

4. कवि ने ‘एक से एक मिले’ शब्दों को चारों पंक्तियों में बार-बार क्यों प्रयोग किया?

उत्तर कवि ने एक-से-एक मिले शब्दों को बार-बार अनेक उदाहरणों को देने के लिए प्रयोग किया है। इन उदाहरणों द्वारा कवि संगठन की शक्ति को बता रहे हैं।

5. ‘एक से एक मिले तो जर्रा, बन जाता है सेहरा’ का क्या तात्पर्य है?

उत्तर व्यक्ति यदि मिल-जुलकर सहयोग के साथ कार्य करे, तो उसकी शक्ति संगठित हो जाती है और इससे देश का विकास होगा।

6. क्या इंसान किस्मत को वश में कर सकता है?

उत्तर हाँ, इंसान किस्मत को वश में कर सकता है। इंसान अपनी मेहनत से ही अपनी किस्मत को बनाता है। दृढ़ निश्चय और मेहनत से इंसान कार्य करे, तो किस्मत स्वयं ही बन जाती है।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 5 साथी हाथ बढ़ाना अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

1. कविता में मिलकर क्या उठाने की बात कही गई है?

उत्तर कविता में कवि ने मिल-जुलकर बोझ उठाने की बात कही है।

2. ‘मेहनत से क्या डरना’ का क्या आशय है?

उत्तर मजदूर अभी तक कठोर मेहनत करता रहा है, उसे मेहनत करने की आदत है, इसलिए उसे मेहनत से डर नहीं लगता है।

3. कवि ने ‘अपना’ शब्द किसके लिए प्रयोग किया है?

उत्तर कवि ने इस कविता में ‘अपना’ शब्द अपने जैसे मजदूरों के लिए प्रयोग किया है, जो मेहनत करके अपनी जीविका चलाते हैं।

4. अभी तक मजदूर किसके लिए काम करता था और क्यों?

उत्तर अभी तक मजदूर अपनी जीविका चलाने के लिए पूँजीपतियों के लिए काम करता था, क्योंकि इसी से मजदूर के परिवार का पालन-पोषण होता था।

5. कविता के अनुसार हमारा रास्ता कैसा है ?

उत्तर कविता के अनुसार, हमारा रास्ता भलाई का रास्ता है।

6. यदि जर्रा जर्रा मिल जाए तो क्या संभव है?

उत्तर यदि जर्रा जर्रा मिल जाए, तो रेगिस्तान का बनना संभव है।

7. ‘साथी हाथ बढ़ाना’ गीत हमें क्या शिक्षा देता है?

उत्तर साथी हाथ बढ़ाना गीत हमें यह शिक्षा देता है कि हमें आपस में मिलकर काम करना चाहिए, जिससे मुश्किल से मुश्किल काम भी आसानी से हो जाता है।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 5 साथी हाथ बढ़ाना लघु उत्तरीय प्रश्न

1. साथी हाथ बढ़ाना का क्या तात्पर्य है? यहाँ कवि ने साथी किसे कहा है?

उत्तर इस कविता में कवि ने ‘साथी’ शब्द का प्रयोग अपने ही जैसे और लोगों के लिए किया है, जो मेहनत करते हैं। वे सभी मेहनत और मिल-जुलकर काम करें, तो काम सरल हो जाएगा। अकेले काम करने से जो थकान होती थी वह कम होगी। अतः मेहनत कर लोगों को काम में दूसरों का हाथ बँटाना चाहिए।

2. मेहनत करने वालों के मिलकर कदम उठाने से क्या होगा?

उत्तर मेहनत करने वाले लोग जब भी मिलकर कदम उठाते हैं तो उनकी शक्ति बहुत बढ़ जाती है। उनके लक्ष्य में किसी भी प्रकार की बाधाएँ टिक नहीं पाती हैं। मेहनत करने वाले मिलकर बाधाओं का सामना करते हैं और उन बाधाओं को दूर कर लेते हैं। वे बाधाएँ पार करते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेते हैं।

3. इस गीत में सीने और बाहों को फौलादी क्यों कहा गया है?

उत्तर कवि ने ‘फौलादी’ शब्द का प्रयोग मजबूत तथा दृढ़ निश्चय के अर्थ में किया है। कवि के अनुसार मेहनत करने वाले लोग काम करने से नहीं डरते उनके इरादे भी पक्के और मजबूत होते हैं। ये लोग दृढ़ निश्चय के साथ परिश्रम करते हुए कठिन कार्य को बहुत ही आसानी से कर लेते हैं और अपने मजबूत इरादों के साथ लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते हैं।

4. सुख-दुःख के साथी कौन हैं? कविता के अनुसार बताइए ।

उत्तर इस कविता में कवि ने मेहनत करने वालों को साथी कहा है। इन मेहनत करने वाले मजदूरों के सुख-दुःख समान होते हैं। सभी लोग एक-दूसरे के सुख और दुःख में एक-दूसरे का साथ देते हैं। दुःख में एक-दूसरे का सहारा बनते हैं और सुख में सभी खुशी मनाते हैं।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 5 साथी हाथ बढ़ाना दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. साथी हाथ बढ़ाना में कवि ने कहा है ‘मेहनत से क्या डरना’ इस विषय में अपने विचार लिखिए।

उत्तर मेरे अनुसार, मेहनत हर मनुष्य को करनी चाहिए। ईश्वर ने हमें दो हाथ काम करने के लिए दिए हैं। इन दोनों हाथों को मैं ईश्वर का वरदान मानता हूँ। मेरे विचार से मैं जितनी मेहनत करूँगा, उतनी ही सफलता पाऊँगा। इसीलिए मैं अपनी पढ़ाई और खेल दोनों में मेहनत करता हूँ।

पढ़ाई में मेहनत और अभ्यास करने से मुझे अच्छे अंक मिलेंगे। मैं फुटबॉल का खिलाड़ी हूँ और खेल में भी बहुत मेहनत कर रहा हूँ। मुझे पूरी आशा है कि मैं इस वर्ष फुटबॉल टीम का कप्तान चुन लिया जाऊँगा । मेरा मानना है कि मेहनत से नहीं डरना चाहिए। जीवन में लक्ष्य तक मेहनत करने से ही पहुँचा जा सकता है।

2. क्या आप सभी मिलकर काम करते हैं? मिलकर काम करने से क्या होता है? उदाहरण सहित उत्तर दीजिए ।

उत्तर मिलकर सहयोग के साथ काम करने से कठिन से कठिन कार्य भी सरलता से हो जाते हैं। मैं अकसर मिल-जुलकर मित्रों के सहयोग के साथ काम करता हूँ।

मैंने अपने चार मित्रों के साथ परियोजना कार्य किया। मेरे चारों मित्रों ने उसमें सहयोग दिया। अध्यापिका ने इस परियोजना कार्य की बहुत प्रशंसा की। यदि मैं यह परियोजना कार्य अकेले करता, तो कार्य इतना अच्छा न होता, जितना मित्रों के सहयोग से हो सका।

3. ‘एक से एक मिले’ कहकर कवि ने किसे महत्त्व दिया है?

उत्तर ‘एक से एक मिले’ कहकर कवि संगठन तथा सहयोग को महत्त्व दे रहे हैं। यदि भारतवासी मिल-जुलकर काम करें तो असंभव काम भी सरलता से कर सकते हैं।

कवि ने बूँद और धूल के कण का उदाहरण देते हुए बताया है कि एक-एक बूँद मिलकर नदी बन जाती है। इस प्रकार, धूल का एक- एक कण मिलकर पूरा रेगिस्तान का रूप ले लेता है। इसी प्रकार मनुष्य को भी संगठित होकर काम करना चाहिए।

 

 

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 23 राम और सुग्रीव Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 23 राम और सुग्रीव Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 23 राम और सुग्रीव पाठ का सार

रामसुग्री भेंट

राम-लक्ष्मण ऋष्यमूक पर्वत पर गए। सुग्रीव किष्किंधा के वानरराज के छोटे पुत्र थे, जो ऋष्यमूक पर्वत पर निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे थे।

वे किष्किंधा के मूल निवासी थे, उनका बड़ा भाई बाली था। पिता की मृत्यु के बाद किष्किंधा का राजा ज्येष्ठ पुत्र बाली बना था। राजकाज में मनमुटाव के कारण तथा बाली से अपनी जान बचाने के लिए सुग्रीव अपने साथियों के साथ ऋष्यमूक पर्वत पर रहने लगे थे।

एक दिन जब उसने दो तपस्वी युवकों को अपनी ओर आते हुए देखा, तो उन्हें लगा कि ये बाली के गुप्तचर हैं। तब उन्हें हनुमान ने समझाया और अपना वेश बदलकर उन राजकुमारों के पास पहुँचे।

शिष्टता से प्रणाम करके ने उनका परिचय पूछा। राम-लक्ष्मण ने हनुमान अपना परिचय देकर बताया कि रावण सीता का अपहरण करके ले गया है। वे कबंध और शबरी की सलाह पर सुग्रीव से सीता की खोज करने में सहायता माँगने आए हैं। तब हनुमान अपने मूल रूप में आ गए। उन्होंने राम को प्रणाम करके अपना परिचय दिया कि मैं सुग्रीव का सेवक हनुमान हूँ। हनुमान ने राम-लक्ष्मण को अपने कंधे पर बिठाया और ऋष्यमूक पर्वत पर सुग्रीव के पास पहुँचा दिया। हनुमान ने दोनों को सुग्रीव से मिलवाया। राम और सुग्रीव ने अग्नि को साक्षी मानकर मित्रता का वचन लिया।

सुग्रीव द्वारा सहायता का वचन देना

राम ने सुग्रीव को सीता हरण की बात बताई। अचानक सुग्रीव को कुछ याद आया । सुग्रीव ने बताया कि रावण का रथ इसी पर्वत के ऊपर से गया था। निश्चित रूप से वह सीता माता ही होंगी।

स्वयं को छुड़ाने के लिए वे प्रयास कर रही थीं और वानरों को देखकर उन्होने आभूषणों की पोटली नीचे फेंक दी थी। सुग्रीव द्वारा आभूषण दिखाए जाने पर राम और लक्ष्मण ने आभूषण तुरंत पहचान लिए तब सुग्रीव ने उन्हें सीता की खोज करने में सहायता करने का वचन दिया।

सुग्रीव की व्यथा-कथा

सुग्रीव ने राम को अपनी व्यथा-कथा सुनाई कि कैसे बाली ने उसे राज्य से निकाल दिया और उसकी पत्नी को छीन लिया था। संकट के समय हनुमान और नल-नील ने उसका साथ कभी नहीं छोड़ा। सुग्रीव ने राम से सहायता माँगी। राम ने सुग्रीव को आश्वासन दिया कि वह चिंता न करें, उसकी पत्नी और राज्य दोनों ही उसे अवश्य मिल जाएँगे।

राम द्वारा बाली का वध

सुग्रीव ने बाली की शक्ति के विषय में राम को बताया कि वह महाशक्तिशाली है और शाल के सात वृक्षों को एकसाथ झकझोरने की शक्ति रखता है, उसे हराना इतना आसान नहीं है। सुग्रीव की बातें सुनकर राम ने एक तीर चलाया और शाल के सातों वृक्ष एक ही बाण में गिर पड़े। तब उसे राम की शक्ति पर भरोसा हो गया। योजना के अनुसार, सुग्रीव ने बाली को युद्ध के लिए ललकारा। राम-लक्ष्मण और हनुमान सब छिप गए। सुग्रीव के ललकारने पर बाली गरजता हुआ क्रोध में बाहर निकला।

दोनों में भीषण मल्ल युद्ध हुआ। युद्ध में बाली भारी पड़ रहा था। पेड़ के पीछे छिपे हुए राम ने बाली पर तीर नहीं चलाया। सुग्रीव जान बचाकर ऋष्यमूक पर्वत पर आया। वह राम से गुस्सा था कि उन्होंने बाली को नहीं मारा। राम ने सुग्रीव को समझाया कि तुम दोनों के चेहरे मिलते-जुलते हैं। मैं बाली को पहचान नहीं पाया। राम के समझाने पर सुग्रीव ने फिर से किष्किंधा जाकर बाली को युद्ध के लिए ललकारा। बाली अंतःपुर से बाहर आया तभी राम का बाण उसकी छाती में लगा और उसकी मृत्यु हो गई।

सुग्रीव का राज्याभिषेक

सुग्रीव का शीघ्रता से राज्याभिषेक किया गया और बाली के पुत्र अंगद को युवराज का पद दिया गया। राम किष्किंधा से वापस आ गए। वर्षा के कारण सीता की खोज करने जाना संभव नहीं था। अतः कुछ समय के लिए सीता की खोज का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया, परंतु वर्षा बीत जाने पर राम सुग्रीव की वानर सेना की प्रतीक्षा कर रहे थे, परंतु सुग्रीव रास रंग में अपना वचन भूल गया।

हनुमान ने सुग्रीव को उनके वचन को याद दिलाया। वानर सेना एकत्रित करने का काम सेनापति नल को सौंपा गया। पंद्रह दिन बीतने पर भी सेना राम तक न पहुँची।

लक्ष्मण का किष्किंधा गमन

राम को चिंतित देख क्रोध में लक्ष्मण ने किष्किंधा जाकर धनुष की टंकार की, जिसे सुनकर सुग्रीव को राम को दिया हुआ वचन याद आ गया। सुग्रीव ने हनुमान को वानर सेना एकत्र करने का आदेश देकर स्वयं लक्ष्मण के पीछे निकल पड़ा और राम के सामने जाकर उनसे क्षमा माँगी। तब तक हनुमान, जामवंत काफी वानरों तथा भालुओं के साथ वहाँ पहुँच गए।

लंका रोहण की योजना

वानरों के दलों को चार टोलियों में बाँटा गया। वानरों की सेना भेजने से पहले चतुर बुद्धिमान दूतों को भेजे जाने का विचार हुआ। राम और सुग्रीव की जय-जयकार करते वानर अपनी निर्धारित दिशाओं में चले गए।

राम द्वारा हनुमान को अँगूठी देना

राम ने अपनी एक अँगूठी उतारकर हनुमान को दी। राम ने कहा, जब सीता से भेंट हो, तो यह अँगूठी उन्हें दे देना। अँगूठी देखकर सीता समझ जाएँगी कि तुम मेरे दूत हो। अंगद और हनुमान की अगुआई में वानरों की विशाल टोली ऐसे स्थान पर पहुँची, जिसके आगे अपार भयंकर लहरों वाला विशाल समुद्र सामने था ।

संपाति से भेंट

पहाड़ी के पीछे उनकी भेंट विशाल गिद्ध से हुई। वह संपाति था जटायु का बड़ा भाई। उसने बताया, रावण सीता को लंका ले गया है। वहाँ तक पहुँचने के लिए आप लोगों को समुद्र पार करना होगा। सब थके हुए परेशान बैठे थे। जामवंत ने हनुमान से कहा, आप पवन पुत्र हैं। आप में अपार शक्ति है। यह कार्य आप ही कर सकते हैं। आपको जाना होगा। जामवंत ने हनुमान को उसकी शक्ति की याद दिलाई।

शब्दार्थ

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 9 राम और और सुग्रीव Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 23 राम और सुग्रीव बहुविकल्पीय प्रश्न

अभ्यास प्रश्न (बहुविकल्पीय व वर्णनात्मक प्रश्नों सहित)

1. हनुमान ने स्वयं को किसका सेवक बताया था ?

(क) बाली का
(ख) रावण का
(ग) सुग्रीव का
(घ) विभीषण का

उत्तर (ग) सुग्रीव का

2. हनुमान ने राम व लक्ष्मण को ऋष्यमूक पर्वत पर कैसे पहुँचाया?

(क) अपने कंधे पर बैठाकर
(ख) घोड़े गाड़ी द्वारा
(ग) आगे चलकर रास्ता बताते हुए
(घ) वायुयान द्वारा

उत्तर (क) अपने कंधे पर बैठाकर

3. किसकी स्थिति एक जैसी थी ?

(क) सुग्रीव – बाली की
(ख) हनुमान – सुग्रीव की
(ग) सुग्रीव – राम की
(घ) सुग्रीव – लक्ष्मण की

उत्तर (ग) सुग्रीव – राम की

4. सुग्रीव की पत्नी किसने छीन ली थी?

(क) बाली ने
(ख) रावण ने
(ग) अंगद ने
(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर (क) बाली ने

5. राम का बाण बाली को कहाँ लगा था ?

(क) छाती में
(ख) सिर में
(ग) पेट में
(घ) पैरों में

उत्तर (क) छाती में

6. राम की सलाह पर युवराज पद किसे दिया गया?

(क) नल को
(ख) नील को
(ग) सुग्रीव को
(घ) अंगद को

उत्तर (घ) अंगद को

7. राम ने अपनी अँगुली से अँगूठी उतारकर किसे दे दी ?

(क) सुग्रीव को
(ख) हनुमान को
(ग) अंगद को
(घ) लक्ष्मण को

उत्तर (ख) हनुमान को

8. जामवंत के पीछे किसकी सेना थी?

(क) वानरों की
(ख) मनुष्यों की
(ग) भालुओं की
(घ) घोड़ों की

उत्तर (ग) भालुओं की

9. जटायु के भाई का क्या नाम था ?

(क) जामवंत
(ख) अंगद
(ग) हनुमान
(घ) संपाति

उत्तर (घ) संपाति

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 23 राम और सुग्रीव रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. साधु का वेश बनाकर __________ राम-लक्ष्मण के पास पहुँचे।

उत्तर साधु का वेश बनाकर हनुमान राम-लक्ष्मण के पास पहुँचे।

2. सुग्रीव ___________ का मूल निवासी था।

उत्तर सुग्रीव किष्किंधा का मूल निवासी था।

3. सुग्रीव ‘का छोटा भाई था, दोनों में राजकाज को लेकर मनमुटाव हो गया था।

उत्तर सुग्रीव बाली का छोटा भाई था, दोनों में राजकाज को लेकर मनमुटाव हो गया था।

4. ___________ ने बाली को मार डाला।

उत्तर राम ने बाली को मार डाला।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 23 राम और सुग्रीव

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

1. राम और लक्ष्मण का अगला पड़ाव क्या था?

उत्तर राम और लक्ष्मण का अगला पड़ाव ऋष्यमूक पर्वत जहाँ सुग्रीव रहते थे, वहाँ पहुँचना था।

2. राम और लक्ष्मण को सुग्रीव से मिलने की सलाह किसने दी थी ?

उत्तर राम और लक्ष्मण को सुग्रीव से मिलने की सलाह कबंध और शबरी दोनों ने ही दी थी।

3. सुग्रीव कौन था?

उत्तर सुग्रीव किष्किंधा के वानरराज बाली का छोटा भाई था।

4. सुग्रीव के प्रमुख साथी कौन थे?

उत्तर सुग्रीव के प्रमुख साथी हनुमान थे।

5. सुग्रीव को किसके डर से ऋष्यमूक पर्वत पर रहने जाना पड़ा था?

उत्तर सुग्रीव को अपने बड़े भाई बाली के डर के कारण ऋष्यमूक पर्वत पर रहने जाना पड़ा था।

6. संकट में पड़ने पर सुग्रीव का साथ किसने दिया?

उत्तर संकट में पड़ने पर सुग्रीव का साथ हनुमान, नल व नील ने दिया।

7. सुग्रीव और राम ने किस प्रकार दोस्ती की?

उत्तर सुग्रीव और राम ने अग्नि को साक्षी मानकर मित्रता का वचन लिया तथा एक दूसरे की सहायता करने का वचन दिया था।

लघु उत्तरीय प्रश्न

1. छद्मवेश धारी हनुमान से राम-लक्ष्मण की भेंट होने पर उन्होंने उनसे क्या पूछा?

उत्तर छद्मवेश धारी हनुमान से राम-लक्ष्मण की भेंट होने पर सर्वप्रथम उन्होंने उन दोनों को शिष्टतापूर्वक प्रणाम किया। फिर उनसे पूछा, “आप दोनों कौन हैं ? आप इस वन में क्यों भटक रहे हो। आप दोनों का वेश तो मुनियों जैसा है, परंतु चेहरे से राजकुमार लगते हो। ”

2. राम और सुग्रीव दोनों में क्या समानता थी?

उत्तर राम और सुग्रीव दोनों ही निर्वासित थे। राम अयोध्या से निर्वासित थे, तो सुग्रीव राजकाज के कारण निर्वासित थे। राम की पत्नी को रावण उठा ले गया था। सुग्रीव की पत्नी उसके बड़े भाई बाली ने छीन ली थी। दोनों के पिता का स्वर्गवास हो चुका था।

3. सीता ने अपने आभूषण क्यों फेंक दिए थे?

उत्तर जब रावण सीता का अपहरण करके ले जा रहा था, तब सीता ने अपने आभूषणों को खोलकर नीचे धरती पर फेंक दिया था, जिससे जब कभी श्रीराम उस मार्ग से गुजरें तो वह उन आभूषणों को पहचानकर अनुमान लगा सकें कि सीता इसी दिशा की ओर गई है।

4. बाली ने सुग्रीव के साथ कैसा व्यवहार किया?

उत्तर बाली सुग्रीव का बड़ा भाई था। बड़ा भाई होते हुए भी उसने अपने छोटे भाई सुग्रीव के साथ बहुत बुरा व्यवहार किया। बाली ने सुग्रीव को राजपाट से निकाल दिया और उसकी पत्नी को भी उसने छीन लिया। बाली का व्यवहार अपने भाई सुग्रीव के प्रति बहुत ही निंदनीय था।

5. सुग्रीव किसके डर से डरा रहता था?

उत्तर सुग्रीव हमेशा अपने बड़े भाई बाली के डर से डरा रहता था। बाली एक महापराक्रमी वानर था । सुग्रीव को हमेशा यह डर रहता था कि उसका बड़ा भाई कभी भी उस पर आक्रमण करके उसे मार सकता है। इसी डर के कारण वह हमेशा डरा रहता था।

6. राम ने सुग्रीव को अपनी शक्ति का परिचय किस प्रकार दिया?

उत्तर राम ने धनुष उठाया और तीर चलाया, जिससे शाल के सातों विशाल वृक्ष एक ही बाण से कटकर गिर पड़े। राम की शक्ति से परिचित होकर सुग्रीव ने हाथ जोड़ लिए तथा उन पर उसे पूर्ण विश्वास हो गया।

7. राम, सुग्रीव से क्षुब्ध क्यों हुए?

उत्तर सुग्रीव ने अपने राज्याभिषेक के समय वादा किया था कि वर्षा ऋतु बीत जाने पर वे सीता की खोज में निकलेंगे। सुग्रीव रास रंग में उलझ गए और राम को दिया गया अपना वचन भूल गए। राम इस बात से चिंतित भी थे और क्षुब्ध भी थे।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. सुग्रीव कौन था? उसने राम को अपनी क्या व्यथा-कथा सुनाई ?

उत्तर सुग्रीव, बाली का छोटा भाई और किष्किंधा का मूल निवासी था। वह ऋष्यमूक पर्वत पर अपने भाई बाली के डर से निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहा था। उसने राम को अपनी व्यथा-कथा इस प्रकार सुनाई कि पिता वानरराज की मृत्यु के बाद दोनों भाइयों में राजकाज को लेकर झगड़ा इतना बढ़ गया कि सुग्रीव को वह मार डालना चाहता था और उसकी पत्नी को भी छीन लिया था। बाली बहुत बलशाली था उसे हराना सरल नहीं था।

संकट के समय हनुमान और नल नील ने सुग्रीव का सदा साथ दिया था। सुग्रीव, बाली के भय के कारण ऋष्यमूक पर्वत पर रहता था। वह सदैव चौकस रहता था। उसकी विश्वासपात्र वानर सेना सदैव पहरे पर रहती थी।

2. राम- -सुग्रीव की भेंट का वर्णन कीजिए।

उत्तर राम व लक्ष्मण कबन्ध व शबरी के कहे अनुसार जब, ऋष्यमूक के निकट पहुँचे तब उनकी भेंट हनुमान से हुई। हनुमान, राम और लक्ष्मण को अपने कंधे पर बैठाकर ऋष्यमूक पर्वत पर ले गए। वहाँ हनुमान ने दोनों को सुग्रीव से मिलवाया। दोनों ने अग्नि को साक्षी मानकर मित्रता का वचन लिया। राम ने सीता हरण के विषय में बताया।

सुग्रीव ने आभूषणों की पोटली राम को दिखाई, जो सीता ने फेंकी थी। राम उन आभूषणों को देखकर पहचान गए कि ये आभूषण सीता के ही हैं। सुग्रीव ने राम की हर प्रकार से सहायता करने का वचन दिया। राम के बाद सुग्रीव ने अपनी करुण कथा सुनाई। सुग्रीव की पूरी बातें सुनकर राम ने कहा, चिंता मत करो। तुम्हें अपनी पत्नी भी मिलेगी और राज्य भी मिलेगा।

3. बाली और सुग्रीव दोनों सगे भाई थे, फिर भी उनके आपसी संबंध अच्छे नहीं थे। आपके अनुसार, भाइयों और बहनों के संबंध कैसे होने चाहिए?

उत्तर बाली और सुग्रीव दोनों के आपसी संबंध अच्छे नहीं थे, जबकि दोनों सगे भाई थे। मेरे अनुसार भाइयों और बहनों के संबंध सदैव मधुर होने चाहिए। आपसी प्रेम और विश्वास होना चाहिए। किसी भी परेशानी में वह एक दूसरे की सहायता करने के लिए तत्पर खड़े रहें। अपने रिश्ते में छोटी-छोटी गलतफहमियों को आपस में बातचीत करके दूर करने की पूरी कोशिश करें एक-दूसरे की भावनाओं का आदर करना चाहिए।

4. जामवंत ने हनुमान के बारे में क्या कहा?

उत्तर वानर सेना के लंका की ओर प्रस्थान करते समय रास्ते में एक बहुत ही बड़ा समुद्र था। वानरों के लिए उस समुद्र को पार करना अत्यंत कठिन था। जामवंत को मालूम था कि केवल हनुमान ही एक ऐसे वानर हैं, जो इस समुद्र को लाँघ सकते हैं हनुमान अपनी इस शक्ति को भूल चुके थे।

जामवंत ने हनुमान को उनकी शक्तियों का एहसास दिलाया। जामवंत को उनकी शक्ति पर पूरा भरोसा था। हनुमान को अपनी भूली हुई शक्तियाँ याद आई तब वह लंका जाने के लिए तथा उस विशाल समुद्र को लाँघने के लिए तैयार हो गए।

 

 

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 4 चाँद से थोड़ी-सी गप्पें Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 4 चाँद से थोड़ी-सी गप्पें Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 4 चाँद से थोड़ी-सी गप्पें कविता का सार

कवि शमशेर बहादुर सिंह द्वारा रचित कविता ‘चाँद से थोड़ी-सी गप्पें’ में बाल-सुलभ कल्पनाओं का अत्यंत सुंदर व सजीव चित्रण किया गया है। दस – ग्यारह साल की एक छोटी-सी लड़की चाँद से बातचीत करती है और अपनी भावनाओं को प्रकट करते कुछ कहती है कि मुझे आप गोल और कुछ तिरछे से दिखाई देते हो। आपका मुँह खुला हुआ लगता है।

आप बहुत गोरे नजर आते हो और आपने आपकी पोशाक चारों ओर फैलाई हुई है। आपने तारों से जड़े पूरे आकाश को ही वस्त्र की तरह पहन रखा है।

छोटी लड़की चाँद पर कटाक्ष करके कहती है कि मुझे आपकी सारी असलियत मालूम है। आपको घटने और बढ़ने की बीमारी है। आप जब घटना शुरू होते, तो लगातार घटते ही जाते हो और एक दिन बिल्कुल ही दिखाई नहीं देते। जब आप बढ़ना शुरू होते हो, तो लगातार बढ़ते ही जाते हो। जब तक आप पूरे गोल नहीं होते, तब तक नहीं रुकते ।

काव्यांशों की विस्तृत व्याख्या

काव्यांश 1

गोल हैं खूब मगर
आप तिरछे नजर आते हैं जरा ।
आप पहने हुए हैं कुल आकाश तारों जड़ा;
सिर्फ मुँह खोले हुए हैं अपना गोरा चिट्टा गोल-मटोल,
अपनी पोशाक को फैलाए हुए चारों सिम्त ।
आप कुछ तिरछे नज़र आते हैं जाने कैसे

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शब्दार्थ खूब बहुत, तिरछे टेढ़े-मेढ़े, जरा थोड़ा, कुल-सारा, पोशाक वस्त्र, सिम्त दिशा ।

संदर्भ प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘वसंत भाग- 1’ में संकलित ‘चाँद से थोड़ी-सी गप्पें कविता से ली गई हैं। इसके रचयिता शमशेर बहादुर सिंह हैं।

प्रसंग प्रस्तुत पंक्तियों में छोटी लड़की चाँद के रंग-रूप और आकाश में तारों से जड़ित चाँद की पोशाक पर व्यंग्य कर रही है।

व्याख्या प्रस्तुत पंक्तियों में एक छोटी लड़की चाँद से बातें करती हुई कहती है-आप गोल हैं। लेकिन मुझे आप गोल होने पर भी टेढ़े-मेढ़े तिरछे दिखाई देते हो। आपने पूरे आसमान को वस्त्र की तरह पहन रखा है। आपकी यह पोशाक तारों से जड़ी हुई है। इन वस्त्रों में से केवल आपका गोरा चिट्टा व सुंदर गोल मुँह ही दिखाई देता है। आपका आकाश रूपी वस्त्र सभी दिशाओं में फैला हुआ है। फिर भी आप मुझे तिरछे दिखाई देते हैं।

विशेष

  1. कवि ने अत्यंत सरल शब्दों में चाँद के रंग-रूप का वर्णन किया है।
  2. बालिका का सहज स्वभाव दर्शनीय है।
  3. कविता छंद मुक्त तथा अतुकांत है।

काव्यांश 2

खूब हैं गोकि !
वाह जी वाह !
हमको बुद्ध ही निरा समझा है !
हम समझते ही नहीं जैसे कि
आपको बीमारी है:
आप घटते हैं, तो घटते ही चले जाते हैं,
और बढ़ते हैं, तो बस यानी कि
बढ़ते ही चले जाते हैं
दम नहीं लेते हैं, जब तक बिलकुल ही
गोल न हो जाएँ, बिलकुल गोल ।
यह मरज़ आपका अच्छा ही नहीं होने में ________ आता है।

शब्दार्थ गोकि हालाँकि, – बिल्कुल, बुद्धू- बेवकूफ, दम-साँस, मरज-बीमारी, रोग।

प्रसंग प्रस्तुत पंक्तियों में छोटी लड़की चाँद के स्वरूप पर कटाक्ष कर रही है। उसने चाँद के घटते-बढ़ते आकार को बीमारी कहा है, जो ठीक नहीं होती।

व्याख्या प्रस्तुत पंक्तियों में छोटी लड़की चाँद से बातें करती हुई उस पर कटाक्ष करती है कि आप मुझे बिलकुल मूर्ख समझते हैं। मुझे मालूम है कि आपको घटते और बढ़ते रहने की बीमारी है। जब आप घटना शुरू होते हैं, तो लगातार घटते ही जाते हैं और तब तक घटते रहते हैं, जब तक पूरी तरह गायब नहीं हो जाते। इसी प्रकार जब आप बढ़ना शुरू होते हैं, तो लगातार बढ़ते ही जाते हैं। जब तक आप पूरे गोल नहीं हो जाते, तब तक रुकते नहीं हो। आपकी यह बीमारी लाइलाज है, जो किसी भी प्रकार से ठीक नहीं हो सकती है। चाँद का इस प्रकार घटना और बढ़ना प्रकृति का नियम है।

विशेष

  1. कवि ने प्रकृति के नियम का सहज रूप से वर्णन किया है।
  2. सरल शब्दों का प्रयोग है।
  3. उर्दू शब्द ‘मरज’ का स्वाभाविक रूप से प्रयोग है।
  4. अतुकांत पद है।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 4 चाँद से थोड़ी-सी गप्पें पाठ्यपुस्तक वसंत भाग-1 के प्रश्नोत्तर

कविता से (पृष्ठ संख्या 24 व 25)

प्रश्न 1. ‘आप पहने हुए हैं कुल आकाश’ के माध्यम से लड़की कहना चाहती है कि

(क) चाँद तारों से जड़ी हुई चादर ओढ़कर बैठा है।
(ख) चाँद की पोशाक चारों दिशाओं में फैली हुई है। तुम किसे सही मानते हो?

उत्तर (ख) मेरे अनुसार, लड़की कहना चाहती है कि चाँद की पोशाक चारों दिशाओं में फैली हुई है।

प्रश्न 2. कवि ने चाँद से गप्पें किस दिन लगाई होंगी? इस कविता में आई बातों की मदद से अनुमान लगाओ और उसका कारण भी बताओ ।

दिन

पूर्णिमा ___________
अष्टमी से पूर्णिमा के बीच ____________
प्रथमा से अष्टमी के बीच ___________________

कारण

_________
_________
_________

उत्तर

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 4 चाँद से थोड़ी-सी गप्पें Question And Answers लगाओ उसका

अतः मेरे विचार से कवि ने चाँद से गप्पें अष्टमी से पूर्णिमा के बीच लगाई होंगी, क्योंकि इन्हीं दिनों में चाँद तिरछेपन से पूर्ण रूप से गोलाई आकृति ले लेता है।

प्रश्न 3. नई कविता में तुक या छंद के बदले बिंब का प्रयोग अधिक होता है। बिंब वह तसवीर होती है, जो शब्दों को पढ़ते समय हमारे मन में उभरती है। कई बार कुछ कवि शब्दों की ध्वनि की मदद से ऐसी तसवीर बनाते हैं और कुछ कवि अक्षरों या शब्दों को इस तरह छापने पर बल देते हैं कि उनसे कई चित्र हमारे मन में बनें। इस कविता के अंतिम हिस्से में चाँद को एकदम गोल बताने के लिए कवि ने बिल कुल शब्द के अक्षरों को अलग-अलग करके लिखा है। तुम इस कविता के और किन शब्दों को चित्र की आकृति देना चाहोगे? ऐसे शब्दों को अपने ढंग से लिखकर दिखाओ।

उत्तर

इस कविता के निम्नलिखित शब्दों को चित्र की आकृति दी जा सकती है— चाँद, ति र छे, घ ट ते, ब ढ़ ते, न ज र ।

अनुमान और कल्पना (पृष्ठ संख्या 25)

प्रश्न 1. कुछ लोग बड़ी जल्दी चिढ़ जाते हैं। यदि चाँद का स्वभाव भी आसानी से चिढ़ जाने का हो तो वह किन बातों से सबसे ज्यादा चिढ़ेगा? चिढ़कर वह उन बातों का क्या जवाब देगा? अपनी कल्पना से चाँद की ओर से दिए गए जवाब लिखो ।

उत्तर यदि चाँद का स्वभाव आसानी से चिढ़ जाने का हो, तो वह तिरछा, गोल-मटोल और घटते-बढ़ते की बात पर चिढ़ेगा। अपनी फैलाई हुई पोशाक में से केवल मुँह दिखने की बात पर चिढ़ेगा, किसी लाइलाज बीमारी की बात पर भी अवश्य चिढ़ेगा।

चाँद चिढ़कर उत्तर देगा कि मैं तिरछा नहीं हूँ, बल्कि तुम्हें ठीक से दिखाई नहीं देता है। मैं स्वस्थ हूँ, इसलिए तुम मुझे गोल-मटोल कह रहे हो। तुम अपने को देखो कितने दुबले-पतले हो ।

मैं प्रकाशवान हूँ। यदि मैं अपना पूरा प्रकाश फैला दूँ, तो तुम्हारी आँखें चौंध जाएँगी। तुम अपनी आँखें मेरी चमक में नहीं खोल पाओगे । घटने-बढ़ने की मुझे कोई बीमारी नहीं है। यह मेरी विशेषता है। इसी कारण पूर्णिमा और अमावस्या होती है।

प्रश्न 2. यदि कोई सूरज से गप्पें लगाए, तो वह क्या लिखेगा? अपनी कल्पना से गद्य या पद्य में लिखो। इसी तरह की कुछ और गप्पें निम्नलिखित में से किसी एक या दो से करके लिखो

(पेड़, बिजली का खंभा, सड़क, पेट्रोल पंप)

उत्तर

पेड़ पेड़ तुम कितने अच्छे हो, मुझे मीठे-मीठे पके हुए फल खाने के लिए देते हो। बहुत से लोग तुम्हारी छाया में बैठकर आराम करते हैं। मज़े की बात यह है कि तुम अपने फल स्वयं नहीं खाते हो, बल्कि दूसरों को खिलाते हो। तुम बहुत परोपकारी हो। पर्यावरण की भी रक्षा करते हो। हरे-भरे पेड़ों से ऑक्सीजन मिलती है। तुम बहुत सुंदर और घने हो ।

बिजली का खंभा बिजली के खंभे तुम दिन-रात मेरे घर के सामने खड़े रहते हो। तुम कभी हिलते डुलते या बैठते नहीं हो। क्या तुम कभी थकते नहीं हो? कितने ही तार तुमसे जुड़े रहते हैं। हर मौसम में तुम्हारे कारण ही लोगों को बिजली मिलती है। गर्मी, वर्षा सभी को तुम खुशी से सहन करते हो। बिजली के खंभे तुम उपयोगी और परोपकारी हो ।

सड़क सड़क तुम सर्दी, गर्मी को सहन करती अपनी जगह ही रहती हो। तुम पर कितने ही लोग चलते हैं। तुम्हारे ऊपर से भारी वाहन जाते हैं, लेकिन तुम उफ भी नहीं करती हो। कुछ लोग तुम्हें कूड़ा-करकट फेंककर गंदा भी कर देते हैं। तुम बहुत सहनशील हो ।

पेट्रोल पंप पेट्रोल पंप तुम दो पहिए और चार पहिए वाहनों को चलाने के लिए पेट्रोल देते हो। लोग पेट्रोल खरीदते हैं और कीमत देकर चले जाते हैं। कोई भी तुमसे बात तक नहीं करता। क्या तुम्हें बुरा नहीं लगता? तुम एक दिन मेरी बात मानकर पेट्रोल बंद कर देना तब तुम्हारा महत्त्व लोग समझेंगे।

भाषा की बात (पृष्ठ संख्या 25 व 26)

प्रश्न 1.चाँद संज्ञा है। चाँदनी रात में चाँदनी विशेषण है। नीचे दिए गए विशेषणों को ध्यान से देखो और बताओ कि

(क) कौन-सा प्रत्यय जुड़ने पर विशेषण बन रहे हैं।
(ख) इन विशेषणों के लिए एक-एक उपयुक्त संज्ञा भी लिखो ।

  • गुलाबी पगड़ी
  • ठंडी रात
  • मखमली घास
  • जंगली फूल
  • कीमती गहनें
  • कश्मीरी भाषा

उत्तर

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 4 चाँद से थोड़ी-सी गप्पें Question And Answers भाषा की बात

प्रश्न 2. गोल-मटोल गोरा चिट्ठा

कविता में आए शब्दों के इन जोड़ों में अंतर यह है कि चिट्टा का अर्थ सफ़ेद है और गोरा से मिलता-जुलता है, जबकि मटोल अपने आपमें कोई शब्द नहीं है। यह शब्द ‘मोटा’ से बना है।

ऐसे चार-चार शब्द युग्म सोचकर लिखो और उनका वाक्यों में प्रयोग करो।

उत्तर

  1. सीधा-सादा मेरा भाई बहुत सीधा-सादा है।
  2. तोल-मोल बाजार में हर वस्तु तोल-मोल कर ही मिलती है।
  3. टेढ़ी-मेढ़ी यह टेढ़ी-मेढ़ी खीर मेरे सामने मत बनाओ।
  4. खाना-वाना मैं खाना वाना खाकर घर पहुँचा।

प्रश्न 3. ‘बिलकुल गोल’ कविता में इसके दो अर्थ हैं

(क) गोल आकार का
(ख) गायब होना

ऐसे तीन और शब्द सोचकर उनसे ऐसे वाक्य बनाओ, जिनके दो-दो अर्थ निकलते हों।

उत्तर

  1. हार (माला ) मैंने गुलाब के फूलों का हार बनाया।
    • हार (पराजय) राजा की हार का समाचार सुनते ही प्रजा दुःखी हो गई।
  2. उत्तर (दिशा) ध्रुव तारा उत्तर में अटल रहता है।
    • उत्तर ( जवाब ) मैं कठिन प्रश्न का उत्तर न दे सका।
  3. जल (पानी) शीतल जल पीकर मेरी प्यास बुझी ।
    • जल (आग में जलना) आग फैलते ही गरीबों की झोंपड़ियाँ जल गईं।

प्रश्न 4. ताकि, जबकि, चूँकि, हालाँकि – कविता की जिन पंक्तियों में ये शब्द आए हैं, उन्हें ध्यान से पढ़ो। ये शब्द दो वाक्यों को जोड़ने का काम करते हैं। इन शब्दों का प्रयोग करते हुए दो-दो वाक्य बनाओ।

उत्तर

ताकि

  1. आज मैं घर से जल्दी निकला, ताकि समय से ऑफिस पहुँच सकूँ।
  2. तुम इधर बैठ जाओ, ताकि कोई इस जगह न बैठे।

जबकि

  1. मैं मित्र से मिलने अकसर जाता हूँ, जबकि वह नहीं आता।
  2. तुम खाना खा चुके, जबकि मैंने शुरू भी नहीं किया।

चूँकि

  1. चूँकि वह पौष्टिक भोजन करता है, इसलिए उसकी सेहत भी अच्छी है।
  2. चूँकि कार खराब हो गई, इसलिए मौसीजी बस से आएँगी।

हालाँकि

  1. सभी लोग इंतजार कर रहे थे हालाँकि मैं देर से वहाँ पहुँचा।
  2. हालाँकि तूफान आया, परंतु नुकसान कम हुआ।

प्रश्न 5. गप्प, गप-शप, गप्पबाज़ी क्या इन शब्दों के अर्थों में अंतर है? तुम्हें क्या लगता है? लिखो।

उत्तर

गप्प काल्पनिक बातें

गप-शप बिना उद्देश्य के बातें करके समय बिताना।

गप्पबाज़ी बहुत समय तक काल्पनिक या व्यर्थ की बातें करते रहना।

कुछ करने को (पृष्ठ संख्या 26 व 27)

पृथ्वी के चारों ओर परिभ्रमण करते हुए चंद्रमा भी पृथ्वी के साथ-साथ सूर्य का परिभ्रमण करता है। इन्हीं दोनों परिभ्रमणों से वर्ष और मास की गणनाएँ होती हैं। सामान्यतः तीस दिनों के महीने होते हैं, जिन्हें चंद्रमा की वार्षिक गति को बारह महीनों में विभाजित करके निर्धारित किया जाता है।

तीस दिनों में पंद्रह-पंद्रह दिनों के दो पक्ष होते हैं। जिन पंद्रह दिनों में चंद्रमा बढ़ते-बढ़ते पूर्णिमा तक पहुँचता है, उसे शुक्लपक्ष और जिन पंद्रह दिनों में चंद्रमा घटते घटते अमावस्या तक जाता है, उसे कृष्णपक्ष कहते हैं। इसी तरह एक वर्ष के बारह महीनों में छह-छह माह के दो अयन होते हैं।

जिन छह महीनों में मौसम का तापमान बढ़ता है, उसे उत्तरायण और जिन छह महीनों में मौसम का तापमान घटता है, उसे दक्षिणायन कहते हैं। संवत् के बारह महीनों के नाम इस प्रकार हैं- चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ, फाल्गुन ।

अंग्रेजी कैलेंडर की वार्षिक गणना सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के परिभ्रमण की अवधि के अनुसार तीन सौ पैंसठ दिनों की होती है। इसके महीनों की गणना पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा के परिभ्रमण पर आधारित नहीं है।

इसमें वर्ष के तीन सौ पैंसठ दिनों को ही बारह महीनों में विभाजित किया गया है। इस कैलेंडर के सभी महीने तीस-तीस दिन के नहीं होते। अप्रैल, नवंबर, जून, सितंबर- इनके हैं दिन तीस फरवरी है अट्ठाइस दिन की, बाकी सब इकत्तीस ।

नीचे दो प्रकार के कैलेंडर दिए गए हैं। इन्हें देखो और प्रश्नों के उत्तर दो।

मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष – मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष संवत् २०६३

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 4 चाँद से थोड़ी-सी गप्पें मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 4 चाँद से थोड़ी-सी गप्पें नवंबर से ४ दिसंबर, २००६

(क) ऊपर दिए गए कैलेंडरों में से किस कैलेंडर में चंद्रमा के अनुसार महीने के दिन दिए गए हैं?
(ख) दिए गए दोनों कैलेंडरों के अंतर स्पष्ट करो।
(ग) कृष्णपक्ष और शुक्लपक्ष का क्या अर्थ होता है?

उत्तर

(क ) ऊपर दिए गए कैलेंडरों में से पहले कैलेंडर में संवत् 2063 में चंद्रमा के अनुसार महीने दिए गए हैं।
(ख) पहले कैलेंडर में संवत् 2063 के मार्गशीर्ष महीने की तिथि को दर्शाया गया है, जबकि दूसरे कैलेंडर में वर्ष 2006 के नवंबर और दिसंबर महीने की तारीखें लिखी हुई हैं। पहले कैलेंडर में महीने को कृष्णपक्ष और शुक्लपक्ष में बाँटा गया है, जबकि दूसरे महीने में ऐसा नहीं है।
(ग) कृष्णपक्ष जिन पंद्रह दिनों में चंद्रमा घटते घटते एक रात दिखाई नहीं देता, तब अमावस्या होती है। इन दिनों को कृष्णपक्ष कहते हैं। शुक्लपक्ष जिन पंद्रह दिनों में चंद्रमा बढ़ते-बढ़ते पूर्णिमा तक पहुँचता है, उसे शुक्लपक्ष कहते हैं।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 4 चाँद से थोड़ी-सी गप्पें बहुविकल्पीय प्रश्न

अभ्यास प्रश्न (बहुविकल्पीय व वर्णनात्मक प्रश्नों सहित)

1. चाँद को कौन-सी बीमारी है?

(क) घटने की
(ख) बढ़ने की
(ग) ‘क’ और ‘ख’ दोनों
(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर (ग) ‘क’ और ‘ख’ दोनों

2. चाँद से थोड़ी-सी गप्पें कविता के कवि कौन हैं?

(क) सुमित्रानंदन पंत
(ख) केदारनाथ अग्रवाल
(ग) शमशेर बहादुर सिंह
(घ) विनय महाजन

उत्तर (ग) शमशेर बहादुर सिंह

3. चाँद की पोशाक की क्या विशेषता है?

(क) आकाश के चारों तरफ फैली हुई है।
(ख) आकाश के चारों तरफ रखी हुई है
(ग) आकाश में तिरछी खड़ी है
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं

उत्तर (क) आकाश के चारों तरफ फैली हुई है

4. ‘मरज’ शब्द से क्या तात्पर्य है?

(क) तबीयत उत्तर
(ख) रोग
(ग) यानी
(घ) बिल्कुल

उत्तर (ख) रोग

5. काव्यांश में कितने पक्षों को दर्शाया गया है?

(क) आठ
(ख) छ:
(ग) चार
(घ) दो

उत्तर (घ) दो

6. बच्चे चाँद को किस नाम से पुकारते हैं?

(क) मामा
(ख) चाचा
(ग) दादा
(घ) काका

उत्तर (क) मामा

7. चाँद गोल कब दिखाई देता है?

(क) अमावस्या को
(ख) भादो में
(ग) पूर्णिमा को
(घ) आषाढ़ में

उत्तर (ग) पूर्णिमा को

8. चाँद अमावस्या की रात को क्या/ कैसा हो जाता है?

(क) ज्वलंत
(ख) गायब
(ग) पराया
(घ) श्रेष्ठ

उत्तर (ख ) गायब

9. कविता में चन्द्रमा को घटने और बढ़ने की बीमारी है। आपके अनुसार सूर्य को कौन-सी बीमारी हो सकती है?

(क) हमेशा गर्म रहने की
(ख) हमेशा ठंडे रहने की
(ग) कोरोना
(घ) हृदय रोग

उत्तर (क) हमेशा गर्म रहने की

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 4 चाँद से थोड़ी-सी गप्पें काव्यांश पर आधारित प्रश्न

निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर उन पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

काव्यांश

गोल है खूब मगर
आप तिरछे नजर आते हैं जरा ।
आप पहने हुए हैं कुल आकाश तारों जड़ा;
सिर्फ मुँह खोले हुए हैं अपना
गोरा-चिट्टा गोल-मटोल,
अपनी पोशाक को फैलाए हुए चारों सिम्त ।
आप कुछ तिरछे नजर आते हैं जाने कैसे?

1. उपरोक्त पंक्तियों में चाँद से बातें कौन कर रहा है?

(क) कवि
(ख) लड़की
(ग) लड़का
(घ) माँ

उत्तर (ख) लड़की

2. चाँद कैसा नजर आता है?

(क) बड़ा
(ख) उल्टा
(ग) तिरछा
(घ) सपाट

उत्तर (ग) तिरछा

3. चाँद ने क्या खोला हुआ है?

(क) मुँह
(ख) हाथ
(ग) पैर
(घ) बाल

उत्तर (क) मुँह

4. छोटी लड़की को चाँद कैसा दिखाई देता है, किंतु वास्तव में कैसा है ?

उत्तर छोटी लड़की को चाँद गोल होने पर भी पृथ्वी से तिरछा दिखाई देता है। चाँद वास्तविक रूप में गोल है।

5. कवि के अनुसार, चाँद की पोशाक कैसी है?

उत्तर कवि के अनुसार, चाँद की पोशाक पूरा आसमान ही है। आसमान में टिमटिमाने वाले असंख्य तारे उस पोशाक में जड़े हुए लगते हैं।

6. पोशाक में से चाँद का चेहरा कैसा दिखाई देता है?

उत्तर नीले आसमान में तारों से जड़ी सुंदर पोशाक में से चाँद का केवल चेहरा ही दिखाई देता है, अन्य शरीर दिखाई नहीं देता। चाँद का चेहरा गोरा चिट्टा और गोल-मटोल है।

काव्यांश 2

खूब हैं गोकि !
वाह जी वाह !
हमको बुद्ध ही निरा समझा है!
हम समझते ही नहीं जैसे कि
आपको बीमारी है:
आप घटते हैं, तो घटते ही चले जाते हैं,
और बढ़ते हैं तो बस यानी कि बढ़ते ही चले जाते हैं
दम नहीं लेते हैं, जब तक बिलकुल ही गोल न हो जाएँ, बिलकुल गोल ।
यह मरज आपका अच्छा ही नहीं होने में ______ आता है।

1. कवि ने ‘गोकि’ शब्द का प्रयोग किस अर्थ में किया है?

(क) कि उत्तर
(ख) क्योंकि
(ग) परंतु
(घ) यानी

उत्तर (घ) यानी

2. कवि के अनुसार, बीमारी किसे है?

(क) लड़की को
(ख) चाँद को
(ग) कवि को
(घ) लोगों को

उत्तर (ख) चाँद को

3. उपरोक्त पंक्तियों में कवि ने ‘हमको’ शब्द किसके लिए प्रयोग किया है?

(क) स्वयं के लिए
(ख) चाँद के लिए
(ग) लड़की के लिए
(घ) मरज के लिए

उत्तर (ग) लड़की के लिए

4. इन पंक्तियों में ‘हमको बुद्ध ही निरा समझा है!’ का क्या तात्पर्य है?

उत्तर कवि ने इन पंक्तियों में हमको शब्द छोटी लड़की के लिए प्रयोग किया है। चाँद से बाल सुलभ बातें करते-करते वह कहती है कि चाँद तुमने मुझे पूरा बुद्ध समझा है। मुझे तुम्हारे घटने-बढ़ने का सही कारण मालूम है, तुमने मुझे गलत समझा है।

5. कवि ने ‘बिलकुल गोल’ तथा ‘बिलकुल गोल’ शब्दों को अलग रूप में लिखकर क्या स्पष्ट किया है?

उत्तर ‘चाँद से थोड़ी-सी गप्पें कविता में ‘बिलकुल गोल’ शब्द में अक्षरों को अलग-अलग लिखकर चाँद के पूरे रूप को बताया गया है। चाँद बढ़ते-बढ़ते पूरा गोल आकार का हो जाता है। दूसरी बार ‘बिलकुल ‘गोल’ लिखकर चाँद के गायब हो जाने की बात कही गई है।

6. पूर्णिमा तथा अमावस्या के बीच चाँद की क्या स्थिति रहती है?

उत्तर पूर्णिमा तथा अमावस्या के बीच चाँद घटता और बढ़ता रहता है।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 4 चाँद से थोड़ी-सी गप्पें अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

1. इस कविता में कौन किससे बातें कर रहा है?

उत्तर इस कविता में लगभग दस ग्यारह वर्ष की छोटी बालिका चाँद से बातें कर रही है।

2. चाँद का आकार कैसा है? फिर भी क्या वह छोटी लड़की को उसी आकार का दिखाई देता है?

उत्तर चाँद का आकार गोल है। छोटी लड़की को चाँद गोल होने पर थोड़ा तिरछा दिखाई देता है।

3. कवि ने ‘सिर्फ मुँह खोले हुए हैं अपना’ किसके लिए और क्यों कहा?

उत्तर कवि ने ‘सिर्फ मुँह खोले हुए हैं अपना’ चाँद के लिए कहा है। पूरे आसमान में केवल चाँद दिखाई देता है, ऐसा लगता है कि नीली पोशाक में से चाँद ने सिर्फ मुँह खोल रखा है।

4. चारों ओर फैली हुई पोशाक में से चाँद का मुँह कैसा दिखाई पड़ता है?

उत्तर चारों ओर फैली हुई पोशाक में से चाँद का मुँह गोरा चिट्टा और गोल-मटोल दिखाई देता है।

5. चाँद कब तक बढ़ता रहता है?

उत्तर चाँद शुक्लपक्ष में धीरे-धीरे प्रतिदिन बढ़ता जाता है और पूर्णिमा तक पूरा गोल होने तक बढ़ता रहता है।

6. चाँद कब तक घटता है?

उत्तर चाँद कृष्णपक्ष में धीरे-धीरे प्रतिदिन घटता जाता है। चाँद एक रात में बिल्कुल भी दिखाई न देने तक घटता है, वह अमावस्या होती है।

7. यदि चाँद नहीं होता तो धरती पर क्या होता? अपनी कल्पना के आधार पर लिखिए।

उत्तर यदि चाँद नहीं होता तो धरती पर रात की सुंदरता कम हो जाती, चाँद पर कविता एवं मुहावरे न बन पाते और न ही अपोलो यान बनता ।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 4 चाँद से थोड़ी-सी गप्पें लघु उत्तरीय प्रश्न

1. ‘चाँद से थोड़ी-सी गप्पें कविता में लड़की चाँद से गप्पें क्यों कर रही है?

उत्तर इस कविता में कवि ने जिस लड़की को चाँद से गप्पें करते हुए बताया है, उस लड़की की आयु लगभग दस ग्यारह वर्ष की होगी।

दस – ग्यारह वर्ष के बच्चे बहुत भोले और काल्पनिक होते हैं। प्रत्येक वस्तु को ध्यान से देखते हैं। अपने भोलेपन के कारण छोटी लड़की चाँद से गप्पें कर रही है।

2. कवि ने आसमान के विषय में क्या कहा?

उत्तर इस कविता में कवि ने नीले आसमान को चाँद की पोशाक कहा है। नीले आसमान में चमकने वाले तारों को कवि ने चाँद की पोशाक में जड़े तारे कहा है। यह तारों जड़ी पोशाक चाँद के चारों ओर फैली हुई है।

3. इस कविता में ‘दम नहीं लेते हैं का क्या आशय है? स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर कवि ने ‘चाँद से थोड़ी-सी गप्पें कविता में छोटी लड़की के माध्यम से चाँद के घटने-बढ़ने का वर्णन किया है तथा ‘दम नहीं लेते हैं’ से कवि का आशय है कि चाँद पूरा गोल हो जाने तक लगातार बढ़ता ही रहता है, कभी थकता नहीं है।

4. छोटी लड़की अपने को बुद्ध क्यों नहीं समझती है ?

उत्तर कवि के अनुसार, छोटी लड़की की आयु केवल दस – ग्यारह वर्ष की है, फिर भी वह समझदार है। लड़की को चाँद के घटने और बढ़ने का कारण पता है। वह प्रकृति के नियम को भली-भाँति देख और समझ चुकी है, इसलिए वह अपने को बुद्ध नहीं समझती है।

5. क्या सच में चाँद को कोई लाइलाज बीमारी है?

उत्तर चाँद प्राकृतिक नियम का पालन करता है। शुक्लपक्ष में चाँद पंद्रह दिनों तक लगातार बढ़ता है तथा कृष्णपक्ष में पंद्रह दिनों तक लगातार घटता है। चाँद को कोई लाइलाज बीमारी नहीं है। कवि ने छोटी लड़की के माध्यम से बाल सुलभ स्वाभाविक भावना प्रकट की है।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 4 चाँद से थोड़ी-सी गप्पें दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. चाँद नियम के अनुसार घटता-बढ़ता रहता है। क्या मनुष्य को भी नियम के अनुसार चलना चाहिए? अपने विचार लिखिए।

उत्तर प्रकृति में चाँद, सूरज आदि सभी अपने नियमों पर चलते हैं। मनुष्य को भी नियम के अनुसार चलना चाहिए। नियम के अनुसार कार्य करने से मनुष्य का जीवन व्यवस्थित रहता है। मनुष्य को सभी कार्य नियम के अनुसार करने चाहिए; जैसे- समय पर जगना, स्कूल जाना, भोजन करना, खेलना और पढ़ाई करना तथा व्यवस्थित जीवन जीने से मनुष्य को सफलता भी मिलती है।

2. ‘चाँद से थोड़ी-सी गप्पें कविता में छोटी लड़की चाँद से गप्पें लगा रही है। क्या आप भी गप्पें लगाते हैं? अधिक गप्पें लगाने से क्या होगा?

उत्तर ‘चाँद से थोड़ी-सी गप्पें कविता में लगभग दस ग्यारह वर्ष की छोटी बालिका चाँद से गप्पें लगा रही है। हाँ, मैं भी कभी-कभी अपने मनोरंजन के लिए मित्रों के साथ गप्पें लगाता हूँ। अधिक समय तक गप्पें नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि अधिक गप्पें लगाने से समय व्यर्थ में नष्ट होता है। हम अपने काम निश्चित समय पर पूरे नहीं कर पाते हैं। अतः हमें थोड़ी देर गप्पें लगाना चाहिए, अधिक देर तक नहीं।

 

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 3 नादान दोस्त Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 3 नादान दोस्त Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 3 नादान दोस्त पाठ का सार

केशव व श्यामा की जिज्ञासा

‘नादान दोस्त’ प्रेमचंद द्वारा लिखी गई मार्मिक कहानी है। केशव और श्यामा भाई-बहन थे, जिनके घर की छत की कार्निस (छज्जा) पर एक चिड़िया ने अंडे दिए थे। अंडों को देखकर उनके मन में तरह-तरह के प्रश्न आते थे। वे अकसर सोचते अंडे कितने बड़े होंगे? किस रंग के होंगे? कितने होंगे? उनमें से बच्चे कब निकलेंगे? बच्चों के पर कैसे निकलेंगे ? घोंसला कैसा है? आदि।

केशव और श्यामा इन प्रश्नों के उत्तर जानना चाहते थे, लेकिन उनके माता-पिता के पास उनके प्रश्नों के उत्तर देने का समय नहीं होने के कारण वे आपस में ही सवाल जवाब करके अपने दिल को तसल्ली दे देते थे।

चिड़िया के बच्चों को भूख-प्यास से बचाना

केशव और श्यामा के मन में दिन-प्रतिदिन जिज्ञासा बढ़ रही थी। दोनों ने अनुमान लगाया कि अब तक अंडों में से बच्चे निकल आए होंगे। इस कारण उन्हें उन बच्चों के खाने-पीने की चिंता सताने लगी। दोनों ने उनकी भूख-प्यास मिटाने का फैसला किया। श्यामा ने चुपके से मटके से कुछ चावल निकाले और केशव ने तेल की प्याली साफ करके उसमें पानी भरा। इसके पश्चात् कूड़ा फेंकने वाली टोकरी से घोंसले पर छाया करने का प्रबंध किया।

बाबू जी के दफ्तर चले जाने व माँ के सो जाने के बाद केशव और श्यामा चुपके से कमरे के बाहर आ गए। केशव नहाने की चौकी पर स्टूल रखकर उस पर चढ़ गया, जिसे श्यामा ने पकड़ लिया। कार्निस पर हाथ रखते ही दोनों चिड़ियाँ उड़ गई। वहाँ तीन अंडे थे, जिन्हें केशव ने पुरानी धोती के टुकड़े की गद्दी बनाकर उसके ऊपर रख दिया।

चावल के दाने और पानी की कटोरी भी रखी तथा टोकरी को लकड़ी से टिकाकर अंडों पर छाया कर दी। केशव के नीचे उतरने पर श्यामा ने भी अंडे देखने के लिए कहा तो केशव ने डर के कारण उसे मना कर दिया और बोला कि वह स्टूल से गिर जाएगी तो अम्मा खूब पीटेंगी। यह सुनकर श्यामा रोने लगी और ये सभी बातें माँ से बताने के लिए कहने लगी।

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चिड़िया का कार्निस पर आकर उड़ जाना

दोनों चिड़िया कार्निस पर बार-बार आकर बिना बैठे ही उड़ जाती थीं। केशव को लगा कि शायद वह भय के कारण वहाँ नहीं बैठ पा रहीं हैं, इसलिए केशव ने चॉकी और स्टूल वहाँ से हटाकर अपने स्थान पर रख दिए। तभी माँ नींद से जाग गईं और दोनों को दरवाजा खोलने पर डाँट लगाई और फिर से दोनों को कमरे में ले गई।

अंडों का टूटना

शाम चार बजे जब श्यामा नींद से जागी, तो वह कार्निस के पास गई और देखा कि अंडे नीचे गिरकर टूटे पड़े हैं। उसने तुरंत केशव को जाकर सब कुछ बताया। यह बात सुनकर केशव भी घबराकर बाहर आया और देखा कि पानी की प्याली टूटी पड़ी है, तीनों अंडे भी जमीन पर टूटे पड़े हैं, जिनमें से सफेद रंग का पानी निकल आया है। तभी माँ सोटी (छड़ी) लेकर वहाँ आ गई और कहा- तुम धूप में क्या कर रहे हो।

श्यामा ने माँ को बताया कि अंडे टूट गए हैं तो माँ ने कहा- तुम लोगों ने अंडों को छुआ होगा। अब श्यामा ने माँ को सब बता दिया कि भइया ने उन्हें रखा था, तब माँ ने उन्हें बताया कि अंडों को छूने से वे गंदे हो जाते हैं, जिसके कारण चिड़िया उन्हें नहीं सेती और तोड़ देती है।

केशव को अपनी गलती पर अफसोस

यह सुनकर केशव का चेहरा उतर गया और बोला कि मैंने तो सिर्फ अंडों को कपड़े की गद्दी पर रखा था। केशव के भोलेपन की बात सुनकर माँ को हँसी आ गई, लेकिन केशव बहुत दुःखी हुआ और काफी दिनों तक अपनी गलती पर अफसोस करके रोता रहा।

शब्द

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 3 नादान दोस्त (प्रेमचंद) Question And Answers शब्द

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 3 नादान दोस्त पाठ्यपुस्तक वसंत भाग-1 के प्रश्नोत्तर

कहानी से (पृष्ठ संख्या 19)

प्रश्न 1. अंडों के बारे में केशव और श्यामा के मन में किस तरह के सवाल उठते थे? वे आपस में ही सवाल-जवाब करके अपने दिल को तसल्ली क्यों दे दिया करते थे?

उत्तर केशव और श्यामा दोनों के मन में अंडों के बारे में बहुत जिज्ञासा रहती थी। वे जानना चाहते थे कि अंडे किस रंग के हैं? कितने बड़े हैं? उनमें से बच्चे कब निकलेंगे? बच्चों के पर कैसे निकलेंगे? बच्चों के इन प्रश्नों का उत्तर देने वाला कोई न था माँ और पिताजी भी व्यस्त रहते थे, इसीलिए दोनों आपस में ही सवाल-जवाब करके अपने दिल को तसल्ली दे दिया करते थे।

प्रश्न 2. केशव ने श्यामा से चिथड़े, टोकरी और दाना-पानी मँगाकर कार्निस पर क्यों रखे थे?

उत्तर केशव ने श्यामा से चिथड़े मँगाकर उनकी गद्दी बनाकर अंडों के नीचे रखी। एक टोकरी को टहनी से टिकाकर अंडों के ऊपर छाया कर दी। पास में ही दाना-पानी भी रख दिया, जिससे चिड़िया के बच्चों को कोई परेशानी न हो, क्योंकि अकेले चिड़िया इतना दाना-पानी नहीं ला सकती थी, जिससे उसके बच्चों का पेट भर सके।

प्रश्न 3. केशव और श्यामा ने चिड़िया के अंडों की रक्षा की या नादानी ?

उत्तर केशव और श्यामा ने अपनी बाल-सुलभ सोच से चिड़िया के अंडों को सुरक्षित तथा आरामदेह समझकर उनकी रक्षा की, परंतु यह उनकी नादानी सिद्ध हुई। उन्होंने अंडों को रक्षा के प्रयास में छूकर गंदा कर दिया। उन्हें नहीं पता था कि हाथ लगाने पर चिड़िया अंडे सेती नहीं है।

कहानी से आगे (पृष्ठ संख्या 20)

प्रश्न 1. केशव और श्यामा ने अंडों के बारे में क्या-क्या अनुमान लगाए? यदि उस जगह तुम होते तो क्या अनुमान लगाते और क्या करते?

उत्तर केशव और श्यामा ने अनुमान लगाया कि अंडों को तिनके चुभते होंगे, कार्निस पर होने के कारण धूप लगती होगी। उन्होंने तीन-चार दिन बाद अनुमान लगाया कि अंडों में से बच्चे निकल आए होंगे, चिड़िया अपने बच्चों के लिए भोजन कहाँ से लाएगी, बच्चे भूख से मर जाएँगे, उन्हें प्यास भी लगेगी।

यदि मैं उनकी जगह पर होता तो अनुमान लगाता कि बच्चों के पर कितने दिनों में निकलेंगे? कोई पशु-पक्षी उन अंडों तक पहुँच नहीं पाएगा। मैं पूरा प्रयास करता कि पशु-पक्षी से कार्निस पर रखे अंडे सुरक्षित रहें। मैं दाना जमीन पर बिखेर देता, जिससे चिड़िया वहीं से भोजन ले सके।

प्रश्न 2. माँ के सोते ही केशव और श्यामा दोपहर में बाहर क्यों निकल आए ? माँ के पूछने पर भी दोनों में से किसी ने किवाड़ खोलकर दोपहर में बाहर निकलने का कारण क्यों नहीं बताया?

उत्तर दोपहर के समय माँ दोनों बच्चों को सुलाकर ही स्वयं सोती थी । इसीलिए माँ के सोते ही केशव और श्यामा दोनों अंडों को देखने कमरे से बाहर आ गए। यदि माँ देख लेती तो दोनों को बाहर न आने देती। माँ के पूछने पर भी केशव और श्यामा दोनों ने ही बाहर निकलने का कारण नहीं बताया। दोनों भाई-बहन का आपस में बहुत प्रेम था। वे दोनों नहीं चाहते थे कि उनमें से किसी की भी पिटाई हो ।

प्रश्न 3. प्रेमचंद ने इस कहानी का नाम ‘नादान दोस्त’ रखा। तुम इसे क्या शीर्षक देना चाहोगे?

उत्तर कहानीकार प्रेमचंद ने कहानी का नाम ‘नादान दोस्त’ रखा। मैं इस कहानी का नाम ‘बच्चों की नादानी’ या ‘चिड़िया के अंडे’ शीर्षक रखता।

अनुमान और कल्पना ( पृष्ठ संख्या 20)

प्रश्न 1. इस पाठ में गर्मी के दिनों की चर्चा है। अगर सर्दी या बरसात के दिन होते तो क्या-क्या होता? अनुमान करो और अपने साथियों को सुनाओ।

उत्तर अगर सर्दी के दिन होते तो केशव और श्यामा की माँ ठंड के कारण बच्चों को बाहर नहीं निकलने देती। ठंड के कारण अंडों को ठंडक लगने से बचाना होता।

अगर बरसात का मौसम होता तो अंडों को बरसात में भीगने से और पानी में बहने से बचाना होता। बरसात में बाहर निकलने पर केशव और श्यामा भीग जाते। इसलिए उनकी माँ उन्हें बाहर नहीं निकलने देती ।

प्रश्न 2. पाठ पढ़कर मालूम करो कि दोनों चिड़ियाँ वहाँ फिर क्यों नहीं दिखाई दीं? वे कहाँ गई होंगी? इस पर अपने दोस्तों के साथ मिलकर बातचीत करो।

उत्तर अंडे फूट जाने के बाद दोनों चिड़ियाँ वहाँ नहीं आईं। उन्हें यह स्थान असुरक्षित लगा होगा तथा उन्होंने कोई नया सुरक्षित स्थान खोजकर घोंसला बनाया होगा और फिर समय आने पर अंडे दिए होंगे।

प्रश्न 3. केशव और श्यामा चिड़िया के अंडों को लेकर बहुत उत्सुक थे। क्या तुम्हें भी किसी नई चीज या बात को लेकर कौतूहल महसूस हुआ है? ऐसे किसी अनुभव का वर्णन करो और बताओ कि ऐसे में तुम्हारे मन में क्या-क्या सवाल उठे?

उत्तर मेरे जन्मदिन पर मेरे मित्र ने मुझे मछलियाँ उपहार में दीं। उन्हें देखकर मैं बहुत खुश हुआ। मेरे मन में कौतूहल हुआ। ये मछलियाँ कैसे खाती हैं? कब सोती हैं? कैसे खेलती हैं? किस प्रकार आपस में बातें करती हैं? इन मछलियों के माता-पिता कौन और कहाँ हैं?

भाषा की बात (पृष्ठ संख्या 20 व 21)

प्रश्न 1. श्यामा माँ से बोली, “मैंने आपकी बातचीत सुन ली है। ” ऊपर दिए उदाहरण में मैंने का प्रयोग ‘श्यामा’ के लिए और आपकी का प्रयोग ‘माँ’ के लिए हो रहा है। जब सर्वनाम का प्रयोग कहने वाले, सुनने वाले या किसी तीसरे के लिए हो, तो उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। नीचे दिए गए वाक्यों में तीनों प्रकार के पुरुषवाचक सर्वनामों के नीचे रेखा खींचो

एक दिन दीपू और नीलू यमुना तट पर बैठे शाम की ठंडी हवा का आनंद ले रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि एक लंबा आदमी लड़खड़ाता हुआ उनकी ओर चला आ रहा है। पास आकर उसने बड़े दयनीय स्वर में कहा, “मैं भूख से मरा जा रहा हूँ। क्या आप मुझे कुछ खाने को दे सकते हैं?”

उत्तर एक दिन दीपू और नीलू यमुना तट पर बैठे शाम की ठंडी हवा का आनंद ले रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि एक लंबा आदमी लड़खड़ाता हुआ उनकी ओर चला आ रहा है। पास आकर उसने बड़े दयनीय स्वर में कहा, “मैं भूख से मरा जा रहा हूँ। क्या आप मुझे कुछ खाने को दे सकते हैं?”

प्रश्न 2. तगड़े बच्चे मसालेदार सब्जी बड़ा अंडा

यहाँ रेखांकित शब्द क्रमशः बच्चे, सब्जी और अंडे की विशेषता यानी गुण बता रहे हैं, इसलिए ऐसे विशेषणों को गुणवाचक विशेषण कहते हैं। इसमें व्यक्ति या वस्तु के अच्छे-बुरे हर तरह के गुण आते हैं। तुम चार गुणवाचक विशेषण लिखो और उनसे वाक्य बनाओ।

उत्तर

  • सुंदर – गीता बहुत सुंदर गाती थी।
  • नया – राघव ने नौकरी लगते ही नया घर खरीदा।
  • बुद्धिमान – सोनल कक्षा की सबसे बुद्धिमान छात्रा है।
  • ताजा – ताजा भोजन खाने से शरीर स्वस्थ रहता है।

प्रश्न 3.

(क) केशव ने झुंझलाकर कहा….
(ख) केशव रोनी सूरत बनाकर बोला….
(ग) केशव घबराकर उठा…
(घ) केशव ने टोकरी को एक टहनी से टिकाकर कहा….
(ङ) श्यामा ने गिड़गिड़ाकर कहा…..

ऊपर लिखे वाक्यों में रेखांकित शब्दों को ध्यान से देखो ये शब्द रीतिवाचक क्रिया-विशेषण का काम कर रहे हैं, क्योंकि ये बताते हैं कि कहने, बोलने और उठने की क्रिया कैसे क्रिया हुई। ‘कर’ वाले शब्दों के क्रिया-विशेषण होने की एक पहचान यह भी है कि ये अकसर क्रिया से ठीक पहले आते हैं। अब तुम भी इन पाँच क्रिया-विशेषणों का वाक्यों में प्रयोग करो।

उत्तर

(क) झुंझलाकर – माँ ने झुंझलाकर कहा अब चुप हो जाओ।
(ख) बनाकर – बालक चित्र बनाकर चला गया।
(ग) घबराकर – तूफान की सूचना मिलते ही गाँव वाले घबराकर भागने लगे।
(घ) टिकाकर – अलमारी में मैंने कुछ पुस्तकें टिकाकर रख दीं।
(ङ) गिड़गिड़ाकर चोरी पकड़ी जाने पर नौकर ने गिड़गिड़ाकर माफी माँगी।

प्रश्न 4. नीचे प्रेमचंद की कहानी ‘सत्याग्रह’ का एक अंश दिया गया है। तुम इसे पढ़ोगे तो पाओगे कि विराम चिह्नों के बिना यह अंश अधूरा सा है। तुम आवश्यकता के अनुसार उचित जगहों पर विराम चिह्न लगाओ।

उसी समय एक खोमचेवाला जाता दिखाई दिया 11 बज चुके थे चारों तरफ सन्नाटा छा गया था पंडित जी ने बुलाया खोमचेवाले खोमचेवाला कहिए क्या दूँ भूख लग आई न अन्न-जल छोड़ना साधुओं का काम है हमारा आपका नहीं मोटेराम अबे क्या कहता है यहाँ क्या किसी साधु से कम हैं? चाहें तो महीने पड़े रहें और भूख न लगे तुझे तो केवल इसलिए बुलाया है कि जरा अपनी कुप्पी मुझे दे देखूं तो वहाँ क्या रेंग रहा है मुझे भय होता है।

उत्तर उसी समय एक खोमचेवाला जाता दिखाई दिया। 11 बज चुके थे। चारों तरफ सन्नाटा छा गया था। पंडित जी ने बुलाया, ‘खोमचेवाले !’ खोमचेवाला- ‘कहिए, क्या दूँ? भूख लग आई ना अन्न-जल छोड़ना साधुओं का काम है, हमारा आपका नहीं।’ मोटेराम, ‘अबे ! क्या कहता है? यहाँ क्या किसी साधु से कम हैं? चाहें तो महीने पड़े रहें और भूख न लगे। तुझे तो केवल इसलिए बुलाया है कि जरा अपनी कुप्पी मुझे दे। देखें तो, वहाँ क्या रेंग रहा है। मुझे भय होता है।’

कुछ करने को (पृष्ठ संख्या 22)

गर्मियों या सर्दियों में जब तुम्हारी लंबी छुट्टियाँ होती हैं, तो तुम्हारा दिन कैसे बीतता है? अपनी बुआ या किसी और को एक पोस्टकार्ड या अंतर्देशीय पत्र लिखकर बताओ।

उत्तर छात्र स्वयं करें

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 3 नादान दोस्त बहुविकल्पीय प्रश्न

अभ्यास प्रश्न (बहुविकल्पीय व वर्णनात्मक प्रश्नों सहित)

1. ‘नादान दोस्त’ कहानी के कहानीकार का नाम है

(क) कृष्णा सोबती
(ख) विष्णु प्रभाकर
(ग) प्रेमचंद
(घ) विनय महाजन

उत्तर (ग) प्रेमचंद

2. केशव व श्यामा ने चिड़िया के खाने के लिए क्या रखा था?

(क) जौ
(ख) बाजरा
(ग) मक्का
(घ) चावल

उत्तर चावल

3. चिड़िया ने अंडे कहाँ दिए थे?

(क) पेड़ पर
(ख) खिड़की पर
(ग) कार्निस पर
(घ) छत पर

उत्तर (ग) कार्निस पर

4. श्यामा ने माँ को क्यों नहीं बताया कि दरवाजा केशव ने खोला था ?

(क) यह सुनकर माँ दोनों की पिटाई करतीं
(ख) क्योंकि इससे केशव नाराज़ हो जाता
(ग) यह सुनकर माँ उसे मारतीं
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं

उत्तर (ग) यह सुनकर माँ उसे मारतीं

5. माँ के सो जाने के बाद केशव और श्यामा चुपके से कहाँ आ गए?

(क) छत पर
(ख) कमरे के बाहर
(ग) कमरे के अंदर
(घ) उपरोक्त सभी

उत्तर (ख) कमरे के बाहर

6. स्टूल पर कौन चढ़ा हुआ था?

(क) श्यामा
(ख) पिताजी
(ग) केशव
(घ) माताजी

उत्तर (ग) केशव

7. श्यामा और केशव अंडों को किससे बचाना चाहते थे?

(क) धूप से
(ख) बारिश से
(ग) हवा से
(घ) आँधी से

उत्तर (क) धूप से

8. अंडों से किस रंग का पानी निकल रहा था?

(क) पीला
(ख) नीला
(ग) सफेद
(घ) ये सभी

उत्तर (ग) सफेद

9. केशव को अपनी गलती पर क्या हुआ?

(क) अफ़सोस
(ख) गर्व
(ग) खुशी
(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर (क) अफ़सोस

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 3 नादान दोस्त गद्यांश पर आधारित प्रश्न

निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर उन पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

गद्यांश 1

केशव के घर कार्निस के ऊपर एक चिड़िया ने अंडे दिए थे। केशव और उसकी बहन श्यामा दोनों बड़े ध्यान से चिड़िया को वहाँ आते-जाते देखा करते। सवेरे दोनों आँखें मलते कार्निस के सामने पहुँच जाते और चिड़ा व चिड़िया दोनों को वहाँ बैठा पाते। उनको देखने में दोनों बच्चों को न मालूम क्या मजा मिलता, दूध और जलेबी की सुध भी न रहती थी। दोनों के दिल में तरह-तरह के सवाल उठते अंडे कितने बड़े होंगे? किस रंग के होंगे? कितने होंगे? क्या खाते होंगे? उनमें से बच्चे किस तरह निकल आएँगे? बच्चों के पर कैसे निकलेंगे? घोंसला कैसा है?

1. चिड़ा और चिड़िया को कौन देखता था?

(क) केशव
(ख) श्यामा
(ग) ‘क’ और ‘ख’ दोनों
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं

उत्तर (ग) ‘क’ और ‘ख’ दोनों

2. सवेरे नाश्ते में केशव और श्यामा क्या खाते थे?

(क) जलेबी और दही
(ख) डबल रोटी और दूध
(घ) दूध और बिस्कुट
(ग) दूध और जलेबी

उत्तर (ग) दूध और जलेबी

3. बच्चों के मन में क्या जिज्ञासा थी?

(क) अंडों को देखने की
(ख) चिड़िया को पालने की
(ग) अंडे गिनने की
(घ) चिड़िया उड़ाने की

उत्तर (क) अंडों को देखने की

4. केशव और श्यामा को किसमें आनंद आता था ?

उत्तर केशव और श्यामा को चिड़ा और चिड़िया देखने में बहुत आनंद आता था।

5. चिड़ा और चिड़िया बार-बार कार्निस के ऊपर क्यों आते थे?

उत्तर अंडों को सेने के लिए चिड़ा और चिड़िया बार-बार कार्निस के ऊपर आते थे।

6. केशव और श्यामा अंडों के विषय में क्या सोचते थे?

उत्तर चिड़ा और चिड़िया को आते-जाते देखकर केशव और श्यामा के मन में अनेक प्रश्न उठते; जैसे-अंडे कितने बड़े होंगे? किस रंग के होंगे? कितने होंगे? आदि।

गद्यांश 2

गर्मी के दिन थे। बाबू जी दफ्तर गए हुए थे। अम्मा दोनों बच्चों को कमरे में सुलाकर खुद सो गई थीं, लेकिन बच्चों की आँखों में आज नींद कहाँ?

अम्मा जी को बहलाने के लिए दोनों दम रोके, आँखें बंद किए, मौके का इंतजार कर रहे थे। ज्यों ही मालूम हुआ कि अम्मा जी अच्छी तरह से सो गईं, दोनों चुपके से उठे और बहुत धीरे से दरवाजे की सिटकनी खोलकर बाहर निकल आए। अंडों की हिफाजत की तैयारियाँ होने लगीं।

1. कैसे दिनों की बात है?

(क) बरसात के
(ख) सर्दी के
(ग) गर्मी के
(घ) वसंत के

उत्तर (ग) गर्मी के

2. बच्चों के पिताजी कहाँ गए थे?

(क) दफ्तर
(ख) बाजार
(ग) बैंक
(घ) अस्पताल

उत्तर (क) दफ्तर

3. किसकी हिफाजत की तैयारियाँ होने लगीं?

(क) माँ की
(ख) अंडों की
(ग) दरवाजे की
(घ) स्टूल की

उत्तर (ख) अंडों की

4. दोपहर होने पर अम्मा ने क्या किया?

उत्तर दोपहर होने पर अम्मा ने दोनों बच्चों- केशव और श्यामा को कमरे में सुला दिया। बच्चों के सोने के बाद वे स्वयं भी सो गईं।

5. बच्चों की आँख में आज नींद क्यों नहीं थी?

उत्तर बच्चों की आँख में नींद इसलिए नहीं थी, क्योंकि केशव और श्यामा को अंडों की हिफाजत की तैयारियाँ करनी थी।

6. माँ के सोते ही दोनों बच्चों ने क्या किया?

उत्तर माँ के सोते ही दोनों बच्चे चुपचाप उठे और दरवाजे की सिटकनी खोलकर बाहर निकल आए।

गद्यांश 3

आखिर यही फैसला हुआ कि घोंसले के ऊपर कपड़े की छत बना देनी चाहिए। पानी की प्याली और थोड़े से चावल रख देने का प्रस्ताव भी स्वीकृत हो गया। दोनों बच्चे बड़े चाव से काम करने लगे श्यामा, माँ की आँख बचाकर मटके से चावल निकाल लाई। केशव ने पत्थर की प्याली का तेल चुपके से जमीन पर गिरा दिया और उसे खूब साफ करके उसमें पानी भरा। अब चाँदनी के लिए कपड़ा कहाँ से आए? फिर ऊपर बगैर छड़ियों के कपड़ा ठहरेगा कैसे और छड़ियाँ खड़ी होंगी कैसे?

केशव बड़ी देर तक इसी उधेड़बुन में रहा। आखिरकार उसने यह मुश्किल भी हल कर दी। श्यामा से बोला- जाकर कूड़ा फेंकने वाली टोकरी उठा लाओ । अम्माँ जी को मत दिखाना। श्यामा वह तो बीच से फटी हुई है। उसमें से धूप न जाएगी? केशव ने झुंझलाकर कहा- तू टोकरी तो ला, मैं उसका सुराख बंद करने की हिकमत निकालूँगा।

1. घोंसले के ऊपर किसकी छत बनाने का फैसला हुआ?

(क) ईंटों की
(ख) कागज की
(ग) टिन की
(घ) कपड़े की

उत्तर (घ) कपड़े की

2. केशव ने प्याली का तेल कहाँ फेंका?

(क) गमले में
(ख) जमीन पर
(ग) कप में उत्तर
(घ) प्लेट में

उत्तर (ख) जमीन पर

3. प्यास के कारण कौन तड़पता होगा?

(क) अम्मा
(ख) बाबूजी
(ग) केशव
(घ) चिड़िया के बच्चे

उत्तर (घ) चिड़िया के बच्चे

4. बच्चों में क्या प्रस्ताव स्वीकृत किया गया?

उत्तर केशव और श्यामा ने चिड़िया के बच्चों के कष्टों को समझा। उन कष्टों को दूर करने के लिए बच्चों ने कपड़ों की छत बनाने, प्याली में चावल रखने का प्रस्ताव स्वीकृत किया।

5. चिड़िया के बच्चों के कष्टों को दूर करने के लिए केशव और श्यामा चाव से क्या काम करने लगे?

उत्तर केशव और श्यामा चिड़िया के बच्चों की सुरक्षा तथा खाने-पीने का काम बड़े चाव से करने लगे।

6. श्यामा ने क्या काम किया?

उत्तर श्यामा माँ की आँख बचाकर मटके से चावल निकालकर ले आई, जिन्हें चिड़िया के बच्चों के खाने के लिए रखा जा सके।

गद्यांश 4

चार बजे यकायक श्यामा की नींद खुली। किवाड़ खुले हुए थे। वह दौड़ी हुई कार्निस के पास आई और ऊपर की तरफ ताकने लगी। टोकरी का पता न था। संयोग से उसकी नजर नीचे गई और वह उल्टे पाँव दौड़ती हुई कमरे में जाकर जोर से बोली- भइया, अंडे तो नीचे पड़े हैं, बच्चे उड़ गए। केशव घबराकर उठा और दौड़ा हुआ बाहर आया तो क्या देखता है कि तीनों अंडे नीचे टूटे पड़े हैं और उनसे कोई चूने की-सी चीज़ बाहर निकल आई है। पानी की प्याली भी एक तरफ टूटी पड़ी है।

1. श्यामा की नींद कितने बजे खुली ?

(क) दो बजे
(ख) तीन बजे
(ग) चार बजे
(घ) दस बजे

उत्तर (ग) चार बजे

2. नींद खुलने पर श्यामा दौड़ती हुई कहाँ आई ?

(क) कमरे में
(ख) कार्निस के पास
(ग) छत पर
(घ) अस्पताल में

उत्तर (ख) कार्निस के पास

3. अंडे कहाँ पड़े थे ?

(क) अलमारी में
(ख) बक्से में
(ग) रसोई में
(घ) नीचे जमीन पर

उत्तर (घ) नीचे जमीन पर

4. श्यामा ने उठते ही क्या किया?

उत्तर श्यामा की नींद जब अचानक चार बजे खुल गई तो वह उठते ही कार्निस के पास गई और ऊपर की ओर ताकने लगी।

5. श्यामा उल्टे पाँव वापस केशव के पास क्यों गई?

उत्तर श्यामा कार्निस से नीचे गिरे अंडों को देखकर घबरा गई और उल्टे पाँव केशव के पास गई।

6. केशव के चेहरे का रंग उड़ने का क्या कारण था?

उत्तर केशव को जब श्यामा ने बताया कि अंडे नीचे पड़े हैं और बच्चे उड़ गए हैं, तो घबराता हुआ कमरे से बाहर आया और देखा कि तीनों अंडे टूटे पड़े हैं। पानी की प्याली भी टूट गई थी। यह देखकर उसके चेहरे का रंग उड़ गया था।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 3 नादान दोस्त अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

1. केशव और श्यामा कौन थे? दोनों सवेरे उठते ही कहाँ जाते थे?

उत्तर केशव और श्यामा भाई-बहन थे। दोनों सवेरे उठते ही कार्निस के पास चले जाते थे।

2. केशव के घर की कार्निस पर क्या था?

उत्तर केशव के घर की कार्निस के ऊपर एक चिड़िया ने अंडे दिए थे।

3. केशव और श्यामा आपस में ही सवाल-जवाब करके अपने दिल को तसल्ली क्यों दे लिया करते थे?

उत्तर केशव और श्यामा की अम्मा घर के काम-काज में व्यस्त रहती थीं। उनके बाबूजी को पढ़ने-लिखने से फुरसत नहीं थी। इसलिए केशव और श्यामा आपस में ही सवाल-जवाब करके अपने दिल को तसल्ली दे लिया करते थे।

4. श्यामा ने पूछा- बच्चे निकलकर फुर्र से उड़ जाएँगे? केशव ने इस प्रश्न का क्या उत्तर दिया?

उत्तर श्यामा के प्रश्न को ध्यानपूर्वक सुनकर केशव ने विद्वानों की तरह गर्व से उत्तर दिया- नहीं री पगली, पहले पर निकलेंगे। बगैर परों के बेचारे कैसे उड़ेंगे?

5. तीन-चार दिन बाद बच्चों ने अंडों के बारे में क्या अनुमान लगाया?

उत्तर तीन-चार दिन बाद बच्चों ने अंडों के बारे में अनुमान लगाया कि अब जरूर बच्चे निकल आए होंगे।

6. बच्चों ने टोकरी का क्या प्रयोग किया?

उत्तर बच्चों ने टोकरी टहनी से टिकाकर घोंसले पर आड़ी करके रख दी, जिससे घोंसले पर धूप न आए।

7. केशव अंडों तक कैसे पहुँचा ?

उत्तर केशव कमरे से स्टूल लाया उसके ऊपर नहाने की चौकी लाकर स्टूल के नीचे रखी। स्टूल की चारों टाँगे बराबर नहीं थीं, इसलिए श्यामा ने दोनों हाथों से स्टूल को पकड़ा। इस प्रकार स्टूल पर चढ़कर केशव अंडों तक पहुँच गया।

8. दोनों बच्चे कमरे से बाहर कब आए ?

उत्तर बच्चों की माँ जब सो गईं, तो दोनों बच्चे चुपके से उठे और धीरे से दरवाजे की सिटकनी खोलकर कमरे से बाहर आ गए।

9. श्यामा के बार-बार कहने पर भी केशव ने उसे अंडे क्यों नहीं दिखाए?

उत्तर केशव को डर था कि जरा सी असावधानी से श्यामा स्टूल से गिर पड़ेगी, इसलिए श्यामा के बार-बार कहने पर भी केशव ने उसे अंडे नहीं दिखाए।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 3 नादान दोस्त लघु उत्तरीय प्रश्न

1. बच्चों के प्रश्नों का जवाब देने वाला कोई क्यों नहीं था?

उत्तर श्यामा और केशव अपने बाबूजी और अम्मा के साथ घर में रहते थे। बाबूजी और अम्माजी के अतिरिक्त घर में और कोई बड़ा नहीं रहता था। चिड़ा और चिड़िया को कार्निस पर आते-जाते देख दोनों के मन में अनेक प्रश्न उठते थे। बाबूजी पढ़ने-लिखने में बहुत व्यस्त रहते थे और अम्मा को घर के काम-काज के कारण समय नहीं था। इसलिए बच्चों के प्रश्नों का जवाब देने वाला कोई नहीं था।

2. चिड़िया के बच्चों के लिए दाने और पानी का प्रबंध केशव और श्यामा ने किस प्रकार किया?

उत्तर केशव और श्यामा दोनों ने चिड़िया के बच्चों के लिए दाने पानी का प्रबंध करने का फैसला ले लिया था। श्यामा माँ की आँख बचाकर मटके में से चावल निकालकर ले आई। केशव ने पत्थर की प्याली का तेल फेंककर उसे साफ किया और उसमें पानी भरकर रखा।

3. अम्मा के सो जाने पर बच्चे किस अवसर का इंतजार कर रहे थे?

उत्तर गर्मी के दिन थे। केशव और श्यामा के बाबूजी दफ्तर जा चुके थे। दोनों बच्चों को कमरे में सुलाकर अम्मा जी सो गई थीं। बच्चे दम रोके, आँखें बंद किए पड़े थे, उन्हें नींद नहीं आ रही थी। दोनों बच्चे माँ के सोने का ही इंतजार कर रहे थे, जिससे वे कमरे से बाहर निकल सकें।

4. अंडे टूट जाने के बाद केशव को क्या महसूस हुआ?

उत्तर चिड़िया के अंडे टूट जाने के बाद केशव को कई दिनों तक अपनी गलती पर अफसोस होता रहा। केशव अकसर इस घटना को याद करके रो भी पड़ता था। केशव और श्यामा अंडों की सुरक्षा करना चाहते थे, किंतु उनकी नादानी के कारण अंडे टूट गए थे।

5. ‘नादान दोस्त’ कहानी के अंत से आपको क्या सीख मिली?

उत्तर ‘नादान दोस्त’ कहानी के अंत में बच्चों की नादानी के कारण चिड़िया ने अपने अंडे नीचे फेंककर तोड़ दिए और उन अंडों को नहीं सेया । मुझे इस कहानी के अंत से सीख मिली कि हमें जीव-जंतुओं के जीवन में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। उन्हें स्वतंत्र रहने देना चाहिए।

6. यदि आपके घर के पास रहने वाला बच्चा अपनी गुलेल से पशु-पक्षियों को मारता है, तो आप उसे किस प्रकार समझाएँगे और ऐसी स्थिति में आप क्या करेंगे?

उत्तर यदि मेरे घर के पास रहने वाला बच्चा अपनी गुलेल से पशु-पक्षियों को मारेगा तो मैं उसके घर जाऊँगा। उस बच्चे को समझाऊँगा कि जीव-जंतु में जीवन होता है, उन्हें भी मनुष्य की तरह दर्द होता है। हमें जीव-जंतुओं की रक्षा करनी चाहिए। प्रत्येक जीव पर्यावरण का अभिन्न हिस्सा है। उनकी सुरक्षा करना हमारा कर्त्तव्य है।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 3 नादान दोस्त दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. केशव और श्यामा कार्निस पर रखे अंडों में से निकलने वाले चिड़िया के बच्चों के विषय में आपस में क्या सवाल-जवाब करते थे? अथवा केशव और श्यामा के मन में चिड़िया के अंडों के बारे में किस तरह के सवाल-जवाब आते रहते थे?

उत्तर केशव और श्यामा की अम्मा और बाबूजी बहुत व्यस्त रहते थे। इसलिए वे दोनों आपस में ही सवाल जवाब करते थे। श्यामा ने केशव से पूछा- भैय्या ? क्या, बच्चे निकलकर फुर्र से उड़ जाएँगे? केशव ने बहुत समझदारी से गर्व के साथ उत्तर दिया- नहीं री पगली, पहले पर निकलेंगे। बगैर परों के बेचारे बच्चे नहीं उड़ सकते। श्यामा ने प्रश्न किया- चिड़िया बेचारी बच्चों को क्या खिलाएगी? केशव इस प्रश्न का उत्तर नहीं दे सका, क्योंकि यह प्रश्न बहुत कठिन था।

2. “केशव जब स्टूल पर खड़ा होकर अंडों की हिफाजत कर रहा था तब उसका मन व्यथित था।” नादान दोस्त कहानी के आधार पर इस कथन को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर केशव जब स्टूल पर खड़ा होकर अंडों की हिफाजत कर रहा था तब उसका मन व्यथित था, क्योंकि वह अंडों की हिफाजत करने के लिए स्टूल के ऊपर डरते-डरते चढ़ा था और श्यामा ने दोनों हाथों से उस स्टूल को पकड़ा हुआ था। स्टूल की चारों टाँगें बराबर नहीं थीं इसलिए जिस तरफ स्टूल पर ज्यादा दबाव पड़ता। वह उस ओर झुक जाता था, जिससे उसे परेशानी उठानी पड़ती थी। संतुलन के बिगड़ जाने पर वह दोनों हाथों से कार्निस को पकड़ लेता था और दबी आवाज में श्यामा को डाँटता था ।

3. श्यामा ने किस विचार से खुश होकर बोला- “अब तो चिड़िया को चारे के लिए कहीं उड़कर न जाना पड़ेगा?”

उत्तर श्यामा और केशव ने अनुमान लगाया था कि घोंसले में रखे अंडों में से बच्चे निकल आए होंगे। बच्चों को खिलाने के लिए चिड़िया बेचारी इतना दाना कहाँ पाएगी कि सारे बच्चों का पेट भर सके।

चूँ-चूँ करके बच्चे भूख से मर जाएँगे। इस विचार से बच्चे घबरा गए। तभी श्यामा को कार्निस पर दाना रख देने का विचार आया। श्यामा इस विचार के आते ही खुश हो गई, क्योंकि अब चिड़िया को चारे के लिए कहीं जाना नहीं पड़ेगा।

4. अंडे गंदे क्यों हुए और उन अंडों का क्या हुआ ?

उत्तर केशव ने सुरक्षा के विचार से तिनकों पर पुराने कपड़ों की गद्दी बनाकर रखी और उसके ऊपर अंडे रख दिए थे, केशव ने अंडों को छू लिया था । इसीलिए चिड़िया के अंडे गंदे हो गए थे। चिड़िया जब वापस अपने घोंसले में आई तो उसे देखा कि उसके अंडों को हाथ लगा दिया गया है, इसी कारण चिड़िया ने अंडों को नहीं सेया और चिड़िया ने उन अंडों को उठाकर घोंसले से नीचे फेंक दिया। गिरने से अंडे टूट गए और उनमें से चूने जैसा तरल पदार्थ निकल आया।

 

 

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 2 बचपन Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 2 बचपन Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 2 बचपन पाठ का सार

उम्र में सयानापन और बचपन का पहनावा

‘बचपन’, लेखिका कृष्णा सोबती द्वारा लिखा गया संस्मरण है। लेखिका ने इस पाठ में अपने बचपन के बारे में बताया है। लेखिका का जन्म पिछली शताब्दी में हुआ था। इस समय लेखिका नानी या दादी की उम्र की हैं। वह बच्चों की बड़ी मौसी या बुआ की उम्र की भी हो सकती हैं। परिवार में सभी लोग उन्हें जीजी कहते हैं। इस उम्र में वे अपने आप को बुजुर्ग महसूस करती हैं।

उम्र के साथ लेखिका के पहनावे में बदलाव आ गया। पहले वे गहरे रंग के कपड़े पहनती थीं, अब सफेद या हल्के रंग के कपड़े पहनती हैं। लेखिका ने अपने बचपन की कई फ्रॉकों के बारे में बताया है। किसी फ्रॉक में खूब घेर होता, तो किसी में फ्रिल लगी होती थी। लेखिका गोल कफ और गोल कॉलर वाले फ्रॉक भी पहनती थीं तथा उनके पास फर लगा एक गरम फ्रॉक भी था। फ्रॉक की ऊपर वाली जेब में रुमाल रहता था तथा बालों में रंग-बिरंगे रिबन लगाती थीं।

शनिवार और रविवार के प्रमुख कार्य

लेखिका को प्रत्येक शनिवार को ऑलिव ऑयल या कैस्टर ऑयल पीना पड़ता था, जिसकी गंध बहुत बुरी लगती थी। जिस गिलास में वे कैस्टर ऑयल या ऑलिव ऑयल पीतीं, उसे देखते ही मितली सी होने लगती थी। लेखिका रविवार को अपने मोजे स्वयं धोती थीं, फिर अपने जूतों पर पॉलिश करके उन्हें कपड़े या ब्रश से चमकाती थीं।

लेखिका को अब भी जूतों पर पॉलिश करना अच्छा लगता है। नए जूते पहनने पर पैरों में छाले पड़ जाते थे, इसलिए छालों से बचने के लिए जूते में रुई लगाती थीं। आजकल विभिन्न तरीकों के आरामदेह जूते मिलने लगे हैं। मनोरंजन के साधनों और खानपान में बदलाव लेखिका जब छोटी थीं, तब मनोरंजन के लिए रेडियो और टेलीविजन नहीं होते थे, बल्कि घरों में ग्रामोफोन होते थे।

उस समय लोग कुल्फी, कचौड़ी और समोसा खाते थे, पर अब आइसक्रीम और पेटीज़ खाई जाती हैं। पहले शहतूत, फालसे और खसखस का शरबत पिया जाता था, अब कोक और पेप्सी पी जाती हैं।

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शिमला में लेखिका का घर मॉल के पास था। वे मॉल से हफ्ते भर में एक बार चॉकलेट खरीदती और रात में खाने के बाद बिस्तर में लेटकर उसे खूब आनंद से खातीं। उन्हें शिमला के काफल, आग पर भुने हुए चेस्टनट चना जोर गरम और अनारदाने का चूर्ण भी पसंद थे। आज भी चना जोर गरम की पुड़िया कागज को तिरछी करके पहले की तरह बनाई जाती है।

शिमला में बिताए गए बचपन के दिन

लेखिका बचपन में शिमला रिज जाकर घुड़सवारी करती थीं। शाम को रंगीन गुब्बारे, जाखू का पहाड़ और चर्च की घंटियों के स्वर बहुत मनभावन लगते थे।

सूर्यास्त का दृश्य बहुत सुंदर होता था। दुकानों पर खूब रौनक रहती थी तथा स्कैंडल प्वॉइंट पर बहुत भीड़ होती थी। स्कैंडल प्वॉइंट के सामने एक दुकान थी, जिसमें शिमला-कालका ट्रेन का मॉडल रखा हुआ था। उन दिनों यह सबसे तेज रफ्तार वाली ट्रेन थी।

कभी-कभी हवाई जहाज भी देखने को मिलते थे, जिन्हें देखकर ऐसा लगता था कि कोई बड़ा पक्षी उड़ रहा है। उसी दुकान के बराबर में चश्मे की दुकान थी, जहाँ से लेखिका ने अपना पहला चश्मा बनवाया था।

लेखिका का चश्मा और टोपियाँ

बचपन से ही लेखिका को चश्मा लग गया था, जिसकी जिम्मेदार वे स्वयं को मानती हैं। डॉक्टर ने कहा था कि बाद में चश्मा उतर जाएगा, पर अब तक नहीं उतरा, बस नंबर कम होता गया क्योंकि लेखिका रात में टेबल लैंप की रोशनी में काम करती थीं। शुरू में चश्मा लगाना लेखिका को अटपटा लगता था।

चचेरे भाई बहुत चिढ़ाते थे। उनके जाने के बाद आईने में अपनी सूरत देखती थीं। धीरे-धीरे चश्मा लगाने की आदत हो गई। अब तो चश्मा न लगाने पर चेहरा सूना लगता था । अब उन्हें दुपट्टा ओढ़ने के बदले हिमाचली टोपी पहनना ज्यादा अच्छा लगता है। इसी कारण उन्होंने कई रंगों की टोपियाँ जमा कर ली थीं।

शब्दार्थ

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 2 बचपन (कृष्णा सोबती) Question And Answers शब्दार्थ

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 2 बचपन पाठ्यपुस्तक वसंत भाग-1 के प्रश्नोत्तर

संस्मरण से (पृष्ठ संख्या 10)

प्रश्न 1. लेखिका बचपन में इतवार की सुबह क्या-क्या काम करती थीं?

उत्तर लेखिका बचपन में इतवार की सुबह अपने मोज़े धोती थीं, क्योंकि उन्हें यह कार्य नौकर या नौकरानी से करवाने के लिए मना किया हुआ था । इसके पश्चात् वे अपने जूतों पर पॉलिश करती थीं तथा उन्हें कपड़े या ब्रश से रगड़कर चमकाती थीं।

प्रश्न 2. ‘तुम्हें बताऊँगी कि हमारे समय और तुम्हारे समय में कितनी दूरी हो चुकी है।’ इस बात के लिए लेखिका क्या-क्या उदाहरण देती हैं?

उत्तर ‘तुम्हें बताऊँगी कि हमारे समय और तुम्हारे समय में कितनी दूरी हो चुकी है।’ इस बात के लिए लेखिका निम्नलिखित उदाहरण देती हैं।

  • पहले केवल कुछ घरों में ग्रामोफोन थे तथा रेडियो और टेलीविजन नहीं होते थे, जबकि आजकल ये सभी घरों में उपलब्ध हैं।
  • पहले लोग कचौड़ी, समोसा और कुल्फी खाते थे, अब पेटीज़ और आइसक्रीम खाने लगे हैं।
  • पहले फ़ालसे और खसखस का शरबत पीते थे, अब कोक और पेप्सी जैसे शीतल पेय पदार्थों ने स्थान ले लिया है।
  • उन दिनों बाज़ार में कोक नहीं, बल्कि लेमनेड और विमटो मिलती थी।

प्रश्न 3. पाठ से पता करके लिखो कि लेखिका को चश्मा क्यों लगाना पड़ा? चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें क्या कहकर चिढ़ाते थे?

उत्तर लेखिका बचपन में रात को टेबल लैंप की रोशनी में काम करती थीं, जिसके कारण उनकी नजर कमजोर हो गई और उन्हें चश्मा लगाना पड़ा। चश्मा लगाने पर लेखिका के चचेरे भाई उन्हें छेड़ते हुए कहते थे-

आँख पर चश्मा लगाया
ताकि सूझे दूर की
यह नहीं लड़की को मालूम
सूरत बनी लंगूर की !

प्रश्न 4. लेखिका अपने बचपन में कौन-कौन सी चीज़ें आनंद ले-लेकर खाती थीं? उनमें से प्रमुख फलों के नाम लिखो ।

उत्तर लेखिका अपने बचपन में कुल्फी, शरबत, पेस्ट्री, चनाजोर गरम, अनारदाने का चूरन, आग पर भुने चेस्टनट चॉकलेट बड़े आनंद से खाती थीं। उनको सप्ताह में एक बार चॉकलेट खरीदने की छूट थी। लेखिका चॉकलेट को साइडबोर्ड पर रख देती थीं, फिर बिस्तर पर लेटकर आनंद से खाती थीं। इसके अतिरिक्त फलों में उन्हें काफ़ल, रसभरी और कसमल पसंद थे।

संस्मरण से आगे (पृष्ठ संख्या 10)

प्रश्न 1. लेखिका के बचपन में हवाई जहाज की आवाज़ें, घुड़सवारी, ग्रामोफ़ोन और शोरूम में शिमला-कालका ट्रेन का मॉडल ही आश्चर्यजनक आधुनिक चीजें थीं, आज क्या-क्या आश्चर्यजनक आधुनिक चीजें तुम्हें आकर्षित करती हैं? उनके नाम लिखो।

उत्तर आज की आधुनिक चीजों में हमें मोबाइल फोन, आई फोन, इंटरनेट, कंप्यूटर, रोबोट, मिसाइलें, ग्रहों पर जाने वाले उपग्रह, मेट्रो ट्रेन, मोटर कार, बाइक बहुत आकर्षित करते हैं।

प्रश्न 2. अपने बचपन की कोई मनमोहक घटना याद करके विस्तार से लिखो ।

उत्तर विद्यार्थी अपने जीवन में घटी किसी घटना का वर्णन स्वयं करें।

अनुमान और कल्पना ( पृष्ठ संख्या 10)

प्रश्न 1. वर्ष 1935-40 के लगभग लेखिका का बचपन शिमला में अधिक दिन गुजरा। उन दिनों के शिमला के विषय में जानने का प्रयास करो।

उत्तर लेखिका का बचपन अधिकांशतः शिमला में बीता। लेखिका ने पाठ में शिमला का जो वर्णन किया है, उससे लगता है कि उन दिनों भी शिमला का प्राकृतिक सौंदर्य दर्शनीय रहा होगा। छोटी-छोटी पहाड़ियों वाले शहर में चढ़ाई चढ़कर गिरजा मैदान पहुँचना और वहाँ से थोड़ा नीचे उतरकर मॉल जाना अच्छा लगता होगा। स्कैंडल प्वॉइंट और मॉल की दुकानों पर रौनक रहती होगी। शाम के समय पहाड़ों के बीच सूर्यास्त बहुत सुंदर लगता होगा। उस समय शिमला रिज की रौनक अद्भुत रही होगी।

प्रश्न 2. लेखिका ने इस संस्मरण में सरवर के माध्यम से अपनी बात बताने की कोशिश की है, लेकिन सरवर का कोई परिचय नहीं दिया है। अनुमान लगाओ कि सरवर कौन हो सकता है?

उत्तर लेखिका ने इस संस्मरण में ‘सरवर’ शब्द का प्रयोग दो बार किया है। इसके अतिरिक्त उस व्यक्ति के लिए अन्य संबोधन का प्रयोग नहीं हुआ है। ऐसा प्रतीत होता है कि ‘सरवर’ लेखिका का कोई परिचित व्यक्ति होगा, जिसे वह बार-बार संबोधित करके अपने बचपन की यादें सुना रही हैं।

भाषा की बात (पृष्ठ संख्या 11)

प्रश्न 1. क्रियाओं से भी भाववाचक संज्ञाएँ बनती हैं; जैसे-मारना से मार, काटना से काट, हारना से हार, सीखना से सीख, पलटना से पलट और हड़पना से हड़प आदि भाववाचक संज्ञाएँ बनी हैं। तुम भी इस संस्मरण से कुछ क्रियाओं को छाँटकर लिखो और उनसे भाववाचक संज्ञा बनाओ।

उत्तर

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 2 बचपन (कृष्णा सोबती) Question And Answers भाषा की बात

प्रश्न 2. चार दिन, कुछ व्यक्ति, एक लीटर दूध आदि शब्दों के प्रयोग पर ध्यान दो तो पता चलेगा कि इसमें चार, कुछ और एक लीटर शब्द से संख्या या परिमाण का आभास होता है, क्योंकि ये संख्यावाचक विशेषण हैं। इसमें भी चार दिन से निश्चित संख्या का बोध होता है, इसलिए इसको निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं और कुछ व्यक्ति से अनिश्चित संख्या का बोध होने से इसे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। इसी प्रकार एक लीटर दूध से परिमाण का बोध होता है, इसलिए इसे परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं। अब तुम नीचे लिखे वाक्यों को पढ़ो और उनके सामने विशेषण के भेदों को लिखो

(क) मुझे दो दर्जन केले चाहिए।
(ख) दो किलो अनाज दे दो।
(ग) कुछ बच्चे आ रहे हैं।
(घ) सभी लोग हँस रहे थे।
(ङ) तुम्हारा नाम बहुत सुंदर है।

उत्तर

(क) दो दर्जन – निश्चित संख्यावाचक विशेषण
(ख) दो किलो – निश्चित परिमाणवाचक विशेषण
(ग) कुछ – अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
(घ) सभी – अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
(ङ) तुम्हारा – सार्वनामिक विशेषण, सुंदर – गुणवाचक विशेषण

प्रश्न 3. कपड़ों में मेरी दिलचस्पियाँ मेरी मौसी जानती थीं। इस वाक्य में रेखांकित शब्द ‘दिलचस्पियाँ’ और ‘मौसी’ संज्ञाओं की विशेषता बता रहे हैं, इसलिए ये सार्वनामिक विशेषण हैं। सर्वनाम कभी-कभी विशेषण का काम भी करते हैं। पाठ में से ऐसे पाँच उदाहरण छाँटकर लिखो।

उत्तर पाठ में दिए गए पाँच उदाहरण निम्न प्रकार हैं

  1. मैं तुम्हें अपने बचपन की ओर ले जाऊँगी।
  2. हमारा घर माल से अधिक दूर नहीं था।
  3. उन दिनों फ्रॉक के ऊपर की जेब में रुमाल रखने का चलन था।
  4. मेरे चेहरे की ओर देखते और कहते।
  5. हम बच्चे इतवार की सुबह इसी में लगते।

कुछ करने को (पृष्ठ संख्या 12)

प्रश्न 1. यदि तुम्हें अपनी पोशाक बनाने को कहा जाए, तो कैसी पोशाक बनाओगे और पोशाक बनाते समय किन बातों का ध्यान रखोगे? अपनी कल्पना से पोशाक का डिजाइन बनाओ।

उत्तर यदि हमें पोशाक बनाने को कहा जाए, तो हम वर्तमान समय में चल रहे डिजाइन के अनुसार पोशाक बनाएँगे। मौसम का विशेष ध्यान रखेंगे। मौसम के अनुसार ही कपड़े का चुनाव और रंग का चुनाव करेंगे। अपनी कद-काठी का अवश्य ध्यान रखेंगे ऐसी पोशाक बनाएँगे, जो स्वयं पर अच्छी लगे विद्यार्थी अपनी कल्पना से पोशाक का डिजाइन स्वयं बनाएँ।

प्रश्न 2. तीन-तीन के समूह में अपने साथियों के साथ कपड़ों के नमूने इकट्ठा करके कक्षा में बताओ। इन नमूनों को छूकर देखो और अंतर महसूस करो। यह भी पता करो कि कौन सा कपड़ा किस मौसम में पहनने के लिए अनुकूल है ?

उत्तर छात्र विभिन्न मौसम में पहनने वाले कपड़ों के नमूने एकत्र करेंगे। बताएँगे सूती कपड़ा गर्मी, ऊनी कपड़ा सर्दी में पहनने के लिए आरामदायक होता है। इसके अतिरिक्त खादी, सिल्क और पॉलिस्टर के नमूने देखकर अंतर बताएँगे।

प्रश्न 3. हथकरघा और मिल के कपड़े बनाने के तरीकों के बारे में पता करो। संभव हो तो किसी कपड़े के कारखाने में जाकर भी जानकारी इकट्ठी करो।

उत्तर हथकरघा पर हाथ से कपड़ा बनाया जाता है। सूती और सिल्क दोनों प्रकार के कपड़े हथकरघों पर बुने जाते हैं। मिल में मशीनों द्वारा कपड़े बुने जाते हैं। छात्र किसी कारखाने में जाकर यह जानने का प्रयास करें कि कपड़ा बनाने की प्रक्रिया क्या है।

प्रश्न 4. हमारे देश में तरह-तरह के भोजन, तरह-तरह की पोशाकें प्रचलित हैं। कक्षा के बच्चे और शिक्षक इनके विविध रूपों के बारे में बातचीत करें।

उत्तर हमारे देश में जो फसल होती है, उसी के अनुसार भोजन खाया जाता है। जैसे दक्षिण भारत में चावल अधिक होता है। इसलिए अधिकतर भोज्य चावल से बना होता है।

गुजरात, राजस्थान में घाघरा और चोली पहनने का चलन है। स्त्रियाँ हर प्रांत में साड़ी पहनती हैं, परंतु उनके पहनने के तरीके में अंतर होता है।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 2 बचपन बहुविकल्पीय प्रश्न

अभ्यास प्रश्न (बहुविकल्पीय व वर्णनात्मक प्रश्नों सहित)

1. लेखिका का जन्म किस सदी में हुआ था?

(क) 18वीं
(ख) 19वीं
(ग) 20वीं
(घ) 21वीं

उत्तर (ग) 20वीं

2. लेखिका शनिवार को कौन-सा ऑयल पीती थी?

(क) नारियल तेल
(ख) देशी घी
(ग) सरसों तेल
(घ) ऑलिव ऑयल

उत्तर (घ) ऑलिव ऑयल

3. लेखिका बचपन में इतवार की सुबह क्या काम करती थी?

(क) वह नृत्य करती थी
(ख) वह विद्यालय जाती थी
(ग) वह अपने मोजे व जूते पॉलिश करती थी
(घ) वह पौधों की देख-रेख करती थी

उत्तर (ग) वह अपने मोजे व जूते पॉलिश करती थीं

4. पहले गीत-संगीत सुनने के क्या साधन थे?

(क) सी. डी. प्लेयर
(ख) टेलीविजन
(ग) रेडियो
(घ) ग्रामोफोन

उत्तर (घ) ग्रामोफोन

5. इस संस्मरण में लेखिका किसकी चर्चा कर रही है?

(क) अपने बचपन की
(ख) अपने बच्चों की
(ग) अपने परिवार की
(घ) अपनी वृद्धावस्था की

उत्तर (क) अपने बचपन की

6. लेखिका को सप्ताह में कितनी बार चॉकलेट खरीदने की छूट थी?

(क) एक बार
(ख) दो बार
(ग) तीन बार
(घ) चार बार

उत्तर (क) एक बार

7. दुकान के सामने किस ट्रेन का मॉडल था?

(क) मेट्रो रेल का
(ख) भारतीय रेल का
(ग) शिमला-कालका ट्रेन का
(घ) वंदे भारत ट्रेन का

उत्तर (ग) शिमला-कालका ट्रेन का

8. पिछली सदी में कौन सी चीज़ खास थी?

(क) हवाई जहाज
(ख) आइसक्रीम
(ग) चॉलकेट
(घ) बैलगाड़ी

उत्तर (क) हवाई जहाज

9. निम्न में से उर्दू शब्द कौन-सा है?

(क) फ़र्क
(ख) खुराक
(ग) ‘क’ और ‘ख’ दोनों
(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर (ग) ‘क’ और ‘ख’ दोनों

10. हमारे लिए पढ़ने का सही समय कौन-सा होता है?

(क) रात में अधिक प्रकाश में
(ख) कम रोशनी में
(ग) दिन के प्रकाश में
(घ) कृत्रिम रोशनी में

उत्तर (ग) दिन के प्रकाश में

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 2 बचपन गद्यांश पर आधारित प्रश्न

निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर उन पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

गद्यांश 1

हाँ, मैं इन दिनों कुछ बड़ा बड़ा यानी उम्र में सयाना महसूस करने लगी हूँ। शायद इसलिए कि पिछली शताब्दी में पैदा हुई थी। मेरे पहनने ओढ़ने में भी काफी बदलाव आए हैं। पहले मैं रंग-बिरंगे कपड़े पहनती रही हूँ। नीला – जामुनी – ग्रे- काला चॉकलेटी अब मन कुछ ऐसा करता है कि सफेद पहनो गहरे नहीं, हल्के रंग ।

मैंने पिछले दशकों में तरह-तरह की पोशाकें पहनी हैं। पहले फ्रॉक, फिर निकर वॉकर, स्कर्ट, लहँगे, गरारे और अब चूड़ीदार और घेरदार कुर्ते ।

1. लेखिका उम्र में क्या महसूस करने लगी थी?

(क) उदास
(ख) बीमार
(ग) छोटा
(घ) सयाना

उत्तर (घ) सयाना

2. लेखिका पहले कैसे कपड़े पहनती थी?

(क) नीले
(ख) चॉकलेटी
(ग) रंग-बिरंगे
(घ) पीले

उत्तर (ग) रंग-बिरंगे

3. परिवार के सभी लोग लेखिका को क्या कहकर पुकारते थे?

(क) दादी
(ख) नानी
(ग) जीजी
(घ) दीदी

उत्तर (ग) जीजी

4. लेखिका यह क्यों समझती थी कि आजकल वह सयानी हो गई है?

उत्तर लेखिका का जन्म पिछली शताब्दी में हुआ था, अब उनकी उम्र दादी या नानी के बराबर हो गई है। उम्र बढ़ने के कारण लेखिका अपने आप को सयाना महसूस करने लगीं।

5. लेखिका के पहनावे में बदलाव क्यों आया?

उत्तर उम्र बढ़ने के कारण प्रत्येक मनुष्य के पहनावे में बदलाव आ जाता है। लेखिका भी अब अपने आप को बड़ी उम्र का महसूस करने लगी थी, इसलिए उनके पहनावे में काफी बदलाव आ गया।

6. लेखिका के बचपन से अब तक के पहनावे में क्या-क्या बदलाव आए?

उत्तर लेखिका बचपन में फ्रॉक पहनती थी, फिर निकर वॉकर, स्कर्ट, लहँगे व गरारे पहनने लगी, लेकिन वे अब उम्र बढ़ने के कारण हल्के रंगों के घेरदार कुर्ता पजामा पहनती हैं।

गद्यांश 2

हर शनीचर को हमें ऑलिव ऑयल या कैस्टर ऑयल पीना पड़ता। यह एक मुश्किल काम था। शनीचर को सुबह से ही नाक में इसकी गंध आने लगती।

छोटे शीशे के गिलास, जिन पर ठीक खुराक के लिए निशान पड़े रहते, उन्हें देखते ही मितली होने लगती। मुझे आज भी लगता है कि अगर हम न भी पीते वह शनिवारी दवा, तो कुछ ज्यादा बिगड़ने वाला नहीं था। सेहत ठीक ही रहती।

1. ऑलिव ऑयल का अर्थ क्या होता है?

(क) जैतून का तेल
(ख) सरसों का तेल
(ग) तिलहन का तेल उत्तर
(घ) नारियल का तेल

उत्तर (क) जैतून का तेल

2. लेखिका ने ऑलिव या कैस्टर ऑयल को कौन-सी दवा कहा?

(क) अच्छी दवा
(ख) बुरी दवा
(ग) इतवारी दवा
(घ) शनिवारी दवा

उत्तर (घ) शनिवारी दवा

3. बच्चों को शनिवारी दवा क्या ठीक रखने के लिए पिलाई जाती थी?. 

(क) पेट
(ख) सेहत
(ग) बाल
(घ) आँखें

उत्तर (ख) सेहत

4. हर शनिवार की सुबह लेखिका को क्या काम मुश्किल लगता था?

उत्तर हर शनिवार की सुबह लेखिका को ऑलिव ऑयल या कैस्टर ऑयल पीना पड़ता था, जो लेखिका को बहुत मुश्किल काम लगता था ।

5. ऑलिव ऑयल या कैस्टर ऑयल पीना कठिन क्यों था?

उत्तर ऑलिव ऑयल या कैस्टर ऑयल में गंध आती थी, इसलिए उसे पीना कठिन होता था। जिस गिलास से ऑयल पिलाया जाता, उसे देखते ही मितली होने लगती थी।

6. शनिवारी दवा के बारे में लेखिका के अब क्या विचार हैं?

उत्तर शनिवारी दवा के बारे में लेखिका के विचार हैं कि बचपन में कैस्टर ऑयल या ऑलिव ऑयल पिलाए जाने का कोई प्रभाव नहीं पड़ा।

गद्यांश 3

पिछली सदी में तेज रफ्तारवाली गाड़ी वही थी। कभी-कभी हवाई जहाज भी देखने को मिलते। दिल्ली में जब भी उनकी आवाज आती, बच्चे उन्हें देखने बाहर दौड़ते दीखता एक भारी-भरकम पक्षी उड़ा जा रहा है पंख फैलाकर यह देखो और वह गायब। उसकी स्पीड ही इतनी तेज लगती। हाँ, गाड़ी के मॉडल वाली दुकान के साथ एक और ऐसी दुकान थी, जो मैं कभी नहीं भूलती। यह वह दुकान थी, जहाँ मेरा पहला चश्मा बना था। वहाँ आँखों के डॉक्टर अंग्रेज थे।

1. पिछली सदी में तेज़ रफ्तार वाली ट्रेन कौन-सी थी ?

(क) मुंबई-कलकत्ता ट्रेन
(ख) शिमला-कालका ट्रेन
(ग) जम्मू तवी ट्रेन
(घ) शताब्दी ट्रेन

उत्तर (ख) शिमला-कालका ट्रेन

2. चश्मे की दुकान पर बैठने वाले डॉक्टर कौन थे?

(क) कश्मीरी
(ख) बूढ़े
(ग) अंग्रेज
(घ) जापानी

उत्तर (ग) अंग्रेज

3. बच्चे किस की आवाज़ सुनकर घरों से दौड़ पड़ते थे?

(क) चिड़ियों की
(ख) हवाई जहाज की
(ग) ट्रेन की
(घ) जानवरों की

उत्तर (ख) हवाई जहाज की

4. हवाई जहाज की आवाज़ को सुनकर बच्चे क्या करते थे?

उत्तर दिल्ली में हवाई जहाज की आवाज़ सुनते ही बच्चे उन्हें देखने के लिए घर से बाहर आ जाते थे।

5. बच्चों को हवाई जहाज पक्षी के समान क्यों लगता था ?

उत्तर बच्चों को हवाई जहाज एक भारी भरकम बड़े पक्षी की तरह लगता था, क्योंकि नीचे से बच्चों को हवाई जहाज पक्षी जैसा पंख फैलाकर तेज गति से उड़ता दिखाई देता था और देखते ही देखते हवाई जहाज गायब हो जाता था।

6. लेखिका को स्कैंडल प्वॉइंट की किन दुकानों के बारे में आज भी याद है?

उत्तर लेखिका को स्कैंडल प्वॉइंट के सामने वाली दुकान आज भी याद है, जिसके शोरूम में ट्रेन का मॉडल रखा था। दूसरी जिस दुकान पर लेखिका का पहला चश्मा बना था।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 2 बचपन अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

1. लेखिका बचपन में कैसी पोशाकें पहनती थीं?

उत्तर लेखिका को रंग-बिरंगे कपड़े पसंद थे, वह अपने बचपन में फ्रॉक, निकर वॉकर, स्कर्ट तथा लहँगे पहना करती थीं।

2. लेखिका को बचपन में जूतों से क्या तकलीफ़ होती थी?

उत्तर लेखिका को बचपन में जूते अधिक आरामदेह नहीं होते थे। नए जूते पहनते ही पैरों में छाले पड़ जाते थे।

3. लेखिका को किस प्रकार के चेस्टनट खाने पसंद थे?

उत्तर लेखिका को चेस्टनट को आग पर भूनने के बाद उसके छिलके उतारकर खाना पसंद था।

4. लेखिका को शिमला रिज की क्या याद आती है?

उत्तर लेखिका ने बचपन में घोड़ों की सवारी करते हुए शिमला रिज पर ने बहुत मजे किए हैं। उन्हें घोड़े देखकर खुशी होती थी। शाम के समय जाखू के पहाड़ पर चर्च की घाटियाँ और रंग-बिरंगी रोशनी उन्हें आकर्षित करती थी ।

5. आँखों के डॉक्टर ने लेखिका को चश्मे के बारे में क्या आश्वासन दिया था?

उत्तर आँखों के डॉक्टर ने लेखिका को आश्वासन दिया कि यदि वे चश्मा लगाएँगी, तो नजर ठीक हो जाएगी और चश्मा हट जाएगा।

6. लेखिका अपने मोजे और स्टॉकिंग स्वयं क्यों धोती थीं?

उत्तर लेखिका के घर में नौकर या नौकरानी से मोजे और स्टॉकिंग धुलवाने के लिए मना किया गया था। इस कारण हर इतवार को लेखिका मोजे और स्टॉकिंग स्वयं धोती थीं।

7. हवाई जहाज देखकर बच्चों को क्या लगता था ?

उत्तर बच्चों को हवाई जहाज एक भारी-भरकम पक्षी की तरह लगता, जो पंख फैलाकर उड़ रहा हो।

8. शिमला में लेखिका सिर पर क्या लगाती थीं?

उत्तर शिमला में लेखिका सिर पर हिमाचली टोपियाँ लगाती थीं।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 2 बचपन लघु उत्तरीय प्रश्न

1. लेखिका को बचपन की अपनी किन-किन पोशाकों के बारे में आज भी याद है?

उत्तर लेखिका अपने बचपन में रंग-बिरंगी फ्रॉक पहनती थीं। उनमें से लेखिका को कुछ फ्रॉकों के रंग और डिजाइन अब भी याद हैं। लेखिका को हल्की नीली, पीली धारीवाली फ्रॉक याद हैं। एक हल्के गुलाबी रंग की चुन्नटों वाले घेरे की फ्रॉक थी, जिसमें गुलाबी रंग की ही फ्रिल लगी थी।

2. लेखिका के बचपन और आज के समय में खाने की चीजों में क्या परिवर्तन हो गया है?

उत्तर लेखिका के बचपन में लोग कचौड़ी और समोसा खाते थे। अब लोग पेटीज़ खाना पसंद करते हैं। तब लोग कुल्फी खाते थे, लेकिन अब आइसक्रीम खाते हैं। तब शहतूत, फालसे और खसखस का शरबत पिया जाता था और अब लोग उनके स्थान पर कोक और पेप्सी पीने लगे हैं। उन दिनों बाजार में कोक और पेप्सी नहीं बल्कि लेमनेड और विमटो ही मिलती थी ।

3. आप छुट्टी के दिन क्या कुछ ऐसे काम करते हैं, जिनसे आपकी माँ को कुछ सहायता मिल सके।

उत्तर जी हाँ, मैं छुट्टी के दिन काफी काम स्वयं करता हूँ। मैं अपनी पढ़ने की मेज और पुस्तकों की अलमारी ठीक करता हूँ। अपने कपड़े तह कर रखता हूँ। बाजार के छोटे-छोटे काम करता हूँ। अपनी माँ से पूछता हूँ उनको मेरी क्या सहायता चाहिए, वे जो भी कहती हैं, मैं कर देता हूँ।

4. लेखिका चॉकलेट कहाँ और कैसे खाती थी?

उत्तर लेखिका को हफ्ते में एक बार चॉकलेट खरीदने की छूट थी। सबसे अधिक चॉकलेट का स्टॉक लेखिका के पास ही होता था। लेखिका चाँकलेट खड़े होकर नहीं खाती थी। वह रात को खाने के बाद बिस्तर में लेटकर आनंद ले लेकर खाती थीं।

5. लेखिका साथ में रुई क्यों रखती थी?

उत्तर पहले जूते अधिक आरामदायक नहीं होते थे, उनसे पैरों में छाले बन जाते थे। जब कभी लेखिका लंबी सैर पर जाती तो इस तकलीफ से बचने के लिए वे अपने पास रुई रखती थीं ताकि जूता लगे तो रुई मौजे के अंदर रख ले।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 2 बचपन दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. लेखिका ने जाखू के पहाड़ों के सौंदर्य का क्या वर्णन किया?

उत्तर लेखिका ने बताया जाखू के पहाड़ बहुत सुंदर थे। वहाँ एक ऊँचा चर्च था। इस चर्च में घंटियाँ बजती थीं, जो दूर-दूर तक सुनाई देती थीं। घंटियों की आवाज बहुत मधुर होती थी, जिसकी गूँज पहाड़ों में गूँजती थी। मधुर आवाज संगीत की तरह लगती। ऐसा लगता कि प्रभु यीशू इस संगीत के माध्यम से कुछ कह रहे हों। सूर्यास्त होने पर नीले आसमान में गुलाबी और सुनहरी धारियाँ फैल जाती थीं। धीरे-धीरे बत्तियाँ टिमटिमाने लगती थीं। रिज और माल की दुकानों में रौनक हो जाती थी ।

2. उम्र बढ़ने पर आप क्या-क्या बदलाव देखते हैं? ‘बचपन’ पाठ के आधार पर अपने विचार प्रकट कीजिए।

उत्तर उम्र बढ़ने पर हम निम्नलिखित बदलाव देखते हैं।

  • शरीर धीरे-धीरे कमजोर होने लगता है।
  • बाल भी सफेद होते जाते हैं।
  • आँखों से धुंधला दिखाई पड़ने लगता है।
  • कानों से कम सुनाई देने लगता है।
  • हम तेज़ दौड़ने व चलने में असमर्थ रहते हैं।
  • अपने बच्चों व घर के अन्य सदस्यों पर निर्भर होने लगते हैं।
  • पाचन क्रिया कमज़ोर हो जाती है।
  • उम्र बढ़ने के साथ-साथ ही सोच भी बदलने लगती है और रंग-बिरंगे कपड़ों के प्रति आकर्षण कम हो जाता है।

3. लेखिका को चश्मा क्यों लगाना पड़ा तथा उन्होंने चश्मा कहाँ से बनवाया ?

उत्तर लेखिका को चश्मा इसलिए लगाना पड़ा, क्योंकि वह दिन की रोशनी को छोड़कर रात में टेबल लैंप के सामने बैठकर काम करती थीं। इसकी जिम्मेदार वे स्वयं को ही मानती थीं। स्कैंडल प्वॉइंट के पास एक चश्मे की दुकान थी, इसी दुकान से लेखिका ने अपना पहला चश्मा बनवाया था, जिसे लेखिका कभी नहीं भूलीं ।

4. शोरूम में बनी ट्रेन का नाम और विशेषता बताइए ।

उत्तर स्कैंडल प्वॉइंट के ठीक सामने एक दुकान थी, जिसके शोरूम में एक ट्रेन का मॉडल था, जिसका नाम शिमला-कालका ट्रेन था। इसके छोटे-छोटे डिब्बे थे। इसकी पटरियाँ छोटी-छोटी थीं, जिस पर ट्रेन खड़ी थी और एक लाल टीन की छत वाला स्टेशन था और सामने एक खंभा था, जो सिग्नल दे रहा था। थोड़ी दूरी पर बनी सुरंग थी, जो बच्चों को बहुत आकर्षित करती थी।

 

 

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 14 वन के मार्ग में तुलसीदास Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 14 वन के मार्ग में Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 14 वन के मार्ग में कविता का सार

‘वन के मार्ग में’ कविता (सवैये) तुलसीदास द्वारा रचित कवितावली के ‘अयोध्याकांड’ से ली गई है। इसमें सीता, श्री राम के साथ वन गमन के लिए अपने महल से निकली हैं। वह थोड़ी दूर चलने के बाद थक जाती हैं और उनके माथे पर पसीना आ जाता है। उनके होंठ भी थकान के कारण सूख जाते हैं।

वे अपने पति श्रीराम से पूछती हैं कि अभी कितनी दूर और चलना है? आप पर्णकुटिया कहाँ बनाएँगे? सीता की यह दशा देखकर रामचंद्रजी की आँखों से आँसू आ जाते हैं। पेड़ के नीचे आराम करने की इच्छा व्यक्त करते हुए सीता, श्रीराम से थोड़ी देर छाया में रुकने के लिए कहती हैं। रामचंद्रजी सीता की व्याकुलता को देखकर कुछ देर पेड़ के नीचे विश्राम करते हैं और उनके पैरों से काँटे निकालने लगते हैं। अपने प्रियतम के इस प्यार को देखकर सीता मन-ही-मन प्रसन्न होने लगती हैं।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 14 वन के मार्ग में काव्यांशों की विस्तृत व्याख्या

काव्यांश 1

पुर तें निकसी रघुबीर- बधू, धरि धीर दए मग में डग है।
झलकीं भरि भाल कनी जल की, पुट सूख गए मधुराधर वै ।।
फिरि बूझति हैं, “चलनो अब केतिक, पर्नकुटी करिहौं कित है? ” ।
तिय की लखि आतुरता पिय की अँखियाँ अति चारु चलीं जल वै ।।

शब्दार्थ पुर नगर किला, निकसी निकली, धरि-धारण करके, धीर-धैर्य, धीरज, मग मार्ग, रास्ता, हग-कदम, है-दो, झलक दिखाई दी, भाल मस्तक, माथा, कनी-कण, पुट-ओष्ठ, होंठ, सूख गए सूख गए, फिरि-फिर, बूझति-पूछना, केतिक कितना, पर्न कुटी-पत्तों से बनाई जाने वाली कुटी, कित-कहाँ, तिय-उनकी पत्नी, लखि-देखकर, आतुरता व्याकुलता, बेचैनी, पिय-पति, चारा-सुंदर, जल -पानी चूना ।

संदर्भ प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक वसंत – भाग 1 के ‘वन के मार्ग से’ अवतरित है। यह सवैया गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित है।

प्रसंग प्रस्तुत पंक्तियों के माध्यम से कवि ने सीता के परिश्रम और व्याकुलता का वर्णन किया है।

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व्याख्या प्रस्तुत सवैया में तुलसीदास जी कहते हैं कि राम अयोध्या नगर से अपनी पत्नी सीता के साथ वन की ओर बड़े धैर्य के साथ धीरे-धीरे दो कदम चलते ही हैं कि सीता जी कुछ दूर चलने में थक जाती हैं, उनके माथे पर परिश्रम के कारण पसीने की बूँदें छलक आई थीं और होंठ भी पानी न मिलने के कारण सूख गए। वे अपने पति राम से पूछती हैं कि हमें अभी कितनी दूर और चलना होगा और आराम करने के लिए पर्णकुटी कहाँ बनाएँगे? पत्नी सीता की यह अधीरता ( व्याकुलता ) को देखकर श्रीराम की आखों में आँसू आ जाते हैं।

विशेष

  1. वन मार्ग के कष्ट तथा सीता की व्याकुलता का व्यथित चित्रण किया है।
  2. ‘सवैया’ ब्रजभाषा में रचित है।
  3. प्रश्न शैली का प्रयोग किया गया है।
  4. कवि तुलसीदासजी ने ‘सवैया’ छंद का प्रयोग किया है।

काव्यांश 2

” जल को गए लक्खनु, हैं लरिका परिखौ, पिय! छाँह घरीक है ठाढ़े। पोंछि पसेउ बयारि करौं, अरु पायँ पखारिहाँ भूभुरि- डाढ़े।। ” तुलसी रघुबीर प्रियाश्रमा जानि कै बैठि बिलंब लौं कंटक काढ़े। जानकीं नाह को नेह लख्यौ, पुलको तनु, बारि विलोचन बाढ़े ।।

शब्दार्थ लक्खन-लक्ष्मण (राम के छोटे भाई), लरिका-लड़का, परिखा प्रतीक्षा इंतजार, छाँह छाया, घरीक घड़ी भर, ठाढ़े खड़े होना, पसेऊ-पसीना, श्रमजल, बयार हवा, पवन, पाँच-पैर, चरण, पखारिहाँ धोना, कंटक काँटे, जानकी सीता (राम की पत्नी), काढ़-निकालना, नेह-स्नेह, प्यार, लख्यों देखकर, पुलको प्रसन्न होना, हर्षित होना, तनु-शरीर, बारि-अश्रु, आँसू, बिलोचन नैन, आँखें।

प्रसंग प्रस्तुत सवैये में वन मार्ग पर राम-सीता को प्यास लगने पर लक्ष्मण उनके लिए पानी लेने जाने, सीता की थकान व श्रीराम द्वारा सीता के पैर में गड़े हुए काँटों को निकालने का वर्णन किया गया है।

व्याख्या प्रस्तुत सवैये में तुलसीदास जी कहते हैं कि सीता वन मार्ग में चलने से थक जाती हैं। वह अपने पति श्रीराम से कहती हैं कि अभी लक्ष्मण पानी लेने गए हैं। अतः उनके आने की हम लोग प्रतीक्षा कर लेते हैं। आप भी किसी वृक्ष की छाँह में थोड़ी देर रुककर पसीना पोंछ लीजिए। पैर गर्म धूल से जल रहे हैं, इसलिए अपने पैरों को भी धोकर ठंडा कर लें।

श्रीराम जान जाते हैं कि सीता जी थक गई हैं। वह सीता के कहने पर वृक्ष की छाया में कुछ देर विश्राम करने लगते हैं। इसी बीच वे सीता के पैरों में काँटा गड़ा हुआ देखकर अपने हाथों से निकालना शुरू कर देते हैं, सीता जी श्रीराम का यह प्रेम भाव देखकर पुलकित हो जाती हैं और उनकी आँखों से खुशी के आँसू निकल पड़ते हैं।

विशेष

  1. राम और सीता के प्रेमपूर्ण क्षणों की अद्भुत छटा दर्शनीय है।
  2. कवि ने वन-मार्ग के कष्टों का सुंदर वर्णन किया है।
  3. ब्रजभाषा में सवैया की रचना की गई है।
  4. कवि ने ‘सवैया’ छंद का प्रयोग किया है।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 14 वन के मार्ग में पाठ्यपुस्तक वसंत भाग-1 के प्रश्नोत्तर

सवैया से (पृष्ठ संख्या 101)

प्रश्न 1. नगर से बाहर निकलकर दो पग चलने के बाद सीता की क्या दशा हुई?

उत्तर नगर से बाहर निकलकर दो पग चलने के बाद सीताजी बहुत थक गईं। थकान के कारण उनके माथे पर पसीने की बूँदें छलकने लगीं और उनके होंठ भी सूख गए।

प्रश्न 2.’अब और कितनी दूर चलना है, पर्णकुटी कहाँ बनाइएगा’- किसने किससे पूछा और क्यों?

उत्तर ‘अब और कितनी दूर चलना है, पर्णकुटी कहाँ बनाइएगा’ – यह प्रश्न सीता ने अपने पति रामजी से पूछा, क्योंकि सीता जी वन मार्ग पर चलने के कारण बहुत थक गई थीं।

प्रश्न 3. राम ने थकी हुई सीता की क्या सहायता की?

उत्तर राम ने जब सीता को थका हुआ देखा तो पैरों से बहुत देर तक वे काँटे निकालते रहे, जिससे सीता को कुछ देर आराम मिल जाए।

प्रश्न 4. दोनों सवैयों के प्रसंगों में अंतर स्पष्ट करो।

उत्तर पहले सवैये में राम, सीता और लक्ष्मण तीनों नगर से बाहर संन्यासी वेश में निकले। कुछ दूर जाते ही सीता बहुत थक गईं। उनके माथे पर पसीना आ गया और होंठ सूख गए। सीता पति राम से अनेक प्रश्न पूछने लगीं। दूसरे सवैये में श्रीराम ने सीता की दशा को देखा तो चिंतित हो गए। लक्ष्मण पानी लेने गए थे। सीता उनके आने तक प्रतीक्षा करना चाहती हैं। राम, सीता की थकान देख देर तक काँटे निकालते रहे। दोनों ने वृक्ष की छाया में विश्राम किया।

प्रश्न 5. पाठ के आधार पर वन के मार्ग का वर्णन अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।

उत्तर वन का मार्ग बहुत कष्टदायक था। मार्ग पर काँटे थे। तेज गर्मी के रहे कारण धूल बहुत गर्म हो गई थी। नंगे पैर उस मार्ग पर चलना बहुत कठिन था। पैर गर्म धूल से जल रहे थे। पैरों में अनेक काँटे चुभ थे। दूर-दूर तक पानी भी नहीं दिखाई दे रहा था। भूख लगने पर भोजन भी नहीं मिल पा रहा था। विश्राम करने के लिए स्थान ढूँढ़ना आसान नहीं था। चारों ओर भय व असुरक्षा का वातावरण था।

अनुमान और कल्पना ( पृष्ठ संख्या 101)

गर्मी के दिनों में कच्ची सड़क की तपती धूल में नंगे पाँव चलने पर पाँव जलते हैं। ऐसी स्थिति में पेड़ की छाया में खड़ा होने और पाँव धो लेने पर बड़ी राहत मिलती है। ठीक वैसे ही जैसे प्यास लगने पर पानी मिल जाए और भूख लगने पर भोजन । तुम्हें भी किसी वस्तु की आवश्यकता हुई होगी और वह कुछ समय बाद पूरी हो गई होगी। तुम सोचकर लिखो कि आवश्यकता पूरी होने के पहले तक तुम्हारे मन की दशा कैसी थी

उत्तर एक बार दोपहर को दो बजे मैं घर पहुँचा। गर्मियों के दिन थे बहुत प्यास लग रही थी गला सूख रहा था। सोचा था घर पहुँचते ही ठंडा पानी पी लूँगा तो राहत मिलेगी, परंतु घर में ताला लगा हुआ था। मैंने सोचा माँ तो रोज लगभग एक बजे तक काम से वापस लौट आती हैं। आज क्या हुआ? अब मेरा क्या होगा? भूख और प्यास से मेरी तो जान ही निकल जाएगी। तभी पड़ोस वाले घर से आंटी बाहर आईं। उन्होंने मुझे अंदर घर में बुलाया और ठंडा पानी पीने के लिए दिया। खाना गर्म-गर्म अपने हाथों से प्यार से परोसा और बताया आज मेरी माँ शाम पाँच बजे आएँगी उन्हें कुछ जरूरी काम है।

भाषा की बात (पृष्ठ संख्या 101 व 102)

1. लखि-देखकर, धरि-रखकर, पोंछि-पोंछकर, जानि- जानकर ऊपर लिखे शब्दों और उनके अर्थों को ध्यान से देखो। हिंदी में जिस उद्देश्य के लिए हम क्रिया में ‘कर’ जोड़ते हैं, उसी के लिए अवधी में क्रिया में (इ) को जोड़ा जाता है, जैसे-अवधी में बैठ += बैठि और हिंदी में बैठ कर बैठकर तुम्हारी भाषा या बोली में क्या होता है? अपनी भाषा के ऐसे छः शब्द लिखो। उन्हें ध्यान से देखो और कक्षा में बताओ।

उत्तर हमारी भाषा या बोली में भी हिंदी से थोड़ा-सा अंतर होता है; जैसे-

देख + के = देखके

रख + के = रखके

पोंछ + के पोंछके

जान + के = जानके

2. “मिट्टी का गहरा अंधकार, डूबा है उसमें एक बीज उसमें एक बीज डूबा है।

जब हम किसी बात को कविता में कहते हैं, तो वाक्य के शब्दों के क्रम में बदलाव आता है; जैसे- “छाँह घरीक है ठाढ़े” को गद्य में ऐसे लिखा जा सकता है- “छाया में एक घड़ी खड़ा होकर ” । उदाहरण के आधार पर दी गई कविता की पंक्तियों को गद्य के शब्दक्रम में लिखो ।

  • पुरतें निकसी रघुबीर बधू,
  • पुट सूख गए मधुराधर वै ।।
  • बैठि बिलंब लौं कंटक काढ़े।
  • पर्णकुटी करिहौं कित है?

उत्तर गद्य रूप में लिखी पंक्तियाँ

  • श्रीराम की वधू सीता नगर से निकलीं,
  • उनके दोनों होंठ सूख गए।
  • श्रीराम थोड़ी देर बैठे और देर तक काँटे निकालते रहे।
  • पर्णकुटी कहाँ बनाओगे?

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 14 वन के मार्ग में बहुविकल्पीय प्रश्न

अभ्यास प्रश्न (बहुविकल्पीय व वर्णनात्मक प्रश्नों सहित)

1. राम और सीता के साथ वन में कौन गए?

(क) शत्रुघ्न
(ख) लक्ष्मण
(ग) भरत
(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर (ख) लक्ष्मण

2. राम की आँखों में आँसू क्यों आ गए?

(क) अपने पिता को याद करके
(ख) सीता की व्याकुलता देखकर
(ग) घर की याद आने से
(घ) वन के कष्टों के कारण

उत्तर (ख) सीता की व्याकुलता देखकर

3. पर्णकुटी किस चीज़ से बनती है?

(क) पत्तों से
(ख) पत्थर से
(ग) पानी से
(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर (क) पत्तों से

4. प्रथम सवैया में राम-सीता के किस प्रसंग का वर्णन किया है?

(क) अयोध्या का
(ख) वनगमन का
(ग) सती का
(घ) प्रेम का

उत्तर (ख) वनगमन का

5. सीता चलते-चलते क्यों थक जाती है?

(क) क्योंकि वह चलती नहीं है
(ख) क्योंकि वह कभी घर से बाहर नहीं निकली
(ग) क्योंकि उन्हें महल में रहने की आदत है
(घ) क्योंकि उन्होंने चप्पल नहीं पहन रखी

उत्तर (ग) क्योंकि उन्हें महल में रहने की आदत है

6. सीता ने राम से क्या प्रश्न किया?

(क) अभी कितना और चलना है?
(ख) हम पर्णकुटी कहाँ बनाएँगे?
(ग) (क) और (ख ) दोनों
(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर (ग) (क) और (ख) दोनों

7. यह पाठ किस भाषा में लिखा गया है?

(क) ब्रज
(ख) भोजपुरी
(ग) अवधी
(घ) हिंदी

उत्तर (क) ब्रज

8. रामचरितमानस, विनयपत्रिका, कवितावाली, दोहावाली, गीतावली, आदि किसकी प्रमुख रचनाएँ हैं?’

(क) केशवदास की
(ख) मुरलीदास की
(ग) तुलसीदास की
(घ) गंगादास की

उत्तर (ग) तुलसीदास की

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 14 वन के मार्ग में काव्यांश पर आधारित प्रश्न

निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर उन पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

काव्यांश 1

पुर वें निकसी रघुबीर बधू, धरि धीर दए मग में डग है। झलकीं भरि भाल कनी जल की, पुट सूख गए मधुराधर वै ।। फिरि बूझति हैं, “चलनो अब केतिक, पर्नकुटी करिहौं कित है? ” । तिय की लखि आतुरता पिय की अँखियाँ अति चारु चली जल वै ।।

1. वन मार्ग पर कौन-कौन जा रहे थे?

(क) राम
(ख) लक्ष्मण
(ग) सीता
(घ) ये सभी

उत्तर (घ) ये सभी

2. राम-सीता और लक्ष्मण वन जाने के लिए कहाँ से निकले थे ?

(क) पाठशाला से
(ख) नगर से
(ग) आयुधशाला से
(घ) गाँव से

उत्तर (ख ) नगर से

3. सीता ने राम से क्या पूछा?

(क) घर कहाँ है?
(ख) वनवासी कहाँ हैं?
(ग) पर्णकुटी कहाँ है?
(घ) लक्ष्मण कहाँ हैं?

उत्तर (ग) पर्णकुटी कहाँ है?

4. इन पंक्तियों में कवि ने किस समय का वर्णन किया है?

उत्तर इन पंक्तियों में कवि ने राम और सीता के वन जाने का वर्णन किया है।

5. पुर से निकलते ही सीता की क्या दशा हो गई?

उत्तर पुर से निकलते ही सीता थक गईं और उनके माथे पर पसीना आ गया।

6. सीता की व्याकुलता देखकर रामजी की क्या दशा हुई?

उत्तर सीता की व्याकुलता देखकर श्रीराम की आँखें आँसुओं से भर आई।

काव्यांश 2

“जल को गए लक्खन हैं लरिका परिखौ, पिय! छाँह घरीक हैं ठाढ़े। पोंछि पसेउ बयारि करौं, अरु पायँ पखारिहों भूभुरि- डाढ़े ।। ” तुलसी रघुबीर प्रियाश्रम जानि कै बैठि बिलंब लौं कंटक काढ़े। जानकीं नाह को नेह लख्यौ, पुलको तनु बारि बिलोचन बाढ़े । ।

1. जल लेने कौन गया था ?

(क) राम
(ख) सीता
(ग) लक्ष्मण
(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर (ग) लक्ष्मण

2. सीता राम से विश्राम करने के लिए क्यों कह रही थीं?

(क) लक्ष्मण को अकेले नहीं छोड़ना चाहती थीं।
(ख) लक्ष्मण को आते देखना चाहती थीं।
(ग) वे स्वयं भी विश्राम करना चाहती थीं।
(घ) उपरोक्त सभी

उत्तर (ग) वे स्वयं भी विश्राम करना चाहती थीं।

3. किसका शरीर पुलकित हो गया?

(क) सीता का
(ख) राम का
(ग) लक्ष्मण का
(घ) शत्रुघ्न का

उत्तर (ख) राम का

4. वन मार्ग पर कुछ दूर चलने के बाद लक्ष्मण कहाँ चले गए?

उत्तर वन मार्ग पर कुछ दूर चलने के बाद लक्ष्मण जल लेने चले गए थे।

5. लक्ष्मण को न देख सीता ने पति राम से क्या इच्छा प्रकट की?

उत्तर सीता ने जब देखा कि लक्ष्मण जल लेने गए हैं, तो उन्होंने पति राम से कहा जब तक लक्ष्मण वापस आते हैं, यहाँ विश्राम कर लें।

6. सीता की बात मानकर श्रीराम ने क्या किया?

उत्तर सीताजी की बात मानकर श्रीराम पेड़ की छाया में विश्राम करने लगे और बहुत देर तक पैरों से काँटे निकालते रहे।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 14 वन के मार्ग में अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

1. राजा दशरथ ने माता कैकेयी को कितने वरदान दिए थे?

उत्तर राजा दशरथ ने माता कैकेयी को दो वरदान दिए थे।

2. राम और सीता कहाँ जा रहे थे?

उत्तर राम और सीता चौदह वर्ष के लिए वन जा रहे थे।

3. राम के भाई लक्ष्मण वन में कहाँ गए थे?

उत्तर राम के छोटे भाई लक्ष्मण वन में प्यास बुझाने के लिए जल लेने गए थे।

4. श्रीराम रास्ते में काँटे देर तक क्यों निकालते रहे?

उत्तर श्रीराम ने सीता को रास्ते में थका हुआ देखा तो उन्हें विश्राम देने के उद्देश्य से देर तक काँटे निकालते रहे।

5. राम, लक्ष्मण और सीता जब वनवास का समय पूर्ण करके आए तो लोगों ने कौन-सा त्योहार मनाया ?

उत्तर राम, लक्ष्मण और सीता जब वनवास का समय पूर्ण करके आए तो लोगों ने दीपावली का त्योहार मनाया।

6. अयोध्या का राजसिंहासन दशरथ के बाद किसे मिला?

उत्तर अयोध्या का राजसिंहासन दशरथ के बाद श्री राम को मिला।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 14 वन के मार्ग में लघु उत्तरीय प्रश्न

1. प्रथम सवैया में तुलसीदास ने किस प्रसंग का उल्लेख किया है?

उत्तर प्रथम सवैया में तुलसीदास जी ने राम, सीता और लक्ष्मण के वन गमन के प्रसंग का उल्लेख किया है। दशरथ ने अपनी पत्नी को दो वरदान दिए थे। पहले वरदान के अनुसार, राम को चौदह वर्ष का वनवास मिला था। इस कारण वे पिता के वचनों का पालन करने वनवास गए थे। वन गमन में होने वाले कष्टों व सीता जी की व्याकुलता का वर्णन किया है।

2. तुलसीदास ने इस सवैया में क्या व्यक्त किया है?

उत्तर तुलसीदास का सवैया दो भागों में निहित है। पहले भाग में उन्होंने सीता जी के समक्ष वन मार्ग में आई कठिनाइयों और उनकी व्याकुलता को व्यक्त किया है। दूसरे भाग में सीता की व्याकुलता को देखकर स्वयं रामजी की आँखों में आँसू आ जाने और सीता की थकान की वजह से पेड़ के नीचे बैठकर कुछ देर तक विश्राम करने का वर्णन किया गया है।

3. राम बैठकर देर तक काँटे क्यों निकालते रहे?

उत्तर श्रीराम से अपनी धर्मपत्नी की व्याकुलता देखी नहीं जा रही थी। वहीं सीता जी का प्यास के कारण बुरा हाल था। प्यास के कारण उनका गला सूख गया था और वहीं लक्ष्मण भी पानी की तलाश में गए हुए थे। अतः जब तक लक्ष्मण लौटकर नहीं आते तब तक श्रीराम सीता की व्याकुलता और कष्ट को कम करना चाहते थे, इसलिए राम देर तक बैठकर सीता जी के पैरों से काँटे निकालते रहे।

4. मार्ग में सीताजी ने अपने पति राम से क्या पूछा?

उत्तर वन मार्ग में कुछ ही दूर तक जाने पर सीताजी ने रामजी से पूछा कि अभी हमें कितनी दूर और चलना होगा? पर्णकुटी कहाँ बनानी है? क्योंकि सीताजी गर्मी से बहुत व्याकुल हो गईं थीं। गर्मी के कारण उनका गला भी सूख गया था।

5. सीता की आतुरता देख श्रीराम की क्या प्रतिक्रिया हुई?

उत्तर सीता की आतुरता जब श्रीराम ने देखी कि सीता वन-मार्ग में बहुत थक गईं हैं। प्यास से उनके होंठ सूख गए हैं पसीना शरीर पर आ गया है और सीता आतुरता से राम से अनेक प्रश्न पूछने लगी है, तब रामजी भी पत्नी की इस दशा को देखकर परेशान होते हैं और उनकी ऐसी दशा देखकर राम की आँखों में आँसू भर आते हैं।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 14 वन के मार्ग में दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. क्या आपने कभी किसी जंगल की यात्रा की है? वहाँ के कष्टों का वर्णन कीजिए।

उत्तर जी हाँ! अक्टूबर के महीने में मैं रणथंभौर गया था। वहाँ हम सभी को मिलाकर लगभग तीस छात्र थे। सफारी की यात्रा तो हमने कैंट में बैठकर आरामदायक तरीके से की।

जंगल में एक किला था। उस किले में एक त्रिगणेश मंदिर था। हमें वहाँ जाना था। रास्ता पथरीला और कँटीला था। धूप भी तेज थी।

मंदिर बहुत ऊँचाई पर था। कुछ ही दूर जाकर हम थक गए। थोड़ा विश्राम किया, पानी पिया और फिर चल दिए। पसीना टपक रहा था, गला सूख रहा था। किसी प्रकार पचास मिनट में हम लोग मंदिर पहुँच गए।

2. वन के मार्ग में सीता को होने वाली कठिनाइयों के बारे में लिखो । सीता जी ने बेचैन होकर श्रीराम से क्या बात कही?

उत्तर सीता वन के मार्ग पर थोड़ी दूर चलने से ही थक गई। उनके माथे पर पसीना दिखाई देने लगा। उनके होंठ सूख गए। वे बहुत बेचैन हो उठी व श्रीराम से पूछने लगी कि अभी कितनी दूर जाना है। मार्ग काँटों से भरा हुआ था, जिस कारण सीता जी का चलना मुश्किल हो रहा था। सीता जी इसी कारण से अपने पति श्रीराम से पूछ लेती हैं कि अब और कितना अधिक चलना है तथा पर्णकुटी कहाँ बनानी है। अभी लक्ष्मण भी पानी लेने गए हुए हैं।

अतः आप किसी पेड़ के नीचे छाया में खड़े होकर उनका इंतजार कर लीजिए। जब तक लक्ष्मण पानी लेकर नहीं आ जाते तब तक हम पेड़ की छाया में रुककर विश्राम कर लेते हैं।

3. दिए गए सवैया का सारांश लिखिए।

उत्तर दिया गया सवैया तुलसीदास द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस से लिया गया है । रामजी को मिले चौदह वर्षों के वनवास के समय, घर से निकलते समय की स्थिति का वर्णन किया गया है।

कवि कहता है कि बहुत धैर्य धारण करके सीता जी वन के मार्ग को निकलीं, लेकिन दो कदम चलने के बाद ही उनके माथे से पसीना निकलने लगा एवं व्याकुल सीता जी ने रामजी से कहा कि अभी ।। कितनी दूर चलना है और कुटिया कहाँ बनाएँगे। सीता जी की यह व्याकुलता देखकर रामजी की आँखों से आँसू बहने लगे।

 

 

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 1 वह चिड़िया जो Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 1 वह चिड़िया जो Question And Answers

कविता का सार

प्रस्तुत कविता ‘वह चिड़िया जो केदारनाथ अग्रवाल द्वारा रचित है। इस कविता में कवि ने नीले पंखों वाली छोटी-सी चिड़िया को अपने स्वभाव के रूप में व्यक्त किया है। उन्होंने बताया है कि छोटी चिड़िया को अन्न से बहुत प्यार है। वह रुचि से गेहूँ, जौ व बाजरा के कच्चे दानों को चोंच मारकर खाती हैं। वह बहुत संतोषी है और वन को बूढ़ा बाबा कहकर उसके लिए अपने कंठों से मीठे स्वर में गाना गाती है। उसे एकांत में रहना पसंद है।

वह नदी से मोती जितना ही पानी लेती है, क्योंकि वह नदी से बहुत प्रेम करती है। छोटी-सी चिड़िया साहसी है और उसे स्वयं पर गर्व है। चिड़िया के माध्यम से कवि ने उन गुणों को बताया है, जो मनुष्य के स्वभाव में विद्यमान होने चाहिए; जैसे-मधुर वाणी, धैर्यशीलता, प्रकृति के प्रति संवेदनशील आदि।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 1 वह चिड़िया जो काव्यांशों की विस्तृत व्याख्या

काव्यांश 1

वह चिड़िया जो-
चोंच मारकर,
दूध-भरे जुडी के दाने
रुचि से, रस से खा लेती है।
वह छोटी संतोषी चिड़िया
नीले पंखोंवाली मैं हूँ
मुझे अन्न से बहुत प्यार है।

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शब्दार्थ दूध-भरे कच्चे, अधपके, मुंडी-जौ, गेहूँ और बाजरे की बालियाँ, रुचि – चाहत, पसंद, संतोषी – धीरज वाली, रस-स्वाद, अन्न- अनाज |

संदर्भ प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘वसंत भाग- 1’ में संकलित ‘वह चिड़िया जो’ कविता से ली गई हैं। इसके रचयिता केदारनाथ अग्रवाल हैं।

प्रसंग प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने चिड़िया की रुचि और स्वभाव के विषय में बताया है।

व्याख्या कवि कहते हैं कि चिड़िया बहुत छोटे आकार की है। और उसके पंख नीले रंग के हैं। चिड़िया दूध से युक्त अर्थात् अधपके जुंडी (जौ, गेहूँ और बाजरे) के दाने रुचि से खाती है, क्योंकि ये अधपके दाने बहुत रसीले होते हैं। चिड़िया संतोषी है तथा वह थोड़े से ही दानों से संतुष्ट हो जाती है। उसे अनाज के दाने बहुत ही प्रिय लगते हैं।

विशेष

  1. कवि ने एक छोटी-सी चिड़िया के माध्यम से मानवीय स्वभाव का वर्णन किया है।
  2. चिड़िया अन्न का अनादर नहीं करके खेत में खड़ी फसलों में से ही अनाज के दाने चुगकर संतोष प्राप्त कर लेती है।

काव्यांश 2

वह चिड़िया जो-
कंठ खोलकर
बूढ़े वन बाबा की खातिर
रस उँडेलकर गा लेती है।
वह छोटी मुँह बोली चिड़िया
नीले पंखोंवाली मैं हूँ
मुझे विजन से बहुत प्यार है।

शब्दार्थ कंठ-गला, बूढ़े पुराने, वन जंगल, विजन-एकां रस उँडेलकर- सुमधुर स्वर में, मुँहबोली- चिर-परिचित ।

प्रसंग प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने छोटी चिड़िया के गाने की विशेषता बताई है।

व्याख्या कवि बताता है कि नीले पंखोंवाली छोटी चिड़िया कहती है कि मधुर स्वर में कंठ खोलकर बूढ़े (पुराने) वन बाबा के लिए गीत गाने वाली चिड़िया मैं ही हूँ। चिड़िया के गीत जंगल में रहने वाले लोगों को बहुत अच्छे लगते हैं। उसे एकांत में रहना पसंद है। चिड़िया एकांत को भी अपने स्वर से मधुर रसमय बना देती है।

विशेष

  1. नन्हीं चिड़िया के माध्यम से कवि ने बताया है कि जंगल में रहने वाली चिड़िया इतनी कठिनाइयाँ झेलने के बाद भी खुश रहने का प्रयत्न करती है।
  2. चिड़िया की भाँति ही मनुष्य को भी अपने जीवन में प्रेम-भाव से रहना चाहिए।

काव्यांश 3

वह चिड़िया जो-
चोंच मारकर
चढ़ी नदी का दिल टटोलकर
जल का मोती ले जाती है
वह छोटी गरबीली चिड़िया
नीले पंखोंवाली मैं हूँ।
मुझे नदी से बहुत प्यार है।

शब्दार्थ चढ़ी नदी जल से पूरी भरी नदी, गरबीली-गर्व करने वाली, अभिमानिनी, टटोलकर – खोजकर ।

प्रसंग प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने छोटी-सी गर्व करने वाली चिड़िया का वर्णन किया है।

व्याख्या कवि कहता है कि चिड़िया जल से भरी नदी में अपनी चोंच मारकर उसका हृदय टटोलती है अर्थात् अपनी इच्छानुसार ही चोंच से मोती के समान जल लेकर अपनी प्यास बुझाती है। चिड़िया बहुत छोटी है, इसलिए नदी से जल पीने का कार्य उसके लिए साहसपूर्ण है। वह नीले पंखों वाली चिड़िया गर्वीली है, उसे नदी से बहुत प्यार है।

विशेष

  1. प्रस्तुत पंक्तियों में चिड़िया का नदी से प्रेम करने का संदेश दिया गया है।
  2. नदियाँ सभ्यता के विकास में प्राचीन काल से हमारी सहायक रही हैं।
  3. चिड़िया के साहसी होने का वर्णन किया गया है, चिड़िया की भाँति मनुष्य को भी कार्य को करते समय मन में साहस रखना चाहिए।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 1 वह चिड़िया जो पाठ्यपुस्तक वसंत भाग-1 के प्रश्नोत्तर

कविता से (पृष्ठ संख्या 2 व 3)

प्रश्न1 कविता पढ़कर तुम्हारे मन में चिड़िया का जो चित्र उभरता है, उस चित्र को कागज़ पर बनाओ।

उत्तर: छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 2 तुम्हें कविता का कोई और शीर्षक देना हो तो क्या शीर्षक देना चाहोगे? उपयुक्त शीर्षक सोचकर लिखो ।

उत्तर: कविता के अन्य उपयुक्त शीर्षक हैं-नन्हीं चिड़िया, छोटी चिड़िया, नीले पंखों वाली चिड़िया, गरबीली चिड़िया, चिड़िया रानी ।

प्रश्न 3 इस कविता के आधार पर बताओ कि चिड़िया को किन-किन चीज़ों से प्यार है?

उत्तर: चिड़िया निम्नलिखित चीज़ों से प्यार करती हैं

  1. चिड़िया को खेतों में लगे जौ-बाजरे की फलियों (अन्न) से प्यार है। वह उसे रुचिपूर्वक रस लेकर खाती है।
  2. उसे जंगल से प्यार है, जहाँ वह एकांत में रहना चाहती है तथा जहाँ वह खुली हवा में गाना गा सकती है।
  3. उसे नदी से प्यार है, जिसका ठंडा और मीठा मोती के समान जल की बूंदों को वह पीती है।

ये चीजें चिड़िया को आज़ादी का एहसास दिलाती हैं, इसलिए वह इन सबसे प्यार करती है।

प्रश्न 4 आशय स्पष्ट करो

(क) रस उँडेलकर गा लेती है।
(ख) चढ़ी नदी का दिल टटोलकर जल का मोती ले जाती है।

उत्तर:

(क) चिड़िया जंगल में स्वतंत्रता से रहती है। उसे किसी भी प्रकार का बंधन नहीं है। वह स्वतंत्र होने के कारण अत्यंत मधुर स्वर में गाती है। उसका स्वर बहुत मीठा है। उसके मधुर गीतों से पूरा वातावरण रसमय हो जाता है।

(ख) प्रस्तुत पंक्ति का आशय है कि चिड़िया केवल नदी से जल की बूँदे लेकर प्यास नहीं बुझाती, अपितु वह पहले उफनती हुई नदी के दिल को टटोलती है, उसके बाद ही वह नदी में से मोती के समान जल की बूंदों को अपनी चोंच में लेकर उड़ जाती है। वह अपनी चोंच से नदी की गहराई और जल राशि का अनुमान लगा लेती है तथा वह अपनी चोंच में आवश्यकतानुसार ही जल की बूंदों को भरती है।

अनुमान और कल्पना (पृष्ठ संख्या 3)

प्रश्न 1. कवि ने नीली चिड़िया का नाम नहीं बताया है। वह कौन-सी चिड़िया रही होगी ? इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए पक्षी – विज्ञानी सालिम अली की पुस्तक ‘भारतीय पक्षी’ देखो। इनमें ऐसे पक्षी भी शामिल हैं, जो जाड़े में एशिया के उत्तरी भाग और अन्य ठंडे देशों से भारत आते हैं। उनकी पुस्तक को देखकर तुम अनुमान लगा सकते हो कि इस कविता में वर्णित नीली चिड़िया शायद इनमें से कोई एक रही होगी

(नीलकंठ, छोटा किलकिला, कबूतर, बड़ा पतरिंगा)

उत्तर इस कविता में वर्णित चिड़िया संभवतः नीलकंठ रही होगी, क्योंकि उसका अधिकांश भाग नीलकंठ से मेल खाता है। नीलकंठ का आकार छोटा, शरीर का अधिकांश भाग नीला और आवाज़ मधुर होती है। चिड़िया भी ठीक इसी प्रकार की है।

प्रश्न 2 नीचे कुछ पक्षियों के नाम दिए गए हैं। उनमें यदि कोई पक्षी एक से अधिक रंग का है, तो लिखो कि उसके किस हिस्से का रंग कैसा है; जैसे – तोते की चोंच लाल है, शरीर हरा है।

(मैना, कौवा, बत्तख, कबूतर)

उत्तर:

मैना यह काले रंग की होती है। इसके गले होते हैं। चोंच का रंग पीला होता है।

कौवा यह काले रंग का होता है इसके पंख कहीं-कहीं हल्के काले रंग के होते हैं तथा चोंच भी काली होती है।

बत्तख यह सफ़ेद, भूरे रंग की होती है। इसकी चोंच और पाँव हल्के नीले रंग के होते हैं। आँख काली व गर्दन सफेद, भूरी रंग की होती है।

कबूतर यह सफ़ेद या भूरा (ग्रे) रंग का होता है। इसकी चोंच काली, गर्दन चमकीली, पाँव गुलाबी रंग के व आँखें लाल होती हैं।

प्रश्न 3 कविता का प्रत्येक बंध ‘वह चिड़िया जो-‘ से शुरू होता है और ‘मुझे बहुत प्यार है’ पर खत्म होता है। तुम भी इन पंक्तियों का प्रयोग करते हुए अपनी कल्पना से कविता में कुछ नए बंध जोड़ो।

उत्तर छात्र अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

प्रश्न 4 तुम भी ऐसी कल्पना कर सकते हो कि ‘वह फूल का पौधा जो-पीली पंखुड़ियों वाला महक रहा है मैं हूँ।’ उसकी विशेषताएँ मुझ में हैं……। फूल के बदले वह कोई दूसरी चीज़ भी हो सकती है, जिसकी विशेषताओं को गिनाते हुए तुम उसी चीज़ से अपनी समानता बता सकते हो. ऐसी कल्पना के आधार पर कुछ पंक्तियाँ लिखो ।

उत्तर:

वह कली जो-
हवा में झूलती
उपवन में खड़ी मुस्करा रही है
सुगंध अपनी फैला रही है
गुलाबी पंखुड़ियों वाली कली हूँ मैं
मुझे किरणों से बहुत प्यार हैं।
खिलती रहती
उपवन में फूल बनती
मुरझाने पर भी सुगंध कभी न तजती
गुलाबी पंखुड़ियों वाली कली हूँ मैं
मुझे चमन से बहुत प्यार है।

भाषा की बात (पृष्ठ संख्या 4)

प्रश्न 1.

  • पंखोंवाली चिड़िया
  • ऊपरवाली दराज़
  • नीले पंखोंवाली चिड़िया
  • सबसे ऊपरवाली दराज़

यहाँ रेखांकित शब्द विशेषण का काम कर रहे हैं। ये शब्द चिड़िया और दराज़ संज्ञाओं की विशेषता बता रहे हैं। अतः रेखांकि शब्द विशेषण हैं और चिड़िया, दराज़ विशेष्य हैं। यहाँ ‘वाला/वाली’ जोड़कर बनने वाले कुछ और विशेषण दिए गए हैं। ऊपर दिए गए उदाहरणों की तरह इनके आगे एक-एक विशेषण और जोड़ो-

  • ________मोरोंवाला बाग
  • ___________ ‘पेड़ोंवाला घर
  • ____________’फूलोंवाली क्यारी
  • ___________ ‘हँसनेवाला बच्चा
  • _________’स्कूलवाला रास्ता
  • ___________मूँछोंवाला आदमी

उत्तर:

  • सुंदर मोरोंवाला बाग
  • हरे-भरे पेड़ोंवाला घर
  • लाल – फूलोंवाली क्यारी
  • छोटा –  स्कूलवाला रास्ता
  • अधिक –  हँसनेवाला बच्चा
  • घनी  – मूँछोंवाला आदमी

प्रश्न 2. वह चिड़िया ______ जुंडी के दाने रुचि से _________ खा लेती है।

वह चिड़िया _______ रस उँडेलकर गा लेती है।

कविता की इन पंक्तियों में मोटे छापे वाले शब्दों को ध्यान से पढ़ो। पहले वाक्य में ‘रुचि से’ खाने के ढंग की और दूसरे वाक्य में ‘रस उँडेलकर’ गाने के ढंग की विशेषता बता रहे हैं।

अतः ये दोनों क्रिया-विशेषण हैं। नीचे दिए वाक्यों में कार्य के ढंग या रीति से संबंधित क्रिया – विशेषण छाँटो

(क) सोनाली जल्दी-जल्दी मुँह में लड्डू इँसने लगी ।
(ख) गेंद लुढ़कती हुई झाड़ियों में चली गई।
(ग) भूकंप के बाद जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य होने लगा।
(घ) कोई सफ़ेद – सी चीज़ धप्प से आँगन में गिरी।
(ङ) टॉमी फुर्ती से चोर पर झपटा।
(च) तेजिंदर सहमकर कोने में बैठ गया।
(छ) आज अचानक ठंड बढ़ गई है।

उत्तर:

(क) जल्दी-जल्दी
(ख) लुढ़कती हुई
(ग) धीरे-धीरे
(घ) धप्प से
(ङ) फुर्ती से
(च) सहमकर
(छ) अचानक

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 1 वह चिड़िया जो बहुविकल्पीय प्रश्न

अभ्यास प्रश्न (बहुविकल्पीय व वर्णनात्मक प्रश्नों सहित)

1. कविता में कैसी चिड़िया की बात कही गई है?

(क) पीली चिड़िया की
(ख) काली चिड़िया की
(ग) नीली चिड़िया की
(घ) भूरी चिड़िया की

उत्तर: (ग) नीली चिड़िया की

2. चिड़िया रुचि से क्या खाना पसंद करती है?

(क) जुंडी के दाने
(ख) गेहूँ के दाने
(ग) सरसों के दाने
(घ) ये सभी

उत्तर (क) जुंडी के दाने

3. ‘वह चिड़िया जो’ कविता के कवि का क्या नाम है ?

(क) महेश दत्त
(ख) केदारनाथ अग्रवाल
(ग) नुपुर मेहता
(घ) ओमप्रकाश शाह

उत्तर (ख) केदारनाथ अग्रवाल

4. ‘मुझे विजन से बहुत प्यार है – इस पंक्ति का क्या अर्थ है?

(क) वह सारे संसार से प्रेम करती है।
(ख) उसे आकाश की ऊँचाइयों से प्रेम है।
(ग) वह अनाज के खेतों से बहुत प्रेम करती है।
(घ) चिड़िया को सुनसान स्थानों से लगाव है, इसलिए वह जंगल बाबा से प्यार करती है।

उत्तर (घ) चिड़िया को सुनसान स्थानों से लगाव है, इसलिए वह जंगल बाबा से प्यार करती है।

5. चिड़िया को किस-किस से प्यार है ?

(क) नदी, अन्न और जंगल
(ख) पानी, आकाश और बादल
(ग) पवन अंबर और गगन
(घ) हवा, जल और जल

उत्तर (क) नदी, अन्न और जंगल

6. कविता में नदी के पानी की बूँदों को क्या कहा गया है?

(क) हीरे मोती
(ख) जीवनदायनी
(ग) जल का मोती
(घ) रस

उत्तर (ग) जल का मोती

7. चिड़िया पुराने जंगल को किस नाम से बुलाती है?

(क) बूढ़े वन- बाबा
(ख) जंगल का राजा
(ग) मानव प्राणी
(घ) देवता

उत्तर (क) बूढ़े वन- बाबा

8. वन बाबा के लिए चिड़िया क्या करती है ?

(क) गाती है
(ख) नाचती है
(ग) उड़ती है
((घ) खाती है।

उत्तर (क) गाती है

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 1 वह चिड़िया जो काव्यांश पर आधारित प्रश्न

निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर उन पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

काव्यांश 1

वह चिड़िया जो-
चोंच मारकर, दूध-
भरे जुंडी के दाने
रुचि से रस से खा लेती है वह छोटी संतोषी चिड़िया
नीले पंखों वाली मैं हूँ
मुझे अन्न से बहुत प्यार है ।

1. चिड़िया के पंख किस रंग के हैं?

(क) पीले
(ख) लाल
(ग) नीले
(घ) चितकबरे

उत्तर (ग) नीले

2. काव्यांश के अनुसार ‘दूध भरे’ का क्या अर्थ है?

(क) कच्चे
(ख) पक्के
(ग) गीले
(घ) सूखे

उतर (क) कच्चे

3. चिड़िया कैसे स्वभाव की है?

(क) संतोषी
(ख) मतवाली
(ग) नटखट
(घ) घमंडी

उत्तर (क) संतोषी

4. चिड़िया दूध भरे जुंडी के दाने रुचि से क्यों खाती है?

उत्तर कवि के अनुसार, चिड़िया को जुडी अर्थात् गेहूँ, जौ और ज्वार के दाने रुचि से इसलिए खाती है, क्योंकि वे दाने मीठे और रसीले होते हैं।

5. चिड़िया के लिए छोटी और संतोषी विशेषण शब्दों का प्रयोग करने के क्या कारण हैं?

उत्तर कविता में वर्णित चिड़िया का आकार बहुत छोटा है और वह सरलता से मिल जाने वाले दाने खाकर संतुष्ट रहती है, इसलिए कवि ने चिड़िया के लिए ‘छोटी’ तथा ‘संतोषी’ विशेषण शब्दों का प्रयोग किया है।

6. ‘चोंच मारकर खाने से क्या तात्पर्य है?

उत्तर ‘चोंच मारकर खाने का अर्थ चिड़िया का अपनी चोंच से दाने चुगना है।

काव्यांश 2

वह चिड़िया जो
कंठ खोलकर
बूढ़े वन- बाबा की खातिर रस उँडेलकर गा लेती है।
वह छोटी मुँह बोली चिड़िया
नीले पंखों वाली मैं हूँ
मुझे विजन से बहुत प्यार है।

1. चिड़िया का गीत कैसा है?

(क) बेसुरा
(ख) नीरस
(ग) सुरीला
(घ) उबाने वाला

उत्तर (ग) सुरीला

2. चिड़िया के लिए पुराने वन बाबा क्या हैं?

(क) वृक्ष
(ख) बगीचा
(ग) संसार
(घ) आश्रयदाता

उत्तर (घ) आश्रयदाता

3. ‘रस उँडेलकर गाना’ कैसा होता है?

(क) रस टपकाना
(ख) रस को निकालना
(ग) रस को निचोड़ना
(घ) जिसे सुनकर आनंद आए

उत्तर (घ) जिसे सुनकर आनंद आए

4. कवि के अनुसार, ‘कंठ खोलकर गाने’ से क्या तात्पर्य है?

उत्तर कवि के अनुसार, ‘कंठ खोलकर गाने’ का अर्थ मुक्त रूप से गीत गाने से है।

5. चिड़िया को जंगल से बहुत प्यार क्यों है?

उत्तर चिड़िया को जंगल से बहुत प्यार इसलिए है, क्योंकि वह जंगल में अकेले ही स्वतंत्रतापूर्वक उड़ती और गीत गाती हैं।

6. कवि ने छोटी चिड़िया को मुँहबोली क्यों कहा है?

उत्तर कवि के अनुसार, चिड़िया अपने में ही मस्त रहती है। चिड़िया एकांत प्रिय है तथा किसी को हानि नहीं पहुँचाती । वह मधुर स्वर में खुलकर गीत गाती है। इन्हीं विशेषताओं के कारण कवि ने चिड़िया को ‘मुँहबोली’ कहा है।

काव्यांश 3

वह चिड़िया जो- चोंच मारकर
चढ़ी नदी का दिल टटोलकर
जल का मोती ले जाती है
वह छोटी गरबीली चिड़िया
नीले पंखों वाली मैं हूँ।
मुझे नदी से बहुत प्यार है।

1. चिड़िया जल कैसे पीती है?

(क) तैरकर
(ख) मुँह से
(ग) चखकर
(घ) चोंच से

उत्तर (घ) चोंच से

2. चिड़िया कैसे स्वभाव वाली है?

(क) शर्मीली
(ख) गरबीली
(ग) चहकती
(घ) चिड़चिड़ी

उत्तर (ख) गरबीली

3. चिड़िया को किससे बहुत प्यार है?

(क) नदी से
(ख) मोती से
(ग) पंखों से
(घ) चोंच से

उत्तर (क) नदी से

4. कविता के संदर्भ में ‘चढ़ी नदी’ का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर ‘वह चिड़िया जो कविता में जिस नदी का वर्णन किया गया है, वह सूखी नहीं है, बल्कि जल से परिपूर्ण है। जल से उफनती नदी के कारण ही कवि ने नदी के लिए ‘चढ़ी’ विशेषण का प्रयोग किया है। अतः यहाँ चढ़ी नदी का तात्पर्य उफनती नदी से है।

5. प्रस्तुत पंक्तियों में ‘जल का मोती ले जाती हैं’ का क्या अर्थ है?

उत्तर प्रस्तुत पंक्तियों में ‘जल का मोती ले जाती है’ का अर्थ ‘पानी की बूँदों को मोती के समान चुगना’ है।

6. चिड़िया नदी से जल कैसे लेती है?

उत्तर चिड़िया नदी से जल लेने से पूर्व उसका हृदय टटोलती है अर्थात् उसकी इच्छा जानती है और उतना ही जल लेती है, जितना उसकी प्यास बुझाने के लिए पर्याप्त है।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 1 वह चिड़िया जो अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

1. चिड़िया रुचिपूर्वक क्या खाती है?

उत्तर चिड़िया जुंडी (जौं, गेहूँ व बाजरे) के दाने रुचिपूर्वक खाती है।

2. कविता में चिड़िया किसका दिल टटोलती है?

उत्तर कविता में चिड़िया पानी से उफनती नदी का दिल टटोलती है।

3. कवि ने चिड़िया को संतोषी क्यों कहा है?

उत्तर चिड़िया को जो भी दाने खाने को मिलते हैं, वह उसको खाकर संतोष कर लेती है, इसलिए कवि ने चिड़िया को संतोषी कहा है।

4. चिड़िया जंगल में किस तरह के गीत गाती हुई इधर-उधर उड़ती है?

उत्तर चिड़िया जंगल में उत्साहपूर्वक गीत गाती हुई इधर-उधर उड़ती रहती है।

5. ‘बूढ़े वन- बाबा’ का क्या तात्पर्य है?

उत्तर जिस जंगल में चिड़िया रहती है, वह बहुत घना और पुराना है, इसलिए कवि ने जंगल को ‘बूढ़े वन- बाबा’ कहा है।

6. चिड़िया को जुंडी के दाने क्यों पसंद हैं?

उत्तर जुडी के कच्चे दाने दूध भरे होते हैं, इसलिए चिड़िया को जुडी के दाने खाने पसंद हैं।

7. अपनी चोंच से चिड़िया क्या-क्या करती है?

उत्तर चिड़िया अपनी चोंच से रसभरे जुडी के दाने खाती है और नदी का जल भी पीती है।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 1 वह चिड़िया जो (केदारनाथ अग्रवाल) लघु उत्तरीय प्रश्न

1. कवि ने अपने अंदर की कल्पित चिड़िया के माध्यम से मनुष्य के किन गुणों को उजागर किया है?

उत्तर कवि ने अपने अंदर की कल्पित चिड़िया के माध्यम से मनुष्य के निम्नलिखित गुणों को उजागर किया है

  • संतोषी प्रवृत्ति ।
  • संघर्षशील व साहसी
  • प्रकृति-प्रेमी
  • स्वयं पर गर्व करने वाला

2. चिड़िया का जीवन कैसा है?

उत्तर चिड़िया का जीवन संतोष से भरा है, उसे जो कुछ खाने को मिलता है, वह उसे ही खाकर संतुष्ट रहती है। चिड़िया एकांत में भी उत्साहपूर्वक रहती है। वह मुक्त कंठ से गीत गाती है तथा जंगल, नदी सभी जगह इच्छापूर्वक विचरण करती है।

3. इस कविता में चिड़िया को छोटी, संतोषी, मुँहबोली और गरबीली क्यों कहा गया है?

उत्तर कविता में वर्णित चिड़िया आकार में छोटी है। वह अनाज के दाने और जल की बूँदों से ही संतुष्ट रहती है, इस कारण कवि ने उसे संतोषी कहा है। चिड़िया पूरे जंगल में मुक्त कंठ से गीत गाती फिरती है, इसलिए वह मुँहबोली है। उफनती नदी से अपनी छोटी चोंच में जल को भर लाने के कारण उसे गरबीली कहा गया है।

4. चिड़िया की कौन-सी विशेषता आपको सबसे अच्छी लगी और क्यों?

उत्तर मुझे छोटी चिड़िया की ‘संतोष भावना’ सबसे अच्छी लगी। चिड़िया को जो भी दाने खाने को मिलते, वह उसे खा लेती हैं, नदी का जल पीकर अपनी प्यास बुझा लेती है। चिड़िया से मुझे भी प्रेरणा मिलती है। कि जीवन में संतोष आवश्यक है।

किसी कवि ने ठीक ही कहा है- ” जब आवै संतोष धन सब धन धूरि समान”

अर्थात् जिसके पास संतोष रूपी धन होता है, उसे सभी धन धूल की तरह मूल्यहीन लगते हैं।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 1 वह चिड़िया जो (केदारनाथ अग्रवाल) दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. इस कविता में कवि ने जिस चिड़िया की बात की है, वह संतोषी, गरबीली और सदैव प्रसन्न रहकर जीवन जीना पसंद करती है। आप कैसा जीवन जीना पसंद करेंगे?

उत्तर मैं भी कविता में वर्णित छोटी चिड़िया के समान संतोष और गर्व के साथ जीवन बिताना पसंद करूँगा / करूंगी। जीवन का वास्तविक सुख संतोष में ही मिलता है। इच्छाओं का कोई अंत नहीं होता ।

हमें प्रत्येक परिस्थिति में खुश रहना चाहिए। सुख और दुःख का चक्र जीवन में निरंतर चलता रहता है। जीवन में सुख और दुःख आते-जाते रहते हैं। अतः दुःख में अधिक दुःखी होना व्यर्थ है। जीवन में दुःख के बाद सुख अवश्य आता है।

2. छोटी चिड़िया बूढ़े वन- बाबा के लिए मीठे स्वर में गाती है। आप अपने घर के बड़े-बुजुर्गों के लिए क्या-क्या करते हैं?

उत्तर

मेरे घर में दादा और दादीजी रहते हैं। मैं रोज शाम को लगभग एक घंटा उनके साथ व्यतीत करता हूँ। उनके साथ बैठकर बातें करता हूँ। दवा का समय होने पर उन्हें दवा भी देता हूँ। अपने दादा-दादी के हाथ-पाँव भी दबाता हूँ।

कभी-कभी घर के सामने वाले पार्क में टहलने ले जाता हूँ। वे मुझे जो भी छोटे-मोटे काम सौंपते हैं, सब हँसकर प्रसन्नतापूर्वक से कर देता हूँ। यह देखकर मेरे दादाजी दादीजी बहुत प्रसन्न होते हैं।

3. ‘वह चिड़िया जो’ कविता हमें क्या संदेश / शिक्षा देती है?

उत्तर ‘वह चिड़िया जो’ कविता हमें निम्नलिखित प्रकार से संदेश

  • शिक्षा देती है हमें अन्न व जल को बर्बाद नहीं करना चाहिए।
  • हमें लालची न होकर संतोषी बनना चाहिए।
  • हमें प्रकृति व पर्यावरण से प्रेम करना चाहिए व इसकी रक्षा भी करनी चाहिए।
  • पेड़ों की सुरक्षा करनी चाहिए, उन्हें काटना व बर्बाद नहीं करना चाहिए।
  • हमें साहसी और संघर्षशील होना चाहिए।