NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 2 बचपन Question And Answers
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 2 बचपन पाठ का सार
उम्र में सयानापन और बचपन का पहनावा
‘बचपन’, लेखिका कृष्णा सोबती द्वारा लिखा गया संस्मरण है। लेखिका ने इस पाठ में अपने बचपन के बारे में बताया है। लेखिका का जन्म पिछली शताब्दी में हुआ था। इस समय लेखिका नानी या दादी की उम्र की हैं। वह बच्चों की बड़ी मौसी या बुआ की उम्र की भी हो सकती हैं। परिवार में सभी लोग उन्हें जीजी कहते हैं। इस उम्र में वे अपने आप को बुजुर्ग महसूस करती हैं।
उम्र के साथ लेखिका के पहनावे में बदलाव आ गया। पहले वे गहरे रंग के कपड़े पहनती थीं, अब सफेद या हल्के रंग के कपड़े पहनती हैं। लेखिका ने अपने बचपन की कई फ्रॉकों के बारे में बताया है। किसी फ्रॉक में खूब घेर होता, तो किसी में फ्रिल लगी होती थी। लेखिका गोल कफ और गोल कॉलर वाले फ्रॉक भी पहनती थीं तथा उनके पास फर लगा एक गरम फ्रॉक भी था। फ्रॉक की ऊपर वाली जेब में रुमाल रहता था तथा बालों में रंग-बिरंगे रिबन लगाती थीं।
शनिवार और रविवार के प्रमुख कार्य
लेखिका को प्रत्येक शनिवार को ऑलिव ऑयल या कैस्टर ऑयल पीना पड़ता था, जिसकी गंध बहुत बुरी लगती थी। जिस गिलास में वे कैस्टर ऑयल या ऑलिव ऑयल पीतीं, उसे देखते ही मितली सी होने लगती थी। लेखिका रविवार को अपने मोजे स्वयं धोती थीं, फिर अपने जूतों पर पॉलिश करके उन्हें कपड़े या ब्रश से चमकाती थीं।
लेखिका को अब भी जूतों पर पॉलिश करना अच्छा लगता है। नए जूते पहनने पर पैरों में छाले पड़ जाते थे, इसलिए छालों से बचने के लिए जूते में रुई लगाती थीं। आजकल विभिन्न तरीकों के आरामदेह जूते मिलने लगे हैं। मनोरंजन के साधनों और खानपान में बदलाव लेखिका जब छोटी थीं, तब मनोरंजन के लिए रेडियो और टेलीविजन नहीं होते थे, बल्कि घरों में ग्रामोफोन होते थे।
उस समय लोग कुल्फी, कचौड़ी और समोसा खाते थे, पर अब आइसक्रीम और पेटीज़ खाई जाती हैं। पहले शहतूत, फालसे और खसखस का शरबत पिया जाता था, अब कोक और पेप्सी पी जाती हैं।
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शिमला में लेखिका का घर मॉल के पास था। वे मॉल से हफ्ते भर में एक बार चॉकलेट खरीदती और रात में खाने के बाद बिस्तर में लेटकर उसे खूब आनंद से खातीं। उन्हें शिमला के काफल, आग पर भुने हुए चेस्टनट चना जोर गरम और अनारदाने का चूर्ण भी पसंद थे। आज भी चना जोर गरम की पुड़िया कागज को तिरछी करके पहले की तरह बनाई जाती है।
शिमला में बिताए गए बचपन के दिन
लेखिका बचपन में शिमला रिज जाकर घुड़सवारी करती थीं। शाम को रंगीन गुब्बारे, जाखू का पहाड़ और चर्च की घंटियों के स्वर बहुत मनभावन लगते थे।
सूर्यास्त का दृश्य बहुत सुंदर होता था। दुकानों पर खूब रौनक रहती थी तथा स्कैंडल प्वॉइंट पर बहुत भीड़ होती थी। स्कैंडल प्वॉइंट के सामने एक दुकान थी, जिसमें शिमला-कालका ट्रेन का मॉडल रखा हुआ था। उन दिनों यह सबसे तेज रफ्तार वाली ट्रेन थी।
कभी-कभी हवाई जहाज भी देखने को मिलते थे, जिन्हें देखकर ऐसा लगता था कि कोई बड़ा पक्षी उड़ रहा है। उसी दुकान के बराबर में चश्मे की दुकान थी, जहाँ से लेखिका ने अपना पहला चश्मा बनवाया था।
लेखिका का चश्मा और टोपियाँ
बचपन से ही लेखिका को चश्मा लग गया था, जिसकी जिम्मेदार वे स्वयं को मानती हैं। डॉक्टर ने कहा था कि बाद में चश्मा उतर जाएगा, पर अब तक नहीं उतरा, बस नंबर कम होता गया क्योंकि लेखिका रात में टेबल लैंप की रोशनी में काम करती थीं। शुरू में चश्मा लगाना लेखिका को अटपटा लगता था।
चचेरे भाई बहुत चिढ़ाते थे। उनके जाने के बाद आईने में अपनी सूरत देखती थीं। धीरे-धीरे चश्मा लगाने की आदत हो गई। अब तो चश्मा न लगाने पर चेहरा सूना लगता था । अब उन्हें दुपट्टा ओढ़ने के बदले हिमाचली टोपी पहनना ज्यादा अच्छा लगता है। इसी कारण उन्होंने कई रंगों की टोपियाँ जमा कर ली थीं।
शब्दार्थ
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 2 बचपन पाठ्यपुस्तक वसंत भाग-1 के प्रश्नोत्तर
संस्मरण से (पृष्ठ संख्या 10)
प्रश्न 1. लेखिका बचपन में इतवार की सुबह क्या-क्या काम करती थीं?
उत्तर लेखिका बचपन में इतवार की सुबह अपने मोज़े धोती थीं, क्योंकि उन्हें यह कार्य नौकर या नौकरानी से करवाने के लिए मना किया हुआ था । इसके पश्चात् वे अपने जूतों पर पॉलिश करती थीं तथा उन्हें कपड़े या ब्रश से रगड़कर चमकाती थीं।
प्रश्न 2. ‘तुम्हें बताऊँगी कि हमारे समय और तुम्हारे समय में कितनी दूरी हो चुकी है।’ इस बात के लिए लेखिका क्या-क्या उदाहरण देती हैं?
उत्तर ‘तुम्हें बताऊँगी कि हमारे समय और तुम्हारे समय में कितनी दूरी हो चुकी है।’ इस बात के लिए लेखिका निम्नलिखित उदाहरण देती हैं।
- पहले केवल कुछ घरों में ग्रामोफोन थे तथा रेडियो और टेलीविजन नहीं होते थे, जबकि आजकल ये सभी घरों में उपलब्ध हैं।
- पहले लोग कचौड़ी, समोसा और कुल्फी खाते थे, अब पेटीज़ और आइसक्रीम खाने लगे हैं।
- पहले फ़ालसे और खसखस का शरबत पीते थे, अब कोक और पेप्सी जैसे शीतल पेय पदार्थों ने स्थान ले लिया है।
- उन दिनों बाज़ार में कोक नहीं, बल्कि लेमनेड और विमटो मिलती थी।
प्रश्न 3. पाठ से पता करके लिखो कि लेखिका को चश्मा क्यों लगाना पड़ा? चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें क्या कहकर चिढ़ाते थे?
उत्तर लेखिका बचपन में रात को टेबल लैंप की रोशनी में काम करती थीं, जिसके कारण उनकी नजर कमजोर हो गई और उन्हें चश्मा लगाना पड़ा। चश्मा लगाने पर लेखिका के चचेरे भाई उन्हें छेड़ते हुए कहते थे-
आँख पर चश्मा लगाया
ताकि सूझे दूर की
यह नहीं लड़की को मालूम
सूरत बनी लंगूर की !
प्रश्न 4. लेखिका अपने बचपन में कौन-कौन सी चीज़ें आनंद ले-लेकर खाती थीं? उनमें से प्रमुख फलों के नाम लिखो ।
उत्तर लेखिका अपने बचपन में कुल्फी, शरबत, पेस्ट्री, चनाजोर गरम, अनारदाने का चूरन, आग पर भुने चेस्टनट चॉकलेट बड़े आनंद से खाती थीं। उनको सप्ताह में एक बार चॉकलेट खरीदने की छूट थी। लेखिका चॉकलेट को साइडबोर्ड पर रख देती थीं, फिर बिस्तर पर लेटकर आनंद से खाती थीं। इसके अतिरिक्त फलों में उन्हें काफ़ल, रसभरी और कसमल पसंद थे।
संस्मरण से आगे (पृष्ठ संख्या 10)
प्रश्न 1. लेखिका के बचपन में हवाई जहाज की आवाज़ें, घुड़सवारी, ग्रामोफ़ोन और शोरूम में शिमला-कालका ट्रेन का मॉडल ही आश्चर्यजनक आधुनिक चीजें थीं, आज क्या-क्या आश्चर्यजनक आधुनिक चीजें तुम्हें आकर्षित करती हैं? उनके नाम लिखो।
उत्तर आज की आधुनिक चीजों में हमें मोबाइल फोन, आई फोन, इंटरनेट, कंप्यूटर, रोबोट, मिसाइलें, ग्रहों पर जाने वाले उपग्रह, मेट्रो ट्रेन, मोटर कार, बाइक बहुत आकर्षित करते हैं।
प्रश्न 2. अपने बचपन की कोई मनमोहक घटना याद करके विस्तार से लिखो ।
उत्तर विद्यार्थी अपने जीवन में घटी किसी घटना का वर्णन स्वयं करें।
अनुमान और कल्पना ( पृष्ठ संख्या 10)
प्रश्न 1. वर्ष 1935-40 के लगभग लेखिका का बचपन शिमला में अधिक दिन गुजरा। उन दिनों के शिमला के विषय में जानने का प्रयास करो।
उत्तर लेखिका का बचपन अधिकांशतः शिमला में बीता। लेखिका ने पाठ में शिमला का जो वर्णन किया है, उससे लगता है कि उन दिनों भी शिमला का प्राकृतिक सौंदर्य दर्शनीय रहा होगा। छोटी-छोटी पहाड़ियों वाले शहर में चढ़ाई चढ़कर गिरजा मैदान पहुँचना और वहाँ से थोड़ा नीचे उतरकर मॉल जाना अच्छा लगता होगा। स्कैंडल प्वॉइंट और मॉल की दुकानों पर रौनक रहती होगी। शाम के समय पहाड़ों के बीच सूर्यास्त बहुत सुंदर लगता होगा। उस समय शिमला रिज की रौनक अद्भुत रही होगी।
प्रश्न 2. लेखिका ने इस संस्मरण में सरवर के माध्यम से अपनी बात बताने की कोशिश की है, लेकिन सरवर का कोई परिचय नहीं दिया है। अनुमान लगाओ कि सरवर कौन हो सकता है?
उत्तर लेखिका ने इस संस्मरण में ‘सरवर’ शब्द का प्रयोग दो बार किया है। इसके अतिरिक्त उस व्यक्ति के लिए अन्य संबोधन का प्रयोग नहीं हुआ है। ऐसा प्रतीत होता है कि ‘सरवर’ लेखिका का कोई परिचित व्यक्ति होगा, जिसे वह बार-बार संबोधित करके अपने बचपन की यादें सुना रही हैं।
भाषा की बात (पृष्ठ संख्या 11)
प्रश्न 1. क्रियाओं से भी भाववाचक संज्ञाएँ बनती हैं; जैसे-मारना से मार, काटना से काट, हारना से हार, सीखना से सीख, पलटना से पलट और हड़पना से हड़प आदि भाववाचक संज्ञाएँ बनी हैं। तुम भी इस संस्मरण से कुछ क्रियाओं को छाँटकर लिखो और उनसे भाववाचक संज्ञा बनाओ।
उत्तर
प्रश्न 2. चार दिन, कुछ व्यक्ति, एक लीटर दूध आदि शब्दों के प्रयोग पर ध्यान दो तो पता चलेगा कि इसमें चार, कुछ और एक लीटर शब्द से संख्या या परिमाण का आभास होता है, क्योंकि ये संख्यावाचक विशेषण हैं। इसमें भी चार दिन से निश्चित संख्या का बोध होता है, इसलिए इसको निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं और कुछ व्यक्ति से अनिश्चित संख्या का बोध होने से इसे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। इसी प्रकार एक लीटर दूध से परिमाण का बोध होता है, इसलिए इसे परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं। अब तुम नीचे लिखे वाक्यों को पढ़ो और उनके सामने विशेषण के भेदों को लिखो
(क) मुझे दो दर्जन केले चाहिए।
(ख) दो किलो अनाज दे दो।
(ग) कुछ बच्चे आ रहे हैं।
(घ) सभी लोग हँस रहे थे।
(ङ) तुम्हारा नाम बहुत सुंदर है।
उत्तर
(क) दो दर्जन – निश्चित संख्यावाचक विशेषण
(ख) दो किलो – निश्चित परिमाणवाचक विशेषण
(ग) कुछ – अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
(घ) सभी – अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
(ङ) तुम्हारा – सार्वनामिक विशेषण, सुंदर – गुणवाचक विशेषण
प्रश्न 3. कपड़ों में मेरी दिलचस्पियाँ मेरी मौसी जानती थीं। इस वाक्य में रेखांकित शब्द ‘दिलचस्पियाँ’ और ‘मौसी’ संज्ञाओं की विशेषता बता रहे हैं, इसलिए ये सार्वनामिक विशेषण हैं। सर्वनाम कभी-कभी विशेषण का काम भी करते हैं। पाठ में से ऐसे पाँच उदाहरण छाँटकर लिखो।
उत्तर पाठ में दिए गए पाँच उदाहरण निम्न प्रकार हैं
- मैं तुम्हें अपने बचपन की ओर ले जाऊँगी।
- हमारा घर माल से अधिक दूर नहीं था।
- उन दिनों फ्रॉक के ऊपर की जेब में रुमाल रखने का चलन था।
- मेरे चेहरे की ओर देखते और कहते।
- हम बच्चे इतवार की सुबह इसी में लगते।
कुछ करने को (पृष्ठ संख्या 12)
प्रश्न 1. यदि तुम्हें अपनी पोशाक बनाने को कहा जाए, तो कैसी पोशाक बनाओगे और पोशाक बनाते समय किन बातों का ध्यान रखोगे? अपनी कल्पना से पोशाक का डिजाइन बनाओ।
उत्तर यदि हमें पोशाक बनाने को कहा जाए, तो हम वर्तमान समय में चल रहे डिजाइन के अनुसार पोशाक बनाएँगे। मौसम का विशेष ध्यान रखेंगे। मौसम के अनुसार ही कपड़े का चुनाव और रंग का चुनाव करेंगे। अपनी कद-काठी का अवश्य ध्यान रखेंगे ऐसी पोशाक बनाएँगे, जो स्वयं पर अच्छी लगे विद्यार्थी अपनी कल्पना से पोशाक का डिजाइन स्वयं बनाएँ।
प्रश्न 2. तीन-तीन के समूह में अपने साथियों के साथ कपड़ों के नमूने इकट्ठा करके कक्षा में बताओ। इन नमूनों को छूकर देखो और अंतर महसूस करो। यह भी पता करो कि कौन सा कपड़ा किस मौसम में पहनने के लिए अनुकूल है ?
उत्तर छात्र विभिन्न मौसम में पहनने वाले कपड़ों के नमूने एकत्र करेंगे। बताएँगे सूती कपड़ा गर्मी, ऊनी कपड़ा सर्दी में पहनने के लिए आरामदायक होता है। इसके अतिरिक्त खादी, सिल्क और पॉलिस्टर के नमूने देखकर अंतर बताएँगे।
प्रश्न 3. हथकरघा और मिल के कपड़े बनाने के तरीकों के बारे में पता करो। संभव हो तो किसी कपड़े के कारखाने में जाकर भी जानकारी इकट्ठी करो।
उत्तर हथकरघा पर हाथ से कपड़ा बनाया जाता है। सूती और सिल्क दोनों प्रकार के कपड़े हथकरघों पर बुने जाते हैं। मिल में मशीनों द्वारा कपड़े बुने जाते हैं। छात्र किसी कारखाने में जाकर यह जानने का प्रयास करें कि कपड़ा बनाने की प्रक्रिया क्या है।
प्रश्न 4. हमारे देश में तरह-तरह के भोजन, तरह-तरह की पोशाकें प्रचलित हैं। कक्षा के बच्चे और शिक्षक इनके विविध रूपों के बारे में बातचीत करें।
उत्तर हमारे देश में जो फसल होती है, उसी के अनुसार भोजन खाया जाता है। जैसे दक्षिण भारत में चावल अधिक होता है। इसलिए अधिकतर भोज्य चावल से बना होता है।
गुजरात, राजस्थान में घाघरा और चोली पहनने का चलन है। स्त्रियाँ हर प्रांत में साड़ी पहनती हैं, परंतु उनके पहनने के तरीके में अंतर होता है।
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 2 बचपन बहुविकल्पीय प्रश्न
अभ्यास प्रश्न (बहुविकल्पीय व वर्णनात्मक प्रश्नों सहित)
1. लेखिका का जन्म किस सदी में हुआ था?
(क) 18वीं
(ख) 19वीं
(ग) 20वीं
(घ) 21वीं
उत्तर (ग) 20वीं
2. लेखिका शनिवार को कौन-सा ऑयल पीती थी?
(क) नारियल तेल
(ख) देशी घी
(ग) सरसों तेल
(घ) ऑलिव ऑयल
उत्तर (घ) ऑलिव ऑयल
3. लेखिका बचपन में इतवार की सुबह क्या काम करती थी?
(क) वह नृत्य करती थी
(ख) वह विद्यालय जाती थी
(ग) वह अपने मोजे व जूते पॉलिश करती थी
(घ) वह पौधों की देख-रेख करती थी
उत्तर (ग) वह अपने मोजे व जूते पॉलिश करती थीं
4. पहले गीत-संगीत सुनने के क्या साधन थे?
(क) सी. डी. प्लेयर
(ख) टेलीविजन
(ग) रेडियो
(घ) ग्रामोफोन
उत्तर (घ) ग्रामोफोन
5. इस संस्मरण में लेखिका किसकी चर्चा कर रही है?
(क) अपने बचपन की
(ख) अपने बच्चों की
(ग) अपने परिवार की
(घ) अपनी वृद्धावस्था की
उत्तर (क) अपने बचपन की
6. लेखिका को सप्ताह में कितनी बार चॉकलेट खरीदने की छूट थी?
(क) एक बार
(ख) दो बार
(ग) तीन बार
(घ) चार बार
उत्तर (क) एक बार
7. दुकान के सामने किस ट्रेन का मॉडल था?
(क) मेट्रो रेल का
(ख) भारतीय रेल का
(ग) शिमला-कालका ट्रेन का
(घ) वंदे भारत ट्रेन का
उत्तर (ग) शिमला-कालका ट्रेन का
8. पिछली सदी में कौन सी चीज़ खास थी?
(क) हवाई जहाज
(ख) आइसक्रीम
(ग) चॉलकेट
(घ) बैलगाड़ी
उत्तर (क) हवाई जहाज
9. निम्न में से उर्दू शब्द कौन-सा है?
(क) फ़र्क
(ख) खुराक
(ग) ‘क’ और ‘ख’ दोनों
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर (ग) ‘क’ और ‘ख’ दोनों
10. हमारे लिए पढ़ने का सही समय कौन-सा होता है?
(क) रात में अधिक प्रकाश में
(ख) कम रोशनी में
(ग) दिन के प्रकाश में
(घ) कृत्रिम रोशनी में
उत्तर (ग) दिन के प्रकाश में
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 2 बचपन गद्यांश पर आधारित प्रश्न
निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर उन पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
गद्यांश 1
हाँ, मैं इन दिनों कुछ बड़ा बड़ा यानी उम्र में सयाना महसूस करने लगी हूँ। शायद इसलिए कि पिछली शताब्दी में पैदा हुई थी। मेरे पहनने ओढ़ने में भी काफी बदलाव आए हैं। पहले मैं रंग-बिरंगे कपड़े पहनती रही हूँ। नीला – जामुनी – ग्रे- काला चॉकलेटी अब मन कुछ ऐसा करता है कि सफेद पहनो गहरे नहीं, हल्के रंग ।
मैंने पिछले दशकों में तरह-तरह की पोशाकें पहनी हैं। पहले फ्रॉक, फिर निकर वॉकर, स्कर्ट, लहँगे, गरारे और अब चूड़ीदार और घेरदार कुर्ते ।
1. लेखिका उम्र में क्या महसूस करने लगी थी?
(क) उदास
(ख) बीमार
(ग) छोटा
(घ) सयाना
उत्तर (घ) सयाना
2. लेखिका पहले कैसे कपड़े पहनती थी?
(क) नीले
(ख) चॉकलेटी
(ग) रंग-बिरंगे
(घ) पीले
उत्तर (ग) रंग-बिरंगे
3. परिवार के सभी लोग लेखिका को क्या कहकर पुकारते थे?
(क) दादी
(ख) नानी
(ग) जीजी
(घ) दीदी
उत्तर (ग) जीजी
4. लेखिका यह क्यों समझती थी कि आजकल वह सयानी हो गई है?
उत्तर लेखिका का जन्म पिछली शताब्दी में हुआ था, अब उनकी उम्र दादी या नानी के बराबर हो गई है। उम्र बढ़ने के कारण लेखिका अपने आप को सयाना महसूस करने लगीं।
5. लेखिका के पहनावे में बदलाव क्यों आया?
उत्तर उम्र बढ़ने के कारण प्रत्येक मनुष्य के पहनावे में बदलाव आ जाता है। लेखिका भी अब अपने आप को बड़ी उम्र का महसूस करने लगी थी, इसलिए उनके पहनावे में काफी बदलाव आ गया।
6. लेखिका के बचपन से अब तक के पहनावे में क्या-क्या बदलाव आए?
उत्तर लेखिका बचपन में फ्रॉक पहनती थी, फिर निकर वॉकर, स्कर्ट, लहँगे व गरारे पहनने लगी, लेकिन वे अब उम्र बढ़ने के कारण हल्के रंगों के घेरदार कुर्ता पजामा पहनती हैं।
गद्यांश 2
हर शनीचर को हमें ऑलिव ऑयल या कैस्टर ऑयल पीना पड़ता। यह एक मुश्किल काम था। शनीचर को सुबह से ही नाक में इसकी गंध आने लगती।
छोटे शीशे के गिलास, जिन पर ठीक खुराक के लिए निशान पड़े रहते, उन्हें देखते ही मितली होने लगती। मुझे आज भी लगता है कि अगर हम न भी पीते वह शनिवारी दवा, तो कुछ ज्यादा बिगड़ने वाला नहीं था। सेहत ठीक ही रहती।
1. ऑलिव ऑयल का अर्थ क्या होता है?
(क) जैतून का तेल
(ख) सरसों का तेल
(ग) तिलहन का तेल उत्तर
(घ) नारियल का तेल
उत्तर (क) जैतून का तेल
2. लेखिका ने ऑलिव या कैस्टर ऑयल को कौन-सी दवा कहा?
(क) अच्छी दवा
(ख) बुरी दवा
(ग) इतवारी दवा
(घ) शनिवारी दवा
उत्तर (घ) शनिवारी दवा
3. बच्चों को शनिवारी दवा क्या ठीक रखने के लिए पिलाई जाती थी?.
(क) पेट
(ख) सेहत
(ग) बाल
(घ) आँखें
उत्तर (ख) सेहत
4. हर शनिवार की सुबह लेखिका को क्या काम मुश्किल लगता था?
उत्तर हर शनिवार की सुबह लेखिका को ऑलिव ऑयल या कैस्टर ऑयल पीना पड़ता था, जो लेखिका को बहुत मुश्किल काम लगता था ।
5. ऑलिव ऑयल या कैस्टर ऑयल पीना कठिन क्यों था?
उत्तर ऑलिव ऑयल या कैस्टर ऑयल में गंध आती थी, इसलिए उसे पीना कठिन होता था। जिस गिलास से ऑयल पिलाया जाता, उसे देखते ही मितली होने लगती थी।
6. शनिवारी दवा के बारे में लेखिका के अब क्या विचार हैं?
उत्तर शनिवारी दवा के बारे में लेखिका के विचार हैं कि बचपन में कैस्टर ऑयल या ऑलिव ऑयल पिलाए जाने का कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
गद्यांश 3
पिछली सदी में तेज रफ्तारवाली गाड़ी वही थी। कभी-कभी हवाई जहाज भी देखने को मिलते। दिल्ली में जब भी उनकी आवाज आती, बच्चे उन्हें देखने बाहर दौड़ते दीखता एक भारी-भरकम पक्षी उड़ा जा रहा है पंख फैलाकर यह देखो और वह गायब। उसकी स्पीड ही इतनी तेज लगती। हाँ, गाड़ी के मॉडल वाली दुकान के साथ एक और ऐसी दुकान थी, जो मैं कभी नहीं भूलती। यह वह दुकान थी, जहाँ मेरा पहला चश्मा बना था। वहाँ आँखों के डॉक्टर अंग्रेज थे।
1. पिछली सदी में तेज़ रफ्तार वाली ट्रेन कौन-सी थी ?
(क) मुंबई-कलकत्ता ट्रेन
(ख) शिमला-कालका ट्रेन
(ग) जम्मू तवी ट्रेन
(घ) शताब्दी ट्रेन
उत्तर (ख) शिमला-कालका ट्रेन
2. चश्मे की दुकान पर बैठने वाले डॉक्टर कौन थे?
(क) कश्मीरी
(ख) बूढ़े
(ग) अंग्रेज
(घ) जापानी
उत्तर (ग) अंग्रेज
3. बच्चे किस की आवाज़ सुनकर घरों से दौड़ पड़ते थे?
(क) चिड़ियों की
(ख) हवाई जहाज की
(ग) ट्रेन की
(घ) जानवरों की
उत्तर (ख) हवाई जहाज की
4. हवाई जहाज की आवाज़ को सुनकर बच्चे क्या करते थे?
उत्तर दिल्ली में हवाई जहाज की आवाज़ सुनते ही बच्चे उन्हें देखने के लिए घर से बाहर आ जाते थे।
5. बच्चों को हवाई जहाज पक्षी के समान क्यों लगता था ?
उत्तर बच्चों को हवाई जहाज एक भारी भरकम बड़े पक्षी की तरह लगता था, क्योंकि नीचे से बच्चों को हवाई जहाज पक्षी जैसा पंख फैलाकर तेज गति से उड़ता दिखाई देता था और देखते ही देखते हवाई जहाज गायब हो जाता था।
6. लेखिका को स्कैंडल प्वॉइंट की किन दुकानों के बारे में आज भी याद है?
उत्तर लेखिका को स्कैंडल प्वॉइंट के सामने वाली दुकान आज भी याद है, जिसके शोरूम में ट्रेन का मॉडल रखा था। दूसरी जिस दुकान पर लेखिका का पहला चश्मा बना था।
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 2 बचपन अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
1. लेखिका बचपन में कैसी पोशाकें पहनती थीं?
उत्तर लेखिका को रंग-बिरंगे कपड़े पसंद थे, वह अपने बचपन में फ्रॉक, निकर वॉकर, स्कर्ट तथा लहँगे पहना करती थीं।
2. लेखिका को बचपन में जूतों से क्या तकलीफ़ होती थी?
उत्तर लेखिका को बचपन में जूते अधिक आरामदेह नहीं होते थे। नए जूते पहनते ही पैरों में छाले पड़ जाते थे।
3. लेखिका को किस प्रकार के चेस्टनट खाने पसंद थे?
उत्तर लेखिका को चेस्टनट को आग पर भूनने के बाद उसके छिलके उतारकर खाना पसंद था।
4. लेखिका को शिमला रिज की क्या याद आती है?
उत्तर लेखिका ने बचपन में घोड़ों की सवारी करते हुए शिमला रिज पर ने बहुत मजे किए हैं। उन्हें घोड़े देखकर खुशी होती थी। शाम के समय जाखू के पहाड़ पर चर्च की घाटियाँ और रंग-बिरंगी रोशनी उन्हें आकर्षित करती थी ।
5. आँखों के डॉक्टर ने लेखिका को चश्मे के बारे में क्या आश्वासन दिया था?
उत्तर आँखों के डॉक्टर ने लेखिका को आश्वासन दिया कि यदि वे चश्मा लगाएँगी, तो नजर ठीक हो जाएगी और चश्मा हट जाएगा।
6. लेखिका अपने मोजे और स्टॉकिंग स्वयं क्यों धोती थीं?
उत्तर लेखिका के घर में नौकर या नौकरानी से मोजे और स्टॉकिंग धुलवाने के लिए मना किया गया था। इस कारण हर इतवार को लेखिका मोजे और स्टॉकिंग स्वयं धोती थीं।
7. हवाई जहाज देखकर बच्चों को क्या लगता था ?
उत्तर बच्चों को हवाई जहाज एक भारी-भरकम पक्षी की तरह लगता, जो पंख फैलाकर उड़ रहा हो।
8. शिमला में लेखिका सिर पर क्या लगाती थीं?
उत्तर शिमला में लेखिका सिर पर हिमाचली टोपियाँ लगाती थीं।
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 2 बचपन लघु उत्तरीय प्रश्न
1. लेखिका को बचपन की अपनी किन-किन पोशाकों के बारे में आज भी याद है?
उत्तर लेखिका अपने बचपन में रंग-बिरंगी फ्रॉक पहनती थीं। उनमें से लेखिका को कुछ फ्रॉकों के रंग और डिजाइन अब भी याद हैं। लेखिका को हल्की नीली, पीली धारीवाली फ्रॉक याद हैं। एक हल्के गुलाबी रंग की चुन्नटों वाले घेरे की फ्रॉक थी, जिसमें गुलाबी रंग की ही फ्रिल लगी थी।
2. लेखिका के बचपन और आज के समय में खाने की चीजों में क्या परिवर्तन हो गया है?
उत्तर लेखिका के बचपन में लोग कचौड़ी और समोसा खाते थे। अब लोग पेटीज़ खाना पसंद करते हैं। तब लोग कुल्फी खाते थे, लेकिन अब आइसक्रीम खाते हैं। तब शहतूत, फालसे और खसखस का शरबत पिया जाता था और अब लोग उनके स्थान पर कोक और पेप्सी पीने लगे हैं। उन दिनों बाजार में कोक और पेप्सी नहीं बल्कि लेमनेड और विमटो ही मिलती थी ।
3. आप छुट्टी के दिन क्या कुछ ऐसे काम करते हैं, जिनसे आपकी माँ को कुछ सहायता मिल सके।
उत्तर जी हाँ, मैं छुट्टी के दिन काफी काम स्वयं करता हूँ। मैं अपनी पढ़ने की मेज और पुस्तकों की अलमारी ठीक करता हूँ। अपने कपड़े तह कर रखता हूँ। बाजार के छोटे-छोटे काम करता हूँ। अपनी माँ से पूछता हूँ उनको मेरी क्या सहायता चाहिए, वे जो भी कहती हैं, मैं कर देता हूँ।
4. लेखिका चॉकलेट कहाँ और कैसे खाती थी?
उत्तर लेखिका को हफ्ते में एक बार चॉकलेट खरीदने की छूट थी। सबसे अधिक चॉकलेट का स्टॉक लेखिका के पास ही होता था। लेखिका चाँकलेट खड़े होकर नहीं खाती थी। वह रात को खाने के बाद बिस्तर में लेटकर आनंद ले लेकर खाती थीं।
5. लेखिका साथ में रुई क्यों रखती थी?
उत्तर पहले जूते अधिक आरामदायक नहीं होते थे, उनसे पैरों में छाले बन जाते थे। जब कभी लेखिका लंबी सैर पर जाती तो इस तकलीफ से बचने के लिए वे अपने पास रुई रखती थीं ताकि जूता लगे तो रुई मौजे के अंदर रख ले।
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 2 बचपन दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. लेखिका ने जाखू के पहाड़ों के सौंदर्य का क्या वर्णन किया?
उत्तर लेखिका ने बताया जाखू के पहाड़ बहुत सुंदर थे। वहाँ एक ऊँचा चर्च था। इस चर्च में घंटियाँ बजती थीं, जो दूर-दूर तक सुनाई देती थीं। घंटियों की आवाज बहुत मधुर होती थी, जिसकी गूँज पहाड़ों में गूँजती थी। मधुर आवाज संगीत की तरह लगती। ऐसा लगता कि प्रभु यीशू इस संगीत के माध्यम से कुछ कह रहे हों। सूर्यास्त होने पर नीले आसमान में गुलाबी और सुनहरी धारियाँ फैल जाती थीं। धीरे-धीरे बत्तियाँ टिमटिमाने लगती थीं। रिज और माल की दुकानों में रौनक हो जाती थी ।
2. उम्र बढ़ने पर आप क्या-क्या बदलाव देखते हैं? ‘बचपन’ पाठ के आधार पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर उम्र बढ़ने पर हम निम्नलिखित बदलाव देखते हैं।
- शरीर धीरे-धीरे कमजोर होने लगता है।
- बाल भी सफेद होते जाते हैं।
- आँखों से धुंधला दिखाई पड़ने लगता है।
- कानों से कम सुनाई देने लगता है।
- हम तेज़ दौड़ने व चलने में असमर्थ रहते हैं।
- अपने बच्चों व घर के अन्य सदस्यों पर निर्भर होने लगते हैं।
- पाचन क्रिया कमज़ोर हो जाती है।
- उम्र बढ़ने के साथ-साथ ही सोच भी बदलने लगती है और रंग-बिरंगे कपड़ों के प्रति आकर्षण कम हो जाता है।
3. लेखिका को चश्मा क्यों लगाना पड़ा तथा उन्होंने चश्मा कहाँ से बनवाया ?
उत्तर लेखिका को चश्मा इसलिए लगाना पड़ा, क्योंकि वह दिन की रोशनी को छोड़कर रात में टेबल लैंप के सामने बैठकर काम करती थीं। इसकी जिम्मेदार वे स्वयं को ही मानती थीं। स्कैंडल प्वॉइंट के पास एक चश्मे की दुकान थी, इसी दुकान से लेखिका ने अपना पहला चश्मा बनवाया था, जिसे लेखिका कभी नहीं भूलीं ।
4. शोरूम में बनी ट्रेन का नाम और विशेषता बताइए ।
उत्तर स्कैंडल प्वॉइंट के ठीक सामने एक दुकान थी, जिसके शोरूम में एक ट्रेन का मॉडल था, जिसका नाम शिमला-कालका ट्रेन था। इसके छोटे-छोटे डिब्बे थे। इसकी पटरियाँ छोटी-छोटी थीं, जिस पर ट्रेन खड़ी थी और एक लाल टीन की छत वाला स्टेशन था और सामने एक खंभा था, जो सिग्नल दे रहा था। थोड़ी दूरी पर बनी सुरंग थी, जो बच्चों को बहुत आकर्षित करती थी।