CBSE For Class 6 Hindi Chapter 10 परीक्षा

CBSE For Class 6 Hindi Chapter 10 परीक्षा

1. पाठ का सार

देवगढ़ रियासत के दीवान सरदार सुजानसिंह जब बूढ़े हुए तो उन्हें अहसास हुआ कि वे अब अच्छी तरह से राजकार्य करने के योग्य नहीं रह गए। यदि इस उम्र में राजकाज में किसी प्रकार की भूल हो गई तो उन्होंने जो पूरी जिंदगी नाम कमाया है उस पर दाग लग जाएगा और वे बिलकुल नहीं चाहते थे। इसी कारण उन्होंने अपने पद से त्यागपत्र देने की बात राजा से की और राजा ने इस शर्त पर स्वीकार किया कि अब वे ही अपने समान योग्य दीवान राज्य के लिए खोज कर दें। दूसरे दिन ही सुजानसिंह ने विज्ञापन निकाला और राज्य के योग्य व्यक्तियों को पद के लिए आमंत्रित किया। साथ ही कहा कि शिक्षा से ज्यादा उम्मीदवार के व्यवहार को परखा जाएगा।

दीवान पद के उम्मीदवार विज्ञापन पढ़कर देवगढ़ रियासत में एकत्रित होने शुरू हो गए। चूँकि इस ऊँचे पद के लिए शिक्षा या किसी अन्य प्रकार का कोई बंधन नहीं था केवल व्यवहार व आचार-विचार को परखना था; इसी कारण अधिक संख्या में उम्मीदवार रियासत पहुँचे और व्यवहार का झूठा दिखावा करने लगे। कोई सुबह जल्दी उठने लगा, तो कोई सेवकों से बड़े आदरपूर्वक बात करने लगा। सभी दीवान सूरजसिंह को आकर्षित करने में लगे हुए थे। दूसरी तरफ दीवान जी दिखावटी लोगों के बीच सच्चे इंसान को परख रहे थे।

दीवान पद के लिए आए उम्मीदवारों में से कुछ ने हॉकी खेलने का कार्यक्रम रखा और मैदान में खेल आरंभ किया। वे सभी खेल में अपना-अपना कौशल दिखाने लगे। संध्या तक खेलते-खेलते तर हो गए परंतु हार-जीत का निर्णय ना हो सका। कुछ देर आराम करने के पश्चात वे सभी अपने ठहरने के स्थान की तरफ जाने लगे। रास्ते में एक नाला था जो मैदान से दूर हटकर था और उस पर कोई पुल नहीं था। राहगीरों को उसी नाले में से चलकर जाना पड़ता था। तभी वहाँ एक किसान, अनाज से भरी गाड़ी लेकर उसी नाले में आया परंतु कीचड़ और ऊँचाई के कारण वो गाड़ी को नाले से बाहर नहीं निकाल पा रहा था। उसकी इस स्थिति को वहाँ से गुजरने वाले खिलाड़ी देखकर भी अनदेखा कर रहे थे और आगे बढ़ते जा रहे थे। किसान को उनकी सहायता की आवश्यकता तो थी पर वो मदद माँगने का साहस नहीं कर पा रहा था।

जब नाले में फँसे किसान की किसी ने भी मदद नहीं की तब एक खिलाड़ी जो लंगड़ाता हुआ चल रहा था, किसान के पास आया उसने विनम्र भाव से सहायता करने की बात कही। उसने अपनी पूरी ताकत से बैलगाड़ी को बाहर निकाला। युवक घुटनों तक जमीन में गढ़ गया था परंतु उसने हिम्मत नहीं हारी और किसान को मुसीबत से बाहर निकाला। किसान ने युवक का धन्यवाद किया। और कहा कि- “ नारायण चाहेंगे तो दीवानी आपको ही मिलेगी”। युवक को किसान सुजानसिंह की तरह लगा और किसान के भेष में दीवान भी युवक का संदेह भाँप गए।

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चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के पश्चात सभी निर्णय का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। सभी के मन में एक ही सवाल था कि दीवान का पद किसे मिलेगा? सभी उम्मीदवारों की दिल की धड़कन बढ़ी हुई थी। संध्या के समय राजा के दरबार में सभी की नजरें सुजानसिंह पर टिकी थी तभी उन्होंने पंडित जानकीनाथ को दीवान चुने जाने की बधाई दी। उन्होंने बताया कि किस प्रकार स्वयं घायल होने पर भी पंडित जानकीनाथ ने एक गरीब किसान की मदद बिना किसी स्वार्थ के की। ऐसा व्यक्ति ना केवल उदार और साहसी है बल्कि ये कभी गरीबों को नहीं सताएगा ऐसा मुझे विश्वास है। ये कभी दया और धर्म के मार्ग से नहीं हटेगा। इसी कारण देवगढ़ रियासत के लिए यही योग्य उम्मीदवार है। इतना कहकर उन्होंने उसे दीवान घोषित कर दिया।

2. शब्दार्थ और टिप्पणी

विनय – प्रार्थना । अवस्था ढलना-बूढ़ा होना, उम्र ढलना। नेकनामी प्रसिद्धि, यश नीतिकुशल आचरण में निपुण उपस्थित – प्रस्तुत, हाजिर।

हष्ट-पुष्ट-स्वस्थ, तंदरुस्त । मंदाग्नि- कमजोर व्यक्ति (जिसमें भोजन पचाने की क्षमता कम हो) । सुशोभित सुंदर, शोभायमान। मुल्क- देश, राज्य, रियासत । तहलका- हलचल, खलबली। परखना – आजमाना । सनद शैक्षिक एवं दक्षता प्रमाण पत्र, प्रमाण पत्र। घृणा-नफरत । नम्रता- विनम्र, नरमी । सदाचार-अच्छा आचरण, अच्छा व्यवहार।

गंजा हुआ खिलाड़ी कार्य में निपुण अप्रेंटिस- उम्मीदवार। भलेमानुस – अच्छे व्यक्ति ।

पथिक- राहगीर, रास्ते पर चलने वाला। ढकेलना- धक्का देकर आगे बढ़ाना। झुंझलाकर परेशान होकर । उभरना – बाहर निकालना। आपत्ति-मुसीबत |

सहमना- डरना। स्वार्थ-लालच । मदनशा उदारता-दया। वात्सल्य प्रेम । अकस्मात – अचानक । ठिठक जाना- रुक जाना। उकसाना- जगाना, भड़काना । उबारना – बचाना। संदेह शक। भाँप जाना समझ जाना। तीव्र – तेज । पैठ जाना- घुस जाना ।

पहाड़ होना- कठिन होना । निदान-अंत में धनाढ्य – धनी लोग। कलेजा धड़कना – घबराना । सौभाग्य- अच्छा भाग्य। संकल्प – निश्चय ।

चित्त-हृदय, मन दृढ़-मजबूत । कंटोप-टोपी, कानो को ढकने वाला।

3. अर्थग्रहण संबंधी एवं बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

1 दूसरे दिन देश के प्रसिद्ध पत्रों में यह विज्ञापन निकला कि देवगढ़ के लिए एक सुयोग्य दीवान की ज़रूरत है। जो सज्जन अपने को इस पद के योग्य समझें, वे वर्तमान सरकार सुजानसिंह की सेवा में उपस्थित हों। यह ज़रूरी नहीं है कि वे ग्रेजुएट हों, मगर हृष्ट-पुष्ट होना आवश्यक है, मंदाग्नि के मरीज को यहाँ तक कष्ट उठाने की कोई जरूरत नहीं। एक महीने तक उम्मीदवारों के रहन-सहन, आचार-विचार की देखभाल की जाएगी। विद्या का कम, परंतु कर्तव्य का अधिक विचार किया जायेगा। जो महाशय इस परीक्षा में पूरे उतरेंगे, वे इस उच्च पद पर सुशोभित होंगे। (पृष्ठ 106)

प्रश्न-

(क) देवगढ़ में किस बात के लिए विज्ञापन निकाला गया था?

(ख) उम्मीदवारों की किस बात पर विचार किया जाना था?

(ग) उम्मीदवारों के लिए क्या जरूरी नहीं और क्या जरूरी था?

(घ) ‘मंदाग्नि’ का अर्थ है?

(1) मंद अग्नि

(2) मंद बुद्धि

(3) कमजोर व्यक्ति

(4) नशीला

(ङ) ‘उम्मीदवार’ का चयन किसने करना था ?

(1) राजा ने

(2) पूर्व दीवान ने

(3) अधिकारी ने

(4) प्रजा ने

उत्तर- (क) देवगढ़ में सुयोग्य दीवान के चयन के लिए विज्ञापन निकाला गया था।

(ख) उम्मीदवारों की विद्या कम, परंतु कर्तव्य पर अधिक विचार किया जाना था।

(ग) उम्मीदवारों के लिए ग्रेजुएट होना जरूरी नहीं था। परंतु हृष्ट-पुष्ट होना आवश्यक था।

(घ) (3) कमजोर व्यक्ति

(ङ) (2) पूर्व दीवान ने

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2 इस विज्ञापन ने सारे मुल्क में तहलका मचा दिया। ऐसा ऊँचा पद और किसी प्रकार की कैद नहीं? केवल नसीब का खेल है। सैकड़ों आदमी अपना-अपना भाग्य परखने के लिए चल खड़े हुए। देवगढ़ में नए-नए और रंग-बिरंगे मनुष्य दिखाई देने लगे। प्रत्येक रेलगाड़ी से उम्मीदवारों का एक मेला-सा उतरता। कोई पंजाब से चला आता था, कोई मद्रास से, कोई नए फैशन का प्रेमी, कोई पुरानी सादगी पर मिटा हुआ। रंगीन एमामे, चोगे और नाना प्रकार के अंगरखे और कंटोप देवगढ़ में अपनी सज-धज दिखाने लगे। लेकिन सबसे विशेष संख्या ग्रेजुएटों की थी, क्योंकि सनद की कैद न होने पर भी सनद से परदा तो ढका रहता है।

प्रश्न-

(क) ‘सनद की कैद न होने पर भी सनद से परदा तो ढका रहता है।’- पंक्ति का क्या आशय है?

(ख) देवगढ़ में क्या दिखाई देने लगा था ?

(ग) देवगढ़ में आए लोगों की वेशभूषा कैसी थी ?

(घ) विज्ञापन के बाद मुल्क में कैसा माहौल था ?

(1) शांत

(2) सामान्य

(3) भयपूर्ण

(4) हलचल वाला

(ङ) ‘सनद’ शब्द का क्या अर्थ है?

(1) भोजन

(2) प्रमाण

(3) सनक

(4) जेल

उत्तर- (क) इस पंक्ति का आशय यह है कि शिक्षा का प्रमाण-पत्र एक ऐसी चीज़ है जो मनुष्य की अन्य कमियों को ढक देती है।

(ख) देवगढ़ में नए-नए और रंग-बिरंगे मनुष्य दिखाई देने लगे। प्रत्येक रेलगाड़ी से उम्मीदवारों का एक मेला – सा उतरता।

(ग) कोई नए फैशन का प्रेमी, कोई पुरानी सादगी पर मिटा हुआ। रंगीन एमामे, चोगे और नाना प्रकार के अंगरखे तथा कंटोप पहने हुए लोग दिखाई दे रहे थे।

(घ) (4) हलचल वाला

(ङ) (2) प्रमाण

3 रियासत देवगढ़ में यह खेल बिल्कुल निराली बात थी। पढ़े-लिखे भलेमानुस लोग शतरंज और ताश जैसे गंभीर खेल खेलते थे। दौड़-कूद के खेल बच्चों के खेल समझे जाते थे।

खेल बड़े उत्साह से जारी था। धावे के लोग जब गेंद को लेकर तेजी से उड़ते तो ऐसा जान पड़ता था कि कोई लहर बढ़ती चली आती है। लेकिन दूसरी ओर के खिलाड़ी इस बढ़ती हुई लहर को इस तरह रोक लेते थे कि मानो लोहे की दीवार है।

संध्या तक यही धूमधाम रही। लोग पसीने से तर हो गए। खून की गरमी आँख और चेहरे से झलक रही थी। हाँफते-हाँफते बेदम हो गए, लेकिन हार-जीत का निर्णय न हो सका।

प्रश्न-

(क) खेल में हार-जीत का निर्णय क्यों नहीं हो सका?

(ख) दूसरी टीम गेंद को किस प्रकार रोकती थी?

(ग) पढ़े-लिखे लोग प्राय: कैसे खेल खेलते थे?

(घ) गेंद को लेकर तेजी से भागते लोग किसकी तरह दिखते थे?

(1) लहर

(2) भीड़

(3) दीवार

(4) हवा

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(ङ) हाँफते-हाँफते बेदम होने का अर्थ है-

(1) हार जाना

(2) बुरी तरह थकना

(3) मर जाना

(4) गिरना

उत्तर- (क) खेल में दोनों टीमों के सदस्यों ने अच्छा खेला संध्या होने तक भी कोई एक-दूसरे को हरा नहीं पाया; इसलिए हार-जीत का निर्णय नहीं हो पाया।

(ख) दूसरी टीम गेंद को लेकर बढ़ती हुई लोगों की लहर को ऐसे रोक लेती थी मानो लोहे की दीवार हो ।

(ग) पढ़े-लिखे लोग शतरंज और ताश जैसे गंभीर खेल खेलते थे।

(घ) (1) लहर

(ङ) (2) बुरी तरह थकना ।

4 किसान युवक के सामने हाथ जोड़कर खड़ा हो गया। बोला, “महाराज, आपने आज मुझे उबार लिया, नहीं तो सारी रात मुझे यहाँ बैठना पड़ता । ”

युवक ने हँसकर कहा, “अब मुझे कुछ इनाम देते हो?” किसान ने गंभीर भाव से कहा, “नारायण चाहेंगे तो दीवानी आपको ही मिलेगी। ”

युवक ने किसान की तरफ़ गौर से देखा। उसके मन में एक संदेह हुआ, क्या यह सुजानसिंह तो नहीं हैं? आवाज़ मिलती है, चेहरा-मोहरा भी वही। किसान ने भी उसकी ओर तीव्र दृष्टि से देखा। शायद उसके दिल के संदेह को भाँप गया। मुस्कराकर बोला, “गहरे पानी में पैठने से ही मोती मिलता है।”

प्रश्न-

(क) युवक को किसान पर संदेह क्यों हुआ?

(ख) युवक के इनाम माँगने पर किसान ने क्या कहा?

(ग) किसान ने युवक का धन्यवाद करते हुए क्या कहा?

(घ) ‘गहरे पानी में पैठने से मोती मिलता है’-का आशय है-

(1) समुद्र की गहराई में मोती मिलता है।

(2) गहरे पानी में जाना चाहिए।

(3) मेहनत से सफलता मिलती है।

(4) पानी का मोती कीमती होता है।

(ङ) युवक को किसान की आवाज किसकी तरह लगी?

(1) मित्र की तरह

(2) सुजानसिंह की तरह

(3) राजा की तरह

(4) अपने पिता की तरह

उत्तर- (क) युवक को किसान की आवाज और चेहरा-मोहरा सुजानसिंह की तरह लगा ।

(ख) युवक के इनाम माँगने पर किसान ने कहा कि- ‘नारायण चाहेंगे तो दीवानी आपको ही मिलेगी।

(ग) किसान ने युवक का धन्यवाद करते हुए कहा – ‘महाराज, आपने आज मुझे उबार लिया, नहीं तो सारी रात मुझे यहाँ बैठना पड़ता।

(घ) (3) मेहनत से सफलता मिलती है।

(ङ) (2) सुजानसिंह की तरह ।

5 जब सरदार सुजानसिंह ने खड़े होकर कहा, दीवानी के उम्मीदवार महाशयो! मैंने आप लोगों को जो कष्ट दिया है, उसके लिए मुझे क्षमा कीजिए। इस पद के लिए ऐसे पुरुष की आवश्यकता थी, जिसके हृदय में दया हो और साथ-साथ आत्मबल । हृदय वह जो उदार हो, आत्मबल वह जो आपत्ति का वीरता के साथ सामना करे और इस रियासत के सौभाग्य से हमें ऐसा पुरुष मिल गया। ऐसे गुणवाले संसार में कम हैं और जो हैं, वे कीर्ति और मान के शिखर पर बैठे हुए हैं, उन तक हमारी पहुँच नहीं । मैं रियासत के पंडित जानकीनाथ-सा को दीवानी पाने पर बधाई देता हूँ।”

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प्रश्न-

(क) सुजानसिंह ने उम्मीदवार का नाम बताते हुए क्या कहा?

(ख) दीवान पद के लिए कैसे पुरुष की आवश्यकता थी ?

(ग) सुजानसिंह ने उम्मीदवारों से क्या कहा?

(घ) गुणवान व्यक्ति कहाँ बैठते हैं?

(1) सिंहासन पर

(2) मंदिरों में

(3) जंगलों में

(4) कीर्ति और मान के शिखर पर

(ङ) ‘कीर्ति’ का पर्यायवाची निम्न में से कौन-सा है?

(1) यश

(2) अपमान

(3) सुंदर

(4) ऊँचाई

उत्तर- (क) सुजानसिंह ने उम्मीदवार का नाम बताते हुए कहा- “मैं रियासत के पंडित जानकीनाथ-सा को दीवानी पाने पर बधाई देता हूँ।”

(ख) दीवान पद के लिए ऐसे पुरुष की आवश्यकता थी जो उदार हो, जिसके हृदय में दया हो और उसका आत्मबल मजबूत हो ।

(ग) सुजानसिंह ने उम्मीदवारों से कहा- “मेरे दीवानी के उम्मीदवार महाशयो! मैंने आप लोगों को जो कष्ट दिया है, उसके लिए मुझे क्षमा कीजिए ।

(घ) (4) कीर्ति और मान के शिखर पर

(ङ) (1) यश

4. पाठ से प्रश्न- अभ्यास

मेरी समझ से

प्रश्न (क) आपकी समझ से नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (*) बनाइए-

(1) महाराज ने दीवान को ही उनका उत्तराधिकारी चुनने का कार्य उनके किस गुण के कारण सौंपा है?

सादगी

उदारता

नीतिकुशलता

बल

(2) दीवान साहब द्वारा नौकरी छोड़ने के निश्चय का क्या कारण था?

परमात्मा की याद

राज-काज सँभालने योग्य शक्ति न रहना

बदनामी का भय

चालीस वर्ष की नौकरी पूरी हो जाना

उत्तर- (1) * नीतिकुशलता

(2) * राज-काज सँभालने योग्य शक्ति न रहना

Class 6 Hindi Chapter 10 परीक्षा Notes

(ख) अब अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?

उत्तर-

1. पाठ में उदारता के गुण को ही महत्त्व दिया गया है और सुजानसिंह भी इसी गुण की खोज कर रहे थे।

2. राज्य के दीवान सुजानसिंह बूढ़े होने के कारण अब राज-काज सँभाल नहीं पा रहे थे।

शीर्षक

(क) आपने जो कहानी पढ़ी है, इसका नाम प्रेमचंद ने ‘परीक्षा’ रखा है। अपने समूह में चर्चा करके लिखिए कि उन्होंने इस कहानी का यह नाम क्यों दिया होगा? अपने उत्तर के कारण भी लिखिए।

उत्तर- ‘प्रेमचंद’ ने कहानी का नाम ‘परीक्षा’ रखा। इसके निम्नलिखित कारण हो सकते हैं-

1. इसमें नए दीवान का चुनाव परीक्षा के माध्यम से ही होना था।

2. पाठ में सुजानसिंह ने परीक्षा लाचार किसान बन कर ही ली।

3. पूरे एक महीने तक सभी उम्मीदवारों के व्यवहार की परीक्षा ली गई।

(ख) यदि आपको इस कहानी को कोई अन्य नाम देना हो तो क्या नाम देंगे? आपने यह नाम क्यों सोचा, यह भी बताइए?

उत्तर-

1. इस कहानी का नाम ‘दीवान का चुनाव’ भी रखा जा सकता था क्योंकि कहानी दीवान के चुनाव पर ही आधारित है।

2. इसका एक अन्य नाम ‘परोपकारः एक श्रेष्ठ धर्म’ भी रखा जा सकता था क्योंकि कहानी में दूसरों की मदद और उपकार की बात पर ही बल दिया गया है और इसी आधार पर नए दीवान का चुनाव होना था।

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पंक्तियों पर चर्चा

प्रश्न- कहानी में से चुनकर यहाँ कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।

” इस पद के लिए ऐसे पुरुष की आवश्यकता थी, जिसके हृदय में दया हो और साथ-साथ आत्मबल । हृदय वह जो उदार हो, आत्मबल वह जो आपत्ति का वीरता के साथ सामना करे। ऐसे गुणवाले संसार में कम हैं और जो हैं, वे कीर्ति और मान के शिखर पर बैठे हुए हैं। ”

उत्तर- दीवान सुजानसिंह ने कहा कि दीवान पद के लिए एक ऐसे योग्य व्यक्ति की आवश्यकता थी जो परोपकारी हो, जिसके मन में दुखी व गरीब लोगों के लिए दया का भाव हो। उन्होंने कहा जो व्यक्ति अपने स्वयं के

बल पर भरोसा रखता हो और जो हर परिस्थिति में अपनी | हैं? आवाज मिलती है, चेहरा-मोहरा भी वही । ” वीरता से अपने गुणों का प्रमाण देता हो। वो संसार में यश कमाता है। उसकी सदैव प्रसिद्धि फैलती है और ऐसे गुणवान व्यक्ति संसार में बहुत कम होते हैं।

सोच-विचार के लिए

कहानी को एक बार फिर से पढ़िए, निम्नलिखित के बारे में पता लगाइए और लिखिए-

प्रश्न (क ) नौकरी की चाह में आए लोगों ने नौकरी कहानी की रचना पाने के लिए कौन-कौन से प्रयत्न किए?

उत्तर- नौकरी की चाह में आए लोगों ने अपना अच्छा रूप दिखाने का प्रयास किया, देर से उठने वाले प्रातः काल उठने लगे, नौकरों की नाक में दम करने वाले नौकरों से प्यार से बोलने लगे और किताबों से घृणा करने वाले बड़े-बड़े ग्रंथ पढ़ने का दिखावा करने लगे।

(ख) “उसे किसान की सूरत देखते ही सब बातें ज्ञात हो गई । ” खिलाड़ी को कौन-कौन सी बातें पता चल गई?

उत्तर- जब खिलाड़ी ने किसान को गाड़ी सहित नाले में फँसा देखा तो वह किसान की सूरत देखकर समझ गया कि यह गाड़ी नाले से निकाल नहीं पा रहा और बहुत देर से परेशान है तथा दुखी है।

(ग) “मगर उन आँखों में सत्कार था, इन आँखों में ईर्ष्या ।” किनकी आँखों में सत्कार था और किनकी आँखों में ईर्ष्या थी? क्यों?

उत्तर- युवक की उदारता के कारण उसे दीवानी का पद मिला, जिसके कारण सुजानसिंह और अन्य दरबारियों की आँखों में युवक के प्रति सत्कार की भावना थी परंतु अन्य उम्मीदवारों की आँखों में ईर्ष्या थी क्योंकि उन्हें यह पद नहीं मिला था।

खोजबीन

कहानी में से वे वाक्य खोजकर लिखिए जिनसे पता चलता है कि-

प्रश्न (क) शायद युवक बूढ़े किसान की असलियत पहचान गया था।

उत्तर- “युवक ने किसान की तरफ गौर से देखा । उसके मन में एक संदेह हुआ, क्या यह सुजानसिंह तो नहीं

(ख) नौकरी के लिए आए लोग किसी तरह बस नौकरी पा लेना चाहते थे।

उत्तर- “जिससे बात कीजिए, वह नम्रता और सदाचार का देवता बना मालूम देता था लोग समझते थे कि एक महीने का झंझट है, किसी तरह काट लें, कहीं कार्य सिद्ध हो गया तो कौन है?” पूछता

“लोग पसीने से तर हो गए। खून की गरमी आँख और चेहरे से झलक रही थी । ”

इन वाक्यों को पढ़कर आँखों के सामने थकान से चूर खिलाड़ियों का चित्र दिखाई देने लगता है। यह चित्रात्मक भाषा है। ध्यान देंगे तो इस पाठ में ऐसी और भी अनेक विशेष बातें आपको दिखाई देंगी।

कहानी को एक बार ध्यान से पढ़िए। आपको इस कहानी में और कौन-कौन-सी विशेष बातें दिखाई दे रही हैं? अपने समूह में मिलकर उनकी सूची बनाइए।

उत्तर- जब किसी पंक्ति को पढ़कर चित्र आँखों के आगे आने लगे तो वहाँ चित्रात्मकता होती है। पाठ में निम्न पंक्तियों में चित्रात्मकता प्रस्तुत होती है-

1. देवगढ़ में नए-नए और रंग-बिरंगे मनुष्य दिखाई देने लगे।

2. रंगीन एमामे, चोगे और नाना प्रकार के अंगरखे और कंटोप देवगढ़ में अपनी सज-धज दिखाने लगे।

3. वह कभी बैलों को ललकारता, कभी पहियों को मन के भाव हाथ से ढकेलता।

4. गाड़ी ऊपर को न चढ़ती और चढ़ती भी तो कुछ दूर चढ़कर फिर खिसककर नीचे पहुँच जाती ।

5. बेचारा इधर-उधर निराश होकर ताकता ।

6. बार-बार झुंझलाकर बैलों को मारता ।

7. किसान ने उनकी तरफ सहमी आँखों से देखा ।

8. कीचड़ बहुत ज्यादा था। वह घुटने तक जमीन में गड़ गया।

9. उम्मीदवारों के कलेजे धड़क रहे थे।

10. उन आँखों में सत्कार था, इन आँखों में ईर्ष्या ।

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समस्या और समाधान

इस कहानी में कुछ समस्याएँ हैं और उसके समाधान दृढ़ संकल्प) भी हैं। कहानी को एक बार फिर से पढ़कर बताइए कि –

प्रश्न (क) महाराज के सामने क्या समस्या थी? उन्होंने इसका क्या समाधान खोजा?

उत्तर- महाराज के सामने समस्या थी कि उनकी रियासत के दीवान सुजानसिंह ने दीवानी पद से त्यागपत्र देने की बात कही थी।

राजा ने समस्या का यह समाधान खोजा कि यदि दीवान जी पद छोड़ना चाहते हैं तो उन्हें ही इस राज्य के लिए योग्य दीवान खोजकर देना होगा तब वे पद छोड़ सकते हैं।

(ख) दीवान के सामने क्या समस्या थी? उन्होंने इसका क्या समाधान खोजा?

उत्तर- दीवान के सामने योग्य उम्मीदवार खोजने की समस्या थी। इसके लिए उन्होंने विज्ञापन निकलवाया और उसमें लिखा कि शिक्षा नहीं अपितु आचार, व्यवहार और गुणों को एक महीने तक परखकर उम्मीदवार चुना जाएगा।

(ग) नौकरी के लिए आए लोगों के सामने क्या समस्या थी? उन्होंने इसका क्या समाधान खोजा?

उत्तर – नौकरी के लिए आए लोगों को अच्छा बनकर दिखाना था इसके लिए उन्होंने झूठा दिखावा शुरू कर दिया। उन्होंने मीठा और नम्र व्यवहार शुरू कर दिया। प्रातः काल उठना, पुस्तकें पढ़ना इत्यादि दिखावा शुरू कर दिया।

अभिनय

प्रश्न- कहानी में युवक और किसान की बातचीत संवादों के रूप में दी गई है। यह भी बताया गया है कि उन दोनों ने ये बातें कैसे बोलीं। अपने के साथ मिलकर तैयार कीजिए और कहानी के इस भाग को समूह से अभिनेता या अभिनेत्री कक्षा में सामने आएँगे और ‘ में अभिनय के द्वारा प्रस्तुत कीजिए । प्रत्येक समूह एक-एक संवाद अभिनय के साथ बोलकर दिखाएँगे।

उत्तर- अध्यापिका की मदद से छात्र – संवाद रचना कर अभिनय कौशल का प्रदर्शन करें।

विशेष- ‘इससे छात्रों की अभिव्यक्ति क्षमता पुष्ट होती है।’

कहावत

प्रश्न- “गहरे पानी में पैठने से ही मोती मिलता है।”

यह वाक्य एक कहावत है। इसका अर्थ है कि कोशिश करने पर ही सफलता मिलती है। ऐसी ही एक और कहावत है, “जिन खोजा तिन पाइयाँ गहरे पानी पैठ ” अर्थात परिश्रम का फल अवश्य मिलता है।

कहावतें ऐसे वाक्य होते हैं जिन्हें लोग अपनी बात को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए प्रयोग करते हैं। आपके घर और पास-पड़ोस में भी लोग अनेक कहावतों का उपयोग करते होंगे।

नीचे कहावतें और उनके भावार्थ दिए गए हैं। आप कुछ इन कहावतों को कहानी से जोड़कर अपनी लेखन-पुस्तिका में लिखिए।

अधजल गगरी छलकत जाए जिसके पास थोड़ा ज्ञान होता है, वह उसका दिखावा करता है।

अब पछताए होत क्या जब चिड़ियाँ चुग गई खेत-समय निकल जाने के बाद पछताना व्यर्थ होता है।

एक अनार सौ बीमार कोई ऐसी एक चीज़ जिसको चाहने वाले अनेक हों।

जो गरजते हैं वे बरसते नहीं हैं-जो अधिक बढ़-चढ़कर बोलते हैं, वे काम नहीं करते हैं।

जहाँ चाह, वहाँ राह-जब किसी काम को करने की इच्छा होती है, तो उसका साधन भी मिल जाता है।

(संकेत- विज्ञापन में तो एक नौकरी की बात कही गई थी, लेकिन उम्मीदवार आ गए हज़ारों। इसे कहते हैं – एक अनार सौ बीमार ।)

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उत्तर-

1. ज्ञान में अधिक रुचि ना होने पर भी कुछ उम्मीदवार बड़े-बड़े ग्रंथों में डूबे रहते और अकड़कर चलते इसे कहते हैं – अधजल गगरी छलकत जाए।

2. जब पंडित जानकीनाथ का दीवान के लिए चुनाव हुआ तब अन्य उम्मीदवार सोचने लगे कि काश ! हमने उस समय किसान की मदद की होती तो आज हमारा चयन होता पर अब पछताए होत क्या जब चिड़ियाँ चुग गई खेत ।

3. देवगढ़ में आए सभी उम्मीदवार नम्रता की मूर्ति बने हुए थे। परंतु जब किसान पर दया की बात आई तब सब पीछे हट गए। इसीलिए कहते हैं-जो गरजते हैं वे बरसते नहीं हैं।

4. युवक घायल था परंतु दूसरों की मदद करने की उसकी चाह के कारण वो किसान की गाड़ी नाले से बाहर निकाल पाया। इसे कहते हैं- जहाँ चाह वहाँ राह ।

5. पाठ से आगे प्रश्न- अभ्यास

अनुमान या कल्पना से

प्रश्न (क) “दूसरे दिन देश के प्रसिद्ध पत्रों में यह विज्ञापन निकला ”

देश के प्रसिद्ध पत्रों में नौकरी का विज्ञापन किसने निकलवाया होगा? आपको ऐसा क्यों लगता है ?

उत्तर – देश के प्रसिद्ध पत्रों में दीवान सुजानसिंह जी ने विज्ञापन निकलवाया होगा क्योंकि नए दीवान को चुनने की जिम्मेदारी उन्हीं पर थी और इसी के लिए उन्होंने यह उपाय सोचा होगा।

(ख) “इस विज्ञापन ने सारे मुल्क में तहलका मचा दिया” ।

विज्ञापन ने पूरे देश में तहलका क्यों मचा दिया होगा?

उत्तर- विज्ञापन में रियासत के नए दीवान के चयन के बारे में लिखा था कि दीवान का चयन किसी शिक्षा की डिग्री के आधार पर नहीं अपितु, आचार-व्यवहार के आधार पर होगा। लोगों को ऐसे ऊँचे पद में किसी प्रकार का बंधन नहीं दिखा। इसीलिए सबमें खुशी से तहलका मच गया।

विज्ञापन – विज्ञापन संबंधी कार्य छात्र, अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें। यह रचना कौशल से संबंधित कार्य है।

आगे की कहानी

प्रश्न- ‘परीक्षा’ कहानी जहाँ समाप्त होती है, उसके आगे क्या हुआ होगा। आगे की कहानी अपनी कल्पना से बनाइए ।

उत्तर- कहानी का अंत इस बात पर हुआ कि पंडित जानकीनाथ को सुजानसिंह ने दीवान घोषित कर उनकी अच्छाई सबको बताई। इसके बाद सभी पंडित जानकीनाथ की जय जयकार करने लगे। राजा ने भी उन्हें दीवान के पद पर नियुक्त कर बहुत से उपहार दिए। सुजानसिंह का भव्य विदाई समारोह हुआ और सभी प्रजा ने अपने प्रिय दीवान सुजानसिंह को नम आँखों से विदाई दी। साथ ही नए दीवान पंडित जानकीनाथ को भी स्वीकार किया। जानकीनाथ भी पहले दीवान की ही भाँति प्रजा का ध्यान रखते हुए कार्य करने लगे।

Hindi Chapter 10 परीक्षा Solutions Class 6

आपकी बात

प्रश्न (क) यदि कहानी में दीवान साहब के स्थान पर आप होते तो योग्य व्यक्ति को कैसे चुनते ?

उत्तर- यदि हम दीवान के स्थान पर रहते तो हम उम्मीदवारों को कोई समस्या बताकर उसका हल ढूँढ़ने के लिए कहते साथ ही उनके समक्ष न्याय के कुछ मुकदमे बनाकर पेश करते और परखते कि वे कैसे न्याय कर रहे हैं। साथ ही ज्ञान के कुछ प्रश्न भी पूछ सकते थे।

(ख) यदि आपको कक्षा का मॉनिटर चुनने के लिए कहा जाए तो आप उसे कैसे चुनेंगे? उसमें किन-किन गुणों को देखेंगे? गुणों की परख के लिए क्या-क्या करेंगे?

उत्तर- यदि मुझे कक्षा का मॉनिटर चुनने के लिए कहा जाए तो मैं कक्षा में उस बच्चे का चुनाव करूँगा जो पढ़ने में अच्छा हो, सबसे प्यार से बात करता हो, पढ़ाई में और काम पूरा करने में दूसरों की सहायता करता हो । इसके लिए हम उसे कुछ दिन मॉनिटर का कार्य देकर परख भी सकते हैं।

CBSE For Class 6 Hindi Chapter 7 जलाते चलो

CBSE For Class 6 Hindi Chapter 7 जलाते चलो

1. कविता का सार

पाठ प्रवेश- इस कविता के माध्यम से कवि ‘द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी’ हृदय में आशा और ज्ञान का संचार करते हैं। हर प्रकार की कठिनाइयों और मुसीबतों का सामना करते हुए मनुष्य अपने जीवन के नए रास्ते बना सकता है। अँधेरे से उजाले की ओर एवं अज्ञान को दूर कर ज्ञान की ओर बढ़ने के लिए तत्पर रहना चाहिए। प्रेम, सौहार्द और मानवता के मूल्यों द्वारा मनुष्य अपने जीवन को सही दिशा में अग्रसर कर सकता है और धरती पर अंधकार रूपी बुराइयों का नाश करने में सक्षम हो सकता है। यदि मनुष्य मिल- -जुलकर आगे बढ़ेंगे, तो ही विश्व-कल्याण का सपना साकार हो सकता है।

2. अर्थग्रहण संबंधी एवं बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

दिए गए काव्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर कीजिए-

1 जलाते चलो ये दिये स्नेह भर-भर
कभी तो धरा का अँधेरा मिटेगा ।
भले शक्ति विज्ञान में है निहित वह
कि जिससे अमावस बने पूर्णिमा -सी,
मगर विश्व पर आज क्यों दिवस ही में
घिरी आ रही है अमावस निशा-सी ।
बिना स्नेह विद्युत – दिये जल रहे जो
बुझाओ इन्हें, यों न पथ मिल सकेगा ।।

शब्दार्थ : स्नेह – प्यार । धरा-धरती। निहित शामिल । अमावस – अमावस्या । पूर्णिमा- चंद्र मास के शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि, पूर्णमासी । दिवस-दिन। निशा रात। विद्युत – बिजली । पथ – रास्ता।

व्याख्या-कवि कहते हैं कि प्रेम भावना से ही धरती पर फैला नफ़रत रूपी अंधकार मिटेगा। भले ही वैज्ञानिक तरक्की के कारण अमावस की अँधेरी रात में भी पूर्णिमा का आभास हो जाता है लेकिन फिर भी यह संसार दिन के उजाले में अज्ञान और निराशा से घिरा हुआ दिखता है। प्रेम रूपी दीपकों को जलाकर ही पथ मिलेगा।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. कवि क्या जलाने की बात कर रहे हैं?

(क) बिजली

(ख) बल्ब

(ग) स्नेह के दिये

(घ) मिट्टी के दिये

Answer. (ग) स्नेह के दिये

Question 2. कवि दीपक में क्या भरकर जलाने की प्रेरणा दे रहे है?

(क) स्नेह रूपी तेल डालकर

(ख) घी भरकर

(ग) बिजली

(घ) शक्ति डालकर

Answer. (क) स्नेह रूपी तेल डालकर

Question 3. अमावस किसका प्रतीक है?

(क) अंधकार

(ख) निशा

(ग) निराशा

(घ) सारे विकल्प सही हैं।

Answer. (घ) सारे विकल्प सही हैं।

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Question 4. आज कैसे दीपक जल रहे हैं?

(क) रंग-बिरंगे

(ख) विद्युत

(ग) विज्ञान

(घ) कोई नहीं

Answer. (ख) विद्युत

Question 5. बिना स्नेह विद्युत – दिये क्यों बुझाने हैं?

(क) रास्ता मुश्किल है।

(ख) समय की कमी के कारण

(ग) क्योंकि पथ न मिल सकेगा

(घ) खर्चा बढ़ जाता है।

Answer. (ग) क्योंकि पथ न मिल सकेगा

2 जला दीप पहला तुम्हीं ने तिमिर की
चुनौती प्रथम बार स्वीकार की थी,
तिमिर की सरित पार करने तुम्हीं ने
बना दीप की नाव तैयार की थी।
बहाते चलो नाव तुम वह निरंतर
कभी तो तिमिर का किनारा मिलेगा।

शब्दार्थ : तिमिर-अँधेरा । सरित- नदी । नाव – नौका। निरंतर – लगातार |

व्याख्या-कवि कहते हैं आज संसार में स्वार्थ, भेदभाव, अराजकता एवं द्वेष का अंधकार छाया हुआ है। इस संकट भरी स्थिति से निकलने के लिए कवि मनुष्य को याद दिलाता है कि उसने युगों-युगों से अपनी सूझबूझ और परिश्रम से संसार की बुराइयों को दूर किया था। इतिहास साक्षी है कि मनुष्य ने अंधकार से कभी हार नहीं मानी। अत्याचारों का सामना करते हुए, आक्रमणकारियों से लड़ते हुए लोग शहीद हो गए और बुराई रूपी अँधेरे को मिटाकर आगे चले। आशा और प्रेम का उजाला अवश्य फैलेगा।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. अंधकार की सरिता पार करने के लिए मनुष्य ने मनुष्य के धैर्य और जिजिविषा का अश्रु और बलिदानों की क्या तैयार किया था?

(क) दीप की नाव तैयार की

(ख) सारे दीपक जला दिये

(ग) कृत्रिम दिये बनाए

(घ) मनुष्य चलता रहा

Answer. (क) दीप की नाव तैयार की

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Question 2. हमें जीवन के अंधकार में किससे उजाला मिलेगा?

(क) प्रेम रूपी दीपक से

(ख) धन-दौलत से

(ग) संपन्नता से

(घ) शांत बैठ जाने से

Answer. (क) प्रेम रूपी दीपक से

Question 3. कवि ने दीये की नाव को कैसे बहाने के लिए कहा है?

(क) थोड़ा विश्राम कर

(ख) लगातार

(ग) अकेले

(घ) नदी को रोककर

Answer. (ख) लगातार

Question 4. तिमिर किसका प्रतीक है?

(क) अज्ञान

(ख) मुसीबतों

(ग) बुराई

(घ) सभी

Answer. (घ) सभी

Question 5. तिमिर को किनारा कैसे मिलेगा?

(क) बुराइयों रूपी अंधकार को मिटाने से

(ख) चुनौतियों को स्वीकार करने से

(ग) तिमिर समाप्त हो चुका है।

(घ) (क) और (ख) दोनों विकल्प सही हैं।

Answer. (क) बुराइयों रूपी अंधकार को मिटाने से

3 युगों से तुम्हीं ने तिमिर की शिला पर
दिये अनगिनत है निरंतर जलाए,
समय साक्षी है कि जलते हुए दीप
अनगिन तुम्हारे पवन ने बुझाए ।
मगर बुझ स्वयं ज्योति जो दे गए वे
उसी से तिमिर को उजेला मिलेगा।

शब्दार्थ : शिला-सिल/पत्थर। अनगिनत – जिसकी गिनती न हो सके। साक्षी – गवाह । पवन – वायु। ज्योति – रोशनी । उजेला – उजाला ।

व्याख्या – मनुष्य के संकल्प और कर्मठता की प्रशंसा करते हुए कवि कहते हैं कि कठिनाइयों, कष्टों और बुराइयों को उन्होंने अपनी शक्ति और बुद्धिमत्ता से मिटाया है। मुश्किलों और दुख में भी मन में निराशा नहीं उत्पन्न होने दी। अंधकार रूपी पत्थर को इंसान के हौंसलों ने तोड़ा है। हमने ज्ञान और शक्ति के तेल से अनगिनत दिये जलाए रखे और यह सिलसिला जारी रहे। इतिहास साक्षी है। अनेक गाथाएँ, हमें प्रेरणा देती है। बलिदानियों के जीवन से प्रेरणा प्राप्त कर धरती पर ज्ञान और सौहार्द फैलेगा।

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बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. समय किसका साक्षी है?

(क) जलते दीप पवन ने बुझाए हैं।

(ख) मनुष्य के अनवरत प्रयासों का

(ग) हार न मानने की इच्छाशक्ति

(घ) उपर्युक्त सभी

Answer. (घ) उपर्युक्त सभी

Question 2. पवन के पर्यायवाची हैं-

(क) समीर

(ख) पताका

(ग) अनल

(घ) पावक

Answer. (क) समीर

Question 3. अनगिनत दीप कहाँ जलाए गए?

(क) दीवाली की रात

(ख) घर के आँगन में

(ग) अंधकार रूपी शिला पर

(घ) कहीं नहीं

Answer. (ग) अंधकार रूपी शिला पर

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Question 4. तिमिर को उजाले में कैसे परिवर्तित करें? काव्यांश के आधार पर उत्तर छाँटे।

(क) शहीदों के जीवन से प्रेरणा प्राप्त कर

(ख) मोमबत्ती जलाकर

(ग) विद्युत – दिये की सहायता से

(घ) सुबह की इंतजार कर

Answer. (क) शहीदों के जीवन से प्रेरणा प्राप्त कर

Question 5. अनगिनत शब्द का अर्थ है-

(क) जिसे गिना जा सके

(ख) विशेष दिये का नाम है।

(ग) जिसकी गिनती न हो

(घ) संख्या

Answer. (ग) जिसकी गिनती न हो

4 दिये और तूफ़ान की यह कहानी
चली आ रही और चलती रहेगी,
जली जो प्रथम बार लौ दीप की
स्वर्ण-सी जल रही और जलती रहेगी।
रहेगा धरा पर दिया एक भी यदि
कभी तो निशा को सवेरा मिलेगा।

शब्दार्थ : ज्योति – रोशनी । लौ ज्वाला । स्वर्ण- सोना (धातु) । धरा-धरती ।

व्याख्या – दिये और तूफ़ान की कहानी सदियों से पुरानी है। निराशा ही आशा का मार्ग दिखाती है। मार्ग में थककर रुकना नहीं चाहिए क्योंकि संघर्षों से ही सफलता का जन्म होता है। जैसे दिये की पहली बार जलाई गई ‘लौ’ सोने के समान चमकती है, वैसे ही मनुष्य के प्रयास निष्फल नहीं होते। हृदय में आशा को बनाए रखना चाहिए तभी निराशा और अंधकार की रात खत्म होती है। इससे ही खुशियों से पूर्ण सुबह का आगमन होगा।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. स्वर्ण-सी जल रही में कौन-सा अलंकार है?

(क) रूपक

(ख) पुनरुक्ति

(ग) उपमा

(घ) उत्प्रेक्षा

Answer. (ग) उपमा

Question 2. निशा के पर्याय हैं-

(क) रात और रजनी

(ख) यामा और निशामति

(ग) निशाचर और क्षण

(घ) विधु और शशि

Answer. (क) रात और रजनी

Question 3. निशा को सवेरा कब मिलेगा ?

(क) जल्द से जल्द

(ख) जब तक धरती पर एक भी दिया जल रहा है।

(ग) जब तक एक भी मनुष्य विघ्न-बाधाओं से जूझ रहा है।

(घ) (ख) और (ग) दोनों सही हैं।

Answer. (ख) जब तक धरती पर एक भी दिया जल रहा है।

Class 6 Hindi Chapter 7 जलाते चलो Notes

Question 4. “जली जो प्रथम बार लौ दीप की…रहेगी। ” दी गई अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके पंक्ति को सही विकल्प चुनकर पूर्ण कीजिए।

(क) स्वर्ण जल रही और जलती रहेगी।

(ख) स्वर्ण – सी रही और जली |

(ग) सोने के समान जलकर रहेगी।

(घ) स्वर्ण-सी जल रही और जलती रहेगी।

Answer. (घ) स्वर्ण-सी जल रही और जलती रहेगी।

3. पाठ से प्रश्न- अभ्यास

मेरी समझ से

प्रश्न (क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (*) बनाइए-

(1) निम्नलिखित में से कौन-सी बात इस कविता में मुख्य रूप से कही गई है?

भलाई के कार्य करते रहना

दीपावली के दीपक जलाना

बल्ब आदि जलाकर अधंकार दूर करना

तिमिर मिलने तक नाव चलाते रहना

(2) “जला दीप पहला तुम्हीं ने तिमिर की चुनौती प्रथम बार स्वीकार की थी” यह वाक्य किससे कहा गया है?

तूफ़ान से

मनुष्यों से

दीपकों से

तिमिर से

उत्तर- (1) * भलाई के कार्य करते रहना

(2) * मनुष्यों से

मिलकर करें मिलान

कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए । आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए-

“ दिये और तूफ़ान की यह कहानी
चली आ रही और चलती रहेगी,
जली जो प्रथम बार लौ दीप की
स्वर्ण-सी जल रही और जलती रहेगी।।
रहेगा धरा पर दिया एक भी यदि
कभी तो निशा को सवेरा मिलेगा ।। ”

उत्तर – कवि ने संदेश दिया है कि संघर्ष और सफलता की कहानी निरंतर चल रही है। हमें निराश और हतोत्साहित नहीं होना है क्योंकि अगर एक भी दीपक जल रहा है तो मानवता फैलती रहेगी। प्रेम, त्याग व ज्ञान के संदेश संसार में फैलेंगे और जीवन सार्थक होगा।

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सोच-विचार के लिए

प्रश्न- कविता को एक बार फिर से पढ़िए, पता लगाइए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए-

(क) कविता में अँधेरे या तिमिर के लिए किन वस्तुओं के उदाहरण दिए गए हैं?

(ख) यह कविता आशा और उत्साह जगाने वाली कविता है। इसमें क्या आशा की गई है? यह आशा क्यों की गई है?

(ग) कविता में किसे जलाने और किसे बुझाने की बात कही गई है?

उत्तर- (क)

अमावस

निशा

तिमिर की सरिता

तिमिर की शिला

पवन

तूफ़ान

(ख) यह कविता जीवनरूपी दीप में स्नेह व अपनापन रूपी तेल भरकर आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। निराशा के बीच ही आशा की एक किरण दिखाई देती है। मानव और विश्व कल्याण हेतु हमें महापुरुषों के पदचिह्नों पर चलना होगा। प्रेम, सद्भावना और मानवीय सौहार्द से यह जीवन खुशहाल बनता है। नई पीढ़ी इतिहास में हुए महान लोगों से प्रेरणा लेकर एक सुंदर भविष्य की नींव रखेगी। कविता मनुष्य के हृदय में विश्व बंधुत्व की आशा जाग्रत करती है।

(ग) मनुष्य आशा रूपी दीपक जलाकर रखें। स्नेह से भरे दीपक चारों ओर जले और बिना स्नेह वाले विद्युत – दिये बुझा देने चाहिए क्योंकि बनावटी वस्तुएँ बाधा उत्पन्न करती हैं।

कविता की रचना

“जलाते चलो ये दिये स्नेह भर-भर
कभी तो धरा का अँधेरा मिटेगा । ”

इन पंक्तियों को अपने शिक्षक के साथ मिलकर लय सहित गाने या बोलने का प्रयास कीजिए। आप हाथों से ताल भी दे सकते हैं। दोनों पंक्तियों को गाने या बोलने में समान समय लगा या अलग-अलग ? आपने अवश्य ही अनुभव किया होगा कि इन पंक्तियों को बोलने या गाने में लगभग एक-समान समय लगता है। केवल इन दो पंक्तियों | अनुमान या कल्पना से को ही नहीं, इस कविता की प्रत्येक पंक्ति को गाने में या बोलने में लगभग समान समय ही लगता है। इस विशेषता के कारण यह कविता और अधिक प्रभावशाली हो गई है। आप ध्यान देंगे तो इस कविता में आपको और भी अनेक विशेष बातें दिखाई देंगी।

(क) इस कविता को एक बार फिर से पढ़िए और अपने-अपने समूह में मिलकर इस कविता की विशेषताओं की सूची बनाइए, जैसे इस कविता की पंक्तियों को 2-4, 2-4 के क्रम में बाँटा गया है आदि ।

(ख) अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए ।

उत्तर-कविता पर आधारित रचनात्मक गतिविधियाँ विद्यार्थी स्वयं करेंगे। अपने अध्यापकों व साथियों की सहायता से गतिविधि पूर्ण करें।

अपने ‘समूह में मिलकर चर्चा कीजिए-

(क) “ दिये और तूफ़ान की यह कहानी चली आ रही और चलती रहेगी” ।

दीपक और तूफ़ान की यह कौन-सी कहानी हो सकती है जो सदा से चली आ रही है?

(ख) “जली जो प्रथम बार लौ दीप की
स्वर्ण-सी जल रही और जलती रहेगी’

दीपक की यह सोने जैसी लौ क्या हो सकती है जो अनगिनत सालों से जल रही है?

उत्तर- विद्यार्थी अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर की सहायता से सामूहिक चर्चा गतिविधी पूर्ण करें। शब्दों के रूप

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4. अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. ‘जलाते चलो’ कविता के कवि का नाम लिखिए।

उत्तर – कवि का नाम है ‘द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी । ‘

प्रश्न 2. कवि क्या जलाने की बात करते हैं?

उत्तर- कवि दुनिया में ‘स्नेह के दिये’ जलाने की बात करते हैं।

प्रश्न 3. यह दुनिया कैसे सुंदर बन जाएगी?

उत्तर- यदि हर व्यक्ति अपना कर्त्तव्य समझ ले और दूसरों की भलाई के लिए कार्य करे तो पूरी दुनिया सुंदर बन जाएगी।

प्रश्न 4. कविता आपको कैसे प्रेरित करती है?

उत्तर- कविता हमें निराश न होने, चुनौतियों का सामना करने और सबके कल्याण के लिए कार्य करने के लिए प्रेरित करती है।

प्रश्न 5. कविता के अनुसार कौन-सी कहानी चली आ रही है और चलती रहेगी?

उत्तर- दीये और तूफ़ान की कहानी चली आ रही है ‘जलाते चलो’ से प्रेम, धैर्यशीलता, साहस, लोक-कल्याण और चलती रहेगी।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. पूर्णिमा की रात में चाँद कैसा दिखता है?

उत्तर- पूर्णिमा की रात चंद्रमा पूरा दिखने लगता है। इसके बाद कला धीरे-धीरे घटती रहती है। चंद्रमा की कलाओं के बढ़ने के दिनों को ‘शुक्ल पक्ष’ कहते हैं।

प्रश्न 2. धरा पर अंधकार को मिटाने के लिए कवि ने क्या सुझाव दिए हैं?

उत्तर- धरा पर अँधकार को मिटाने के लिए हम प्रेम व सौहार्दपूर्ण व्यवहार करें। विद्युत दिए न जलाकर प्रेम से भरे तेल रूपी दीप जलाने चाहिए।

Hindi Chapter 7 जलाते चलो Solutions Class 6

प्रश्न 3. अंधकार की नदी को कैसे पार किया जा सकता है?

उत्तर- मनुष्य दीप की नाव तैयार करे। लगातार दीप नाव बहेगी तो अंधकार का किनारा ज़रूर मिलेगा।

मूल्यपरक / व्यावहारिक प्रश्न

प्रश्न- द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी द्वारा रचित कविता ‘जलाते चलो’ कौन-कौन से जीवन मूल्यों का संदेश देती है? वर्तमान समय में इन मूल्यों की आवश्यकता क्यों है? अपने विचार लिखिए।

उत्तर- द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी द्वारा रचित कविता और बलिदान जैसे मूल्यों को अपनाकर चलने का संदेश देती है। ये जीवन मूल्य हमारे अंदर मानवता का संचार कर सदैव मार्गदर्शन करते हैं ताकि हम अच्छाई के मार्ग से कभी विचलित न हो। इन मूल्यों पर टिका समाज टूटता नहीं है। वर्तमान समय में इन मानवीय मूल्यों की आवश्यकता अधिक है। क्योंकि इनके बिना देश, समाज और व्यक्ति की भलाई और प्रगति संभव नहीं है। वर्तमान समय में कुत्रिमता, स्वार्थ और भ्रष्टाचार जैसी बुराईयाँ पनप रही हैं। इसलिए मानवीय मूल्यों के महत्व को समझना व इनका पालन करना आवश्यक है। इन मूल्यों के विकास से ही सामाजिक बुराईयों का और अज्ञान का अंत होगा। अतः ‘जलाते चलो’ कविता का संदेश विद्यार्थियों को नई आशा और नई दिशा देता है।

CBSE For Class 6 Hindi Chapter 8 सत्रिया और बिहू नृत्य

CBSE For Class 6 Hindi Chapter 8 सत्रिया और बिहू नृत्य

1. पाठ का सार

पाठ प्रवेश – सत्रिया और बिहू नृत्य’ लेखिका एवं शिक्षिका जया मेहता की एक नृत्य कहानी है। यह अंश भारतीय नृत्यों से जुड़ी उनकी पुस्तक ‘नृत्य कथा’ से लिया गया है। पाठ में भारतीय संस्कृति, नृत्य, संगीत और मान्यताओं को अत्यंत रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया है।

विदेशी परिवार का भारत आगमन-लंदन के केजिंग्टन में रहने वाली एंजेला अपने माता-पिता की इकलौती संतान है। उसकी माँ एलेसेंड्रा डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता थी और ब्रिटिश अकादमी से असम राज्य की नृत्य परंपरा पर एक डॉक्यूमेंट्री बनाने के लिए वित्तीय मदद दी गई थी। ऐंजला को अपनी माँ के साथ भारत की यात्रा पर आने का मौका मिलता है। डॉक्यूमेंट्री के केंद्र में असम के जनजीवन में नृत्य के महत्त्व को तलाशना था। माँ ने यह भी बताया कि उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में स्थित असम अपने वन्य-जीवन, रेशम और चाय बगानों के लिए भी जाना जाता है।

बिहू नृत्य और उत्सव – एंजेला अपने माता-पिता के साथ गुवाहाटी के एक होटल में ठहरी। शाम को पास के एक गाँव मलंग में वह बिहू त्योहार देखने पहुँची। माँ ने एंजेला को बताया कि बिहू एक कृषि आधारित त्योहार है जिसे साल में तीन बार मनाया जाता है। सबसे पहले जब किसान बीज बोते हैं, फिर जब वे धान रोपते हैं और फिर जब खेतों में अनाज तैयार हो जाता है।

ग्रामीण परिवेश में बिहू उत्सव – एंजेला और उसके माता-पिता गाँव में बिहू उत्सव में शामिल हुए। वे अत्यंत आश्चर्य और आनंद के साथ उत्सव से जुड़े रीति-रिवाजों और नृत्य को देख रहे थे। एक बड़े से बरगद के पेड़ के नीचे उत्सव मंच बनाया गया था जहाँ ग्रामीण लड़के-लड़कियाँ बसंत ऋतु के आगमन पर आकर्षक नृत्य प्रस्तुत कर रहे थे। एंजेला ने जाना कि बिहू नृत्य में लड़के वाद्ययंत्र बजाते हैं और लड़कियाँ लाल व बादामी रंग की डिज़ाइनदार पोशाक धारण करती हैं। इस रंगारंग कार्यक्रम को देखने पर उसकी इच्छा हुई कि वह भी लंदन में अपने घर पर बसंत के आगमन पर ऐसे ही नृत्य करेगी।

भारतीय संस्कृति में संगीत और नृत्य का महत्त्व – एंजेला और उसके परिवार ने उत्सव में बने स्वादिष्ट पकवानों का भी पूरा आनंद लिया। उसने सीखा कि “पूरी दुनिया की संस्कृतियों में लोग नृत्य और संगीत से अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं।” एंजेला की माँ डॉक्यूमेंट्री शूटिंग में व्यस्त रहीं और एंजेला ने महसूस किया कि लंदन और भारतीय समाज व जीवन में सब कुछ कितना अलग था। उसके लिए बिहू उत्सव में शामिल होना अविस्मरणीय रहा।

CBSE Class 6 Hindi Chapter 8 सत्रिया और बिहू नृत्य

दक्षिणापथ सत्र और सत्रिया नृत्य-आगे चलकर एलेसेंड्रा ने उत्तरी असम में स्थित सत्रों में (मठों की पीठ) पहुँचकर सत्रिया नृत्य का फिल्मांकन किया। माजुली में स्थित दक्षिणासत्र में उनकी मुलाकात असम की जानी-मानी लेखिका रीना सेन से हुई। रीना सेन ने उनकी अच्छी आवभगत की। रीना सेन की बेटी अनु और एंजेला हमउम्र ने थीं और दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई। एंजेला को अनु असमिया शब्द सिखाए और भारतीय खिलौने भी दिखाए। लकड़ी के खिलौने, गुड़िया, नारियल से बने घर और तीर-कमान एंजेला को अचंभित कर रहे थे। तीर-कमान लेकर दोनों सहेलियाँ राम और रावण पर आधारित खेल का आनंद उठाती रहीं। एलेसेंड्रा ने वैष्णव मठ के सभागार में सत्रिया नृत्य कर रहे युवा साधुओं की शूटिंग की।

पौराणिक कथा पर आधारित महिला सत्रिया नृत्य-भगवान विष्णु के दो द्वारपालों जय-विजय की पौराणिक कहानी पर आधारित महिला सत्रिया नृत्य बहुत दिलचस्प था। इसमें शक्ति, बल और आकर्षण का प्रदर्शन अद्भुत था। इस नृत्यवाटिका में महिला कलाकारों ने कमाल का अभिनय किया। द्वारपाल जय और विजय, निद्रा में लीन भगवान विष्णु से बड़े ऋषियों को मिलने नहीं देते। फलस्वरूप उन्हें असुर बनने का श्राप मिलता है। नींद टूटने पर भगवान दोनों को श्राप से बचाने का वचन देते हैं। बाद में जय और विजय दोबारा भगवान विष्णु के द्वारपाल बनते हैं। एंजेला इस नृत्यनाटिका से बहुत प्रभावित हुई। उसके ख्यालों में केवल सत्रिया नृत्य घूम रहा था। उसने सत्रिया कलाकारों के साक्षात्कार कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

भारत की सुनहरी यादें लंदन वापस लौटने के बाद भी एंजेला भारतीय नृत्य और संगीत में खोई रही । अपनी माँ की सहायता से एंजेला ने लंदन में समृद्ध भारतीय नृत्य परंपरा पर अपनी कक्षा में प्रस्तुतीकरण दिया। स्वयं किए गए नृत्य की वीडियो रिकॉर्डिंग भी प्रस्तुत की। एंजेला की रुचि असम के नृत्यों-बिहू और सत्रिया में बनी रही।

2. शब्दार्थ और टिप्पणी

प्राचीन-पुराना। मोहक-लुभावना। अंदाजा – अनुमान। ऐसी कहानियों का पात्र बनने में मज़ा आता था, डॉक्यूमेंट्री – वृत्तचित्र |

बसंत ऋतु विशेष, बहार का मौसम रेशम रेशा / सिल्क। समृद्ध-संपन्न, खुशहाल । चाय के बागान – वह भूमि जिसका प्रयोग चाय उगाने के लिए किया जाता है।

धान रोपना – चावल की फसल तैयार करना। माहौल- वातावरण। हतप्रभ – स्तब्ध मंत्रमुग्ध मोहित हो जाना। वाद्ययंत्र-संगीत उपकरण। पोशाक पहनावा ।

अचंभित-चकित। लजीज स्वादिष्ट । बहुतायत- अधिकता। फिल्मांकन – चलचित्रण, फिल्म बनाना। साक्षात्कार- प्रत्यक्ष भेंट, मुलाकात। पृष्ठ 79

नारियल की जटा – नारियल के छिलके । असमिया- असम की भाषा या लिपि । मठ- ऐसे संस्थान जहाँ गुरु अपने शिष्यों को शिक्षा प्रदान करते हैं। वैष्णव- भगवान विष्णु का उपासक ।

सत्रिया नृत्य-नृत्य नाटिका की शैली जो हाथ और चेहरे के माध्यम से पौराणिक कहानियाँ बनाती हैं। आकर्षण – खिंचाव / लुभावना |

मुद्राएँ – भाव-भंगिमा । बारीकियाँ सूक्ष्म अंतर या भेद । प्रदर्शन – दिखलाना, प्रस्तुत करने की क्रिया । नृत्यांगना – नृत्य कला में निपुण स्त्री ।

3. अर्थग्रहण संबंधी एवं बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

1 एंजेला लंदन के जाने-माने इलाके केंजिंग्टन में रहती थी। उसका स्कूल घर से दूर नहीं था। उसका कोई सगा भाई-बहन भी नहीं था। उसे जेम्स और कीरा नाम के दोस्तों के साथ समय बिताना पसंद था। वे सब आपस में मिलकर कई काल्पनिक खेल खेला करते थे। उन्हें जिनमें दूर-दराज़ की दुनिया का जिक्र हो। एंजेला को हर उस कहानी से प्यार था, जिसमें उसे ताजमहल, एफिल टॉवर या कोलोजियम की यात्रा पर जाना हो। उसे बिल्कुल अंदाज़ा नहीं था कि जल्दी ही यात्राओं की उसकी ये कहानियाँ सच साबित होने वाली हैं। (पृष्ठ 75)

प्रश्न-

(क) एंजेला कहाँ रहती थी?

(ख) एंजेला को कैसी कहानियाँ पसंद थीं?

(ग) एंजेला को किस बात का अंदाजा नहीं था?

उत्तर- (क) एंजेला लंदन के जाने-माने इलाके केंजिंग्टन में अपने माता-पिता के साथ रहती थी।

(ख) एंजेला को ऐसी कहानियों का पात्र बनने में रुचि थी, जिनमें दूर-दराज की दुनिया का जिक्र हो । अपनी कहानियों में उसे दुनिया के ऐतिहासिक स्मारकों की यात्रा करना पसंद था।

(ग) एंजेला को अंदाजा नहीं था कि जल्दी ही उसकी काल्पनिक यात्राओं की कहानियाँ सच साबित होने वाली हैं। अपनी माँ के साथ उसे भारत यात्रा पर आने का अवसर मिलने वाला था।

2 जब तक एंजेला कुछ समझ पाती, तब तक वह लंदन से नई दिल्ली होते हुए गुवाहाटी की उड़ान पर थी। यात्रा के दौरान माँ ने एंजेला को असम की खूबसूरती के बारे में कुछ बातें बताई। असम, भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में है, जिसे अपने वन्यजीवन, रेशम और चाय के बागानों के लिए जाना जाता है। इसके साथ असम में नृत्य की भी एक समृद्ध परंपरा है। एलेसेंड्रा की डॉक्यूमेंट्री के केंद्र में असम के जनजीवन में नृत्य के महत्व को तलाशना था। वे जब यहाँ आ रहे थे तब अप्रैल का महीना चल रहा था। असम में यह नए साल का वक्त होता है। बसंत के आने की खुशी में वे सभी एक त्योहार मनाते हैं, जिसे ‘बिहू’ कहा जाता है। एंजेला उसी रात इसे देखने जाने वाली थी।

गुवाहाटी के एक होटल में सामान्य होने के बाद वे उसी शाम पास के एक गाँव मलंग में गए। गाँव पहुँचने पर माँ ने एंजेला को बताया कि बिहू एक कृषि आधारित त्योहार है। भारत में जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा किसानों का है। असम में बिहू साल में तीन बार मनाया जाता है।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. असम भारत के कौन-से क्षेत्र का भाग है?

(क) उत्तर दिशा

(ख) उत्तर-पूर्वी क्षेत्र

(ग) पूर्वी क्षेत्र

(घ) पूर्वी – पश्चिम दिशा

Answer. (ख) उत्तर-पूर्वी क्षेत्र

Question 2. लंदन से दिल्ली होते हुए एंजेला का परिवार कहाँ पहुँचा ?

(क) गुवाहाटी

(ख) सीमावर्ती इलाके

(ग) माजुली

(घ) नृत्यांगनाओं से मिलने

Class 6 Hindi Chapter 8 सत्रिया और बिहू नृत्य NCERT Solutions

Answer. (क) गुवाहाटी

Question 3. असम में बिहू त्योहार कितनी बार मनाया जाता है ?

(क) दो बार

(ख) चार बार

(ग) तीन बार

(घ) सिर्फ एक बार

Answer. (ग) तीन बार

Question 4. बिहू की क्या विशेषता है?

(क) यह कृषि आधारित त्योहार है।

(ख) बसंत आने की खुशी में मनाते हैं।

(ग) असम के जनजीवन का अभिन्न अंग है।

(घ) उपर्युक्त सभी।

Answer. (घ) उपर्युक्त सभी।

Question 5. एलेसेंड्रा की डॉक्यूमेंट्री का केंद्र क्या था?

(क) असम में चाय बगानों की शूटिंग करना ।

(ख) वन्य जीव-जंतुओं को दिखाना ।

(ग) अलग-अलग गाँव जाना।

(घ) असम की नृत्य परंपरा और महत्व को उजागर करना।

Answer. (घ) असम की नृत्य परंपरा और महत्व को उजागर करना।

[3] अगले दिन वे उत्तरी असम की तरफ़ रवाना हुए, जहाँ सभी ‘सत्रों’, अर्थात मठों की पीठ है। वे सभी एक सत्र के पास रहने के लिए जाने वाले थे और सत्रिया नृत्य का फ़िल्मांकन करने वाले थे। जब वे ‘दक्षिणापथ सत्र’ पहुँचे, तब वहाँ उनकी मुलाकात रीना सेन से हुई, जो असम की एक जानी-मानी लेखिका हैं। उस हफ्ते उन लोगों को रीना सेन के घर पर ही रुकना था। रीना आंटी की एक बिटिया थी – अनु । अनु और एंजेला ने तुरंत एक-दूसरे की तरफ़ देखा । उन दोनों की ही उम्र दस साल थी। (पृष्ठ 78)

प्रश्न-

(क) एंजेला की माँ उत्तरी असम क्यों गईं?

(ख) एलेसेंड्रा की मुलाकात किससे हुई और क्यों?

(ग) अनु और एंजेला ने एक-दूसरे की तरफ़ देखकर क्या सोचा होगा?

उत्तर- (क) एंजेला की माँ सत्रिया नृत्य का फिल्मांकन करने के लिए उत्तरी असम गईं।

(ख) एलेसेंड्रा की मुलाकात ‘दक्षिणापथ सत्र’ में असम की मशहूर लेखिका रीना सेन से हुई। रीना सेन के घर पर ही ठहरकर एलेसेंड्रा अपनी डॉक्यूमेंट्री का कार्य कर रही थीं।

(ग) अनु और एंजेला हमउम्र थी। एक-दूसरे की ओर देखते ही उनकी मित्रता हो गई। अनु ने एंजेला को अपने सुंदर-सुंदर खिलौने दिखाए। दोनों ने मिलकर राम-रावण का खेल भी खेला।

4 एंजेला को यह कहानी नाटकीय और दिलचस्प लगी। सत्रिया महिला नृत्यांगनाओं ने जिस प्रकार की शक्ति, बल और आकर्षण प्रदर्शित किया, वह अद्भुत था ! एंजेला को लगा कि उन महिला कलाकारों की प्रस्तुति सत्रिया नृत्य करने वाले पुरुष कलाकारों से भी बेहतर थी।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. उपर्युक्त गद्यांश में किस कहानी की बात हो रही है?

(क) ईश्वर की कहानी

(ख) बिहू की कहानी

(ग) भगवान विष्णु की कहानी

(घ) भगवान विष्णु के द्वारपालों की कहानी

Answer. (घ) भगवान विष्णु के द्वारपालों की कहानी

Question 2. सत्रिया महिला नृत्यांगनाओं के नाम थे-

(क) आरती और रीना

(ख) प्रिया और रितु

(ग) प्रिया और रीता

(घ) अनु और प्रिया

Answer. (ग) प्रिया और रीता

Question 3. एंजेला को क्या अद्भुत लगा?

(क) शक्ति व बल से भरपूर नृत्यनाटिका

(ख) नृत्यांगनाओं द्वारा जय-विजय की तरह हथियार और तलवार चलाना

(ग) महिला कलाकारों की प्रस्तुती

(घ) उपर्युक्त सभी

Answer. (घ) उपर्युक्त सभी

सत्रिया और बिहू नृत्य Chapter 8 Hindi Class 6 NCERT Solutions

Question 4. दोनों कलाकार लड़कियों को क्या सिखा रही थी ?

(क) मठों की विशेषताएँ

(ख) खूबसूरत मुद्राएँ और बारीकियाँ

(ग) बिहू पोशाक पहनाना

(घ) वीडियो रिकार्डिंग की बारीकियाँ

Answer. (ख) खूबसूरत मुद्राएँ और बारीकियाँ

Question 5. प्रस्तुत गद्यांश की लेखिका हैं-

(क) अनु और एंजेला

(ख) एलेसेंड्रा

(ग) जया मेहता

(घ) रीना और प्रिया

Answer. (ग) जया मेहता

4. पाठ से प्रश्न- अभ्यास

प्रश्न (क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (*) बनाइए-

• वे असम के जीवन के बारे में बहुत-कुछ जानती थीं।

• उन्हें असम, बिहू और सत्रिया नृत्य से बहुत प्रेम था।

• उन्होंने एंजेला को कुछ असमिया शब्द भी सिखाए ।

• वे अपने कार्य में सहायता के लिए बेटी को लाई थीं।

(2) “अनु और एंजेला ने तुरंत एक-दूसरे की तरफ देखा । ” क्यों?

• अनु के पास खिलौने थे।

• दोनों की आयु एक समान थी ।

• दोनों को अग्रेंजी भाषा आती थी।

• एंजेला अनु से असमिया भाषा सीखना चाहती थी।

उत्तर- (1) वे असम के जीवन के बारे में बहुत-कुछ जानती थीं।

दोनों की आयु एक समान थी।

पंक्तियों पर चर्चा

पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपनी कक्षा में साझा कीजिए और लिखिए।

प्रश्न (क) “असम, भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में है, जिसे अपने वन्य-जीवन, रेशम और चाय के बागानों के लिए जाना जाता है। इसके साथ असम में नृत्य की भी एक समृद्ध परंपरा है। ”

(ख) “पूरी दुनिया की संस्कृतियों में लोग नृत्य और संगीत से अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं।”

CBSE Hindi Class 6 Chapter 8 सत्रिया और बिहू नृत्य

उत्तर- (क) असम पूर्वोत्तर भारत का प्रवेश द्वार है। असम राज्य अपनी प्राकृतिक सुंदरता, वनस्पति, चाय के बागानों और समृद्ध नृत्य परंपरा के लिए जाना जाता है। प्रकृति ने असम को मनोहर भव्यता और वन्य जीवों की प्रचुरता का वरदान दिया है। असम के चाय के बागानों में देश के आधे से ज्यादा चाय का उत्पादन होता है। असम में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहार हैं-बिहू-भोगली-बोहग-बिहू और कोंगाली जिन्हें पूरे असम में धूमधाम से मनाया जाता है।

(ख) नृत्य और संगीत का संस्कृति से गहरा संबंध होता है। ये जीवन जीने के तरीके हैं। नृत्य और संगीत में संस्कृतियों के समान विविधता है। इन कलाओं का प्रयोग पूरे इतिहास में सुख-दुख, प्रेम और अन्य भावनाओं को व्यक्त करने के लिए होता रहा है। विभिन्न संस्कृतियों और समाजों की विकास यात्रा में नृत्य और संगीत की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है।

सोच-विचार के लिए

प्रश्न (क) “एंजेला के मन में कई तरह के विचार चल रहे थे। “

(ख) “बिहू एक कृषि आधारित त्योहार है।” कैसे ?

(ग) ऐसा लगता है कि भारत से जाने के बाद भी एंजेला के मन में असम ही छाया हुआ था।

पाठ से इस कथन के समर्थन के लिए कुछ उदाहरण खोजकर लिखिए।

(घ) समय के बदलने के साथ-साथ सत्रिया नृत्य की परंपरा में क्या बदलाव आया है?

उत्तर- (क) मलंग गाँव में उत्सव का माहौल देखकर एंजेला हैरान रह गई थी। उसने इतने लोगों को एक साथ पहले कभी नहीं देखा था। सुंदर पोशाकों में लड़के-लड़कियों का आकर्षक नृत्य देख वह मंत्रमुग्ध थी। उसके मन में भी बसंत के आगमन पर नृत्य करने की इच्छा हुई। एंजेला भारतीय नृत्य परंपरा, मनमोहक संगीत और भारतीय समाज पर इसके प्रभावों पर सोच रही थी।

(ख) असम का बिहू नृत्य ग्रामीण जनजीवन के साथ-साथ फसल लगाने से लेकर बसंत के आगमन क से जुड़ा हुआ है। भारत में जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा किसानों का है। असम में बिहू साल में तीन बार मनाया जाता है। सबसे पहले किसान बीज बोते हैं, फिर जब वे धान रोपते हैं और फिर अनाज तैयार हो जाने पर बिहू उत्सव आनंद से मनाया जाता है।

(ग) लंदन लौटने के बाद भी एंजेला असम राज्य के सत्रिया और बिहू नृत्य से अत्यधिक प्रभावित रही। वह हर पल भारतीय नृत्य का अभ्यास कर रही थी। खाने-पीने, चलने और यहाँ तक कि खेलने के दौरान भी वह नृत्य करती रही। एंजेला ने लंदन में अपने स्कूल की कक्षा में स्वयं किए गए रंग-बिरंगे ‘सत्रिया’ और आनंदित करने वाले ‘बिहू’ नृत्य को वीडियो रिकार्डिंग के साथ प्रदर्शित किया।

(घ) सत्रिया नृत्य भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैलियों में से एक है। ‘सत्रिया’ नाम असम के मठों से आया है। उन्नीसवीं सदी तक सत्रिया नृत्य केवल पुरुष नर्तक ही समर्पित और आध्यात्मिक तरीके से प्रस्तुत करते थे। आगे चलकर सत्रिया नृत्य मठों से बाहर निकला और महिलाएँ भी सत्रिया सीखने लगीं। आधुनिक दौर में महिला सत्रिया कलाकारों के लिए मंच पर नृत्य करना आम बात हो गई है।

निबंध की रचना

” गुवाहाटी के एक होटल में सामान्य होने के बाद वे उसी शाम पास के एक गाँव मलंग में गए। गाँव पहुँचने पर माँ ने एंजेला को बताया कि बिहू एक कृषि आधारित त्योहार है। असम में बिहू साल में तीन बार मनाया जाता है। ”

इन वाक्यों में बिहू और असम का ऐसा रोचक और सरस वर्णन किया गया है कि लगता है मानो हम कोई कहानी पढ़ रहे हैं।

इस निबंध में वस्तु, घटना, प्रदेश आदि का वर्णन किया गया है। इसमें जो कुछ भी स्वयं देखा गया है, उसका वर्णन किया गया है। इस प्रकार के निबंधों में घटनाओं का एक क्रम होता है। इनमें आम जीवन की बातें होती हैं। इनकी भाषा सरल होती है। उदाहरण के लिए होली, दीपावली आदि के बारे में बताना।

Class 6 Hindi Chapter 8 सत्रिया और बिहू नृत्य Notes

इस पाठ को एक बार फिर से पढ़िए और इसकी बनावट पर ध्यान दीजिए। इस पाठ की विशेषताएँ पहचानिए और अपनी कक्षा में साझा कीजिए और लिखिए, जैसे इस पाठ में लंदन से यात्रा शुरू करने से लेकर वापस लंदन पहुँचने तक के अनुभवों का वर्णन किया गया है।

उत्तर – निबंध रचना गतिविधि विद्यार्थी स्वयं अभ्यास करेंगे। इसके लिए अपने अध्यापक की सहायता ले सकते हैं।

अनुमान या कल्पना से

अपनी कक्षा में चर्चा कीजिए-

प्रश्न (क) “बिहू नृत्य और इसके उत्सव से अचंभित एंजेला और उसके परिवार ने इसके साथ-साथ लजीज पकवानों का पूरा आनंद लिया । “

एंजेला और उसका परिवार बिहू नृत्य और उसके उत्सव को देखकर अचंभित क्यों हो गया?

(ख) “जब तक एंजेला कुछ समझ पाती, तब तक वह लंदन से नई दिल्ली होते हुए गुवाहाटी की उड़ान पर थी । “

एजेला और उसकी माँ एलेसेंड्रा ने भारत की यात्रा से पहले कौन-कौन सी तैयारियों की होंगी?

(ग) “वहाँ एक बड़े से बरगद के पेड़ के नीचे मंच बनाया गया था। “

बिहू नृत्य के लिए बरगद के पेड़ के नीचे मंच क्यों बनाया गया होगा?

उत्तर- (क) भारत के असम राज्य के लोक नृत्य ‘बिहू’ त्योहार से संबंधित है। समूह में नाचते स्त्री-पुरुष अत्यंत उत्साहित थे। लड़के वाद्ययंत्र बजा रहे थे और लड़कियों ने लाल और बादामी रंग की डिजाइन वाली खूबसूरत पोशाक धारण करी हुई थी। मौज-मस्ती से भरे नृत्य, स्वादिष्ट पकवान और मनोरंजन से भरपूर बिहू उत्सव से एंजेला और उसका परिवार अचंभित था।

(ख) माँ एलेसेंड्रा के पास एक महीने का वक्त था। उन्होंने स्कूल प्रशासन को इसकी जानकारी दी होगी और एंजेला के स्कूल से उसकी छुट्टियों की अनुमति ली होगी। उन्होंने यात्रा के लिए जरूरी दस्तावेज़ संभाले होंगे। डॉक्यूमेंट्री से संबंधित उपकरणों और वस्तुओं को ध्यान से पैक किया होगा। इसके अलावा व्यक्तिगत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु सामान रखा होगा। माँ ने भारत के असम राज्य में रहने के स्थान और शूटिंग के समय और स्थान की भी उचित जानकारी इकट्ठा की होगी। इससे समय की बचत होती है और डॉक्यूमेंट्री निर्माण भी सुचारू रूप से होने में मदद मिली होगी।

(ग) हिंदू ग्रंथों में बरगद के पेड़ को पूजनीय माना जाता है। भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से बरगद के पेड़ को पूजा जाता है। यह विशाल वृक्ष होता है और फैलाव के कारण काफ़ी लोग इसके नीचे व आस-पास एकत्रित हो सकते हैं। बिहू नृत्य के लिए बरगद के पेड़ रूपी प्राकृतिक मंच से बेहतर और क्या हो सकता था। साथ ही इस पेड़ का सांस्कृतिक महत्त्व भी है।

5. अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. जया मेहता ने कौन-सी पुस्तक लिखी है?

उत्तर – जया मेहता द्वारा रचित पुस्तक का नाम ‘नृत्य कथा’ है।

प्रश्न 2. लेखिका जया मेहता का संक्षिप्त परिचय दीजिए ।

उत्तर-जया मेहता एक नृत्यांगना, लेखिका और शिक्षिका हैं। वे ओडिसी नृत्य में पारंगत है और देश-विदेश में कई वर्षों से नृत्य प्रस्तुतियाँ भी दे रही हैं।

प्रश्न 3. एलेसेंड्रा ने युवा साधुओं का नृत्य फिल्मांकन कहाँ किया ?

उत्तर – एलेसेंड्रा ने वैष्णव मठ के सभागार में सत्रिया नृत्य प्रस्तुत करते युवा साधुओं का फिल्मांकन किया।

Chapter 8 सत्रिया और बिहू नृत्य Hindi Class 6 Solutions

प्रश्न 4. एलेसेंड्रा भारत क्यों आई थीं?

उत्तर-एलेसेंड्रा एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता थी। उन्हें ब्रिटिश अकादमी से असम की नृत्य परंपरा पर एक डॉक्यूमेंट्री कार्यक्रम बनाने के लिए वित्तीय मदद की गई थी और फिल्म को पूरा करने के लिए वे भारत यात्रा पर आई थी।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न- “असम, भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में है, जिसे अपने वन्य-जीवन, रेशम और चाय के बागानों के लिए जाना जाता है।” अपने विचार लिखिए।

उत्तर-असम पूर्वोत्तर भारत में स्थित है। असम चाय और रेशम के लिए विश्व प्रसिद्ध है। असम एक सींग वाले भारतीय गैंडे का घर है। यहाँ एशियाई पक्षियों की विभिन्न प्रजातियाँ भी पाई जाती हैं। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और मानस राष्ट्रीय उद्यान विश्व धरोहर स्थल है। असम में चाय उद्योग लगभग 172 साल पुराना है। सुगंधित चाय के लहलहाते खेतों, ब्रह्मपुत्र नदी में बहती डोंगियों और वन्य जीवन के साथ घने जंगलों से घिरा असम भारतीय संस्कृति और परंपरा के लिए विश्व प्रसिद्ध है। असम का सुप्रसिद्ध मूँगा सिल्क कई वर्षों तक खराब नहीं होता। इसके बने कपड़ों में औषधीय गुण भी होते हैं। असम राज्य भारत की रंग-बिरंगी, सुंदर, प्राचीन और जीवन से भरी संस्कृति को चित्रित करता है। भारतवर्ष में असम की संस्कृति विविधता में एकता प्रदान करती है।

मूल्यपरक / व्यावहारिक प्रश्न

प्रश्न- लेखिका जया मेहता द्वारा लिखे इस पाठ में एक ‘बच्ची ‘एंजेला’ व्यक्तिगत यात्रा के माध्यम से एक भारतीय नृत्य कला, शैली और वेशभूषा के आकर्षक संदर्भों को उजागर करती है। यह एक बच्चे की नज़र से देखे गए आकर्षक नृत्य रूपों के माध्यम से भारत की खोज है। अपने विचार लिखिए। क्या आप नृत्य कला की ओर प्रेरित हुए हैं?

उत्तर- प्रस्तुत पाठ नृत्य और संगीत के माध्यम से भारतीय संस्कृति के सौंदर्यपूर्ण और रंगारंग पहलुओं को सामने लाता है। युवा पाठकों में यह नृत्य कथा भारतीय नृत्यों के प्रति रूझान और जिज्ञासु भावना को जागृत करती है। संगीत और नृत्यकला में विशेष रुचि रखने वाले बहुत से विद्यार्थियों को नृत्य की प्रेरणा मिलती है। इस कहानी को पढ़ना रोमांचकारी है और इससे प्रेरित होकर मैंने और अन्य सहपाठियों ने ‘बिहू’, ‘सत्रिया’ और अन्य नृत्य शैलियों के बारे में अपने नृत्य अध्यापकों से अधिक जानकारी एकत्रित की। मेरे हृदय में भरतनाट्यम नृत्य सीखने की चाह जाग्रत हुई है। इस पाठ से हमने यह भी सीखा कि हमें अपनी संरक्षण में योगदान देने का प्रयास करें। समृद्ध सांस्कृतिक विरासत पर गर्व होना चाहिए और इसके

CBSE For Class 6 Hindi Chapter 9 मैया मैं नहिं माखन खायो

CBSE For Class 6 Hindi Chapter 9 मैया मैं नहिं माखन खायो

1. पाठ का सार

श्रीकृष्ण माता यशोदा से कहते हैं कि- हे माता मैंने माखन नहीं खाया है। प्रातः होते ही आप मुझे मधुबन में गौओं के पीछे भेज देती हो। चारों पहर तो मैं वन में भटकता रहता हूँ और शाम को ही मैं घर आता हूँ। मैं तो छोटा बालक हूँ। जिसके छोटे-छोटे हाथ हैं। मैं अपने इन छोटे हाथों से किस प्रकार से छींको (दही रखने का बर्तन) प्राप्त कर सकता हूँ। सभी ग्वाल-बाल तो मेरे शत्रु हैं जो ये माखन मेरे मुख पर जबरदस्ती लगा देते हैं। माँ! तू मन की बड़ी भोली है, इनकी बातों में आ जाती है। तेरे दिल में जरूर कोई भेद है, जो मुझे पराया समझकर मुझ पर संदेह कर रही हो। ये ले अपनी लाठी और कम्बल ले ले, इन्होंने मुझे बहुत नाच नचाया है। सूरदास जी कहते हैं तब हँसकर यशोदा ने श्रीकृष्ण को अपने हृदय से लगा लिया।

2. शब्दार्थ और टिप्पणी

माखन- मक्खन (दूध से बना पदार्थ ) । भोर- प्रातः । गैयन – गौओं। पाछे-पीछे। मधुबन – ब्रजभूमि के एक वन का नाम । बंसीवट – बरगद का वह पेड़ जिसके नीचे श्रीकृष्ण वंशी बजाते थे। साँझ-साँयकाल (शाम को ) । बहियन – हाथ। छीको खूँटी आदि में लटकाया जाने वाला एक उपकरण (जैसे- हड़िया छीका पर लटका देना। ग्वाल- अहीर, गोपालक। बैर-शत्रु, दुश्मन। बरबस – जबरदस्ती ( बलपूर्वक किया गया कार्य) । लपटायो – लगाना। भोरी-भोली । कहे कहने में। पतियायो विश्वास करना, सच समझ लेना। जिय-हृदय भेद-संशय, शंका। उपजि-उत्पन्न होना । पराया- दूसरा । लकुटि लाठी कमरिया – कंबल । बिहँसि-हँसकर । उर- हृदय । कंठ-गला ।

3. अर्थग्रहण संबंधी एवं बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

नीचे लिखे काव्यांश को पढ़िए और उनके नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखिए-

1. मैया मैं नहिं माखन खायो ।

भोर भयो गैयन के पाछे, मधुबन मोहि पठायो । चहर पहर बंसीतट भटक्यो, साँझ परे घर आयो ।। मैं बालक बहियन को छोटो, छीको केहि बिधि पायो ।

ग्वाल-बाल सब बैर परे हैं, बरबस मुख लपटायो।।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. माखन न खाने की बात कौन किससे कहते हैं?

(क) श्रीकृष्ण अपनी माता यशोदा से।

(ख) श्रीकृष्ण ग्वाल-बालों से ।

(ग) श्रीकृष्ण नंदबाबा से।

(घ) श्रीकृष्ण गोपियों से ।

Answer. (क) श्रीकृष्ण अपनी माता यशोदा से।

Question 2. श्रीकृष्ण माता यशोदा से अपनी सफ़ाई किस प्रकार देते हैं?

(क) मेरे छोटे-छोटे हाथ छींके तक नहीं पहुँचते ।

(ख) ग्वाल-बाल मेरे मुख पर माखन लगा देते हैं।

(ग) गोपियों ने लगा दिया।

(घ) ‘क’ और ‘ख’।

Answer. (घ) ‘क’ और ‘ख’।

Question 3. श्रीकृष्ण कितने पहर गाएँ चराते थे?

(क) चार पहर

(ख) दोपहर

(ग) तीन पहर

(घ) आठ पहर

Answer. (क) चार पहर

Question 4. श्रीकृष्ण को गाएँ चराने कौन भेजता था?

(क) उनकी माँ यशोदा ।

(ख) उनके पिता नंदबाबा ।

(ग) उनके मित्र जो सारा दिन उनके साथ बिताना चाहते थे।

(घ) श्रीकृष्ण को स्वयं ही गौएँ चराने का शौक था।

Answer. (क) उनकी माँ यशोदा ।

2 तू माता मन की अति भोरी, इनके कहे पतियायो ।. जिय तेरे कछु भेद उपज हैं, जानि परायो जायो । ये ले अपनी लकुटि कमरिया, बहुतहिं नाच नचायो । सूरदास तब बिहँसि जसोदा, लै उर कंठ लगायो ।

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बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. श्रीकृष्ण गौओं के पीछे कहाँ जाते हैं?

(क) रामबन

(ख) मधुबन

(ग) सुंदरबन

(घ) कोकिलाबन

Answer. (ख) मधुबन

Question 2. श्रीकृष्ण बंसीवट में कब तक भटकते हैं?

(क) चार पहर

(ख) दोपहर

(ग) एक पहर

(घ) तीन पहर

Answer. (क) चार पहर

Question 3. श्रीकृष्ण को लकुटि कमरिया (लाठी और कंबल) क्या करती है?

(क) हँसाती है।

(ख) रुलाती है।

(ग) नचाती है।

(घ) लुभाती है |

Answer. (ग) नचाती है।

Question 4. ‘उर’ शब्द का क्या अर्थ है?

(क) मन

(ख) सिर

(ग) आत्मा

(घ) हृदय

Answer. (घ) हृदय

4. पाठ से प्रश्न- अभ्यास

मेरी समझ से

प्रश्न (क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (*) बनाइए-

(1) मैं माखन कैसे खा सकता हूँ? इसके लिए श्रीकृष्ण ने क्या तर्क दिया?

मुझे तुम पराया समझती हो ।

मेरी माता, तुम बहुत भोली हो ।

मुझे यह लाठी-कंबल नहीं चाहिए।

मेरे छोटे-छोटे हाथ छींके तक कैसे जा सकते हैं?

मिलकर करें मिलान

पाठ में से चुनकर यहाँ कुछ शब्द दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके सही अर्थ या संदर्भ से मिलाइए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।

पंक्तियों पर चर्चा

पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपनी कक्षा में साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए। (क) “ भोर भयो गैयन के पाछे, मधुबन मोहि पार्थ”

(ख) “सूरदास तब बिहँसि जसोदा, लै उर कंठ लगायो ” ।

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उत्तर-

(क) श्रीकृष्ण माँ यशोदा से कहते हैं कि प्रातः होते ही तुम मुझे मधुबन में गौओं को चराने के लिए भेज देती हो ।

(ख) सूरदास कहते हैं कि माँ यशोदा कृष्ण की बाते सुनकर हँस पड़ी और उन्हें गले से लगा लिया।

सोच-विचार के लिए

पाठ को एक बार फिर से पढ़िए और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर ढूँढ़कर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए-

(क) पद में श्रीकृष्ण ने अपने बारे में क्या-क्या बताया है?

(ख) यशोदा माता ने श्रीकृष्ण को हँसते हुए गले से क्यों लगा लिया?

उत्तर- (क) पद में श्रीकृष्ण ने माता यशोदा से अपने बारे में सफ़ाई देते हुए कहा कि-

मैया मैंने माखन नहीं खाया। प्रातः होते ही मैं गौओं को चराने वन में चला जाता हूँ और सुबह से शाम तक वन में ही रहता हूँ। शाम को ही घर आता हूँ। मैं तो छोटा – बालक हूँ, मेरे हाथ भी छोटे ही हैं। मेरे हाथ किस प्रकार छींके तक पहुँच सकते हैं। ये सभी ग्वाल-बाल तो मेरे बैरी (शत्रु, दुश्मन) हैं, ये मेरे मुँह पर जबरदस्ती माखन लगा देते हैं। माता आप बहुत ही भोली हो जो इनके कहने में आ जाती हो। आपके हृदय में मेरे प्रति कुछ संदेह है तभी आप मुझे पराया समझती हो। आप ये अपनी लाठी और कंबल ले लो। ये मुझे बहुत नाच नचाते हैं।

(ख) माता यशोदा श्रीकृष्ण के इस मासूमियत भोलेपन पर (रीझकर ) प्रसन्न होकर उन्हें अपने गले लगा लेती हैं।

कविता की रचना

“भोर भयो गैयन के पाछे, मधुबन मोहि पठायो। चार पहर बंसीवट भटक्यो, साँझ परे घर आयो।।”

इन पंक्तियों के अंतिम शब्दों को ध्यान से देखिए । ‘पठायो’ और ‘आयो’ दोनों शब्दों की अंतिम ध्वनि एक जैसी है। इस विशेषता को ‘तुक’ कहते हैं। इस पूरे पद में प्रत्येक पंक्ति के अंतिम शब्द का तुक मिलता है। अनेक कवि अपनी रचना को प्रभावशाली बनाने के लिए तुक का उपयोग करते हैं।

(क) इस पाठ को एक बार फिर से पढ़िए और अपने-अपने समूह में मिलकर इस पाठ की विशेषताओं की सूची बनाइए, जैसे इस पद की अंतिम पंक्ति में कवि ने अपना नाम भी दिया है आदि ।

(ख) अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए।

उत्तर- छात्र/छात्राएँ स्वयं करें।

अनुमान या कल्पना से

अपने में मिलकर चर्चा कीजिए-

(क) श्रीकृष्ण अपनी माँ यशोदा को तर्क क्यों थे रहे होगे?

(ख) जब माता यशोदा ने श्रीकृष्ण को गले से लगा लिया, तब क्या हुआ होगा?

उत्तर-

(क) इस पद में कृष्ण के बाल स्वरूप का चित्रण है। प्रत्येक बच्चा गलती करने के बाद, उस गलती को छिपाने के लिए तर्क देता है। ऐसे ही श्रीकृष्ण भी माँ को तर्क दे रहे हैं कि उन्होंने माखन नहीं खाया। ग्वाल-बालों ने उनके मुख पर लगा दिया है ताकि माँ यशोदा उन्हें डाटें।

(ख) माता यशोदा ने श्रीकृष्ण को जब गले से लगाया होगा तो उनका सारा क्रोध समाप्त हो गया होगा और कृष्ण के प्रति प्रेम उमड़ आया होगा।

शब्दों के रूप

नीचे शब्दों से जुड़ी कुछ गतिविधियाँ दी गई हैं। इन्हें करने के लिए आप शब्दकोश, अपने शिक्षकों और साथियों की सहायता भी ले सकते हैं।

(क) “भोर भयो गैयन के पाछे”

इस पंक्ति में ‘पाछे’ शब्द आया है। इसके लिए ‘पीछे’ शब्द का उपयोग भी किया जाता है। इस पद में ऐसे कुछ और शब्द हैं जिन्हें आप कुछ अलग रूप में लिखते और बोलते होंगे। नीचे ऐसे ही कुछ अन्य शब्द दिए गए हैं। इन्हें आप जिस रूप में बोलते-लिखते हैं, उस प्रकार से लिखिए।

परे होने पर

कछु कुछ

छोटो छोटा

लै लेना

बिधि प्रकार

नहिं नहीं

भोरी प्रातः काल

वर्ण-परिवर्तन

“तू माता मन की अति भोरी’

‘भोरी’ का अर्थ है ‘भोली’। यहाँ ‘ल’ और ‘र’ वर्ण परस्पर बदल गए हैं। आपने ध्यान दिया होगा कि इस पद में कुछ और शब्दों में भी ‘ल’ या ‘ड़’ और ‘र’ में वर्ण-परिवर्तन हुआ है। ऐसे शब्द चुनकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।

उत्तर- जैसे- ‘पड़े’ के स्थान पर ‘परे’ का प्रयोग। हमें दूसरों के सामने सिद्ध करना पड़ जाता है कि यह छात्र / छात्राएँ स्वयं भी करें।

मैया मैं नहिं माखन खायो Chapter 9 Hindi Class 6 NCERT Solutions

5. पाठ से आगे प्रश्न- अभ्यास

आपकी बात

“मैया मैं नहिं माखन खायो ”

यहाँ श्रीकृष्ण अपनी माँ के सामने सिद्ध करने का प्रयास कर रहे हैं कि उन्होंने माखन नहीं खाया है। कभी-कभी कार्य हमने नहीं किया। क्या आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ है? कब? किसके सामने? आपने अपनी बात सिद्ध करने के लिए कौन-कौन से तर्क दिए? उस घटना के बारे में बताइए ।

उत्तर- छात्र / छात्राएँ स्वयं करें।

घर की वस्तुएँ

‘मैं’ बालक बहियन को छोटो, छीको केहि बिधि पायो। ” ‘छींका’ घर की एक ऐसी वस्तु है जिसे सैकड़ों वर्ष से भारत में उपयोग में लाया जा रहा है।

नीचे कुछ और घरेलू वस्तुओं के चित्र दिए गए हैं। इन्हें आपके घर में क्या कहते हैं? चित्रों के नीचे लिखिए। यदि किसी चित्र को पहचानने में कठिनाई हो तो आप अपने शिक्षक, परिजनों या इंटरनेट की सहायता भी ले सकते हैं।

उत्तर- मटका, प्रेस (इस्तरी), चौपाया, सिलाई मशीन, चारपाई, मर्तबान, सूप, सिल-लोढ़ा (पट्टा), जाँत, बेना (पंखा ), मथानी, चलनी, कटोरदान, ओखली, मथानी – मटका ।

प्रश्न- आप जानते ही हैं कि श्रीकृष्ण को मक्खन बहुत पसंद था। दूध से दही, मक्खन बनाया जाता है और मक्खन से घी बनाया जाता है। नीचे दूध से घी बनाने की प्रक्रिया संबंधी कुछ चित्र दिए गए हैं। अपने परिवार के सदस्यों, शिक्षकों या इंटरनेट आदि की सहायता से दूध से घी बनाने की प्रक्रिया लिखिए।

उत्तर- सर्वप्रथम दूध को जामन लगाकर दही बनाया जाता है। दही को मथने से माखन बनता है। माखन को हांड़ी या किसी बड़े बर्तन में डालकर गर्म किया जाता है। धीरे-धीरे वह घी में परिवर्तित होने लगता है। हांडी मैं बने घी को छान लिया जाता है और बची ‘करोनि’ को भी खा सकते हैं।

समय का माप

“चार पहर बंसीवट भटक्यो, साँझ परे घर आयो ।। ”

(क) ‘पहर’ और ‘साँझ’ शब्दों का प्रयोग समय बताने के लिए किया जाता है। समय बताने के लिए और कौन-कौन से शब्दों का प्रयोग किया जाता है? अपने समूह में मिलकर सूची बनाइए और कक्षा में साझा कीजिए।

(संकेत- कल, ऋतु, वर्ष, अब पखवाड़ा, दशक, वेला, अवधि आदि)

(ख) श्रीकृष्ण के अनुसार वे कितने घंटे गाय चराते थे?

(ग) मान लीजिए वे शाम को छह बजे गाय चराकर लौटे। वे सुबह कितने बजे गाय चराने के लिए घर से निकले होंगे?

(घ) ‘दोपहर’ का अर्थ है ‘दो पहर’ का समय । जब दूसरे पहर की समाप्ति होती है और तीसरे पहर का प्रारंभ होता है। यह लगभग 12 बजे का समय होता है, जब सूर्य सिर पर आ जाता है। बताइए दिन के पहले पहर का प्रारंभ लगभग कितने बजे होगा?

उत्तर-

(क) अभी, प्रातः, सांय, दोपहर, रात, कल, आज, परसो, साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक, त्रैमासिक, छमाही, वार्षिक आदि।

(ख) दस से बारह घंटे।

(ग) पाँच-छह बजे के बीच में।

(घ) सुबह के छह बजे से नौ बजे तक पहला पहर होता है।

हम सब विशेष हैं

(क) एक विशेष क्षमता ऐसी भी है जो हम सबके पास होती है। वह क्षमता है सबकी सहायता करना, सबके भले के लिए सोचना। तो बताइए, इस क्षमता का उपयोग करके आप इनकी सहायता कैसे करेंगे-

एक सहपाठी पढ़ना जानता है और उसे एक पाठ समझ में नहीं आ रहा है।

एक सहपाठी को पढ़ना अच्छा लगता है और वह देख नहीं सकता।

एक सहपाठी बहुत जल्दी-जल्दी बोलता है और उसे कक्षा में भाषण देना है।

एक सहपाठी बहुत अटक अटक कर बोलता है और उसे कक्षा में भाषण देना है।

एक सहपाठी को चलने में कठिनाई है और वह सबके साथ दौड़ना चाहता है।

एक सहपाठी प्रतिदिन विद्यालय आता है और उसे सुनने में कठिनाई है।

NCERT Solutions Class 6 Hindi Chapter 9 मैया मैं नहिं माखन खायो

उत्तर- (क)

किसी को भी मुश्किल में देखकर सहायता करने की चाह उठना ।

मेरे पिताजी हर बात व्यावहारिक रूप में समझाते हैं।

पाठ को भली भाँति समझना, मार्ग निर्देशन करना ।

सच्ची मित्रता निभाना, मित्र के गलत होने पर उसे प्यार से अहसास दिलाना।

(ख)

उसे समझाना।

उसे पढ़कर समझाना एवं ब्रेल लिपि से पढ़ने हेतु प्रेरित करना ।

उसे अभ्यास करवाना कि सहजता से बोले ।

बार-बार अभ्यास करवाना।

उसका साहस बढ़ाना, हाथ पकड़कर दौड़ने में मदद करना या स्वयं धीरे-धीरे उसके साथ दौड़ना ।

उसे लिखकर समझाना ।

खोजबीन के लिए

सूरदास द्वारा रचित कुछ अन्य रचनाएँ खोजें व पढ़ें।

उत्तर- छात्र/ छात्राएँ स्वयं करें। पुस्तकालय अथवा इंटरनेट की सहायता से खोजकर सूरदास की अन्य रचनाएँ खोजकर पढ़ें।

6. अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. ‘मैया मैं नहिं माखन खायो।’ कौन किससे कह रहा है?

उत्तर- श्रीकृष्ण माता यशोदा जी से कहते हैं कि- मैया मैंने माखन नहीं खाया है।

प्रश्न 2. भोर होते ही कन्हैया कहाँ चले जाते हैं?

उत्तर- भोर होते ही कन्हैया गौओं को चराने मधुबन चले जाते हैं।

प्रश्न 3. श्रीकृष्ण ने किसे अपना बैरी बताया है?

उत्तर- श्रीकृष्ण ने ग्वाल-बाल को अपना बैरी बताया है।

प्रश्न 4. श्रीकृष्ण छींके पर न चढ़ने का कारण क्या बताते हैं?

उत्तर- माँ यशोदा से कृष्ण कहते हैं कि मैं तो छोटा बालक हूँ मेरा हाथ तो छींके तक पहुँचता ही नहीं है।

Hindi Chapter 9 मैया मैं नहिं माखन खायो Solutions Class 6

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. दिए गए काव्यांश में श्रीकृष्ण माँ यशोदा से क्या कहना चाहते हैं?

मैया मैं नहिं माखन खायो ।

भोर भयो गैयन के पाछे, मधुबन मोहि पठायो । चार पहर बंसीवट भटक्यो, साँझ परे घर आयो ।

मैं बालक बहियन को छोटो, छीको केहि बिधि पायो ।

ग्वाल-बाल सब बैर परे हैं, बरबस मुख लपटायो।।

उपर्युक्त काव्य पंक्तियों में श्रीकृष्ण क्या और कैसी अपनी निर्दोषता (सफ़ाई) के बारे में माता यशोदा से कहते हैं?

उत्तर- श्रीकृष्ण पर माखन खाने का दोष लगने पर अपनी माता यशोदा से कहते हैं कि मैं तो सुबह – सुबह ही गायों को लेकर मधुबन में चला जाता हूँ। सुबह से शाम तक तो मैं गाय चराता हूँ। शाम होते ही मैं घर आता हूँ। मैं छोटा बालक हूँ, छीको (दूध-दही रखने का बर्तन) तक मैं कैसे पहुँच सकता हूँ। सभी ग्वाले बच्चे मेरे दुश्मन हैं। वो मेरे मुँह पर जबरदस्ती दही लगा देते हैं।

प्रश्न 2. दिए गए काव्यांश में श्रीकृष्ण माँ यशोदा से क्या कहना चाहते हैं?

तू माता मन की अति भोरी, इनके कहे पतियायो ।
जिय तेरे कछु भेद उपज हैं, जानि परायो जायो ।।

ये ले अपनी लकुटि कमरिया, बहुतहिं नाच नचायो ।
सूरदास तब बिहँस जसोदा, लै उर कंठ लगायो।।

उत्तर – श्रीकृष्ण माता यशोदा से कहते हैं कि हे माता आप बहुत ही भोली-भाली हो तभी तो इन ग्वाल-बालों की बात मान लेती हो। आप अपनी लाठी और कंबल ले लो इन्होंने मुझे बहुत ही परेशान कर रखा है। माँ यशोदा कृष्ण की बातों पर हँस पड़ती है और उन्हें गले लगा लेती हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. “मैया मैं नहिं माखन खायो” पाठ में ‘मधुबन’ और ‘बंसीवट’ के बारे में आप क्या जानते हैं?

उत्तर- पाठ- ‘“मैया मैं नहिं माखन खायो” में ‘मधुबन’ और ‘बंसीवट’ दोनों ही श्रीकृष्ण जी से संबंधित हैं।

मधुबन वह स्थान है जहाँ श्रीकृष्ण ग्वाल-बालों के साथ बाल्यावस्था में गौओं को चराने प्रातः काल जाते थे तथा सांयकाल लौटते थे।

बंसीवट बरगद का वह पेड़ है जिसके नीचे श्रीकृष्ण बंसी की मधुर धुन निकालते थे और सभी उनके प्रति आकर्षित हो जाते थे।

CBSE Hindi Class 6 Chapter 9 मैया मैं नहिं माखन खायो

प्रश्न 2. श्रीकृष्ण को किसने बहुत ही नाच नचाया अर्थात बहुत ही परेशान किया है? वे माता यशोदा से क्या कहते हैं?

उत्तर- माता यशोदा ने श्रीकृष्ण को वन में गौएँ चराने हेतु लकुटि और कमरिया दी थी। श्रीकृष्ण जी माता यशोदा से कहते हैं कि ये लकुटि (लाठी) और कमरिया (कंबल) आप इन दोनों को वापस ले लो क्योंकि इन दोनों ने मुझे बहुत ही परेशान कर रखा है।

मूल्यपरक / व्यावहारिक प्रश्न

प्रश्न 1. क्या कभी ऐसा हुआ हो कि माँ के मना करने के बाद भी घर में उपलब्ध किसी स्वादिष्ट वस्तु को आपने चुपके-चुपके थोड़ा बहुत खा लिया हो और चोरी पकड़े जाने पर कोई बहाना बनाया हो। आप अपनी आप बीती अपने शब्दों में लिखें।

Class 6 Hindi Chapter 9 मैया मैं नहिं माखन खायो Notes

उत्तर- मुझे चॉकलेट खाना बहुत पसंद है। मेरे बड़े भाई का जन्मदिन था। जन्मदिन की तैयारी के लिए सामान बनाया जा रहा था। माँ ने फ्रिज में दूध रखने के लिए मुझसे कहा, पर यह भी कह दिया कि उसमें रखी चॉकलेट हम सभी शाम को खाएँगे। यह जन्मदिन के अवसर पर सभी को दिए जाएँगे। मैं उस समय तो फ्रिज में दूध रखकर आ गया, पर मेरा सारा ध्यान उन्हीं चॉकलेटों में लगा था। दोपहर में माँ की आँख लग गई और मुझे मौका मिला और मैंने फ्रिज से तीन चॉकलेट निकालकर खा ली। चॉकलेट का कागज मैंने बाहर फेंक दिया। पता नहीं कैसे चॉकलेट के कागज़ का एक टुकड़ा मेरी पैंट में रह गया। शाम को जब माँ ने फ्रिज से चॉकलेट निकाली तो उसमें से तीन चॉकलेट कम मिली। उन्होंने सबसे पहले मेरी जेब टटोली उनके हाथ में वह कागज़ आ गया और मेरी चोरी पकड़ी गई। मैंने माँ से कहा कि यह तो कल की खाई चॉकलेट का कागज़ है, परंतु मेरा बहाना कुछ काम न आया। साथ ही मुझे पिताजी की डाँट खानी पड़ी।

CBSE For Class 6 Hindi Chapter 11 चेतक की वीरता

CBSE For Class 6 Hindi Chapter 11 चेतक की वीरता

1. कविता का सार

‘चेतक की वीरता’ कविता महाराणा प्रताप के निष्ठावान घोड़े चेतक की शौर्यगाथा है। यह कविता वीर रस से ओतप्रोत है और चेतक की युद्ध भूमि में दिखाई गई वीरता का वर्णन करती है। कविता का सार इस प्रकार है-

चेतक युद्ध के मैदान में चौकड़ी भरकर अथवा छलांग लगाकर अपनी वीरता को दिखाता है, उसके चलने के तीव्र गति से ऐसा प्रतीत होता है जैसे मानो वह हवा से बातें कर रहा हो अथवा हवा का सामना कर रहा हो।

राणा प्रताप का कोड़ा चेतक के तन पर कभी भी नहीं गिरता था, क्योंकि वह इतना समझदार था कि अपने स्वामी की आज्ञा को भली-भाँति समझ जाता था। वह शत्रुओं के मस्तक पर इस तरह से आक्रमण करता था जैसे मानो कोई आसमान से घोड़ा ज़मीन पर उतर आया हो अर्थात वह बहुत तेजी से अपने शत्रुओं के सिर पर प्रहार करता था ।

अगर हवा के माध्यम से भी घोड़े की लगाम जरा-सी भी हिल जाती थी तो वह तुरंत अपनी सवारी को लेकर अर्थात राणा प्रताप को लेकर तीव्र गति से उड़ जाता था । अर्थात बहुत तेजी से दौड़ने लगता था। राणा प्रताप को जिस तरह मुड़ना होता वह उनकी आँखों के पुतली के घुमने से पूर्व ही चेतक उस दिशा में मुड़ जाता था, कहने का तात्पर्य यह है कि चेतक अपने स्वामी की हर प्रतिक्रिया को भली-भाँति समझ जाता था।

चेतक अपनी कौशलता और वीरता का परिचय अपनी चाल के द्वारा दिखाता। तीव्र गति से दौड़ना और निडर होकर अपने शत्रुओं पर आक्रमण करना यह उसकी वीरता का स्मारक था। वह निडर होकर युद्ध के समय में भयानक भालों और तलवारों से सुसज्जित सेनाओं के बीच में जाकर उन पर प्रहार करता और नहरों-नालों आदि को पार करता हुआ सरपट अर्थात बहुत तेज गति से बाधाओं में फँसने के बाद भी वह निकल जाता ।

युद्ध के क्षेत्र में ऐसा कोई स्थान नहीं था जहाँ पर चेतक ने अपने शत्रुओं पर प्रहार न किया हो। वह किसी

एक स्थान पर दिखता तो पर जैसे ही शत्रु उस पर आक्रमण करने के लिए वहाँ पहुँचते तो वह वहाँ से तुरंत गायब हो जाता फिर वह कहीं दूसरी जगह दिखता। ठीक उसी प्रकार बाद में वहाँ से भी गायब हो जाता। अतः वह युद्ध के सभी स्थलों पर अपनी वीरता का परचम लहराता था।

वह नदी की लहरों की भाँति आगे बढ़ता गया। वह जहाँ भी जाता कुछ क्षण के लिए रुक जाता फिर अचानक विकराल, बिजली की चमक की तरह, बादल का रूप धारण करके अपने दुश्मनों पर प्रहार करता ।

घोड़े की टापों से दुश्मन पूरी तरह से घायल हो गए। उनके भाले और तरकस सभी ज़मीन पर पड़े थे। चेतक की वीरता का ऐसा पराक्रम देखकर बैरी दल दंग रह गया। 2. अर्थग्रहण संबंधी एवं बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

दिए गए काव्यांशों को पढ़िए और प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

1. रण – बीच चौकड़ी भर-भरकर
चेतक बन गया निराला था।
राणा प्रताप के घोड़े से
पड़ गया हवा को पाला था।

शब्दार्थ : रण- युद्ध क्षेत्र । चौकड़ी – छलांग ।

व्याख्या – प्रस्तुत पंक्तियाँ श्यामनारायण पाण्डेय द्वारा रचित ‘चेतक की वीरता’ नामक कविता से उद्धृत है। कवि इन पंक्तियों में चेतक की वीरता का वर्णन करते हुए यह कहते हैं कि चेतक युद्ध के मैदान में चौकड़ी भरकर अथवा छलांग लगाकर अपनी वीरता को दिखाता है, उसके चलने के तीव्र गति से ऐसा प्रतीत होता है जैसे मानो वह हवा से बातें कर रहा हो अथवा हवा से सामना कर रहा हो।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. काव्यांश में किसकी वीरता का वर्णन है ?

(क) चेतक की

(ख) राणा प्रताप की

(ग) कवि की

(घ) हवा की

Answer. (क) चेतक की

Question 2. चेतक युद्ध के मैदान में क्या भरकर अपनी वीरता को दिखाता है?

(क) पानी भरकर

(ख) चौकड़ी भरकर

(ग) दौड़कर

(घ) सोकर

Answer. (ख) चौकड़ी भरकर

CBSE Class 6 Hindi Chapter 11 चेतक की वीरता

Question 3. चेतक की चलने की गति थी-

(क) मंद

(ख) सुस्त

(ग) तीव्र

(घ) धीरे-धीरे

Answer. (ग) तीव्र

Question 4. चेतक की चलने की गति ऐसी थी मानो

(क) हवा में बातें कर रहा हो।

(ख) राणा प्रताप से बातें कर रहा हो।

(ग) नदी से बातें कर रहा हो

(घ) धरती से बातें कर रहा हो।

Answer. (क) हवा में बातें कर रहा हो।

Question 5. ‘चौकड़ी’ का क्या अर्थ है?

(क) कूदना

(ख) छलांग

(ग) बैठना

(घ) खड़ा होना

Answer. (ख) छलांग

2. गिरता न कभी चेतक तन पर
राणा प्रताप का कोड़ा था।
वह दौड़ रहा अरि-मस्तक पर
या आसमान का घोड़ा था।

शब्दार्थ : तन शरीर । अरि-शत्रु ।

व्याख्या – कवि कहते हैं कि राणा प्रताप का कोड़ा चेतक के तन पर कभी भी नहीं गिरता था, क्योंकि वह इतना समझदार था कि अपने स्वामी की आज्ञा को भली-भाँति समझ जाता था। वह शत्रुओं के मस्तक पर इस तरह से आक्रमण करता था जैसे मानो कोई आसमान से घोड़ा जमीन पर उतर आया हो अर्थात वह बहुत तेजी से अपने शत्रुओं के सिर पर प्रहार करता था।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. किसका कोड़ा चेतक के तन पर नहीं गिरता था ?

(क) राणा प्रताप का

(ख) चेतक का

(ग) कवि का

(घ) हवा का

Answer. (क) राणा प्रताप का

Question 2. चेतक कैसा था ?

(क) नासमझ

(ख) समझदार

(ग) सुस्त

(घ) मंदबुद्धि

Answer. (ख) समझदार

Class 6 Hindi Chapter 11 चेतक की वीरता NCERT Solutions

Question 3. चेतक शत्रुओं के किस पर आक्रमण करता था ?

(क) पैर पर

(ख) पेट पर

(ग) मस्तक पर

(घ) धर पर

Answer. (ग) मस्तक पर

Question 4. चेतक शत्रुओं के सिर पर प्रहार करता था-

(क) तेजी से

(ख) धीरे-धीरे

(ग) अचानक

(घ) इनमें से कोई नहीं

Answer. (क) तेजी से

Question 5. ‘अरि’ का अर्थ है-

(क) मित्र

(ख) शत्रु

(ग) नाग

(घ) राजा

Answer. (ख) शत्रु

3. जो तनिक हवा से बाग हिली
लेकर सवार उड़ जाता था।
राणा की पुतली फिरी नहीं
तब तक चेतक मुड़ जाता था।

शब्दार्थ : तनिक-थोड़ा। बाग- लगाम । पुतली – आँख के बीच का वह काला भाग जिसके मध्य में प्रकाश की किरण प्रवेश करती है।

व्याख्या -कवि कहते हैं कि अगर हवा के माध्यम से भी घोड़े की लगाम जरा-सी भी हिल जाती थी तो वह तुरंत अपने सवारी को लेकर अर्थात राणा प्रताप को लेकर तीव्र गति से उड़ जाता था अर्थात बहुत तेजी से दौड़ाने लगता था। राणा प्रताप को जिस तरफ मुड़ना होता वह उनकी आँखों के पुतली के घूमने से पूर्व ही उस दिशा में मुड़ जाता था, कहने का तात्पर्य यह है कि चेतक अपने स्वामी की हर प्रतिक्रिया को भली-भाँति समझ जाता था।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. सवार लेकर कौन उड़ जाता था ?

(क) चेतक

(ख) राणा प्रताप

(ग) कवि

(घ) सभी

Answer. (क) चेतक

Question 2. चेतक किसकी हर प्रतिक्रिया को भली-भाँति समझ जाता था ?

(क) शत्रु की

(ख) राणा प्रताप की

(ग) हाथी की

(घ) तलवार की

Answer. (ख) राणा प्रताप की

Question 3. आँखों की पुतली घूमने से पूर्व कौन मुड़ जाता था ?

(क) शत्रु

(ख) राणा प्रताप

(ग) चेतक

(घ) हाथी

Answer. (ग) चेतक

Question 4. चेतक किसको लेकर तीव्र गति से उड़ जाता था?

(क) शत्रु को

(ख) कवि को

(ग) पानी को

(घ) राणा प्रताप को

Answer. (घ) राणा प्रताप को

Question 5. काव्यांश में ‘लगाम’ का पर्यायवाची शब्द प्रयुक्त है-

(क) बाग

(ख) रस्सी

(ग) तनिक

(घ) हिली

Answer.  (क) बाग

4. कौशल दिखलाया चालों में
उड़ गया भयानक भालों में।
निर्भीक गया वह ढालों में
सरपट दौड़ा करवालों में।

शब्दार्थ : निर्भीक – नीडर सरपट – बहुत तेज गति से ।

व्याख्या -कवि कहते हैं कि चेतक ने अपनी कौशलता और वीरता का परिचय अपनी चाल के द्वारा दिखाया, तीव्र गति से दौड़ना और निडर होकर अपने शत्रुओं पर आक्रमण करना यह उसकी वीरता का स्मारक था। वह निडर होकर युद्ध के समय में भयानक भालों और तलवारों से सुसज्जित शत्रुओं के बीच में जाकर उन पर प्रहार करता और नहरों, नालों आदि को पार करता हुआ सरपट अर्थात बहुत तेज गति से बाधाओं में फँसने के बाद भी वह निकल जाता।

चेतक की वीरता Chapter 11 Hindi Class 6 NCERT Solutions

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. किसने अपनी कौशलता और वीरता का परिचय दिया?

(क) चेतक

(ख) राणा प्रताप

(ग) कवि

(घ) शत्रु

Answer. (क) चेतक

Question 2. चेतक ने अपनी कौशलता और वीरता किसके द्वारा दिखायी ?

(क) हाल द्वारा

(ख) चाल के द्वारा

(ग) भय के द्वारा

(घ) ढाल के द्वारा

Answer. (ख) चाल के द्वारा

Question 3. चेतक की वीरता का स्मारक था-

(क) निडर होकर अपने शत्रुओं पर आक्रमण करना

(ख) तेज दौड़ना

(ग) शत्रु पर आक्रमण न करना

(घ) डरकर

Answer. (क) निडर होकर अपने शत्रुओं पर आक्रमण करना

Question 4. भालों और तलवारों से सुसज्जित शत्रुओं के बीच में जाकर शत्रुओं पर कौन प्रहार करता था?

(क) राणा प्रताप

(ख) चेतक

(ग) शत्रु

(घ) कवि

Answer. (ख) चेतक

Question 5. ‘सरपट’ का क्या अर्थ है?

(क) बहुत तेज गति से

(ख) दौड़कर

(ग) धीरे-धीरे

(घ) इनमें से कोई नहीं

Answer. (क) बहुत तेज गति से

5. है यहीं रहा, अब यहाँ नहीं
वह वहीं रहा है वहाँ नहीं।
थी जगह न कोई जहाँ नहीं
किस अरि- मस्तक पर कहाँ नहीं।

शब्दार्थ : अरि-शत्रु । मस्तक-माथा, सिर ।

व्याख्या -कवि कहते हैं कि युद्ध के क्षेत्र में ऐसा कोई स्थान नहीं था जहाँ पर चेतक ने अपने शत्रुओं पर प्रहार न किया हो। वह किसी एक स्थान पर दिखता लेकिन जैसे ही दूसरे शत्रु ही आक्रमण करने के लिए वहाँ पहुँचते तो वह तुरंत वहाँ से गायब हो जाता। फिर वह कहीं दूसरी जगह दिखता ठीक उसी प्रकार वह वहाँ से भी गायब हो जाता। अतः युद्ध के सभी स्थलों पर अपनी वीरता का परचम लहराता था।

CBSE Hindi Class 6 Chapter 11 चेतक की वीरता

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. ‘अरि’ का अर्थ है-

(क) शत्रु

(ख) मित्र

(ग) साँप

(घ) नेवला

Answer. (क) शत्रु

Question 2. चेतक ने युद्ध के किन स्थलों पर अपना परचम लहराया?

(क) बीच में

(ख) एक किनारे

(ग) सभी स्थलों पर

(घ) केवल तंबू पर

Answer. (ग) सभी स्थलों पर

Question 3. एक स्थान से दूसरे स्थान पर कौन चला जाता था ?

(क) शत्रु

(ख) चेतक

(ग) राणा प्रताप

(घ) कवि

Answer. (क) शत्रु

Question 4. वीरता का परचम लहराया-

(क) शत्रुओं ने

(ख) राणा प्रताप ने

(ग) कवि ने

(घ) चेतक ने

Answer. (ग) कवि ने

Class 6 Hindi Chapter 11 चेतक की वीरता Notes

Question 5. काव्यांश में ‘सिर’ का पर्यायवाची शब्द प्रयुक्त हुआ 乘

(क) अरि

(ख) मस्तक

(ग) यहीं

(घ) वहीं

Answer. (क) अरि

6. बढ़ते नद-सा वह लहर गया
वह गया गया फिर ठहर गया।
विकराल बज्र – मय बादल – सा
अरि की सेना पर घहर गया।

शब्दार्थ : नद- नदी । अरि-शत्रु। घहरना टूट पड़ना ।

व्याख्या – कवि कहते हैं कि वह नदी की लहरों की भाँति आगे बढ़ता गया। वह जहाँ भी जाता कुछ क्षण के लिए रुक जाता फिर अचानक विकराल, बिजली की चमक की तरह, बादल का रूप धारण करके अपने दुश्मनों पर प्रहार करता अर्थात टूट पड़ता था।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. कौन नदी की लहरों की भाँति आगे बढ़ता गया ?

(क) चेतक

(ख) शत्रु

(ग) राणा प्रताप

(घ) कवि

Answer. (क) चेतक

Question 2. कुछ क्षण के लिए कौन रुक जाता था ?

(क) शत्रु

(ख) राणा प्रताप

(ग) चेतक

(घ) कवि

Answer. (ख) राणा प्रताप

Question 3. चेतक किसकी चमक की तरह शत्रुओं पर प्रहार

(क) बिजली की

(ख) पानी की

(ग) हवा की

(घ) नदी की

Answer. (ख) पानी की

Question 4. चेतक किसका रूप धारण करके अपने दुश्मनों पर प्रहार करता था ?

(क) नदी का

(ख) आग का

(ग) बादल का

(घ) अरि का

Answer. (घ) अरि का

Question 5. चेतक किसकी लहरों की भाँति आगे बढ़ता गया ?

(क) नदी की

(ख) हवा की

(ग) पानी की

(घ) तूफान की

Answer. (ख) हवा की

7 भाला गिर गया, गिरा निषंग,
हय-टापों से खन गया अंग ।
वैरी- समाज रह गया दंग
घोड़े का ऐसा देख रंग ।

शब्दार्थ : हय- घोड़ा। वैरी – दुश्मन ।

व्याख्या – कवि कहते हैं कि घोड़े की टापों से अर्थात उसके पैरों से दुश्मन पूरी तरीके से घायल हो गए उनके भाले और तरकस सभी जमीन पर पड़े थे। चेतक की वीरता का ऐसा पराक्रम देखकर बैरी दल (दुश्मन का खेमा) दंग रह गया।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. किसकी टापों से दुश्मन पूरी तरह से घायल हो गए?

(क) घोड़े की

(ख) हाथी की

(ग) बैल की

(घ) उपर्युक्त सभी

Answer. (क) घोड़े की

Question 2. भाले और तरकस कहाँ पड़े थे?

(क) नदी में

(ख) जमीन पर

(ग) घर में

(घ) तंबू में

Answer. (ख) जमीन पर

Question 3. वैरी दल का अर्थ है-

(क) दुश्मन का खेमा

(ख) बेर का दल

(ग) कमल पुँज

(घ) दाल

Answer. (क) दुश्मन का खेमा

Chapter 11 चेतक की वीरता Hindi Class 6 Solutions

Question 4. चेतक की वीरता का पराक्रम देखकर कौन दंग रह करता था ?

(क) वैरी दल

(ख) मित्र दल

(ग) नदी

(घ) राणा प्रताप

Answer.  (क) वैरी दल

Question 5. काव्यांश में ‘घोटक’ का पर्यायवाची शब्द प्रयुक्त है-

(कं) वैरी

(ख) हय

(ग) रंग

(घ) दंग

Answer. (ख) हय

3. पाठ से प्रश्न- अभ्यास

मेरी समझ से

अब हम इस कविता पर विस्तार से चर्चा करेंगे। आगे दी गई गतिविधियाँ इस कार्य में आपकी सहायता करेंगी।

प्रश्न (क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (*) बनाइए-

(1) चेतक शत्रुओं की सेना पर किस प्रकार टूट पड़ता था ?

चेतक बादल की तरह शत्रु की सेना पर वज्रपात बनकर टूट पड़ता था।

चेतक शत्रु की सेना को चारों ओर से घेरकर उस पर टूट पड़ता था ।

चेतक हाथियों के दल के समान बादल के रूप में शत्रु की सेना पर टूट पड़ता था।

चेतक नदी के उफान के समान शत्रु की सेना पर टूट पड़ता था।

(2) ‘लेकर सवार उड़ जाता था।’ इस पंक्ति में ‘सवार’ शब्द किसके लिए आया है?

चेतक

कवि

महाराणा प्रताप

शत्रु

उत्तर- 1. * चेतक बादल की तरह शत्रु की सेना पर वज्रपात बनकर टूट पड़ता था।

2. * महाराणा प्रताप ।

पंक्तियों पर चर्चा

पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें पढ़कर समझिए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? कक्षा में अपने विचार साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।

प्रश्न (क) “निर्भीक गया वह ढालों में, सरपट दौड़ा करवालों में।”

उत्तर- वह निडर होकर युद्ध के समय में भयानक भालों और तलवारों से सुसज्जित सेनाओं के बीच में जाकर उन पर प्रहार करता और नहरों, नालों आदि को पार करता हुआ बहुत तेज गति से बाधाओं में फँसने के बाद भी वह निकल जाता है।

NCERT Solutions Class 6 Hindi Chapter 11 चेतक की वीरता

(ख) “भाला गिर गया, गिरा निषंग, हय-टापों से खन गया अंग। ”

उत्तर- घोड़े की टापों से दुश्मन पूरी तरीके से घायल हो गए। उनके भाले और तरकस सभी जमीन पर पड़े थे। मिलकर करें मिलान

शीर्षक

यह कविता ‘हल्दीघाटी’ शीर्षक काव्य कृति का एक अंश है। यहाँ इसका शीर्षक ‘चेतक की वीरता’ दिया गया है। आप इसे क्या शीर्षक देना चाहेंगे और क्यों?

उत्तर- ‘अरिहंत चेतक’ क्योंकि वह पलक झपकते ही शत्रुओं को मार देता था।

कविता की रचना

” चेतक बन गया निराला था । ”

“पड़ गया हवा को पाला था । ”

“राणा प्रताप का कोड़ा था । ”

” या आसमान पर घोड़ा था। ‘

रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए। ये शब्द बोलने-लिखने में थोड़े मिलते-जुलते हैं। इस तरह की तुकांत शैली कविता में आती है। कभी-कभी कविता अतुकांत भी होती है। इस कविता में आए तुकांत शब्दों की सूची बनाइए ।

उत्तर- उड़ / मुड़ चालों / भालों ढ़ालों / करवालों यहाँ / वहाँ जहाँ / कहाँ लहर / ठहर निषंग / अंग दंग / रंग।

शब्द के भीतर शब्द

“या आसमान का घोड़ा था । ”

‘आसमान’ शब्द के भीतर कौन-कौन से शब्द छिपे हैं-

आस, समान, मान, सम, आन, नस आदि।

अब इसी प्रकार कविता में से कोई पाँच शब्द चुनकर उनके भीतर के शब्द खोजिए ।

उत्तर- 1. चौकड़ी – कड़ी, चौक, चौड़ी

2. सवार – सर, रस, वार

3. दिखलाया – दिख दिया, लाया

4. बादल – दल, बाद, बाल

4. पाठ से आगे प्रश्न – अभ्यास

आपकी बात

” जो तनिक हवा से बाग हिली
लेकर सवार उड़ जाता था । ”

(क) ‘हवा से लगाम हिली और घोड़ा भाग चला’ कविता को प्रभावशाली बनाने में इस तरह के प्रयोग काम आते हैं। कविता में आए ऐसे प्रयोग खोजकर परस्पर बातचीत करें।

(ख) कहीं भी, किसी भी तरह का युद्ध नहीं होना चाहिए।

इस पर आपस में बात कीजिए ।

उत्तर- (क) परीक्षोपयोगी नहीं है।

(ख) परीक्षोपयोगी नहीं है।

आज की पहेली

बुझो तो जाने

तीन अक्षर का मेरा नाम, उल्टा सीधा एक समान । दिन में जगता, रात में सोता, यही मेरी पहचान।।

उत्तर- नयन

एक पक्षी ऐसा अलबेला, बिना पंख उड़ रहा अकेला। बाँध गले में लंबी डोर, पकड़ रहा अंबर का छोर ।

उत्तर- पतंग

रात में हूँ दिन में नहीं दीये के नीचे हूँ ऊपर नहीं बोलो बोलो – मैं हूँ कौन ?

उत्तर- परछाई

मुझमें समाया फल, फूल और मिठाई सबके मुँह में आया पानी मेरे भाई ।

उत्तर- गुलाब जामुन

सड़क है पर गाड़ी नहीं जंगल है पर पेड़ नहीं शहर है पर घर नहीं, समंदर है पर पानी नहीं।

उत्तर- नक्शा

खोजबीन के लिए

1. महाराणा प्रताप कौन थे? उनके बारे में इंटरनेट या पुस्तकालय से जानकारी प्राप्त करके लिखिए।

उत्तर- विद्यार्थी स्वयं करें।

2. इस कविता में चेतक एक ‘घोड़ा’ है। पशु-पक्षियों पर आधारित पाँच रचनाओं को खोजिए और अपनी कक्षा की दीवार पत्रिका पर लगाइए ।

उत्तर- नीलकंठ, गौरा, गिल्लू, वह चिड़िया जो, चालाक लोमड़ी।

5. अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. ‘चेतक की वीरता’ किस रस पर आधारित है?

(क) वीर रस

(ख) श्रृंगार रस

(ग) वात्सल्य रस

(घ) भय रस

Answer. (क) वीर रस

Question 2. चेतक किसके इशारे पर मुड़ जाता था?

(क) शत्रु के

(ख) महाराणा प्रताप के

(ग) टापों के

(घ) कवि के

Answer. (ख) महाराणा प्रताप के

Question 3. चेतक की टापों का दुश्मन पर क्या असर होता था?

(क) शत्रु प्रसन्न होते थे।

(ख) शत्रु अड़े रहते थे।

(ग) दुश्मनों का दिल दहल जाता था।

(घ) कोई असर नहीं होता था।

Answer. (ग) दुश्मनों का दिल दहल जाता था।

Question 4. चेतक शत्रु की सेना पर किस प्रकार टूट पड़ता था?

(क) चोरों की तरह

(ख) हिनहिनाते हुए

(ग) लापरवाही से

(घ) भयानक बादलों की तरह

Answer. (घ) भयानक बादलों की तरह

Question 5. चेतक किस तरह की चाल से निराला दिखाई पड़ता था ?

(क) अपनी चौकड़ी-सी चाल से

(ख) मस्तानी चाल से

(ग) अपनी मंद चाल से

(घ) इनमें से कोई नहीं

Answer.  (क) अपनी चौकड़ी-सी चाल से

Question 6. चेतक को कहा गया है-

(क) मतवाला

(ख) निराला

(ग) अनोखा

(घ) बहादुर

Answer. (ख) निराला

Question 7. महाराणा प्रताप के घोड़े का क्या नाम था ?

(क) ऐरावत

(ख) चेतन

(ग) चेतक

(घ) घातक

Answer.  (ग) चेतक

Hindi Chapter 11 चेतक की वीरता Solutions Class 6

Question 8. हवा से क्या हिली?

(क) बाग

(ख) बाल

(ग) पैर

(घ) सिर

Answer. (क) बाग

Question 9. हम राणा प्रताप को याद करते हैं-

(क) बहादुरी और पराक्रम के लिए

(ख) बुझदिल के लिए

(ग) कायर होने के लिए

(घ) आलसी होने के लिए

Answer. (क) बहादुरी और पराक्रम के लिए

Question 10. किसको कोड़े नहीं लगाने पड़ते थे?

(क) चेतन को

(ख) घातक को

(ग) चेतक को

(घ) ऐरावत को

Answer. (ग)

अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. चेतक किस तरह की चाल से निराला दिखाई पड़ता था ? पैरों से दुश्मनों को कुचल रहा था।

उत्तर– अपनी चौकड़ी-सी चाल से चेतक निराला दिखाई पड़ता था।

प्रश्न 2. चेतक को कोड़े नहीं लगाने पड़ते थे, क्यों?

उत्तर– चेतक को कोड़े नहीं लगाने पड़ते थे, क्योंकि वह महाराणा प्रताप के मात्र इशारे से ही समझ जाता था।

प्रश्न 3. चेतक कौन था?

उत्तर– महाराणा प्रताप के सबसे प्रिय और प्रसिद्ध पहुँचाकर ही रुकता है। घोड़े का नाम चेतक था।

प्रश्न 4. चेतक किसके इशारे पर मुड़ जाता था ?

उत्तर– चेतक महाराणा प्रताप के इशारे पर मुड़ जाता

प्रश्न 5. चेतक की टापों का दुश्मन पर क्या असर होता था ?

उत्तर– चेतक की टापों से दुश्मन भयभीत हो जाता था।

प्रश्न 6. चेतक शत्रु की सेना पर किस प्रकार टूट पड़ता था ?

उत्तर– चेतक शत्रु की सेना पर वज्र की भाँति टूट पड़ता था।

प्रश्न 7. ‘चेतक की वीरता’ कविता के कवि कौन हैं?

उत्तर- ‘चेतक की वीरता’ कविता के कवि श्यामनारायण पाण्डेय हैं।

प्रश्न 8. ‘अरि-मस्तक’ से क्या अभिप्राय है?

उत्तर– ‘अरि-मस्तक’ से अभिप्राय है-दुश्मन का माथा ।

प्रश्न 9. कवि ने चेतक की गति की तुलना किससे की है?

उत्तर– कवि ने चेतक की गति की तुलना हवा से की है।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. चेतक को देख दुश्मन क्यों दंग रह गए ?

उत्तर- चेतक को देख दुश्मन दंग रह गए क्योंकि वह एक अद्भुत घोड़ा था। वह अपने तेज दौड़ने, वीरता और स्वामिभक्ति के लिए जाना जाता था। साथ ही वह अपने

प्रश्न 2. महाराणा प्रताप के प्रति चेतक की स्वामिभक्ति किस बात में सबसे अधिक दिखाई देती है?

उत्तर – युद्ध में बुरी तरह घायल होने पर भी महाराणा प्रताप को सुरक्षित रणभूमि से निकालना चेतक की महाराणा प्रताप के प्रति उसकी स्वामिभक्ति को दर्शाता है। घायल होकर भी वह महाराणा प्रताप के प्रति अपनी निष्ठा और कर्तव्य को नहीं भूलता है और उन्हें सुरक्षित स्थान पर

प्रश्न 3. ‘चेतक की वीरता’ में कवि क्या संदेश देना चाहते हैं?

उत्तर- ‘चेतक की वीरता’ में कवि यह संदेश देना चाहते हैं कि अपनी सूझ-बूझ से विकट परिस्थियों में भी रास्ता खोज निकालना चाहिए। ऐसे माना जाता है कि चेतक बहुत समझदार घोड़ा था। जब हल्दी घाटी का युद्ध हुआ था उस वक्त वह बड़ी वीरता से मुगल सेना के चंगुल से महाराणा प्रताप को बचाकर लाया था और उनके प्राणों की रक्षा की।

प्रश्न 4. चेतक ने शत्रुओं का सामना कैसे किया?

उत्तर- चेतक अपने निर्भीकता तथा वीरता का परिचय देते हुए दुश्मनों पर आक्रमण कर देता था। दुश्मनों के बीच घुसकर भीड़ को रौंदते हुए आगे बढ़ जाता था। चेतक हवा से भी तेज दौड़कर दुश्मनों के छक्के छुड़ा रहा था।

Hindi Chapter 11 चेतक की वीरता Solutions Class 6

प्रश्न 5. कविता की किस पंक्ति से पता चलता है कि चेतक बहुत फुर्तीला था ?

उत्तर- “है यहीं रहा, अब यहाँ नहीं; वह वहीं रहा है वहाँ नहीं।” प्रस्तुत पंक्ति से चेतक के बहुत फुर्तीले होने का पता चलता है।

प्रश्न 6. चेतक की ‘नद-सा’ क्यों कहा गया है?

उत्तर- जिस प्रकार बड़ी नदी अपनी वेग में सब कुछ बहाकर ले जाती है उसी प्रकार चेतक जिधर जाता है उधर दुश्मन साफ हो जाते हैं। इसलिए चेतक को ‘नद-सा’ कहा गया है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. ‘चेतक की वीरता’ कविता का मूलभाव अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर- कवि श्यामनारायण पाण्डेय हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की वीरता का वर्णन करते हुए कहते हैं कि युद्ध के मैदान में चेतक हवा से भी तेज दौड़कर दुश्मनों के छक्के छुड़ा रहा है। शत्रु परेशान हैं। महाराणा प्रताप के इशारे पाते ही वह तुरंत हवा से बातें करने के समान तेज दौड़ लगाता है। चेतक के मस्तक पर चोट करते हुए आकाश पर पैर रखने के समान दौड़ लगाता है। चेतक इतना निडर है कि भाला चले या तलवार कहीं भी जाने से वह डरता नहीं। दुश्मनों के बीच घुसकर भीड़ को रौंदते हुए वह आगे बढ़ जाता था।

चेतक ऐसा फुर्तीला घोड़ा था जो अभी यहाँ है तो अभी वहाँ। देखते-ही-देखते वह एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँच जाता है। युद्ध के मैदान में ऐसी कोई जगह नहीं बची थी, जहाँ चेतक न पहुँचा हो ।

प्रश्न 2. कविता में चेतक की वीरता के बारे में बहुत-सी बातें बताई गई हैं। इनमें से कोई-सी चार बातें लिखिए जो आपको बहुत पसंद आई हों।

उत्तर- कविता में चेतक की वीरता के बारे में कई बातें बताई गई हैं, जिनमें कुछ चार बातें निम्नलिखित हैं, जो मुझे पसंद आई हैं-

(क) स्वतंत्रता का आग्रह- ‘चेतक की वीरता’ कविता में उसकी स्वतंत्रता के प्रति उनका अथक आग्रह और संघर्ष का जिक्र होता है। वह अपनी आज़ादी के लिए किसी भी प्रकार की कठिनाइयों का सामना करने को तैयार हैं, जो मुझे प्रेरित करता है।

(ख) साहसी भावना – चेतक की भावना की अभिव्यक्ति में साहस और निर्भीकता की भावना होती है। वह अपने मालिक के खिलाफ़ उठने वाले हर कदम को बिना किसी डर या हिचकिचाहट के तोड़ फेंकता है।

(ग) प्रकृति से मिलने वाला साथ – ‘चेतक की वीरता’ कविता में प्रकृति के साथ उसका गहरा संबंध और संवाद होता है। वह अपनी माँ के साथ प्रकृति के आलोचनात्मक बातचीत करता है और उसके द्वारा सीखता है।

(घ) विश्वास और समर्पण-‘चेतक की वीरता’ कविता में विश्वास और समर्पण की भावना होती है। वह अपने मालिक के प्रति अपना जीवन समर्पित कर देता है। और उसके साथ निःस्वार्थ रूप से बदल जाता है।

मूल्यपरक / व्यावहारिक प्रश्न

प्रश्न- चेतक की वीरता से हमें क्या सीख मिलती है?

उत्तर – चेतक की वीरता से हमें यह शिक्षा मिलती है। कि यदि हम किसी के मुश्किल समय में किसी का साथ देते हैं तो मार्ग में आने वाली मुश्किलों से घबराना नहीं चाहिए। ईमानदारी के साथ सहायक बनना चाहिए । विपदा के समय अपने कदम पीछे नहीं हटाने चाहिए जैसे चेतक ने अंत समय तक राणा प्रताप का साथ दिया।

CBSE For Class 6 Hindi Chapter 12 हिंद महासागर में छोटा-सा हिंदुस्तान

CBSE For Class 6 Hindi Chapter 12 हिंद महासागर में छोटा-सा हिंदुस्तान

1. पाठ का सार

‘हिंद महासागर में छोटा-सा हिंदुस्तान’ में कविवर रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जी के द्वारा रचित है। जिसमें दिनकर जी ने अपनी यात्रा का वर्णन किया है। मॉरिशस हिंद महासागर का खूबसूरत सितारा है। कवि की यात्रा दिल्ली से 15 जुलाई को मुंबई से 16 जुलाई को और नैरोबी से 17 जुलाई को मॉरिशस के लिए प्रारंभ हुई। नैरोबी का नेशनल पार्क चिड़ियाघर नहीं है। शहर से बाहर बहुत बड़ा जंगल है, जिसमें घास अधिक तथा पेड़ कम हैं।

मॉरिशस द्वितीय भूमध्य रेखा से कोई बीस डिग्री दक्खिन और देशांतर रेखा 60 के पास, किंतु उससे पश्चिम की ओर बसा हुआ है। मॉरिशस की लंबाई 29 मील तथा चौड़ाई 20 मील है। मॉरिशस वह देश है जिसका कोई भी हिस्सा समुद्र से पंद्रह मील से ज्यादा दूर नहीं है। मॉरिशस में 67% लोग भारतीय हैं जिसमे 53% लोग हिंदू हैं। मॉरिशस की राजधानी पोर्टलुई की गलियों के नाम कलकत्ता, मद्रास, हैदराबाद तथा मुंबई (बंबई) हैं। इसके एक पूरे मोहल्ले का नाम काशी है। मॉरिशस में बनारस भी है, गोकुल भी है, और ब्रह्म स्थान भी है।

मॉरिशस की राजभाषा अंग्रेज़ी, किंतु संस्कृति की भाषा फ्रेंच है। मॉरिशस की जनता क्रेयोल बोलती है। क्रेयोल का फ्रेंच से वही संबंध है, जो संबंध भोजपूरी का हिंदी भाषा से है। मॉरिशस कृषि प्रधान देश है।

मॉरिशस के प्रत्येक ग्राम में शिवालय होता है। मॉरिशस के प्रत्येक प्रमुख ग्राम में हिंदू रामचरितमानस का पाठ ढोलक और झाँझ पर गायन करते हैं। भारत के पर्व त्यौहार मॉरिशस में भी प्रचलित हैं। शिवरात्रि वर्ष का सर्वश्रेष्ठ पर्व है। मॉरिशस के एक झील का नाम परी – तालाब है। परी – तालाब केवल तीर्थ ही नहीं पिकनिक स्थान भी है।

शिवरात्रि पर हिंदू श्वेत वस्त्र पहनकर कंधों पर काँवर लेकर परी – तालाब से जल लेकर अपने गाँव के शिवालय में जाकर शिवजी को जल चढ़ाकर अपने घर में प्रवेश करते हैं।

यहाँ के भारतीय अत्याचार सहकर भी अपने धर्म पर डटे रहे और इस द्वीप को उन्होंने छोटा-सा हिंदुस्तान बना डाला जिस पर सभी भारतीयों को गर्व होना चाहिए।

2. शब्दार्थ और टिप्पणी

चिड़ियाघर – पशु-पक्षियों के रहने का स्थान, जंतुशाला। पर्यटक- दूसरे देशों में घूमने-फिरने वाला। मील – 1760 गज की दूरी, 8 फर्लांग की दूरी

दृष्टिपात – सरसरी निगाह से देखना । तुच्छातितुच्छ- अत्यंत तुच्छ, एकदम गया गुज़रा, घटिया से घटिया । खरपात- घास – पात। बदतर अत्यधिक बुरा। झुंड समूह, टोली । ताड़- भाँप। चौकन्ना – आहट लेने वाला । ठिठकना-सहम जाना । प्रवृत्ति – इंद्रिय आदि का विषयों में निरत होना । निरापद आपत्तिरहित, निर्विघ्न । रक्तचाप – खून का दबाव, रक्तदाब संबंधी एक रोग। समाँ समय, वक्त, मौसम, ऋतु । पैमाना मानदंड (तौल का आधुनिक पैमाना ) । देशांतर – भौगोलिक याम्योत्तर का वृत्त तथा ग्रीनिच से गुज़रने वाले भौगोलिक याम्पोत्तर वृत्त के बीच का कोण । भूमध्य रेखा-पृथ्वी के मध्य से जाने वाली रेखा, विषुवत रेखा।

रकबा -क्षेत्रफल, अहाता । संस्कृति संस्कृत रूप देने की क्रिया, परिष्कृति संस्कार ।

चिरायु-लंबी उम्रवाला, दीर्घायु । प्राणवत्ता – जीवित होने की अवस्था ।

टापू – जमीन का वह भाग जो चारों ओर जल से घिरा हो, द्वीप। सुरम्य- अत्यंत मनोहर और रमणीय।

3. अर्थग्रहण संबंधी एवं बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

नीचे लिखे गद्यांशों को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

1 हिरनों के झुंड ने ताड़ लिया कि उन पर सिंहों की नज़र पड़ रही है। अतएव वे चरना भूलकर चौकन्ने हो उठे। फिर ऐसा हुआ कि झुंड से छूटकर कुछ हिरन एक तरफ़ को भाग निकले, मगर बाकी जहाँ-के-तहाँ ठिठके खड़े रहे। बाकी हिरन ठिठके हुए इसलिए खड़े थे कि सिंह उन्हें देख रहे थे और सहज प्रवृत्ति हिरनों को यह समझा रही थी कि खतरा किसी भी तरफ भागने में हो सकता है। शिकार सिंह सूर्यास्त के बाद किया करते हैं और शिकार वे झुंड का नहीं करते, बल्कि उस जानवर का करते हैं जो भागते हुए झुंड से पिछड़ जाता है। अब यह बात समझ में आई कि हिरन भागने को निरापद नहीं समझकर एक गोल में क्यों खड़े थे।

CBSE Class 6 Hindi Chapter 12 हिंद महासागर में छोटा-सा हिंदुस्तान

प्रश्न-

(क) हिरनों के झुंड ने क्या किया?

(ख) झुंड से छूटकर हिरनों ने क्या किया?

(ग) सिंह शिकार कैसे करते हैं?

उत्तर- (क) हिरनों के झुंड ने ताड़ लिया कि उन पर सिंहों की नज़र पड़ रही है।

(ख) झुंड से छूटकर कुछ हिरन एक तरफ को भाग निकले, मगर बाकी जहाँ के तहाँ ठिठके खड़े रहे।

(ग) सिंह शिकार सूर्यास्त के बाद किया करते हैं और शिकार वे झुंड का नहीं करते, बल्कि उस जानवर का करते हैं जो भागते हुए झुंड से पिछड़ जाता है।

2 मॉरिशस द्वीप भूमध्य रेखा से कोई बीस डिग्री दक्खिन और देशांतर रेखा 60 के बिल्कुल पास, किंतु उससे पच्छिम की ओर बसा हुआ है। मॉरिशस की लंबाई 29 मील और चौड़ाई कोई 30 मील है। वैसे पूरे मॉरिशस द्वीप का रकबा 720 वर्गमील आँका जाता है। यह द्वीप हिंद महासागर का मोती है, भारत समुद्र का सबसे खूबसूरत सितारा है।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. मॉरिशस की लंबाई कितनी है?

(क) 35 मील

(ख) 29 मील

(ग) 40 मील

(घ) 50 मील

Answer.  (ख) 29 मील

Question 2. मॉरिशस द्वीप का रकबा कितना आँका जाता है?

(क) 720 वर्गमील

(ग) 650 वर्गमील

(ख) 750 वर्गमील

(घ) 450 वर्गमील

Answer. (क) 720 वर्गमील

Question 3. मॉरिशस द्वीप किस दिशा में बसा हुआ है?

(क) उत्तर

(ख) पूरब

(ग) पच्छिम

(घ) दक्खिन

Answer. (ग) पच्छिम

3 मॉरिशस वह देश है, जिसका कोई भी हिस्सा समुद्र से पंद्रह मील से ज्यादा दूर नहीं है। मॉरिशस वह देश है, जहाँ की जनसंख्या के 67 प्रतिशत लोग भारतीय खानदान के हैं तथा जहाँ 53 प्रतिशत लोग हिंदू हैं। मॉरिशस वह देश है, जिसकी राजधानी पोर्टलुई की गलियों के नाम कलकत्ता, मद्रास, हैदराबाद और बम्बई हैं तथा जिसके एक पूरे मोहल्ले का नाम काशी है। मॉरिशस वह देश है, जहाँ बनारस भी है, गोकुल भी है और ब्रह्मस्थान भी। मॉरिशस वह देश है, जहाँ माध्यमिक स्कूलों को कॉलेज कहने का रिवाज़ है।

चूँकि मॉरिशस के हिंदुओं में से अधिकांश बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग हैं, इसलिए हिंदी का मॉरिशस में व्यापक प्रचार है। मॉरिशस की राजभाषा अंग्रेजी, किंतु संस्कृति की भाषा फ्रेंच है। मगर जनता वहाँ क्रेयोल बोलती है।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. मॉरिशस समुद्र से कितने मील दूर है?

(क) पंद्रह मील

(ख) दस मील

(ग) आठ मील

(घ) बीस मील

Answer. (क) पंद्रह मील

Question 2. मॉरिशस में भारत के लोगों की जनसंख्या कितने प्रतिशत है?

(क) 50 प्रतिशत

(ख) 67 प्रतिशत

(ग) 40 प्रतिशत

(घ) 65 प्रतिशत

Answer. (ख) 67 प्रतिशत

Question 3. मॉरिशस में कितने प्रतिशत हिंदू हैं?

(क) 70 प्रतिशत

(ख) 50 प्रतिशत

(ग) 45 प्रतिशत

(घ) 53 प्रतिशत

Answer. (घ) 53 प्रतिशत

Class 6 Hindi Chapter 12 हिंद महासागर में छोटा-सा हिंदुस्तान NCERT Solutions

Question 4. मॉरिशस में माध्यमिक स्कूलों को क्या कहने का रिवाज है?

(क) स्कूल

(ख) पाठशाला

(ग) कॉलेज

(घ) विद्यालय

Answer. (ग) कॉलेज

4 शिवरात्रि के समय सारे मॉरिशस के हिंदू … वस्त्र धारण करके कंधों पर काँवर लिए जुलूस बाँधकर परी तालाब पर आते हैं और परी तालाब का जल भरकर अपने-अपने गाँव के शिवालय को लौट जाते हैं तथा शिवजी को जल चढ़ाकर अपने घरों में प्रवेश करते हैं। ये सारे कृत्य वे बड़ी ही भक्ति भावना और पवित्रता से करते हैं। सभी वयस्क लोग उस दिन उजली धोती, उजली कमीज़ और उजली गाँधी टोपी पहनते हैं। हाँ, बच्चे हाफ पैंट पहन सकते हैं, लेकिन गाँधी टोपी उस दिन उन्हें भी पहननी पड़ती है। परी – तालाब पर लगने वाला यह मेला मॉरिशस के प्रमुख आकर्षणों में से एक है और उसे देखने को अन्य धर्मों के लोग भी काफ़ी संख्या में आते हैं। (पृष्ठ 132)

प्रश्न-

(क) मॉरिशस के हिंदू शिवरात्रि पर क्या करते हैं?

(ख) मॉरिशस के हिंदू शिवरात्रि पर क्या पहनते हैं।

(ग) परी – तालाब पर लगने वाला मेला कैसा होता है?

उत्तर- (क) मॉरिशस के हिंदू शिवरात्रि पर श्वेत वस्त्र धारण करके कंधों पर काँवर लिए जुलूस बाँधकर परी – तालाब पर आते हैं और परी तालाब का जल भरकर अपने-अपने गाँव के शिवालय को लौट जाते हैं।

(ख) मॉरिशस के हिंदू शिवरात्रि के दिन उजली धोती, उजली कमीज और उजली गाँधी टोपी पहनते हैं।

(ग) परी – तालाब पर लगने वाला मेला मॉरिशस के प्रमुख आकर्षणों में से एक है और उसे देखने के लिए अन्य धर्मों के लोग भी काफी संख्या में आते हैं।

4. पाठ से प्रश्न- अभ्यास

मेरी समझ से

प्रश्न (क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (*) बनाइए-

(1) हिरण समूह में क्यों खड़े थे?

भागने पर उन्हें सिंह के आक्रमण का डर था।

वे भाग चुके हिरणों के लौटने की प्रतीक्षा में थे।

वे बीच खड़े असावधान जिराफ की रक्षा कर रहे थे।

सिंह उनसे उदासीन थे अतः उन्हें कोई खतरा नहीं था।

(2) मॉरिशस छोटे पैमाने पर भारतवर्ष ही है। कैसे?

गन्ने की खेती अधिकतर भारतीयों द्वारा की जाती है।

अधिकतर जनसंख्या भारत से जाने वालों की है।

सभी भारतवासी परी तालाब पर एकत्रित होते हैं।

भारत की बहुत-सी विशेषताएँ वहाँ दिखाई देती हैं।

उत्तर- (1) * भागने पर उन्हें सिंह के आक्रमण का डर था।

(2) * भारत की बहुत-सी विशेषताएँ वहाँ दिखाई देती हैं।

सोच-विचार के लिए

प्रश्न (क) “नैरोबी का नेशनल पार्क चिड़ियाघर नहीं है।”

नेशनल पार्क और चिड़ियाघर में क्या अंतर है?

(ख) “हम लोग पेड़-पौधे और खरपात से भी बदतर समझे गए। ”

वे कौन थे जिन्होंने लेखक और अन्य लोगों को पेड़-पौधों और खरपात से भी बदतर समझ लिया था? उन्होंने ऐसा क्यों समझ लिया था ?

(ग) “मॉरिशस की असली ताकत भारतीय लोग ही हैं। ”

पाठ में इस कथन के समर्थन में कौन-सा तर्क दिया गया है?

(घ) “उस द्वीप को उन्होंने छोटा-सा हिंदुस्तान बना डाला ”

हिंद महासागर में छोटा-सा हिंदुस्तान Chapter 12 Hindi Class 6 NCERT Solutions

उत्तर– (क) “नैरोबी का नेशनल पार्क चिड़ियाघर नहीं है।

नेशनल पार्क और चिड़ियाघर में अंतर नेशनल पार्क शहर से बाहर बहुत बड़े जंगल में होता है जिसमें घास बहुत अधिक तथा पेड़ बहुत कम होते हैं। नेशनल पार्क में सर्वत्र अच्छी सड़कें बनी हुई होती हैं तथा उस पर पर्यटकों की गाड़ियाँ दौड़ती रहती है। नेशनल पार्क में शेर और हिरणों का समूह स्वतंत्र रूप से विचरण करता रहता है।

चिड़ियाघर में पशु-पक्षी तथा शेर, हिरण अन्य जानवर एक सीमित क्षेत्र में ही रहते हैं। जिसके लिए कुछ निर्धारित स्थान निवास के लिए बनाए जाते हैं जो कि एक सीमित दायरा होता है।

(ख) “हम लोग पेड़-पौधे और खरपात से भी बदतर समझे गए।”

लेखक और अन्य लोग जब दस-बीस मील के भीतर हर सड़क छान लेने के बाद उस स्थान पर पहुँचे जहाँ सात-आठ सिंह लेटे या सोए हुए थे। उन सिंहो को पूछ जानने की इच्छा नहीं थी कि उन्हें देखने को आने वाले लोग कौन हैं। उन सिंहों ने कभी भी दृष्टिपात नहीं किया मानो ये लोग (लेखक और अन्य लोग) तुच्छातितुच्छ हो और उनकी नजर में आने के योग्य बिल्कुल नहीं है। एक सिंह ने उठकर जम्हाई ली, दूसरे ने देह को ताना, मगर उनकी और नजर नहीं उठाई। तब उन लोगों को लगा कि- हम लोग पेड़-पौधे और खरपात से भी बदतर समझे गए।

(ग) “मॉरिशस की असली ताकत भारतीय लोग ही हैं।’

मॉरिशस वह देश है जहाँ की जनसंख्या के 67 प्रतिशत लोग भारतीय खानदान के हैं तथा जहाँ 53 प्रतिशत लोग हिंदू ही हैं। मॉरिशस में ऊख की खेती और उसके व्यवसाय को जो सफलता मिली है, भारतीयों के कारण मिली है। मॉरिशस की असली ताकत भारतीय लोग ही हैं।

(घ) “उस द्वीप को उन्होंने छोटा-सा हिंदुस्तान बना डाला ”

मॉरिशस वह देश है जिसकी राजधानी पोर्टलुई की गलियों के नाम- कलकत्ता, मद्रास, हैदराबाद और बंबई हैं तथा जिसके एक मोहल्ले का नाम काशी है। मॉरिशस वह देश भारत से गए लोगों ने मॉरिशस को हिंदुस्तान जैसा है, जहाँ बनारस भी है, गोकुल भी है और ब्रह्म स्थान भी कैसे बना दिया है? है। मॉरिशस जाकर हम अपनी संस्कृति की प्राणवत्ता का ज्ञान आसानी से प्राप्त कर लेते हैं। मालिकों की इच्छा तो पूछी ” थी कि भारतीय लोग भी क्रिस्तान हो जाएँ किंतु भारतीयों ने अत्याचार तो सहे, लेकिन पूलोमनो को ठुकरा दिया। वे अपने धर्म पर डटे रहे और जिस द्वीप में भगवान ने उन्हें भेज दिया था, उस द्वीप को उन्होंने छोटा-सा हिंदुस्तान बना डाला । मिलकर करें मिलान

यात्रा – वृत्तांत की रचना

” इतने में कोई मील-भर की दूरी पर हिरनों का एक झुंड दिखाई पड़ा। अब दो जवान सिंह उठे और दो ओर को चल दिए। एक तो थोड़ा-सा आगे बढ़कर एक जगह बैठ गया, लेकिन दूसरा घास के बीच छिपता हुआ पर आगे बढ़ने लगा।”

इन वाक्यों को पढ़कर ऐसा लगता है मानो हम लेखक की आँखों से स्वयं वह दृश्य देख रहे हैं। मानो हम स्वयं भी उस स्थान की यात्रा कर रहे हैं, जहाँ का वर्णन लेखक ने किया है। यह इस यात्रा – वृत्तांत की एक महत्वपूर्ण विशेषता है। यदि आप इस यात्रा – वृत्तांत को थोड़ा और ध्यान से पढ़ेंगे तो आपको और भी बहुत सी विशेषताएँ पता चलेगी।

उत्तर- छात्र / छात्राएँ स्वयं उत्तर दें।

अनुमान या कल्पना से

अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए-

प्रश्न (क) “मॉरिशस वह देश है, जहाँ बनारस भी है, गोकुल भी है और ब्रह्मस्थान भी । ”

मॉरिशस में लोगों ने गली-मोहल्लों के नाम इस तरह के क्यों रखे होंगे?

(ख) “कोई सात-आठ सिंह लेटे या सोए हुए थे और उन्हें घेरकर आठ-दस मोटरें खड़ी थीं। ”

आपने पढ़ा कि केन्या का राष्ट्रीय पार्क पर्यटकों से भरा रहता है। पर्यटक जंगली जानवरों को घेरे रहते हैं। क्या इसका उन पशुओं पर कोई प्रभाव पड़ता होगा? अपने उत्तर के कारण भी बताइए ।

(संकेत- राष्ट्रीय पार्क के बंदरों, सिंहों का व्यवहार भी बदल गया है।)

(ग) “हिरनों का एक झुंड दिखाई पड़ा, जिनके बीच एक जिराफ बिल्कुल बेवकूफ की तरह खड़ा था । ” सिंहों के आस-पास होने के बाद भी जिराफ क्यों खड़ा रहा होगा?

(घ) “मॉरिशस के मध्य में एक झील है, जिसका संबंध हिंदुओं ने परियों से बिठा दिया है और उस झील का नाम अब परी तालाब हो गया है।”

उस झील का नाम ‘परी-तालाब’ क्यों पड़ा होगा?

(ङ) आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि लगभग 50 साल पहले ‘परी-तालाब’ का नाम बदलकर ‘गंगा-तालाब’ कर दिया गया है। मॉरिशस के लोगों ने यह नाम क्यों रखा होगा?

उत्तर- छात्र/छात्राएँ अपने समूह में मिलकर चर्चा करें।

CBSE Hindi Class 6 Chapter 12 हिंद महासागर में छोटा-सा हिंदुस्तान

शब्दों की बात

संज्ञा के स्थान पर

(क) “हिरनों ने ताड़ लिया कि उन पर सिंहों की नजर पड़ रही है। अतएव वे चरना भूलकर चौकन्ने हो उठे। ”

इन पंक्तियों में रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए। इन वाक्यों में ये शब्द किनके लिए उपयोग किए गए हैं? ये शब्द ‘हिरनों’ के लिए उपयोग में लाए गए हैं। आप जानते ही हैं कि ‘हिरन’ यहाँ एक संज्ञा शब्द है। जो शब्द संज्ञा शब्दों के स्थान पर उपयोग में लाए जाते हैं, उन्हें ‘सर्वनाम ‘ कहते हैं।

अब नीचे दिए गए वाक्यों में सर्वनाम शब्दों को पहचानिए और उनके नीचे रेखा खीखिए-

1.“हाँ, बच्चे हाफ पैंट पहन सकते हैं, लेकिन गांधी टोपी उस दिन उन्हें भी पहननी पड़ती है। ”

2. ” भारतीयों ने अत्याचार तो सहे, लेकिन प्रलोभनों को ठुकरा दिया। वे अपने धर्म पर डटे रहे और जिस द्वीप में भगवान ने उन्हें भेज दिया था, उस द्वीप को उन्होंने छोटा-सा हिंदुस्तान बना डाला।”

पहचान पाठ के आधार पर

प्रश्न- आपने इस यात्रा – वृत्तांत में तीन देशों के नाम पढ़े हैं- भारत, केन्या और मॉरिशस । पुस्तकालय या कक्षा में उपलब्ध मानचित्र पर भारत को तो आप सरलता से पहचान ही लेंगे। पाठ में दी गई जानकारी के आधार पर बाकी दोनों देशों को पहचानिए ।

उत्तर- छात्र/छात्राएँ पुस्तकालय पर कक्षा में उपलब्ध मानचित्र पर पाठ में दी गई जानकारी के आधार पर भारत केन्या और मॉरिशस देशों की पहचान करें।

5. पाठ से आगे प्रश्न – अभ्यास

आपकी बात

प्रश्न (क) – “वहाँ जो कुछ देखा, वह जन्मभर कभी नहीं भूलेगा।”

क्या आपने कभी ऐसा कुछ देखा, सुना या पढ़ा है जिसके बारे में आपको लगता है कि आप उसे कभी नहीं भूल सकेंगे? उसके बारे में अपने समूह में बताइए |

(ख) “हमें अफ़्रीका के शेरों से मुलाकात कर सेनी चाहिए।”

‘मुलाकात’ शब्द का अर्थ है ‘मिलना’। लेकिन यहाँ ‘मुलाकात’ शब्द का भाव है- शेरों को पास से देखना। इसके लिए ‘अपनी आँखों से देखना’, ‘सजीव देखना’ ‘भेंट करना’ आदि शब्दों का प्रयोग भी किया जाता है। अपनी बात को और अधिक सुदंर और अनोखा रूप देने के लिए शब्दों के इस प्रकार के प्रयोग किए जाते हैं।

आपने अब तक किन-किन पशु-पक्षियों से ‘मुलाकात’ की है? वह मुलाकात कहाँ हुई थी? बताइए।

हस्ताक्षर

आप जानते ही हैं कि यह पाठ हिंदी के प्रसिद्ध लेखक रामधारी सिंह ‘दिनकर’ ने लिखा है। वे अपने नाम को कुछ इस प्रकार लिखते थे-

अपनी पहचान प्रकट करने के लिए अपने नाम को किसी विशेष प्रकार से लिखने को हस्ताक्षर कहते हैं। हस्ताक्षर का प्रयोग व्यवति को जीवनभर अनेक कार्यों के लिए करना होता है। आपके विद्यालय में भी आपसे हस्ताक्षर करवाए जाते होंगे। आप प्रार्थना-पत्रों के अंत में भी अपने हस्ताक्षर करते होंगे।

हो सकता है अभी आपने अपने हस्ताक्षर निर्धारित न किए हों। यदि नहीं भी किए हैं तो कोई बात नहीं। आप चाहें तो आज भी अपने हस्ताक्षर निर्धारित कर सकते हैं।

नीचे दिए गए स्थान पर अपने हस्ताक्षर पाँच बार कीजिए। ध्यान रखें कि आपके हस्ताक्षर एक जैसे हों, अलग-अलग न हों।

नोट- नीचे दिए गए स्थान पर छात्र / छात्राएँ पाँच बार अपने हस्ताक्षर करें जो एक ही जैसे हों।

पत्र

यहाँ ‘दिनकर’ का लिखा एक पत्र दिया जा रहा है। इसे पढ़िए और प्रश्नों के उत्तर लिखिए। पत्र पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर अपने समूह में मिलकर खोजिए-

नई दिल्ली

8-7-67

Class 6 Hindi Chapter 12 हिंद महासागर में छोटा-सा हिंदुस्तान Notes

मान्यवर चतुर्वेदी जी,

आपका कृपा-पत्र मिला। मेरा स्वास्थ्य इधर बहुत गिर गया है और संयम के बावजूद तेजी से सुधर नहीं रहा है। मेरा चित्त अभी भी दबा हुआ है। ऐसी अवस्था में मैंने दो सप्ताह के लिए मॉरिशस जाना स्वीकार कर लिया है। 15 जुलाई को प्रस्थान करना है। लौटना शायद 5 अगस्त तक हो ।

आपके आशीर्वाद की कामना करता हूँ।

आपका दिनकर

सफ़दरजंग लेन, नई दिल्ली

(क) पत्र किसने लिखा है?

(ख) पत्र किसे लिखा गया है?

(ग) पत्र किस तिथि को लिखा गया है?

(घ) पत्र किस स्थान से लिखा गया है?

(ङ) पत्र पाने वाले के नाम से पहले किस शब्द का प्रयोग किया गया है?

(च) पत्र लेखक ने अपने नाम से पहले अपने लिए क्या शब्द लिखा है?

उत्तर- (क) पत्र रामधारी सिंह ‘दिनकर’ ने लिखा है।

(ख) पत्र चतुर्वेदी जी को लिखा गया है।

(ग) पत्र 8-7-67 को लिखा गया है।

(घ) पत्र सफ़दरजंग लेन, नई दिल्ली से लिखा गया है।

(ङ) पत्र पाने वाले के नाम से पहले ‘मान्यवर’ शब्द का प्रयोग किया गया है।

(च) पत्र – लेखक ने अपने नाम से पहले अपने लिए ‘आपका’ शब्द लिखा है।

खोजबीन के लिए

नीचे दी गई रचनाओं को पुस्तक में दिए गए क्यू. आर. कोड की सहायता से पढ़ें, देखें व समझें-

चाँद का कुर्ता

मिर्च का मज़ा

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की जीवनी

हिमालय के पर्वतीय प्रदेश की मनोरम यात्रा

उत्तर- छात्र/छात्राएँ क्यू. आर. कोड की सहायता से स्वयं करें।

6. अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. लेखक नैरोबी से मॉरिशस किस जहाज से उड़े ?

(क) एयर इंडिया

(ख) बी.ओ.ए.सी.

(ग) इंडियन एयरलाइंस

(घ) वायुसेना

Answer. (ख) बी.ओ.ए.सी.

Question 2. मॉरिशस की लंबाई और चौड़ाई कितनी है?

(क) 29 मील और चौड़ाई 30 मील

(ख) 20 मील और चौड़ाई 30 मील

(ग) 15 मील और चौड़ाई 25 मील

(घ) 35 मील और चौड़ाई 20 मील

Answer. (क) 29 मील और चौड़ाई 30 मील

Question 3. मॉरिशस द्वीप का रकबा कितना है?

(क) 570 वर्ग मील

(ख) 350 वर्ग मील

(ग) 721 वर्ग मील

(घ) 720 वर्ग मील

Answer.  (घ) 720 वर्ग मील

Chapter 12 हिंद महासागर में छोटा-सा हिंदुस्तान Hindi Class 6 Solutions

Question 4. मॉरिशस के सभी भारतीय कौन-सी भाषा बोलते हैं।

(क) भोजपुरी

(ख) अवधी

(ग) हिंदी

(घ) मराठी

Answer. (क) भोजपुरी

अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. ‘हिंद महासागर में छोटा-सा हिंदुस्तान’ पाठ के लेखक की यात्रा कब और कहाँ से कहाँ के लिए शुरू हुई ?

उत्तर- पाठ के लेखक की यात्रा दिल्ली से 15 जुलाई को, बंबई (मुंबई) से 16 जुलाई को और नैरोबी से 17 जुलाई को मॉरिशस के लिए रवाना हुई।

प्रश्न 2. नैरोबी का नेशनल पार्क कैसा है?

उत्तर- नैरोबी का नेशनल पार्क चिड़ियाघर नहीं है। शहर से बाहर बहुत बड़ा जंगल है, जिसमें घास अधिक, पेड़ बहुत कम हैं, लेकिन जंगल में सभी जगह अच्छी सड़कें बिछी हुई हैं।

प्रश्न 3. लेखक ने नेशनल पार्क पहुँचने पर क्या देखा?

उत्तर- लेखक ने नेशनल पार्क पहुँचने पर देखा कि कोई सात-आठ सिंह लेटे या सोए हुए थे और उन्हें घेरकर आठ-दस मोटरें खड़ी थीं। तुर्रा यह कि सिंहों को पहचानने की कोई इच्छा ही नहीं थी कि हमें देखने को आने वाले लोग कौन हैं? लेखक वहाँ आधा घंटा ठहरा था। इस बीच एक सिंह ने उठकर जम्हाई ली, दूसरे ने देह को ताना, मगर हमारी ओर किसी भी सिंह ने नज़र नहीं उठाई।

प्रश्न 4. लेखक ने मील-भर की दूरी पर क्या देखा?

उत्तर- लेखक ने मील-भर की दूरी पर हिरनों का झुंड देखा जिनके बीच एक जिराफ़ बिल्कुल बेवकूफ़ की तरह खड़ा था। अब दो जवान सिंह उठे और दो ओर चल दिए। एक तो थोड़ा-सा आगे बढ़कर एक जगह बैठ गया। लेकिन दूसरा घास के बीच छिपता हुआ मोर्चे पर आगे बैढ़ने लगा।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. हिरनों के झुंड ने क्या ताड़ लिया?

उत्तर- हिरनों के झुंड ने ताड़ लिया कि उन पर सिंहों की नज़र पड़ रही है। अत: हिरनों ने चरना भूलकर चौकन्ने हो उठे। फिर ऐसा हुआ कि झुंड से छूटकर कुछ हिरन एक तरफ़ को भाग निकले, मगर बाकी जहाँ-के-तहाँ ठिठके खड़े रहे। शेष हिरन ठिठके हुए इसलिए खड़े थे कि सिंह उन्हें देख रहे थे और सहज प्रवृत्ति हिरनों को यह समझा रही थी कि खतरा किसी भी तरफ भागने में हो सकता है।

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प्रश्न 2. लेखक की नैरोबी से मॉरिशस तक की यात्रा कैसी रही?

उत्तर- नैरोबी से मॉरिशस तक लेखक बी.ओ.ए.सी. के जहाज़ में उड़े। जहाज़ नैरोबी से चार बजे शाम को उड़ा और पाँच घंटों की निरंतर उड़ान के बाद जब वह मॉरिशस पहुँचा, तब वहाँ रात के लगभग दस बज रहे थे। रात थी, अँधेरा था, पानी बरस रहा था । लेखक के स्वागत में बहुत लोग खड़े थे।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. मॉरिशस द्वीप कहाँ बसा है? उसकी लंबाई-चौड़ाई कितनी है?

उत्तर- मॉरिशस द्वीप भूमध्य रेखा से कोई बीस डिग्री दक्खिन और देशांतर रेखा 60 के बिल्कुल पास, किंतु उससे पच्छिम की ओर बसा हुआ है। मॉरिशस की लंबाई 29 मील और चौड़ाई कोई 30 मील है। वैसे पूरे मॉरिशस द्वीप का रकबा 720 वर्ग मील आँका जाता है। यह द्वीप हिंद महासागर का मोती है, भारत समुद्र का सबसे खूबसूरत सितारा है।

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प्रश्न 2. मॉरिशस के हिंदू शिवरात्रि पर क्या करते है?

उत्तर – शिवरात्रि के समय सारे मॉरिशस के हिंदू श्वेत वस्त्र धारण करके कंधों पर काँवर लिए जुलूस बाँधकर परी तालाब पर आते हैं और परी-तालाब का जल भरकर अपने-अपने गाँव के शिवालय को लौटे जाते हैं। तथा शिवजी को जल चढ़ाकर अपने घरों में प्रवेश करते हैं। ये सारे कृत्य वे बड़ी ही भक्ति भावना और पवित्रता से करते हैं। सभी वयस्क लोग उस दिन उजली धोती, उजली कमीज़ और उजली गाँधी टोपी पहनते हैं।

मूल्यपरक / व्यावहारिक प्रश्न

प्रश्न- महाशिवरात्रि को लेकर भगवान शिव से जुड़ी मान्यता आपके अनुसार क्या है?

उत्तर – शिवरात्रि के संबंध में ऐसा माना जाता है कि इस विशेष दिन ही ब्रह्मा के रूद्र रूप में मध्य रात्रि को भगवान शंकर का अवतरण हुआ था। वहीं यह भी मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने तांडव कर अपना तीसरा नेत्र खोला था और ब्रह्मांड को इस नेत्र की ज्वाला से समाप्त किया।

CBSE For Class 6 Hindi Chapter 13 पेड़ की बात

CBSE For Class 6 Hindi Chapter 13 पेड़ की बात

1. पाठ का सार

प्रस्तुत पाठ श्री जगदीशचंद्र बसु द्वारा लिखित है और श्री शंकर सेन ने इसका हिंदी अनुवाद किया है। लेखक ने इस पाठ के माध्यम से हमें पेड़ों के विषय में जानकारी देते हुए उनका महत्त्व बताया है। एक बीज से पनपकर पौधा और पौधे से पेड़, पेड़ों से फूल-फल तथा बीज उत्पन्न होते हैं। और यही बीज धरती में जाकर पुन: इस चक्र को चलाते हैं।

अंकुरित बीज का वह भाग जो धरती के अंदर जाता है उसे जड़ तथा भूमि के ऊपर का भाग तना कहलाता है। धीरे-धीरे पेड़ पर पत्तियाँ आती हैं जो कि सूर्य के प्रकाश की सहायता से पेड़ के लिए भोजन बनाती हैं। पेड़ों को भी भोजन की आवश्यकता होती है। जड़ों के माध्यम से मिट्टी में उपस्थित द्रव्य तने तथा पौधे के शेष भागों में पहुँचते हैं। पेड़ों से ही हमें प्राणवायु मिलती है जो कि हर मानव के लिए आवश्यक है। भोजन निर्माण ( प्रकाश संश्लेषण) की प्रक्रिया में पेड़ हमारे द्वारा छोड़ी गई कार्बन डाई ऑक्साइड ग्रहण कर लेते हैं और इसके बदले हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं।

क्लोरोफिल + कार्बन डाई ऑक्साइड सूर्य का प्रकाश, ऑक्सीजन + H2O (पानी)

सभी पौधों को जीवित रहने के लिए प्रकाश की आवश्यकता ही नहीं, अनिवार्यता है। पेड़ों की लकड़ी को जलाने से जो गरमी व प्रकाश उत्पन्न होता है, वह सूर्य की ही गरमी व प्रकाश है। जिस प्रकार मानव जीवन का चक्र चलाने के लिए संतानोत्पत्ति होती है; उसी प्रकार बीज ही पेड़ों की संतान है। हमारी दूषित वायु पारस पत्थर के समान कार्य करके पेड़ों द्वारा ऑक्सीजन में बदल जाती है और फिर हमें फल-फूल प्राप्त होते हैं। वृक्षों के फूलों में शहद का संचय होता है, जिसका पान करने के लिए तितलियाँ व मधुमक्खियाँ पेड़ों से मित्रता कर लेती हैं। मधुमक्खियाँ तो पराग कणों के स्थानांतरण से प्रजनन प्रक्रिया में सहायक बनती है।

धीरे-धीरे पेड़ों की शक्ति क्षीण हो जाती है और बुढ़ापे की ओर अग्रसर होने लगते हैं। हवा के साथ पेड़ धरती की शरण में चले जाते हैं और अपनी संतान (बीज) के लिए अपना बलिदान दे देते हैं।

2. शब्दार्थ और टिप्पणी

शिशु – बच्चा । आहिस्ता-धीरे । दरक- खिसकना, खुलना। भेदकर- चीरकर प्रवेश घुसना । औंधा – उल्टा।

भेद – रहस्य । तरल-बहने वाला (Liquid) । द्रव्य-पदार्थ सूक्ष्मदर्शी ( माइक्रोस्कोप) -जो छोटी-से-छोटी वस्तु देख सकता है। अत्यंत-बहुत । परीक्षण – जाँच । माटी-मिट्टी । संचार प्रवाह । आहार भोजन । प्रश्वास – साँस छोड़ना । विषाक्त जहरीली। विधाता-भगवान।

संवर्दधन – बढ़ौतरी / वृद्धि। सर्वाधिक-सबसे अधिक। वन- अरण्य – जहाँ पेड़-पौधे तथा वन प्राणी रहते है । उर्जा-शक्ति । खुराक – भोजन (D1et) । व्यग्र – उत्तेजित । सुरक्षा – देखभाल । न्योछावर – बलिदान । ममता – स्नेह |

परिजन-परिवार के लोग । प्रफुल्लित – खिलना (प्रसन्न होना) । निमंत्रित – बुलाया जाना। स्नेहसिक्त – प्यार से भरपूर । घनिष्ठता-मित्रता । चिरकाल- लंबा समय । आगमन – आना। संचय – इकट्ठा करना । उपकार-भला । पोषण – पालन । बयार बहना। क्रीड़ा-खेल | आघात – चोट । अकस्मात – अचानक ।

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3. अर्थग्रहण संबंधी एवं बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

नीचे लिखे गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर उन पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

1 वृक्ष का अंकुर निकलने पर जो अंश माटी के भीतर प्रवेश करता है, उसका नाम जड़ है और जो अंश ऊपर की ओर बढ़ता है, उसे तना कहते हैं। सभी पेड़-पौधों में ‘जड़ व तना’ ये दो भाग मिलेंगे। यह एक आश्चर्य की बात है कि पेड़-पौधों को जिस तरह ही रखो, जड़ नीचे की ओर जाएगी व तना ऊपर की ओर उठेगा। एक गमले में पौधा था। परीक्षण करने के लिए कुछ दिन गमले को | प्रश्न- औंधा लटकाए रखा।

पौधे का सिर नीचे की तरफ़ लटका रहा और जड़ ऊपर की ओर रही। दो-एक दिन बाद क्या देखता हूँ कि जैसे पौधे को भी सब भेद मालूम हो गया हो।

प्रश्न-

(क) अंकुर का वह भाग जो माटी के भीतर प्रवेश करता है, क्या कहलाता है?

(ख) पौधे का तना किस तरफ़ जाता है?

(ग) पौधे को कौन-सा भेद मालूम हो गया था ?

उत्तर- (क) अंकुर का वह भाग जो माटी के भीतर प्रवेश करता है, जड़ कहलाता है।

(ख) पौधे का वह भाग जो ऊपर की तरफ़ बढ़ता है, वह तना कहलाता है।

पौधे का तना सदैव ऊपर की ओर बढ़ता है।

(ग) पौधे का सिर नीचे की तरफ़ लटका रहा और जड़ ऊपर की ओर रही। दो-एक दिन बाद क्या देखता हूँ कि जैसे पौधे को भी सब भेद मालूम हो गया हो ।

[2] सूक्ष्मदर्शी से अत्यंत सूक्ष्म पदार्थ स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं। पेड़ की डाल अथवा जड़ का इस यंत्र द्वारा परीक्षण करके देखा जा सकता है कि पेड़ में हज़ारों-हज़ार नल हैं। इन्हीं सब नलों के द्वारा माटी से पेड़ के शरीर में रस का संचार होता है।

इसके अलावा वृक्ष के पत्ते हवा से आहार ग्रहण करते हैं। पत्तों में अनगिनत छोटे-छोटे मुँह होते हैं। सुक्ष्मदर्शी के जरिए अनगिनत मुँह पर अनगिनत होंठ देखे जा सकते हैं। जब आहार करने की ज़रूरत न हो तब दोनों होंठ बंद हो जाते हैं। जब हम श्वास-प्रश्वास ग्रहण करते हैं तब प्रश्वास के साथ एक प्रकार की विषाक्त वायु बाहर निकलती है, उसे ‘अंगारक’ वायु कहते हैं। अगर यह ज़हरीली हवा पृथ्वी पर इकट्ठी होती रहे तो तमाम जीव-जंतु कुछ ही दिनों में उसका सेवन करके नष्ट हो सकते हैं। ज़रा विधाता की करुणा का चमत्कार तो देखो, जो जीव-जंतुओं के लिए जहर है, पेड़-पौधे उसी का सेवन करके उसे पूर्णतया शुद्ध कर देते हैं।

(क) सूक्ष्मदर्शी यंत्र का क्या उपयोग है?

(ख) ‘अंगारक वायु’ किसे कहते हैं?

(ग) वृक्ष अपना आहार किस प्रकार ग्रहण करते हैं?

उत्तर- (क) सूक्ष्मदर्शी यंत्र अत्यंत सूक्ष्म पदार्थों को स्पष्ट रूप से देखने के काम आता है। इस यंत्र द्वारा परीक्षण करके देखा जा सकता है कि पेड़ में हज़ारों-हज़ार नल हैं। इन सब नलों के द्वारा ही माटी से पेड़ के शरीर में रस का संचार होता है।

(ख) जब हम श्वास-प्रश्वास ग्रहण करते हैं तब प्रश्वास के साथ एक प्रकार की विषाक्त वायु बाहर निकलती है, उसे ही ‘अंगारक वायु’ कहते हैं। यह दूषित वायु है।

(ग) वृक्ष के पत्ते हवा से आहार ग्रहण करते हैं। पत्तों में अनगिनत छोटे-छोटे मुँह (छेद) होते हैं। ये मुँह केवल आहार लेने के समय ही खुलते हैं, अन्यथा बंद रहते हैं।

3 अब तो समझ गए होंगे कि प्रकाश ही जीवन का मूलमंत्र है। सूर्य किरण का स्पर्श पाकर ही पेड़ पल्लवित होता है। पेड़-पौधों के रेशे- रेशे में सूरज की किरणें आबद्ध हैं। ईंधन को जलाने पर जो प्रकाश व ताप बाहर प्रकट होता है, वह सूर्य की ही ऊर्जा है। पेड़-पौधे व समस्त हरियाली प्रकाश हथियाने के जाल हैं। पशु-डाँगर, पेड़-पौधे या हरियाली खाकर अपने प्राणों का निर्वाह करते हैं। पेड़-पौधों में जो सूर्य का प्रकाश समाहित है वह इसी तरह जंतुओं के शरीर में प्रवेश करता है। अनाज व सब्ज़ी न खाने पर हम भी बच नहीं सकते हैं। सोचकर देखा जाए तो हम भी प्रकाश की खुराक पाने पर ही जीवित हैं।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. पेड़ पल्लवित कैसे होता है?

(क) वायु से

(ख) प्रकाश से

(ग) सूर्य किरण का स्पर्श पाकर

(घ) नमी से

Answer. (ग) सूर्य किरण का स्पर्श पाकर

Question 2. जीवन का मूलमंत्र है-

(क) पानी

(ख) वायु

(ग) मिट्टी

(घ) प्रकाश

Answer. (घ) प्रकाश

Class 6 Hindi Chapter 13 पेड़ की बात NCERT Solutions

Question 3. ईंधन जलने पर प्रकाश व ताप कहाँ से आता है?

(क) लकड़ी गरम हो जाती है।

(ख) उसमें सूर्य की ऊर्जा है।

(ग) लकड़ी नमी खो देती है।

(घ) इनमें से कोई नहीं है।

Answer. (ख) उसमें सूर्य की ऊर्जा है।

Question 4. प्रकाश हथियाने का जाल कौन है?

(क) मानव जाति

(ख) पेड़-पौधे

(ग) हरियाली

(घ) पेड़-पौधे व हरियाली ।

Answer. (घ) पेड़-पौधे व हरियाली ।

4 वृक्ष अपने फूलों में शहद का संचय करके रखते हैं। मधुमक्खी व तितली बड़े चाव से मधुपान करती हैं। मधुमक्खी के आगमन से वृक्ष का भी उपकार होता है। तुम लोगों ने फूल में पराग कण देखे होंगे। मधुमक्खियाँ एक फूल के पराग कण दूसरे फूल पर ले जाती हैं। पराग कण के बिना बीज पक नहीं सकता।

इस प्रकार फूल में बीज फलता है। अपने शरीर का रस पिलाकर वृक्ष बीजों का पोषण करता है। अब अपनी जिंदगी के लिए उसे मोह-माया का लोभ नहीं है। तिल-तिल कर संतान की खातिर सब कुछ लुटा देता है। जो शरीर कुछ दिन पहले हरा-भरा था, अब वह बिल्कुल सूख गया है। अपने ही शरीर का भार उठाने की शक्ति क्षीण हो चली है। (पृष्ठ 148)

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. फूलों में उपस्थित शहद का पान कौन करता है?

(क) तितली

(ख) मधुमक्खी

(ग) दोनों

(घ) इनमें से कोई नहीं

Answer.  (ग) दोनों

Question 2. मधुमक्खियाँ पराग-कण में क्या मदद करती हैं?

(क) पराग कण उनका भोजन है।

(ख) पराग कण को गिरा देती हैं।

(ग) एक फूल से दूसरे फूल तक ले जाती हैं।

(घ) सभी उत्तर सही हैं।

Answer. (घ) सभी उत्तर सही हैं।

Question 3. बीज कहाँ पलता है?

(क) पत्तों में

(ख) फल में

(ग) तने में

(घ) जड़ में

Answer.  (घ) जड़ में

पेड़ की बात Chapter 13 Hindi Class 6 NCERT Solutions

Question 4. हरा-भरा पेड़ धीरे-धीरे सूख जाता है क्योंकि-

(क) उसकी शक्ति क्षीण हो जाती है।

(ख) संतान के लिए स्वयं को बलिदान कर देती हैं।

(ग) पेड़ बूढ़ा होने लगता है।

(घ) पेड़ तिल-तिल कर अपना सब कुछ लुटा

Answer. (ख) संतान के लिए स्वयं को बलिदान कर देती हैं।

4. पाठ से प्रश्न- अभ्यास

मेरी समझ से

प्रश्न (क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा ( ) बनाइए –

(1) “जैसे पौधे को भी सब भेद मालूम हो गया हो” पौधे को कौन सा भेद पता लग गया ?

उसे उल्टा लटकाया गया है।

उसे किसी ने सजा दी है।

बच्चे को गमला रखना नहीं आया।

प्रकाश ऊपर से आ रहा है।

(2) पेड़-पौधे जीव-जंतुओं के मित्र कैसे हैं?

हमारे जैसे ही साँस लेते हैं।

हमारे जैसे ही भोजन ग्रहण करते हैं।

हवा को शुद्ध करके सहायता करते हैं।

धरती पर हमारे साथ ही जन्मे हैं।

उत्तर- (1) * उसे उल्टा लटकाया गया है।

(2) * हमारे जैसे ही भोजन ग्रहण करते हैं।

पंक्तियों पर चर्चा

प्रश्न (क) “पेड़-पौधों के रेशे- रेशे में सूरज की किरणें आबद्ध हैं। ईंधन को जलाने पर जो प्रकाश व ताप बाहर प्रकट होता है, वह सूर्य की ही ऊर्जा है।”

(ख) “मधुमक्खी व तितली के साथ वृक्ष की चिरकाल से घनिष्ठता है। वे दल-बल सहित फूल देखने आती हैं। “

उत्तर- (क) इन पंक्तियों का आशय यह है कि पेड़-पौधों का जीवन प्रकाश के बिना असंभव है क्योंकि बिना भोजन खाए कोई भी जीवित नहीं रह सकता और प्रकाश की उपस्थिति में कार्बन डाईऑक्साइड और क्लोरोफिल की सहायता से पौधे अपना भोजन बनाते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं जो कि हमारी प्राणवायु है। पौधों के हर रोयें में प्रकाश विद्यमान है। ईंधन (पेड़ों की लकड़ी) जलाने पर जो प्रकाश व गरमी निकलती है, वह वास्तव में सूर्य का प्रकाश तथा ऊर्जा है। इसलिए यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि पौधों के हर कण में सूर्य की किरणें विद्यमान हैं।

(ख) मधुमक्खी एवं तितलियों की फूलों तथा पौधों से मित्रता से कौन अनभिज्ञ है। यानी मधुमक्खियाँ फूलों से पराग कण लेकर दूसरे फूल पर ले जाती हैं। इस प्रकार वे प्रजनन-प्रक्रिया में सहायता तो करती हैं; साथ-साथ शहद भी चखती हैं। रंग-बिरंगी तितलियाँ भी मधुपान के लिए फूलों पर मंडराती दिखाई देती हैं। संख्या में अनगिनत मधुमक्खियाँ व तितलियाँ फूलों की शोभा बढ़ाती हैं।

मिलकर करें मिलान

पाठ में से चुनकर कुछ वाक्यांश नीचे दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके सही अर्थ या संदर्भ से मिलाइए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।

CBSE Hindi Class 6 Chapter 13 पेड़ की बात

सोच-विचार के लिए

प्रश्न (क) बीज के अंकुरित होने में किस-किस का सहयोग मिलता है ?

(ख) पौधे अपना भोजन कैसे प्राप्त करते हैं? उत्तर- (क) बीज के अंकुरित होने में सहयोग मिलता है-

1. मिट्टी में उपस्थित जल तथा द्रव्य पदार्थों का

2. सूर्य के प्रकाश का

3. मनुष्यों द्वारा छोड़ी गई अंगारक वायु (कार्बन डाईऑक्साइड का )

4. जड़ों द्वारा माटी से रसपान का ।

(ख) हरी पत्तियों में उपस्थित क्लोरोफिल तथा सूर्य के प्रकाश की सहायता से पौधे अपना भोजन बनाते हैं। हमारे प्रश्वास द्वारा छोड़ी गई अंगारक वायु यानी दूषित वायु । लेख की रचना

प्रश्न (क) जैसे लेखक ने ‘पेड़ की बात’ कही है वैसे ही अपने आस-पास की चीजें देखिए और किसी एक चीज़ पर लेख लिखिए, जैसे- गेहूँ की बात ।

(ख) उसे कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए ।

उत्तर- (क) मौसम-चक्र (वर्षा की बात) प्रकृति अत्यंत परोपकारी है। हम सब पर उपकार करके हमारा जीवन सुचारू रूप से चलाती है। मौसम बदलते हैं और ऋतुओं का चक्र चलता रहता है। सूरज की गरमी से धरती का जल वाष्पन (Evaporat1on) द्वारा आसमान में जाकर बादल बना लेता है। बादलों में यह पानी बूँदों के रूप में इकट्ठा हो जाता है और वर्षा के रूप में बूँदें धरती पर गिरने लगती हैं। यही पानी फिर वाष्पन प्रक्रिया द्वारा ऊपर | जाकर बादल बना लेता है।

(ख) छात्र – छात्राएँ वर्षा चक्र को शिक्षक की मदद से समझें।

अनुमान या कल्पना से

प्रश्न (क) “इस तरह संतान के लिए अपना जीवन न्योछावर करके वृक्ष समाप्त हो जाता है।” वृक्ष के समाप्त होने के बाद क्या होता है?

(ख) पेड़-पौधों के बारे में लेखक की रुचि कैसे शब्दों के रूप जागृत हुई होगी?

उत्तर- (क) वृक्ष समाप्त होने के बाद भी हमारे लिए बहुत कुछ करता है। पेड़ों की लकड़ी, ईंधन तथा फर्नीचर बनाने के काम आती हैं। धरती पर गिरे बीज मिट्टी से द्रव्य पदार्थ लेकर पुन: पौधे के रूप में उगने लगते हैं और फिर एक नया पेड़ बन जाता है। यही चक्र चलता रहता है।

(ख) पेड-पौधों के प्रति लेखक की रुचि जागृत होने का सबसे बड़ा कारण है- वातावरण से जुड़ना। पेड़ों की हरियाली, ताज़ी हवा, उपवन के खिले रंग-बिरंगे फूलों को देखकर प्रसन्न होना। धीरे-धीरे लेखक के मन में आया होगा कि ये पेड़ कितने होंगे।

अंकुरण

मिट्टी के किसी भी पात्र में मिट्टी भरकर उसमें राजमा या चने के 4-5 बीज बो दीजिए।

हल्का-सा पानी छिड़क दीजिए।

3-4 दिन तक थोड़ा-थोड़ा पानी डालिए।

अब इसमें आए परिवर्तन लेखन पुस्तिका में लिखिए।

(संकेत- एक दिन में पौधे की लंबाई कितनी बढ़ती है, कितने पत्ते निकले, प्रकाश की तरफ पौधे मुड़े या नहीं आदि।)

Class 6 Hindi Chapter 13 पेड़ की बात Notes

5. पाठ से आगे प्रश्न- अभ्यास

खोजबीन के लिए

इंटरनेट कड़ियों का प्रयोग करके आप जगदीशचंद्र के बारे में और जान-समझ सकते हैं-

जगदीशचंद्र बसु

जगदीशचंद्र बसु – एक विलक्षण और संवेदनशील वैज्ञानिक

उत्तर- विद्यार्थी इंटरनेट के माध्यम से लेखक जगदीशचंद्र बसु के विषय में जानकारी प्राप्त करेंगे।

6. अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. बीज से अंकुर कब निकलता है?

उत्तर- बहुत दिनों तक मिट्टी के नीचे बीज दबा रहता है। तत्पश्चात सर्दियों के बाद वसंत आता है। वर्षा की शुरुआत में एक दो दिन पानी बरसता है तो बीज से अंकुर निकलता है।

प्रश्न 2. गमले के पौधे को खिड़की के पास क्यों रखा जाता है?

उत्तर- गमले के पौधे को खिड़की के पास इसलिए रखा जाता है, ताकि वह सूर्य की रोशनी पा सके और फलता-फूलता रहे।

Hindi Chapter 13 पेड़ की बात Solutions Class 6

प्रश्न 3. पौधे हमें कौन-सी वायु प्रदान करते हैं?

उत्तर- पौधे हमें जीवित रहने के लिए प्राणवायु प्रदान करते हैं।

प्रश्न 4. सूखा पेड़ क्यों गिर जाता है?

उत्तर- सूखा पेड़ हवा का आघात सहन न करने के कारण गिर जाता है।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. जड़ और तने से आप क्या समझते हो ?

उत्तर- अंकुरण के पश्चात पौधे का जो भाग जमीन के अंदर रहता है वह ‘जड़’ तथा जो भाग भूमि के ऊपर बढ़ता है, वह तना कहलाता है। जड़ का कार्य भूमि से पानी तथा मिट्टी से द्रव्यों को लेकर पौधे को पहुँचाना है। तने पर पत्ते, फूल तथा फल लगते हैं।

प्रश्न 2. सूर्य का प्रकाश पौधों के लिए क्यों ही सड़कर सूख जाते हैं। धीरे-धीरे पौधों पर कलियाँ आती हैं। बड़ी होकर वे फूलों में परिवर्तित हो जाती हैं। फूलों आवश्यक है? में पराग कण होते हैं। मधुमक्खियाँ पराग कणों को दूसरे फूलों पर ले जाकर प्रजनन में सहायक होती हैं। तत्पश्चात फल बनता है। इसी फल के अंदर बीज होते हैं। यही बीज धरती में जाकर पुनः अंकुरित होते हैं। यही है बीज से बीज तक की कहानी।

उत्तर- सूर्य का प्रकाश पौधों के लिए अत्यावश्यक है। सूर्य के प्रकाश की मदद से ही पौधे अपना भोजन बनाते हैं। इस प्रक्रिया में वे वातावरण में उपस्थित कार्बन डाईऑक्साइड को लेकर बदले में वातावरण में ऑक्सीजन छोड़ते हैं।

प्रश्न 3. पेड़ों के लिए फूलों की क्या भूमिका है?

उत्तर- पेड़ों पर मुस्कुराते फूल अत्यंत सुंदर व सुशोभित होते हैं। फूलों की बहार आने पर वे अपने बंधु-बांधवों को बुलाते हैं। रंग-बिरंगे फूलों पर मधुमक्खियाँ व तितलियाँ आकर्षित होती हैं। वे अपने दल-बल के साथ फूलों पर मंडराती हैं। पराग कणों के स्थानांतरण में मधुमक्खियाँ सहयोग देती हैं।

प्रश्न 4. वृक्ष बीजों का पोषण किस प्रकार करते हैं?

उत्तर- फूल में बीज फलता है। अपने शरीर का रस पिलाकर वृक्ष बीजों का पोषण करता है। अब अपनी जिंदगी के लिए मोह-माया का लाभ वृक्षों को नहीं है। वृक्ष अपना तिल-तिल अपनी संतान की खातिर सब कुछ लुटा देता है। एक दिन सूखकर पेड़ अपना जीवन समाप्त कर लेता है।

Chapter 13 पेड़ की बात Hindi Class 6 Solutions

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. बीज से बीज तक की यात्रा अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर- नन्हे नन्हे बीज जब धरती में बोये जाते हैं तो काफी समय तक मिट्टी के नीचे अँधेरे में दबे रहते हैं। पर्याप्त वर्षा होने पर जब मिट्टी गीली हो जाती है तो बीज के अंकुरण का समय आ जाता है। बीज धरती को चीर कर अपना अंकुर बाहर निकालता है। कुछ ही दिनों में एक नन्हा सा हरा-सा पौधा अपना सुंदर रूप दिखाता है। ऐसा नहीं है कि पूरा बीज अंकुरित होकर बाहर आ जाता है। इसका कुछ हिस्सा जमीन में रहकर पौधे को मज़बूती प्रदान करता है। यही भाग जड़ है। पौधा धीरे-धीरे बड़ा होने लगता है। जड़ पौधे को मिट्टी से पानी व द्रव्य प्रदान करती है। सूरज की रोशनी में पौधे अपना भोजन तैयार करते हैं। वे मनुष्यों द्वारा छोड़ी गई विषाक्त वायु ग्रहण कर लेते हैं। जिन पौधों को सूर्य का प्रकाश नहीं मिलता वे जल्दी

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

1. दिए गए प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प चुनिए-

(क) अंकुरण किसका होता है?

(1) पत्ता

(2) जड़

(3) तना

(4) बीज

(ख) गमले को औंधा लटकाने पर पौधा बढ़ेगा-

(1) नीचे

(2) ऊपर

(3) दाएँ

(4) बाएँ

(ग) अंगारक वायु है-

(1) कार्बन डाईऑक्साइड

(2) ऑक्सीजन

(3) प्राणवायु

(4) सभी उत्तर सही हैं।

(घ) बीज होता है-

(1) फल में

(2) पत्ते में

(3) फूल में

(4) टहनी में

(ङ) पुराना पेड़ हो जाता है-

(1) सूखा

(2) क्षीण

(3) हरा

(4) कमज़ोर

NCERT Solutions Class 6 Hindi Chapter 13 पेड़ की बात

(च) मधुमक्खी का आगमन करता है-

(1) उपकार

(2) अपकार

(3) विनाश

(4) इनमें से कोई नहीं

मूल्यपरक / व्यावहारिक प्रश्न

प्रश्न- क्या वृक्षों के बिना इस धरती पर मानव जीवन संभव है? यदि नहीं तो कारण बताइए ।

उत्तर- नहीं, वृक्षों से ही इस धरती पर मानव का अस्तित्व संभव है। वृक्ष यदि नहीं होंगे तो हमें जीवित रहने के लिए प्राणवायु नहीं मिलेगी और हमारी श्वास-प्रश्वास की प्रक्रिया रुक जाएगी। इस धरती पर वृक्षों के न होने से प्रदूषण की मात्रा बढ़ जाएगी। जितने वृक्ष अधिक होंगे उतना ही प्रदूषण कम होगा। प्राकृतिक संतुलन में बनाए रखने में भी पौधों का बहुत बड़ा हाथ है। हम सभी जानते हैं कि वर्षा का होना अत्यावश्यक है। यदि वर्षा न हो तो धरती सूखी बंजर बन जाएगी। वृक्षों के होने से ही वर्षा का होना संभव है। हमारे दैनिक प्रयोग की अनेक वस्तुएँ हमें पेड़ ही प्रदान करते हैं। जैसे- फल-फूल, सब्जियाँ, दवाइयाँ, रुई, लकड़ी इत्यादि । इसलिए हम कह सकते हैं कि वृक्षों के बिना मानव जीवन का अस्तित्व असंभव है।

CBSE For Class 6 Hindi Chapter 6 मेरी माँ

CBSE For Class 6 Hindi Chapter 6 मेरी माँ

1. पाठ का सार

पाठ प्रवेश – भारत के अमर क्रांतिकारियों में रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ का नाम आदरणीय है। प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी श्री रामप्रसाद बिस्मिल देश की स्वतंत्रता के लिए अग्रेंजों से लड़ते रहे। वे सफल साहित्यकार व रचनाकार भी थे। अंग्रेजों के अत्याचार सहते हुए जेल से ही उन्होंने अपनी आत्मकथा ‘निज जीवन की एक छटा’ लिखी। इस आत्मकथा में से चयनित पाठ से अपनी माता और भारत माता के प्रति प्रेम और श्रद्धा-भक्ति करने की प्रेरणा मिलती है।

चरित्र एवं व्यक्तित्व निर्माण- माँ केवल जीवन ही नहीं देतीं, व्यक्तित्व का निर्माण भी करती हैं। बालक ‘बिस्मिल’ के पालन-पोषण और चरित्र निर्माण में उनकी माता की की सक्रिय व सकारात्मक भूमिका रही। छोटी आयु से ही देशसेवा और स्वतंत्रता प्राप्ति के मार्ग पर अग्रसर हो गए। माँ के प्रोत्साहन और मार्गदर्शन में रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ के व्यवहार में ईमानदारी, दृढ़ता और सेवाभाव के मूल्य विकसित हुए।

माँ की प्रेरणा- अपनी माता का जीवन ‘बिस्मिल’ के लिए असीम प्रेरणा का स्रोत रहा। उनके संघर्ष, परिश्रम और शिक्षा के प्रति रुझान का अच्छा प्रभाव पूरे परिवार पर पड़ा। माँ ने परिवार की शिक्षा-दीक्षा की जिम्मेदारी बखूबी निभाई। माँ ने हमेशा सत्य का आचरण करने की सीख दी।

CBSE Class 6 Hindi Chapter 6 मेरी माँ

जन्मदात्री माँ का ऋण- जिस प्रेम और दृढ़ता से माँ ने ‘बिस्मिल’ का जीवन सुधारा, वह अतुलनीय है। वे शाश्वत जीवन मूल्यों और देश भक्ति की नींव रखने वाली माँ से उऋण न हो पाने की भावना व्यक्त करते हैं। ‘बिस्मिल’ की आत्मिक, धार्मिक तथा सामाजिक उन्नति में उनकी माँ सदैव सहयोग देती रही।

भारत माता के लिए सर्वोच्च बलिदान- महान देश भक्त ‘बिस्मिल’ अपने बलिदान पर अपनी माँ के द्वारा धैर्य धारण करने का विश्वास प्रकट करते हैं। उनके संस्कारों ने, उन्हें अधीर न होने दिया और वे अपने कर्तव्य पथ पर अडिग बढ़ते रहे। परतंत्रता की बेड़ियों से माताओं की माता ‘भारत माता’ को मुक्त करने हेतु सहर्ष बलिदान देते हैं। वे जानते हैं कि भारत माता के चरणों में अपना बलिदान देने पर उनकी माँ गर्व महसूस करेंगी। स्वाधीन भारत के इतिहास में दृढ़ निश्चयी श्री रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ का बलिदान हमेशा स्मरणीय रहेगा। माँ के चरण कमलों को प्रणाम कर वे परमात्मा का स्मरण करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर देते हैं।

2. शब्दार्थ और टिप्पणी

होनहार -पाकी, अच्छे लक्षणों वाला। राजव-कमाल) आधिपत्य – प्रभुत्व, अधिकार । आत्मकथा- अपने जीवन की कथा । प्रकाशित- जो छापा एवं प्रचारित किया गया हो । अंश भाग ।

अनुरोध – याचना करना । सद्व्यवहार सदाचार, अच्छा व्यवहार। संकल्प निश्चय, प्रतिज्ञा । हस्ताक्षर दस्तखत, (सिग्नेचर ) | खारिज – अस्वीकृत । आचरण-व्यवहार । नितांत – एकदम, बिल्कुल ।

प्रबंध-व्यवस्था अक्षर-बोध । वर्ण- ज्ञान । देवनागरी- भारत की प्रसिद्ध लिपि । वार्तालाप – बातचीत । निर्वाह- गुजारा। प्राणदंड – मृत्युदंड । जन्मदात्री -जन्म देने वाली। उऋण ऋण से ‘मुक्त। अवर्णनीय – जिसका वर्णन न किया जा सके।

संलग्न- साथ जुड़ा हुआ, लगा हुआ । श्रेय – यश । ताड़ना – दंड देना । धृष्टतापूर्ण- उद्दंडता । परिणाम – नतीजा। सदैव – हमेशा। सांत्वना – ढाढ़स बँधाना, तसल्ली देना । उज्ज्वल – दीप्तिमय, चमकीला। विचलित- अस्थिर ।

3. अर्थग्रहण संबंधी एवं बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

नीचे लिखे गद्यांशों को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

[1] उन्होंने हिंदी पढ़ना आरंभ किया। पढ़ने का शौक उन्हें खुद ही पैदा हुआ था। मुहल्ले की सखी-सहेली जो घर पर आया करती थीं, उन्हीं में जो शिक्षित थीं, माताजी उनसे अक्षर-बोध करतीं। इस प्रकार घर का सब काम कर चुकने के बाद जो कुछ समय मिल जाता, उसमें पढ़ना-लिखना करती । परिश्रम के फल से थोड़े दिनों में ही वह देवनागरी पुस्तकों का अध्ययन करने लगीं। मेरी बहनों को छोटी आयु में माताजी ही शिक्षा दिया करती थीं। जब से मैंने आर्यसमाज में प्रवेश किया, माताजी से खूब वार्तालाप होता । उस समय की अपेक्षा अब उनके विचार भी कुछ उदार हो गए हैं। यदि मुझे ऐसी माता न मिलतीं तो मैं भी अति साधारण मनुष्यों की भाँति संसार-चक्र में फँसकर जीवन निर्वाह करता । (पृष्ठ 53)

प्रश्न-

(क) गद्यांश के आधार पर किसने पढ़ना आरंभ किया?

(ख) लेखक के मन पर किसका प्रभाव पड़ा? इस प्रभाव का क्या परिणाम हुआ?

(ग) “ऐसी माता न मिलती तो मैं भी अति साधारण मनुष्यों की भाँति संसार-चक्र में फँसकर जीवन निर्वाह करता”- वाक्य का अर्थ स्पष्ट कीजिए)

उत्तर- (क) श्री रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ जी की माता ने पढ़ना आरंभ किया।

(ख) लेखक के मन पर अपनी माँ के द्वारा दिए गए जीवन-मूल्यों और आदर्शों का प्रभाव पड़ा। माँ की प्रेरणा से ‘बिस्मिल’ जी में कर्तव्य परायणता, निष्ठा, देशसेवा और समर्पण जैसे गुणों का समावेश हुआ।

(ग) अक्सर मनुष्य जीवन के रोजमर्रा के कार्य और जीवनयापन में ही उलझकर रह जाता है। जीते तो सभी हैं . लेकिन ‘बिस्मिल’ जी में माँ के प्रभाव के कारण माताओं की माता ‘भारत माता’ के लिए सर्वस्व न्योछावर करने की हिम्मत और चाह जाग्रत हुई।

2 जन्मदात्री जननी! इस जीवन में तो तुम्हारा ऋण उतारने का प्रयत्न करने का भी अवसर न मिला। इस जन्म में तो क्या यदि मैं अनेक जन्मों में भी सारे जीवन प्रयत्न करूँ तो भी तुमसे उऋण नहीं हो सकता। जिस प्रेम तथा दृढ़ता के साथ तुमने इस तुच्छ जीवन का सुधार किया है, वह अवर्णनीय है।

Class 6 Hindi Chapter 6 मेरी माँ NCERT Solutions

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. लेखक को किसका ऋण उतारने का अवसर नहीं मिला? सही विकल्प चुनिए-

(क) जन समाज का

(ख) परिवार का

(ग) अपनी माँ का

(घ) देश का

Answer: (ग) अपनी माँ का

Question 2. उऋण का अर्थ है-

(क) बलिदान देना

(ख) मुक्ति की आकांशा

(ग) सेवा भावना

(घ) ऋण से मुक्त

Answer:  (घ) ऋण से मुक्त

Question 3. माता जी के प्रेम और दृढ़ता का उचित उदाहरण चुनिए-

(क) देश सेवा की ओर अग्रसर करना

(ख) बिस्मिल जी को शिक्षित करना

(ग) धार्मिक तथा सामाजिक उन्नति में सहयोग

(घ) उपर्युक्त सारे विकल्प सही है।

Answer: (घ) उपर्युक्त सारे विकल्प सही है।

Question  4. अवर्णनीय शब्द का अर्थ है-

(क) उचित वर्णन

(ख) जिसका वर्णन न किया जा सके

(ग) सुंदर वर्णन

(घ) आज्ञाशील

Answer: (ख) जिसका वर्णन न किया जा सके

Question  5. उपर्युक्त गद्यांश के लेखक का सही नाम चुनिए-

(क) श्री चंद्रशेखर आजाद

(ख) श्री रामप्रसाद ‘बिस्मिल’

(ग) श्री रामप्रासाद बिस्मिल

(घ) सरदार भगतसिंह

Answer: (ख) श्री रामप्रसाद ‘बिस्मिल’

मेरी माँ Chapter 6 Hindi Class 6 NCERT Solutions

3 जीवन भर में कोई कष्ट अनुभव न किया। इस संसार में मेरी किसी भी भोग-विलास तथा ऐश्वर्य की इच्छा नहीं। केवल एक इच्छा है, वह यह कि एक बार श्रद्धापूर्वक तुम्हारे चरणों की सेवा करके अपने जीवन को सफल बना लेता। किंतु यह इच्छा पूर्ण होती नहीं दिखाई देती और तुम्हें मेरी मृत्यु की दुखभरी खबर सुनाई जाएगी। माँ! मुझे विश्वास है कि तुम यह समझ कर धैर्य धारण करोगी कि तुम्हारा पुत्र माताओं की माता या भारत माता की सेवा में अपने जीवन को बलि देवी की भेंट कर गया और उसने तुम्हारी कोख कलंकित न की, अपनी प्रतिज्ञा पर दृढ़ रहा । जब स्वाधीन भारत का इतिहास लिखा जाएगा तो उसके किसी पृष्ठ पर उज्ज्वल अक्षरों में तुम्हारा भी नाम लिखा जाएगा। गुरु गोबिंदसिंह जी की धर्मपत्नी ने जब अपने पुत्रों की मृत्यु की खबर सुनी तो बहुत प्रसन्न हुई थीं और गुरु के नाम पर धर्म रक्षार्थ अपने पुत्रों के बलिदान पर मिठाई बाँटी थी। जन्मदात्री! वर दो कि अंतिम समय भी मेरा हृदय – किसी प्रकार विचलित न हो। (पृष्ठ 54)

प्रश्न-

(क) लेखक कौन-सी इच्छा पूर्ण करना चाहता था ?

(ख) लेखक कौन-सी प्रतिज्ञा पर दृढ़ रहे ?

(ग) “मेरा हृदय किसी प्रकार विचलित न हो” वाक्य का अर्थ स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- (क) लेखक अपनी माँ की सेवा करके अपने जीवन को सफल बना लेना चाहते थे।

(ख) लेखक भारत के स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारी थे। भारत माता की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देने की प्रतिज्ञा पर दृढ़ रहे ।

(ग) रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ ने हँसते-हँसते अंग्रेज़ों के अत्याचार सहे। आजीवन स्वतंत्रता के लिए अंग्रेज़ों से लड़ते रहे। व्यक्तिगत स्वार्थ एवं भोग-विलास को त्याग वे देश भक्ति और बलिदान के मार्ग पर दृढ़तापूर्वक चले । अपने हृदय में भारत माता की रक्षा और स्वतंत्रता का प्रण लिया। अंग्रेज सरकार द्वारा उन्हें फाँसी की सजा दी गई। असाधारण प्रतिभा के धनी रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ अंत समय तक अंग्रेज़ों के विरुद्ध डटे रहे और सहर्ष शरीर त्याग किया।

4. पाठ से प्रश्न- अभ्यास

मेरी समझ से

प्रश्न (क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (*) बनाइए-

(1) ‘किंतु यह इच्छा पूर्ण होती नहीं दिखाई देती।’ बिस्मिल को अपनी किस इच्छा के पूर्ण न होने की आशंका थी?

  • भारत माता के साथ रहने की
  • अपनी प्रतिज्ञा पर दृढ़ रहने की
  • अपनी माँ की जीवनपर्यंत सेवा करने की
  • भोग विलास तथा ऐश्वर्य भोगने की

(2) रामप्रसाद बिस्मिल की माँ का सबसे बड़ा आदेश क्या था ?

  • देश की सेवा करें
  • कभी किसी के प्राण न लेना
  • कभी किसी से छल न करना
  • सदा सच बोलना

(ख) अब अपने मित्रों के साथ तर्कपूर्ण चर्चा कीजिए कि आपने ये ही उत्तर क्यों चुने?

उत्तर- (क) 1.  अपनी माँ की जीवनपर्यंत सेवा करने की

2. कभी किसी के प्राण न लेना

CBSE Hindi Class 6 Chapter 6 मेरी माँ

पंक्तियों पर चर्चा

पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें पढ़कर समझिए और इन पर विचार कीजिए । आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? कक्षा में अपने विचार साझा कीजिए और लिखिए।

प्रश्न – (क) “यदि मुझे ऐसी माता न मिलतीं, तो मैं भी अति साधारण मनुष्यों की भाँति संसार-चक्र में फँसकर जीवन निर्वाह करता । “

(ख) “उनके इस आदेश की पूर्ति करने के लिए मुझे मजबूरन दो-एक बार अपनी प्रतिज्ञा भंग भी करनी पड़ी थी । “

उत्तर- (क) बिस्मिल की माँ के प्रति अटूट श्रद्धा ।

बिस्मिल को क्रांतिकारी जीवन की प्रेरणा और सहयोग अपनी माँ से प्राप्त हुआ।

बिस्मिल ने स्वयं को देश की स्वतंत्रता के लिए पूर्णतया समर्पित कर दि

(ख) माता जी ने सबसे बड़ा आदेश बिस्मिल को दिया था कि कभी किसी की प्राणहानि न हो। माता ने शिक्षा दी थी कि शत्रु को भी सोच-विचार के लिए प्राणदंड न मिले।

बिस्मिल ने कुछ लोगों को प्राणदंड देने की प्रतिज्ञा ली थी किंतु माँ ने वादा लिया कि वे प्राणदंड के रूप में बदला नहीं लेंगे।

सोच-विचार के लिए

पाठ को एक बार फिर से पढ़िए और दिए गए प्रश्नों के बारे में पता लगाकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।

प्रश्न

1. बिस्मिल की माता जी जब ब्याह कर आई तो उनकी आयु काफ़ी कम थी।

(क) फिर भी उन्होंने स्वयं को अपने परिवार के अनुकूल कैसे ढाला ?

(ख) उन्होंने अपनी इच्छाशक्ति के बल पर स्वयं को कैसे शिक्षित किया?

2. बिस्मिल को साहसी बनाने में उनकी माता जी ने कैसे सहयोग दिया?

3. आज से कई दशक पहले बिस्मिल की माँ शिक्षा के महत्व को समझती थीं, बताइए कैसे?

4. हम कैसे कह सकते हैं कि बिस्मिल की माँ स्वतंत्र और उदार विचारों वाली थीं?

उत्तर-

1. (क) बिस्मिल की माँ ग्यारह वर्ष की उम्र में विवाहित होकर अपनी ससुराल आई थी। उन्होंने लगन से जल्द ही गृहकार्य सीख लिया और परिवार के काम-काज को कुशलतापूर्वक करने लगीं। विस्मिल के जन्म के पाँच या सात वर्ष बाद उन्होंने हिंदी पढ़ना सीख लिया था। आगे चलकर बिस्मिल और उनकी बहनों को भी पढ़ाना शुरू कर दिया था।

(ख) माता जी की इच्छाशक्ति दृढ़ थी। विवाह के कुछ वर्षों बाद उन्होंने घर पर ही शिक्षित सहेलियों के संपर्क में देवनागरी की किताबें पढ़ना सीख लिया। माताजी अत्यंत परिश्रमी थीं। गृहकार्य कर चुकने के बाद जो समय मिल जाता, वे उसमें पढ़ाई-लिखाई करतीं। इस प्रकार माताजी ने प्रबल इच्छाशक्ति का उदाहरण प्रस्तुत किया।

2. बिस्मिल के व्यक्तित्व निर्माण में उनकी माता ने बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने जीवन के हर कदम पर अपने सुपुत्र बिस्मिल को प्रोत्साहित किया। छोटी उम्र में ही अपनी माता जी से प्रेरणा लेकर बिस्मिल साहस, वीरता और देश सेवा के पथ पर चले। जन्मभूमि पर न्योछावर होने वाले पुत्र पर उन्हें गर्व था। संकटों में भी उन्होंने अपने पुत्र को अधीर नहीं होने दिया ।

3. बालक बिस्मिल में प्रेम, साहस और दृढ़ता के भाव उनकी माँ ने भरे थे। कम उम्र में विवाह हो जाने के बाद भी उनकी माँ अपनी इच्छाशक्ति के बल पर स्वयं को शिक्षित करती रहीं। कुछ वर्षों बाद उन्होंने बिस्मिल और उनकी छोटी बहनों को भी पढ़ाया-लिखाया। अपनी शिक्षा और वाणी से बिस्मिल के जीवन-मूल्यों में सुधार किया। माँ के प्रोत्साहन का ही परिणाम था कि रामप्रसाद धर्म के मार्ग पर चलकर उत्तम शिक्षा ग्रहण कर सके।

4. हाँ, रामप्रसाद बिस्मिल जी की माँ स्वतंत्र और उदार विचारों वाली सशक्त महिला थीं। बिस्मिल को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती रहती थीं। शिक्षादि के अतिरिक्त वे उन्हें देशसेवा हेतु विभिन्न सम्मेलनों में भाग लेने में उत्साहित करतीं। बिस्मिल की बहनों को भी छोटी आयु में उनकी माँ ही शिक्षा दिया करती थीं। अपनी माँ के स्वतंत्र और उदार विचारों के कारण वे स्वाधीनता संग्राम की क्रांतिकारी गतिविधियों में भाग ले सके और माँ भारती को गुलामी की जंजीरों से मुक्ति दिलाने के लिए संकल्पवान बने।

Class 6 Hindi Chapter 6 मेरी माँ Notes

आत्मकथा की रचना

यह पाठ रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ की आत्मकथा का एक अंश है। आत्मकथा यानी अपनी कथा। दुनिया में अनेक लोग अपनी आत्मकथा लिखते हैं, कभी अपने लिए, तो कभी दूसरों के पढ़ने के लिए।

प्रश्न (क) इस पाठ को एक बार फिर से पढ़िए और अपने-अपने समूह में मिलकर इस पाठ की ऐसी पंक्तियों की सूची बनाइए जिनसे पता लगे कि लेखक अपने बारे में कह रहा है।

(ख) अपने सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए।

उत्तर- अध्यापक की सहायता से विद्यार्थीगण इस गतिविधि को पूर्ण करेंगे।

शब्द-प्रयोग तरह-तरह के

(क) “माता जी उनसे अक्षर-बोध करतीं।” इस वाक्य में अक्षर-बोध का अर्थ है- अक्षर का बोध या ज्ञान।

एक अन्य वाक्य देखिए- “जो कुछ समय मिल जाता, उसमें पढ़ना-लिखना करतीं।” इस वाक्य में अर्थात पढ़ना और लिखना।

प्रश्न- हम लेखन में शब्दों को मिलाकर छोटा बना लेते हैं जिससे समय, स्याही, कागज़ आदि की बचत होती है। संक्षेपीकरण मानव का स्वभाव भी हैं। इस पाठ से ऐसे शब्द खोजकर सूची बनाइए ।

उत्तर-

  1. डाँट फटकार
  2. काम-काज
  3. उठना-बैठना
  4. अंदर-बाहर
  5. देश- सेवा
  6. पालन-पोषण

5. पाठ से आगे प्रश्न- अभ्यास

पाठ पर आधारित गतिविधियों को छात्र-छात्राएँ मिलकर अपने शिक्षकों की सहायता से पूर्ण करें।

6. अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ में जो कुछ जीवन तथा साहस आया, वह किसकी कृपा का फल था ?

उत्तर- रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ जी ने माता जी एवं गुरुदेव श्री सोमदेव जी की कृपा से कुछ जीवन और साहस पाया।

प्रश्न 2. बिस्मिल ने पिताजी के वकालतनामे पर हस्ताक्षर करने से क्यों इंकार किया?

उत्तर – एक बार बिस्मिल के पिताजी दीवानी मुकदमे में वकील से कह गए कि जो काम हो वह उनकी अनुपस्थिति में बिस्मिल से करा लें। बिस्मिल ने वकालतनामे पर पिताजी के हस्ताक्षर करने से मना कर दिया क्योंकि यह तो धर्म विरुद्ध होगा । सत्य का आचरण करने वाले बिस्मिल जी ने इस कार्य को पाप माना।

प्रश्न 3. इस पाठ से विद्यार्थियों को क्या प्रेरणा मिलती है?

उत्तर- पाठ हमें जन्मदात्री माँ के प्रति आदर और प्रेम की भावना सिखाता है। माताओं की माता ‘माँ भारती’ की सेवा और उनकी रक्षा व स्वतंत्रता के लिए बलिदान हो जाने की प्रेरणा देता है।

प्रश्न 4. प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी भगतसिंह ने बिस्मिल के बारे में क्या कहा?

उत्तर- “रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ जी बड़े होनहार थे। क्रांतिकारी होने के साथ-साथ, वे महान साहित्यकार व लेखक भी थे। जानने वाले कहते हैं कि यदि किसी और जगह या किसी और देश या किसी और समय पैदा हुए होते तो सेनाध्यक्ष बनते।” यह कहना था स्वतंत्रता सेनानी भगतसिंह का।

Chapter 6 मेरी माँ Hindi Class 6 Solutions

प्रश्न 5. बिस्मिल जी ने कौन-सी आत्मकथा लिखी? इसका क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर- बिस्मिल द्वारा लिखी आत्मकथा का नाम है। ‘निज- जीवन की एक छटा।’ इस आत्मकथा के कारण अंग्रेज़ बिस्मिल को फाँसी देने के बाद भी हरा न सके। बिस्मिल भारतीय जनमानस में अमर हो गए।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. बिस्मिल की बहनों को छोटी आयु में शिक्षा कौन दिया करता था ?

(क) आचार्य

(ख) उनकी माताजी

(ग) पिताजी

(घ) दादी जी

Answer: (ख) उनकी माताजी

Question 2. माताजी ने गृहकार्य की शिक्षा किससे प्राप्त की?

(क) दादी जी

(ख) परिवार से

(ग) सहेलियों से

(घ) दादी जी को छोटी बहन से

Answer: (ग) सहेलियों से

Question 3. दादीजी ने अपनी छोटी बहन को कहाँ बुलाया था ?

(क) शाहजहाँपुर

(ख) लखनऊ

(ग) दिल्ली

(घ) गाँव में

Answer: (क) शाहजहाँपुर

Question 4. बिस्मिल जी ने अपनी आत्मकथा कहाँ लिखी थी ?

(क) आर्यसमाज कार्यालय से

(ख) जेल से

(ग) शाहजहाँपुर वाले घर से

(घ) लखनऊ से

Answer: (ख) जेल से

Question 5. रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ ने कौन-सा लोकप्रिय तराना लिखा था ?

(क) जय हो

(ख) वंदेमातरम

(ग) सरफ़रोशी की तमन्ना

(घ) ऐ मेरे वतन के लोगों

Answer: (ग) सरफ़रोशी की तमन्ना

NCERT Solutions Class 6 Hindi Chapter 6 मेरी माँ

Question 6. “धर्म-रक्षार्थ अपने पुत्रों की मृत्यु की खबर सुनी तो प्रसन्न हुई और अपने पुत्रों के बलिदान पर मिठाई बाँटी थी- ” बिस्मिल द्वारा लिखे इस कथन में किनकी बात हो रही है?

(क) गुरु गोविंद सिंह जी की धर्मपत्नी जी

(ख) बिस्मिल जी की माता जी

(ग) अपनी दादी जी की छोटी बहन की

(घ) अपनी माता जी की

Answer: (क) गुरु गोविंद सिंह जी की धर्मपत्नी जी

Question 7. “मुझे विश्वास है कि तुम यह समझकर धैर्य धारण करोगी।” बिस्मिल जी ने अपनी माता जी से ऐसा क्यों कहा?

(क) क्योंकि उनका पुत्र कायरता का जीवन नहीं जीना चाहता था ।

(ख) भारत माता की सेवा करते हुए प्राण न्योछावर कर देना चाहता था।

(ग) माताओं की माता ‘माँ भारती’ के लिए पुत्र द्वारा सर्वस्व न्योछावर कर देने पर बिस्मिल की माँ को गर्व होगा।

(घ) उपर्युक्त सारे कथन सही हैं।

Answer: (घ) उपर्युक्त सारे कथन सही हैं।

Hindi Chapter 6 मेरी माँ Solutions Class 6

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ अपने जीवन के अंतिम समय में अपनी माँ का स्मरण कर भावुक हो उठते हैं-अपने विचार प्रकट कीजिए ।

उत्तर- ‘बिस्मिल’ जी अपनी माँ द्वारा किए गए त्याग को स्मरण करते हैं। अपनी आत्मकथा ‘मेरी माँ’ में बिस्मिल कहते हैं कि उनके चरित्र निर्माण में माँ ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी दी गई शिक्षा के कारण बिस्मिल बड़े-से-बड़े संकटों में भी अधीर नहीं हुए। अपनी प्रेमपूर्ण वाणी और व्यवहार से माँ ने अपने बेटे को हमेशा देश-प्रेम, साहस और सत्य के पथ पर चलने की प्रेरणा दी। माँ की कृपा के कारण उन्होंने अपने जीवन लक्ष्य को प्राप्त किया। जीवन के अंतिम समय में वे अपनी माताजी के श्रीचरणों में बैठकर उनकी सेवा करने की इच्छा रखते हैं। जिसे प्रेम और दृढ़ता के साथ उनका जीवन सुधारा, उसका ऋण उतारने का प्रयत्न करने का भी अवसर बिस्मिल जी को न मिला। अपनी माँ की दया से देश सेवा में संलग्न हो सके। इन्हीं विचारों और भावनाओं को महसूस कर बिस्मिल भावुक हो उठते हैं।

मूल्यपरक / व्यावहारिक प्रश्न

प्रश्न- बलिदानी श्री रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ के किन गुणों ने आपको प्रभावित किया और क्यों ?

उत्तर-

देशप्रेम : बिस्मिल जी का जीवन किसी भी उस व्यक्ति के लिए देश की रक्षा का प्रेरणा स्रोत बन सकता है जो देश से प्रेम करता है। उनका गीत ‘सरफरोशी की तमन्ना’ आज भी नई पीढ़ी को देश के लिए मर मिटने की भावना से ओतप्रोत कर देता है। मेरे जीवन का लक्ष्य भारतीय सेना में जाना है और मेरा मानना है कि महान वीर क्रांतिकारी ‘बिस्मिल’ के त्याग, देशप्रेम और सेवाभाव के मूल्य, विद्यार्थियों में नव- जाग्रति उत्पन्न करते हैं।

अदम्य साहस ‘बिस्मिल’ जी का व्यक्तित्व साहस और निडरता से भरपूर था। वे सिखाते हैं कि देश – भक्ति की राह में संघर्षों और मृत्यु से क्या डरना ! हिम्मत और हौंसले के साथ जीवन में आगे बढ़े और कुर्बान होने का भी अलग आनंद है।

मातृप्रेम : माँ के चरणों को ‘बिस्मिल’ जी ने अपना संसार माना। वे अपने जीवन को सुधारने, देशसेवा में संलग्न होने, धार्मिक और आत्मिक उन्नति का श्रेय अपनी जन्मदात्री माँ को देते हैं। जिस प्रकार ‘बिस्मिल’ जी ने अपनी माँ के अगाध प्रेम और योगदान के विचार, दिल को छू लेने वाले हैं। इस प्रकार बिस्मिल जी के उच्च आदर्श और गुण प्रभावित करते हैं।

CBSE For Class 6 Hindi Chapter 3 पहली बूँद – गोपालकृष्ण कौल

CBSE For Class 6 Hindi Chapter 3 पहली बूँद – गोपालकृष्ण कौल

1. कविता का सार

प्रस्तुत कविता ‘पहली बूँद’ कवि गोपालकृष्ण कौल जी के द्वारा रचित है। इस कविता के माध्यम से उन्होंने वर्षा के सौंदर्य और महत्त्व पर प्रकाश डाला है। जब आकाश से वर्षा की मोती रूपी बूँदें धरा पर गिरती हैं तो सूखी धरा में नव-जीवन आ जाता है। तत्पश्चात् चारों तरफ़ हरियाली ही हरियाली छा जाती है।

धरती के सूखे होंठों पर बारिश की बूँद अमृत के समान गिरते ही मानो वर्षा होने से बेजान और सूखी पड़ी धरती को नवीन जीवन ही मिल गया हो। धरती रूपी सुंदरी के रोमों की पंक्ति की तरह हरी घास भी मुसकाने लगी और खुशियों से भर उठी। पहली बूँद कुछ इस तरह धरती पर आई, जिसका खूबसूरत एहसास और परिणाम धरती को मिला।

नीला आसमान नीली आँखों के समान है और काले बादल उन नीली-नीली आँखों की काली पुतली के समान है। मानो बादल धरती के दुःखों से दुखित होकर वर्षा रूपी आँसू बहा रहा है। इस प्रकार धरती की प्यास बुझ जाती है। वर्षा का प्रेम पाकर धरती की प्यास बुझ जाती है और धरती के मन में फिर से हरा-भरा होने की इच्छा जाग उठी है। पहली बूँद कुछ इस तरह धरती पर आई जिसका खूबसूरत एहसास और परिणाम धरती को मिला।

2. अर्थग्रहण संबंधी एवं बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर नीचे लिखे काव्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर दीजिए-

1. वह पावस का प्रथम दिवस जब,
पहली बूँद धरा पर आई।
अंकुर फूट पड़ा धरती से,
नव-जीवन की ले अँगड़ाई ।।

धरती के सूखे अधरों पर,
गिरी बूँद अमृत-सी आकर।
वसुंधरा की रोमावलि -सी,
हरी दूब पुलकी मुसकाई।
पहली बूँद धरा पर आई ।।

शब्दार्थ : पावस- वर्षा ऋतु । धरा-धरती अंकुर – बीज का फूटना, प्रारंभिक स्वरूप नव-नया । अँगड़ाई- शरीर का तानना। अधर होंठ। वसुंधरा-धरती । रोमावलि -सी-रोमों की पंक्ति की तरह। दूब- हरी घास। पुलकी – जिसे रोमांच हुआ हो।

व्याख्या – प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि गोपालकृष्ण कौल जी के द्वारा रचित कविता ‘पहली बूँद’ से ली गई है। यहाँ वर्षा ऋतु के आगमन पर धरती में आए परिवर्तन के सौंदर्य का वर्णन किया गया है। इन पंक्तियों के माध्यम से कवि कहते हैं कि ग्रीष्म ऋतु के बाद वर्षा ऋतु के आगमन से चारों तरफ़ आनंद रूपी हरियाली फैली है। वर्षा की पहली बूँद जब धरती पर आती है तो धरती के अंदर छिपे बीज में से अंकुर फूटकर बाहर निकल आता है। मानो वह बीज नया जीवन नाकर अँगड़ाई लेकर जाग गया है।

कवि कहते हैं कि धरती के सूखे होंठों पर बारिश की बूँद अमृत के समान गिरी, मानो वर्षा होने से बेजान और सूखी पड़ी धरती को नवीन जीवन ही मिल गया हो । धरती रूपी सुंदरी के रोमों की पंक्ति की तरह हरी घास भी मुसकाने लगी और खुशियों से भर उठी। पहली बूँद कुछ इस तरह धरती पर आई, जिसका खूबसूरत एहसास और परिणाम धरती को मिला।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. ‘पावस’ का क्या अर्थ है?

(क) वर्षा ऋतु

(ख) ग्रीष्म ऋतु

(ग) वसंत ऋतु

(घ) शरद् ऋतु

Answer:  (क) वर्षा ऋतु

Question 2. उपर्युक्त पंक्तियाँ किस कविता से ली गई हैं?

(क) बादल राग

(ख) पहली बूँद

(ग) वह चिड़िया जो

(घ) मैं भी छोटी होऊँ।

Answer: (ख) पहली बूँद

CBSE Class 6 Hindi Chapter 3 पहली बूँद – गोपालकृष्ण कौल

Question 3. ग्रीष्म ऋतु के बाद कौन-सी ऋतु आती है?

(क) शरद् ऋतु

(ख) वसंत ऋतु

(ग) वर्षा ऋतु

(घ) हेमंत ऋतु

Answer: (ग) वर्षा ऋतु

Question 4. वर्षा ऋतु के आगमन से चारों तरफ़ क्या फैली है?

(ग) वर्षा ऋतु

(ख) कीचड़

(ग) जल

(घ) धूल

Answer: (ग) वर्षा ऋतु

Question 5. धरती के सूखे होंठों पर बारिश की बूँदें किसके समान आकर गिरीं?

(क) पानी के समान

(ख) अग्नि के समान

(ग) बर्फ़ के समान

(घ) अमृत के समान

Answer: (घ) अमृत के समान

2 आसमान में उड़ता सागर,
लगा बिजलियों के स्वर्णिम पर।
बजा नगाड़े जगा रहे हैं,
बादल धरती की तरुणाई |
पहली बूँद धरा पर आई ।।

शब्दार्थ:  स्वर्णिम सुनहरे पर पंख नगाड़े एक प्रकार का वाद्ययंत्र डंका। तरुणाई – यौवनता ।

व्याख्या – प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि गोपालकृष्ण कौल जी के द्वारा रचित कविता ‘पहली बूँद’ से ली गई है। यहाँ वर्षा ऋतु के आगमन पर धरती में आए परिवर्तन के सौंदर्य का वर्णन किया गया है। इन पंक्तियों के माध्यम से कवि कहते हैं कि आसमान में जल रूपी बादलों में बिजली चमक रही है। जैसे सागर बिजलियों के सुनहरे पंख लगाकर आसमान में उड़ रहा हो। बादलों की गर्जन सुनकर ऐसा आभास होता है कि वे नगाड़े बजा-बजाकर धरती की यौवनता को जगा रहे हैं। पहली बूँद कुछ इस तरह धरती पर आई, जिसका खूबसूरत एहसास और परिणाम धरती को मिला। बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. उपर्युक्त पंक्तियों के रचयिता कौन हैं?

(क) गोपालकृष्ण कौल

(ख) केदारनाथ अग्रवाल

(ग) महादेवी वर्मा

(घ) दिनकर

Answer: (क) गोपालकृष्ण कौल

Question 2. सागर किसके सुनहरे पंख लगाकर आसमान में उड़ ?

(क) मोर के

(ख) बिजलियों के

(ग) बादलों के

(घ) धरती के

Answer: (ख) बिजलियों के

Class 6 Hindi Chapter 3 पहली बूँद NCERT Solutions

Question 3. जल रूपी बादलों में क्या चमक रही है?

(क) तारे

(ख) सूर्य

(ग) जुगनू

(घ) बिजली

Answer: (घ) बिजली

Question 4. काव्यांश को ‘सुनहरे’ का पर्यायवाची शब्द क्या प्रयुक्त हुआ है?

(क) स्वर्णिम

(ख) आसमान

(ग) धरती

(घ) बिजली

Answer:

(क) स्वर्णिम

3 नीले नयनों-सा यह अंबर,
काली पुतली से ये जलधर ।
करुणा-विगलित अश्रु बहाकर,
धरती की चिर-प्यास बुझाई |
बूढ़ी धरती शस्य – श्यामला
बनने को फिर से ललचाई।
पहली बूँद धरा पर आई।

शब्दार्थ : नयन- आँख, नेत्र अंबर-आकाश । जलधर- बादल। करुणा-विगलित- दुखों से दुखित होकर, पिघली हुई । चिर-प्यास- बहुत दिनों की प्यास । शस्य-श्यामला- हरी-भरी।

व्याख्या – प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि गोपालकृष्ण कौल जी के द्वारा रचित कविता ‘पहली बूँद’ से ली गई है। यहाँ वर्षा ऋतु के आगमन पर धरती में आए परिवर्तन के सौंदर्य का वर्णन किया गया है। इन पंक्तियों के माध्यम से कवि कहते हैं कि नीला आसमान नीली आँखों के समान है और काले बादल उन नीली-नीली आँखों की काली पुतली के समान है। मानो बादल धरती के दुखों से दुखित होकर वर्षा रूपी आँसू बहा रहा हो। इस प्रकार धरती की प्यास बुझ जाती रहा है वर्षा का प्रेम पाकर धरती के मन में फिर से हरा-भरा होने की इच्छा जाग उठी है। पहली बूँद कुछ इस तरह धरती पर आई, जिसका खूबसूरत एहसास और परिणाम बादल नगाड़े बजाकर किसकी यौवनता को जगा रहे धरती को मिला।

सोच-विचार के लिए

प्रश्न- कविता को एक बार फिर से पढ़िए और निम्नलिखित के बारे में पता लगाकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए-

  • बारिश की पहली बूँद से धरती का हर्ष कैसे प्रकट होता है?
  • कविता में आकाश और बादलों को किनके समान बताया गया है?

उत्तर-

  • धरती के सूखे होंठों पर बारिश की बूँद अमृत के समान गिरती है, मानो वर्षा होने से बेजान और सूखी पड़ी धरती को नवीन जीवन ही मिल गया हो। इस प्रकार बारिश की पहली बूँद से धरती का हर्ष प्रकट होता है।
  • प्रस्तुत कविता के अनुसार, नीले आकाश को नीली आँखों के समान और काले बादल को उन नीली नीली आँखों की काली पुतली के समान बताया गया है।

कविता की रचना

प्रश्न- ‘आसमान में उड़ता सागर, लगा बिजलियों के स्वर्णिम पर’ कविता की इस पंक्ति का सामान्य अर्थ देखें तो समुद्र का आकाश में उड़ना असंभव होता है। लेकिन जब हम इस पंक्ति का भावार्थ समझते हैं तो अर्थ इस प्रकार निकलता है- समुद्र का जल बिजलियों के सुनहरे पंख लगाकर आकाश में उड़ रहा है। ऐसे प्रयोग न केवल कविता की सुंदरता बढ़ाते हैं बल्कि उसे आनंददायक भी बनाते हैं। इस कविता में ऐसे दृश्यों को पहचानें और उन पर चर्चा करें।

उत्तर- विद्यार्थी अध्यापक की सहायता से करें।

शब्द एक अर्थ अनेक

प्रश्न- ‘अंकुर फूट पड़ा धरती से, नव-जीवन की ले अँगड़ाई’ कविता की इस पंक्ति में ‘फूटने’ का अर्थ पौधे का अंकुरण है। ‘फूट’ का प्रयोग अलग-अलग अर्थों में किया जाता है, जैसे- फूट डालना, घड़ा फूटना आदि। अब फूट शब्द का प्रयोग ऐसे वाक्यों में कीजिए जहाँ इसके भिन्न-भिन्न अर्थ निकलते हों, जैसे- अंग्रेज़ों की नीति थी फूट डालो और राज करो।

उत्तर-

  1. दोस्तों में फूट पड़ गई।
  2. उसका सिर फूट गया।
  3. धरती से जल की धारा फूट पड़ी।
  4. दीवार से टकराते ही उसकी एक आँख फूट गई।

4. पाठ से आगे प्रश्न-अभ्यास

आपकी बात

प्रश्न-

बारिश को लेकर हर व्यक्ति का अनुभव भिन्न होता है। बारिश आने पर आपको कैसा लगता है? बताइए।

आपको कौन-सी ऋतु सबसे अधिक प्रिय है और क्यों? बताइए।

उत्तर – विद्यार्थियों के स्वयं करने योग्य ।

वर्षा ऋतु मुझे बहुत प्रिय है। वर्षा ऋतु के दिनों में बारिश में भीगने में बहुत मज़ा आता है। भीगकर घर पहुँचने के बाद गर्म-गर्म चाय और पकौड़ों | खोजबीन के साथ बहुत मज़ा आता है।

समाचार माध्यमों से

प्रश्न- प्रत्येक मौसम समाचार के विभिन्न माध्यमों (इलेक्ट्रॉनिक या प्रिंट या सोशल मीडिया) के प्रमुख समाचारों में रहता है। संवाददाता कभी बाढ़ तो कभी सूखे या भीषण ठंड के समाचार देते दिखाई देते हैं। आप भी बन सकते हैं संवाददाता या लिख सकते हैं समाचार ।

अत्यधिक गर्मी, सर्दी या बारिश में आपने जो स्थिति देखी है उसका आँखों देखा हाल अपनी कक्षा में प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर- विद्यार्थी स्वयं करें।

पहली बूँद गोपालकृष्ण कौल Chapter 3 Hindi Class 6 NCERT

प्रश्न- इस कविता में नगाड़े की ध्वनि का उल्लेख है- ” बजा नगाड़े जगा रहे हैं, बादल धरती की तरुणाई । ” नगाड़ा भारत का एक पारंपरिक वाद्ययंत्र है। कुछ वाद्ययंत्रों को उन पर चोट कर बजाया जाता है, जैसे- ढोलक, नगाड़ा, डमरू, डफली आदि । नगाड़ा प्रायः लोक उत्सवों के अवसर पर बजाया जाता है। होली जैसे लोकपर्व के अवसर पर गाए जाने वाले गीतों में इसका प्रयोग होता है। नगाड़ों को जोड़े में भी बजाया जाता है जिसमें एक की ध्वनि पतली तथा दूसरे की मोटी होती है।

उत्तर- परीक्षोपयोगी नहीं।

प्रश्न- आपके यहाँ उत्सवों में कौन-से वाद्ययंत्र बजाए जाते हैं? उनके बारे में जानकारी एकत्र करें और अपने समूह में उस पर चर्चा करें।

उत्तर- ढोलक, नगाड़ा, डमरू, डफली, तबला, हारमोनियम, गिटार आदि ।

5. अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. पहली बूँद के धरा पर आने का क्या प्रभाव पड़ा ?

(क) अंकुर फूट पड़े

(ख) अंकुर नहीं निकले

(ग) धरती सूख गई

(घ) धरती प्यासी हो गई

Answer:  (क) अंकुर फूट पड़े

Question 2. ‘वसुंधरा की रोमावलि’ किसे कहा गया है?

(क) बादल को

(ख) हरी दूब को

(ग) बिजली को

(घ) धरती को

Answer:  (ख) हरी दूब को

Question 3. पहली बूँद के धरा पर आने से बूढ़ी धरती के मन में क्या इच्छा उठी?

(क) शस्य – श्यामला बनने की

(ख) अंकुर फूटने की

(ग) बारिश न होने की

(घ) बादल बनने की

Answer:  (क) शस्य – श्यामला बनने की

अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. वर्षा ऋतु में बादल कैसे दिखाई पड़ते हैं?

उत्तर-वर्षा ऋतु में जल रूपी बादल ऐसे प्रतीत होते हैं, जैसे सागर बिजलियों के सुनहरे पंख लगाकर आसमान में उड़ रहा हो।

प्रश्न 2. कौन पुनः शस्य-श्यामला होने की ललचाई है?

उत्तर-गर्मी के कारण सूखी धरती पुनः शस्य – श्यामला अर्थात हरी-भरी होने को ललचाई है।

प्रश्न 3. धरती के सूखे होंठों पर बारिश की बूँद किसके समान गिरी ?

उत्तर- धरती के सूखे होंठों पर बारिश की बूँद अमृत के समान गिरी।

CBSE Hindi Class 6 Chapter 3 पहली बूँद

प्रश्न 4 वर्षा का प्रेम पाकर धरती के मन में क्या हमें भी सुख-दुख को समान भाव से सहना चाहिए। सुख इच्छा जाग उठी है?

उत्तर-वर्षा का प्रेम पाकर धरती के मन में फिर से हरा-भरा होने की इच्छा जाग उठी है।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. वर्षा की पहली बूँद से धरती की प्रसन्नता किस प्रकार प्रकट होती है?

उत्तर- धरती के सूखे होंठों पर बारिश की बूँद अमृत के समान गिरती है, मानो वर्षा होने से बेजान और सूखी पड़ी धरती को नवीन जीवन ही मिल गया हो। इस प्रकार वर्षा की पहली बूँद से धरती की प्रसन्नता प्रकट होती है।

प्रश्न 2. धरती को ‘बूढ़ी’ कहने का क्या तात्पर्य है?

उत्तर- वास्तव में, जिस प्रकार बुढ़ापे में आदमी सुस्त पड़ जाता है और उसमें उत्साह भी नहीं रहता। ठीक उसी प्रकार धरती भी खूब गर्मी की वजह से सूखी पड़ जाती है। इसलिए धरती को ‘बूढ़ी’ कहके संबोधित किया गया है।

Class 6 Hindi Chapter 3 पहली बूँद Notes

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न- पावस ऋतु में निम्नलिखित में क्या-क्या परिवर्तन होते हैं?

1. धरती 2. वायु 3. दूब 4. पेड़-पौधे 5 पक्षी

उत्तर- पावस यानी वर्षा ऋतु में धरती हरी-भरी और खिल जाती है। हरियाली के होने से वायु भी खुशी से झूमने लगती है। वायु के छूते ही कलियाँ खिलने लगती हैं और चारों तरफ सुगंध फैल जाती है। वर्षा के होते ही जो धरती सूखी थी, प्यासी थी, वह तृप्त हो रही है और धरती से दूब घास प्रसन्नतापूर्वक बाहर आ जाती है, चारों तरफ कालिन-सी बिछ जाती है, प्रकृति भी खिल जाती है। पेड़-पौधे जो पत्ते – विहीन थे उनमें पत्ते आ जाते हैं। चारों तरफ हरियाली ही हरियाली होती है। पक्षी भी हरियाली देख चहक रहे हैं, उसे भी राहत और शांति मिल गई है। इन सबको पाकर प्रकृति ने श्रृंगार कर लिया है। अब प्रकृति सुंदर लग रही है।

मूल्यपरक /व्यावहारिक प्रश्न

प्रश्न- धरती सरदी, गरमी एवं बरसात सभी ऋतुएँ प्रसन्नता से सहती है- इससे हमें क्या सीख मिलती है?

उत्तर- धरती सरदी, गरमी एवं बरसात सभी ऋतुओं को समान रूप से सहती है इससे हमें यह सीख मिलती है कि में अधिक प्रसन्न नहीं होना चाहिए और दुख में विचलित नहीं होना चाहिए। जीवन के सुख-दुख को समान भाव से सहने वाला मनुष्य ही अपने जीवन को संतुलित रूप में जी सकता है।

CBSE For Class 6 Hindi Chapter 5 रहीम के दोहे -अब्दुर्रहीम खानखाना

CBSE For Class 6 Hindi Chapter 5 रहीम के दोहे -अब्दुर्रहीम खानखाना

1. दोहों का सार

प्रस्तुत दोहों में रहीम जी ने जीवन की निम्नलिखित वास्तविकताओं को दर्शाया है-

  • बड़ों के प्रभाव के समक्ष छोटों की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए अर्थात बड़ों का साथ मिलने पर छोटों का साथ छोड़ना नहीं चाहिए क्योंकि सभी का अपना-अपना महत्व होता है।
  • प्रकृति समान भाव से बिना किसी स्वार्थ के सभी को लाभान्वित करती है, वैसे ही मनुष्य का स्वभाव भी परोपकारी होना चाहिए।
  • प्रेम संबंध एक कच्चे धागे के समान होते हैं, हमें कभी भी किसी से अपने संबंध तोड़ने नहीं चाहिए क्योंकि यदि एक बार कोई संबंध टूट जाए तो ‘दुबारा कितना भी प्रयास कर ले अच्छा व्यवहार करने की लेकिन मनमुटाव का अंश हृदय में रह ही जाता है।
  • मनुष्य को पानी के सम्मान को समझना चाहिए क्योंकि पानी, चमक और सम्मान तीनों ही जीवन में सर्वोपरि हैं।
  • विपत्ति में ही सबके विषय में जाना जा सकता है कि संसार में कौन हमारा हितैषी है और कौन केवल दिखावा ही करता है।
  • हमें अपनी जिह्वा को काबू में रखना चाहिए। कई बार तो जिह्वा के बोल बिगड़े काम बना देते हैं और कई बार बने बनाए काम भी बिगड़ जाते हैं।
  • संपत्ति होने पर तो बहुत से लोग हमारे मित्र बन जाते हैं, सच्चा मित्र वही होता है जो कठिन समय में हमारे काम आता है।

2. अर्थग्रहण संबंधी एवं बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

दिए गए दोहों को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प के आधार पर दीजिए-

[1] रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिये डारि ।
जहाँ काम आवे सुई, कहा करे तलवारि ।।

शब्दार्थ : बड़ेन- बड़ा। लघु- छोटा। डारि- डालना। कहा करे- क्या करेगी। तरवारि- तलवार ।

भावार्थ – रहीमदास जी कहते हैं कि बड़े लोगों का साथ मिल जाने पर छोटों को कभी त्यागना नहीं चाहिए। सभी का अपना-अपना महत्व होता है। जैसे जहाँ सुई का प्रयोग होता है वहाँ तलवार काम नहीं आ सकती। अतः छोटों को भी उचित सम्मान देना चाहिए।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. इस दोहे का क्या भावार्थ है?

(क) छोटों का महत्व न भूलो।

(ख) बड़प्पन मत दिखाओ

(ग) बड़े और छोटे सभी का महत्व है।

(घ) अहंकार भूलो।

Answer: (क) छोटों का महत्व न भूलो।

Question 2. लोग बड़े-छोटे के घालमेल में क्या गलती करते हैं?

(क) वे बड़ों को महत्व देते हैं।

(ख) वे छोटों को भूल जाते हैं।

(ग) वे छोटों को महत्व देते हैं।

(घ) वे बड़ों को भूल जाते हैं।

Answer: (ख) वे छोटों को भूल जाते हैं।

Question 3. ‘तरवारि’ किसकी प्रतीक है?

(क) बड़े की

(ख) हिंसा की

(ग) संघर्ष की

(घ) युद्ध की

Answer: (क) बड़े की

Question 4. ‘सुई’ किसकी प्रतीक है?

(क) छुटपन की

(ख) छोटे लोगों की

(ग) नीच लोगों की

(घ) इनमें से कोई नहीं

Answer: (ख) छोटे लोगों की

Question 5. ‘जहाँ काम आवै सुई कहा करे तरवारि’ का आशय 乘

(क) तलवार और सुई दोनों एक समान हैं।

(ख) तलवार और सुई दोनों का अपनी-अपनी जगह महत्व है।

(ग) तलवार और सुई दोनों का एक-दूसरे की जगह उपयोग करो।

(घ) तलवार और सुई दोनों घातक हैं।

Answer: (ख) तलवार और सुई दोनों का अपनी-अपनी जगह महत्व है।

[2] तरुवर फल नहिं खात हैं सरवर पियहिं न पान । कहि रहीम पर काज हित, संपति सँचहि सुजान।।

शब्दार्थ : तरुवर- वृक्ष। खात-खाते सरवर – सरोवर । पियत-पीते । पान – पानी परकाज-दूसरे का कार्य । हित- भलाई। संपति – धन-दौलत । सचहिं एकत्रित करना / जोड़ते हैं। सुजान – बुद्धिमान / सज्जन ।

व्याख्या-रहीम जी कहते हैं कि दूसरों के हित के कारण ही वृक्ष अपने फलों को स्वयं नहीं खाते तथा सरोवर अपना जल नहीं पीते। ठीक इसी प्रकार दूसरों के प्रति उपकार की भावना रखने के कारण ही सज्जन धन जोड़ते हैं। बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

CBSE Class 6 Hindi Chapter 5 रहीम के दोहे – अब्दुर्रहीम खानखाना

Question 1. इस दोहे में किस भावना को दर्शाया गया है?

(क) परोपकार

(ख) दयालुता

(ग) दरिद्रता

(घ) सहिष्णुता

Answer: (क) परोपकार

Question 2. वृक्ष की विशेषता क्या होती है?

(क) वह पत्तों से घिरा रहता है।

(ख) वह कभी अपने फल नहीं खाता।

(ग) वह डालियों से झुक जाता है।

(घ) वह मीठे फल प्रदान करता है।

Answer: (ख) वह कभी अपने फल नहीं खाता।

Question 3. सरोवर क्या ग्रहण नहीं करते?

(क) सुगंधित पदार्थ

(ख) हवा

(ग) जल

(घ) पूजा की सामग्री

Answer: (ग) जल

Question 4. ‘परकाज’ शब्द का अर्थ स्पष्ट कीजिए।

(क) दूसरा काज

(ख) दूसरों के काम आना

(ग) दूसरों के हित के लिए

(घ) नई चीजें लेना

Answer: (ग) दूसरों के हित के लिए

Question 5. सज्जन पुरुषों को संपत्ति का संग्रह किसलिए करना mचाहिए?

(क) अपने बुढ़ापे के लिए

(ख) दूसरों की सहायता हेतु

(ग) अमीरी का रौब जमाने के लिए

(घ) खुश रहने के लिए

Answer: (ख) दूसरों की सहायता हेतु

[3] रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो छिटकाय ।
टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाए ।।

शब्दार्थ : छिटकाय चटका कर। परि जाय-पड़ जाती है।

व्याख्या / आशय-रहीम कहते हैं- प्रेम धागे के समान अखंड और कोमल होता है। इसे कभी भी जान-बूझकर तोड़ना नहीं चाहिए। यदि एक बार यह धागा टूट गया तो फिर जुड़ नहीं पाता। यदि जोड़ भी दिया जाए तो उसमें गाँठ पड़ जाती है। आशय यह है कि यदि किसी से प्रेम संबंध एक बार टूट जाए तो दोबारा संबंध बन भी जाए तो पहले जैसे नहीं बनते। मन मुटाव रह ही जाता है।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. ‘रहिमन धागा प्रेम का’ का क्या आशय है?

(क) धागा प्रेम के समान कच्चा है।

(ख) प्रेम धागे के समान कच्चा है।

(ग) प्रेम धागे के समान अटूट है।

(घ) प्रेम और धागा एक जैसे हैं।

Answer: (ग) प्रेम धागे के समान अटूट है।

Question 2. धागे और प्रेम में क्या समानता होती है?

(क) दोनों बाँधते हैं

(ख) दोनों तोड़ते हैं

(ग) दोनों जोड़ते हैं

(घ) दोनों टूटते हैं।

Answer: (ग) दोनों जोड़ते हैं

Question 3. प्रेम के धागे को तोड़ने का क्या आशय है?

(क) दुश्मनी बनाना

(ख) मित्रता तोड़ना

(ग) मित्रता करना

(घ) प्रेम भाव समाप्त करना ।

Answer: (घ) प्रेम भाव समाप्त करना

Question 4. ‘टूटे से फिर ना मिले’ का आशय है-

(क) प्रेम टूटने से फिर लोग नहीं मिलते।

(ख) एक बार टूटने पर प्रेमी नहीं मिल पाते।

(ग) प्रेम टूटने से फिर मन नहीं मिलते।

(घ) टूटने का अवसर बार-बार नहीं मिलता।

Answer: (ग) प्रेम टूटने से फिर मन नहीं मिलते।

Question 5. ‘गाँठ परि जाय’ का सांकेतिक अर्थ बताइए-

(क) संबंधों में खटास आना

(ख) संबंधों में दूरी आना

(ग) संबंधों में दुश्मनी होना

(घ) धागे में गाँठ पड़ जाना।

Answer: (ख) संबंधों में दूरी आना

Class 6 Hindi Chapter 5 रहीम के दोहे NCERT Solutions

[4] रहिमन पानी राखिये, बिनु पानी सब सून ।
पानी गए न ऊबरै, मोती, मानुष, चून।।

शब्दार्थ : पानी- चमक, सम्मान, जल। सून- व्यर्थ, शून्य। ऊबरै — उभरे, चमके। मानुष- मनुष्य। चून- आटा ।

व्याख्या/आशय-पहला अर्थ मनुष्य के सम्मान के लिए है कि मनुष्य का सम्मान सदा बना रहना चाहिए। पानी का दूसरा अर्थ चमक से है कि पानी के बिना मोती की चमक नहीं उभर सकती। तीसरा अर्थ यह है कि पानी के बिना चूने की सफ़ेदी नहीं आती और आटे में पानी न मिलाया जाए तो उसकी रोटी नहीं बन सकती ।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. ‘रहिमन पानी राखिए’ का आशय है-

(क) रहीम के लिए पानी रखो।

(ख) भगवान के लिए पानी की रक्षा करो।

(ग) रहीम कहते हैं- पानी बनाए रखो।

(घ) पानी को रखा रहने दो।

Answer: (ग) रहीम कहते हैं- पानी बनाए रखो।

Question 2. ‘बिन पानी सब सून’ का आटे के प्रसंग में क्या अर्थ है?

(क) पानी न हो तो रोटी नहीं खाई जा सकती।

(ख) पानी न हो तो रोटी नहीं बन सकती ।

(ग) पानी न हो तो रोटी में स्वाद नहीं आता ।

(घ) पानी न हो तो रोटी सूनी लगती है।

Answer: (ख) पानी न हो तो रोटी नहीं बन सकती ।

Question 3. मोती के संदर्भ में पानी का क्या अर्थ है?

(क) तालाब

(ख) सीपी

(ग) चमक

(घ) मूल्य

Answer: (ग) चमक

Question 4. ‘मानुष’ के संदर्भ में पानी का आशय है-

(क) मान-सम्मान

(ख) गुण

(ग) स्वभाव

(घ) भोजन

Answer: (क) मान-सम्मान

Question 5. दोहा मनुष्य को अपने स्वभाव के लिए क्या प्रेरणा देता है?

(क) अहंकार बनाए रखो ।

(ख) स्वाभिमानी बने रहो ।

(ग) मान-सम्मान बनाए रखो।

(घ) व्यक्तित्व बचाए रखो ।

Answer: (ग) मान-सम्मान बनाए रखो।

[5] रहिमन बिपदाहू भली, जो थोरे दिन होय ।
हित अनहित या जगत में, जानि परत सब कोय ।।

शब्दार्थ : विपदा – विपत्ति/कठिन समय। थोरे- थोड़े। हित- हितैषी । अनहित- हितैषी न होना। जगत- संसार

व्याख्या – रहीमदास जी का कहना है कि जो विपत्ति कुछ समय के लिए आती है वह अच्छी होती है क्योंकि विपत्ति के समय ही पता चलता है कि इस संसार में कौन हमारा हितैषी है और कौन नहीं।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. रहीम ने कैसी विपत्ति को सही कहा है?

(क) जो थोड़े दिन की होती है।

(ख) जो मेहमान की भाँति आती है।

(ग) जो क्षणिक होती है।

(घ) जो सदैव रहती है।

Answer: (क) जो थोड़े दिन की होती है।

Question 2. थोड़े दिन की विपदा को ‘भला’ क्यों कहा गया है?

(क) वह कुछ ही दिन परेशान करती है।

(ख) वह कोई सीख नहीं देती।

(ग) वह हमें यह बोध करवाती है कि हमारा हितैषी कौन है।

(घ) इनमें से कोई नहीं है।

Answer: (ग) वह हमें यह बोध करवाती है कि हमारा हितैषी कौन है।

Question 3. ‘जगत’ शब्द से तात्पर्य है-

(क) संसार

(ख) देश

(ग) भूमि

(घ) इनमें से कोई नहीं

Answer: (क) संसार

Question 4. विपत्ति हमें किसकी पहचान करवाती है?

(क) यह सज्जन की पहचान करवाती है।

(ख) यह दुर्जन की पहचान करवाती है।

(ग) यह हितैषी / अहितैषी की पहचान करवाती है।

(घ) यह मनुष्य को सबक सिखाती है।

Answer: (ग) यह हितैषी / अहितैषी की पहचान करवाती है।

Question 5. यह दोहा व्यावहारिक है या नीतिपरक-

(क) नीतिपरक

(ख) व्यावहारिक

(ग) व्यावहारिक एवं नीतिपरक दोनों

(घ) इनमें से कोई नहीं।

Answer: (ख) व्यावहारिक

रहीम के दोहे अब्दुर्रहीम खानखाना Chapter 5 Hindi Class 6 NCERT

[6] रहिमन जिह्वा बावरी, कहि गइ सरग पताल । आपु तो कहि भीतर रही, जूती खात कपाल ।।

शब्दार्थ : जिह्वा – जीभ । बावरी – पागल कह गई- बोल गई। सरग, पताल स्वर्ग पाताल। भीतर – अंदर । जूती – जूतियाँ। खात-खाने पड़ते हैं । कपाल – सिर ।

व्याख्या – रहीमदास का कहना है कि हमें अपनी जीभ से सोच-समझकर बोलना चाहिए। कई बार तो यह बिगड़ते हुए सभी कार्यों को सँवार देती है और कई बार हमें बने-बनाए

कामों को बिगाड़ देती है। यह स्वर्ग से पाताल तक की बातें | करने की क्षमता रखती है। बात कहने के बाद यह मुँह के अंदर हो जाती है और बेचारे सिर को जुतियाँ खानी पड़ती है अर्थात मनुष्य को पछताना पड़ता है।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. ‘जिह्वा’ शब्द से आप क्या समझते हैं?

(क) जीभ

(ख) सिर

(ग) मुँह

(घ) कपोल

Answer: (क) जीभ

Question 2. ‘कहि गई सरग पाताल’ पंक्ति का अर्थ बताइए-

(क) स्वर्ग से पाताल तक की बातें

(ख) न जाने कहाँ-कहाँ की बातें

(ग) जो बातें दूसरों को अच्छी नहीं लगती

(घ) (क) और (ख) दोनों।

Answer: (घ) (क) और (ख) दोनों।

Question 3. जीभ को ‘बावरी’ क्यों कहा है?

(क) क्योंकि यह जीभ घूमती रहती है।

(ख) जिस प्रकार पागल सोच-समझकर नहीं बोलता वैसे ही यह जीभ भी कई बार कुछ भी बोल जाती है।

(ग) यह तेज हवा की भाँति बहने का दम रखती है।

(घ) इनमें से कोई नहीं ।

Answer: (ख) जिस प्रकार पागल सोच-समझकर नहीं बोलता वैसे ही यह जीभ भी कई बार कुछ भी बोल जाती है।

Question 4. जीभ किसके भीतर रहती है?

(क) मुँह के

(ख) दिमाग के

(ग) पाताल में

(घ) स्वर्ग में

Answer: (क) मुँह के

Question 5. कई बार दिमाग को पछताना क्यों पड़ता है?

(क) क्योंकि कई बार जीभ बिना सोचे-समझे कुछ भी बोल देती है जो किसी के लिए हानिकारक होता है।

(ख) जीभ बोलने से पूर्व दिमाग को कुछ बताती नहीं है।

(ग) जीभ सदा दिमाग को मात देना चाहती है।

(घ) जीभ के कुछ भी बोल देने पर दिमाग को ताने सुनने पड़ते हैं और तब जीभ प्रसन्न होती है।

Answer: (क) क्योंकि कई बार जीभ बिना सोचे-समझे कुछ भी बोल देती है जो किसी के लिए हानिकारक होता है।

[7] कहि रहीम संपति सगे, बनत बहुत बहु रीत। बिपति कसौटी जे कसे, ते ही साँचे मीत।।

शब्दार्थ : संपति-धन-दौलत । सगे-अपने । बनत – बन जाते हैं। बहु- बहुत से। रीत ढंग । बिपति – मुसीबत। कसौटी – परखना । तेई-वही । साँचे-सच्चे । मीत-मित्र ।

व्याख्या-रहीम जी कहते हैं कि जब तक मनुष्य के पास धन-दौलत और मान-सम्मान रहता है तब तक लोग उसके साथ अनेक प्रकार के रिश्ते-नाते बनाने के लिए कई प्रकार के ढंग निकालते रहते हैं लेकिन जो लोग दुख, दरिद्रता और विपत्ति के समय काम आते हैं, वही सच्चे मित्र होते हैं।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. संपत्ति आने पर क्या होता है?

(क) संबंधी घर पर आने लगते हैं।

(ख) अधिक लोगों से जान-पहचान होती है।

(ग) लोग रिश्ते-नाते बनाने के अनेक ढंग निकाल लेते हैं।

(घ) लोग ईर्ष्या करते हैं।

Answer: (ग) लोग रिश्ते-नाते बनाने के अनेक ढंग निकाल लेते हैं।

CBSE Hindi Class 6 Chapter 5 रहीम के दोहे

Question 2. रिश्ते-नाते कब तक साथ देते हैं?

(क) जब तक हमारे पास अधिक धन-दौलत होती है।

(ख) जब हम बलशाली होते हैं।

(ग) जब हमारा स्वभाव हँसमुख होता है।

(घ) जब हम विदेश गमन की सोचते हैं।

Answer: (क) जब तक हमारे पास अधिक धन-दौलत होती है।

Question 3. सच्चे मित्र की क्या विशेषता होती है?

(क) सच्चा मित्र हर कार्य में सहयोगी होता है।

(ख) मार्गदर्शक होता है।

(ग) सदा सच बोलता है।

(घ) मुश्किल के समय भी मित्र का साथ नहीं छोड़ता।

Answer: (घ) मुश्किल के समय भी मित्र का साथ नहीं छोड़ता।

Question 4. सच्चे मित्र को कब परखा जा सकता है?

(क) समारोह में

(ख) सबके समक्ष

(ग) विपत्ति आने पर

(घ) हर पल

Answer: (ग) विपत्ति आने पर

Question 5. मित्र का चुनाव सोच-समझकर करना चाहिए, सदा ऐसा मित्र बनाना चाहिए जो-

(क) हमारा गलत मार्गदर्शन न करे।

(ख) मुश्किल समय में हमारा सहारा बन सके।

(ग) हमारे धन का लोभ न रखता हो।

(घ) दिए गए सभी

Answer: (क) हमारा गलत मार्गदर्शन न करे।

3. पाठ से प्रश्न- अभ्यास

मेरी समझ से

प्रश्न (क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सबसे सही ( सटीक ) उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा बनाइए-

  1. “रहिमन जिह्वा बावरी, कहि गइ सरग पताल । आपु तो कहि भीतर रही, जूती खात कपाल । ” दोहे का भाव है-
    • सोच-समझकर बोलना चाहिए।
    • मधुर वाणी में बोलना चाहिए।
    • धीरे-धीरे बोलना चाहिए।
    • सदा सच बोलना चाहिए।
  2. “रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिये डारि । जहाँ काम आवे सुई, कहा करे तलवारि । ” इस दोहे का भाव क्या है?
    • तलवार सुई से बड़ी होती है।
    • सुई का काम तलवार नहीं कर सकती।
    • तलवार का महत्व सुई से ज्यादा है।
    • हर छोटी-बड़ी चीज़ का अपना महत्व होता है।

Answer:

  1.  सोच-समझकर बोलना चाहिए।
  2. हर छोटी-बड़ी चीज़ का अपना महत्व होता है।

(ख) अब अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए और कारण बताइए कि आपने यही उत्तर क्यों चुने?

Answer:

  1. सोच-समझकर बोलना चाहिए ताकि बाद में पछतावा न पड़े।
  2. हर छोटी-बड़ी चीज़ का अपना महत्व होता है अर्थात किसी को उसके रूप, आकार या आर्थिक स्थिति से नहीं आंकना चाहिए क्योंकि प्रत्येक का अपनी-अपनी जगह महत्व होता है।

पंक्तियों पर चर्चा

नीचे दिए गए दोहों पर समूह में चर्चा कीजिए और उनके अर्थ या भावार्थ अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए-

प्रश्न-

(क) “रहिमन बिपदाहू भली, जो थोरे दिन होय । हित अनहित या जगत में, जानि परत सब कोय ॥”

(ख) “रहिमन जिह्वा बावरी, कहि गड़ सरग पताल |
आपु तो कहि भीतर रही, जूती खात कपाल॥”

Answer:

(क) रहीमदास का मानना है कि थोड़े दिन की विपदा भी भली होती है जो हमें यह बता देती है कि संसार में कौन हमारा हितैषी है और कौन अहितैषी अर्थात कौन हमारा मुश्किल में साथ देने वाला है और कौन नहीं।

(ख) रहीमदास का कहना है कि हमारी जीभ | उसकी सहोदर (मित्र) बूँदों से नहीं मिलाया जा सकता। बिलकुल बावरी अर्थात पागल जैसी होती ऐसे ही किसी से संबंध अगर टूट जाए तो दोबारा वैसे है। यह कई बार ऐसा कुछ बोल देती है कि नहीं बन पाते। दिमाग को जूते खाने पड़ते हैं अर्थात मनुष्य को पछताना पड़ता है।

सोच-विचार के लिए

दोहों को एक बार फिर से पढ़िए और निम्नलिखित के बारे में पता लगाकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए-

(1 ) ” रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो छिटकाय ।
टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परिजाय ।। ”

(क) इस दोहे में ‘मिले’ के स्थान पर ‘जुड़े’ और ‘छिटकाय’ के स्थान पर ‘चटकाय’ शब्द का प्रयोग भी लोक में प्रचलित है। जैसे-

” रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाय ।
टूटे से फिर ना जुड़े, जुड़े गाँठ पड़ जाय ।। ”

इसी प्रकार पहले दोहे में ‘डारि’ के स्थान पर ‘डार’, ‘तलवारि’ के स्थान पर ‘तरवार’ और चौथे दोहे में ‘मानुष’ के स्थान पर ‘मानस’ का उपयोग भी प्रचलित हैं। ऐसा क्यों होता है?

Answer:

डारि के स्थान पर डार तलवारि के स्थान पर तलवार मानुष के स्थान पर मानस आदि शब्दों का प्रयोग थोडी-सी दूरी पर बोली बदल जाने के कारण होता है।

Class 6 Hindi Chapter 5 रहीम के दोहे Notes

(ख) इस दोहे में प्रेम के उदाहरण में धागे का प्रयोग ही क्यों किया गया है? क्या आप धागे के स्थान पर कोई अन्य उदाहरण सुझा सकते हैं? अपने सुझाव का कारण भी बताइए ।

Answer:

कवि ने प्रेम के टूटने को धागे द्वारा दर्शाया है कि जिस प्रकार धागा एक बार टूट जाए तो उसे जोड़ने के लिए गाँठ लगानी पड़ती है। ऐसे ही प्रेम संबंधों में दरार आ जाए तो भले ही उन्हें फिर से जोड़ लिया जाए परंतु मन-मुटाव रह ही जाता है। इसे हम अन्य उदाहरणों द्वारा भी समझ सकते है जैसे-

  1. नदी के जल से एक लोटा पानी ले लिया जाए तो उन्हें दोबारा नदी में मिलाया तो जा सकता है परंतु उसे
  2. एक टूटे हुए लकड़ी के डंडे को प्रयत्न करके सिल भी लिया जाए तो हम पहले की भाँति उसका प्रयोग नहीं कर सकते। हर बार ध्यान से प्रयोग करना पड़ता है।
  3. एक कीमती कपड़े के फट जाने पर उसे कितना भी सिल लिया जाए लेकिन मन में उसका फटा होना खटकता ही रहता है।

(2) “तरुवर फल नहिं खात हैं, सरवर पियहिँ न पान । कहि रहीम पर काज हित, संपति सँचहि सुजान।।”

इस दोहे में प्रकृति के माध्यम से मनुष्य के किस मानवीय गुण की बात की गई है? प्रकृति से हम और क्या-क्या सीख सकते हैं?

Answer:

प्रकृति के माध्यम से इस दोहे में मनुष्य के इस मानवीय गुण की बात की गई है कि जैसे पेड़ अपने फल नहीं खाते, सरोवर अपना जल ग्रहण नहीं करते। ऐसे ही सज्जन धन का संचय स्वयं के लिए न करके दूसरों की भलाई के लिए करते हैं। प्रकृति से हम और गुण भी सीख सकते हैं। जैसे-

  • नदियों के जल की भाँति निरंतर आगे बढ़ना चाहिए ।
  • जिस प्रकार तपती गरमी से बचाने के लिए वृक्ष छाया देते हैं, वैसे ही दूसरों के कठिन समय में हमें उनकी मदद करनी चाहिए।
  • फूलों की भाँति अपने अच्छे कार्यों की सुगंध चारों ओर बिखेरनी चाहिए।
  • सूरज की भाँति अच्छे कार्य करने पर अपना नाम जग में चमकाना चाहिए।
  • चाँद की चाँदनी की ठंड कला की भाँति अपने विचारों से सबको प्रभावित करना चाहिए।
  • पर्वतों की भाँति अपने विचारों को दृढ़ रखना चाहिए।
  • सागर की भाँति अपने हृदय को विशाल बनाना चाहिए। जीवन में अच्छी-बुरी जिन भी घटनाओं का सामना हो उन्हें गहराई से अपने अंदर समेटना चाहिए।

शब्द एक अर्थ अनेक

” रहिमन पानी राखिये, बिनु पानी सब सून। पानी गए न ऊबरै, मोती, मानुष, चून।। ”

इस दोहे में ‘पानी’ शब्द के तीन अर्थ हैं- सम्मान, जल, चमक।

इसी प्रकार कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। आप भी इन शब्दों के तीन-तीन अर्थ लिखिए। आप इस कार्य में शब्दकोश, इंटरनेट, शिक्षक या अभिभावकों की सहायता भी ले सकते हैं।

Answer:

कल – आने वाला कल चैन या शांति पूज/माशीन

पत्र – पत्ता चिट्ठी दल

कर – हाथ टैक्स किरण

फल – परिणाम एक खाने का फल (आम) हल का अग्र भाग

4. पाठ से आगे प्रश्न- अभ्यास

आपकी बात

” रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिये डारि । जहाँ काम आवे सुई, कहा करे तलवारि ।। ”

इस दोहे का भाव है- न कोई बड़ा है और न ही कोई छोटा है। सबके अपने-अपने काम हैं, सबकी अपनी-अपनी उपयोगिता और महत्ता है। चाहे हाथी हो या चींटी, तलवार हो या सुई, सबके अपने-अपने आकार-प्रकार हैं और सबकी अपनी-अपनी उपयोगिता और महत्व है। सिलाई का काम सुई से ही किया जा सकता है, तलवार से नहीं। सुई जोड़ने का काम करती है जबकि तलवार काटने का कोई वस्तु हो या व्यक्ति, छोटा हो या बड़ा, सबका सम्मान करना चाहिए। अपने मनपसंद दोहे को इस तरह की शैली में अपने शब्दों में लिखिए। दोहा पाठ से या पाठ से बाहर का हो सकता है।

Answer:

बड़े बड़ाई न करै; बड़ो न बोले बोल।

रहिमन हीरा कब कहैं, लाख मेरो टकै का मोल रहीमदास जी कहते हैं कि जिनमें बड़प्पन होता है वे अपनी बड़ाई स्वयं कभी नहीं करते। उनके कार्य ही उनके कौशल को दर्शा देते हैं। जैसे हीरा कितना भी बहुमूल्य क्यों न हो लेकिन कभी अपने मुँह से अपने बारे में नहीं कहता। हमें भी अपने गुणों को दर्शाना नहीं चाहिए। वे स्वतः ही हमारे कार्यों के माध्यम से सबके समक्ष आ जाते हैं। जैसे- कुशल खिलाड़ी अपने खेल से, बावर्ची अपने स्वादिष्ट पकवानों से अच्छा नर्तक अपने नृत्य से श्रेष्ठ गायक अपने गायन से प्रतिभाशाली विद्यार्थी अपने परिणाम से ही जाना जाता है।

5. अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. रहीमदास ने बड़े को देखकर छोटे को न छोड़ने के लिए क्यों कहा है?

Answer: रहीमदास ने बड़े को देखकर छोटे को न छोड़ने के लिए कहा क्योंकि सभी का अपना-अपना महत्व होता है जैसे- जहाँ सुई काम आती है वहाँ तलवार काम नहीं आ सकती।

प्रश्न 2. ‘तलवार’ शब्द किसका प्रतीक है?

Answer: ‘तलवारि’ शब्द तलवार का प्रतीक है।

प्रश्न 3. सज्जन धन संचय किसलिए करते हैं?

Answer: सज्जन धन संचय दूसरों की भलाई के लिए करते हैं। उन्हें अपना कोई स्वार्थ नहीं होता।

प्रश्न 4. रहीम ने किस धागे को न तोड़ने के लिए पर होती है। कहा है?

Answer: रहीम ने प्रेम रूपी धागे को न तोड़ने के लिए कहा है।

प्रश्न 5. ‘चून’ के संदर्भ में पानी का क्या महत्व है?

Answer: ‘चून’ के संदर्भ में पानी का विशेष महत्व है। ‘चून’ शब्द का प्रयोग चूने और आटे के लिए किया गया है। चूने में जब तक पानी न मिलाया जाए तो वह सफ़ेदी नहीं देता और आटे में जब तक पानी न मिलाया जाए तो रोटी नहीं बन सकती।

प्रश्न 6. मनुष्य के लिए पानी की समानता किससे की गई है? रहीम के विचारों के अनुसार बताइए ।

Answer: मनुष्य के लिए पानी की समानता उसके सम्मान के लिए की गई है। रहीमदास ने यह माना है कि यदि मनुष्य का सम्मान एक बार चला जाए तो वैसा ही सम्मान फिर से प्राप्त नहीं किया जा सकता।

प्रश्न 7. रहीम ने थोड़े दिनों की विपदा को ‘भली’ क्यों कहा है?

Answer: रहीमदास ने थोड़े दिन की विपदा को ‘भली’ कहा है क्योंकि उस दौरान मनुष्य को यह पता चल जाता है कि संसार में कौन हमारा हितैषी है और कौन अहितैषी

Chapter 5 रहीम के दोहे अब्दुर्रहीम खानखाना Hindi Class 6 Solutions

प्रश्न 8. रहीम जिह्वा को बावरी अर्थात पागल क्यों कहते हैं?

Answer: रहीमदास ने जिह्वा को बावरी कहा है जैसे एक पागल कुछ भी कहने से पूर्व सही-गलत नहीं सोचता, वैसे ही जिह्वा भी कई बार ऐसा कुछ बोल देती है कि दिमाग को जूते खाने पड़ते हैं अर्थात मनुष्य को पछताना पड़ता है।

प्रश्न 9. कई बार दिमाग को जिह्वा के कारण जूतियाँ क्यों खानी पड़ती है?

Answer: जिहवा के कारण दिमाग को जूतियाँ खानी पड़ती है क्योंकि कई बार यह सोचे-समझे बिना बोलती है।

प्रश्न 10. संपत्ति होने पर लोगों का व्यवहार हमारे प्रति कैसे होता है?

Answer: हमारे पास संपत्ति होने पर लोगों का व्यवहार बहुत अच्छा रहता है। बहुत से लोग कई तरीकों से हमारे बन जाते हैं लेकिन उनकी असली पहचान संपत्ति न रहने

प्रश्न 11. सच्चे मित्रों की क्या पहचान होती है?

Answer: सच्चे मित्र वही होते हैं जो मुश्किल समय में भी हमारा साथ नहीं छोड़ते। दुख हो या सुख सदा हमारे साथ रहते हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. रहीम ने सुई और तलवार के उदाहरण किस संदर्भ में दिए हैं?

Answer: रहीमदास का मानना है कि हमें प्रत्येक वस्तु को या मनुष्य को समान महत्व देना चाहिए। क्योंकि एक का स्थान दूसरा नहीं ले सकता जैसे सुई कपड़े सिलने के काम आती है और तलवार युद्ध में। इन दोनों का प्रयोग एक-दूसरे के स्थान पर नहीं किया जा सकता।

प्रश्न 2. प्रकृति हमें क्या सीख देती है? रहीमदास के दोहे के आधार पर बताइए ।

Answer: प्रकृति हमें परोपकार करने की सीख देती हैं जैसे- वृक्ष अपने फल नहीं खाते, सरोवर अपना जल नहीं पीते, ऐसे ही हमें भी अपना जीवन दूसरों की सहायता करके जीना चाहिए।

प्रश्न 3. प्रेम रूपी धागे को तोड़ना क्यों नहीं चाहिए?

Answer: प्रेम रूपी धागे को तोड़ना नहीं चाहिए क्योंकि यदि संबंधों में प्रेम रूपी धागा एक बार टूट जाता है तो मन में गाँठ बन जाती है अर्थात संबंध ठीक हो जाने पर भी मन-मुटाव रह ही जाता है।

NCERT Solutions Class 6 Hindi Chapter 5 रहीम के दोहे

प्रश्न 4. हमारे जीवन में पानी का अत्यधिक महत्व है क्यों और कैसे?

Answer: हमारे जीवन में पानी का बहुत महत्व है। इसे बनाए रखना चाहिए। यदि पानी न हो तो मोती का कोई

महत्व न रहेगा। पानी अर्थात चमक के बिना मोती बेकार | मूल्यपरक / व्यावहारिक प्रश्नोत्तर है, पानी अर्थात सम्मान के बिना मनुष्य जीवन व्यर्थ है और जल के बिना आटे की रोटी नहीं बन सकती और चूना अपनी सफ़ेदी भी पानी के बिना नहीं देता ।

प्रश्न 5. हमें अपनी जिह्वा से सोच-समझकर क्यों बोलना चाहिए?

Answer: हमें अपनी जिह्वा से सोच-समझकर बोलना चाहिए क्योंकि यदि हम बिना सोचे-समझे कुछ बोल देते हैं तो कई बार दूसरे को बूरा लग जाता है और हमें शर्मिंदा होना पड़ता है।

दीर्य उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न- वर्तमान में भी रहीमदास के दोहों की सार्थकता ज्यों की त्यों है- कैसे?

Answer: वर्तमान समय में भी रहीमदास के दोहों की प्रासिंगता ज्यों की त्यों बनी है। जैसे बड़े को पाकर छोटों को मत छोड़ो, सज्जन लोगों की भाँति दूसरों की सहायता करना एवं परोपकार की भावना से प्रेरित होना चाहिए। किसी के साथ प्रेम संबंधों को तोड़ना नहीं चाहिए, विपदा के दिनों में यह पता चल जाता है कि कौन हमारा हितैषी है और कौन अहितैषी। हमें अपनी जीभ से सोच-समझकर बोलना चाहिए और सच्चा मित्र वही होता है जो विपत्ति के समय में भी काम आए।

ये सभी तथ्य वर्तमान में भी आवश्यक हैं और भविष्य में भी रहेंगे। इसीलिए रहीमदास जी के दोहों को उपयोगी माना जाता है।

आप क्या करेंगे-

प्रश्न-

(क) यदि हमारे मित्र से अच्छा मित्र हमें मिल जाए-

Answer: हम अपने पुराने मित्र को छोड़ेंगे नहीं बल्कि उसे भी नए मित्र से परिचित करवाएँगे ।

(ख) यदि कोई जरूरतमंद आपको मिल जाए-

Answer: मैं तन, मन एवं धन से उसकी सहायता करूँगा।

(ग) यदि आपकी अपने किसी संबंधी या मित्र से लड़ाई हो जाए-

Answer: मैं जल्दी से जल्दी सुलझा लूँगा / लूँगी ताकि कोई मनमुटाव न हो जाए।

Hindi Chapter 5 रहीम के दोहे – अब्दुर्रहीम खानखाना Solutions Class 6

(घ) यदि कोई आपको बिना वजह अपमानित करे-

Answer: मैं जल्द-से-जल्द अपनी सच्चाई सबके सामने लाऊँगा ताकि समाज में मेरी बेइज़्ज़ती न हो ।

(ङ) अगर आप पर कोई ‘विपदा’ आ जाए-

Answer: मेरे जो मित्र मेरे मुश्किल समय में मेरा साथ देंगे उनसे घनिष्ठ संबंध बनाऊँगा / बनाऊँगी।

(च) यदि कोई आपको ऐसे अपशब्द कह दे जो आपको पसंद न हो-

Answer: मैं उसे प्यार से समझाने की कोशिश कररूँगा/करूँगी कि अपशब्द न कहकर अपनी जिह्वा से अच्छे-अच्छे शब्द बोलकर सभी को अपना मित्र बनाना चाहिए।

(छ) यदि कोई मित्र मुश्किल समय में साथ छोड़ दे

Answer: यदि कोई मेरा मित्र मुश्किल समय में मेरा साथ छोड़ देगा तो मैं उसे आराम से अकेले में इस बात का अहसास दिलाना चाहूँगी / चाहूँगा कि मित्रों को कभी ऐसे छोड़ना नहीं चाहिए।