NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 1 वह चिड़िया जो Question And Answers
कविता का सार
प्रस्तुत कविता ‘वह चिड़िया जो केदारनाथ अग्रवाल द्वारा रचित है। इस कविता में कवि ने नीले पंखों वाली छोटी-सी चिड़िया को अपने स्वभाव के रूप में व्यक्त किया है। उन्होंने बताया है कि छोटी चिड़िया को अन्न से बहुत प्यार है। वह रुचि से गेहूँ, जौ व बाजरा के कच्चे दानों को चोंच मारकर खाती हैं। वह बहुत संतोषी है और वन को बूढ़ा बाबा कहकर उसके लिए अपने कंठों से मीठे स्वर में गाना गाती है। उसे एकांत में रहना पसंद है।
वह नदी से मोती जितना ही पानी लेती है, क्योंकि वह नदी से बहुत प्रेम करती है। छोटी-सी चिड़िया साहसी है और उसे स्वयं पर गर्व है। चिड़िया के माध्यम से कवि ने उन गुणों को बताया है, जो मनुष्य के स्वभाव में विद्यमान होने चाहिए; जैसे-मधुर वाणी, धैर्यशीलता, प्रकृति के प्रति संवेदनशील आदि।
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 1 वह चिड़िया जो काव्यांशों की विस्तृत व्याख्या
काव्यांश 1
वह चिड़िया जो-
चोंच मारकर,
दूध-भरे जुडी के दाने
रुचि से, रस से खा लेती है।
वह छोटी संतोषी चिड़िया
नीले पंखोंवाली मैं हूँ
मुझे अन्न से बहुत प्यार है।
Read and Learn More Class 6 Hindi Question and Answers
शब्दार्थ दूध-भरे कच्चे, अधपके, मुंडी-जौ, गेहूँ और बाजरे की बालियाँ, रुचि – चाहत, पसंद, संतोषी – धीरज वाली, रस-स्वाद, अन्न- अनाज |
संदर्भ प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘वसंत भाग- 1’ में संकलित ‘वह चिड़िया जो’ कविता से ली गई हैं। इसके रचयिता केदारनाथ अग्रवाल हैं।
प्रसंग प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने चिड़िया की रुचि और स्वभाव के विषय में बताया है।
व्याख्या कवि कहते हैं कि चिड़िया बहुत छोटे आकार की है। और उसके पंख नीले रंग के हैं। चिड़िया दूध से युक्त अर्थात् अधपके जुंडी (जौ, गेहूँ और बाजरे) के दाने रुचि से खाती है, क्योंकि ये अधपके दाने बहुत रसीले होते हैं। चिड़िया संतोषी है तथा वह थोड़े से ही दानों से संतुष्ट हो जाती है। उसे अनाज के दाने बहुत ही प्रिय लगते हैं।
विशेष
- कवि ने एक छोटी-सी चिड़िया के माध्यम से मानवीय स्वभाव का वर्णन किया है।
- चिड़िया अन्न का अनादर नहीं करके खेत में खड़ी फसलों में से ही अनाज के दाने चुगकर संतोष प्राप्त कर लेती है।
काव्यांश 2
वह चिड़िया जो-
कंठ खोलकर
बूढ़े वन बाबा की खातिर
रस उँडेलकर गा लेती है।
वह छोटी मुँह बोली चिड़िया
नीले पंखोंवाली मैं हूँ
मुझे विजन से बहुत प्यार है।
शब्दार्थ कंठ-गला, बूढ़े पुराने, वन जंगल, विजन-एकां रस उँडेलकर- सुमधुर स्वर में, मुँहबोली- चिर-परिचित ।
प्रसंग प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने छोटी चिड़िया के गाने की विशेषता बताई है।
व्याख्या कवि बताता है कि नीले पंखोंवाली छोटी चिड़िया कहती है कि मधुर स्वर में कंठ खोलकर बूढ़े (पुराने) वन बाबा के लिए गीत गाने वाली चिड़िया मैं ही हूँ। चिड़िया के गीत जंगल में रहने वाले लोगों को बहुत अच्छे लगते हैं। उसे एकांत में रहना पसंद है। चिड़िया एकांत को भी अपने स्वर से मधुर रसमय बना देती है।
विशेष
- नन्हीं चिड़िया के माध्यम से कवि ने बताया है कि जंगल में रहने वाली चिड़िया इतनी कठिनाइयाँ झेलने के बाद भी खुश रहने का प्रयत्न करती है।
- चिड़िया की भाँति ही मनुष्य को भी अपने जीवन में प्रेम-भाव से रहना चाहिए।
काव्यांश 3
वह चिड़िया जो-
चोंच मारकर
चढ़ी नदी का दिल टटोलकर
जल का मोती ले जाती है
वह छोटी गरबीली चिड़िया
नीले पंखोंवाली मैं हूँ।
मुझे नदी से बहुत प्यार है।
शब्दार्थ चढ़ी नदी जल से पूरी भरी नदी, गरबीली-गर्व करने वाली, अभिमानिनी, टटोलकर – खोजकर ।
प्रसंग प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने छोटी-सी गर्व करने वाली चिड़िया का वर्णन किया है।
व्याख्या कवि कहता है कि चिड़िया जल से भरी नदी में अपनी चोंच मारकर उसका हृदय टटोलती है अर्थात् अपनी इच्छानुसार ही चोंच से मोती के समान जल लेकर अपनी प्यास बुझाती है। चिड़िया बहुत छोटी है, इसलिए नदी से जल पीने का कार्य उसके लिए साहसपूर्ण है। वह नीले पंखों वाली चिड़िया गर्वीली है, उसे नदी से बहुत प्यार है।
विशेष
- प्रस्तुत पंक्तियों में चिड़िया का नदी से प्रेम करने का संदेश दिया गया है।
- नदियाँ सभ्यता के विकास में प्राचीन काल से हमारी सहायक रही हैं।
- चिड़िया के साहसी होने का वर्णन किया गया है, चिड़िया की भाँति मनुष्य को भी कार्य को करते समय मन में साहस रखना चाहिए।
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 1 वह चिड़िया जो पाठ्यपुस्तक वसंत भाग-1 के प्रश्नोत्तर
कविता से (पृष्ठ संख्या 2 व 3)
प्रश्न1 कविता पढ़कर तुम्हारे मन में चिड़िया का जो चित्र उभरता है, उस चित्र को कागज़ पर बनाओ।
उत्तर: छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 2 तुम्हें कविता का कोई और शीर्षक देना हो तो क्या शीर्षक देना चाहोगे? उपयुक्त शीर्षक सोचकर लिखो ।
उत्तर: कविता के अन्य उपयुक्त शीर्षक हैं-नन्हीं चिड़िया, छोटी चिड़िया, नीले पंखों वाली चिड़िया, गरबीली चिड़िया, चिड़िया रानी ।
प्रश्न 3 इस कविता के आधार पर बताओ कि चिड़िया को किन-किन चीज़ों से प्यार है?
उत्तर: चिड़िया निम्नलिखित चीज़ों से प्यार करती हैं
- चिड़िया को खेतों में लगे जौ-बाजरे की फलियों (अन्न) से प्यार है। वह उसे रुचिपूर्वक रस लेकर खाती है।
- उसे जंगल से प्यार है, जहाँ वह एकांत में रहना चाहती है तथा जहाँ वह खुली हवा में गाना गा सकती है।
- उसे नदी से प्यार है, जिसका ठंडा और मीठा मोती के समान जल की बूंदों को वह पीती है।
ये चीजें चिड़िया को आज़ादी का एहसास दिलाती हैं, इसलिए वह इन सबसे प्यार करती है।
प्रश्न 4 आशय स्पष्ट करो
(क) रस उँडेलकर गा लेती है।
(ख) चढ़ी नदी का दिल टटोलकर जल का मोती ले जाती है।
उत्तर:
(क) चिड़िया जंगल में स्वतंत्रता से रहती है। उसे किसी भी प्रकार का बंधन नहीं है। वह स्वतंत्र होने के कारण अत्यंत मधुर स्वर में गाती है। उसका स्वर बहुत मीठा है। उसके मधुर गीतों से पूरा वातावरण रसमय हो जाता है।
(ख) प्रस्तुत पंक्ति का आशय है कि चिड़िया केवल नदी से जल की बूँदे लेकर प्यास नहीं बुझाती, अपितु वह पहले उफनती हुई नदी के दिल को टटोलती है, उसके बाद ही वह नदी में से मोती के समान जल की बूंदों को अपनी चोंच में लेकर उड़ जाती है। वह अपनी चोंच से नदी की गहराई और जल राशि का अनुमान लगा लेती है तथा वह अपनी चोंच में आवश्यकतानुसार ही जल की बूंदों को भरती है।
अनुमान और कल्पना (पृष्ठ संख्या 3)
प्रश्न 1. कवि ने नीली चिड़िया का नाम नहीं बताया है। वह कौन-सी चिड़िया रही होगी ? इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए पक्षी – विज्ञानी सालिम अली की पुस्तक ‘भारतीय पक्षी’ देखो। इनमें ऐसे पक्षी भी शामिल हैं, जो जाड़े में एशिया के उत्तरी भाग और अन्य ठंडे देशों से भारत आते हैं। उनकी पुस्तक को देखकर तुम अनुमान लगा सकते हो कि इस कविता में वर्णित नीली चिड़िया शायद इनमें से कोई एक रही होगी
(नीलकंठ, छोटा किलकिला, कबूतर, बड़ा पतरिंगा)
उत्तर इस कविता में वर्णित चिड़िया संभवतः नीलकंठ रही होगी, क्योंकि उसका अधिकांश भाग नीलकंठ से मेल खाता है। नीलकंठ का आकार छोटा, शरीर का अधिकांश भाग नीला और आवाज़ मधुर होती है। चिड़िया भी ठीक इसी प्रकार की है।
प्रश्न 2 नीचे कुछ पक्षियों के नाम दिए गए हैं। उनमें यदि कोई पक्षी एक से अधिक रंग का है, तो लिखो कि उसके किस हिस्से का रंग कैसा है; जैसे – तोते की चोंच लाल है, शरीर हरा है।
(मैना, कौवा, बत्तख, कबूतर)
उत्तर:
मैना यह काले रंग की होती है। इसके गले होते हैं। चोंच का रंग पीला होता है।
कौवा यह काले रंग का होता है इसके पंख कहीं-कहीं हल्के काले रंग के होते हैं तथा चोंच भी काली होती है।
बत्तख यह सफ़ेद, भूरे रंग की होती है। इसकी चोंच और पाँव हल्के नीले रंग के होते हैं। आँख काली व गर्दन सफेद, भूरी रंग की होती है।
कबूतर यह सफ़ेद या भूरा (ग्रे) रंग का होता है। इसकी चोंच काली, गर्दन चमकीली, पाँव गुलाबी रंग के व आँखें लाल होती हैं।
प्रश्न 3 कविता का प्रत्येक बंध ‘वह चिड़िया जो-‘ से शुरू होता है और ‘मुझे बहुत प्यार है’ पर खत्म होता है। तुम भी इन पंक्तियों का प्रयोग करते हुए अपनी कल्पना से कविता में कुछ नए बंध जोड़ो।
उत्तर छात्र अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।
प्रश्न 4 तुम भी ऐसी कल्पना कर सकते हो कि ‘वह फूल का पौधा जो-पीली पंखुड़ियों वाला महक रहा है मैं हूँ।’ उसकी विशेषताएँ मुझ में हैं……। फूल के बदले वह कोई दूसरी चीज़ भी हो सकती है, जिसकी विशेषताओं को गिनाते हुए तुम उसी चीज़ से अपनी समानता बता सकते हो. ऐसी कल्पना के आधार पर कुछ पंक्तियाँ लिखो ।
उत्तर:
वह कली जो-
हवा में झूलती
उपवन में खड़ी मुस्करा रही है
सुगंध अपनी फैला रही है
गुलाबी पंखुड़ियों वाली कली हूँ मैं
मुझे किरणों से बहुत प्यार हैं।
खिलती रहती
उपवन में फूल बनती
मुरझाने पर भी सुगंध कभी न तजती
गुलाबी पंखुड़ियों वाली कली हूँ मैं
मुझे चमन से बहुत प्यार है।
भाषा की बात (पृष्ठ संख्या 4)
प्रश्न 1.
- पंखोंवाली चिड़िया
- ऊपरवाली दराज़
- नीले पंखोंवाली चिड़िया
- सबसे ऊपरवाली दराज़
यहाँ रेखांकित शब्द विशेषण का काम कर रहे हैं। ये शब्द चिड़िया और दराज़ संज्ञाओं की विशेषता बता रहे हैं। अतः रेखांकि शब्द विशेषण हैं और चिड़िया, दराज़ विशेष्य हैं। यहाँ ‘वाला/वाली’ जोड़कर बनने वाले कुछ और विशेषण दिए गए हैं। ऊपर दिए गए उदाहरणों की तरह इनके आगे एक-एक विशेषण और जोड़ो-
- ________मोरोंवाला बाग
- ___________ ‘पेड़ोंवाला घर
- ____________’फूलोंवाली क्यारी
- ___________ ‘हँसनेवाला बच्चा
- _________’स्कूलवाला रास्ता
- ___________मूँछोंवाला आदमी
उत्तर:
- सुंदर मोरोंवाला बाग
- हरे-भरे पेड़ोंवाला घर
- लाल – फूलोंवाली क्यारी
- छोटा – स्कूलवाला रास्ता
- अधिक – हँसनेवाला बच्चा
- घनी – मूँछोंवाला आदमी
प्रश्न 2. वह चिड़िया ______ जुंडी के दाने रुचि से _________ खा लेती है।
वह चिड़िया _______ रस उँडेलकर गा लेती है।
कविता की इन पंक्तियों में मोटे छापे वाले शब्दों को ध्यान से पढ़ो। पहले वाक्य में ‘रुचि से’ खाने के ढंग की और दूसरे वाक्य में ‘रस उँडेलकर’ गाने के ढंग की विशेषता बता रहे हैं।
अतः ये दोनों क्रिया-विशेषण हैं। नीचे दिए वाक्यों में कार्य के ढंग या रीति से संबंधित क्रिया – विशेषण छाँटो
(क) सोनाली जल्दी-जल्दी मुँह में लड्डू इँसने लगी ।
(ख) गेंद लुढ़कती हुई झाड़ियों में चली गई।
(ग) भूकंप के बाद जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य होने लगा।
(घ) कोई सफ़ेद – सी चीज़ धप्प से आँगन में गिरी।
(ङ) टॉमी फुर्ती से चोर पर झपटा।
(च) तेजिंदर सहमकर कोने में बैठ गया।
(छ) आज अचानक ठंड बढ़ गई है।
उत्तर:
(क) जल्दी-जल्दी
(ख) लुढ़कती हुई
(ग) धीरे-धीरे
(घ) धप्प से
(ङ) फुर्ती से
(च) सहमकर
(छ) अचानक
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 1 वह चिड़िया जो बहुविकल्पीय प्रश्न
अभ्यास प्रश्न (बहुविकल्पीय व वर्णनात्मक प्रश्नों सहित)
1. कविता में कैसी चिड़िया की बात कही गई है?
(क) पीली चिड़िया की
(ख) काली चिड़िया की
(ग) नीली चिड़िया की
(घ) भूरी चिड़िया की
उत्तर: (ग) नीली चिड़िया की
2. चिड़िया रुचि से क्या खाना पसंद करती है?
(क) जुंडी के दाने
(ख) गेहूँ के दाने
(ग) सरसों के दाने
(घ) ये सभी
उत्तर (क) जुंडी के दाने
3. ‘वह चिड़िया जो’ कविता के कवि का क्या नाम है ?
(क) महेश दत्त
(ख) केदारनाथ अग्रवाल
(ग) नुपुर मेहता
(घ) ओमप्रकाश शाह
उत्तर (ख) केदारनाथ अग्रवाल
4. ‘मुझे विजन से बहुत प्यार है – इस पंक्ति का क्या अर्थ है?
(क) वह सारे संसार से प्रेम करती है।
(ख) उसे आकाश की ऊँचाइयों से प्रेम है।
(ग) वह अनाज के खेतों से बहुत प्रेम करती है।
(घ) चिड़िया को सुनसान स्थानों से लगाव है, इसलिए वह जंगल बाबा से प्यार करती है।
उत्तर (घ) चिड़िया को सुनसान स्थानों से लगाव है, इसलिए वह जंगल बाबा से प्यार करती है।
5. चिड़िया को किस-किस से प्यार है ?
(क) नदी, अन्न और जंगल
(ख) पानी, आकाश और बादल
(ग) पवन अंबर और गगन
(घ) हवा, जल और जल
उत्तर (क) नदी, अन्न और जंगल
6. कविता में नदी के पानी की बूँदों को क्या कहा गया है?
(क) हीरे मोती
(ख) जीवनदायनी
(ग) जल का मोती
(घ) रस
उत्तर (ग) जल का मोती
7. चिड़िया पुराने जंगल को किस नाम से बुलाती है?
(क) बूढ़े वन- बाबा
(ख) जंगल का राजा
(ग) मानव प्राणी
(घ) देवता
उत्तर (क) बूढ़े वन- बाबा
8. वन बाबा के लिए चिड़िया क्या करती है ?
(क) गाती है
(ख) नाचती है
(ग) उड़ती है
((घ) खाती है।
उत्तर (क) गाती है
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 1 वह चिड़िया जो काव्यांश पर आधारित प्रश्न
निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर उन पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
काव्यांश 1
वह चिड़िया जो-
चोंच मारकर, दूध-
भरे जुंडी के दाने
रुचि से रस से खा लेती है वह छोटी संतोषी चिड़िया
नीले पंखों वाली मैं हूँ
मुझे अन्न से बहुत प्यार है ।
1. चिड़िया के पंख किस रंग के हैं?
(क) पीले
(ख) लाल
(ग) नीले
(घ) चितकबरे
उत्तर (ग) नीले
2. काव्यांश के अनुसार ‘दूध भरे’ का क्या अर्थ है?
(क) कच्चे
(ख) पक्के
(ग) गीले
(घ) सूखे
उतर (क) कच्चे
3. चिड़िया कैसे स्वभाव की है?
(क) संतोषी
(ख) मतवाली
(ग) नटखट
(घ) घमंडी
उत्तर (क) संतोषी
4. चिड़िया दूध भरे जुंडी के दाने रुचि से क्यों खाती है?
उत्तर कवि के अनुसार, चिड़िया को जुडी अर्थात् गेहूँ, जौ और ज्वार के दाने रुचि से इसलिए खाती है, क्योंकि वे दाने मीठे और रसीले होते हैं।
5. चिड़िया के लिए छोटी और संतोषी विशेषण शब्दों का प्रयोग करने के क्या कारण हैं?
उत्तर कविता में वर्णित चिड़िया का आकार बहुत छोटा है और वह सरलता से मिल जाने वाले दाने खाकर संतुष्ट रहती है, इसलिए कवि ने चिड़िया के लिए ‘छोटी’ तथा ‘संतोषी’ विशेषण शब्दों का प्रयोग किया है।
6. ‘चोंच मारकर खाने से क्या तात्पर्य है?
उत्तर ‘चोंच मारकर खाने का अर्थ चिड़िया का अपनी चोंच से दाने चुगना है।
काव्यांश 2
वह चिड़िया जो
कंठ खोलकर
बूढ़े वन- बाबा की खातिर रस उँडेलकर गा लेती है।
वह छोटी मुँह बोली चिड़िया
नीले पंखों वाली मैं हूँ
मुझे विजन से बहुत प्यार है।
1. चिड़िया का गीत कैसा है?
(क) बेसुरा
(ख) नीरस
(ग) सुरीला
(घ) उबाने वाला
उत्तर (ग) सुरीला
2. चिड़िया के लिए पुराने वन बाबा क्या हैं?
(क) वृक्ष
(ख) बगीचा
(ग) संसार
(घ) आश्रयदाता
उत्तर (घ) आश्रयदाता
3. ‘रस उँडेलकर गाना’ कैसा होता है?
(क) रस टपकाना
(ख) रस को निकालना
(ग) रस को निचोड़ना
(घ) जिसे सुनकर आनंद आए
उत्तर (घ) जिसे सुनकर आनंद आए
4. कवि के अनुसार, ‘कंठ खोलकर गाने’ से क्या तात्पर्य है?
उत्तर कवि के अनुसार, ‘कंठ खोलकर गाने’ का अर्थ मुक्त रूप से गीत गाने से है।
5. चिड़िया को जंगल से बहुत प्यार क्यों है?
उत्तर चिड़िया को जंगल से बहुत प्यार इसलिए है, क्योंकि वह जंगल में अकेले ही स्वतंत्रतापूर्वक उड़ती और गीत गाती हैं।
6. कवि ने छोटी चिड़िया को मुँहबोली क्यों कहा है?
उत्तर कवि के अनुसार, चिड़िया अपने में ही मस्त रहती है। चिड़िया एकांत प्रिय है तथा किसी को हानि नहीं पहुँचाती । वह मधुर स्वर में खुलकर गीत गाती है। इन्हीं विशेषताओं के कारण कवि ने चिड़िया को ‘मुँहबोली’ कहा है।
काव्यांश 3
वह चिड़िया जो- चोंच मारकर
चढ़ी नदी का दिल टटोलकर
जल का मोती ले जाती है
वह छोटी गरबीली चिड़िया
नीले पंखों वाली मैं हूँ।
मुझे नदी से बहुत प्यार है।
1. चिड़िया जल कैसे पीती है?
(क) तैरकर
(ख) मुँह से
(ग) चखकर
(घ) चोंच से
उत्तर (घ) चोंच से
2. चिड़िया कैसे स्वभाव वाली है?
(क) शर्मीली
(ख) गरबीली
(ग) चहकती
(घ) चिड़चिड़ी
उत्तर (ख) गरबीली
3. चिड़िया को किससे बहुत प्यार है?
(क) नदी से
(ख) मोती से
(ग) पंखों से
(घ) चोंच से
उत्तर (क) नदी से
4. कविता के संदर्भ में ‘चढ़ी नदी’ का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर ‘वह चिड़िया जो कविता में जिस नदी का वर्णन किया गया है, वह सूखी नहीं है, बल्कि जल से परिपूर्ण है। जल से उफनती नदी के कारण ही कवि ने नदी के लिए ‘चढ़ी’ विशेषण का प्रयोग किया है। अतः यहाँ चढ़ी नदी का तात्पर्य उफनती नदी से है।
5. प्रस्तुत पंक्तियों में ‘जल का मोती ले जाती हैं’ का क्या अर्थ है?
उत्तर प्रस्तुत पंक्तियों में ‘जल का मोती ले जाती है’ का अर्थ ‘पानी की बूँदों को मोती के समान चुगना’ है।
6. चिड़िया नदी से जल कैसे लेती है?
उत्तर चिड़िया नदी से जल लेने से पूर्व उसका हृदय टटोलती है अर्थात् उसकी इच्छा जानती है और उतना ही जल लेती है, जितना उसकी प्यास बुझाने के लिए पर्याप्त है।
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 1 वह चिड़िया जो अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
1. चिड़िया रुचिपूर्वक क्या खाती है?
उत्तर चिड़िया जुंडी (जौं, गेहूँ व बाजरे) के दाने रुचिपूर्वक खाती है।
2. कविता में चिड़िया किसका दिल टटोलती है?
उत्तर कविता में चिड़िया पानी से उफनती नदी का दिल टटोलती है।
3. कवि ने चिड़िया को संतोषी क्यों कहा है?
उत्तर चिड़िया को जो भी दाने खाने को मिलते हैं, वह उसको खाकर संतोष कर लेती है, इसलिए कवि ने चिड़िया को संतोषी कहा है।
4. चिड़िया जंगल में किस तरह के गीत गाती हुई इधर-उधर उड़ती है?
उत्तर चिड़िया जंगल में उत्साहपूर्वक गीत गाती हुई इधर-उधर उड़ती रहती है।
5. ‘बूढ़े वन- बाबा’ का क्या तात्पर्य है?
उत्तर जिस जंगल में चिड़िया रहती है, वह बहुत घना और पुराना है, इसलिए कवि ने जंगल को ‘बूढ़े वन- बाबा’ कहा है।
6. चिड़िया को जुंडी के दाने क्यों पसंद हैं?
उत्तर जुडी के कच्चे दाने दूध भरे होते हैं, इसलिए चिड़िया को जुडी के दाने खाने पसंद हैं।
7. अपनी चोंच से चिड़िया क्या-क्या करती है?
उत्तर चिड़िया अपनी चोंच से रसभरे जुडी के दाने खाती है और नदी का जल भी पीती है।
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 1 वह चिड़िया जो (केदारनाथ अग्रवाल) लघु उत्तरीय प्रश्न
1. कवि ने अपने अंदर की कल्पित चिड़िया के माध्यम से मनुष्य के किन गुणों को उजागर किया है?
उत्तर कवि ने अपने अंदर की कल्पित चिड़िया के माध्यम से मनुष्य के निम्नलिखित गुणों को उजागर किया है
- संतोषी प्रवृत्ति ।
- संघर्षशील व साहसी
- प्रकृति-प्रेमी
- स्वयं पर गर्व करने वाला
2. चिड़िया का जीवन कैसा है?
उत्तर चिड़िया का जीवन संतोष से भरा है, उसे जो कुछ खाने को मिलता है, वह उसे ही खाकर संतुष्ट रहती है। चिड़िया एकांत में भी उत्साहपूर्वक रहती है। वह मुक्त कंठ से गीत गाती है तथा जंगल, नदी सभी जगह इच्छापूर्वक विचरण करती है।
3. इस कविता में चिड़िया को छोटी, संतोषी, मुँहबोली और गरबीली क्यों कहा गया है?
उत्तर कविता में वर्णित चिड़िया आकार में छोटी है। वह अनाज के दाने और जल की बूँदों से ही संतुष्ट रहती है, इस कारण कवि ने उसे संतोषी कहा है। चिड़िया पूरे जंगल में मुक्त कंठ से गीत गाती फिरती है, इसलिए वह मुँहबोली है। उफनती नदी से अपनी छोटी चोंच में जल को भर लाने के कारण उसे गरबीली कहा गया है।
4. चिड़िया की कौन-सी विशेषता आपको सबसे अच्छी लगी और क्यों?
उत्तर मुझे छोटी चिड़िया की ‘संतोष भावना’ सबसे अच्छी लगी। चिड़िया को जो भी दाने खाने को मिलते, वह उसे खा लेती हैं, नदी का जल पीकर अपनी प्यास बुझा लेती है। चिड़िया से मुझे भी प्रेरणा मिलती है। कि जीवन में संतोष आवश्यक है।
किसी कवि ने ठीक ही कहा है- ” जब आवै संतोष धन सब धन धूरि समान”
अर्थात् जिसके पास संतोष रूपी धन होता है, उसे सभी धन धूल की तरह मूल्यहीन लगते हैं।
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 1 वह चिड़िया जो (केदारनाथ अग्रवाल) दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. इस कविता में कवि ने जिस चिड़िया की बात की है, वह संतोषी, गरबीली और सदैव प्रसन्न रहकर जीवन जीना पसंद करती है। आप कैसा जीवन जीना पसंद करेंगे?
उत्तर मैं भी कविता में वर्णित छोटी चिड़िया के समान संतोष और गर्व के साथ जीवन बिताना पसंद करूँगा / करूंगी। जीवन का वास्तविक सुख संतोष में ही मिलता है। इच्छाओं का कोई अंत नहीं होता ।
हमें प्रत्येक परिस्थिति में खुश रहना चाहिए। सुख और दुःख का चक्र जीवन में निरंतर चलता रहता है। जीवन में सुख और दुःख आते-जाते रहते हैं। अतः दुःख में अधिक दुःखी होना व्यर्थ है। जीवन में दुःख के बाद सुख अवश्य आता है।
2. छोटी चिड़िया बूढ़े वन- बाबा के लिए मीठे स्वर में गाती है। आप अपने घर के बड़े-बुजुर्गों के लिए क्या-क्या करते हैं?
उत्तर
मेरे घर में दादा और दादीजी रहते हैं। मैं रोज शाम को लगभग एक घंटा उनके साथ व्यतीत करता हूँ। उनके साथ बैठकर बातें करता हूँ। दवा का समय होने पर उन्हें दवा भी देता हूँ। अपने दादा-दादी के हाथ-पाँव भी दबाता हूँ।
कभी-कभी घर के सामने वाले पार्क में टहलने ले जाता हूँ। वे मुझे जो भी छोटे-मोटे काम सौंपते हैं, सब हँसकर प्रसन्नतापूर्वक से कर देता हूँ। यह देखकर मेरे दादाजी दादीजी बहुत प्रसन्न होते हैं।
3. ‘वह चिड़िया जो’ कविता हमें क्या संदेश / शिक्षा देती है?
उत्तर ‘वह चिड़िया जो’ कविता हमें निम्नलिखित प्रकार से संदेश
- शिक्षा देती है हमें अन्न व जल को बर्बाद नहीं करना चाहिए।
- हमें लालची न होकर संतोषी बनना चाहिए।
- हमें प्रकृति व पर्यावरण से प्रेम करना चाहिए व इसकी रक्षा भी करनी चाहिए।
- पेड़ों की सुरक्षा करनी चाहिए, उन्हें काटना व बर्बाद नहीं करना चाहिए।
- हमें साहसी और संघर्षशील होना चाहिए।