NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 14 वन के मार्ग में Question And Answers
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 14 वन के मार्ग में कविता का सार
‘वन के मार्ग में’ कविता (सवैये) तुलसीदास द्वारा रचित कवितावली के ‘अयोध्याकांड’ से ली गई है। इसमें सीता, श्री राम के साथ वन गमन के लिए अपने महल से निकली हैं। वह थोड़ी दूर चलने के बाद थक जाती हैं और उनके माथे पर पसीना आ जाता है। उनके होंठ भी थकान के कारण सूख जाते हैं।
वे अपने पति श्रीराम से पूछती हैं कि अभी कितनी दूर और चलना है? आप पर्णकुटिया कहाँ बनाएँगे? सीता की यह दशा देखकर रामचंद्रजी की आँखों से आँसू आ जाते हैं। पेड़ के नीचे आराम करने की इच्छा व्यक्त करते हुए सीता, श्रीराम से थोड़ी देर छाया में रुकने के लिए कहती हैं। रामचंद्रजी सीता की व्याकुलता को देखकर कुछ देर पेड़ के नीचे विश्राम करते हैं और उनके पैरों से काँटे निकालने लगते हैं। अपने प्रियतम के इस प्यार को देखकर सीता मन-ही-मन प्रसन्न होने लगती हैं।
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 14 वन के मार्ग में काव्यांशों की विस्तृत व्याख्या
काव्यांश 1
पुर तें निकसी रघुबीर- बधू, धरि धीर दए मग में डग है।
झलकीं भरि भाल कनी जल की, पुट सूख गए मधुराधर वै ।।
फिरि बूझति हैं, “चलनो अब केतिक, पर्नकुटी करिहौं कित है? ” ।
तिय की लखि आतुरता पिय की अँखियाँ अति चारु चलीं जल वै ।।
शब्दार्थ पुर नगर किला, निकसी निकली, धरि-धारण करके, धीर-धैर्य, धीरज, मग मार्ग, रास्ता, हग-कदम, है-दो, झलक दिखाई दी, भाल मस्तक, माथा, कनी-कण, पुट-ओष्ठ, होंठ, सूख गए सूख गए, फिरि-फिर, बूझति-पूछना, केतिक कितना, पर्न कुटी-पत्तों से बनाई जाने वाली कुटी, कित-कहाँ, तिय-उनकी पत्नी, लखि-देखकर, आतुरता व्याकुलता, बेचैनी, पिय-पति, चारा-सुंदर, जल -पानी चूना ।
संदर्भ प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक वसंत – भाग 1 के ‘वन के मार्ग से’ अवतरित है। यह सवैया गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित है।
प्रसंग प्रस्तुत पंक्तियों के माध्यम से कवि ने सीता के परिश्रम और व्याकुलता का वर्णन किया है।
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व्याख्या प्रस्तुत सवैया में तुलसीदास जी कहते हैं कि राम अयोध्या नगर से अपनी पत्नी सीता के साथ वन की ओर बड़े धैर्य के साथ धीरे-धीरे दो कदम चलते ही हैं कि सीता जी कुछ दूर चलने में थक जाती हैं, उनके माथे पर परिश्रम के कारण पसीने की बूँदें छलक आई थीं और होंठ भी पानी न मिलने के कारण सूख गए। वे अपने पति राम से पूछती हैं कि हमें अभी कितनी दूर और चलना होगा और आराम करने के लिए पर्णकुटी कहाँ बनाएँगे? पत्नी सीता की यह अधीरता ( व्याकुलता ) को देखकर श्रीराम की आखों में आँसू आ जाते हैं।
विशेष
- वन मार्ग के कष्ट तथा सीता की व्याकुलता का व्यथित चित्रण किया है।
- ‘सवैया’ ब्रजभाषा में रचित है।
- प्रश्न शैली का प्रयोग किया गया है।
- कवि तुलसीदासजी ने ‘सवैया’ छंद का प्रयोग किया है।
काव्यांश 2
” जल को गए लक्खनु, हैं लरिका परिखौ, पिय! छाँह घरीक है ठाढ़े। पोंछि पसेउ बयारि करौं, अरु पायँ पखारिहाँ भूभुरि- डाढ़े।। ” तुलसी रघुबीर प्रियाश्रमा जानि कै बैठि बिलंब लौं कंटक काढ़े। जानकीं नाह को नेह लख्यौ, पुलको तनु, बारि विलोचन बाढ़े ।।
शब्दार्थ लक्खन-लक्ष्मण (राम के छोटे भाई), लरिका-लड़का, परिखा प्रतीक्षा इंतजार, छाँह छाया, घरीक घड़ी भर, ठाढ़े खड़े होना, पसेऊ-पसीना, श्रमजल, बयार हवा, पवन, पाँच-पैर, चरण, पखारिहाँ धोना, कंटक काँटे, जानकी सीता (राम की पत्नी), काढ़-निकालना, नेह-स्नेह, प्यार, लख्यों देखकर, पुलको प्रसन्न होना, हर्षित होना, तनु-शरीर, बारि-अश्रु, आँसू, बिलोचन नैन, आँखें।
प्रसंग प्रस्तुत सवैये में वन मार्ग पर राम-सीता को प्यास लगने पर लक्ष्मण उनके लिए पानी लेने जाने, सीता की थकान व श्रीराम द्वारा सीता के पैर में गड़े हुए काँटों को निकालने का वर्णन किया गया है।
व्याख्या प्रस्तुत सवैये में तुलसीदास जी कहते हैं कि सीता वन मार्ग में चलने से थक जाती हैं। वह अपने पति श्रीराम से कहती हैं कि अभी लक्ष्मण पानी लेने गए हैं। अतः उनके आने की हम लोग प्रतीक्षा कर लेते हैं। आप भी किसी वृक्ष की छाँह में थोड़ी देर रुककर पसीना पोंछ लीजिए। पैर गर्म धूल से जल रहे हैं, इसलिए अपने पैरों को भी धोकर ठंडा कर लें।
श्रीराम जान जाते हैं कि सीता जी थक गई हैं। वह सीता के कहने पर वृक्ष की छाया में कुछ देर विश्राम करने लगते हैं। इसी बीच वे सीता के पैरों में काँटा गड़ा हुआ देखकर अपने हाथों से निकालना शुरू कर देते हैं, सीता जी श्रीराम का यह प्रेम भाव देखकर पुलकित हो जाती हैं और उनकी आँखों से खुशी के आँसू निकल पड़ते हैं।
विशेष
- राम और सीता के प्रेमपूर्ण क्षणों की अद्भुत छटा दर्शनीय है।
- कवि ने वन-मार्ग के कष्टों का सुंदर वर्णन किया है।
- ब्रजभाषा में सवैया की रचना की गई है।
- कवि ने ‘सवैया’ छंद का प्रयोग किया है।
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 14 वन के मार्ग में पाठ्यपुस्तक वसंत भाग-1 के प्रश्नोत्तर
सवैया से (पृष्ठ संख्या 101)
प्रश्न 1. नगर से बाहर निकलकर दो पग चलने के बाद सीता की क्या दशा हुई?
उत्तर नगर से बाहर निकलकर दो पग चलने के बाद सीताजी बहुत थक गईं। थकान के कारण उनके माथे पर पसीने की बूँदें छलकने लगीं और उनके होंठ भी सूख गए।
प्रश्न 2.’अब और कितनी दूर चलना है, पर्णकुटी कहाँ बनाइएगा’- किसने किससे पूछा और क्यों?
उत्तर ‘अब और कितनी दूर चलना है, पर्णकुटी कहाँ बनाइएगा’ – यह प्रश्न सीता ने अपने पति रामजी से पूछा, क्योंकि सीता जी वन मार्ग पर चलने के कारण बहुत थक गई थीं।
प्रश्न 3. राम ने थकी हुई सीता की क्या सहायता की?
उत्तर राम ने जब सीता को थका हुआ देखा तो पैरों से बहुत देर तक वे काँटे निकालते रहे, जिससे सीता को कुछ देर आराम मिल जाए।
प्रश्न 4. दोनों सवैयों के प्रसंगों में अंतर स्पष्ट करो।
उत्तर पहले सवैये में राम, सीता और लक्ष्मण तीनों नगर से बाहर संन्यासी वेश में निकले। कुछ दूर जाते ही सीता बहुत थक गईं। उनके माथे पर पसीना आ गया और होंठ सूख गए। सीता पति राम से अनेक प्रश्न पूछने लगीं। दूसरे सवैये में श्रीराम ने सीता की दशा को देखा तो चिंतित हो गए। लक्ष्मण पानी लेने गए थे। सीता उनके आने तक प्रतीक्षा करना चाहती हैं। राम, सीता की थकान देख देर तक काँटे निकालते रहे। दोनों ने वृक्ष की छाया में विश्राम किया।
प्रश्न 5. पाठ के आधार पर वन के मार्ग का वर्णन अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
उत्तर वन का मार्ग बहुत कष्टदायक था। मार्ग पर काँटे थे। तेज गर्मी के रहे कारण धूल बहुत गर्म हो गई थी। नंगे पैर उस मार्ग पर चलना बहुत कठिन था। पैर गर्म धूल से जल रहे थे। पैरों में अनेक काँटे चुभ थे। दूर-दूर तक पानी भी नहीं दिखाई दे रहा था। भूख लगने पर भोजन भी नहीं मिल पा रहा था। विश्राम करने के लिए स्थान ढूँढ़ना आसान नहीं था। चारों ओर भय व असुरक्षा का वातावरण था।
अनुमान और कल्पना ( पृष्ठ संख्या 101)
गर्मी के दिनों में कच्ची सड़क की तपती धूल में नंगे पाँव चलने पर पाँव जलते हैं। ऐसी स्थिति में पेड़ की छाया में खड़ा होने और पाँव धो लेने पर बड़ी राहत मिलती है। ठीक वैसे ही जैसे प्यास लगने पर पानी मिल जाए और भूख लगने पर भोजन । तुम्हें भी किसी वस्तु की आवश्यकता हुई होगी और वह कुछ समय बाद पूरी हो गई होगी। तुम सोचकर लिखो कि आवश्यकता पूरी होने के पहले तक तुम्हारे मन की दशा कैसी थी
उत्तर एक बार दोपहर को दो बजे मैं घर पहुँचा। गर्मियों के दिन थे बहुत प्यास लग रही थी गला सूख रहा था। सोचा था घर पहुँचते ही ठंडा पानी पी लूँगा तो राहत मिलेगी, परंतु घर में ताला लगा हुआ था। मैंने सोचा माँ तो रोज लगभग एक बजे तक काम से वापस लौट आती हैं। आज क्या हुआ? अब मेरा क्या होगा? भूख और प्यास से मेरी तो जान ही निकल जाएगी। तभी पड़ोस वाले घर से आंटी बाहर आईं। उन्होंने मुझे अंदर घर में बुलाया और ठंडा पानी पीने के लिए दिया। खाना गर्म-गर्म अपने हाथों से प्यार से परोसा और बताया आज मेरी माँ शाम पाँच बजे आएँगी उन्हें कुछ जरूरी काम है।
भाषा की बात (पृष्ठ संख्या 101 व 102)
1. लखि-देखकर, धरि-रखकर, पोंछि-पोंछकर, जानि- जानकर ऊपर लिखे शब्दों और उनके अर्थों को ध्यान से देखो। हिंदी में जिस उद्देश्य के लिए हम क्रिया में ‘कर’ जोड़ते हैं, उसी के लिए अवधी में क्रिया में (इ) को जोड़ा जाता है, जैसे-अवधी में बैठ += बैठि और हिंदी में बैठ कर बैठकर तुम्हारी भाषा या बोली में क्या होता है? अपनी भाषा के ऐसे छः शब्द लिखो। उन्हें ध्यान से देखो और कक्षा में बताओ।
उत्तर हमारी भाषा या बोली में भी हिंदी से थोड़ा-सा अंतर होता है; जैसे-
देख + के = देखके
रख + के = रखके
पोंछ + के पोंछके
जान + के = जानके
2. “मिट्टी का गहरा अंधकार, डूबा है उसमें एक बीज उसमें एक बीज डूबा है।
जब हम किसी बात को कविता में कहते हैं, तो वाक्य के शब्दों के क्रम में बदलाव आता है; जैसे- “छाँह घरीक है ठाढ़े” को गद्य में ऐसे लिखा जा सकता है- “छाया में एक घड़ी खड़ा होकर ” । उदाहरण के आधार पर दी गई कविता की पंक्तियों को गद्य के शब्दक्रम में लिखो ।
- पुरतें निकसी रघुबीर बधू,
- पुट सूख गए मधुराधर वै ।।
- बैठि बिलंब लौं कंटक काढ़े।
- पर्णकुटी करिहौं कित है?
उत्तर गद्य रूप में लिखी पंक्तियाँ
- श्रीराम की वधू सीता नगर से निकलीं,
- उनके दोनों होंठ सूख गए।
- श्रीराम थोड़ी देर बैठे और देर तक काँटे निकालते रहे।
- पर्णकुटी कहाँ बनाओगे?
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 14 वन के मार्ग में बहुविकल्पीय प्रश्न
अभ्यास प्रश्न (बहुविकल्पीय व वर्णनात्मक प्रश्नों सहित)
1. राम और सीता के साथ वन में कौन गए?
(क) शत्रुघ्न
(ख) लक्ष्मण
(ग) भरत
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर (ख) लक्ष्मण
2. राम की आँखों में आँसू क्यों आ गए?
(क) अपने पिता को याद करके
(ख) सीता की व्याकुलता देखकर
(ग) घर की याद आने से
(घ) वन के कष्टों के कारण
उत्तर (ख) सीता की व्याकुलता देखकर
3. पर्णकुटी किस चीज़ से बनती है?
(क) पत्तों से
(ख) पत्थर से
(ग) पानी से
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर (क) पत्तों से
4. प्रथम सवैया में राम-सीता के किस प्रसंग का वर्णन किया है?
(क) अयोध्या का
(ख) वनगमन का
(ग) सती का
(घ) प्रेम का
उत्तर (ख) वनगमन का
5. सीता चलते-चलते क्यों थक जाती है?
(क) क्योंकि वह चलती नहीं है
(ख) क्योंकि वह कभी घर से बाहर नहीं निकली
(ग) क्योंकि उन्हें महल में रहने की आदत है
(घ) क्योंकि उन्होंने चप्पल नहीं पहन रखी
उत्तर (ग) क्योंकि उन्हें महल में रहने की आदत है
6. सीता ने राम से क्या प्रश्न किया?
(क) अभी कितना और चलना है?
(ख) हम पर्णकुटी कहाँ बनाएँगे?
(ग) (क) और (ख ) दोनों
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर (ग) (क) और (ख) दोनों
7. यह पाठ किस भाषा में लिखा गया है?
(क) ब्रज
(ख) भोजपुरी
(ग) अवधी
(घ) हिंदी
उत्तर (क) ब्रज
8. रामचरितमानस, विनयपत्रिका, कवितावाली, दोहावाली, गीतावली, आदि किसकी प्रमुख रचनाएँ हैं?’
(क) केशवदास की
(ख) मुरलीदास की
(ग) तुलसीदास की
(घ) गंगादास की
उत्तर (ग) तुलसीदास की
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 14 वन के मार्ग में काव्यांश पर आधारित प्रश्न
निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर उन पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
काव्यांश 1
पुर वें निकसी रघुबीर बधू, धरि धीर दए मग में डग है। झलकीं भरि भाल कनी जल की, पुट सूख गए मधुराधर वै ।। फिरि बूझति हैं, “चलनो अब केतिक, पर्नकुटी करिहौं कित है? ” । तिय की लखि आतुरता पिय की अँखियाँ अति चारु चली जल वै ।।
1. वन मार्ग पर कौन-कौन जा रहे थे?
(क) राम
(ख) लक्ष्मण
(ग) सीता
(घ) ये सभी
उत्तर (घ) ये सभी
2. राम-सीता और लक्ष्मण वन जाने के लिए कहाँ से निकले थे ?
(क) पाठशाला से
(ख) नगर से
(ग) आयुधशाला से
(घ) गाँव से
उत्तर (ख ) नगर से
3. सीता ने राम से क्या पूछा?
(क) घर कहाँ है?
(ख) वनवासी कहाँ हैं?
(ग) पर्णकुटी कहाँ है?
(घ) लक्ष्मण कहाँ हैं?
उत्तर (ग) पर्णकुटी कहाँ है?
4. इन पंक्तियों में कवि ने किस समय का वर्णन किया है?
उत्तर इन पंक्तियों में कवि ने राम और सीता के वन जाने का वर्णन किया है।
5. पुर से निकलते ही सीता की क्या दशा हो गई?
उत्तर पुर से निकलते ही सीता थक गईं और उनके माथे पर पसीना आ गया।
6. सीता की व्याकुलता देखकर रामजी की क्या दशा हुई?
उत्तर सीता की व्याकुलता देखकर श्रीराम की आँखें आँसुओं से भर आई।
काव्यांश 2
“जल को गए लक्खन हैं लरिका परिखौ, पिय! छाँह घरीक हैं ठाढ़े। पोंछि पसेउ बयारि करौं, अरु पायँ पखारिहों भूभुरि- डाढ़े ।। ” तुलसी रघुबीर प्रियाश्रम जानि कै बैठि बिलंब लौं कंटक काढ़े। जानकीं नाह को नेह लख्यौ, पुलको तनु बारि बिलोचन बाढ़े । ।
1. जल लेने कौन गया था ?
(क) राम
(ख) सीता
(ग) लक्ष्मण
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर (ग) लक्ष्मण
2. सीता राम से विश्राम करने के लिए क्यों कह रही थीं?
(क) लक्ष्मण को अकेले नहीं छोड़ना चाहती थीं।
(ख) लक्ष्मण को आते देखना चाहती थीं।
(ग) वे स्वयं भी विश्राम करना चाहती थीं।
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर (ग) वे स्वयं भी विश्राम करना चाहती थीं।
3. किसका शरीर पुलकित हो गया?
(क) सीता का
(ख) राम का
(ग) लक्ष्मण का
(घ) शत्रुघ्न का
उत्तर (ख) राम का
4. वन मार्ग पर कुछ दूर चलने के बाद लक्ष्मण कहाँ चले गए?
उत्तर वन मार्ग पर कुछ दूर चलने के बाद लक्ष्मण जल लेने चले गए थे।
5. लक्ष्मण को न देख सीता ने पति राम से क्या इच्छा प्रकट की?
उत्तर सीता ने जब देखा कि लक्ष्मण जल लेने गए हैं, तो उन्होंने पति राम से कहा जब तक लक्ष्मण वापस आते हैं, यहाँ विश्राम कर लें।
6. सीता की बात मानकर श्रीराम ने क्या किया?
उत्तर सीताजी की बात मानकर श्रीराम पेड़ की छाया में विश्राम करने लगे और बहुत देर तक पैरों से काँटे निकालते रहे।
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 14 वन के मार्ग में अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
1. राजा दशरथ ने माता कैकेयी को कितने वरदान दिए थे?
उत्तर राजा दशरथ ने माता कैकेयी को दो वरदान दिए थे।
2. राम और सीता कहाँ जा रहे थे?
उत्तर राम और सीता चौदह वर्ष के लिए वन जा रहे थे।
3. राम के भाई लक्ष्मण वन में कहाँ गए थे?
उत्तर राम के छोटे भाई लक्ष्मण वन में प्यास बुझाने के लिए जल लेने गए थे।
4. श्रीराम रास्ते में काँटे देर तक क्यों निकालते रहे?
उत्तर श्रीराम ने सीता को रास्ते में थका हुआ देखा तो उन्हें विश्राम देने के उद्देश्य से देर तक काँटे निकालते रहे।
5. राम, लक्ष्मण और सीता जब वनवास का समय पूर्ण करके आए तो लोगों ने कौन-सा त्योहार मनाया ?
उत्तर राम, लक्ष्मण और सीता जब वनवास का समय पूर्ण करके आए तो लोगों ने दीपावली का त्योहार मनाया।
6. अयोध्या का राजसिंहासन दशरथ के बाद किसे मिला?
उत्तर अयोध्या का राजसिंहासन दशरथ के बाद श्री राम को मिला।
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 14 वन के मार्ग में लघु उत्तरीय प्रश्न
1. प्रथम सवैया में तुलसीदास ने किस प्रसंग का उल्लेख किया है?
उत्तर प्रथम सवैया में तुलसीदास जी ने राम, सीता और लक्ष्मण के वन गमन के प्रसंग का उल्लेख किया है। दशरथ ने अपनी पत्नी को दो वरदान दिए थे। पहले वरदान के अनुसार, राम को चौदह वर्ष का वनवास मिला था। इस कारण वे पिता के वचनों का पालन करने वनवास गए थे। वन गमन में होने वाले कष्टों व सीता जी की व्याकुलता का वर्णन किया है।
2. तुलसीदास ने इस सवैया में क्या व्यक्त किया है?
उत्तर तुलसीदास का सवैया दो भागों में निहित है। पहले भाग में उन्होंने सीता जी के समक्ष वन मार्ग में आई कठिनाइयों और उनकी व्याकुलता को व्यक्त किया है। दूसरे भाग में सीता की व्याकुलता को देखकर स्वयं रामजी की आँखों में आँसू आ जाने और सीता की थकान की वजह से पेड़ के नीचे बैठकर कुछ देर तक विश्राम करने का वर्णन किया गया है।
3. राम बैठकर देर तक काँटे क्यों निकालते रहे?
उत्तर श्रीराम से अपनी धर्मपत्नी की व्याकुलता देखी नहीं जा रही थी। वहीं सीता जी का प्यास के कारण बुरा हाल था। प्यास के कारण उनका गला सूख गया था और वहीं लक्ष्मण भी पानी की तलाश में गए हुए थे। अतः जब तक लक्ष्मण लौटकर नहीं आते तब तक श्रीराम सीता की व्याकुलता और कष्ट को कम करना चाहते थे, इसलिए राम देर तक बैठकर सीता जी के पैरों से काँटे निकालते रहे।
4. मार्ग में सीताजी ने अपने पति राम से क्या पूछा?
उत्तर वन मार्ग में कुछ ही दूर तक जाने पर सीताजी ने रामजी से पूछा कि अभी हमें कितनी दूर और चलना होगा? पर्णकुटी कहाँ बनानी है? क्योंकि सीताजी गर्मी से बहुत व्याकुल हो गईं थीं। गर्मी के कारण उनका गला भी सूख गया था।
5. सीता की आतुरता देख श्रीराम की क्या प्रतिक्रिया हुई?
उत्तर सीता की आतुरता जब श्रीराम ने देखी कि सीता वन-मार्ग में बहुत थक गईं हैं। प्यास से उनके होंठ सूख गए हैं पसीना शरीर पर आ गया है और सीता आतुरता से राम से अनेक प्रश्न पूछने लगी है, तब रामजी भी पत्नी की इस दशा को देखकर परेशान होते हैं और उनकी ऐसी दशा देखकर राम की आँखों में आँसू भर आते हैं।
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 14 वन के मार्ग में दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. क्या आपने कभी किसी जंगल की यात्रा की है? वहाँ के कष्टों का वर्णन कीजिए।
उत्तर जी हाँ! अक्टूबर के महीने में मैं रणथंभौर गया था। वहाँ हम सभी को मिलाकर लगभग तीस छात्र थे। सफारी की यात्रा तो हमने कैंट में बैठकर आरामदायक तरीके से की।
जंगल में एक किला था। उस किले में एक त्रिगणेश मंदिर था। हमें वहाँ जाना था। रास्ता पथरीला और कँटीला था। धूप भी तेज थी।
मंदिर बहुत ऊँचाई पर था। कुछ ही दूर जाकर हम थक गए। थोड़ा विश्राम किया, पानी पिया और फिर चल दिए। पसीना टपक रहा था, गला सूख रहा था। किसी प्रकार पचास मिनट में हम लोग मंदिर पहुँच गए।
2. वन के मार्ग में सीता को होने वाली कठिनाइयों के बारे में लिखो । सीता जी ने बेचैन होकर श्रीराम से क्या बात कही?
उत्तर सीता वन के मार्ग पर थोड़ी दूर चलने से ही थक गई। उनके माथे पर पसीना दिखाई देने लगा। उनके होंठ सूख गए। वे बहुत बेचैन हो उठी व श्रीराम से पूछने लगी कि अभी कितनी दूर जाना है। मार्ग काँटों से भरा हुआ था, जिस कारण सीता जी का चलना मुश्किल हो रहा था। सीता जी इसी कारण से अपने पति श्रीराम से पूछ लेती हैं कि अब और कितना अधिक चलना है तथा पर्णकुटी कहाँ बनानी है। अभी लक्ष्मण भी पानी लेने गए हुए हैं।
अतः आप किसी पेड़ के नीचे छाया में खड़े होकर उनका इंतजार कर लीजिए। जब तक लक्ष्मण पानी लेकर नहीं आ जाते तब तक हम पेड़ की छाया में रुककर विश्राम कर लेते हैं।
3. दिए गए सवैया का सारांश लिखिए।
उत्तर दिया गया सवैया तुलसीदास द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस से लिया गया है । रामजी को मिले चौदह वर्षों के वनवास के समय, घर से निकलते समय की स्थिति का वर्णन किया गया है।
कवि कहता है कि बहुत धैर्य धारण करके सीता जी वन के मार्ग को निकलीं, लेकिन दो कदम चलने के बाद ही उनके माथे से पसीना निकलने लगा एवं व्याकुल सीता जी ने रामजी से कहा कि अभी ।। कितनी दूर चलना है और कुटिया कहाँ बनाएँगे। सीता जी की यह व्याकुलता देखकर रामजी की आँखों से आँसू बहने लगे।