NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 3 नादान दोस्त Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 3 नादान दोस्त Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 3 नादान दोस्त पाठ का सार

केशव व श्यामा की जिज्ञासा

‘नादान दोस्त’ प्रेमचंद द्वारा लिखी गई मार्मिक कहानी है। केशव और श्यामा भाई-बहन थे, जिनके घर की छत की कार्निस (छज्जा) पर एक चिड़िया ने अंडे दिए थे। अंडों को देखकर उनके मन में तरह-तरह के प्रश्न आते थे। वे अकसर सोचते अंडे कितने बड़े होंगे? किस रंग के होंगे? कितने होंगे? उनमें से बच्चे कब निकलेंगे? बच्चों के पर कैसे निकलेंगे ? घोंसला कैसा है? आदि।

केशव और श्यामा इन प्रश्नों के उत्तर जानना चाहते थे, लेकिन उनके माता-पिता के पास उनके प्रश्नों के उत्तर देने का समय नहीं होने के कारण वे आपस में ही सवाल जवाब करके अपने दिल को तसल्ली दे देते थे।

चिड़िया के बच्चों को भूख-प्यास से बचाना

केशव और श्यामा के मन में दिन-प्रतिदिन जिज्ञासा बढ़ रही थी। दोनों ने अनुमान लगाया कि अब तक अंडों में से बच्चे निकल आए होंगे। इस कारण उन्हें उन बच्चों के खाने-पीने की चिंता सताने लगी। दोनों ने उनकी भूख-प्यास मिटाने का फैसला किया। श्यामा ने चुपके से मटके से कुछ चावल निकाले और केशव ने तेल की प्याली साफ करके उसमें पानी भरा। इसके पश्चात् कूड़ा फेंकने वाली टोकरी से घोंसले पर छाया करने का प्रबंध किया।

बाबू जी के दफ्तर चले जाने व माँ के सो जाने के बाद केशव और श्यामा चुपके से कमरे के बाहर आ गए। केशव नहाने की चौकी पर स्टूल रखकर उस पर चढ़ गया, जिसे श्यामा ने पकड़ लिया। कार्निस पर हाथ रखते ही दोनों चिड़ियाँ उड़ गई। वहाँ तीन अंडे थे, जिन्हें केशव ने पुरानी धोती के टुकड़े की गद्दी बनाकर उसके ऊपर रख दिया।

चावल के दाने और पानी की कटोरी भी रखी तथा टोकरी को लकड़ी से टिकाकर अंडों पर छाया कर दी। केशव के नीचे उतरने पर श्यामा ने भी अंडे देखने के लिए कहा तो केशव ने डर के कारण उसे मना कर दिया और बोला कि वह स्टूल से गिर जाएगी तो अम्मा खूब पीटेंगी। यह सुनकर श्यामा रोने लगी और ये सभी बातें माँ से बताने के लिए कहने लगी।

Read and Learn More Class 6 Hindi Question and Answers

चिड़िया का कार्निस पर आकर उड़ जाना

दोनों चिड़िया कार्निस पर बार-बार आकर बिना बैठे ही उड़ जाती थीं। केशव को लगा कि शायद वह भय के कारण वहाँ नहीं बैठ पा रहीं हैं, इसलिए केशव ने चॉकी और स्टूल वहाँ से हटाकर अपने स्थान पर रख दिए। तभी माँ नींद से जाग गईं और दोनों को दरवाजा खोलने पर डाँट लगाई और फिर से दोनों को कमरे में ले गई।

अंडों का टूटना

शाम चार बजे जब श्यामा नींद से जागी, तो वह कार्निस के पास गई और देखा कि अंडे नीचे गिरकर टूटे पड़े हैं। उसने तुरंत केशव को जाकर सब कुछ बताया। यह बात सुनकर केशव भी घबराकर बाहर आया और देखा कि पानी की प्याली टूटी पड़ी है, तीनों अंडे भी जमीन पर टूटे पड़े हैं, जिनमें से सफेद रंग का पानी निकल आया है। तभी माँ सोटी (छड़ी) लेकर वहाँ आ गई और कहा- तुम धूप में क्या कर रहे हो।

श्यामा ने माँ को बताया कि अंडे टूट गए हैं तो माँ ने कहा- तुम लोगों ने अंडों को छुआ होगा। अब श्यामा ने माँ को सब बता दिया कि भइया ने उन्हें रखा था, तब माँ ने उन्हें बताया कि अंडों को छूने से वे गंदे हो जाते हैं, जिसके कारण चिड़िया उन्हें नहीं सेती और तोड़ देती है।

केशव को अपनी गलती पर अफसोस

यह सुनकर केशव का चेहरा उतर गया और बोला कि मैंने तो सिर्फ अंडों को कपड़े की गद्दी पर रखा था। केशव के भोलेपन की बात सुनकर माँ को हँसी आ गई, लेकिन केशव बहुत दुःखी हुआ और काफी दिनों तक अपनी गलती पर अफसोस करके रोता रहा।

शब्द

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 3 नादान दोस्त (प्रेमचंद) Question And Answers शब्द

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 3 नादान दोस्त पाठ्यपुस्तक वसंत भाग-1 के प्रश्नोत्तर

कहानी से (पृष्ठ संख्या 19)

प्रश्न 1. अंडों के बारे में केशव और श्यामा के मन में किस तरह के सवाल उठते थे? वे आपस में ही सवाल-जवाब करके अपने दिल को तसल्ली क्यों दे दिया करते थे?

उत्तर केशव और श्यामा दोनों के मन में अंडों के बारे में बहुत जिज्ञासा रहती थी। वे जानना चाहते थे कि अंडे किस रंग के हैं? कितने बड़े हैं? उनमें से बच्चे कब निकलेंगे? बच्चों के पर कैसे निकलेंगे? बच्चों के इन प्रश्नों का उत्तर देने वाला कोई न था माँ और पिताजी भी व्यस्त रहते थे, इसीलिए दोनों आपस में ही सवाल-जवाब करके अपने दिल को तसल्ली दे दिया करते थे।

प्रश्न 2. केशव ने श्यामा से चिथड़े, टोकरी और दाना-पानी मँगाकर कार्निस पर क्यों रखे थे?

उत्तर केशव ने श्यामा से चिथड़े मँगाकर उनकी गद्दी बनाकर अंडों के नीचे रखी। एक टोकरी को टहनी से टिकाकर अंडों के ऊपर छाया कर दी। पास में ही दाना-पानी भी रख दिया, जिससे चिड़िया के बच्चों को कोई परेशानी न हो, क्योंकि अकेले चिड़िया इतना दाना-पानी नहीं ला सकती थी, जिससे उसके बच्चों का पेट भर सके।

प्रश्न 3. केशव और श्यामा ने चिड़िया के अंडों की रक्षा की या नादानी ?

उत्तर केशव और श्यामा ने अपनी बाल-सुलभ सोच से चिड़िया के अंडों को सुरक्षित तथा आरामदेह समझकर उनकी रक्षा की, परंतु यह उनकी नादानी सिद्ध हुई। उन्होंने अंडों को रक्षा के प्रयास में छूकर गंदा कर दिया। उन्हें नहीं पता था कि हाथ लगाने पर चिड़िया अंडे सेती नहीं है।

कहानी से आगे (पृष्ठ संख्या 20)

प्रश्न 1. केशव और श्यामा ने अंडों के बारे में क्या-क्या अनुमान लगाए? यदि उस जगह तुम होते तो क्या अनुमान लगाते और क्या करते?

उत्तर केशव और श्यामा ने अनुमान लगाया कि अंडों को तिनके चुभते होंगे, कार्निस पर होने के कारण धूप लगती होगी। उन्होंने तीन-चार दिन बाद अनुमान लगाया कि अंडों में से बच्चे निकल आए होंगे, चिड़िया अपने बच्चों के लिए भोजन कहाँ से लाएगी, बच्चे भूख से मर जाएँगे, उन्हें प्यास भी लगेगी।

यदि मैं उनकी जगह पर होता तो अनुमान लगाता कि बच्चों के पर कितने दिनों में निकलेंगे? कोई पशु-पक्षी उन अंडों तक पहुँच नहीं पाएगा। मैं पूरा प्रयास करता कि पशु-पक्षी से कार्निस पर रखे अंडे सुरक्षित रहें। मैं दाना जमीन पर बिखेर देता, जिससे चिड़िया वहीं से भोजन ले सके।

प्रश्न 2. माँ के सोते ही केशव और श्यामा दोपहर में बाहर क्यों निकल आए ? माँ के पूछने पर भी दोनों में से किसी ने किवाड़ खोलकर दोपहर में बाहर निकलने का कारण क्यों नहीं बताया?

उत्तर दोपहर के समय माँ दोनों बच्चों को सुलाकर ही स्वयं सोती थी । इसीलिए माँ के सोते ही केशव और श्यामा दोनों अंडों को देखने कमरे से बाहर आ गए। यदि माँ देख लेती तो दोनों को बाहर न आने देती। माँ के पूछने पर भी केशव और श्यामा दोनों ने ही बाहर निकलने का कारण नहीं बताया। दोनों भाई-बहन का आपस में बहुत प्रेम था। वे दोनों नहीं चाहते थे कि उनमें से किसी की भी पिटाई हो ।

प्रश्न 3. प्रेमचंद ने इस कहानी का नाम ‘नादान दोस्त’ रखा। तुम इसे क्या शीर्षक देना चाहोगे?

उत्तर कहानीकार प्रेमचंद ने कहानी का नाम ‘नादान दोस्त’ रखा। मैं इस कहानी का नाम ‘बच्चों की नादानी’ या ‘चिड़िया के अंडे’ शीर्षक रखता।

अनुमान और कल्पना ( पृष्ठ संख्या 20)

प्रश्न 1. इस पाठ में गर्मी के दिनों की चर्चा है। अगर सर्दी या बरसात के दिन होते तो क्या-क्या होता? अनुमान करो और अपने साथियों को सुनाओ।

उत्तर अगर सर्दी के दिन होते तो केशव और श्यामा की माँ ठंड के कारण बच्चों को बाहर नहीं निकलने देती। ठंड के कारण अंडों को ठंडक लगने से बचाना होता।

अगर बरसात का मौसम होता तो अंडों को बरसात में भीगने से और पानी में बहने से बचाना होता। बरसात में बाहर निकलने पर केशव और श्यामा भीग जाते। इसलिए उनकी माँ उन्हें बाहर नहीं निकलने देती ।

प्रश्न 2. पाठ पढ़कर मालूम करो कि दोनों चिड़ियाँ वहाँ फिर क्यों नहीं दिखाई दीं? वे कहाँ गई होंगी? इस पर अपने दोस्तों के साथ मिलकर बातचीत करो।

उत्तर अंडे फूट जाने के बाद दोनों चिड़ियाँ वहाँ नहीं आईं। उन्हें यह स्थान असुरक्षित लगा होगा तथा उन्होंने कोई नया सुरक्षित स्थान खोजकर घोंसला बनाया होगा और फिर समय आने पर अंडे दिए होंगे।

प्रश्न 3. केशव और श्यामा चिड़िया के अंडों को लेकर बहुत उत्सुक थे। क्या तुम्हें भी किसी नई चीज या बात को लेकर कौतूहल महसूस हुआ है? ऐसे किसी अनुभव का वर्णन करो और बताओ कि ऐसे में तुम्हारे मन में क्या-क्या सवाल उठे?

उत्तर मेरे जन्मदिन पर मेरे मित्र ने मुझे मछलियाँ उपहार में दीं। उन्हें देखकर मैं बहुत खुश हुआ। मेरे मन में कौतूहल हुआ। ये मछलियाँ कैसे खाती हैं? कब सोती हैं? कैसे खेलती हैं? किस प्रकार आपस में बातें करती हैं? इन मछलियों के माता-पिता कौन और कहाँ हैं?

भाषा की बात (पृष्ठ संख्या 20 व 21)

प्रश्न 1. श्यामा माँ से बोली, “मैंने आपकी बातचीत सुन ली है। ” ऊपर दिए उदाहरण में मैंने का प्रयोग ‘श्यामा’ के लिए और आपकी का प्रयोग ‘माँ’ के लिए हो रहा है। जब सर्वनाम का प्रयोग कहने वाले, सुनने वाले या किसी तीसरे के लिए हो, तो उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। नीचे दिए गए वाक्यों में तीनों प्रकार के पुरुषवाचक सर्वनामों के नीचे रेखा खींचो

एक दिन दीपू और नीलू यमुना तट पर बैठे शाम की ठंडी हवा का आनंद ले रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि एक लंबा आदमी लड़खड़ाता हुआ उनकी ओर चला आ रहा है। पास आकर उसने बड़े दयनीय स्वर में कहा, “मैं भूख से मरा जा रहा हूँ। क्या आप मुझे कुछ खाने को दे सकते हैं?”

उत्तर एक दिन दीपू और नीलू यमुना तट पर बैठे शाम की ठंडी हवा का आनंद ले रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि एक लंबा आदमी लड़खड़ाता हुआ उनकी ओर चला आ रहा है। पास आकर उसने बड़े दयनीय स्वर में कहा, “मैं भूख से मरा जा रहा हूँ। क्या आप मुझे कुछ खाने को दे सकते हैं?”

प्रश्न 2. तगड़े बच्चे मसालेदार सब्जी बड़ा अंडा

यहाँ रेखांकित शब्द क्रमशः बच्चे, सब्जी और अंडे की विशेषता यानी गुण बता रहे हैं, इसलिए ऐसे विशेषणों को गुणवाचक विशेषण कहते हैं। इसमें व्यक्ति या वस्तु के अच्छे-बुरे हर तरह के गुण आते हैं। तुम चार गुणवाचक विशेषण लिखो और उनसे वाक्य बनाओ।

उत्तर

  • सुंदर – गीता बहुत सुंदर गाती थी।
  • नया – राघव ने नौकरी लगते ही नया घर खरीदा।
  • बुद्धिमान – सोनल कक्षा की सबसे बुद्धिमान छात्रा है।
  • ताजा – ताजा भोजन खाने से शरीर स्वस्थ रहता है।

प्रश्न 3.

(क) केशव ने झुंझलाकर कहा….
(ख) केशव रोनी सूरत बनाकर बोला….
(ग) केशव घबराकर उठा…
(घ) केशव ने टोकरी को एक टहनी से टिकाकर कहा….
(ङ) श्यामा ने गिड़गिड़ाकर कहा…..

ऊपर लिखे वाक्यों में रेखांकित शब्दों को ध्यान से देखो ये शब्द रीतिवाचक क्रिया-विशेषण का काम कर रहे हैं, क्योंकि ये बताते हैं कि कहने, बोलने और उठने की क्रिया कैसे क्रिया हुई। ‘कर’ वाले शब्दों के क्रिया-विशेषण होने की एक पहचान यह भी है कि ये अकसर क्रिया से ठीक पहले आते हैं। अब तुम भी इन पाँच क्रिया-विशेषणों का वाक्यों में प्रयोग करो।

उत्तर

(क) झुंझलाकर – माँ ने झुंझलाकर कहा अब चुप हो जाओ।
(ख) बनाकर – बालक चित्र बनाकर चला गया।
(ग) घबराकर – तूफान की सूचना मिलते ही गाँव वाले घबराकर भागने लगे।
(घ) टिकाकर – अलमारी में मैंने कुछ पुस्तकें टिकाकर रख दीं।
(ङ) गिड़गिड़ाकर चोरी पकड़ी जाने पर नौकर ने गिड़गिड़ाकर माफी माँगी।

प्रश्न 4. नीचे प्रेमचंद की कहानी ‘सत्याग्रह’ का एक अंश दिया गया है। तुम इसे पढ़ोगे तो पाओगे कि विराम चिह्नों के बिना यह अंश अधूरा सा है। तुम आवश्यकता के अनुसार उचित जगहों पर विराम चिह्न लगाओ।

उसी समय एक खोमचेवाला जाता दिखाई दिया 11 बज चुके थे चारों तरफ सन्नाटा छा गया था पंडित जी ने बुलाया खोमचेवाले खोमचेवाला कहिए क्या दूँ भूख लग आई न अन्न-जल छोड़ना साधुओं का काम है हमारा आपका नहीं मोटेराम अबे क्या कहता है यहाँ क्या किसी साधु से कम हैं? चाहें तो महीने पड़े रहें और भूख न लगे तुझे तो केवल इसलिए बुलाया है कि जरा अपनी कुप्पी मुझे दे देखूं तो वहाँ क्या रेंग रहा है मुझे भय होता है।

उत्तर उसी समय एक खोमचेवाला जाता दिखाई दिया। 11 बज चुके थे। चारों तरफ सन्नाटा छा गया था। पंडित जी ने बुलाया, ‘खोमचेवाले !’ खोमचेवाला- ‘कहिए, क्या दूँ? भूख लग आई ना अन्न-जल छोड़ना साधुओं का काम है, हमारा आपका नहीं।’ मोटेराम, ‘अबे ! क्या कहता है? यहाँ क्या किसी साधु से कम हैं? चाहें तो महीने पड़े रहें और भूख न लगे। तुझे तो केवल इसलिए बुलाया है कि जरा अपनी कुप्पी मुझे दे। देखें तो, वहाँ क्या रेंग रहा है। मुझे भय होता है।’

कुछ करने को (पृष्ठ संख्या 22)

गर्मियों या सर्दियों में जब तुम्हारी लंबी छुट्टियाँ होती हैं, तो तुम्हारा दिन कैसे बीतता है? अपनी बुआ या किसी और को एक पोस्टकार्ड या अंतर्देशीय पत्र लिखकर बताओ।

उत्तर छात्र स्वयं करें

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 3 नादान दोस्त बहुविकल्पीय प्रश्न

अभ्यास प्रश्न (बहुविकल्पीय व वर्णनात्मक प्रश्नों सहित)

1. ‘नादान दोस्त’ कहानी के कहानीकार का नाम है

(क) कृष्णा सोबती
(ख) विष्णु प्रभाकर
(ग) प्रेमचंद
(घ) विनय महाजन

उत्तर (ग) प्रेमचंद

2. केशव व श्यामा ने चिड़िया के खाने के लिए क्या रखा था?

(क) जौ
(ख) बाजरा
(ग) मक्का
(घ) चावल

उत्तर चावल

3. चिड़िया ने अंडे कहाँ दिए थे?

(क) पेड़ पर
(ख) खिड़की पर
(ग) कार्निस पर
(घ) छत पर

उत्तर (ग) कार्निस पर

4. श्यामा ने माँ को क्यों नहीं बताया कि दरवाजा केशव ने खोला था ?

(क) यह सुनकर माँ दोनों की पिटाई करतीं
(ख) क्योंकि इससे केशव नाराज़ हो जाता
(ग) यह सुनकर माँ उसे मारतीं
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं

उत्तर (ग) यह सुनकर माँ उसे मारतीं

5. माँ के सो जाने के बाद केशव और श्यामा चुपके से कहाँ आ गए?

(क) छत पर
(ख) कमरे के बाहर
(ग) कमरे के अंदर
(घ) उपरोक्त सभी

उत्तर (ख) कमरे के बाहर

6. स्टूल पर कौन चढ़ा हुआ था?

(क) श्यामा
(ख) पिताजी
(ग) केशव
(घ) माताजी

उत्तर (ग) केशव

7. श्यामा और केशव अंडों को किससे बचाना चाहते थे?

(क) धूप से
(ख) बारिश से
(ग) हवा से
(घ) आँधी से

उत्तर (क) धूप से

8. अंडों से किस रंग का पानी निकल रहा था?

(क) पीला
(ख) नीला
(ग) सफेद
(घ) ये सभी

उत्तर (ग) सफेद

9. केशव को अपनी गलती पर क्या हुआ?

(क) अफ़सोस
(ख) गर्व
(ग) खुशी
(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर (क) अफ़सोस

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 3 नादान दोस्त गद्यांश पर आधारित प्रश्न

निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर उन पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

गद्यांश 1

केशव के घर कार्निस के ऊपर एक चिड़िया ने अंडे दिए थे। केशव और उसकी बहन श्यामा दोनों बड़े ध्यान से चिड़िया को वहाँ आते-जाते देखा करते। सवेरे दोनों आँखें मलते कार्निस के सामने पहुँच जाते और चिड़ा व चिड़िया दोनों को वहाँ बैठा पाते। उनको देखने में दोनों बच्चों को न मालूम क्या मजा मिलता, दूध और जलेबी की सुध भी न रहती थी। दोनों के दिल में तरह-तरह के सवाल उठते अंडे कितने बड़े होंगे? किस रंग के होंगे? कितने होंगे? क्या खाते होंगे? उनमें से बच्चे किस तरह निकल आएँगे? बच्चों के पर कैसे निकलेंगे? घोंसला कैसा है?

1. चिड़ा और चिड़िया को कौन देखता था?

(क) केशव
(ख) श्यामा
(ग) ‘क’ और ‘ख’ दोनों
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं

उत्तर (ग) ‘क’ और ‘ख’ दोनों

2. सवेरे नाश्ते में केशव और श्यामा क्या खाते थे?

(क) जलेबी और दही
(ख) डबल रोटी और दूध
(घ) दूध और बिस्कुट
(ग) दूध और जलेबी

उत्तर (ग) दूध और जलेबी

3. बच्चों के मन में क्या जिज्ञासा थी?

(क) अंडों को देखने की
(ख) चिड़िया को पालने की
(ग) अंडे गिनने की
(घ) चिड़िया उड़ाने की

उत्तर (क) अंडों को देखने की

4. केशव और श्यामा को किसमें आनंद आता था ?

उत्तर केशव और श्यामा को चिड़ा और चिड़िया देखने में बहुत आनंद आता था।

5. चिड़ा और चिड़िया बार-बार कार्निस के ऊपर क्यों आते थे?

उत्तर अंडों को सेने के लिए चिड़ा और चिड़िया बार-बार कार्निस के ऊपर आते थे।

6. केशव और श्यामा अंडों के विषय में क्या सोचते थे?

उत्तर चिड़ा और चिड़िया को आते-जाते देखकर केशव और श्यामा के मन में अनेक प्रश्न उठते; जैसे-अंडे कितने बड़े होंगे? किस रंग के होंगे? कितने होंगे? आदि।

गद्यांश 2

गर्मी के दिन थे। बाबू जी दफ्तर गए हुए थे। अम्मा दोनों बच्चों को कमरे में सुलाकर खुद सो गई थीं, लेकिन बच्चों की आँखों में आज नींद कहाँ?

अम्मा जी को बहलाने के लिए दोनों दम रोके, आँखें बंद किए, मौके का इंतजार कर रहे थे। ज्यों ही मालूम हुआ कि अम्मा जी अच्छी तरह से सो गईं, दोनों चुपके से उठे और बहुत धीरे से दरवाजे की सिटकनी खोलकर बाहर निकल आए। अंडों की हिफाजत की तैयारियाँ होने लगीं।

1. कैसे दिनों की बात है?

(क) बरसात के
(ख) सर्दी के
(ग) गर्मी के
(घ) वसंत के

उत्तर (ग) गर्मी के

2. बच्चों के पिताजी कहाँ गए थे?

(क) दफ्तर
(ख) बाजार
(ग) बैंक
(घ) अस्पताल

उत्तर (क) दफ्तर

3. किसकी हिफाजत की तैयारियाँ होने लगीं?

(क) माँ की
(ख) अंडों की
(ग) दरवाजे की
(घ) स्टूल की

उत्तर (ख) अंडों की

4. दोपहर होने पर अम्मा ने क्या किया?

उत्तर दोपहर होने पर अम्मा ने दोनों बच्चों- केशव और श्यामा को कमरे में सुला दिया। बच्चों के सोने के बाद वे स्वयं भी सो गईं।

5. बच्चों की आँख में आज नींद क्यों नहीं थी?

उत्तर बच्चों की आँख में नींद इसलिए नहीं थी, क्योंकि केशव और श्यामा को अंडों की हिफाजत की तैयारियाँ करनी थी।

6. माँ के सोते ही दोनों बच्चों ने क्या किया?

उत्तर माँ के सोते ही दोनों बच्चे चुपचाप उठे और दरवाजे की सिटकनी खोलकर बाहर निकल आए।

गद्यांश 3

आखिर यही फैसला हुआ कि घोंसले के ऊपर कपड़े की छत बना देनी चाहिए। पानी की प्याली और थोड़े से चावल रख देने का प्रस्ताव भी स्वीकृत हो गया। दोनों बच्चे बड़े चाव से काम करने लगे श्यामा, माँ की आँख बचाकर मटके से चावल निकाल लाई। केशव ने पत्थर की प्याली का तेल चुपके से जमीन पर गिरा दिया और उसे खूब साफ करके उसमें पानी भरा। अब चाँदनी के लिए कपड़ा कहाँ से आए? फिर ऊपर बगैर छड़ियों के कपड़ा ठहरेगा कैसे और छड़ियाँ खड़ी होंगी कैसे?

केशव बड़ी देर तक इसी उधेड़बुन में रहा। आखिरकार उसने यह मुश्किल भी हल कर दी। श्यामा से बोला- जाकर कूड़ा फेंकने वाली टोकरी उठा लाओ । अम्माँ जी को मत दिखाना। श्यामा वह तो बीच से फटी हुई है। उसमें से धूप न जाएगी? केशव ने झुंझलाकर कहा- तू टोकरी तो ला, मैं उसका सुराख बंद करने की हिकमत निकालूँगा।

1. घोंसले के ऊपर किसकी छत बनाने का फैसला हुआ?

(क) ईंटों की
(ख) कागज की
(ग) टिन की
(घ) कपड़े की

उत्तर (घ) कपड़े की

2. केशव ने प्याली का तेल कहाँ फेंका?

(क) गमले में
(ख) जमीन पर
(ग) कप में उत्तर
(घ) प्लेट में

उत्तर (ख) जमीन पर

3. प्यास के कारण कौन तड़पता होगा?

(क) अम्मा
(ख) बाबूजी
(ग) केशव
(घ) चिड़िया के बच्चे

उत्तर (घ) चिड़िया के बच्चे

4. बच्चों में क्या प्रस्ताव स्वीकृत किया गया?

उत्तर केशव और श्यामा ने चिड़िया के बच्चों के कष्टों को समझा। उन कष्टों को दूर करने के लिए बच्चों ने कपड़ों की छत बनाने, प्याली में चावल रखने का प्रस्ताव स्वीकृत किया।

5. चिड़िया के बच्चों के कष्टों को दूर करने के लिए केशव और श्यामा चाव से क्या काम करने लगे?

उत्तर केशव और श्यामा चिड़िया के बच्चों की सुरक्षा तथा खाने-पीने का काम बड़े चाव से करने लगे।

6. श्यामा ने क्या काम किया?

उत्तर श्यामा माँ की आँख बचाकर मटके से चावल निकालकर ले आई, जिन्हें चिड़िया के बच्चों के खाने के लिए रखा जा सके।

गद्यांश 4

चार बजे यकायक श्यामा की नींद खुली। किवाड़ खुले हुए थे। वह दौड़ी हुई कार्निस के पास आई और ऊपर की तरफ ताकने लगी। टोकरी का पता न था। संयोग से उसकी नजर नीचे गई और वह उल्टे पाँव दौड़ती हुई कमरे में जाकर जोर से बोली- भइया, अंडे तो नीचे पड़े हैं, बच्चे उड़ गए। केशव घबराकर उठा और दौड़ा हुआ बाहर आया तो क्या देखता है कि तीनों अंडे नीचे टूटे पड़े हैं और उनसे कोई चूने की-सी चीज़ बाहर निकल आई है। पानी की प्याली भी एक तरफ टूटी पड़ी है।

1. श्यामा की नींद कितने बजे खुली ?

(क) दो बजे
(ख) तीन बजे
(ग) चार बजे
(घ) दस बजे

उत्तर (ग) चार बजे

2. नींद खुलने पर श्यामा दौड़ती हुई कहाँ आई ?

(क) कमरे में
(ख) कार्निस के पास
(ग) छत पर
(घ) अस्पताल में

उत्तर (ख) कार्निस के पास

3. अंडे कहाँ पड़े थे ?

(क) अलमारी में
(ख) बक्से में
(ग) रसोई में
(घ) नीचे जमीन पर

उत्तर (घ) नीचे जमीन पर

4. श्यामा ने उठते ही क्या किया?

उत्तर श्यामा की नींद जब अचानक चार बजे खुल गई तो वह उठते ही कार्निस के पास गई और ऊपर की ओर ताकने लगी।

5. श्यामा उल्टे पाँव वापस केशव के पास क्यों गई?

उत्तर श्यामा कार्निस से नीचे गिरे अंडों को देखकर घबरा गई और उल्टे पाँव केशव के पास गई।

6. केशव के चेहरे का रंग उड़ने का क्या कारण था?

उत्तर केशव को जब श्यामा ने बताया कि अंडे नीचे पड़े हैं और बच्चे उड़ गए हैं, तो घबराता हुआ कमरे से बाहर आया और देखा कि तीनों अंडे टूटे पड़े हैं। पानी की प्याली भी टूट गई थी। यह देखकर उसके चेहरे का रंग उड़ गया था।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 3 नादान दोस्त अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

1. केशव और श्यामा कौन थे? दोनों सवेरे उठते ही कहाँ जाते थे?

उत्तर केशव और श्यामा भाई-बहन थे। दोनों सवेरे उठते ही कार्निस के पास चले जाते थे।

2. केशव के घर की कार्निस पर क्या था?

उत्तर केशव के घर की कार्निस के ऊपर एक चिड़िया ने अंडे दिए थे।

3. केशव और श्यामा आपस में ही सवाल-जवाब करके अपने दिल को तसल्ली क्यों दे लिया करते थे?

उत्तर केशव और श्यामा की अम्मा घर के काम-काज में व्यस्त रहती थीं। उनके बाबूजी को पढ़ने-लिखने से फुरसत नहीं थी। इसलिए केशव और श्यामा आपस में ही सवाल-जवाब करके अपने दिल को तसल्ली दे लिया करते थे।

4. श्यामा ने पूछा- बच्चे निकलकर फुर्र से उड़ जाएँगे? केशव ने इस प्रश्न का क्या उत्तर दिया?

उत्तर श्यामा के प्रश्न को ध्यानपूर्वक सुनकर केशव ने विद्वानों की तरह गर्व से उत्तर दिया- नहीं री पगली, पहले पर निकलेंगे। बगैर परों के बेचारे कैसे उड़ेंगे?

5. तीन-चार दिन बाद बच्चों ने अंडों के बारे में क्या अनुमान लगाया?

उत्तर तीन-चार दिन बाद बच्चों ने अंडों के बारे में अनुमान लगाया कि अब जरूर बच्चे निकल आए होंगे।

6. बच्चों ने टोकरी का क्या प्रयोग किया?

उत्तर बच्चों ने टोकरी टहनी से टिकाकर घोंसले पर आड़ी करके रख दी, जिससे घोंसले पर धूप न आए।

7. केशव अंडों तक कैसे पहुँचा ?

उत्तर केशव कमरे से स्टूल लाया उसके ऊपर नहाने की चौकी लाकर स्टूल के नीचे रखी। स्टूल की चारों टाँगे बराबर नहीं थीं, इसलिए श्यामा ने दोनों हाथों से स्टूल को पकड़ा। इस प्रकार स्टूल पर चढ़कर केशव अंडों तक पहुँच गया।

8. दोनों बच्चे कमरे से बाहर कब आए ?

उत्तर बच्चों की माँ जब सो गईं, तो दोनों बच्चे चुपके से उठे और धीरे से दरवाजे की सिटकनी खोलकर कमरे से बाहर आ गए।

9. श्यामा के बार-बार कहने पर भी केशव ने उसे अंडे क्यों नहीं दिखाए?

उत्तर केशव को डर था कि जरा सी असावधानी से श्यामा स्टूल से गिर पड़ेगी, इसलिए श्यामा के बार-बार कहने पर भी केशव ने उसे अंडे नहीं दिखाए।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 3 नादान दोस्त लघु उत्तरीय प्रश्न

1. बच्चों के प्रश्नों का जवाब देने वाला कोई क्यों नहीं था?

उत्तर श्यामा और केशव अपने बाबूजी और अम्मा के साथ घर में रहते थे। बाबूजी और अम्माजी के अतिरिक्त घर में और कोई बड़ा नहीं रहता था। चिड़ा और चिड़िया को कार्निस पर आते-जाते देख दोनों के मन में अनेक प्रश्न उठते थे। बाबूजी पढ़ने-लिखने में बहुत व्यस्त रहते थे और अम्मा को घर के काम-काज के कारण समय नहीं था। इसलिए बच्चों के प्रश्नों का जवाब देने वाला कोई नहीं था।

2. चिड़िया के बच्चों के लिए दाने और पानी का प्रबंध केशव और श्यामा ने किस प्रकार किया?

उत्तर केशव और श्यामा दोनों ने चिड़िया के बच्चों के लिए दाने पानी का प्रबंध करने का फैसला ले लिया था। श्यामा माँ की आँख बचाकर मटके में से चावल निकालकर ले आई। केशव ने पत्थर की प्याली का तेल फेंककर उसे साफ किया और उसमें पानी भरकर रखा।

3. अम्मा के सो जाने पर बच्चे किस अवसर का इंतजार कर रहे थे?

उत्तर गर्मी के दिन थे। केशव और श्यामा के बाबूजी दफ्तर जा चुके थे। दोनों बच्चों को कमरे में सुलाकर अम्मा जी सो गई थीं। बच्चे दम रोके, आँखें बंद किए पड़े थे, उन्हें नींद नहीं आ रही थी। दोनों बच्चे माँ के सोने का ही इंतजार कर रहे थे, जिससे वे कमरे से बाहर निकल सकें।

4. अंडे टूट जाने के बाद केशव को क्या महसूस हुआ?

उत्तर चिड़िया के अंडे टूट जाने के बाद केशव को कई दिनों तक अपनी गलती पर अफसोस होता रहा। केशव अकसर इस घटना को याद करके रो भी पड़ता था। केशव और श्यामा अंडों की सुरक्षा करना चाहते थे, किंतु उनकी नादानी के कारण अंडे टूट गए थे।

5. ‘नादान दोस्त’ कहानी के अंत से आपको क्या सीख मिली?

उत्तर ‘नादान दोस्त’ कहानी के अंत में बच्चों की नादानी के कारण चिड़िया ने अपने अंडे नीचे फेंककर तोड़ दिए और उन अंडों को नहीं सेया । मुझे इस कहानी के अंत से सीख मिली कि हमें जीव-जंतुओं के जीवन में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। उन्हें स्वतंत्र रहने देना चाहिए।

6. यदि आपके घर के पास रहने वाला बच्चा अपनी गुलेल से पशु-पक्षियों को मारता है, तो आप उसे किस प्रकार समझाएँगे और ऐसी स्थिति में आप क्या करेंगे?

उत्तर यदि मेरे घर के पास रहने वाला बच्चा अपनी गुलेल से पशु-पक्षियों को मारेगा तो मैं उसके घर जाऊँगा। उस बच्चे को समझाऊँगा कि जीव-जंतु में जीवन होता है, उन्हें भी मनुष्य की तरह दर्द होता है। हमें जीव-जंतुओं की रक्षा करनी चाहिए। प्रत्येक जीव पर्यावरण का अभिन्न हिस्सा है। उनकी सुरक्षा करना हमारा कर्त्तव्य है।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 3 नादान दोस्त दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. केशव और श्यामा कार्निस पर रखे अंडों में से निकलने वाले चिड़िया के बच्चों के विषय में आपस में क्या सवाल-जवाब करते थे? अथवा केशव और श्यामा के मन में चिड़िया के अंडों के बारे में किस तरह के सवाल-जवाब आते रहते थे?

उत्तर केशव और श्यामा की अम्मा और बाबूजी बहुत व्यस्त रहते थे। इसलिए वे दोनों आपस में ही सवाल जवाब करते थे। श्यामा ने केशव से पूछा- भैय्या ? क्या, बच्चे निकलकर फुर्र से उड़ जाएँगे? केशव ने बहुत समझदारी से गर्व के साथ उत्तर दिया- नहीं री पगली, पहले पर निकलेंगे। बगैर परों के बेचारे बच्चे नहीं उड़ सकते। श्यामा ने प्रश्न किया- चिड़िया बेचारी बच्चों को क्या खिलाएगी? केशव इस प्रश्न का उत्तर नहीं दे सका, क्योंकि यह प्रश्न बहुत कठिन था।

2. “केशव जब स्टूल पर खड़ा होकर अंडों की हिफाजत कर रहा था तब उसका मन व्यथित था।” नादान दोस्त कहानी के आधार पर इस कथन को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर केशव जब स्टूल पर खड़ा होकर अंडों की हिफाजत कर रहा था तब उसका मन व्यथित था, क्योंकि वह अंडों की हिफाजत करने के लिए स्टूल के ऊपर डरते-डरते चढ़ा था और श्यामा ने दोनों हाथों से उस स्टूल को पकड़ा हुआ था। स्टूल की चारों टाँगें बराबर नहीं थीं इसलिए जिस तरफ स्टूल पर ज्यादा दबाव पड़ता। वह उस ओर झुक जाता था, जिससे उसे परेशानी उठानी पड़ती थी। संतुलन के बिगड़ जाने पर वह दोनों हाथों से कार्निस को पकड़ लेता था और दबी आवाज में श्यामा को डाँटता था ।

3. श्यामा ने किस विचार से खुश होकर बोला- “अब तो चिड़िया को चारे के लिए कहीं उड़कर न जाना पड़ेगा?”

उत्तर श्यामा और केशव ने अनुमान लगाया था कि घोंसले में रखे अंडों में से बच्चे निकल आए होंगे। बच्चों को खिलाने के लिए चिड़िया बेचारी इतना दाना कहाँ पाएगी कि सारे बच्चों का पेट भर सके।

चूँ-चूँ करके बच्चे भूख से मर जाएँगे। इस विचार से बच्चे घबरा गए। तभी श्यामा को कार्निस पर दाना रख देने का विचार आया। श्यामा इस विचार के आते ही खुश हो गई, क्योंकि अब चिड़िया को चारे के लिए कहीं जाना नहीं पड़ेगा।

4. अंडे गंदे क्यों हुए और उन अंडों का क्या हुआ ?

उत्तर केशव ने सुरक्षा के विचार से तिनकों पर पुराने कपड़ों की गद्दी बनाकर रखी और उसके ऊपर अंडे रख दिए थे, केशव ने अंडों को छू लिया था । इसीलिए चिड़िया के अंडे गंदे हो गए थे। चिड़िया जब वापस अपने घोंसले में आई तो उसे देखा कि उसके अंडों को हाथ लगा दिया गया है, इसी कारण चिड़िया ने अंडों को नहीं सेया और चिड़िया ने उन अंडों को उठाकर घोंसले से नीचे फेंक दिया। गिरने से अंडे टूट गए और उनमें से चूने जैसा तरल पदार्थ निकल आया।

 

 

Leave a Comment