NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 5 साथी हाथ बढ़ाना Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 5 साथी हाथ बढ़ाना Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 5 साथी हाथ बढ़ाना पाठ का सार

‘साथी हाथ बढ़ाना’ कविता प्रसिद्ध कवि | (शायर) साहिर लुधियानवी द्वारा रचित है। इस गीत के द्वारा कवि ने संगठन की महत्ता पर बल दिया है। कवि कहता है कि मिल-जुलकर काम करने से बड़ी-बड़ी मुसीबतें भी समाप्त हो जाती हैं। जब भी मेहनत करने वालों ने अपना कदम आगे बढ़ाया, उनकी मुसीबतें समाप्त हो गई और रास्ते स्वयं बनते चले गए। परिश्रम करने व एक-दूसरे के साथ सहयोग करने से मनुष्य कुछ भी हासिल कर सकता है।

कवि के अनुसार, सुख-दुःख का चक्र जीवन में हमेशा आता रहता है। हमें हर परिस्थिति में हमेशा अपनी मंजिल की ओर बढ़ते रहना चाहिए। दुनिया में हर बड़ी चीज छोटी-छोटी चीजों से मिलकर ही बनी है। एक-दूसरे के साथ संगठित होकर मनुष्य अपने भाग्य को बदल सकता है।

काव्यांशों की विस्तृत व्याख्या

काव्यांश 1

साथी हाथ बढ़ाना
एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना।
साथी हाथ बढ़ाना।
हम मेहनतवालों ने जब भी मिलकर कदम बढ़ाया।
सागर ने रास्ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया
फ़ौलादी हैं सीने अपने फ़ौलादी हैं बाँहें
हम चाहें तो चट्टानों में पैदा कर दें राहें
साथी हाथ बढ़ाना।

शब्दार्थ बोझ भार, हाथ बढ़ाना सहायता करना, कदम-पैर, सागर-समुद्र, सीस-सिर, फौलाबी-मजबूत, चट्टान- बड़ा भारी कठोर पत्थर

संदर्भ प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक वसंत भाग-1 में संकलित ‘साथी हाथ बढ़ाना’ कविता से ली गई हैं। इसके रचयिता प्रसिद्ध गीतकार ‘साहिर लुधियानवी’ हैं।

Read and Learn More Class 6 Hindi Question and Answers

प्रसंग प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने मिल-जुलकर कार्य करने के महत्त्व को दर्शाया है। मनुष्य यदि मिल-जुलकर कार्य करे, तो कठिन से कठिन कार्य करने में भी सफलता प्राप्त की जा सकती है।

व्याख्या प्रस्तुत पंक्तियों में कवि लोगों को मिल-जुलकर कार्य करने के लिए प्रेरित कर रहा है। यदि मनुष्य अकेले कार्य करेगा, बोझ उठाएगा तो वह शीघ्र ही थक जाएगा। हमें मिलकर दूसरों का हाथ बँटाते हुए कार्य करना चाहिए। मिल-जुलकर बोझ उठाने से बोझ सरलता से उठाया जा सकता है और हर कार्य सरलता से पूरा हो सकता है। मिल-जुलकर कदम बढ़ाया, उनके सामने आने वाली बाधाएँ हट गईं।

जब भी परिश्रम करने वाले लोगों ने किसी भी कार्य के लिए मिलकर कार्य करने वालों के लिए समुद्र ने भी रास्ता दे दिया, पर्वत भी झुक गया अर्थात् एकजुट होकर कार्य करने वालों को कोई भी बाधा आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती।

परिश्रमी लोगों का सीना और हाथ फौलाद अर्थात् लोहे के समान मजबूत होते हैं। मेहनती लोग यदि चाहें तो चट्टानों में भी रास्ते बना सकते हैं अर्थात् कठिन से कठिन कार्य भी पूरा कर सकते हैं।

विशेष

  1. प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने मनुष्य को मिलकर काम करने का संदेश दिया है।
  2. इन पंक्तियों में लय तथा संगीतात्मकता है।
  3. प्रत्येक पंक्ति का अंतिम शब्द तुकांत है।

काव्यांश 2

मेहनत अपने लेख की रेखा, मेहनत से क्या डरना
कल गैरों की खातिर की आज अपनी खातिर करना
अपना दुःख भी एक है साथी
अपना सुख भी एक अपनी मंज़िल सच की मंजिल,
अपना रास्ता नेक साथी हाथ बढ़ाना।

शब्दार्थ गैर अपरिचित, जिन्हें जानते न हों, खातिर के लिए मंजिल-लक्ष्य, उद्देश्य, ध्येय, नेक भला

प्रसंग प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने मनुष्य को परिश्रम करके सभी कठिनाइयों पर विजय पाने और अपने इन साथियों को मिलकर देश के नव निर्माण के लिए कार्य करने, लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए कहा है।

व्याख्या प्रस्तुत पंक्तियों में कवि अपने साथियों से कहता है कि परिश्रम करने से डरना नहीं चाहिए। परिश्रम करना अपने भाग्य में ही लिखा है। जब तक हमारा देश गुलाम था तब तक हमने विदेशियों के लिए कार्य किए, किंतु आज हम स्वतंत्र हैं। अब हमें अपने देश की उन्नति के लिए कार्य करना चाहिए। हम सभी, जो साथ में कार्य करते रहे हैं, सुख और दुःख के साथी हैं। हमारा लक्ष्य सत्य को प्राप्त करना है तथा हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मिल-जुलकर आगे बढ़ना चाहिए।

विशेष

  1. कवि ने देश की उन्नति के लिए सहयोग भावना के साथ कार्य करने पर बल दिया है।
  2. कहीं-कहीं उर्दू शब्दों का सहज रूप से प्रयोग किया है। जैसे खातिर, गैर, मंजिल, आदि।

काव्यांश 3

एक-से-एक मिले तो कतरा बन जाता है दरिया
एक-से-एक मिले तो ज़र्रा, बन जाता है सेहरा
एक-से-एक मिले तो राई, बन सकती है पर्वत
एक-से-एक मिले तो इंसाँ बस में कर ले किस्मत
साथी हाथ बढ़ाना।

शब्दार्थ दरिया नदी, जर्रा धूल का कण, सेहरा रेगिस्तान, राई -सरसों, किस्मत भाग्य

प्रसंग प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने आपस में एकता बनाकर रखने का संदेश दिया है।

व्याख्या प्रस्तुत पंक्तियों में कवि संगठन में शक्ति को स्पष्ट करते हुए बताता है कि एक-एक बूँद एकत्र होकर सागर का रूप ले लेती है, धूल का एक-एक कण एकत्र होकर रेगिस्तान का रूप ले लेता है तथा एक-एक राई का दाना भी एकत्रित होकर पहाड़ का आकार ले लेता है, इसी प्रकार मनुष्य भी यदि मिलकर कार्य करें, तो अपने भाग्य को वश में कर सकते हैं। मनुष्य को आपसी सहयोग के साथ कार्य करना चाहिए।

विशेष

  1. कवि ने बताया है कि एकत्रित होकर छोटी वस्तुएँ भी बड़े आकार में परिवर्तित हो जाती हैं।
  2. उर्दू शब्दों का सहजतापूर्वक प्रयोग किया है; जैसे-कतरा जर्रा आदि।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 5 साथी हाथ बढ़ाना पाठ्यपुस्तक वसंत भाग-1 के प्रश्नोत्तर

गीत से (पृष्ठ संख्या 29)

प्रश्न 1. इस गीत की किन पंक्तियों को तुम अपने आस-पास की जिंदगी में घटते हुए देख सकते हो?

उत्तर इस गीत की निम्न पंक्तियों को हम अपने आस-पास की जिंदगी में घटते हुए देख सकते हैं

  • हम मेहनतवालों ने जब भी मिलकर कदम बढ़ाया सागर ने रस्ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया
  • एक-से-एक मिले तो कतरा बन जाता है दरिया एक-से-एक मिले तो ज़र्रा बन जाता है सेहरा

प्रश्न  2. ‘सागर ने रस्ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया’ – कवि ने ऐसा क्यों कहा है? लिखिए।

उत्तर कवि ने ऐसा इसलिए कहा, क्योंकि संगठन में इतनी शक्ति होती है कि वह बड़ी से बड़ी बाधाओं को भी दूर कर सकती है। कवि ने समुद्र तथा पर्वत के उदाहरण द्वारा समझाने का प्रयत्न किया है कि मिलकर कार्य

करने वालों के लिए समुद्र भी रास्ता छोड़ देता है तथा पर्वत भी शीश झुका देता है अर्थात् उन्हें कोई भी बाधा आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती है। कठिन से कठिन लक्ष्य भी सरलता से प्राप्त किया जा सकता है।

प्रश्न 3.  गीत में सीने और बाँहों को फ़ौलादी क्यों कहा गया है?

उत्तर गीत में मनुष्य के सीने और बाँहों को फौलादी इसलिए कहा गया है, क्योंकि मनुष्य में परिश्रम करने की असीम क्षमता होती है। सदा परिश्रम करके मनुष्य ने सफलता प्राप्त की है। परिश्रम करने के लिए मन में पक्के विश्वास की आवश्यकता होती है। दृढ़ निश्चय और परिश्रम से लक्ष्य की प्राप्ति संभव है।

गीत से आगे (पृष्ठ संख्या 29)

प्रश्न 1. अपने आसपास तुम किसे ‘साथी’ मानते हो और क्यों? इससे मिलते-जुलते कुछ और शब्द खोजकर लिखिए।

उत्तर मैं अपने आस-पास परिवार के लोगों, मित्रों, प्रकृति, पशु-पक्षियों सभी को अपना साथी मानता / मानती हूँ। ये सभी लोग सदैव किसी-न-किसी रूप में मेरे कार्यों में सहयोग देते हैं। मिलते-जुलते शब्द मित्र, गीत, सहचर, संगी, दोस्त, सहयोगी, हितैषी, शुभचिंतक, सहपाठी आदि ।

प्रश्न 2. ‘अपना दुःख भी एक है साथी अपना सुख भी एक ‘ कक्षा, मोहल्ले और गाँव / शहर के किस-किस तरह के साथियों के बीच तुम्हें इस वाक्य की सच्चाई महसूस होती है और कैसे?

उत्तर हमारी कक्षा व मोहल्ले में साथियों के साथ खेल में हार-जीत होने पर एक-सी ही भावना होती है। खेल या प्रतियोगिता में सफल होने पर सबको खुशी होती है और असफल होने पर सबको दुःख होता है। गाँव और शहर में बिजली की कटौती होने पर, जल की समस्या, बाढ़ व भूकंप आने पर सभी को एक समान कष्ट होता है।

प्रश्न 3. इस गीत को तुम किस माहौल में गुनगुना सकते हो ?

उत्तर इस गीत को हम विभिन्न माहौल में गुनगुना सकते हैं; जैसे- अंत्याक्षरी खेलते समय, विद्यालय व मोहल्ले में मनाए जाने वाले उत्सव व राष्ट्रीय पर्वों आदि पर ।

प्रश्न 4. ‘एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना’

  1. तुम अपने घर में इस बात का ध्यान कैसे रख सकते हो?
  2. पापा के काम और माँ के काम क्या-क्या हैं?
  3. क्या वे एक-दूसरे का हाथ बँटाते हैं?

उत्तर

  1. घर में अपनी माँ के कामों में हाथ बँटाकर इस बात का ध्यान रख सकते हैं।
  2. पापा का काम ऑफिस जाना या व्यवसाय सँभालना, बाज़ार से सामान लाना है और माँ का काम खाना पकाना, घर की व्यवस्था करना, मेरी और भाई बहन की पढ़ाई में सहायता करना है।
  3. हाँ, वे कभी-कभी एक-दूसरे का हाथ बँटाते हैं।

प्रश्न 5. यदि तुमने ‘नया दौर’ फ़िल्म देखी है, तो बताओ कि यह गीत फ़िल्म में कहानी के किस मोड़ पर आता है। यदि तुमने फिल्म नहीं देखी है तो फ़िल्म देखो और बताओ ।

उत्तर ‘नया दौर’ फिल्म में अभिनेता कच्ची सड़क को पक्का करने के लिए अपने साथियों के साथ काम करते हुए यह गीत गाता है। इस गीत से उनमें स्फूर्ति और जोश की भावना आती है।

कहावतों की दुनिया (पृष्ठ संख्या 30)

प्रश्न 1. अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता । एक और एक मिलकर ग्यारह होते हैं।

(क) ऊपर लिखी कहावतों का अर्थ गीत की किन पंक्तियों से मिलता-जुलता है?
(ख) इन दोनों कहावतों का अर्थ कहावत – कोश में देखकर समझो और उनका वाक्यों में प्रयोग करो।

उत्तर

(क) ऊपर लिखी कहावतों का अर्थ गीत की निम्नलिखित पंक्तियों से मिलता-जुलता है

  1. साथी हाथ बढ़ाना – एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना
  2. एक से एक मिले तो कतरा बन जाता है दरिया
    एक-से-एक मिले तो ज़र्रा, बन जाता है सेहरा
    एक-से-एक मिले तो राई, बन सकती है परबत
    एक-से-एक मिले तो इंसाँ बस में कर ले किस्मत

(ख)

  1. अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता काम नहीं कर सकता। – अकेला आदमी बड़ा
    • आपसी बैर- र-भाव के कारण अनेक राजा अंग्रेजों से हार रहे थे, क्योंकि अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता है।
  2. एक और एक मिलकर ग्यारह होते हैं। संगठन में शक्ति होती है। मैंने अपने मित्रों के साथ मिलकर आतंकवादियों को पकड़वा दिया, क्योंकि एक और एक मिलकर ग्यारह होते हैं।

प्रश्न 2. नीचे हाथ से संबंधित कुछ मुहावरे दिए गए हैं। इनके अर्थ समझो और प्रत्येक मुहावरे से वाक्य बनाओ

(क) हाथ को हाथ न सूझना
(ख) हाथ साफ करना
(ग) हाथ-पैर फूलना
(घ) हाथों-हाथ लेना
(ङ) हाथ लगना

उत्तर

(क) हाथ को हाथ न सूझना कुछ भी दिखाई न देना

  • घनघोर अंधकार होने के कारण हाथ को हाथ नहीं सूझ रहा था।

(ख) हाथ साफ करना गायब कर देना

  • नौकर ने तिजोरी तोड़कर गहनों पर हाथ साफ कर दिया।

(ग) हाथ-पैर फूलना घबरा जाना

  • कठिन प्रश्न-पत्र देखकर छात्रों के हाथ-पैर फूल गए।

(घ) हाथों-हाथ लेना सम्मान देना

  • विदेशों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को हाथों-हाथ ले रहे हैं।

(ङ) हाथ लगना कुछ मिल जाना

  • लाटरी खुलने पर रोहन को ₹20 लाख हाथ लगे।

भाषा की बात (पृष्ठ संख्या 30 व 31)

प्रश्न 1. हाथ और हस्त एक ही शब्द के दो रूप हैं। नीचे दिए शब्दों में हस्त और हाथ छिपे हैं। शब्दों को पढ़कर बताओ कि हाथों का इनमें क्या काम है?

  • हाथघड़ी
  • निहत्था
  • हथकंडा
  • हस्तशिल्प
  • हस्ताक्षर
  • हस्तक्षेप
  • हथकरघा

उत्तर

  • हाथघड़ी इस घड़ी को हाथ में पहना जाता है।
  • हथौड़ा यह एक ऐसा औजार है, जिसे हाथ में पकड़कर चलाया जाता है।
  • हस्तशिल्प हाथ से करने वाली कारीगरी / शिल्पकारी ।
  • हस्तक्षेप दखल देना

नोट हस्तक्षेप में हाथ का कोई काम नहीं होता ।

  • निहत्था जिसके हाथ में कोई हथियार न हो ।
  • हथकंडा बुरा कार्य करने के लिए अपनाया जाने वाला कोई अनुचित तरीका
  • हस्ताक्षर हाथ से अपने नाम का दस्तखत करना ।
  • हथकरघा हाथ से कपड़ा बुनने का कार्य करने वाला यंत्र ।

प्रश्न 2. इस गीत में परबत, सीस, रस्ता, इंसाँ जैसे शब्दों के प्रयोग हुए हैं। इन शब्दों के प्रचलित रूप लिखो

उत्तर

  • परबत – पर्वत
  • रस्ता – रास्ता
  • सीस – सिर
  • इंसाँ – इंसान

प्रश्न 3. ‘कल गैरों की खातिर की, आज अपनी खातिर करना- इस वाक्य को गीतकार इस प्रकार कहना चाहता है- (तुमने) कल गैरों की खातिर (मेहनत की, आज (तुम) अपनी खातिर करना ।

इस वाक्य में ‘तुम’ कर्ता है, जो गीत की पंक्ति में छंद बनाए रखने के लिए हटा दिया गया है। उपर्युक्त पंक्ति में रेखांकित शब्द ‘अपनी‘ का प्रयोग कर्ता ‘तुम’ के लिए हो रहा है, इसलिए यह सर्वनाम है। ऐसे सर्वनाम जो अपने आपके बारे में बताएँ निजवाचक सर्वनाम कहलाते हैं (निज का अर्थ ‘अपना’ होता है)। निजवाचक सर्वनाम के तीन प्रकार होते हैं, जो नीचे दिए वाक्यों में रेखांकित हैं

  • मैं अपने आप या आप घर चली जाऊँगी।
  • बब्बन अपना काम खुद करता है।
  • सुधा ने अपने लिए कुछ नहीं खरीदा।

अब तुम भी निजवाचक सर्वनाम के निम्नलिखित रूपों का वाक्यों में प्रयोग करो

  • अपने को
  • अपने पर
  • अपने से
  • अपने लिए
  • अपना
  • आपस में

उत्तर

  • अपने को – रूपा अपने को सबसे सुंदर समझती है।
  • अपने से – अपने से बड़ों का सदैव आदर करो।
  • अपना – हमें अपना कार्य स्वयं करना चाहिए।
  • अपने पर – सदैव अपने पर भरोसा रखना चाहिए।
  • अपने लिए – मैंने अपने लिए दो स्वैटर खरीदे थे।
  • आपस में – कक्षा में हम सब विद्यार्थी आपस में मिल-जुलकर रहते हैं।

कुछ करने को (पृष्ठ संख्या 31)

बातचीत करते समय हमारी बातें हाथ की हरकत से प्रभावशाली होकर दूसरे तक पहुँचती हैं। हाथ की हरकत से या हाथ के इशारे

से भी कुछ कहा जा सकता है।

नीचे लिखे हाथ के इशारे किन अवसरों पर प्रयोग होते हैं? लिखो ।

  • ‘क्यों पूछते हाथ
  • बुलाते हाथ
  • जोश दिखाते हाथ
  • मना करते हाथ
  • आरोप लगाते हाथ
  • समझाते हाथ
  • चेतावनी देते हाथ

उत्तर

  • ‘क्यों पूछते हाथ जब कुछ जानना होता है, जब कुछ पूछना होता है।
  • मना करते हाथ हाथ के इशारे से किसी बात के लिए मना करना होता है।
  • समझाते हाथ हाथ के इशारे से किसी बात को समझाना ।
  • बुलाते हाथ किसी को बुलाने के लिए इशारा करते समय ।
  • आरोप लगाते हाथ किसी पर दोष लगाते हुए हाथ की अँगुली का इशारा |
  • चेतावनी देते हाथ अँगुली या हाथ के इशारे से संकेत करते हैं।
  • जोश दिखाते हाथ दोनों हाथ उठाकर जोश या उत्साह दिखाते हैं

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 5 साथी हाथ बढ़ाना बहुविकल्पीय प्रश्न

अभ्यास प्रश्न (बहुविकल्पीय व वर्णनात्मक प्रश्नों सहित)

1. ‘साथी हाथ बढ़ाना’ के रचनाकार निम्नलिखित में से हैं

(क) सुमित्रानंदन पंत
(ख) दिलीप एम. साल्वी
(ग) विष्णु प्रभाकर
(घ) साहिर लुधियानवी

उत्तर (घ) साहिर लुधियानवी

2. राई का पर्वत कैसे बनता है?

(क) व्यापारियों द्वारा खरीदे जाने पर
(ख) एक से एक मिलते चले जाने पर
(ग) वर्षा होने पर
(घ) खेत में पैदा होने पर

उत्तर (ख) एक से एक मिलते चले जाने पर

3. किसके सहारे मनुष्य अपना भाग्य बना सकता है?

(क) मेहनत के
(ख) किस्मत के
(ग) खेल के
(घ) धन के

उत्तर (क) मेहनत के

4. गीतकार कहाँ राहें पैदा करने की बात कह रहा है?

(क) वन में
(ख) समुद्र में
(ग) चट्टानों में
(घ) हवा में

उत्तर (ग) चट्टानों में

5. यह गीत किसे संबोधित करता है?

(क) देशवासियों को
(ख) विदेशियों को
(ग) रिश्तेदारों को
(घ) परिवार को

उत्तर (क) देशवासियों को

6. ‘साथी हाथ बढ़ाना’ यह वाक्य किस ओर संकेत करता है?

(क) एकसाथ रहना
ख) मिलकर कार्य करना
(ग) मिल-जुलकर टहलना
(घ) एकसाथ घूमना

उत्तर (ख) मिलकर कार्य करना

7. चट्टानों से रास्ता कौन निकाल सकता है?

(क) जानवर
(ख) खच्चर
(ग) पक्षी
(घ) इंसान

उत्तर (घ) इंसान

8. अपनी सुख-सुविधाओं की परवाह किए बगैर हमने किसके लिए कार्य पूरे किए हैं?

(क) अपनों के लिए
(ख) देश के लिए
(ग) गैरों के लिए उत्तर
(घ) दुश्मनों के लिए

उत्तर (ग) गैरों के लिए

9. हमारा लक्ष्य क्या है?

(क) सत्य की प्राप्ति
(ख) उन्नति
(ग) पथराही
(घ) देशों को प्यार करना

उत्तर (क) सत्य की प्राप्ति

10. इस गीत में श्रमिकों को क्या कहा गया है?

(क) बीमार व्यक्ति
(ख) स्त्रियाँ
(ग) युवक
(घ) साथी

उत्तर (घ) साथी

11. एकता और संगठन में क्या निहित होता है?

(क) शक्ति
(ख) खून
(ग) पसीना
(घ) हवा

उत्तर (क) शक्ति

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 5 साथी हाथ बढ़ाना काव्यांश पर आधारित प्रश्न

निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर उन पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

काव्यांश 1

साथी हाथ बढ़ाना
एक अकेला थक जाएगा, मिल-जुलकर बोझ उठाना।
साथी हाथ बढ़ाना।
हम मेहनत वालों ने जब भी मिलकर कदम बढ़ाया।
सागर ने रस्ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया ।
फौलादी हैं सीने अपने फौलादी हैं बाँहें।
हम चाहें तो चट्टानों में पैदा कर दें राहें

1. कवि ने साथी शब्द का प्रयोग किनके लिए किया है?

(क) भारतवासियों के लिए
(ख) विदेशियों के लिए
(ग) परिवार वालों के लिए
(घ) सहपाठियों के लिए

उत्तर (क) भारतवासियों के लिए

2. मनुष्य के अकेले बोझ उठाने से क्या होगा?

(क) बीमार हो जाएगा
(ख) थक जाएगा
(ग) सो जाएगा
(घ) रुक जाएगा

उत्तर (ख) थक जाएगा

3. ‘फौलादी’ शब्द का अर्थ है।

(क) मजबूरी
(ख) कमजोर भावनाएँ
(ग) मजदूरी
(घ) मजबूत इरादे

उत्तर (घ) मजबूत इरादे

4. ‘एक अकेला थक जाएगा, मिल-जुलकर बोझ उठाना’ का क्या तात्पर्य है?

उत्तर प्रस्तुत पंक्ति का तात्पर्य है कि मिलकर कार्य करने से कठिन से कठिन कार्य भी सरल लगने लगता है। कठिन कार्य को मिलकर सरलता से किया जा सकता है।

5. सागर अपना रास्ता कब छोड़ देता है और पर्वत कब सीस झुकाता है?

उत्तर जब लोग संगठित होकर मिल-जुलकर कार्य करते हैं, कदम बढ़ते हैं तो मार्ग में आने वाली बाधाएँ भी हट जाती हैं अर्थात् बाधाएँ समाप्त हो जाती हैं। कवि ने सागर और पर्वत का उदाहरण देकर अपनी इसी बात को समझाने का प्रयास किया है।

6. सीने और बाँहें फौलादी होने से क्या संभव है?

उत्तर कवि ने कहा है कि हम भारतवासी दृढनिश्चयी हैं तथा हमारे इरादे पक्के हैं, जो परिश्रम व कर्मवीर होते हैं उनकी भुजाएँ फौदाल अर्थात् लोहे की तरह मजबूत होती हैं जो मेहनत करने से नहीं घबराते उनके लिए लक्ष्य की प्राप्ति संभव है।

काव्यांश 2

साथी हाथ बढ़ाना।
मेहनत अपने लेख की रेखा, मेहनत से क्या डरना
कल गैरों की खातिर की आज अपनी खातिर करना,
अपना दुःख भी एक है साथी अपना सुख भी एक
अपनी मंजिल सच की मंजिल, अपना रस्ता नेक
साथी हाथ बढ़ाना।

1. मेहनत करने वालों ने अभी तक किसकी खातिर काम किया है?

(क) अपनों के
(ख) घर के
(ग) सबके
(घ) गैरों के

उत्तर (घ) गैरों के

2. कवि ने किससे न डरने के लिए कहा है?

(क) लोगों से
(ख) मेहनत से से
(ग) सुख से
(घ) दुःख

उत्तर (घ) दुःख से

3. एक साथ काम करने वालों का सुख-दुःख कैसा होता है?

(क) अलग-अलग
(ख) मिला हुआ
(ग) एक समान
(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर (ग) एक समान

4. ‘मेहनत अपने लेख की रेखा’ से कवि का क्या तात्पर्य है?

उत्तर ‘मेहनत अपने लेख की रेखा’ से कवि का तात्पर्य है कि मेहनत करना हमारे भाग्य में ही लिखा है। अतः हमें मेहनत करने से नहीं डरना चाहिए।

5. कवि ‘अपना दुःख भी एक है साथी पंक्ति द्वारा देशवासियों की किस भावना को उजागर करना चाहता है?

उत्तर प्रस्तुत पंक्ति के माध्यम से कवि कहना चाहता है कि हम सभी देशवासियों के सुख-दुःख एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। एक साथ कार्य करने वाले, एक साथ रहने वाले लोगों को एक ही प्रकार के कष्टों का सामना करना पड़ता है अर्थात् किसी भी कठिनाई का सुख व दुःख सभी देशवासियों को समान होता है। कवि ने यहाँ देशवासियों की समान भावनाओं को उजागर करना चाहा है।

6. कवि के अनुसार, मंजिल कैसी है?

उत्तर कवि ने सत्य की प्राप्ति को मंजिल बताया है, उस पर चलने वाले लोगों का रास्ता भला है अर्थात् उसे पाने हेतु हमारी भावनाएँ नेक व परोपकारी हैं। भलाई के रास्ते पर चलकर सत्य की मंजिल तक पहुँचा जा सकता है।

काव्यांश 3

एक से एक मिले तो कतरा, बन जाता है दरिया
एक से एक मिले तो जर्रा, बन जाता है सेहरा
एक से एक मिले तो राई, बन सकती है परबत
एक से एक मिले तो इंसाँ बस में कर ले किस्मत साथी हाथ बढ़ाना

1. निम्नलिखित में से ‘इंसा’ का प्रचलित रूप कौन-सा है?

(क) इसा
(ख) लोग
(ग) इंसान
(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर (ग) इंसान

2. राई के एकत्र होने से क्या होगा?

(क) पर्वत बन जाएगा
(ख) दरिया बन जाएगा
(ग) आकाश बन जाएगा
(घ) कुछ न होगा

उत्तर (क) पर्वत बन जाएगा

3. मिलकर कार्य करने से मनुष्य किसे वश में कर सकता है?

(क) देश को
(ख) परिवार को
(ग) मित्रों को
(घ) किस्मत को

उत्तर (घ) किस्मत को

4. कवि ने ‘एक से एक मिले’ शब्दों को चारों पंक्तियों में बार-बार क्यों प्रयोग किया?

उत्तर कवि ने एक-से-एक मिले शब्दों को बार-बार अनेक उदाहरणों को देने के लिए प्रयोग किया है। इन उदाहरणों द्वारा कवि संगठन की शक्ति को बता रहे हैं।

5. ‘एक से एक मिले तो जर्रा, बन जाता है सेहरा’ का क्या तात्पर्य है?

उत्तर व्यक्ति यदि मिल-जुलकर सहयोग के साथ कार्य करे, तो उसकी शक्ति संगठित हो जाती है और इससे देश का विकास होगा।

6. क्या इंसान किस्मत को वश में कर सकता है?

उत्तर हाँ, इंसान किस्मत को वश में कर सकता है। इंसान अपनी मेहनत से ही अपनी किस्मत को बनाता है। दृढ़ निश्चय और मेहनत से इंसान कार्य करे, तो किस्मत स्वयं ही बन जाती है।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 5 साथी हाथ बढ़ाना अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

1. कविता में मिलकर क्या उठाने की बात कही गई है?

उत्तर कविता में कवि ने मिल-जुलकर बोझ उठाने की बात कही है।

2. ‘मेहनत से क्या डरना’ का क्या आशय है?

उत्तर मजदूर अभी तक कठोर मेहनत करता रहा है, उसे मेहनत करने की आदत है, इसलिए उसे मेहनत से डर नहीं लगता है।

3. कवि ने ‘अपना’ शब्द किसके लिए प्रयोग किया है?

उत्तर कवि ने इस कविता में ‘अपना’ शब्द अपने जैसे मजदूरों के लिए प्रयोग किया है, जो मेहनत करके अपनी जीविका चलाते हैं।

4. अभी तक मजदूर किसके लिए काम करता था और क्यों?

उत्तर अभी तक मजदूर अपनी जीविका चलाने के लिए पूँजीपतियों के लिए काम करता था, क्योंकि इसी से मजदूर के परिवार का पालन-पोषण होता था।

5. कविता के अनुसार हमारा रास्ता कैसा है ?

उत्तर कविता के अनुसार, हमारा रास्ता भलाई का रास्ता है।

6. यदि जर्रा जर्रा मिल जाए तो क्या संभव है?

उत्तर यदि जर्रा जर्रा मिल जाए, तो रेगिस्तान का बनना संभव है।

7. ‘साथी हाथ बढ़ाना’ गीत हमें क्या शिक्षा देता है?

उत्तर साथी हाथ बढ़ाना गीत हमें यह शिक्षा देता है कि हमें आपस में मिलकर काम करना चाहिए, जिससे मुश्किल से मुश्किल काम भी आसानी से हो जाता है।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 5 साथी हाथ बढ़ाना लघु उत्तरीय प्रश्न

1. साथी हाथ बढ़ाना का क्या तात्पर्य है? यहाँ कवि ने साथी किसे कहा है?

उत्तर इस कविता में कवि ने ‘साथी’ शब्द का प्रयोग अपने ही जैसे और लोगों के लिए किया है, जो मेहनत करते हैं। वे सभी मेहनत और मिल-जुलकर काम करें, तो काम सरल हो जाएगा। अकेले काम करने से जो थकान होती थी वह कम होगी। अतः मेहनत कर लोगों को काम में दूसरों का हाथ बँटाना चाहिए।

2. मेहनत करने वालों के मिलकर कदम उठाने से क्या होगा?

उत्तर मेहनत करने वाले लोग जब भी मिलकर कदम उठाते हैं तो उनकी शक्ति बहुत बढ़ जाती है। उनके लक्ष्य में किसी भी प्रकार की बाधाएँ टिक नहीं पाती हैं। मेहनत करने वाले मिलकर बाधाओं का सामना करते हैं और उन बाधाओं को दूर कर लेते हैं। वे बाधाएँ पार करते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेते हैं।

3. इस गीत में सीने और बाहों को फौलादी क्यों कहा गया है?

उत्तर कवि ने ‘फौलादी’ शब्द का प्रयोग मजबूत तथा दृढ़ निश्चय के अर्थ में किया है। कवि के अनुसार मेहनत करने वाले लोग काम करने से नहीं डरते उनके इरादे भी पक्के और मजबूत होते हैं। ये लोग दृढ़ निश्चय के साथ परिश्रम करते हुए कठिन कार्य को बहुत ही आसानी से कर लेते हैं और अपने मजबूत इरादों के साथ लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते हैं।

4. सुख-दुःख के साथी कौन हैं? कविता के अनुसार बताइए ।

उत्तर इस कविता में कवि ने मेहनत करने वालों को साथी कहा है। इन मेहनत करने वाले मजदूरों के सुख-दुःख समान होते हैं। सभी लोग एक-दूसरे के सुख और दुःख में एक-दूसरे का साथ देते हैं। दुःख में एक-दूसरे का सहारा बनते हैं और सुख में सभी खुशी मनाते हैं।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 5 साथी हाथ बढ़ाना दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. साथी हाथ बढ़ाना में कवि ने कहा है ‘मेहनत से क्या डरना’ इस विषय में अपने विचार लिखिए।

उत्तर मेरे अनुसार, मेहनत हर मनुष्य को करनी चाहिए। ईश्वर ने हमें दो हाथ काम करने के लिए दिए हैं। इन दोनों हाथों को मैं ईश्वर का वरदान मानता हूँ। मेरे विचार से मैं जितनी मेहनत करूँगा, उतनी ही सफलता पाऊँगा। इसीलिए मैं अपनी पढ़ाई और खेल दोनों में मेहनत करता हूँ।

पढ़ाई में मेहनत और अभ्यास करने से मुझे अच्छे अंक मिलेंगे। मैं फुटबॉल का खिलाड़ी हूँ और खेल में भी बहुत मेहनत कर रहा हूँ। मुझे पूरी आशा है कि मैं इस वर्ष फुटबॉल टीम का कप्तान चुन लिया जाऊँगा । मेरा मानना है कि मेहनत से नहीं डरना चाहिए। जीवन में लक्ष्य तक मेहनत करने से ही पहुँचा जा सकता है।

2. क्या आप सभी मिलकर काम करते हैं? मिलकर काम करने से क्या होता है? उदाहरण सहित उत्तर दीजिए ।

उत्तर मिलकर सहयोग के साथ काम करने से कठिन से कठिन कार्य भी सरलता से हो जाते हैं। मैं अकसर मिल-जुलकर मित्रों के सहयोग के साथ काम करता हूँ।

मैंने अपने चार मित्रों के साथ परियोजना कार्य किया। मेरे चारों मित्रों ने उसमें सहयोग दिया। अध्यापिका ने इस परियोजना कार्य की बहुत प्रशंसा की। यदि मैं यह परियोजना कार्य अकेले करता, तो कार्य इतना अच्छा न होता, जितना मित्रों के सहयोग से हो सका।

3. ‘एक से एक मिले’ कहकर कवि ने किसे महत्त्व दिया है?

उत्तर ‘एक से एक मिले’ कहकर कवि संगठन तथा सहयोग को महत्त्व दे रहे हैं। यदि भारतवासी मिल-जुलकर काम करें तो असंभव काम भी सरलता से कर सकते हैं।

कवि ने बूँद और धूल के कण का उदाहरण देते हुए बताया है कि एक-एक बूँद मिलकर नदी बन जाती है। इस प्रकार, धूल का एक- एक कण मिलकर पूरा रेगिस्तान का रूप ले लेता है। इसी प्रकार मनुष्य को भी संगठित होकर काम करना चाहिए।

 

 

Leave a Comment