NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 7 टिकट-अलबम Question And Answers
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 7 टिकट-अलबम पाठ का सार
राजप्पा और नागराजन का अलबम
राजप्पा और नागराजन दोनों सहपाठी थे। राजप्पा के पास टिकटों का सुंदर अलबम था, जिसके कारण सभी छात्र उसकी प्रशंसा करते थे। नागराजन के मामाजी ने सिंगापुर से नागराजन के लिए अलबम भेजा था। वह अलबम बहुत सुंदर था। नागराजन कक्षा के सहपाठियों को अपना अलबम दिखाता रहता था।
विद्यालय में पहली घंटी के बाद से लड़के-लड़कियाँ उसे घेरकर अलबम देखने लगते थे। आधी छुट्टी में भी बच्चे नागराजन का अलबम देखते रहते थे। अलबम को देखने के लिए कई टोलियाँ बनाकर बच्चे नागराजन के घर भी जाते थे। नागराजन किसी भी लड़के या लड़की को अलबम छूने नहीं देता था। वह स्वयं ही अलबम को गोद में रखकर एक-एक पन्ना पलटता था और सभी दूर से अलबम देखते थे।
नागराजन तथा राजप्पा के अलबम की तुलना
राजप्पा ने मधुमक्खियों की तरह मेहनत करके एक-एक टिकट इकट्ठी की थी। राजप्पा सुबह आठ बजे ही टिकट जमा करने वाले लड़कों के घर निकल जाता था और अपने फालतू टिकट देकर उन लड़कों से अपनी पसंद का टिकट ले लेता था। राजप्पा का अलबम स्कूल में सबसे बड़ा था। सरपंच का लड़का पच्चीस रुपये में अलबम खरीदना चाहता था, परंतु राजप्पा ने देने से मना कर दिया।
नागराजन का अलबम आ जाने के कारण कक्षा में कोई भी राजप्पा का अलबम नहीं देखता था। कक्षा के लड़के-लड़कियाँ जब नागराजन का अलबम देखते तो राजप्पा नीची निगाहें करके उस अलबम को देख लेता था। नागराजन का अलबम वास्तव में बहुत अच्छा था। नागराजन के अलबम के पहले पृष्ठ पर उसका नाम और यह लिखा हुआ था कि इस अलबम को चुराने वाला बेशर्म है। राजप्पा ने अपना अलबम नागराजन से बड़ा बताया।
उसने अपने अलबम में अधिक टिकट होने की
बात भी कही, लेकिन कृष्णन ने उस अलबम को कूड़ा कह दिया। इतनी मेहनत और लगन से इकट्ठे किए गए टिकटों वाले अलबम के बारे में ‘कूड़ा’ शब्द सुनकर राजप्पा को बुरा लगा।
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राजप्पा की मनोदशा
इस घटना के बाद से राजप्पा को स्कूल जाना अच्छा नहीं लगता था। वह मन ही मन कुढ़ता रहता था। पहले राजप्पा शनिवार और रविवार को टिकट की खोज में लगा रहता था पर अब घर में रहने लगा। वह दिन में कई बार अपना अलबम उलटता पलटता रहता था। अकसर कुछ सोचकर उठ जाता और ट्रंक खोलकर अलबम निकालकर पूरा देख लेता।
राजप्पा का नागराजन के घर जाना
एक दिन शाम को राजप्पा ने नागराजन के घर जाने की योजना बनाई। किसी ने राजप्पा को जाने से नहीं रोका, क्योंकि राजप्पा नागराजन के घर अकसर आया-जाया करता था। राजप्पा सीधा नागराजन की मेज के पास पड़ी कुर्सी पर बैठ गया। कुछ देर बाद वहाँ नागराजन की बहन कामाक्षी आई और बताया कि नागराजन शहर गया है। कामाक्षी ने राजप्पा से नागराजन के अलबम के बारे में कहा कि सुना है किसी के पास भी इतना सुंदर और बड़ा अलबम नहीं है। यह सुनकर राजप्पा बहुत चिढ़ गया।
राजप्पा द्वारा नागराजन की अलबम को चोरी करना
कामाक्षी के नीचे जाने के बाद राजप्पा मेज पर बिखरी पुस्तकों को टटोलने लगा, तो उसका हाथ दराज में लगे ताले पर लग गया। उसने ताला खोलने के लिए मेज से चाबी ढूंढी और सीढ़ी से नीचे झाँककर देखा। राजप्पा ने दराज खोलकर देखा, तो अलबम ऊपर ही रखा था। उसने अलबम खोलकर पहला पृष्ठ पढ़ा और अलबम को कमीज के नीचे छिपा लिया।
राजप्पा जल्दी से दराज बंद करके सीढ़ियों से उतरकर घर चला गया। अलबम उठाते समय राजप्पा का दिल तेजी से धड़क रहा था। राजप्पा ने घर आकर नागराजन के अलबम को अलमारी के पीछे छिपा दिया।
रात आठ बजे अप्पू ने राजप्पा के घर आकर नागराजन के अलबम खोने की बात बताई, तो राजप्पा कुछ नहीं बोला और चुप रहा।
अप्पू के जाने के बाद राजप्पा ने दरवाजा बंद करके अलमारी के पीछे से उस अलबम को निकालकर देखा और फिर छिपा दिया। अप्पू को रात भर नींद नहीं आई।
अप्पू सुबह फिर आया और राजप्पा से पूछा ‘कल तुम नागराजन के घर गए थे, कामाक्षी ने बताया था कि केवल तुम ही वहाँ आए थे। यह सुनकर राजप्पा परेशान हो गया, उसे लगा सब उस पर शक करने लगे हैं। अप्पू ने राजप्पा को यह भी बताया कि नागराजन के पापा डीएसपी के दफ्तर में काम करते हैं। वह शायद पुलिस को खबर दें। यह सुनकर राजप्पा बहुत डर गया ।
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 7 टिकट-अलबम राजप्पा द्वारा अलबम को अँगीठी में जलाना
कुछ देर बाद दरवाजे की साँकल (कुंडी) खटकने पर राजप्पा को लगा कि पुलिस आ गई है। राजप्पा ने पुलिस से बचने के लिए अलबम उठाकर ऊपर भागा और बाथरूम में घुसकर दरवाजा बंद कर दिया। उसने उस अलबम को जलती हुई अँगीठी में डाल दिया। अलबम को जलता हुआ देखकर राजप्पा की आँखों में आँसू आ गए।
अम्मा के बुलाने पर राजप्पा बाथरूम से तौलिया लपेटकर बाहर आया । राजप्पा ने देखा कि नागराजन का चेहरा उतरा हुआ था। राजप्पा को देखते ही नागराजन ने बताया कि उसका अलबम खो गया। यह कहकर नागराजन की आँखों में आँसू आ गए और वह रोने लगा। यह देखकर राजप्पा ऊपर गया और अपना अलबम लेकर आया । राजप्पा ने अपना अलबम नागराजन को देकर कहा – अब इसे तुम रख लो। नागराजन को विश्वास नहीं हुआ, नागराजन को लगा कि राजप्पा. ने उसका मन बहलाने के लिए अपना अलबम उसे दिया है।
राजप्पा ने कहा- मैं अपना यह अलबम वास्तव में तुम्हें दे रहा हूँ, तुम इसे रख लो। नागराजन ने राजप्पा से अलबम लेने के लिए मना किया, क्योंकि राजप्पा ने बहुत मेहनत से अपना अलबम बनाया था। राजप्पा ने उसकी बात नहीं मानी, उसने नागराजन से कहा- तुम इसे लो और यहाँ से चले जाओ।
राजप्पा को पछतावा
नागराजन कुछ समझ नहीं पाया और अलबम लेकर राजप्पा के घर से नीचे आने लगा। राजप्पा भी उसके साथ नीचे दरवाजे तक आया । राजप्पा ने नागराजन से कहा- वह अलबम मुझे दे दो। रातभर जी भर देखकर सुबह तुम्हें दे जाऊँगा। नागराजन ने राजप्पा का अलबम लौटा दिया। अलबम लेकर राजप्पा ऊपर आया। दरवाजा बंद किया और अलबम को छाती से लगाकर फूट-फूटकर रो पड़ा।
शब्दार्थ
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 7 टिकट-अलबम पाठ्यपुस्तक वसंत भाग-1 के प्रश्नोत्तर
कहानी से (पृष्ठ संख्या 51 व 52)
प्रश्न 1. नागराजन ने अलबम के मुख्य पृष्ठ पर क्या लिखा और क्यों? इसका असर कक्षा के दूसरे लड़के-लड़कियों पर क्या हुआ?
उत्तर नागराजन ने अलबम के मुख्य पृष्ठ पर अपना नाम लिखा था— ए एम नागराजन तथा उसके नीचे लिखा था इस अलबम को चुराने वाला बेशर्म है “ऊपर लिखे नाम को कभी देखा है, यह अलबम मेरा है। जब तक घास हरी है और कमल लाल, सूरज जब तक पूर्व से उगे और पश्चिम में छिपे, उस अनंत काल तक के लिए यह अलबम मेरा ही रहेगा।”
इन पंक्तियों को लिखने का उद्देश्य था कि कोई भी उस सुंदर अलबम को न चुराए। इन पंक्तियों का असर यह हुआ कि दूसरे लड़के-लड़कियों ने बिना सोचे-समझे इन पंक्तियों को अपनी कॉपी-किताबों और अलबम में उतार लिया।
प्रश्न 2. नागराजन के अलबम के हिट हो जाने के बाद राजप्पा के मन की क्या दशा हुई?
उत्तर राजप्पा का अलबम पहले सब लड़के-लड़कियाँ देखते थे। जब से नागराजन का अलबम आया, तब से लड़के-लड़कियों में उस नए अलबम की धूम मच गई थी। नागराजन का अलबम हिट हो जाने के बाद राजप्पा मन-ही-मन कुढ़ने लगा था। उसकी टिकट इकट्ठा करने की इच्छा समाप्त हो गई थी। स्कूल जाने का मन नहीं होता था। दिन में कई बार अपना अलबम पलटकर देखता रहता था। उसे अपने अलबम से चिढ़ हो गई थी। मेहनत से बनाया अपना अलबम राजप्पा को कूड़ा लगने लगा था।
प्रश्न 3. अलबम चुराते समय राजप्पा किस मानसिक स्थिति से गुजर रहा था?
उत्तर राजप्पा नागराजन के घर गया और मेज की दराज से अलबम को निकाल लिया। अलबम चुराते समय राजप्पा का दिल तेजी से धड़कने लगा। अलबम के पहले पृष्ठ को खोलकर राजप्पा ने उन वाक्यों को दोबारा पढ़ा। राजप्पा जानता था कि वह गलत काम कर रहा है। घर आकर राजप्पा ने अलबम को पुस्तकों की अलमारी के पीछे छिपा दिया। तब उसका गला सूख रहा था, पूरा शरीर जल-सा रहा था। चेहरा तमतमाने लगा था। रात में राजप्पा से खाना भी नहीं खाया गया। सोने की कोशिश करने पर भी रात में नींद नहीं आ रही थी।
प्रश्न 4. राजप्पा ने नागराजन का टिकट अलबम अँगीठी में क्यों डाल दिया?
उत्तर राजप्पा नागराजन का अलबम चुराकर बहुत डर रहा था। अप्पू बताया था कि नागराजन के पिता डी एस पी ऑफिस में काम करते हैं। चोरी की सूचना मिलते ही पुलिस कभी भी आ सकती है। राजप्पा के दरवाजे की साँकल (कुंडी) जोर से खटकने पर उसे लगा पुलिस तलाशी लेने उसके घर आ गई है, इसलिए राजप्पा ने डर के कारण चोरी का सबूत मिटाने के लिए नागराजन की अलबम को जलती हुई अँगीठी में डाल दिया।
प्रश्न 5. लेखक ने राजप्पा के टिकट इकट्ठा करने की तुलना मधुमक्खी से क्यों की?
उत्तर जिस तरह मधुमक्खी धीरे-धीरे फूलों पर घूम-घूमकर पराग इकट्ठा करती है, उसी तरह राजप्पा ने भी घर-घर जाकर टिकट इकट्ठे किए थे। राजप्पा को टिकट इकट्ठा करने की धुन थी। वह अपने घर से बिना खाना खाए सवेरे आठ बजे ही निकल पड़ता। टिकट जमा करने वाले मित्रों के घर जाता और उनसे टिकट बदलता था। जैसे दो ऑस्ट्रेलिया के टिकटों के बदले एक फिनलैंड का टिकट ले लेता था। स्कूल से आने के बाद भी घर आते ही चार मील दूर अपने मित्र के घर टिकट लेने के लिए जाता था। मधुमक्खी की ही तरह बहुत परिश्रम करके राजप्पा ने अपना अलबम बनाया था।
कहानी से आगे (पृष्ठ संख्या 52)
प्रश्न 1. टिकटों की तरह ही बच्चे और बड़े दूसरी चीजें भी जमा करते हैं। सिक्के उनमें से एक हैं। तुम कुछ अन्य चीजों के बारे में सोचो जिन्हें जमा किया जा सकता है। उनके नाम लिखो।
उत्तर टिकटों की तरह ही बच्चे और बड़े कई दूसरी चीजों को जमा कर सकते हैं; जैसे-घड़ियाँ, फूल, पंख, पत्थर, चित्र, खिलौने, पुस्तकें आदि ।
प्रश्न 2. टिकट – अलबम का शौक रखने के राजप्पा और नागराजन के तरीके में क्या फर्क है? तुम अपने शौक के लिए कौन-सा तरीका अपनाओगे?
उत्तर: राजप्पा ने अपना टिकट – अलबम का शौक रखने के लिए उसे बहुत परिश्रम से बनाया था। अलबम का शौक रखने वाले मित्रों के घर-घर जाकर राजप्पा ने टिकट इकट्ठे करके अपना अलबम बनाया था। एक बार तो कनाडा का टिकट लेने के लिए अपने मित्र के घर चार मील दूर जाना पड़ा था। दूसरी ओर नागराजन को टिकट अलबम उसके मामाजी ने सिंगापुर से भिजवा दिया था। नागराजन ने टिकट अलबम बनाने में कोई भी परिश्रम नहीं किया था ।
मैं अपने शौक के लिए राजप्पा का तरीका अपनाऊँगा । जिस प्रकार राजप्पा ने मधुमक्खी की तरह परिश्रम करके अपना टिकट – अलबम बनाया था, उसी प्रकार मैं भी राजप्पा के समान अपने शौक के लिए काम करूँगा।
प्रश्न 3. इकट्ठा किए हुए टिकटों का अलग-अलग तरह से वर्गीकरण किया जा सकता है; जैसे- देश के आधार पर ऐसे और आधार सोचकर लिखो ।
उत्तर इकट्ठा किए हुए टिकटों का निम्न तरह से वर्गीकरण कर सकते हैं
- रंग के आधार पर
- आकार के आधार पर
- काल (समय) के आधार पर
- मूल्य के आधार पर
प्रश्न 4. कई लोग चीजें इकट्ठी करते हैं और ‘गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड ‘रिकॉर्ड’ में अपना नाम दर्ज करवाते हैं। इसके पीछे उनकी क्या प्रेरणा होती होगी? सोचो और अपने दोस्तों से इस पर बातचीत करो।
उत्तर कई लोग प्रसिद्ध होना चाहते हैं। ऐसे लोग चाहते हैं कि वे ऐसा काम करें, जिससे नाम कमा सकें। नाम कमाने या यश पाने की चाह में वे लोग ऐसी चीजें इकट्ठी करते हैं, जिससे उनका गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज हो।
अनुमान और कल्पना (पृष्ठ संख्या 52)
प्रश्न 1. राजप्पा अलबम के जलाए जाने की बात नागराजन को क्यों नहीं कह पाता है? अगर वह कह देता है तो क्या कहानी के अंत पर कुछ फर्क पड़ता? कैसे?
उत्तर नागराजन और राजप्पा अच्छे मित्र थे, इसलिए राजप्पा अलबम जलाने की बात नहीं कह पाता । नागराजन का विश्वास समाप्त होने के भय से राजप्पा चुप रहा। उसे नागराजन के क्रोधित होने का भी भय था। घर में पिताजी और माँ भी इस बात पर क्रोधित हो सकते थे। कक्षा में सभी विद्यार्थियों के सामने उसे लज्जित होना पड़ता। सभी उसे भला-बुरा भी कहते। हाँ! तब कहानी का अंत सुखांत हो जाता और हो सकता था राजप्पा अपनी गलती की माफी भी माँग लेता।
प्रश्न 2. कक्षा के बाकी विद्यार्थी स्वयं अलबम क्यों नहीं बनाते थे? वेराजप्पा और नागराजन के अलबम के दर्शक मात्र क्यों रह जाते हैं? अपने शिक्षक को बताओ।
उत्तर कक्षा के बाकी विद्यार्थी स्वयं अलबम नहीं बनाते थे, क्योंकि उन्हें टिकट अलबम बनाने का शौक नहीं था। उन विद्यार्थियों के शौक अलग-अलग थे। उनकी रुचि खेल, चित्रकला, संगीत, नृत्य, वाद्य आदि में थी। टिकट अलबम बनाना बड़े परिश्रम का काम था। टिकट खरीदने में धन भी खर्च होता है। कक्षा में केवल राजप्पा को ही टिकट अलबम बनाने का शौक था, इसलिए उसने बहुत परिश्रम करके अपना अलबम बनाया था। नागराजन का अलबम सिंगापुर से आया था। अतः कक्षा के बाकी विद्यार्थी राजप्पा और नागराजन के अलबमों के दर्शक मात्र थे।
भाषा की बात (पृष्ठ संख्या 52)
प्रश्न 1. निम्नलिखित शब्दों को कहानी में ढूँढकर उनका अर्थ समझो। अब स्वयं सोचकर इनसे वाक्य बनाओ-
- खोंसना
- जमघट
- टटोलना
- कुढ़ना
- ठहाका
- अगुआ
- पुचकारना
- खलना
- हेकड़ी
- तारीफ
उत्तर
- खोंसना माँ ने जूड़े में बेले का फूल खोंस लिया।
- जमघट कार दुर्घटना होने के बाद से जमघट लगा है।
- टटोलना मोहन ने अपनी जेब टटोलकर दस रुपये निकाले ।
- कुढ़ना दूसरों की प्रशंसा सुनकर कुढ़ना नहीं चाहिए ।
- ठहाका मेरे मित्र की बात सुनकर विद्यार्थी ठहाका मारकर हँस पड़े।
- अगुआ रंजीता सदैव कक्षा की अगुआ बनी रहती है।
- पुचकारना चोट लगने पर रोते बच्चे को माँ ने पुचकारा। खलना असभ्य व्यवहार लोगों को खलता है।
- हेकड़ी हेकड़ी दिखाना बुरी आदत है।
- तारीफ़ अच्छा कार्य करने पर सदैव दूसरों की तारीफ करनी चाहिए।
प्रश्न 2. कहानी से व्यक्तियों या वस्तुओं के लिए प्रयुक्त हुए ‘नहीं’ का अर्थ देने वाले शब्दों (नकारात्मक विशेषण) को छाँटकर लिखो । उनका उलटा अर्थ देने वाले शब्द भी लिखो।
उत्तर
नकारात्मक विशेषण
घमंडी
ईर्ष्यालु
चिंतित
बंद
फालतू
कीमती
उतरा
फिसड्डी
बेशर्म
उलटा अर्थ देने वाले शब्द
स्वाभिमानी
प्रेमी
निश्चित
खुला
आवश्यक
सस्ता
चढ़ा
अगुआ
शर्मीला
कुछ करने को (पृष्ठ संख्या 53)
प्रश्न 1. मान लो कि स्कूल में तुम्हारी कोई प्रिय चीज खो गई है। तुम चाहते हो कि जिसे वह चीज़ मिले वह तुम्हें लौटा दे। इस संबंध में स्कूल के बोर्ड पर लगाने के लिए एक नोटिस तैयार करो, जिसमें निम्नलिखित बिंदु हों
(क) खोई हुई चीज
(ख) कहाँ खोई ?
(ग) मिल जाने पर कहाँ लौटाई जाए?
(घ) नोटिस लगाने वाले/वाली का नाम और कक्षा
उत्तर
सूचना
दिनांक 25 अप्रैल, 20XX
मेरी हिंदी की पुस्तक ‘वसंत भाग-1’ कल कंप्यूटर लैब में रह गई थी। यदि किसी को मिले तो मुझे लौटाने का कष्ट करें।
ध्रुव श्रीवास्तव
कक्षा 6ठी ‘ब’
सुनना-सुनाना (पृष्ठ संख्या 53)
प्रश्न 1. राजप्पा और नागराजन की तरह क्या तुम भी कोई शौक रखते हो? उससे जुड़े किस्से सुनाओ।
उत्तर जब मैं लगभग चार वर्ष का था तो मेरे चाचाजी ऑस्ट्रेलिया से कुछ दिनों के लिए घर आए थे। उन्होंने मुझे ऑस्ट्रेलिया के कुछ सिक्के दिए थे। धीरे-धीरे मुझे सिक्के एकत्र करने का शौक हो गया। मेरे या मेरे मित्र के घर कोई भी विदेश से आता तो मैं उनसे वहाँ के कुछ सिक्के ले लेता। मैंने ध्यान से देखा कि हर देश का सिक्का आकार-प्रकार में भिन्न होता है।
इन सिक्कों के नाम भी अलग-अलग होते हैं। मेरा शौक बढ़ता जा रहा था। कभी-कभी मैं प्रदर्शनी में जाकर भी कुछ पुराने सिक्के खरीदता था। जब मैं कक्षा पाँच में आया तो मेरे पास लगभग 150 देश-विदेश के सिक्के एकत्र हो चुके थे।
मैं उन्हें बहुत सँभालकर रखता था। आठवें जन्मदिन पर मेरे पिताजी ने मुझे सिक्के रखने के लिए सुंदर सा एक डिब्बा उपहार में दिया। मैंने अपने सारे सिक्के उसमें रख दिए। मेरे घर जो भी आता, मैं उसे अपने एकत्र किए हुए सिक्के जरूर दिखाता था। एक बार मेरे जर्मनी के दो सिक्के कहीं खो गए। मैं बहुत परेशान हुआ। दिन-रात मेरा मन सिक्के में ही रहता था।
खाना-पीना कुछ भी अच्छा नहीं लगता था । इतने परिश्रम से मैंने ये सिक्के एकत्र किए थे। बस यही सोचता रहता आखिर सिक्के गए तो कहाँ गए। दो दिन के बाद मेरे खोए हुए सिक्के मेरी इतिहास की गृहकार्य पुस्तिका में रखे मिले। शायद मैं काम करते-करते उसमें रखकर भूल गया था। खोए सिक्के मिलने पर मैं बहुत खुश हुआ।
(निर्देश इस प्रकार के अन्य अनुभव कक्षा में सुना सकते हैं।)
प्रश्न 2. कुछ कहानियाँ सुखांत होती हैं और कुछ कहानियाँ दुखांत । इस कहानी के अंत को तुम दुखांत मानोगे या सुखांत? बताओ।
उत्तर कहानियों का अंत अधिकतर दो प्रकार का होता है—सुखांत तथा दुखांत इस कहानी के अंत में राजप्पा अलबम चोरी करने के कारण दुःखी हो रहा है। उसने पश्चाताप करने के लिए अपनी मेहनत से बनाया गया टिकट अलबम अपने मित्र नागराजन को दिया था। नागराजन का अलबम जलाकर नष्ट करने के कारण भी राजप्पा दुःखी था।
दूसरी ओर नागराजन राजप्पा का अलबम लेकर खुश नहीं है। उसे अपना अलबम खो जाने का बहुत दुःख है। इस कहानी के अंत को मैं दुखांत ही कहूँगा ।
बोलते चेहरे (पृष्ठ संख्या 53)
इन भावों को अभिव्यक्त करके दिखाओ
कुढ़ता चेहरा, ईर्ष्यालु चेहरा, घमंडी चेहरा, अपमानित चेहरा, भूखा चेहरा, चालबाज चेहरा, भयभीत चेहरा, रुआँसा चेहरा उत्तर छात्र स्वयं करें।
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 7 टिकट-अलबम बहुविकल्पीय प्रश्न
अभ्यास प्रश्न (बहुविकल्पीय व वर्णनात्मक प्रश्नों सहित)
1. नागराजन के मामा कहाँ रहते थे?
(क) चेन्नई
(ख) सिंगापुर
(ग) त्रिवेंद्रम
(घ) तिरुचिरापल्ली
उत्तर (ख) सिंगापुर
2. नागराजन का अलबम किसने चुराया?
(क) राजप्पा ने
(ख) पार्वती ने
(ग) किसी पड़ोसी ने
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर (क) राजप्पा ने
3. नागराजन को लड़के क्यों घेरे रहते थे?
(क) उसके पास काफी मिठाई थी।
(ख) वह अच्छे-अच्छे चुटकुले सुनाता था।
(ग) उसके पास टिकट अलबम था।
(घ) उसके पास सुंदर खिलौने थे।
उत्तर (ग) उसके पास टिकट अलबम था।
4. अब किसके अलबम की पूछ नहीं रह गई थी ?
(क) उपाध्याय जी
(ख) राजप्पा
(ग) जया विवेक
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर (ख) राजप्पा
5. लड़कियों ने नागराजन से अलबम माँगने के लिए किसे भेजा ?
(क) गंगा
(ख) यमुना
(ग) सरस्वती
(घ) पार्वती
उत्तर (घ) पार्वती
6. पार्वती स्वभाव से कैसी थी ?
(क) तेज़ तर्रार
(ख) दयालु
(ग) भावुक
(घ) शर्मीली
उत्तर (क) तेज़ तर्रार
7. “तुम्हारे घर में जो प्यारी बच्ची है, उसे तीस रुपये में दोगे ।” – राजप्पा ने यह कथन किससे कहा?
(क) दादा से
(ख) मामा से
(ग) नागराजन से
(घ) सरपंच के लड़के से
उत्तर (घ) सरपंच के लड़के से
8. ‘टिकट अलबम’ पाठ किस विधा की रचना है ?
(क) आत्मकथा
(ख) एकांकी
(ग) निबंध
(घ) कहानी
उत्तर (घ) कहानी
9. पुलिस के डर के कारण राजप्पा ने अलबम का क्या किया?
(क) अलमारी में छिपा दिया
(ख) कबाड़ी को बेच दिया
(ग) अँगीठी में जला दिया
(घ) कूड़ेदान में फेंक दिया
उत्तर (ग) अँगीठी में जला दिया.
10. राजप्पा के अलबम को लड़के क्या कहने लगे?
(क) कूड़ा
(ख) मोती
(ग) हीरा
(घ) सोना
उत्तर (क) कूड़ा
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 7 टिकट-अलबम गद्यांश पर आधारित प्रश्न
निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर उन पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
गद्यांश 1
अब राजप्पा को कोई नहीं पूछता। आजकल सब-के-सब नागराजन को घेरे रहते। ‘नागराजन घमंडी हो गया है’, राजप्पा सारे लड़कों में कहता फिरता । पर लड़के भला कहाँ उसकी बातों पर ध्यान देते। नागराजन के मामाजी ने सिंगापुर से एक अलबम भिजवाया था। वह लड़कों को दिखाया करता ।
सुबह पहली घंटी के बजने तक सभी लड़के नागराजन को घेरकर अलबम देखा करते। आधी छुट्टी के वक्त भी उसके आस-पास लड़कों का जमघट लगा रहता। कई लोग टोलियों में उसके घर तक हो आए। नागराजन शांतिपूर्वक सभी को अपना अलबम दिखाता, पर किसी को हाथ नहीं लगाने देता। अलबम को गोद में रख लेता और एक-एक पन्ना पलटता, लड़के बस देखकर खुश होते।
1. नागराजन को अलबम किसने भेजा था?
(क) उसके भाई ने
(ख) उसकी बहन ने
(ग) उसके पिताजी ने
(घ) उसके मामाजी ने
उत्तर (घ) उसके मामाजी ने
2. अलबम कहाँ से आया था?
(क) ऑस्ट्रेलिया से
(ख) सिंगापुर से
(ग) कनाडा से
(घ) जर्मनी से
उत्तर (ख) सिंगापुर से
3. राजप्पा नागराजन को क्या कहता फिरता था?
(क) लालची
(ख) चिड़चिड़ा
( ग ) घमंडी
(घ) चालाक
उत्तर (ग) घमंडी
4. कक्षा के लड़के नागराजन को क्यों घेरे रहते थे?
उत्तर नागराजन का अलबम सिंगापुर से उसके मामाजी ने भिजवाया था। वह टिकट अलबम बहुत सुंदर था। सभी लड़के उसी अलबम को देखने के लिए नागराजन को घेरे रहते थे।
5. लड़के राजप्पा की बात पर ध्यान क्यों नहीं देते थे?
उत्तर लड़के नागराजन के टिकट अलबम से आकर्षित होते थे। नागराजन अपना अलबम पन्ने पलटकर दिखाता था। राजप्पा का अलबम लड़के पहले देख चुके थे, इसलिए वे राजप्पा की बात पर ध्यान नहीं देते थे।
6. नागराजन अपना अलबम किस प्रकार दिखाता था?
उत्तर नागराजन सिंगापुर से आया अपना अलबम बहुत शांति से दिखाता था। टिकट अलबम को अपनी गोद में रख लेता था और अलबम का एक एक पन्ना पलटता जाता था। जिससे सभी उसकी अलबम देख लेते थे। वह किसी भी बच्चे को अलबम पर हाथ नहीं लगाने देता था।
गद्यांश 2
अब राजप्पा के अलबम को कोई पूछने वाला नहीं था। वाकई उसकी शान घट गई थी। राजप्पा के अलबम की लड़कों में काफ़ी तारीफ़ हो रही थी। मधुमक्खी की तरह उसने एक-एक करके टिकट जमा किए थे। उसे तो बस एक यही धुन सवार थी। सुबह आठ बजे वह घर से निकल पड़ता। टिकट जमा करने वाले सारे लड़कों के घर चक्कर लगाता।
दो ऑस्ट्रेलिया के टिकटों के बदले एक फिनलैंड का टिकट लेता। दो पाकिस्तान के टिकट के बदले एक रूस का बस शाम, जैसे ही घर लौटता, बस्ता कोने में पटककर अम्मा से चबेना लेकर निकर की जेब में भर लेता और खड़े-खड़े कॉफी पीकर निकल जाता। चार मील दूर अपने दोस्त के घर से कनाडा का टिकट लेने पगडंडियों में होकर भागता ।
1. राजप्पा की तुलना किससे की गई है?
(क) मक्खी से
(ख) मछली से
(ग) मधुमक्खी से
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर (ग) मधुमक्खी से
2. किसके अलबम की शान घट गई थी ?
(क) कामाक्षी के
(ख) राजप्पा के
(ग) नागराजन के
(घ) पार्वती के
उत्तर (ख) राजप्पा के
3. कितनी मील की दूरी राजप्पा टिकट के लिए तय करता था ?
(क) 1 मील
(ख) 2 मील
(ग) 3 मील
(घ) 4 मील
उत्तर (घ) 4 मील
4. राजप्पा को क्या धुन सवार थी ?
उत्तर राजप्पा को टिकट जमा करने की धुन थी। मधुमक्खी की तरह वह एक-एक टिकट जमा करता था।
5. लेखक ने राजप्पा की तुलना मुधमक्खी से क्यों की है?
उत्तर मधुमक्खी घूम-घूमकर फूलों से पराग एकत्र करती है, इसी प्रकार राजप्पा भी दूर दूर जाकर टिकट एकत्र करता था। इसलिए लेखक ने राजप्पा की तुलना मधुमक्खी से की है।
6. फिनलैंड और रूस के टिकट राजप्पा ने कैसे जमा किए थे?
उत्तर राजप्पा ने फिनलैंड का टिकट लेने के लिए अपने मित्र को ऑस्ट्रेलिया के दो टिकट दिए थे। इसी प्रकार पाकिस्तान के दो टिकट देकर एक रूस का टिकट लिया था।
गद्यांश 3
राजप्पा को लगा, अपने अलबम के बारे में बातें करना फालतू है। उसने कितनी मेहनत और लगन से टिकट बटोरे हैं। सिंगापुर से आए इस एक पार्सल ने नागराजन को एक ही दिन में मशहूर कर दिया, पर दोनों में कितना अंतर है! ये लड़के क्या समझेंगे?
राजप्पा मन-ही-मन कुढ़ रहा था। स्कूल जाना अब खलने लगा था और लड़कों के सामने जाने में शर्म आने लगी। आमतौर पर शनिवार और रविवार को टिकट की खोज में लगा रहता, परंतु अब घर- घुसा हो गया था।
दिन में कई बार अलबम को पलटता रहता। रात को लेट जाता। सहसा जाने क्या सोचकर उठता, ट्रंक खोलकर अलबम निकालता और एक बार पूरा देख जाता। उसे अलबम से चिढ़ होने लगी थी। उसे लगा, अलबम वाकई कूड़ा हो गया है।
1. नागराजन के मामाजी ने अलबम सिंगापुर से किस प्रकार भेजा था?
(क) रेलगाड़ी से
(ख) पार्सल से
(ग) हवाई जहाज से
(घ) बस से
उत्तर (ख) पार्सल से
2. राजप्पा आमतौर पर किन दिनों में टिकट की खोज में जाता था?
(क) शनिवार, मंगलवार
(ख) रविवार, सोमवार
(ग) रविवार, मंगलवार
(घ) शनिवार, रविवार
उत्तर (घ) शनिवार, रविवार
3. राजप्पा अपना अलबम कहाँ रखता था?
(क) अलमारी में
(ख) मेज पर
(ग) ट्रंक में
(घ) बस्ते में
उत्तर (ग) ट्रंक में
4. लड़के कोरस जैसे क्यों गाने लगे?
उत्तर कक्षा के अधिकतर लड़कों को नागराजन के अलबम ने आकर्षित कर लिया था। कृष्णन ने राजप्पा की अलबम को कूड़ा कहा। कक्षा के अन्य लड़के कृष्णन का साथ देने के लिए ‘तुम्हारा अलबम कूड़ा है’ कोरस की तरह गाने लगे।
5. राजप्पा को क्या दुःख था ?
उत्तर राजप्पा को दुःख था कि नागराजन ने टिकट अलबम स्वयं नहीं बनाया, बल्कि उसके मामाजी ने पार्सल द्वारा सिंगापुर से भेजा था। इस अलबम के कारण नागराजन एक ही दिन में मशहूर हो गया, जबकि राजप्पा ने अपना टिकट अलबम बहुत परिश्रम से
बनाया था।
6. राजप्पा अपना ट्रंक खोलकर क्या कर रहा था?
उत्तर राजप्पा अपना ट्रंक खोलकर अलबम निकालकर उसे देख रहा था।
गद्यांश 4
उस दिन शाम उसने जैसे तय कर लिया था, वह नागराजन के घर गया। अब कोई कितना अपमान सहे! नागराजन के हाथ अचानक एक अलबम लगा है, बस यही ना। वह क्या जाने टिकट कैसे जमा किए जाते हैं? एक-एक टिकट की क्या कीमत होती है, वह भला क्या समझे! सोचता होगा टिकट जितना बड़ा होगा, वह उतना ही कीमती होगा या फिर यह सोचता होगा, बड़े देश का टिकट कीमती होगा।
वह भला क्या समझे ! उसके पास जितने भी फालतू टिकट हैं, उन्हें टरकाकर उससे अच्छे टिकट झाड़ लेगा। कितनों को तो उसने यूँ ही उल्लू बनाया है। कितनी चालबाजी करनी पड़ती है, नागराजन भला किस खेत की मूली है?
1. राजप्पा किसके घर गया था?
(क) नागराजन के
(ख) पार्वती के
(ग) मामाजी के
(घ) अप्पू के
उत्तर (क) नागराजन के
2. राजप्पा ने किसे मूर्ख बनाया था?
(क) कृष्णन को
(ख) नागराजन को
(ग) मामाजी को
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर (घ) इनमें से कोई नहीं
3. अपने फालतू टिकट देकर अच्छे टिकट कौन लेता था ?
(क) नागराजन
(ख) राजप्पा
(ग) अप्पू
(घ) कामाक्षी
उत्तर (ख) राजप्पा
4. राजप्पा नागराजन के विषय में क्या सोच रहा था?
उत्तर राजप्पा सोच रहा था कि नागराजन के हाथ अचानक एक अलबम लगा है। उसे क्या पता कि टिकट किस प्रकार जमा किए जाते हैं।
5. राजप्पा के अनुसार नागराजन टिकट के बारे में क्या जानता होगा?
उत्तर राजप्पा सोचता था कि नागराजन को टिकट के विषय में कुछ नहीं पता होगा। नागराजन सोचता होगा कि टिकट जितना बड़ा और बड़े देश का होगा, वह उतना ही कीमती होगा।
6. राजप्पा नागराजन के पास किस उद्देश्य से गया था?
उत्तर राजप्पा अपने बेकार टिकट नागराजन को देकर उससे अच्छे टिकट लेने के उद्देश्य से उसके पास गया था।
गद्यांश 5
कामाक्षी कुछ देर तक वहीं रही। फिर नीचे चली गई। राजप्पा मेज पर बिखरी किताबों को टटोलने लगा। अचानक उसका हाथ दराज़ के ताले से टकरा गया। उसने ताले को खींचकर देखा। बंद था, क्यों न उसे खोलकर देख लिया जाए। मेज पर से उसने चाबी ढूंढ निकाली। सीढ़ियों के पास जाकर उसने एक बार झाँककर देखा ।
फिर जल्दी में दराज़ खोली अलबम ऊपर ही रखा हुआ था। पहला पृष्ठ खोला। उन वाक्यों को उसने दोबारा पढ़ा। उसका दिल तेजी से धड़कने लगा। अलबम को झट कमीज के नीचे घोंस लिया और दराज बंद कर दिया। सीढ़ियाँ उतरकर घर की ओर भागा।
1. राजप्पा के ऊपर जाने के बाद कुछ देर कौन रुका रहा?
(क) नागराजन
(ख) कामाक्षी
(ग) माताजी
(घ) अप्पू
उत्तर (ख) कामाक्षी
2. अचानक राजप्पा का हाथ किससे टकराया?
(क) ताले से
(ख) चाबी से
(ग) पुस्तकों से
(घ) मेज से
उत्तर (क) ताले से
3. राजप्पा ने अलबम कहाँ रख लिया?
(क) मेज के नीचे
(ख) कमीज के नीचे
(ग) पुस्तकों के बीच
(घ) पुस्तकों के नीचे
उत्तर (ख) कमीज के नीचे
4. कामाक्षी कुछ देर राजप्पा के पास रुकने के बाद नीचे क्यों चली गई?
उत्तर राजप्पा नागराजन का मित्र था। वह अकसर नागराजन से मिलने उसके घर आता-जाता रहता था, इसलिए कामाक्षी कुछ देर राजप्पा के पास रुककर नीचे आ गई।
5. राजप्पा ने दराज़ कैसे खोली होगी?
उत्तर राजप्पा ने नागराजन की मेज़ पर बिखरी पड़ी किताबों के बीच पड़ी चाबी ढूंढ ली और उससे दराज़ का ताला खोला होगा।
6. सीढ़ियों के पास जाकर राजप्पा ने क्या देखा?
उत्तर राजप्पा नागराजन के टिकट अलबम को चुराने जा रहा था। उसे डर था कि अलबम चुराते समय उसे कोई देख न ले, इसलिए राजप्पा ने सीढ़ियों के पास जाकर देखा कि कोई ऊपर तो नहीं आ रहा है।
गद्यांश 6
घर जाकर सीधा पुस्तक की अलमारी के पास गया और पीछे की ओर अलबम छिपा दिया। उसने बाहर आकर झाँका पूरा शरीर जैसे जलने लगा था। गला सूख रहा था और चेहरा तमतमाने लगा था। रात आठ बजे अप्पू आया। हाथ-पाँव हिलाकर उसने पूरी बात कह सुनाई। “सुना तुमने, नागराजन का अलबम खो गया। हम दोनों शहर गए हुए थे। लौटकर देखा तो अलबम गायब।” राजप्पा चुप रहा। उसने अप्पू को किसी तरह टाला। उसके जाते ही उसने झट कमरे का दरवाजा भिड़ा लिया और अलमारी के पीछे से अलबम निकालकर देखा। उसे फिर छिपा दिया उसे डर था कहीं कोई देख न ले।
1. राजप्पा ने नागराजन का अलबम कहाँ छिपाया?
(क) दराज़ के अंदर
(ख) दराज के पीछे
(ग) मेज के पीछे
(घ) अलमारी के पीछे
उत्तर (घ) अलमारी के पीछे
2. अप्पू राजप्पा के घर कितने बजे आया था?
(क) सुबह आठ बजे
(ख) रात आठ बजे
(ग) सुबह दस बजे
(घ) रात दस बजे
उत्तर (ख) रात आठ बजे
3. नागराजन और अप्पू कहाँ गए हुए थे?
(क) स्कूल
(ख) गाँव
(ग) शहर
(घ) पिक्चर
उत्तर (ग) शहर
4. अलबम चुराते समय राजप्पा की क्या स्थिति थी?
उत्तर अलबम चुराते समय राजप्पा का पूरा शरीर जलने लगा, गला सूखने लगा और चेहरा तमतमाने लगा था।
5. अप्पू ने राजप्पा को क्या बताया?
उत्तर अप्पू ने राजप्पा को बताया कि नागराजन का अलबम खो गया है। 6. अप्पू के जाते ही राजप्पा ने क्या किया?
उत्तर अप्पू के जाते ही राजप्पा ने कमरे का दरवाजा बंद कर लिया। अलमारी के पीछे छिपाया गया अलबम निकालकर देखा और उसे फिर वहीं छिपा दिया।
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 7 टिकट-अलबम अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
1. नागराजन का अलबम कहाँ से भेजा गया था?
उत्तर नागराजन का अलबम सिंगापुर से उसके मामाजी द्वारा भेजा गया था।
2. लड़के नागराजन का अलबम कब देखते थे?
उत्तर नागराजन का अलबम लड़के सुबह स्कूल की पहली घंटी बजने तक तथा आधी छुट्टी के समय देखते थे। कुछ लोग तो नागराजन के घर भी जाकर अलबम देख आते थे।
3. नागराजन का अलबम जब दूसरे लड़के देख रहे होते तो राजप्पा क्या करता था?
उत्तर नागराजन का अलबम जब दूसरे लड़के देख रहे होते तो राजप्पा भी नीची आँखों से देख लेता था।
4. राजप्पा ने लड़के-लड़कियों को नकलची क्यों कहा?
उत्तर नागराजन के अलबम में उसके मामाजी ने सुंदर अक्षरों में उसका नाम लिखा था। इसे सभी लड़कों ने अपने अलबम में उतार लिया। लड़कियों ने भी बिना सोचे समझे जल्दी से अपनी कॉपियों और किताबों में टीप लिया, इसलिए राजप्पा ने उन सबको नकलची कहा।
5. राजप्पा, नागराजन के घर क्यों गया था?
उत्तर राजप्पा, नागराजन के घर अपने फ़ालतू टिकट देकर अच्छे टिकट लेने गया था।
6. राजप्पा के अलबम को कौन खरीदना चाहता था और क्यों?
उत्तर राजप्पा के अलबम को सरपंच का बेटा खरीदना चाहता था, क्योंकि राजप्पा का अलबम सभी लड़कों के अलबम में सबसे बड़ा था।
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 7 टिकट-अलबम लघु उत्तरीय प्रश्न
1. नागराजन के अलबम की क्या विशेषता थी?
उत्तर नागराजन का अलबम सिंगापुर से उसके मामाजी ने भेजा था। स्कूल में नागराजन का अलबम सबसे बड़ा और सुंदर था। अलबम के पहले पृष्ठ पर उसके मामाजी ने मोती जैसे अक्षरों में उसका नाम ‘ए एम नागराजन’ लिखकर भेजा था।
2. नागराजन के अलबम के विषय में राजप्पा के क्या विचार थे?
उत्तर राजप्पा को नागराजन का अलबम बेहद प्यारा लगा, लेकिन राजप्पा के पास जितने टिकट थे, उतने नागराजन के अलबम में नहीं थे। अलबम बहुत सुंदर था। राजप्पा का मन भी उस अलबम को छूने का करता था। उस अलबम के विषय में राजप्पा का विचार था कि ऐसा अलबम भारत में नहीं मिलेगा।
3. राजप्पा को अपना अलबम कूड़ा क्यों लगने लगा ?
उत्तर नागराजन का अलबम आने के बाद कोई राजप्पा का अलबम नहीं देखता था। सभी लड़के-लड़कियाँ नागराजन को घेरकर नागराजन का ही अलबम देखते रहते थे। लोगों का व्यवहार राजप्पा के अलबम के लिए बदल गया था। अब कोई राजप्पा का अलबम पसंद नहीं करता था। लड़के उसके अलबम को कूड़ा और फिसड्डी कहकर चिढ़ाते थे, इसलिए राजप्पा को अपना अलबम कूड़ा लगने लगा।
4. नागराजन जब राजप्पा के घर आया तो वह क्यों डर गया?
उत्तर नागराजन राजप्पा के घर आया और दरवाजे की सांकल (कुंडी) खटकाई । कुछ देर पहले ही अप्पू राजप्पा को बता गया था कि नागराजन के पिता डी एस पी के दफ्तर में काम करते हैं। साँकल खटकने से राजप्पा को लगा कि डी एस पी के दफ्तर से पुलिस उसके घर की तलाशी लेने आई है। पुलिस की तलाशी लेने पर राजप्पा की चोरी पकड़ी जाती, इसलिए वह बहुत डर गया।
5. अलबम कहानी के अंत में क्या हुआ?
उत्तर अलबम कहानी के अंत में राजप्पा नागराजन की दशा देखकर बहुत दुःखी हुआ। राजप्पा नागराजन का अलबम जला चुका था, इसलिए वह अपना बनाया अलबम लाया और नागराजन को दे दिया। नागराजन को विश्वास नहीं हुआ। कई बार कहने पर नागराजन अलबम लेकर जाने लगा तो राजप्पा ने उसे रोककर कहा – “अलबम दे दो आज रात भर मैं इसे देखना चाहता हूँ, कल सुबह तुम्हें दे जाऊँगा।” राजप्पा अलबम लेकर फूट-फूटकर रो पड़ा।
6. ‘अलबम’ कहानी में राजप्पा ने जिस प्रकार नागराजन के प्रति ईर्ष्या की, क्या वह उचित था? आपके अनुसार राजप्पा को क्या करना चाहिए था?
उत्तर ‘अलबम’ कहानी में जिस प्रकार राजप्पा ने नागराजन के प्रति ईर्ष्या के कारण उसका टिकट अलबम जला दिया। राजप्पा का ऐसा व्यवहार अनुचित था। मेरे अनुसार राजप्पा को अपने और नागराजन के अलबम में अंतर समझना चाहिए था।
परिश्रम से बनाई गई वस्तु सदैव अमूल्य होती है। कोई भी वस्तु उसकी तुलना नहीं कर सकती। राजप्पा को अपने अलबम से प्रसन्न रहना चाहिए था।
7. ‘अलबम’ कहानी से आपको क्या शिक्षा मिलती है? यदि आप राजप्पा की जगह होते तो क्या करते?
उत्तर ‘अलबम’ कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि हमें किसी से भी कभी ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए। परिश्रम से किए गए कार्य की प्रशंसा करनी चाहिए। दूसरों की प्रशंसा सुनकर प्रसन्न होना चाहिए। यदि मैं राजप्पा की जगह होता तो नागराजन के अलबम की भी प्रशंसा करता। अपने टिकट अलबम में और अधिक टिकट जमा करता रहता।
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 7 टिकट-अलबम दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. ‘नागराजन घमंडी हो गया है’ ऐसा राजप्पा सारे लड़कों से क्यों कहता था?
उत्तर राजप्पा को टिकट इकट्ठे करने का बहुत शौक था। उसने टिकटों की खोज में बिना खाए-पिए दूर-दूर तक जाकर मित्रों से अपने टिकट बदलकर नए टिकट इकट्ठे किए थे। परिश्रम करके बनाया गया राजप्पा का टिकट अलबम बहुत सुंदर और अच्छा था। कक्षा में केवल राजप्पा को ही टिकट इकट्ठे करने का शौक था। सब लड़के-लड़कियाँ बहुत ध्यान से राजप्पा का अलबम देखते थे। कुछ दिन पहले नागराजन को मामाजी ने सिंगापुर से एक टिकट अलबम भिजवाया था।
कक्षा के सारे लड़के-लड़कियाँ अब नागराजन का अलबम देखने लगे थे। नागराजन अपना अलबम सभी को दिखाता था, परंतु किसी को हाथ नहीं लगाने देता था। नागराजन अपने अलबम को अपनी गोद में रखता और एक-एक कर पन्ना पलटता था। बच्चे खुश हो जाते थे। कक्षा के बच्चे राजप्पा के अलबम को नहीं देखते, बल्कि नागराजन को ही घेरे रहते थे, जो राजप्पा को अच्छा नहीं लगता था । इसलिए वह सारे लड़कों से कहता ‘नागराजन घमंडी हो गया है।’
2. राजप्पा ने अपने अलबम के टिकट किस प्रकार एकत्र किए थे?
उत्तर राजप्पा ने टिकटों का अलबम बनाया था। उसे देश-विदेश के टिकट एकत्र करने की धुन सवार रहती थी। सवेरे आठ बजे ही टिकट जमा करने घर से निकल जाता था। जिन लड़कों को टिकट जमा करने का शौक था, वह उन सबके घर के चक्कर लगाता था। दो ऑस्ट्रेलिया के टिकट देकर एक फिनलैंड का टिकट लेता था। दो पाकिस्तान के टिकट देता और एक रूस का टिकट लेता था।
शाम को भी स्कूल से घर आते ही बस्ता रखकर चबेना अपने निकर की जेब में डालकर, खड़े-खड़े कॉफी पीकर टिकट की खोज में निकल जाता था। एक बार कनाडा का टिकट लेने के लिए चार मील दूर पगडंडियों से होता हुआ दौड़कर अपने मित्र के घर
गया था।
धीरे-धीरे राजप्पा ने बहुत से टिकट एकत्र कर लिए थे। स्कूल में राजप्पा के पास सबसे बड़ा अलबम होने के कारण वह प्रसिद्ध हो गया था। एक बार सरपंच के लड़के ने राजप्पा का अलबम खरीदना चाहा, परंतु परिश्रम से बनाया गया टिकट अलबम किसी कीमत पर भी वह बेचना नहीं चाहता था।