NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 9 जो देखकर भी नहीं देखते Question And Answers
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 9 जो देखकर भी नहीं देखते पाठ का सार
लोग देखकर भी नहीं देखते
लेखिका जब डेढ़ वर्ष की थीं, तभी उनकी देखने और सुनने की शक्ति खो गई थी। उनकी प्रिय सहेली कुछ समय पहले जंगल की सैर करके वापस आई थी। लेखिका ने अपनी सहेली से पूछा तुमने जंगल में क्या देखा? सहेली ने उत्तर दिया कुछ खास नहीं देखा ।
लेखिका इस उत्तर को सुनकर आश्चर्यचकित नहीं हुई, क्योंकि वे इस प्रकार के उत्तर सुनने की आदी हो चुकी थीं। उन्हें विश्वास था कि जिन लोगों की आँखें होती हैं, वे बहुत कम देखते हैं। लेखिका सोचती थीं कि ऐसा कैसे संभव है कि कोई भी एक घंटा जंगल में घूमे, लेकिन उसे कुछ भी विशेष तथा रुचिकर चीज नहीं दिखी हो ।
लेखिका द्वारा वस्तुओं को छूकर पहचानना
लेखिका को दिखाई नहीं देता था, परंतु छूकर सैकड़ों रोचक चीजें पहचान लेती थीं। फूलों एवं पंखुड़ियों को छूने में उन्हें अधिक आनंद मिलता था।
वे भोज-पत्र के पेड़ की चिकनी छाल और चीड़ के पेड़ की खुरदरी छाल को स्पर्श करके पहचान लेती थीं कि वह कौन सा पेड़ है। उन्हें फूलों की पंखुड़ियों की मखमली सतह छूकर और उनकी घुमावदार बनावट महसूस करके बहुत आनंद मिलता था ।
वह झरने के पानी को अपनी अँगुलियों के बीच बहते हुए महसूस करके प्रसन्न हो जाती थीं। उन्हें मैदान में लगी घास मखमली महँगे कालीन से भी अधिक अच्छी लगती थी। वे इसे प्रकृति के जादू का अहसास मानती हैं। लेखिका सोचती कि यदि सिर्फ छूने से ही इतनी खुशी मिलती है, तो उसे देखकर कितना अच्छा लगता होगा।
Read and Learn More Class 6 Hindi Question and Answers
अपनी क्षमताओं को साधारण समझना
जिन लोगों के पास देखने के लिए आँखें हैं, वे बहुत कम देखते हैं, जिन व्यक्तियों के पास जो शक्तियाँ (देखने, सुनने, बोलने आदि) हैं, वे उनकी महत्ता नहीं समझते तथा अपनी इन क्षमताओं की कद्र नहीं करते हैं। ऐसे लोग उन चीजों की आशा करते हैं, जो उनके पास नहीं हैं। लेखिका को बहुत दुःख होता कि जो लोग देख सकते हैं, वे बहुत कम देखते हैं। ईश्वर से मिले इस आशीर्वाद के महत्त्व को न समझकर देखने की शक्ति को साधारण समझते हैं। दृष्टि का आशीर्वाद जिंदगी को इंद्रधनुषी रंगों से भर सकता है।
शबदार्थ
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 9 जो देखकर भी नहीं देखते पाठ्यपुस्तक वसंत भाग-1 के प्रश्नोत्तर
निबंध से (पृष्ठ संख्या 67)
प्रश्न 1. ‘जिन लोगों के पास आँखें हैं, वे सचमुच बहुत कम देखते हैं।’ हेलेन केलर को ऐसा क्यों लगता था ?
उत्तर ‘जिन लोगों के पास आँखें हैं, वे सचमुच बहुत कम देखते हैं’, हेलेन केलर को ऐसा इसलिए लगता था, क्योंकि वे स्वयं नेत्रहीन थीं। जिन वस्तुओं को स्पर्श कर वे रोमांचित होती थीं, वे वस्तुएँ उनके मित्रों, (जो देख सकते थे) को साधारण प्रतीत होती थीं।
प्रश्न 2. ‘प्रकृति का जादू’ किसे कहा गया है?
उत्तर ऋतुओं में परिवर्तन, पेड़ की पत्तियों की विभिन्न बनावट, पेड़ों की छाल में विभिन्नता, वसंत के मौसम में स्वतः कलियों का खिलना, फूलों की पंखुड़ियों की घुमावदार बनावट, बागों में मीठे स्वर में गाते पक्षी, कल-कल करते बहते हुए झरने, मुलायम मखमली कालीन के समान फैले घास के मैदानों को ‘प्रकृति का जादू’ कहा गया है।
प्रश्न 3. ‘कुछ खास तो नहीं’- हेलेन की मित्र ने यह जवाब किस अवसर पर दिया और यह सुनकर हेलेन को आश्चर्य क्यों नहीं हुआ?
उत्तर हेलेन की मित्र जब जंगल में एक घंटे घूमकर वापस आई तब हेलेन ने पूछा कि तुमने जंगल में क्या देखा? इस प्रश्न के उत्तर में हेलेन की मित्र ने कहा ‘कुछ खास नहीं !
अपनी मित्र के इस उत्तर को सुनकर हेलेन को आश्चर्य नहीं हुआ, क्योंकि वे ऐसे उत्तर सुनने की आदी हो चुकी थीं। अकसर लोग ऐसे ही कहते थे कि कुछ खास नहीं देखा।
प्रश्न 4. हेलेन केलर प्रकृति की किन चीज़ों को छूकर और सुनकर पहचान लेती थीं? पाठ के आधार पर इसका उत्तर लिखो ।
उत्तर हेलेन केलर भोज पत्र की चिकनी छाल, चीड़ की पेड़ की खुरदरी
छाल, कलियों और फूलों की बनावट को छूकर पहचान लेती थीं। चिड़िया के मधुर स्वर को सुनकर भी पहचान लेती थी कि कौन-सी चिड़िया बोल रही है।
प्रश्न 5. “जबकि इस नियामत से जिंदगी को खुशियों के इंद्रधनुषी रंगों से हरा-भरा किया जा सकता है।”- तुम्हारी नज़र में इसका क्या अर्थ हो सकता है?
उत्तर ईश्वर ने हमें दृष्टि का वरदान दिया है। इन्हीं आँखों से हम दुनिया की सुंदरता को देखते हैं। हर वस्तु विभिन्न रंग की है। प्रकृति की सुंदरता का आनंद आँखों से ही लिया जा सकता है। यदि आखें न होती तो प्रकृति की इस रंग-बिरंगी सुंदरता को देखने से वंचित रह जाते।
निबंध से आगे (पृष्ठ संख्या 68)
प्रश्न 1. आज तुमने अपने घर से आते हुए बारीकी से क्या-क्या देखा-सुना? मित्रों के साथ सामूहिक चर्चा करो।
उत्तर आज सवेरे उठते ही मैंने अपने बगीचे में कुछ पक्षियों की चहचहाहट को सुना। बाहर जाकर देखा एक पक्षियों का झुंड बगीचे में लगे गुलाब के पेड़ों के पास बैठा था। पक्षी हल्के स्लेटी रंग के थे, उनकी चोंच लाल थी घास में से उठाकर कुछ खा रहे थे। मुझे आते देखकर फुर्र से उड़ गए।
तैयार होकर बस स्टॉप तक आया। रास्ते में घर के पास एक बड़ा-सा पेड़ गिरा पड़ा था। कल रात तेज हवाएँ चली थीं। उसी हवा के कारण पेड़ गिर पड़ा था। पेड़ की बहुत-सी टहनियाँ हवा से टूटकर जमीन पर पड़ी थीं, सूखे पत्ते भी बिखरे हुऐ थे। पेड़ सड़क के बीच में गिरा था, इसलिए यातायात में समस्या हो रही थी। लोगों को घूमकर दूसरी ओर से आना पड़ रहा था। कुछ देर में बस आ गई और मैं उसमें बैठकर स्कूल आ गया।
प्रश्न 2. कान से न सुन पाने पर आस-पास की दुनिया कैसी लगती होगी? इस पर टिप्पणी लिखो और कक्षा में पढ़कर सुनाओ।
उत्तर कान से न सुन पाने के कारण चारों ओर शांति लगती होगी।
घर में परिवार के सदस्यों, मित्रों के होंठ चलते हाथ से इशारे करके कुछ कहते दिखाई देते होंगे, लेकिन क्या कहा जा रहा है समझ नहीं आता होगा। हँसते हुए लोगों को देखकर हँसी किस कारण आई है। यह न समझ आता होगा। सड़क पर भी इशारे करते लोगों को देखकर समझ नहीं आता होगा।
सभी अपनी ही धुन में काम करते हुए दिखाई देते होंगे। अपनी बात समझा पाना बहुत कठिन होता होगा। जीवन बहुत कष्टमय होता होगा।
प्रश्न 3. तुम्हें किसी ऐसे व्यक्ति से मिलने का अवसर मिले जिसे दिखाई न देता हो तो तुम उससे सुनकर, सूँघकर, चखकर, छूकर अनुभव की जाने वाली चीज़ों के संसार के विषय में क्या-क्या प्रश्न कर सकते हो? लिखो ।
उत्तर यदि मुझे ऐसे व्यक्ति से मिलने का अवसर मिले, जिसे दिखाई न देता हो, तो मैं उससे निम्न प्रश्न करूँगा, जिन्हें हम सुनकर, सूँघकर, चखकर, छूकर समझते हैं।
- आप पक्षी की आवाज़ सुनकर कैसे जान पाते हैं कि वह कौन-सा पक्षी है?
- क्या आप सूंघकर सुंगध से जान जाते हैं कि कौन-सा फूल है ?
- क्या आप चखकर बता सकते हैं कि फल पका है या कच्चा ?
- नरम मुलायम स्वेटर छूकर आपको कैसा महसूस होता है?
प्रश्न 4. हम अपनी पाँचों इंद्रियों में से आँखों का प्रयोग सबसे अधिक करते हैं। ऐसी चीज़ों के अहसासों की तालिका बनाओ, जो तुम बाकी चार इंद्रियों से महसूस करते हो
(सुनकर, चखकर, सूँघकर, छूकर)
उत्तर सुनकर हम कानों के द्वारा ध्वनियों के अंतर को सुन सकते हैं व पहचान सकते हैं; जैसे-गीत सुनकर गायक की पहचान, वाद्य यंत्र की आवाज़ सुनकर वाद्य की पहचान, कोयल की मधुर आवाज़, कौए की कर्कश ध्वनि, कार के हॉर्न की आवाज़ सुनकर सचेत होना, कुकर की सीटी की आवाज़, माँ के बुलाने की आवाज़ आदि सुनकर जान सकते हैं।
चखकर जीभ के द्वारा हम इमली की खटास करेले का कड़वापन, जलेबी की मिठास, आँवले का कसैलापन, दाल में नमक, मिर्च का तीखापन आदि का अहसास कर सकते हैं।
सूँघकर नाक के द्वारा हम पुष्प, इत्र की सुगंध, पेट्रोल की दुर्गंध, किसी वस्तु के जलने की गंध आदि पहचान सकते हैं।
छूकर स्पर्श द्वारा हम चाय का गर्म होना, बर्फ की ठंडक, पत्थर की खुरदराहट, मखमली कपड़े की चिकनाई, गोंद की चिपचिपाहट आदि को पहचान सकते हैं।
भाषा की बात (पृष्ठ संख्या 68 व 69)
प्रश्न 1. यदि मुझे इन चीजों को छूने भर से इतनी खुशी मिलती है, तो उनकी सुंदरता देखकर तो मेरा मन मुग्ध ही हो जाएगा। ऊपर रेखांकित संज्ञाएँ क्रमश: किसी भाव और किसी की विशेषता के बारे में बता रही हैं। ऐसी संज्ञाएँ भाववाचक कहलाती हैं। गुण और भाव के अतिरिक्त भाववाचक संज्ञाओं का संबंध किसी की दशा और किसी कार्य से भी होता है। भाववाचक संज्ञा की पहचान यह है कि इससे जुड़े शब्दों को हम सिर्फ महसूस कर सकते हैं, देख या छू नहीं सकते। आगे लिखी भाववाचक संज्ञाओं को पढ़ो और समझो। इनमें से कुछ शब्द संज्ञा और कुछ क्रिया से बने हैं। उन्हें भी पहचानकर लिखो ।
- मिठास
- बुढ़ापा
- घबराहट
- शांति बहाव
- भोलापन फुर्ती
- ताज़गी
- क्रोध
- मज़दूरी
- अहसास
उत्तर
प्रश्न 2.
- मैं अब इस तरह के उत्तरों की आदी हो चुकी हूँ।
- उस बगीचे में आम, अमलतास, सेमल आदि तरह-तरह के पेड़ थे।
ऊपर दिए गए दोनों वाक्यों में रेखांकित शब्द देखने में मिलते- जुलते हैं, पर उनके अर्थ भिन्न हैं। नीचे ऐसे कुछ और शब्द दिए गए हैं। वाक्य बनाकर उनका अर्थ स्पष्ट करो
- अवधि – अवधी
- में – मैं
- मेल – मैल
- ओर – और
- दिन – दीन
- सिल – शील
उत्तर
- अवधी – रामचरितमानस की रचना अवधी भाषा में की गई।
- में – मैं अपना गृहकार्य कर चुका हूँ।
- मेल – दोनों बहनों में बड़ा मेल है।
- मैल – तुम्हारे कान में बहुत मैल है।
- ओर – सड़क के बाईं ओर चलना चाहिए।
- और – मैं और मेरा छोटा भाई एक ही विद्यालय में पढ़ते हैं।
- दिन – किसान दिन भर परिश्रम करता है।
- दीन – दीन-दुःखी पर दया करो।
- सिल – फटी कमीज़ सिल दो।
- शील – अदिति शील स्वभाव की बालिका है।
अनुमान ‘और कल्पना (पृष्ठ संख्या 69 व 70)
प्रश्न 1. गली में क्या-क्या चीजें हैं?
उत्तर चित्र में बनी गली में एक आदमी स्कूटर पर बैठा हुआ जा रहा है। गली के एक ओर कुछ दुकानें हैं। कुछ लोग आते-जाते दिखाई दे रहे हैं। गली के दोनों ओर मकान बने हुए हैं। इन मकानों की बालकनी में कपड़े सूख रहे हैं। गली में चहल-पहल है। कुछ साइकिलें भी खड़ी दिखाई दे रही हैं। लोग आ जा रहे हैं। बिजली के तार नजर आ रहे हैं।
प्रश्न 2. इस गली में हमें कौन-कौन सी आवाजें सुनाई देती होंगी?
- सुबह के वक्त
- शाम के वक्त
- दोपहर के वक्त
- रात के वक्त
उत्तर
सुबह के वक्त मंदिर तथा मस्जिद के लाउड स्पीकरों की आवाज़, साइकिलों की घंटियाँ, कार तथा स्कूटर के हॉर्न, कुत्तों के भौंकने, दूध वाले, अखबार वालों की आवाजें सुनाई देती होंगी।
दोपहर के वक्त फेरीवालों, कबाड़ी वालों, स्कूल से लौटते बच्चों की बातचीत, वाहनों की आवाजें सुनाई देती होंगी।
शाम के वक्त वाहनों का शोर, बच्चों के खेलने की आवाज़ें, घूमने जाते लोगों की आवाज़ें सुनाई देती होंगी।
रात के वक्त टहलने जाते लोगों की तथा कभी-कभी कुत्तों के भौंकने की आवाजें सुनाई देती होंगी।
प्रश्न 3. अलग-अलग समय में ये गली कैसे बदलती होगी?
उत्तर समय के अनुसार, गली में कभी खूब भीड़-भाड़ और शोरगुल होता होगा। रात होने पर सन्नाटा छा जाता होगा। लोग अपने-अपने घर चले जाते होंगे। गली बिल्कुल खाली हो जाती होगी। एक-आध लोग तथा चौकीदार ही गली में दिखाई देते होंगे।
प्रश्न 4. ये तारें गली को कहाँ-कहाँ से जोड़ती होंगी?
उत्तर ये तारें गली के एक खंबे से दूसरे खंबे तक जुड़ी हुई हैं। ये तार गली को किसी ट्रांसफॉर्मर या दूरदर्शन के टावर से जोड़ते होंगे।
प्रश्न 5. साइकिल वाला कहाँ से आकर कहाँ जा रहा होगा?
उत्तर साइकिल वाला अपनी दुकान या कार्यालय से काम करके वापस अपने घर जा रहा होगा।
सुनना और देखना (पृष्ठ संख्या 70)
प्रश्न 1. एन.सी.ई.आर.टी. द्वारा निर्मित श्रव्य कार्यक्रम ‘हेलेन केलर’।
उत्तर छात्र स्वयं करेंगे।
प्रश्न 2. सई परांजपे द्वारा निर्देशित फ़ीचर फ़िल्म ‘स्पर्श’।
उत्तर छात्र स्वयं फीचर फिल्म ‘स्पर्श’ देखेंगे।
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 9 जो देखकर भी नहीं देखते बहुविकल्पीय प्रश्न
अभ्यास प्रश्न बहुविकल्पीय व वर्णनात्मक प्रश्नों सहित
1. ‘जो देखकर भी नहीं देखते’ किस विधा की रचना है?
(क) निबंध
(ख) नाटक
(ग) कहानी
(घ) कविता
उत्तर (क) निबंध
2. इनमें किस पेड़ की छाल चिकनी होती है?
(क) पीपल की
(ख) बरगद की
(ग) चीड़ की
(घ) भोज-पत्रे की
उत्तर (घ) भोज पत्र की
3. लेखिका हेलन केलर चीज़ों को कैसे पहचानती है ?
(क) सूंघकर
(ख) छूकर (स्पर्श)
(ग) दूसरों से उसका वर्णन सुनकर
(घ) देखकर
उत्तर (ख) छूकर (स्पर्श)
4. लेखिका किसके स्वर पर मंत्रमुग्ध हो जाती है?
(क) चिड़िया के
(ख) मोर के
(ग) कोयल के
(घ) मैना के
उत्तर (क) चिड़िया के
5. लेखिका हेलन केलर को किस कार्य में आनंद मिलता है?
(क) प्रकृति को निहारने में
(ख) लोगों से बात करने में
(ग) फूलों की पंखुड़ियों को छूने और उसकी घुमावदार बनावट को कि महसूस करने में
(घ) घर का कार्य करने में
उत्तर (ग) फूलों की पंखुड़ियों को छूने और उसकी घुमावदार बनावट को महसूस करने में
6. इस दुनिया के अधिकांश लोग कैसे हैं?
(क) चतुर
(ख) संवेदनशील
(ग) कर्मवीर
(घ) भावुक
उत्तर (ख) संवेदनशील
7. संवेदनशील लोग किसकी कद्र करना नहीं जानते हैं?
(क) क्षमताओं की
(ख) संवेदनाओं की
(ग) अपनों की
(घ) स्वप्नों की
उत्तर (क) क्षमताओं की
8. ‘द स्टोरी ऑफ माई लाइफ’ नाम से किसकी आत्मकथा प्रकाशित हुई ?
(क) हेलेन मेनका की
(ख) हेलेन प्योरी की
(ग) हेलेन कायरी की उत्तर
(घ) हेलेन केलर की
उत्तर (घ) हेलेन केलर की
9. लेखिका को किस काम में खुशी मिलती है?
(क) बाहर के सभी कार्य करने में
(ख) प्राकृतिक वस्तुओं को स्पर्श करने में
(ग) घर के कार्य करने में
(घ) मित्रों के साथ बातें करने में
उत्तर (ख) प्राकृतिक वस्तुओं को स्पर्श करने में
10. मनुष्य किन चीज़ों के लिए भागता रहता है?
(क) जो उसको चाहिए
(ख) जो घरवालों ने दिया
(ग) जो उसके पास नहीं है
(घ) बाज़ार में आने वाली नई वस्तुओं
उत्तर (ग) जो उसके पास नहीं है।
11. लेखिका किसे ईश्वरीय देन मानती है?
(क) नाक को
(ख) दृष्टि को
(ग) कान को
(घ) मस्तिष्क को
उत्तर (ख) दृष्टि को
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 9 जो देखकर भी नहीं देखते गद्यांश पर आधारित प्रश्न
निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर उन पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
गद्यांश 1
कभी-कभी अपने मित्रों की परीक्षा लेती हूँ, यह परखने के लिए कि वह क्या देखते हैं। हाल ही में मेरी एक प्रिय मित्र जंगल की सैर करने के बाद वापस लौटी। मैंने उनसे पूछा, “आपने क्या-क्या देखा?” “कुछ खास तो नहीं,” उनका जवाब था। मुझे बहुत अचरज नहीं हुआ, क्योंकि मैं अब इस तरह के उत्तरों की आदी हो चुकी हूँ। मेरा विश्वास है कि जिन लोगों की आँखें होती हैं, वे बहुत कम देखते हैं।
1. लेखिका की मित्र कहाँ की सैर करके वापस लौटी थी?
(क) बगीचे की
(ख) जंगल की
(ग) चिड़ियाघर की
(घ) बाजार की
उत्तर (ख) जंगल की
2. लेखिका अकसर किसकी परीक्षा लेती थीं?
(क) माता की
(ख) पिता की
(ग) मित्रों की
(घ) भाई बहन की
उत्तर (ग) मित्रों की
3. मित्र का जवाब सुनकर लेखिका को क्या नहीं हुआ?
(क) चिंता
(ख) घबराहट
(ग) क्रोध
(घ) आश्चर्य
उत्तर (घ) आश्चर्य
4. लेखिका अपने मित्रों की परीक्षा क्यों लेती थीं?
उत्तर लेखिका परखना चाहती थीं कि वह क्या देखते हैं, इसलिए वे अपने मित्रों की परीक्षा लेती थीं।
5. लेखिका की मित्र ने क्या उत्तर दिया?
उत्तर लेखिका की मित्र ने उत्तर दिया ‘कुछ खास तो नहीं।’
6. लेखिका को क्या विश्वास था ?
उत्तर लेखिका को विश्वास था कि जिन लोगों की आँखें होती हैं, वह बहुत कम देखते हैं।
गद्यांश 2
क्या यह संभव है कि भला कोई जंगल में घंटाभर घूम-फिर के भी कोई विशेष चीज न देखे ? मुझे जिसे कुछ भी दिखाई नहीं देता- सैकड़ों रोचक चीजें मिलती हैं, जिन्हें मैं छूकर पहचान लेती हूँ। मैं भोज-पत्र के पेड़ की चिकनी छाल और चीड़ की खुरदरी छाल को स्पर्श से पहचान लेती हूँ। वसंत के दौरान, मैं टहनियों में नई कलियाँ खोजती हूँ। मुझे फूलों की पंखुड़ियों की मखमली सतह छूने और उसकी घुमावदार बनावट महसूस करने में अपार आनंद मिलता है।
इस दौरान मुझे प्रकृति के जादू का कुछ अहसास होता है। कभी, जब मैं खुशनसीब होती हूँ, तो टहनी पर हाथ रखते ही किसी चिड़िया के मधुर स्वर कानों में गूँजने लगते हैं। अपनी अँगुलियों के बीच झरने के पानी को बहते हुए महसूस कर मैं आनंदित हो उठती हूँ। मुझे चीड़ की फैली पत्तियाँ या घास का मैदान किसी भी महँगे कालीन से अधिक प्रिय है। बदलते हुए मौसम का समाँ मेरे जीवन में एक नया रंग और खुशियाँ भर जाता है।
1. चीड़ की छाल स्पर्श करने में कैसी महसूस होती है ?
(क) चिकनी
(ख ) खुरदरी
(ग) चिपचिपी
(घ) लिबलिबी
उत्तर (ख) खुरदरी
2. दिए गए गद्यांश में लेखिका के स्वभाव की कौन-सी विशेषता उजागर होती है?
(क) सहयोगी
(ख) आत्मकेंद्रित
(ग) मधुरता
(घ) प्रकृति प्रेमी
उत्तर (घ) प्रकृति प्रेमी
3. ‘घास का मैदान’ लेखिका को किससे अधिक प्रिय लगता था ?
(क) महँगे परदों से
(ख) सस्ते कपड़ों से
(ग) महँगे कालीन
(घ) सस्ते कालीन से
उत्तर (ग) महँगे कालीन से
4. लेखिका स्पर्श करके क्या पहचान लेती थी?
उत्तर लेखिका भोज-पत्र के पेड़ की चिकनी छाल और चीड़ की खुरदरी छाल को स्पर्श से पहचान लेती थी।
5. अपार आनंद लेखिका को कब प्राप्त होता था?
उत्तर वसंत के मौसम में नई कलियों को खोजने, फूलों की मखमली सतह को छूने, उसकी बनावट को महसूस करने में लेखिका को अपार आनंद मिलता था।
6. लेखिका के जीवन में नया रंग कब आता था?
उत्तर लेखिका के जीवन में नया रंग तब आता था, जब मौसम बदलते थे। मौसम के बदलने पर प्रकृति में अनेक परिवर्तन होते हैं। यह बदलाव लेखिका के जीवन में नया रंग भर देता था।
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 9 जो देखकर भी नहीं देखते (हेलेन केलर) अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
1. लेखिका ने जंगल की सैर से वापस आई मित्र से क्या पूछा था ?
उत्तर लेखिका ने जंगल की सैर से वापस आई मित्र से पूछा ‘आपने क्या-क्या देखा’।
2. मित्र का जवाब सुनकर लेखिका को आश्चर्य क्यों नहीं हुआ?
उत्तर लेखिका अब तक ‘कुछ खास तो नहीं’ जैसे जवाब सुनने की आदी हो चुकी थी। इसलिए मित्र का जवाब सुनकर लेखिका को आश्चर्य नहीं हुआ।
3. जिनकी आँखें होती हैं, वे लोग बहुत कम क्यों देखते हैं?
उत्तर लेखिका को विश्वास हो गया था कि जिन लोगों की आँखें होती हैं, वे बहुत कम देखते हैं, क्योंकि वे उसकी महत्ता नहीं समझते हैं।
4. चीड़ की फैली पत्तियाँ या घास के मैदान लेखिका को कैसे लगते हैं?
उत्तर लेखिका को चीड़ की फैली पत्तियाँ या घास का मैदान महँगे कालीन से भी अधिक अच्छे और प्रिय लगते हैं।
5. लेखिका अपने को कब खुशनसीब समझती थीं?
उत्तर किसी टहनी पर हाथ रखते ही यदि किसी चिड़िया के मधुर स्वर गूँजने लगते, तो लेखिका अपने को खुशनसीब समझती थीं।
6. हेलन केलर का मन किस लिए मचल उठता है?
उत्तर हेलन केलर का मन प्राकृतिक वस्तुओं को देखने के लिए मचल उठता है।
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 9 जो देखकर भी नहीं देखते लघु उत्तरीय प्रश्न
1. लेखिका चीजों को किस प्रकार पहचान पाती थीं?
उत्तर लेखिका दृष्टिहीन थीं। जब वे डेढ़ वर्ष की थीं, तो किसी बीमारी के कारण उनकी आँखों की रोशनी चली गई। फिर भी वे चीज़ों को सुनकर और सूंघकर पहचान लेती थीं। वे भोज-पत्र के पेड़ की चिकनी छाल और चीड़ के पेड़ की खुरदरी छाल को स्पर्श करके पहचान लेती थीं कि वह कौन सा पेड़ है।
2. लेखिका अपने मित्रों की परीक्षा कब लेती थीं?
उत्तर लेखिका का कोई भी मित्र जब जंगल की सैर करके वापस लौटती है तो लेखिका उसकी परीक्षा लेती थीं, जिससे वह उन्हें परख सके। किंतु लेखिका के पूछने पर कि तुमने जंगल में क्या-क्या देखा इस प्रश्न का उत्तर वह कुछ खास नहीं कहकर देती है।
3. लेखिका के अनुसार, मनुष्य किसकी आस लगाए रहता है?
उत्तर लेखिका का कहना था कि मनुष्य के पास सुनने, देखने, बोलने आदि की जो शक्तियाँ हैं वह उनका महत्त्व नहीं जान पाता तथा अपनी क्षमताओं की कभी कद्र नहीं करता है। अपनी क्षमताओं का महत्त्व नहीं जानता है, किन्तु जो उसके पास नहीं है, वह उसकी आस लगाए रहता है।
4. लेखिका ने दृष्टि का आशीर्वाद किसे कहा है?
उत्तर लेखिका ने दृष्टि का आशीर्वाद दृश्य शक्ति वाली शक्ति को कहा है।
ईश्वर से हमें कई शक्तियाँ आशीर्वाद के रूप में मिली हैं, जिनमें दृश्य शक्ति प्रमुख है, इसी शक्ति से मनुष्य संसार की वस्तुओं को देखता है। तथा उनके रूप-रंग, आकार प्रकार से परिचित होता है।
5. लेखिका को आश्चर्य क्यों हो रहा है?
उत्तर लेखिका को अपनी सहेली पर आश्चर्य होता है, क्योंकि वह आँखों से भी वो नहीं देख पाती है, जो मैं बिना आँखों के देख लेती हूँ। जब उनकी सहेली कहती है कि उसने जंगल में कुछ खास नहीं देखा तो लेखिका आश्चर्य से मन में सोचती है कि व्यक्ति अपनी शक्तियों और क्षमताओं का सही उपयोग नहीं कर रहे हैं।
6. इस कहानी से आपको क्या सीख मिलती है?
उत्तर इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि अपने दिल में प्यार की भावना होनी चाहिए और चीजों को देखने का नजरिया बदलना चाहिए। हमें जो भी मिला है उसका हमें आदर करना चाहिए। अपनी क्षमताओं के लिए ईश्वर को शुक्रिया अदा करना चाहिए। यदि आप लोभ के कारण अपने पास उपस्थित वस्तु का महत्त्व नहीं समझते हैं, तो यह उचित नहीं है। हमें ऐसा नहीं करना चाहिए और थोड़े में ही संतुष्ट होना चाहिए।
NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक अध्याय 9 जो देखकर भी नहीं देखते दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. साधारण मनुष्य तथा लेखिका के प्राकृतिक वस्तुओं को देखने के दृष्टिकोण में आपके विचार से क्या अंतर प्रतीत होता है और क्यों?
उत्तर साधारण मनुष्य दृश्य शक्ति के महत्त्व को नहीं समझते। वे दृश्य शक्ति को सामान्य मानते हैं, इसलिए वे प्रकृति की सुंदरता को भली-भाँति नहीं देखते हैं। लेखिका दृष्टिहीन हैं। अतः वह प्राकृतिक वस्तुओं को छूकर पहचानती हैं। वस्तुओं की विभिन्न बनावट को महसूस करती हैं। प्रकृति की सुंदरता वे देख नहीं पातीं, परंतु उस करके प्रसन्न होती हैं।
2. दृष्टि के आशीर्वाद से जिंदगी में किस प्रकार रंग भरे जा सकते हैं?
उत्तर मनुष्य को ईश्वर प्रदत्त दृष्टि के आशीर्वाद का महत्त्व समझना चाहिए। प्रकृति के सौंदर्य को देखना, समझना और अनुभव करना चाहिए। समुद्र का नीला रंग, कल-कल, छल-छल की मधुर आवाज़ करती नदियाँ, पेड़ों की नरम पत्तियाँ कली की कोमलता, कली का धीरे-धीरे खिलना आदि देख मनुष्य को मुग्ध होना चाहिए। इस प्रकृति में हर रंग का अपना अलग महत्त्व है। उसका आनंद लेना चाहिए। यदि मनुष्य प्रकृति के कण-कण में आनंद लें, तो जिंदगी प्रसन्नता से भरपूर और इंद्रधनुष के समान सतरंगी हो सकती है।
3. यदि आपको सड़क पार करता नेत्रहीन व्यक्ति मिले, तो आपक्या करेंगे?
उत्तर यदि कभी मुझे सड़क पर कोई नेत्रहीन व्यक्ति मिले, जो सड़क पार कर रहा हो, तो मैं तुरंत उसका हाथ पकड़कर सावधानीपूर्वक उसे सड़क पार करा दूंगा। उससे पूछूंगा कि उन्हें कहाँ जाना है? यदि संभव हुआ, तो गंतव्य स्थान तक हाथ पकड़कर पहुँचा भी दूंगा। नेत्रहीन व्यक्ति को हमारी हमदर्दी नहीं वरन् सहायता की आवश्यकता होती है। हमारी की गई सहायता से नेत्रहीन का जीवन सरल हो सकता है।
4. किसी विकलांग व्यक्ति को देखकर आपके मन में क्या विचार आते हैं?
उत्तर जब मैं किसी भी विकलांग (नेत्रहीन, गूंगे, हाथ-पैर से असमर्थ )
व्यक्ति को देखता हूँ, तो सोचता हूँ यह व्यक्ति जन्म से ही विकलांग है या बाद में किसी कारणवश हो गया है। मैं सोचता हूँ, यह व्यक्ति कितना साहसी है, जिसने अपनी विकलांगता के कारण जीवन से हार नहीं मानी है। बस साहस से सामना कर रहा है। इस परिश्रमी व्यक्ति को कोई भी बाधा रोक नहीं सकेगी। अपने लक्ष्य तक अवश्य पहुँच जाएगा। पोलियो जैसे रोगों के विषय में समाज में सजगता लाना कितना आवश्यक है, यह भी सोचता हूँ। व्यक्ति के आत्मविश्वास और धैर्य देखकर मन प्रसन्न भी होता है।