NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 16 जंगल और जनकपुर Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 16 जंगल और जनकपुर Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 16 जंगल और जनकपुर पाठ का सार

महर्षि विश्वामित्र के साथ दोनों राजकुमारों का वन गमन

महर्षि विश्वामित्र राम और लक्ष्मण को राजमहल से निकालकर सरयू नदी की ओर लेकर बढ़े आश्रम पहुँचने के लिए उन्हें सरयू नदी को पार करना था, परंतु उन्होंने अयोध्या के समीप सरयू नदी को पार नहीं किया अपितु वे उसके किनारे-किनारे चलते गए। राम और लक्ष्मण दोनों राजकुमार उनके पीछे-पीछे चलकर अपने राजमहल (अयोध्या) से काफी दूर निकल चुके थे। शाम होने वाली थी, परंतु राजकुमारों के चेहरों पर थकान नहीं थी। वे दोनों दिनभर चलने के बाद और भी चलने के लिए तैयार थे।

विश्वामित्र द्वारा बला – अतिबला नामक विद्याओं का शिक्षण

महर्षि विश्वामित्र ने शाम हो जाने के कारण रात में नदी किनारे ही रुकने का फैसला लिया। राम के निकट आकर महर्षि ने कहा कि मैं तुम दोनों को कुछ विद्याएँ सिखाना चाहता हूँ। इन्हें सीखने के बाद कोई तुम पर प्रहार नहीं कर सकेगा। महर्षि विश्वामित्र ने दोनों भाइयों को ‘बला – अतिबला’ नामक विद्याएँ सिखाई। पत्तों और तिनकों के बिस्तर पर उन्होंने रात वहीं व्यतीत की। सुबह होते ही यात्रा फिर शुरू हुई। मार्ग में महर्षि ने राम-लक्ष्मण को वहाँ के लोगों एवं वृक्षों-वनस्पतियों के संबंध में जानकारी दी तथा स्थानीय इतिहास से भी परिचित कराया। अब उन्हें नदी पार करके घने जंगलों से होकर गुजरना था, लेकिन अँधेरा हो चुका था, इसलिए उन्होंने रात यहीं गुजारने का निश्चय किया और अगली सुबह उन्होंने नाव से गंगा नदी पार की।

ताड़का का वध

नदी पार करके आगे घना जंगल था, जिसमें ताड़का नामक राक्षसी रहती थी। ताड़का के भय से जंगल में कोई नहीं आता था। जो भी वहाँ आता, ताड़का उस पर अचानक आक्रमण करके उसे मार डालती थी। इसी कारण उस सुंदर वन का नाम ‘ताड़का वन’ पड़ गया था। महर्षि की आज्ञा पाकर राम ने धनुष की टँकार की, जिसे सुनकर ताड़का क्रोधित हो गई और पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। राम और लक्ष्मण ने भी उस पर बाण चलाए और राम का एक बाण उसके हृदय पर लग गया, जिससे उसका वध हो गया। ताड़का वध के बाद जंगल भयमुक्त हो गया।

यह देखकर विश्वामित्र प्रसन्न हुए और उन्होंने राजकुमारों को सौ तरह के नए अस्त्र-शस्त्र दिए तथा उन्हें प्रयोग करने की विधि बताई।

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महर्षि का अनुष्ठानपूर्ण यज्ञ

सुबह होते ही वे तीनों सिद्धाश्रम की ओर चल पड़े एवं प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेते हुए आश्रम पहुँच गए। अगले दिन विश्वामित्र यज्ञ की तैयारियों में लग गए और आश्रम की रक्षा का कार्यभार राजकुमारों को सौंप दिया। पाँच दिनों तक सब ठीक चलता रहा, लेकिन यज्ञ के अंतिम दिन ताड़का के पुत्रों- सुबाहु और मारीच नामक राक्षसों के दल ने आश्रम पर आक्रमण कर दिया।

राम के धनुष से निकले हुए बाण से मारीच मूच्छित होकर समुद्र के किनारे गिर पड़ा तथा होश आने पर वह दक्षिण दिशा की ओर भागा। राम के दूसरे बाण से सुबाहु वहीं मारा गया। सुबाहु के मरते ही राक्षस सेना में भगदड़ मच गई। महर्षि विश्वामित्र का अनुष्ठान संपन्न हुआ और उन्होंने राम को गले लगा लिया।

राम-लक्ष्मण का मिथिला की ओर प्रस्थान

दूसरे दिन विश्वामित्र की आज्ञानुसार राम-लक्ष्मण उनके साथ मिथिला नगरी की ओर चल पड़े। सोन नदी पार करके विश्वामित्र एवं राम-लक्ष्मण मिथिला नगरी की सीमा के पास पहुँचे। महर्षि, शिष्यों और राजकुमारों के साथ राजा जनक के महल में पहुँचे। मिथिला में राजा जनक ने उनका भव्य स्वागत किया। विदेहराज उन्हें देखकर चकित रह गए और उन्होंने राजकुमारों के विषय में पूछा। महर्षि ने उन्हें बताया कि ये दोनों राजा दशरथ के पुत्र राम और लक्ष्मण हैं। मैं इन्हें अपने साथ यहाँ आपका अद्भुत शिव धनुष दिखाने लाया हूँ।

शिव धनुष व राजा जनक की प्रतिज्ञा

अगले दिन सभी आमंत्रित लोग, ऋषि-मुनि और राजकुमार यज्ञशाला में उपस्थित हुए। शिव धनुष को यज्ञशाला में लाया गया, जो लोहे की पेटी में रखा हुआ था। उस पेटी में आठ पहिए लगे हुए थे और उस धनुष को उठाना असंभव था।

विदेहराज जनक ने मुनिवर को बताया कि मैंने प्रतिज्ञा की है कि जो यह धनुष उठाकर उस पर प्रत्यंचा चढ़ा देगा, उसी के साथ सीता का विवाह होगा। कई राजकुमारों ने प्रयास किया, परंतु सफल नहीं हुए। धनुष को उठाना तो दूर उसे कोई हिला भी न सका ।

राम-सीता का विवाह

राम ने महर्षि की आज्ञा पाकर विशाल धनुष को सहज ही उठा लिया और ऊपर से दबाकर प्रत्यंचा खींची। दबाव के कारण धनुष बीच में से टूट गया। महाराज जनक बहुत प्रसन्न हुए, क्योंकि उनकी प्रतिज्ञा पूरी हो गई थी और उन्हें सीता के लिए योग्य वर मिल गया था। महर्षि की अनुमति से दूत अयोध्या भेजे गए। बारात के स्वागत की तैयारियाँ होने लगीं।

विवाह से पहले विदेहराज ने राजा दशरथ के समक्ष प्रस्ताव रखा- मेरी इच्छा है कि आप मेरी छोटी पुत्री उर्मिला का विवाह लक्ष्मण से, मांडवी का विवाह भरत से और श्रुतकीर्ति का विवाह शत्रुघ्न से करना स्वीकार करें। राजा दशरथ ने राजा जनक के इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और अपने चारों पुत्रों का विवाह उनकी पुत्रियों से कर दिया।

शब्दार्थ

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 2 जंगल और जनकपुर Question And Answers शब्दार्थ

  बहुविकल्पीय प्रश्न

अभ्यास प्रश्न (बहुविकल्पीय व वर्णनात्मक प्रश्नों सहित)

1. अयोध्या नगरी सरयू नदी के किस तट पर थी?

(क) पूर्वी तट
(ख) पश्चिमी तट
(ग) उत्तरी तट
(घ) दक्षिणी तट

उत्तर (घ) दक्षिणी तट

2. ताड़का का वध किसने किया?

(क) भरत ने
(ख) शत्रुघ्न ने
(ग) राम ने
(घ) लक्ष्मण ने

उत्तर (ग) राम ने

3. संगम की दूसरी नदी कौन-सी थी ?

(क) गोदावरी
(ग) पार्वती
(ख) यमुना
(घ) गंगा

उत्तर (घ) गंगा

4. “हम आज रात नदी तट पर ही विश्राम करेंगे।” यह महर्षि विश्वामित्र ने किससे कहा?

(क) राम-लक्ष्मण
(ग) भरत राम
(ख) सीता-राम
(घ) शत्रुघ्न- राम

उत्तर (क) राम-लक्ष्मण

5. महर्षि विश्वामित्र ने राम-लक्ष्मण के साथ गंगा कैसे पार की?

(क) पैदल
(ख) रथ से
(ग) नाव से
(घ) घोड़ों से

उत्तर (ग) नाव से

6. सुंदर वन में कोई क्यों नहीं जाता था?

(क) ऋषि-मुनियों के कारण
(ख) ताड़का के कारण
(ग) राम के कारण
(घ) लक्ष्मण के कारण

उत्तर (ख) ताड़का के कारण

7. महर्षि विश्वामित्र ने राम-लक्ष्मण को कितनी तरह के अस्त्र-शस्त्र दिए?

(क) साठ तरह के
(ख) पचास तरह
(ग) सौ तरह के
(घ) अट्ठासी तरह के

उत्तर (ग) सौ तरह के

8. किसका तीर ताड़का के हृदय में लगा ?

(क) भरत का
(ख) लक्ष्मण का
(ग) शत्रुघ्न का
(घ) राम का

उत्तर (घ) राम का

9. अनुष्ठान कितने दिनों तक ठीक-ठाक चलता रहा?

(क) दो दिन तक
(ख) तीन दिन तक
(ग) चार दिन तक
(घ) पाँच दिन तक

उत्तर (घ) पाँच दिन तक

10. सीता का राम से विवाह निश्चित होने के बाद राजा जनक ने राजा दशरथ से क्या याचना की?

(क) उनके छोटे भाई कुशध्वज की पुत्री मांडवी और श्रुतकीर्ति को भरत और शत्रुघ्न के लिए स्वीकार करें।
(ख) राम को जनकपुर में कुछ दिन निवास की आज्ञा दें।
(ग) सीता को कुछ दिन उन्हीं के पास छोड़ दें
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं।

उत्तर (क) उनके छोटे भाई कुशध्वज की पुत्री मांडवी और श्रुतकीर्ति को भरत और शत्रुघ्न के लिए स्वीकार करें।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 16 जंगल और जनकपुर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. राजमहल से निकलकर महर्षि विश्वामित्र ___________ नदी की ओर बढ़े।

उत्तर राजमहल से निकलकर महर्षि विश्वामित्र सरयू नदी की ओर बढ़े।

2. वन में असली खतरा राक्षसी से था।

उत्तर वन में असली खतरा राक्षसी ताड़का से था ।

3. उस सुंदर वन का नाम ______ पड़ गया था।

उत्तर उस सुंदर वन का नाम ताड़का वन पड़ गया था।

4. ताड़का को क्रोधित करने के लिए ___________ ने प्रत्यंचा चढ़ाकर उसे जोर से खींचा।

उत्तर ताड़का को क्रोधित करने के लिए राम ने प्रत्यंचा चढ़ाकर उसे जोर से खींचा।

5. अनुष्ठान के अंतिम दिन ______ और _________ ने दल-बल के साथ हमला किया।

उत्तर अनुष्ठान के अंतिम दिन सुबाहु और मारीच ने दल-बल के साथ हमला किया।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 16 जंगल और जनकपुर अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

1. चलते समय राम और लक्ष्मण की नज़र कहाँ थी?

उत्तर चलते समय राम और लक्ष्मण की नज़र महर्षि विश्वामित्र के सधे कदमों की ओर थी।

2. राजकुमारों के चेहरों पर थकान का कोई चिह्न क्यों नहीं था?

उत्तर राजकुमारों के चेहरों पर थकान का कोई चिह्न इसलिए नहीं था, क्योंकि दोनों राजकुमार उत्साहित थे ।

3. चिड़ियों के झुंड कहाँ जा रहे थे?

उत्तर चिड़ियों के झुंड अपने बसेरे की ओर जा रहे थे, क्योंकि संध्या का समय हो गया था।

4. महर्षि विश्वामित्र ने राम-लक्ष्मण को कौन सी विद्याएँ सिखाईं व उनकी क्या विशेषता थी?

उत्तर महर्षि विश्वामित्र ने राम-लक्ष्मण को ‘बला अतिबला’ नाम की विद्याएँ सिखाईं। ये ऐसी विद्याएँ थीं, जिन्हें सीखने के बाद कोई भी उन पर प्रहार नहीं कर सकेगा। उस समय भी नहीं, जब वे सो रहे हों।

5. महर्षि विश्वामित्र चलते समय रास्ते में राम-लक्ष्मण को क्या बता रहे थे?

उत्तर महर्षि विश्वामित्र चलते समय राम-लक्ष्मण को रास्ते में पड़ने वाले आश्रमों, पेड़ों व वनस्पतियों एवं वहाँ के स्थानीय इतिहास के विषय में बता रहे थे।

6. ताड़का के मरने के बाद ताड़का वन कैसा लग रहा था?

उत्तर ताड़का के मरने के बाद ताड़का वन बदला हुआ लग रहा था। वहाँ से भयानक आवाजें गायब हो चुकी थीं। पत्तों की सरसराहट का संगीत, चिड़ियों की चहचहाहट सुनाई दे रही थी तथा चारों तरफ शांति थी।

7. आश्रम के लोग क्यों प्रसन्न थे?

उत्तर आश्रम के लोग महर्षि विश्वामित्र के वापस आश्रम लौटने और राम-लक्ष्मण के आगमन से प्रसन्न थे।

8. मारीच क्यों क्रोधित था?

उत्तर मारीच यज्ञ के अतिरिक्त इस बात से क्रोधित था कि राम-लक्ष्मण ने उसकी माँ (ताड़का) का वध कर दिया था।

9. राजा जनक ने क्या प्रतिज्ञा कर रखी थी?

उत्तर राजा जनक ने यह प्रतिज्ञा कर रखी थी कि जो व्यक्ति शिव धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ा देगा, उसी व्यक्ति से वे अपनी पुत्री सीता का विवाह कर देंगे।

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 16 जंगल और जनकपुर लघु उत्तरीय प्रश्न

1. महर्षि ने राजकुमारों को सुंदर वन के विषय में क्या बताया?

उत्तर सुंदर वन बहुत घना और दुर्गम था। महर्षि ने राम और लक्ष्मण को बताया कि जानवर और वनस्पतियाँ जंगल की शोभा हैं। इनसे कोई डर नहीं है। असली खतरा राक्षसी ताड़का से है। वह यहीं रहती है। वह बहुत भयानक तथा बलवान है, जो कोई भी इस वन में आता है, वह उसे मार डालती है। अतः उसके डर से कोई इस वन में नहीं आता है। उसी ताड़का के प्रकोप तथा भय के कारण उस सुंदर वन का नाम ‘ताड़का वन’ पड़ गया।

2. राम ने ताड़का का अंत कैसे किया?

उत्तर राम ने महर्षि विश्वामित्र की आज्ञा से धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाई और उसे खींचकर एक बाण छोड़ा, जिससे ताड़का क्रोध से बिलबिलाती हुई राम की ओर दौड़ी और उसने राम व लक्ष्मण पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। राम ने उस पर अनेक बाण बरसाए। लक्ष्मण ने भी निशाना लगाया, जिससे ताड़का चारों ओर से बाणों से घिर गई। राम का एक बाण उसके हृदय में लगा। वह मूच्छित हो गई तथा उसकी मृत्यु हो गई।

3. बला- अतिबला नामक विद्या का उल्लेख करें।

उत्तर जब महर्षि विश्वामित्र राम और लक्ष्मण को लेकर वन मार्ग से अपने सिद्धाश्रम की ओर रवाना हो गए, तो रात में विश्राम करने से पहले उन्होंने दोनों भाइयों से कहा, “मैं एक विशिष्ट शिक्षा देना चाहता हूँ, जिसका नाम बला- अतिबला है। इसको सीखने के बाद तुम पर कोई भी प्रहार नहीं कर सकता, विशेषतः सोते समय भी नहीं। अतः यह . विद्या तुम्हारे लिए महत्त्वपूर्ण साबित होगी।”

4. सिद्धाश्रम पहुँचने पर आश्रमवासियों ने क्या किया?

उत्तर महर्षि दोनों राजकुमारों के साथ मनोहारी और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेते हुए सिद्धाश्रम पहुँचे। आश्रम पहुँचने पर आश्रमवासियों ने प्रसन्नता के साथ उन तीनों का स्वागत किया। आश्रमवासी विश्वामित्र के लौटने और राम-लक्ष्मण के आगमन के कारण बहुत खुश

5. राम और लक्ष्मण मिथिला कैसे पहुँचे?

उत्तर यज्ञ अनुष्ठान पूर्ण होने के बाद जब महर्षि ने वहाँ के (मिथिला) आयोजन में हिस्सा लेने के लिए राम और लक्ष्मण दोनों भाइयों को अपने साथ मिथिला चलने के लिए कहा, तो दोनों भाई गुरु विश्वामित्र की आज्ञानुसार नई जगह देखने और आगे की यात्रा के लिए उत्साह से भर गए। उन्होंने सोन नदी को पार किया और मिथिला की सीमा पर पहुँच गए तथा एक आश्रम से गुजरे, जो गौतम ऋषि का था, अंत में वे मिथिला नगरी में पहुँच गए।

6. शिव धनुष की क्या विशेषता थी?

उत्तर शिव धनुष बहुत विशाल था। उसे लोहे की पेटी में रखा गया था। पेटी में आठ पहिए लगे थे। धनुष बहुत भारी था। उसे उठाना लगभग असंभव था । पहियों के सहारे खिसकाकर उसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता था। अनुचर बहुत कठिनाई से पेटी को खींचते हुए यज्ञशाला में लाए।

7. विवाह से पहले राजा जनक ने महाराज दशरथ से क्या कहा?

उत्तर विवाह से ठीक पहले राजा जनक ने महाराज दशरथ से कहा- “मेरी प्रतिज्ञा पूरी हुई और अब सीता का विवाह राम से होगा। मेरी इच्छा है। कि मेरी छोटी पुत्री उर्मिला का विवाह लक्ष्मण से हो जाए। मेरे छोटे भाई कुशध्वज की पुत्रियाँ मांडवी और श्रुतकीर्ति को भरत और शत्रुघ्न के लिए स्वीकार करें।”

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ग’ पूरक पाठ्यपुस्तक बाल रामकथा अध्याय 16 जंगल और जनकपुर दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. महर्षि विश्वामित्र तथा दोनों राजकुमारों की यात्रा का वर्णन कीजिए।

उत्तर अपने पिता की आज्ञानुसार दोनों राजकुमार राम व लक्ष्मण राजमहल से निकलकर महर्षि विश्वामित्र के साथ सरयू नदी के किनारे की ओर बढ़े। नदी के घुमाव के साथ राजमहल पीछे छूट गया। धीरे-धीरे सब कुछ दृष्टि से ओझल हो गया।

राम और लक्ष्मण ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। राजकुमारों के चेहरे पर थकान नहीं थी। तीनों ने उस रात नदी के तट पर विश्राम किया। राजकुमारों ने विश्वामित्र से बला- अतिबला विद्याएँ सीखीं। अगले दिन फिर यात्रा प्रारंभ की। वे तीनों संगम तक पहुँचे। यह संगम सरयू नदी व गंगा नदी का था। गंगा नदी के पार एक घना जंगल था, जो डरावना तथा दुर्गम था, जिसमें ताड़का राक्षसी रहती थी।

उसके डर से कोई उस वन में नहीं आता था। राम ने उस राक्षसी (ताड़का) पर बाण चलाकर उसका वध कर दिया। महर्षि विश्वामित्र ने यहाँ राजकुमारों को सौ तरह के नए अस्त्र-शस्त्र का प्रयोग सिखाया। सुबह होने पर प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेते हुए तीनों सिद्धाश्रम पहुँच गए।

2. ताड़का कौन थी? उसका वध कैसे हुआ?

उत्तर ताड़का सुंदर वन में रहने वाली भयंकर राक्षसी थी। उसके डर से कोई उस वन में नहीं आता था। जो भी वहाँ आता, ताड़का उस पर अचानक आक्रमण कर देती और उसे मार डालती थी। राम ने महर्षि की अनुमति से प्रत्यंचा की डोर चढ़ाकर खींची, जिसकी टँकार की आवाज से गरजती हुई ताड़का राम की ओर दौड़ी।

बालकों को देखकर उसका क्रोध और भड़क उठा। जंगल के पेड़ काँप उठे। पत्ते टूटकर उड़ने लगे। तभी ताड़का ने उन पर पत्थर बरसाने आरंभ कर दिए। राम ने बाण चलाए, लक्ष्मण ने भी निशाना साध लिया। अब ताड़का बाणों से घिर गई। राम का एक बाण ताड़का के हृदय पर लगा। वह गिरी और फिर कभी नहीं उठ सकी। ताड़का की मृत्यु से विश्वामित्र बहुत प्रसन्न हुए।

3. ‘जानवर और वनस्पतियाँ जंगल की शोभा क्यों मानी जाती हैं? क्या आप इस विचार से सहमत हैं?

उत्तर जी हाँ, ‘जानवर और वनस्पतियाँ जंगल की शोभा होते हैं, मैं इस विचार से पूर्णतः सहमत हूँ। जंगल बहुत घने और दुर्गम होते हैं। इनमें अनेक जानवरों का निवास स्थान होता है। उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति इन्हीं जंगलों में होती है। ईश्वर ने विभिन्न पशु-पक्षियों को बनाया है तथा सभी को जीने का अधिकार है। विभिन्न प्रकार के दुर्लभ पशु-पक्षी जंगलों में रहते हैं।

अकारण वे किसी को हानि नहीं पहुँचाते हैं। अनेक प्रकार के पेड़-पौधे भी जंगल में होते हैं, जो बहुत ही सुंदर होते हैं। विभिन्न जड़ी-बूटियों की प्राप्ति भी इन वनस्पतियों से ही होती है। जंगल में नैसर्गिक सुंदरता विद्यमान होती है।

4. राम-लक्ष्मण ने विश्वामित्र के आश्रम की रक्षा किस प्रकार की?

उत्तर महर्षि विश्वामित्र यज्ञ की तैयारियों में लग गए। उन्होंने आश्रम की सुरक्षा की जिम्मेदारी राम-लक्ष्मण को दे दी। राम-लक्ष्मण ने यज्ञ पूरा होने तक न सोने का निर्णय लिया। वे लगातार जागते रहे और सावधान रहे। हाथ में धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाए और कमर पर तलवार लटकाए हुए वे हर स्थिति का सामना करने के लिए तैयार थे।

यज्ञ संपन्न होने के दिन सुबाहु और मारीच नामक राक्षसों ने दल-बल के साथ आश्रम पर आक्रमण कर दिया। मारीच इसलिए भी क्रोधित था, क्योंकि राम ने उसकी माँ ताड़का का वध किया था। राम ने मारीच को निशाना बनाया। वह बाण लगते ही मूच्छित हो गया। होश में आने पर वह उठकर भाग गया। राम का दूसरा बाण सुबाहु को लगा । उसकी वहीं मृत्यु हो गई तथा अन्य राक्षस जान बचाकर भाग गए।

5. विश्वामित्र राम को मिथिला क्यों ले गए? मिथिला की घटनाओं का वर्णन कीजिए।

उत्तर विश्वामित्र राम और लक्ष्मण को राजा जनक द्वारा किए जाने वाले धनुष यज्ञ को दिखाने के लिए मिथिला ले गए। राजा जनक ने प्रतिज्ञा कर रखी थी कि जो यह धनुष उठाकर उस पर प्रत्यंचा चढ़ा देगा, सीता का विवाह उसी के साथ कर दिया जाएगा।

अनेक राजकुमार तो इसे हिला भी न सके थे। धनुष सचमुच विशाल था, लेकिन महर्षि विश्वामित्र का आदेश पाकर राम ने यह धनुष उठा लिया, उसे आसानी से झुकाया और ऊपर से दबाकर प्रत्यंचा खींची। इस दबाव से धनुष बीच में से टूट गया और सभी लोग वहाँ बैठे आश्चर्यचकित रह गए।

6. राम विवाह की तैयारियों का वर्णन कीजिए।

उत्तर शिव धनुष टूटने से महाराज जनक प्रसन्न हो गए, क्योंकि उन्हें सीता के लिए योग्य वर मिल गया था। राजा जनक ने महर्षि विश्वामित्र की अनुमति लेकर राजा दशरथ के पास संदेश भेजा कि वे बारात लेकर आएँ। बारात के स्वागत की तैयारियाँ होने लगीं। संपूर्ण नगर प्रसन्न था। जनकपुरी जगमगा रही थी। हर मार्ग पर तोरणद्वार लगाया गया एवं फूलों की चादर बिछाई गई थी।

घर-घर में मंगल गीत गाए जा रहे थे। मुख्य मार्ग पर दर्शकों की अपार भीड़ एकत्र हो गई। छज्जों और खिड़कियों पर महिलाएँ राम-सीता को देखने के लिए खड़ी हो गई। सभी राम-सीता की जोड़ी को एक नज़र देख लेना चाहते थे। पूरी जनकपुरी प्रसन्नता से झूम रही थी। बधाइयों की गूँज चारों ओर से आ रही थी।

 

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