NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ख’ व्याकरण अध्याय 2 वर्ण-विचार Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ख’ व्याकरण अध्याय 2 वर्ण-विचार Question And Answers

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ख’ व्याकरण अध्याय 2 वर्ण-विचार 2.1 वर्ण का अर्थ एवं परिभाषा

भाषा की वह सबसे छोटी इकाई, जिसके और टुकड़े न किए जा सकें, वर्ण कहलाती है। वर्ण भाषा का आधार होते हैं, जिनसे शब्दों की रचना होती है।

किसान फसल उगाएगा।

किसान = क् + इ + स् + आ + न् + अ

फसल = फ् + अ + स् + अ + ल् + अ

उगाएगा = उग् + आ + ए + ग् + आ

उपरोक्त वाक्य तीन शब्दों से मिलकर बना है। यहाँ ‘किसान’, ‘फसल’ और ‘उगाएगा’ तीनों ही शब्द वर्णों से बने हैं। इनके और टुकड़े करना संभव नहीं है।

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वर्णमाला

वर्णों के व्यवस्थित तथा क्रमबद्ध समूह को वर्णमाला कहते हैं। हिंदी में वर्णमाला में 52 वर्ण होते हैं- 11 स्वर (अ से औ तक) 2 अयोगवाह (अं तथा अ:), 33 व्यंजन (‘क’ से ‘ह’ तक), 2 द्विगुण (ड़, द) तथा 4 संयुक्त व्यंजन (क्ष, त्र, ज्ञ, श्र) ।

वर्णों के भेद

वर्णों के दो भेद होते हैं- स्वर व व्यंजन।

1. स्वर: वे वर्णं जिनके उच्चारण में किसी अन्य वर्ण की सहायता की आवश्यकता नहीं होती, उन्हें स्वर कहते हैं; जैसे-अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ स्वर के तीन भेद होते हैं।

  1. ह्रस्व स्वर जिन स्वरों के उच्चारण में बहुत कम (एक मात्रा का) समय लगता है, उन्हें ह्रस्व स्वर कहते हैं। इनकी संख्या चार होती है-अ, इ, उ और ॠ इन्हें मूल स्वर भी कहा जाता है।
  2. दीर्घ स्वर जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व स्वर से दोगुना ( दो मात्रा का ) समय लगता है, उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं। इनकी संख्या सात है- आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ और औ
  3. प्लुत स्वर जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व स्वर से तीन गुना (तीन मात्रा का ) समय लगता है, उन्हें प्लुत स्वर कहते हैं। यह केवल एक है। इसका चिह्न ‘5’ है। इसका प्रयोग प्रायः किसी को दूर से पुकारने के लिए किया जाता है; जैसे-ओऽम, राम, हेssआदि ।

स्वरों की मात्राएँ

जब शब्दों की शुरुआत स्वर से होती है, तो उन्हें मूल रूप में लिखा जाता है, जबकि व्यंजन के साथ इनका प्रयोग मूल रूप में न करके (निश्चित चिह्न) मात्रा के रूप में किया जाता है।

प्रत्येक स्वर के लिए अलग-अलग मात्राएँ निश्चित हैं। इन्हीं मात्राओं के रूप में ये स्वर व्यंजन से जुड़ते हैं।

उदाहरण

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ख’ व्याकरण अध्याय 2 वर्ण-विचार Question And Answers स्वरों की मात्राएँ

2. व्यंजन

जिन वर्णों के उच्चारण में स्वरों की मदद लेनी पड़ती है तथा जिनका उच्चारण स्वतंत्र रूप से नहीं किया जा सकता है, उन्हें व्यंजन कहते हैं; जैसे- – क, ख, ट, फ, य ह आदि व्यंजन के तीन भेद होते हैं।

  1. स्पर्श व्यंजन जिन व्यंजन वर्णों के उच्चारण में हवा मुँह के विभिन्न भागों को छूती हुई या स्पर्श कर बाहर निकलती है, उन्हें स्पर्श व्यंजन कहते हैं। इन्हें वर्गीय व्यंजन भी कहते हैं। इनकी संख्या 25 होती है।
  2. अंतःस्थ व्यंजन जिन व्यंजनों का उच्चारण करते समय जीभ, मुँह के किसी भी भाग को पूरी तरह से स्पर्श नहीं करती है और न स्वरों के समान स्वतंत्र रूप से बाहर निकलती है, उन्हें अंतःस्थ व्यंजन कहा जाता है। इनका उच्चारण स्वर एवं व्यंजन के बीच का होता है। इनकी संख्या चार है-य, र, ल और व|
  3. ऊष्म व्यंजन जिन व्यंजनों का उच्चारण करते समय हवा मुँह से रगड़ खाकर ऊष्मा (गर्मी) पैदा करती है, उन्हें ऊष्म व्यंजन कहते हैं। इनकी संख्या चार है-श, ष, स और ह|

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ख’ व्याकरण अध्याय 2 वर्ण-विचार Question And Answers व्यंजन

अनुस्वार (-)

वह स्वर, जिसका उच्चारण करते समय वायु केवल नाक से निकलती है, अनुस्वार कहलाता है। यह अपने प्रथम वर्ण बिंदु (-) रूप में लगाया जाता है। इसका प्रयोग पंचम वर्णों के स्थान पर भी किया जाता है; जैसे- गङगा – गंगा, चञ्चल- चंचल, ठण्डा-ठंडा आदि ।

अनुनासिक (-)

वह स्वर, जिसका उच्चारण नाक और मुँह दोनों से होता है, अनुनासिक कहलाता है। इसे प्रकट करने के लिए शिरोरेखा के ऊपर चंद्रबिंदु (-) लगाया जाता है; जैसे- आँख, गाँव, पाँव, चाँद आदि । जिन शब्दों में शिरोरेखा के ऊपर मात्रा होती है, वहाँ अनुनासिक का प्रयोग बिंदु के रूप में किया जाता है; जैसे- मैं, गोंद, होंगे, भोंपू, कोंपलें आदि ।

विसर्ग (:)

वर्णों के आगे जो दो बिंदु (:) लगाए जाते हैं, उन्हें विसर्ग कहते हैं। इसका उच्चारण ‘ह’ के समान होता है; जैसे- प्रायः मनः आदि। इसका प्रयोग प्रायः संस्कृत शब्दों के साथ होता है।

आगत ध्वनियाँ

हिंदी में अंग्रेजी और उर्दू भाषा के शब्द निरंतर प्रवेश कर रहे हैं, किंतु इनके शुद्ध उच्चारण के लिए हिंदी में लिपि चिह्न नहीं है। इसलिए इनको शुद्ध रूप में लिखने के लिए हिंदी के व्यंजनों के नीचे एक बिंदु लगाया जाता है, जिसे नुक्ता कहते हैं; जैसे- ज़िंदगी, कर्ज़, फ़न, रोज़ आदि। ‘ऑ’ यह ध्वनि अंग्रेजी भाषा से आई है। इसे आ के ऊपर अर्द्धचन्द्राकार रूप में लगाया जाता है; जैसे-मॉल, हॉकी आदि ।

वर्ण संयोग

वर्णों का परस्पर मेल वर्ण संयोग कहलाता है। यह दो प्रकार से होता है

  1. व्यंजनों तथा स्वरों का मेल बिना स्वरों के व्यंजनों का उच्चारण नहीं किया जा सकता। बिना स्वर के व्यंजन को लिखने पर उसके नीचे एक पड़ी रेखा (हलंत) लगाते हैं; जैसे – क्, ख् आदि । व्यंजनों तथा स्वरों का मेल करने पर व्यंजन के नीचे से हलंत या हल चिह्न को हटा देते हैं; जैसे- क् + अ = क, त् + ई = ती आदि ।
  2. व्यंजन तथा व्यंजन का मेल व्यंजन से व्यंजन को मिलाने के कुछ नियम होते हैं, जो इस प्रकार हैं
    • पाई (व्यंजनों के आगे लगी एक खड़ी रेखा; जैसे- ख, ग, घ, ज आदि) वाले व्यंजन को किसी व्यंजन से मिलाने पर उसकी पाई को हटा देते हैं; जैसे- भाग्य, अस्त, सज्जन आदि ।
    • ‘क’ और ‘फ’ व्यंजनों को किसी व्यंजन से मिलाने पर उनके झुके हुए भाग (घुंडी) को हटा देते हैं; जैसे- क्यारी, रफ्तार आदि ।
    • बिना पाई वाले व्यंजन को किसी व्यंजन से मिलाने पर हल चिह्न के साथ लिखते हैं या उन्हें मिला देते हैं; जैसे- विद्या / विद्या, बुद्धि / बुद्धि, चिह्न / चिह्न आदि ।

‘र’ के विभिन्न रूप

  1. ‘र’ का स्वर रहित रूप किसी व्यंजन के पूर्व आने पर अगले वर्ण पर रेफ के रूप में लगता है; जैसे- धर्म, कर्तव्य, वर्षा, अर्पण आदि ।
  2. ‘र’ का स्वर सहित रूप किसी व्यंजन के बाद आने पर उस व्यंजन के निचले भाग में जुड़ जाता है। इसे पदेन कहा जाता है; जैसे- प्रमोद, व्रत, वज्र, भ्रम, क्रम, ग्रह आदि ।
  3. ‘र’ का स्वर युक्त रूप ‘ट’ एवं ‘ड’ वर्णों के साथ अलग रूप धारण कर लेता है; जैसे— ट्रक, ड्रामा आदि ।
  4. ‘त्’ के साथ ‘र’ मिलकर ‘त्र’ और श् के साथ मिलकर ‘श्र’ बन जाता है; जैसे- त्रिकोण, मंत्र, श्रमिक, परिश्रम आदि ।

वर्ण-विच्छेद

किसी शब्द में प्रयुक्त वर्णों को अलग-अलग करके लिखना ही वर्ण विच्छेद कहलाता है; जैसे-

अचल = अ + च् + अ + ल् + अ

बादल = ब् + आ + द् + अ + ल् + अ

दिवाकर = द् + इ + व् + आ + क् + अ + र् + अ

कुर्सी = क् + उ + र् + स् + ई

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ख’ व्याकरण अध्याय 2 वर्ण-विचार अभ्यास प्रश्न (बहुविकल्पीय व वर्णनात्मक प्रश्नों सहित)

प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों के दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प छाँटिए

1. हिंदी की वर्णमाला में मुख्य रूप से कितने व्यंजन हैं?

(क) 25
(ख) 30
(ग) 33
(घ) 37

उत्तर: (ग) 33

2. स्वर को बोलने में किसकी सहायता लेनी पड़ती है?

(क) स्वरों
(ख) व्यंजनों
(ग) अक्षरों
(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर: (घ) इनमें से कोई नहीं

3. संयुक्ताक्षर ‘क्ष’ किसके मिलने से बना है?

(क) क् + स् + अ
(ख) क् + ष् + अ
(ग) क् + श् + अ
(घ) क्+ष+ अ

उत्तर: (ख) क् + ष् + अ

4. स्वर के कितने भेद होते हैं?

(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार

उत्तर: (ग) तीन

5. र् + ऊ + प् + आ मिलकर बनता है।

(क) रुप
(ख) रूपा
(ग) रुपा
(घ) रूप

उत्तर: (ख) रूपा

प्रश्न 2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (ग्यारह, अंतःस्थ, त, थ, द, ध, न, अं, अः, ख़, ग, ज़, फ़, ऑ,)

(क) हिंदी में स्वरों की संख्या _______ ‘है।

उत्तर: ग्यारह

(ख) त वर्ग में ________ वर्ण आते हैं।

उत्तर: त, थ, द, ध, न

(ग) य, र, ल, व’ _________ व्यंजन कहलाते हैं।

उत्तर: अंतःस्थ

(घ) _____ को अयोगवाह कहते हैं।

उत्तर: अं, अः

(ङ) आगत व्यंजन _____ हैं।

उत्तर: ख़, ग, ज़, फ़, ऑ

प्रश्न 3. मिलान कीजिए

NCERT Class 6 Hindi खंड ‘ख’ व्याकरण अध्याय 2 वर्ण-विचार Question And Answers मिलान कीजिए

उत्तर: 1-ग, 2-ड़, 3-ख, 4-घ, 5-च, 6-क

प्रश्न 4. निम्नलिखित शब्दों का वर्ण-विच्छेद कीजिए

(क) विद्यालय

उत्तर: व् + इ + द् +य् + आ + ल् + अ + य् + अ

(ख) परीक्षा

उत्तर: प्+अ+र्+ ई + क् + ष् + आ

(ग) परिश्रम

उत्तर: प् + अ + र् + इ + श् + र् + अ + म् +अ

(घ) सूर्योदय

उत्तर: स् + ऊ + र् +य्+ओ+द्+अ+य् + अ

(ङ) आवास

उत्तर: आ + व् + आ + स् +अ

(च) पंखा

उत्तर: प् + अं+ख् + आ

प्रश्न 5. निम्नलिखित व्यंजनों के संयोग से बनने वाले दो-दो शब्द बनाइए

(क) ष्+ट =

उत्तर: कष्ट, दुष्ट

(ख) ज्+ञ् + अ =

उत्तर: ज्ञान, विज्ञान

(ग) ल् + ल =

उत्तर: पल्लव, पल्ला

(घ) क् + ष् + अ =

उत्तर: क्षत्रिय, क्षितिज

(ङ) श् + र् + अ =

उत्तर: शम, विश्राम

(च) त् + र =

उत्तर: पत्र, मित्र

प्रश्न 6. निम्नलिखित वर्णों के संयोग से बनने वाले शब्द लिखिए

(क) भ् + आ + र् +अ+ त् + अ =

उत्तर: भारत

(ख) ज् + ञ् + आ + न् +य् + व् + आ + न् + अ =

उत्तर: ज्ञानवान

(ग) न् + इ + द् + आ + न् + अ =

उत्तर: निदान

(घ) व् + य् + आ + क् + अ + र् + अ + ण् + अ =

उत्तर: व्याकरण

 

 

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