CBSE For Class 6 Hindi Chapter 11 चेतक की वीरता

CBSE For Class 6 Hindi Chapter 11 चेतक की वीरता

1. कविता का सार

‘चेतक की वीरता’ कविता महाराणा प्रताप के निष्ठावान घोड़े चेतक की शौर्यगाथा है। यह कविता वीर रस से ओतप्रोत है और चेतक की युद्ध भूमि में दिखाई गई वीरता का वर्णन करती है। कविता का सार इस प्रकार है-

चेतक युद्ध के मैदान में चौकड़ी भरकर अथवा छलांग लगाकर अपनी वीरता को दिखाता है, उसके चलने के तीव्र गति से ऐसा प्रतीत होता है जैसे मानो वह हवा से बातें कर रहा हो अथवा हवा का सामना कर रहा हो।

राणा प्रताप का कोड़ा चेतक के तन पर कभी भी नहीं गिरता था, क्योंकि वह इतना समझदार था कि अपने स्वामी की आज्ञा को भली-भाँति समझ जाता था। वह शत्रुओं के मस्तक पर इस तरह से आक्रमण करता था जैसे मानो कोई आसमान से घोड़ा ज़मीन पर उतर आया हो अर्थात वह बहुत तेजी से अपने शत्रुओं के सिर पर प्रहार करता था ।

अगर हवा के माध्यम से भी घोड़े की लगाम जरा-सी भी हिल जाती थी तो वह तुरंत अपनी सवारी को लेकर अर्थात राणा प्रताप को लेकर तीव्र गति से उड़ जाता था । अर्थात बहुत तेजी से दौड़ने लगता था। राणा प्रताप को जिस तरह मुड़ना होता वह उनकी आँखों के पुतली के घुमने से पूर्व ही चेतक उस दिशा में मुड़ जाता था, कहने का तात्पर्य यह है कि चेतक अपने स्वामी की हर प्रतिक्रिया को भली-भाँति समझ जाता था।

चेतक अपनी कौशलता और वीरता का परिचय अपनी चाल के द्वारा दिखाता। तीव्र गति से दौड़ना और निडर होकर अपने शत्रुओं पर आक्रमण करना यह उसकी वीरता का स्मारक था। वह निडर होकर युद्ध के समय में भयानक भालों और तलवारों से सुसज्जित सेनाओं के बीच में जाकर उन पर प्रहार करता और नहरों-नालों आदि को पार करता हुआ सरपट अर्थात बहुत तेज गति से बाधाओं में फँसने के बाद भी वह निकल जाता ।

युद्ध के क्षेत्र में ऐसा कोई स्थान नहीं था जहाँ पर चेतक ने अपने शत्रुओं पर प्रहार न किया हो। वह किसी

एक स्थान पर दिखता तो पर जैसे ही शत्रु उस पर आक्रमण करने के लिए वहाँ पहुँचते तो वह वहाँ से तुरंत गायब हो जाता फिर वह कहीं दूसरी जगह दिखता। ठीक उसी प्रकार बाद में वहाँ से भी गायब हो जाता। अतः वह युद्ध के सभी स्थलों पर अपनी वीरता का परचम लहराता था।

वह नदी की लहरों की भाँति आगे बढ़ता गया। वह जहाँ भी जाता कुछ क्षण के लिए रुक जाता फिर अचानक विकराल, बिजली की चमक की तरह, बादल का रूप धारण करके अपने दुश्मनों पर प्रहार करता ।

घोड़े की टापों से दुश्मन पूरी तरह से घायल हो गए। उनके भाले और तरकस सभी ज़मीन पर पड़े थे। चेतक की वीरता का ऐसा पराक्रम देखकर बैरी दल दंग रह गया। 2. अर्थग्रहण संबंधी एवं बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

दिए गए काव्यांशों को पढ़िए और प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

1. रण – बीच चौकड़ी भर-भरकर
चेतक बन गया निराला था।
राणा प्रताप के घोड़े से
पड़ गया हवा को पाला था।

शब्दार्थ : रण- युद्ध क्षेत्र । चौकड़ी – छलांग ।

व्याख्या – प्रस्तुत पंक्तियाँ श्यामनारायण पाण्डेय द्वारा रचित ‘चेतक की वीरता’ नामक कविता से उद्धृत है। कवि इन पंक्तियों में चेतक की वीरता का वर्णन करते हुए यह कहते हैं कि चेतक युद्ध के मैदान में चौकड़ी भरकर अथवा छलांग लगाकर अपनी वीरता को दिखाता है, उसके चलने के तीव्र गति से ऐसा प्रतीत होता है जैसे मानो वह हवा से बातें कर रहा हो अथवा हवा से सामना कर रहा हो।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. काव्यांश में किसकी वीरता का वर्णन है ?

(क) चेतक की

(ख) राणा प्रताप की

(ग) कवि की

(घ) हवा की

Answer. (क) चेतक की

Question 2. चेतक युद्ध के मैदान में क्या भरकर अपनी वीरता को दिखाता है?

(क) पानी भरकर

(ख) चौकड़ी भरकर

(ग) दौड़कर

(घ) सोकर

Answer. (ख) चौकड़ी भरकर

CBSE Class 6 Hindi Chapter 11 चेतक की वीरता

Question 3. चेतक की चलने की गति थी-

(क) मंद

(ख) सुस्त

(ग) तीव्र

(घ) धीरे-धीरे

Answer. (ग) तीव्र

Question 4. चेतक की चलने की गति ऐसी थी मानो

(क) हवा में बातें कर रहा हो।

(ख) राणा प्रताप से बातें कर रहा हो।

(ग) नदी से बातें कर रहा हो

(घ) धरती से बातें कर रहा हो।

Answer. (क) हवा में बातें कर रहा हो।

Question 5. ‘चौकड़ी’ का क्या अर्थ है?

(क) कूदना

(ख) छलांग

(ग) बैठना

(घ) खड़ा होना

Answer. (ख) छलांग

2. गिरता न कभी चेतक तन पर
राणा प्रताप का कोड़ा था।
वह दौड़ रहा अरि-मस्तक पर
या आसमान का घोड़ा था।

शब्दार्थ : तन शरीर । अरि-शत्रु ।

व्याख्या – कवि कहते हैं कि राणा प्रताप का कोड़ा चेतक के तन पर कभी भी नहीं गिरता था, क्योंकि वह इतना समझदार था कि अपने स्वामी की आज्ञा को भली-भाँति समझ जाता था। वह शत्रुओं के मस्तक पर इस तरह से आक्रमण करता था जैसे मानो कोई आसमान से घोड़ा जमीन पर उतर आया हो अर्थात वह बहुत तेजी से अपने शत्रुओं के सिर पर प्रहार करता था।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. किसका कोड़ा चेतक के तन पर नहीं गिरता था ?

(क) राणा प्रताप का

(ख) चेतक का

(ग) कवि का

(घ) हवा का

Answer. (क) राणा प्रताप का

Question 2. चेतक कैसा था ?

(क) नासमझ

(ख) समझदार

(ग) सुस्त

(घ) मंदबुद्धि

Answer. (ख) समझदार

Class 6 Hindi Chapter 11 चेतक की वीरता NCERT Solutions

Question 3. चेतक शत्रुओं के किस पर आक्रमण करता था ?

(क) पैर पर

(ख) पेट पर

(ग) मस्तक पर

(घ) धर पर

Answer. (ग) मस्तक पर

Question 4. चेतक शत्रुओं के सिर पर प्रहार करता था-

(क) तेजी से

(ख) धीरे-धीरे

(ग) अचानक

(घ) इनमें से कोई नहीं

Answer. (क) तेजी से

Question 5. ‘अरि’ का अर्थ है-

(क) मित्र

(ख) शत्रु

(ग) नाग

(घ) राजा

Answer. (ख) शत्रु

3. जो तनिक हवा से बाग हिली
लेकर सवार उड़ जाता था।
राणा की पुतली फिरी नहीं
तब तक चेतक मुड़ जाता था।

शब्दार्थ : तनिक-थोड़ा। बाग- लगाम । पुतली – आँख के बीच का वह काला भाग जिसके मध्य में प्रकाश की किरण प्रवेश करती है।

व्याख्या -कवि कहते हैं कि अगर हवा के माध्यम से भी घोड़े की लगाम जरा-सी भी हिल जाती थी तो वह तुरंत अपने सवारी को लेकर अर्थात राणा प्रताप को लेकर तीव्र गति से उड़ जाता था अर्थात बहुत तेजी से दौड़ाने लगता था। राणा प्रताप को जिस तरफ मुड़ना होता वह उनकी आँखों के पुतली के घूमने से पूर्व ही उस दिशा में मुड़ जाता था, कहने का तात्पर्य यह है कि चेतक अपने स्वामी की हर प्रतिक्रिया को भली-भाँति समझ जाता था।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. सवार लेकर कौन उड़ जाता था ?

(क) चेतक

(ख) राणा प्रताप

(ग) कवि

(घ) सभी

Answer. (क) चेतक

Question 2. चेतक किसकी हर प्रतिक्रिया को भली-भाँति समझ जाता था ?

(क) शत्रु की

(ख) राणा प्रताप की

(ग) हाथी की

(घ) तलवार की

Answer. (ख) राणा प्रताप की

Question 3. आँखों की पुतली घूमने से पूर्व कौन मुड़ जाता था ?

(क) शत्रु

(ख) राणा प्रताप

(ग) चेतक

(घ) हाथी

Answer. (ग) चेतक

Question 4. चेतक किसको लेकर तीव्र गति से उड़ जाता था?

(क) शत्रु को

(ख) कवि को

(ग) पानी को

(घ) राणा प्रताप को

Answer. (घ) राणा प्रताप को

Question 5. काव्यांश में ‘लगाम’ का पर्यायवाची शब्द प्रयुक्त है-

(क) बाग

(ख) रस्सी

(ग) तनिक

(घ) हिली

Answer.  (क) बाग

4. कौशल दिखलाया चालों में
उड़ गया भयानक भालों में।
निर्भीक गया वह ढालों में
सरपट दौड़ा करवालों में।

शब्दार्थ : निर्भीक – नीडर सरपट – बहुत तेज गति से ।

व्याख्या -कवि कहते हैं कि चेतक ने अपनी कौशलता और वीरता का परिचय अपनी चाल के द्वारा दिखाया, तीव्र गति से दौड़ना और निडर होकर अपने शत्रुओं पर आक्रमण करना यह उसकी वीरता का स्मारक था। वह निडर होकर युद्ध के समय में भयानक भालों और तलवारों से सुसज्जित शत्रुओं के बीच में जाकर उन पर प्रहार करता और नहरों, नालों आदि को पार करता हुआ सरपट अर्थात बहुत तेज गति से बाधाओं में फँसने के बाद भी वह निकल जाता।

चेतक की वीरता Chapter 11 Hindi Class 6 NCERT Solutions

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. किसने अपनी कौशलता और वीरता का परिचय दिया?

(क) चेतक

(ख) राणा प्रताप

(ग) कवि

(घ) शत्रु

Answer. (क) चेतक

Question 2. चेतक ने अपनी कौशलता और वीरता किसके द्वारा दिखायी ?

(क) हाल द्वारा

(ख) चाल के द्वारा

(ग) भय के द्वारा

(घ) ढाल के द्वारा

Answer. (ख) चाल के द्वारा

Question 3. चेतक की वीरता का स्मारक था-

(क) निडर होकर अपने शत्रुओं पर आक्रमण करना

(ख) तेज दौड़ना

(ग) शत्रु पर आक्रमण न करना

(घ) डरकर

Answer. (क) निडर होकर अपने शत्रुओं पर आक्रमण करना

Question 4. भालों और तलवारों से सुसज्जित शत्रुओं के बीच में जाकर शत्रुओं पर कौन प्रहार करता था?

(क) राणा प्रताप

(ख) चेतक

(ग) शत्रु

(घ) कवि

Answer. (ख) चेतक

Question 5. ‘सरपट’ का क्या अर्थ है?

(क) बहुत तेज गति से

(ख) दौड़कर

(ग) धीरे-धीरे

(घ) इनमें से कोई नहीं

Answer. (क) बहुत तेज गति से

5. है यहीं रहा, अब यहाँ नहीं
वह वहीं रहा है वहाँ नहीं।
थी जगह न कोई जहाँ नहीं
किस अरि- मस्तक पर कहाँ नहीं।

शब्दार्थ : अरि-शत्रु । मस्तक-माथा, सिर ।

व्याख्या -कवि कहते हैं कि युद्ध के क्षेत्र में ऐसा कोई स्थान नहीं था जहाँ पर चेतक ने अपने शत्रुओं पर प्रहार न किया हो। वह किसी एक स्थान पर दिखता लेकिन जैसे ही दूसरे शत्रु ही आक्रमण करने के लिए वहाँ पहुँचते तो वह तुरंत वहाँ से गायब हो जाता। फिर वह कहीं दूसरी जगह दिखता ठीक उसी प्रकार वह वहाँ से भी गायब हो जाता। अतः युद्ध के सभी स्थलों पर अपनी वीरता का परचम लहराता था।

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बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. ‘अरि’ का अर्थ है-

(क) शत्रु

(ख) मित्र

(ग) साँप

(घ) नेवला

Answer. (क) शत्रु

Question 2. चेतक ने युद्ध के किन स्थलों पर अपना परचम लहराया?

(क) बीच में

(ख) एक किनारे

(ग) सभी स्थलों पर

(घ) केवल तंबू पर

Answer. (ग) सभी स्थलों पर

Question 3. एक स्थान से दूसरे स्थान पर कौन चला जाता था ?

(क) शत्रु

(ख) चेतक

(ग) राणा प्रताप

(घ) कवि

Answer. (क) शत्रु

Question 4. वीरता का परचम लहराया-

(क) शत्रुओं ने

(ख) राणा प्रताप ने

(ग) कवि ने

(घ) चेतक ने

Answer. (ग) कवि ने

Class 6 Hindi Chapter 11 चेतक की वीरता Notes

Question 5. काव्यांश में ‘सिर’ का पर्यायवाची शब्द प्रयुक्त हुआ 乘

(क) अरि

(ख) मस्तक

(ग) यहीं

(घ) वहीं

Answer. (क) अरि

6. बढ़ते नद-सा वह लहर गया
वह गया गया फिर ठहर गया।
विकराल बज्र – मय बादल – सा
अरि की सेना पर घहर गया।

शब्दार्थ : नद- नदी । अरि-शत्रु। घहरना टूट पड़ना ।

व्याख्या – कवि कहते हैं कि वह नदी की लहरों की भाँति आगे बढ़ता गया। वह जहाँ भी जाता कुछ क्षण के लिए रुक जाता फिर अचानक विकराल, बिजली की चमक की तरह, बादल का रूप धारण करके अपने दुश्मनों पर प्रहार करता अर्थात टूट पड़ता था।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. कौन नदी की लहरों की भाँति आगे बढ़ता गया ?

(क) चेतक

(ख) शत्रु

(ग) राणा प्रताप

(घ) कवि

Answer. (क) चेतक

Question 2. कुछ क्षण के लिए कौन रुक जाता था ?

(क) शत्रु

(ख) राणा प्रताप

(ग) चेतक

(घ) कवि

Answer. (ख) राणा प्रताप

Question 3. चेतक किसकी चमक की तरह शत्रुओं पर प्रहार

(क) बिजली की

(ख) पानी की

(ग) हवा की

(घ) नदी की

Answer. (ख) पानी की

Question 4. चेतक किसका रूप धारण करके अपने दुश्मनों पर प्रहार करता था ?

(क) नदी का

(ख) आग का

(ग) बादल का

(घ) अरि का

Answer. (घ) अरि का

Question 5. चेतक किसकी लहरों की भाँति आगे बढ़ता गया ?

(क) नदी की

(ख) हवा की

(ग) पानी की

(घ) तूफान की

Answer. (ख) हवा की

7 भाला गिर गया, गिरा निषंग,
हय-टापों से खन गया अंग ।
वैरी- समाज रह गया दंग
घोड़े का ऐसा देख रंग ।

शब्दार्थ : हय- घोड़ा। वैरी – दुश्मन ।

व्याख्या – कवि कहते हैं कि घोड़े की टापों से अर्थात उसके पैरों से दुश्मन पूरी तरीके से घायल हो गए उनके भाले और तरकस सभी जमीन पर पड़े थे। चेतक की वीरता का ऐसा पराक्रम देखकर बैरी दल (दुश्मन का खेमा) दंग रह गया।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. किसकी टापों से दुश्मन पूरी तरह से घायल हो गए?

(क) घोड़े की

(ख) हाथी की

(ग) बैल की

(घ) उपर्युक्त सभी

Answer. (क) घोड़े की

Question 2. भाले और तरकस कहाँ पड़े थे?

(क) नदी में

(ख) जमीन पर

(ग) घर में

(घ) तंबू में

Answer. (ख) जमीन पर

Question 3. वैरी दल का अर्थ है-

(क) दुश्मन का खेमा

(ख) बेर का दल

(ग) कमल पुँज

(घ) दाल

Answer. (क) दुश्मन का खेमा

Chapter 11 चेतक की वीरता Hindi Class 6 Solutions

Question 4. चेतक की वीरता का पराक्रम देखकर कौन दंग रह करता था ?

(क) वैरी दल

(ख) मित्र दल

(ग) नदी

(घ) राणा प्रताप

Answer.  (क) वैरी दल

Question 5. काव्यांश में ‘घोटक’ का पर्यायवाची शब्द प्रयुक्त है-

(कं) वैरी

(ख) हय

(ग) रंग

(घ) दंग

Answer. (ख) हय

3. पाठ से प्रश्न- अभ्यास

मेरी समझ से

अब हम इस कविता पर विस्तार से चर्चा करेंगे। आगे दी गई गतिविधियाँ इस कार्य में आपकी सहायता करेंगी।

प्रश्न (क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (*) बनाइए-

(1) चेतक शत्रुओं की सेना पर किस प्रकार टूट पड़ता था ?

चेतक बादल की तरह शत्रु की सेना पर वज्रपात बनकर टूट पड़ता था।

चेतक शत्रु की सेना को चारों ओर से घेरकर उस पर टूट पड़ता था ।

चेतक हाथियों के दल के समान बादल के रूप में शत्रु की सेना पर टूट पड़ता था।

चेतक नदी के उफान के समान शत्रु की सेना पर टूट पड़ता था।

(2) ‘लेकर सवार उड़ जाता था।’ इस पंक्ति में ‘सवार’ शब्द किसके लिए आया है?

चेतक

कवि

महाराणा प्रताप

शत्रु

उत्तर- 1. * चेतक बादल की तरह शत्रु की सेना पर वज्रपात बनकर टूट पड़ता था।

2. * महाराणा प्रताप ।

पंक्तियों पर चर्चा

पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें पढ़कर समझिए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? कक्षा में अपने विचार साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।

प्रश्न (क) “निर्भीक गया वह ढालों में, सरपट दौड़ा करवालों में।”

उत्तर- वह निडर होकर युद्ध के समय में भयानक भालों और तलवारों से सुसज्जित सेनाओं के बीच में जाकर उन पर प्रहार करता और नहरों, नालों आदि को पार करता हुआ बहुत तेज गति से बाधाओं में फँसने के बाद भी वह निकल जाता है।

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(ख) “भाला गिर गया, गिरा निषंग, हय-टापों से खन गया अंग। ”

उत्तर- घोड़े की टापों से दुश्मन पूरी तरीके से घायल हो गए। उनके भाले और तरकस सभी जमीन पर पड़े थे। मिलकर करें मिलान

शीर्षक

यह कविता ‘हल्दीघाटी’ शीर्षक काव्य कृति का एक अंश है। यहाँ इसका शीर्षक ‘चेतक की वीरता’ दिया गया है। आप इसे क्या शीर्षक देना चाहेंगे और क्यों?

उत्तर- ‘अरिहंत चेतक’ क्योंकि वह पलक झपकते ही शत्रुओं को मार देता था।

कविता की रचना

” चेतक बन गया निराला था । ”

“पड़ गया हवा को पाला था । ”

“राणा प्रताप का कोड़ा था । ”

” या आसमान पर घोड़ा था। ‘

रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए। ये शब्द बोलने-लिखने में थोड़े मिलते-जुलते हैं। इस तरह की तुकांत शैली कविता में आती है। कभी-कभी कविता अतुकांत भी होती है। इस कविता में आए तुकांत शब्दों की सूची बनाइए ।

उत्तर- उड़ / मुड़ चालों / भालों ढ़ालों / करवालों यहाँ / वहाँ जहाँ / कहाँ लहर / ठहर निषंग / अंग दंग / रंग।

शब्द के भीतर शब्द

“या आसमान का घोड़ा था । ”

‘आसमान’ शब्द के भीतर कौन-कौन से शब्द छिपे हैं-

आस, समान, मान, सम, आन, नस आदि।

अब इसी प्रकार कविता में से कोई पाँच शब्द चुनकर उनके भीतर के शब्द खोजिए ।

उत्तर- 1. चौकड़ी – कड़ी, चौक, चौड़ी

2. सवार – सर, रस, वार

3. दिखलाया – दिख दिया, लाया

4. बादल – दल, बाद, बाल

4. पाठ से आगे प्रश्न – अभ्यास

आपकी बात

” जो तनिक हवा से बाग हिली
लेकर सवार उड़ जाता था । ”

(क) ‘हवा से लगाम हिली और घोड़ा भाग चला’ कविता को प्रभावशाली बनाने में इस तरह के प्रयोग काम आते हैं। कविता में आए ऐसे प्रयोग खोजकर परस्पर बातचीत करें।

(ख) कहीं भी, किसी भी तरह का युद्ध नहीं होना चाहिए।

इस पर आपस में बात कीजिए ।

उत्तर- (क) परीक्षोपयोगी नहीं है।

(ख) परीक्षोपयोगी नहीं है।

आज की पहेली

बुझो तो जाने

तीन अक्षर का मेरा नाम, उल्टा सीधा एक समान । दिन में जगता, रात में सोता, यही मेरी पहचान।।

उत्तर- नयन

एक पक्षी ऐसा अलबेला, बिना पंख उड़ रहा अकेला। बाँध गले में लंबी डोर, पकड़ रहा अंबर का छोर ।

उत्तर- पतंग

रात में हूँ दिन में नहीं दीये के नीचे हूँ ऊपर नहीं बोलो बोलो – मैं हूँ कौन ?

उत्तर- परछाई

मुझमें समाया फल, फूल और मिठाई सबके मुँह में आया पानी मेरे भाई ।

उत्तर- गुलाब जामुन

सड़क है पर गाड़ी नहीं जंगल है पर पेड़ नहीं शहर है पर घर नहीं, समंदर है पर पानी नहीं।

उत्तर- नक्शा

खोजबीन के लिए

1. महाराणा प्रताप कौन थे? उनके बारे में इंटरनेट या पुस्तकालय से जानकारी प्राप्त करके लिखिए।

उत्तर- विद्यार्थी स्वयं करें।

2. इस कविता में चेतक एक ‘घोड़ा’ है। पशु-पक्षियों पर आधारित पाँच रचनाओं को खोजिए और अपनी कक्षा की दीवार पत्रिका पर लगाइए ।

उत्तर- नीलकंठ, गौरा, गिल्लू, वह चिड़िया जो, चालाक लोमड़ी।

5. अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

Question 1. ‘चेतक की वीरता’ किस रस पर आधारित है?

(क) वीर रस

(ख) श्रृंगार रस

(ग) वात्सल्य रस

(घ) भय रस

Answer. (क) वीर रस

Question 2. चेतक किसके इशारे पर मुड़ जाता था?

(क) शत्रु के

(ख) महाराणा प्रताप के

(ग) टापों के

(घ) कवि के

Answer. (ख) महाराणा प्रताप के

Question 3. चेतक की टापों का दुश्मन पर क्या असर होता था?

(क) शत्रु प्रसन्न होते थे।

(ख) शत्रु अड़े रहते थे।

(ग) दुश्मनों का दिल दहल जाता था।

(घ) कोई असर नहीं होता था।

Answer. (ग) दुश्मनों का दिल दहल जाता था।

Question 4. चेतक शत्रु की सेना पर किस प्रकार टूट पड़ता था?

(क) चोरों की तरह

(ख) हिनहिनाते हुए

(ग) लापरवाही से

(घ) भयानक बादलों की तरह

Answer. (घ) भयानक बादलों की तरह

Question 5. चेतक किस तरह की चाल से निराला दिखाई पड़ता था ?

(क) अपनी चौकड़ी-सी चाल से

(ख) मस्तानी चाल से

(ग) अपनी मंद चाल से

(घ) इनमें से कोई नहीं

Answer.  (क) अपनी चौकड़ी-सी चाल से

Question 6. चेतक को कहा गया है-

(क) मतवाला

(ख) निराला

(ग) अनोखा

(घ) बहादुर

Answer. (ख) निराला

Question 7. महाराणा प्रताप के घोड़े का क्या नाम था ?

(क) ऐरावत

(ख) चेतन

(ग) चेतक

(घ) घातक

Answer.  (ग) चेतक

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Question 8. हवा से क्या हिली?

(क) बाग

(ख) बाल

(ग) पैर

(घ) सिर

Answer. (क) बाग

Question 9. हम राणा प्रताप को याद करते हैं-

(क) बहादुरी और पराक्रम के लिए

(ख) बुझदिल के लिए

(ग) कायर होने के लिए

(घ) आलसी होने के लिए

Answer. (क) बहादुरी और पराक्रम के लिए

Question 10. किसको कोड़े नहीं लगाने पड़ते थे?

(क) चेतन को

(ख) घातक को

(ग) चेतक को

(घ) ऐरावत को

Answer. (ग)

अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. चेतक किस तरह की चाल से निराला दिखाई पड़ता था ? पैरों से दुश्मनों को कुचल रहा था।

उत्तर– अपनी चौकड़ी-सी चाल से चेतक निराला दिखाई पड़ता था।

प्रश्न 2. चेतक को कोड़े नहीं लगाने पड़ते थे, क्यों?

उत्तर– चेतक को कोड़े नहीं लगाने पड़ते थे, क्योंकि वह महाराणा प्रताप के मात्र इशारे से ही समझ जाता था।

प्रश्न 3. चेतक कौन था?

उत्तर– महाराणा प्रताप के सबसे प्रिय और प्रसिद्ध पहुँचाकर ही रुकता है। घोड़े का नाम चेतक था।

प्रश्न 4. चेतक किसके इशारे पर मुड़ जाता था ?

उत्तर– चेतक महाराणा प्रताप के इशारे पर मुड़ जाता

प्रश्न 5. चेतक की टापों का दुश्मन पर क्या असर होता था ?

उत्तर– चेतक की टापों से दुश्मन भयभीत हो जाता था।

प्रश्न 6. चेतक शत्रु की सेना पर किस प्रकार टूट पड़ता था ?

उत्तर– चेतक शत्रु की सेना पर वज्र की भाँति टूट पड़ता था।

प्रश्न 7. ‘चेतक की वीरता’ कविता के कवि कौन हैं?

उत्तर- ‘चेतक की वीरता’ कविता के कवि श्यामनारायण पाण्डेय हैं।

प्रश्न 8. ‘अरि-मस्तक’ से क्या अभिप्राय है?

उत्तर– ‘अरि-मस्तक’ से अभिप्राय है-दुश्मन का माथा ।

प्रश्न 9. कवि ने चेतक की गति की तुलना किससे की है?

उत्तर– कवि ने चेतक की गति की तुलना हवा से की है।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. चेतक को देख दुश्मन क्यों दंग रह गए ?

उत्तर- चेतक को देख दुश्मन दंग रह गए क्योंकि वह एक अद्भुत घोड़ा था। वह अपने तेज दौड़ने, वीरता और स्वामिभक्ति के लिए जाना जाता था। साथ ही वह अपने

प्रश्न 2. महाराणा प्रताप के प्रति चेतक की स्वामिभक्ति किस बात में सबसे अधिक दिखाई देती है?

उत्तर – युद्ध में बुरी तरह घायल होने पर भी महाराणा प्रताप को सुरक्षित रणभूमि से निकालना चेतक की महाराणा प्रताप के प्रति उसकी स्वामिभक्ति को दर्शाता है। घायल होकर भी वह महाराणा प्रताप के प्रति अपनी निष्ठा और कर्तव्य को नहीं भूलता है और उन्हें सुरक्षित स्थान पर

प्रश्न 3. ‘चेतक की वीरता’ में कवि क्या संदेश देना चाहते हैं?

उत्तर- ‘चेतक की वीरता’ में कवि यह संदेश देना चाहते हैं कि अपनी सूझ-बूझ से विकट परिस्थियों में भी रास्ता खोज निकालना चाहिए। ऐसे माना जाता है कि चेतक बहुत समझदार घोड़ा था। जब हल्दी घाटी का युद्ध हुआ था उस वक्त वह बड़ी वीरता से मुगल सेना के चंगुल से महाराणा प्रताप को बचाकर लाया था और उनके प्राणों की रक्षा की।

प्रश्न 4. चेतक ने शत्रुओं का सामना कैसे किया?

उत्तर- चेतक अपने निर्भीकता तथा वीरता का परिचय देते हुए दुश्मनों पर आक्रमण कर देता था। दुश्मनों के बीच घुसकर भीड़ को रौंदते हुए आगे बढ़ जाता था। चेतक हवा से भी तेज दौड़कर दुश्मनों के छक्के छुड़ा रहा था।

Hindi Chapter 11 चेतक की वीरता Solutions Class 6

प्रश्न 5. कविता की किस पंक्ति से पता चलता है कि चेतक बहुत फुर्तीला था ?

उत्तर- “है यहीं रहा, अब यहाँ नहीं; वह वहीं रहा है वहाँ नहीं।” प्रस्तुत पंक्ति से चेतक के बहुत फुर्तीले होने का पता चलता है।

प्रश्न 6. चेतक की ‘नद-सा’ क्यों कहा गया है?

उत्तर- जिस प्रकार बड़ी नदी अपनी वेग में सब कुछ बहाकर ले जाती है उसी प्रकार चेतक जिधर जाता है उधर दुश्मन साफ हो जाते हैं। इसलिए चेतक को ‘नद-सा’ कहा गया है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. ‘चेतक की वीरता’ कविता का मूलभाव अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर- कवि श्यामनारायण पाण्डेय हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की वीरता का वर्णन करते हुए कहते हैं कि युद्ध के मैदान में चेतक हवा से भी तेज दौड़कर दुश्मनों के छक्के छुड़ा रहा है। शत्रु परेशान हैं। महाराणा प्रताप के इशारे पाते ही वह तुरंत हवा से बातें करने के समान तेज दौड़ लगाता है। चेतक के मस्तक पर चोट करते हुए आकाश पर पैर रखने के समान दौड़ लगाता है। चेतक इतना निडर है कि भाला चले या तलवार कहीं भी जाने से वह डरता नहीं। दुश्मनों के बीच घुसकर भीड़ को रौंदते हुए वह आगे बढ़ जाता था।

चेतक ऐसा फुर्तीला घोड़ा था जो अभी यहाँ है तो अभी वहाँ। देखते-ही-देखते वह एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँच जाता है। युद्ध के मैदान में ऐसी कोई जगह नहीं बची थी, जहाँ चेतक न पहुँचा हो ।

प्रश्न 2. कविता में चेतक की वीरता के बारे में बहुत-सी बातें बताई गई हैं। इनमें से कोई-सी चार बातें लिखिए जो आपको बहुत पसंद आई हों।

उत्तर- कविता में चेतक की वीरता के बारे में कई बातें बताई गई हैं, जिनमें कुछ चार बातें निम्नलिखित हैं, जो मुझे पसंद आई हैं-

(क) स्वतंत्रता का आग्रह- ‘चेतक की वीरता’ कविता में उसकी स्वतंत्रता के प्रति उनका अथक आग्रह और संघर्ष का जिक्र होता है। वह अपनी आज़ादी के लिए किसी भी प्रकार की कठिनाइयों का सामना करने को तैयार हैं, जो मुझे प्रेरित करता है।

(ख) साहसी भावना – चेतक की भावना की अभिव्यक्ति में साहस और निर्भीकता की भावना होती है। वह अपने मालिक के खिलाफ़ उठने वाले हर कदम को बिना किसी डर या हिचकिचाहट के तोड़ फेंकता है।

(ग) प्रकृति से मिलने वाला साथ – ‘चेतक की वीरता’ कविता में प्रकृति के साथ उसका गहरा संबंध और संवाद होता है। वह अपनी माँ के साथ प्रकृति के आलोचनात्मक बातचीत करता है और उसके द्वारा सीखता है।

(घ) विश्वास और समर्पण-‘चेतक की वीरता’ कविता में विश्वास और समर्पण की भावना होती है। वह अपने मालिक के प्रति अपना जीवन समर्पित कर देता है। और उसके साथ निःस्वार्थ रूप से बदल जाता है।

मूल्यपरक / व्यावहारिक प्रश्न

प्रश्न- चेतक की वीरता से हमें क्या सीख मिलती है?

उत्तर – चेतक की वीरता से हमें यह शिक्षा मिलती है। कि यदि हम किसी के मुश्किल समय में किसी का साथ देते हैं तो मार्ग में आने वाली मुश्किलों से घबराना नहीं चाहिए। ईमानदारी के साथ सहायक बनना चाहिए । विपदा के समय अपने कदम पीछे नहीं हटाने चाहिए जैसे चेतक ने अंत समय तक राणा प्रताप का साथ दिया।

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